मेरा नाम अंशु है। ये कहानी थोड़ी अलग है जैसा कि सब यहां भरपूर सेक्स वाली कहानी पढ़ने आते हैं वैसी नहीं है। थोड़ा दर्द थोड़ा गुस्सा, संघर्ष और थोड़ा रोमांस लिए ये कहानी 2012 मे शुरू हुई थी मै 12थ का एक्जाम दे रिजल्ट का वेट कर रहा था। शादियों का सीजन था एक पापा के दोस्त के बेटे की बारात जानी थी। Husband Wife Romance
मेरा जाने का मूड नही था फिर भी दोस्तो के कहने पर जाने के लिए रेड्डी हुआ दरअसल हमारे पूरे परिवार को न्योता था तो पापा पहले ही जा चुके थे। मै और मेरे चार दोस्त दो बाईक पर बैठ कर निकल गए क्यूंकि बारात 15_17 km ही दूर कमिटी हॉल मे जाना था।
हालांकि हमारे घर स्कॉर्पियो भी थी लेकीन वो चाचा कोर्ट ले गए थे, मेरे दोस्त तो बोल ही रहे थे कि चाचा को आने दे उसी से चलेंगे लेकीन मैने बहाना मार दिया। बारात घर से कुछ ही दूर नाचते गाते निकली थी कि हमारी नजर एक गाड़ी पर पड़ी जो पिक अप वैन थी चारों तरफ फूल से सजी थी लग रहा था कोई फूलों से बना गाड़ी हो पीछे पांच छह लड़कियां नाच रही थी गाड़ी मे।
उस गाड़ी से अगली गाड़ी मे डीजे था। लड़कियां इतनी खूबसूरत थीं और कम एज जैसे टीनेजर थीं। पहली बार हमने सोचा की साला नाचने वाली रखा है क्या। लेकीन एक दोस्त ने बताया की दुल्हे की रिश्तेदार है। एक लड़की बहुत सुन्दर लगी उससे नजर मिली तो मुझे ऐसा लगा की मेरे दिल मे सम्मोहन बाण लग गया हो।
मेरे से बाईक भी अनबैलेंस्ड हो गया। उसे देखने के चक्कर मे। वो ग्रुप मे सबसे टॉप थी। वो लोग ऊंची गाड़ी मे थीं हम बाईक पर। अब अफसोस हो रहा था काश गाड़ी रहता। अभी कुछ दूर ही गया था कि चाचा का फोन आया।
चाचा: अभी बारात कहां है मेहता साब ने मुझे भी बुलाया है।
मै: अभी तीन गली ही निकले हैं।
चाचा: अच्छा मैन रोड पर मै हूं आजा साथ चलेंगे।
अब हम बारात से साइड निकल मैन रोड पर पहुंच गए चाचा को बोल दिया की आप गाड़ी दो और घर जाओ घर पर भी किसी का रहना जरूरी है कुछ देर मे वो मान गए और मेरे ग्रुप मे एक बड़ा दोस्त भी था जो चाचा का भी दोस्त था तो उसको चाभी दी और एक बाईक ले चले गए घर और एक बाईक हमने किसी पहचान के घर मे लगाया और गाड़ी से बारात को मैन रोड पर ज्वॉइन किया।
अब बारात धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी हमने अपनी गाड़ी लड़कियों के डांस करने वाली गाड़ी के पीछे ही लगा दी और चलने लगे मस्ती करते हुए कभी डांस करते कभी गाड़ी रुकती तो गाड़ी की छत पर चढ़ जाते। हमारी और लड़कियों की छींटा कसी चालू हो गई थी हम खिड़की से लटक जाते नाचते हुए।
वो भी कभी फूल फेंक देती इधर से भी हम कभी अच्छा कमेंट कर रहे थे। हम भी फूल फेंक देते। दरअसल हम थे तो बच्चे ही मै उस टाईम 16 साल का था। अब आप सोचेंगे 16 साल का 12थ मे कैसे था। तो मै बता दूं मै पढ़ने मे काफी तेज था और काफी सीधा साधा था सबका दुलारा था चाहे घर हो स्कूल हो या कोचिंग।
उधर भी लगभग सारी लड़कियां 16 से कम की ही होंगी शायद 14 , 15 होगी। क्यूंकि उनकी भी हरकतें भी हमारी जैसी थीं। जब बारात कमिटी हॉल के बाहर पहुंची तो सब लड़कियां नीचे आ गई और डांस करने लगीं हम भी करने लगे।
डांस फ्लोर पर हमारी थोड़ी तू तू मै मै हो गई। दरअसल गाड़ी पर ही दोनो ग्रुप मे कहासुनी हो गई थी क्यूंकि लड़कियों ने फूल मारा तो हमारी गाड़ी मे आ गई जिसको इधर से किसी ने फेका तो एक लड़की के आंख मे झटका लग गया।
उसके बाद उधर से कुत्ता कमिना हमे कहा जाने लगा बदले मे इधर से भी कुछ बोला जाता उससे पहले ही। जो हमारी गाड़ी चला रहे थे वो आगे गाड़ी कर लिए जिससे बात नही बढ़ी। अब डांस फ्लोर पर झगड़ा हो ही गया, झगड़ा मतलब मारपीट नही बस उधर से कोई कमिना बोली तो इधर से कोई कमिनी बोल दिया।
आप तो जानते ही हैं कि टीनेजर्स लड़के लड़कियां कैसे होते हैं। फिर हमारे जो सीनियर दोस्त थे जो हम दोस्तों को साईड ले जाने लगे कि चलो मूंह नही लगाओ। अब इसपर मेरे मूंह से निकल गया कि “मै सही कहा था ये नाचने वाली ही लग रही है”!
मेरे एक दोस्त ने कह दिया कि तेरी शादी मे भी इनको ही बूक करुंगा कहां है मैनेजर। अब उधर से मां बहन की पर आ गई। बोलने लगी की लफंगा है सब, अपनी मां बहन को नचवाना। बैगैरेह बगैरेह। अब हम समझा कर हमारे दोस्त साईड ले गए।
अब हम कमिटी हॉल के पार्क मे आ गए थे जहां कोई था नही सिर्फ कुछ टेबल कुर्सी थी पौधे थे। हम वहीं बैठ आराम करने लगे मुझे बाथरुम जाना था पसीने से शर्ट भीग गया था तो शर्ट खोल कर कुर्सी पर रखा और बाथरुम चला गया।
20 मिनट बाद मै बाहर निकल आया तो देखा जहां मै और मेरे दोस्त बैठे थे वहां अब वहीं लड़कियां बैठी थी मेरे दोस्त कहीं दिखाई नही पड़ रहे थे। मैने ध्यान से देखा तो वो लड़कियां मेरे शर्ट से गन्दे टेबल को पोंछ रही थीं। अब मुझे गुस्सा आ गया था। मैने जाते के साथ ही उन्हें पागल, बद्दीमाग बोलना शुरू कर दिया।
मै: दिमाग खराब है तुम लोगों का यहां ये शर्ट पोंछने के लिए रखा हुआ था।
एक लड़की: (हंसते हुए) ये शर्ट है तुम्हारा हमे लगा पोंछा मारने वाला कपड़ा है।
मै: घर मे पोछा मारते मारते इतनी आदत हो गई है कि सारा कपड़ा पोंछा मारने वाला ही नजर आता है।
इतने मे जिस लड़की के बारे मे मैने कहा था कि टॉप थी ग्रुप मे, उसने मेरे मूंह पर मेरा गन्दा किया हुआ शर्ट फेंका और भागने को बोली की चल ले शर्ट और भग यन्हां से। और ये ले पैसे धुलवा लेना। मेरा पारा अब गर्म हो गया था मैने सबसे पहले शर्ट उसके मूंह पर फेंक मारा और टेबल उठा कर साईड मे फेंक दिया।
जिसके बाद उनमें से किसी लड़की ने मुझे धक्का दे दिया जिससे मै गिर गया झाड़ मे। तीन लड़की अभी भी कुर्सी पर बैठी थी और हंस रही थी जिसमे से एक वो टॉप लड़की भी थी। मै उठा और सीधा तीनो कुर्सियों के पीछे वाले लेग पर मारा तो सारी टूट गईं और तीनो गिर गई।
प्लास्टिक कि कुर्सी थी तो टूट गई एक झटके मे लेकीन मेरा पैर जींस के नीचे भी छिला गया था। अब कुर्सी के टूटे हुए लेग से वो मुझे मारने लगीं और उस टॉप वाली लड़की और एक और लड़की ने तो मेरा बाल ही पकड़ लिया मैने भी किसी का झोंटा पकड़ लिया था।
अब घमासान युद्ध शुरु हो गया था आस पास कोई हमे छुड़ाने वाला नही था दरअसल कोई था ही नही सभी खाना खाने अंदर चले गए थे। मेरे दोनो हाथ तो झोंटा पकड़े हुए थे उधर वो 6 मै अकेला। ऐसा नही था कि मै उनसे निपट नही सकता था लेकीन मै पूरा मारने पर जोर लगा नही रहा था।
मेरे बाल काफी घने और मुलायम हुआ करते थे। मेरा बाल उखड़ गया था और सिर से खून बहने लगा था अब पता नही सिर फूटा था या बाल उखड़ने कि वजह से। कुछ देर बाद हमने एक दूसरे को छोड़ दिया दर्द की वजह से। और एक दूसरे को खतरनाक लूक देकर चलते बने।
मै सिर्फ जींस और गंजी मे था। और बेसुध सा चलने लगा खाली पैर बस चलता जा रहा था रात के अंधेरे मे चलते चलते थक कर गिर गया और फुटपाथ पर सो गया। सुबह गाड़ियों की आवाज़ से नींद खुली तो फिर चलने लगा उजाला हुआ तो समझ मे आया की घर वाले रास्ते पर ही हुं। अब चलते हुए लोग मुझे घूर रहे थे शायद मेरी हालत को।
अब एक जगह सैलून खुलते देखा तो वहां घूस गया। आईने मे खुद को देखा तो सिर से खून बह एक तरफ का चेहरा खून से रंग गया था और खून सूख गया था। सलून वाले ने ही चेहरा डेटॉल से साफ किया और पीठ पर छीलने खून को साफ किया। बहुत बुरी तरह से मुझे मारा गया था दोस्तों मै लिखकर बता नही सकता।
अब सलून वाले ने हाल पूछा कैसे हुआ पूछा मैने कुछ नही बोला। बस उसने पूछा कि बाल छोटा कर दे अगर फूटा होगा तो दिख जाएगा। इसके जवाब मे मेरे मूंह से बस इतना निकला कि गंजा कर दो। उसने बहुत देर पूछा पर मै कुछ नही बोला तो उसने बाल मुड़ दिया।
सर फूटा नही था बस छील गया था जहां तहां। अब मै फिर पैदल चलने लगा मोबाइल फेंक दिया कुछ 10 बजे मै घर पहुंचा। घर पर भी सबने बहुत पुछा लेकिन मै कुछ नही बताया। अब कहानी 9 साल बाद सिफ्ट होती है मै सरकारी डॉक्टर बनने वाला था मेरी पोस्टिंग मिलने वाली थी।
इन 9 सालो मे मैने सिर्फ पढ़ाई करी कोई दोस्त नही कोई रिश्तेदार नही यहां तक फोन भी नही रखता था कभी कभी सादा फोन रखता था वो भी PhD के समय। और उसके बाद ना ही कभी मैने बाल रखे जब 1 cm से ज्यादा बढ़ता तो मुंडवा लेता एक दम साफ। “Husband Wife Romance”
अब जाकर स्मार्ट फोन लिया था। अब शादी की बात उठने लगी सब बहुत कहने लगे चल लड़की देख ले लेकिन मैने कह दिया कि जाओ जिसको मन देखो मै देखने नही जाने वाला। देख कर आओ सीधा करवा दो। कुछ दिन मे ही मेरी शादी ठीक हो गई मुझे देखने के लिए फोटो भी भेजा गया लेकीन मैने नही देखा।
अब शादी मे सब लग गए बारात निकली और पहुंच गया शादी तो लड़की की घूंघट मे ही हो गई। अब बारी थी सिन्दूर लगाने कि जब घूंघट उठा मेने लड़की को देखा तो मेरी रूह कांप गई। ये वहीं लड़की थी जिससे 9 साल पहले झगड़ा हुआ था। वो लड़की जो टॉप थी वहीं।
लेकीन उसने सर नीचे किया हुआ था तो मुझे लगा की शायद दूसरी होगी। मै सिन्दूर लगाना नही चाह रहा था लेकिन सब पूछने लगे रूक क्यों गए तो लगाना पड़ा और किसी महिला ने हाथ पकड़ कर भी लगा दिया। अब विदाई के टाईम जब गाड़ी मे गौर से देखा तो वो वहीं लड़की थी ये कन्फर्म हो गया था।
मेरा तो माथा घूम गया और मै गाड़ी मे बेहोश हो गया सबको लगा की मुझे नींद आ गई है तो सीधा घर आकर ही मुझे उठाया जहां मेरा बीपी एक दम लो हो गया था डॉक्टर बुलाना पड़ा। कुछ देर नीचे कमरे मे आराम करने के बाद रात को मुझे ऊपर कमरे मे जाना पड़ा।
मै चुप चाप कमरे मे गया वो बेड पर बैठी थी मै सीधे सोफे पे जाकर लेट गया। कुछ देर ही एक भाभी एक दूध का ग्लास एक पानी का ग्लास और दो दवाई लेकर कमरे मे आई और बेड साईड टेबल पर रख दी। और जाते हुऐ मुझे छेड़ते हुए बोली आज रात कुछ करना मत नही तो और तबियत खराब हो जाएगी। “Husband Wife Romance”
और स्वाति यानि मेरी एकसिडेंटल बीबी को बोला की दवाई खिला देने के लिए। मै कुछ देर सोफे पे लेटा रहा फिर दवाई उठाने टेबल के पास गया तो उसने जानबूझकर पानी का ग्लास गिरा दिया तो मै वापस आ कर लेट गया अब वो भी बेड पर पूरा पसर कर लेट गई थी और सो गई थी। अब अगले दिन मै उठा सारा दिन बाहर रहा शाम को खाना खा कमरे मे पहुंचा। रात में जब गेट बन्द हुआ तो उसने पूछा।
स्वाति: कब पता चला कि मुझसे शादी हो रही है।
मै सूना नही तो उसने दोबारा पूछा कि कब पता चला।
मै: मुझे पहले से पता नही था मैने फोटो भी नही देखा था। सिन्दूर दान के बाद पता चला मुझे। तुम विश्वास करो या ना करो मुझे पता होता तो… अब आगे जो तुम सही समझो करो।
मै एक सांस मे ही बोल दिया। और सोफे पर लेट गया।
कुछ देर दोनो चुप रहे।
मै: और तुमको कब पता चला?
स्वाति: मेरे पास फोटो आई थी बिना बाल कि गंजा वाला मै पहचान नही पाई काफी बदल गया चेहरा तुम्हारा। वैसे मुझे गाड़ी मे बैठने पर शक हुआ था और यहां आकर नीचे हॉल मे पुरानी फोटो देख कन्फर्म हुआ।
स्वाति: गाड़ी मे बेहोश हो गए थे ना तुम।
मै कुछ नही बोला।
स्वाति: वैसे बाल उड़ गया तुम्हारा या सिर्फ अभी गंजे हो।
मै बिना कुछ बोले सो गया। अब कुछ दिन बिता उसके मायके से मुझे और उसे चलने के लिए बोला गया मै नही गया तो वो भी नही गई। मेरी बचपन से इच्छा रहती थी डॉक्टर बन लोगों की सेवा करने की इसलिए मैने आदिवासी इलाके मे अपनी सेवा के लिए रिक्वेस्ट भेजा था जो मुझे मिल गई थी। “Husband Wife Romance”
अब मुझे छत्तीसगढ़ के नक्सल इफेक्टेड एरिया मे जाना था मै खुश भी था कि इसी बहाने स्वाति से पीछा छूट जाएगा। लेकिन मेरी किस्मत खराब थी तो वो भी मेरे साथ जाने के लिए राजी थी ना बस राजी थी और जिद भी पकड़ ली थी।
खैर मेरी उससे बात नही होती थी उससे बस कुछ पूछा तो हां या ना। एक बात थी मैने उसके चेहरे पर एक सिकन भी नही देखी थी शायद मेरी गैर मौजूदगी मे दुखी होती हो लेकिन मेरे सामने कभी नही। अब एक महिने से ज्यादा हो गया था पहले मैने खुद की फ्लाइट की टिकट करा ली थी क्यूंकि मुझे लगा था मै ही तो अकेला जाऊंगा।
लेकीन अब वो भी जा रही थी तो मैने जानबूझकर ट्रैन की टिकट करी। यहीं गलती हो गई। अब ट्रैन के दो दिन के सफर मे घर से निकलते ही मै उसका खयाल जैसा रखने लगा। खाना पूछना पानी पूछना, बाथरुम जाने के लिए पूछना। स्नैक्स के लिए पूछना चाय काफी पूछना। वो भी केयर कर रही थी जैसे बैग खोल कपड़े टॉवेल देना खाना खाने पर साथ मे खाना।
धीरे धीरे थोड़ी सी बातचीत शुरू हो गई थी, जरूरत पड़ने पर ही। अब हम छत्तीसगढ़ पहुंचे वहां हमें एक घर मिला था। वीराने मे बगल मे बस एक और घर था हमारे सहायक का। घर तीन कमरों का था लेकीन बड़ा था सब तरफ जंगल था शान्ति थी छोटे छोटे गांव दूर दराज मे थे। हम अब शिफ्ट हो गए रात को सोने की बारी आई तो मै दूसरे कमरे मे जाने लगा। “Husband Wife Romance”
स्वाति: यहीं सो जाओ खा थोड़े जाएंगे तुमको।
सफर मे हमारी बात शुरू हो गई थी बस खाने तक उसके बाद ना मै उससे कुछ कहता ना वो। और ना एक दुसरे को देखते सही से नजर मिला कर। अब हम एक ही कमरे मे एक ही बेड पर सोते थे बेड बड़ा था तो दोनो अपनी अपनी साईड सो जाते।
अगले दिन से मै अस्पताल जाने लगा एक सेकेंड हैंड बाईक थी सहायक की जिससे। मै गाड़ी से छोटे छोटे गांव भी जाता रहता लोगों से मिलता उन्हें दवा देता। क्योंकि आदिवासी इलाके मे आज भी लोग हॉस्पिटल नही आना चाहते थे तो मै ही चला जाता।
अब ऐसे ही मेरा सारा दिन कट जाता। शाम को आता तो खाना बनाता तो स्वाति खाती मै भी खाता और चुप चाप सो जाते। पहले रविवार को मै सुबह उठा और खाना बनाया कपड़े धोए खाना खा नहा कर गांवों की तरफ निकल गया लोगों से मिला और दो बजे वापस आ गया।
घर पर स्वाति थी और वो सहायक की फैमिली से मिल रही थी गपें लगा रही थी। उनकी फैमिली मे पति पत्नी और दो बच्चे थे। उसके अगले दिन से स्वाति ने खाना बनाना शुरू कर दिया था बस मै खाता और अपना प्लेट धोता। मेरे शाम को आने तक खाना बन जाता था। हम दोनो एक दूसरे से कुछ नही बोलते थे।
दूसरे सन्डे को मेरे पड़ोसी ने हमें डिनर पर बुलाया था। रात को वो थोड़ा तैयार हो रही थी मै सिर्फ हॉफ पैंट और टी शर्ट मे था तो उसने कहा पैंट शर्ट पहन लो मैने अनसुना कर दिया तो वो पैंट शर्ट ला कर दी थोड़े देर मे पहन लिया उनके घर गए कुछ देर उनके बच्चों के साथ खेला खाना खाया और घर आ गए।
एक सन्डे को मै अपने कपड़े धो रहा था तभी कोई घर बुलाने आ गया किसी की तबियत खराब थी तो मै कपड़े छोड़ उसके साथ गया और मरीज देख दवा दिया दो घंटे वहीं बैठा रहा जब उसकी हालत कुछ सुधरी तो घर आया 2 बजे खाना मै गांव मे ही खा लिया था। घर आया तो मेरे कपड़े धूले थे और धूप मे रखे थे। “Husband Wife Romance”
मै नहा लिया और आराम करने लगा तो स्वाति मुझे खाना पूछने आई मै बोला खा लिया हूं। अब शाम को मै बाहर टहल रहा था मेरी पड़ोसन और स्वाति घर के सामने गार्डेन से अपने अपने कपड़े उठा रहीं थीं और बातें कर रही थीं जो मुझे सुनाई नही दे रहा था क्योंकि मै थोड़ा दूर था। मेरी पड़ोसन जो मेरे सहायक की पत्नी थी मै उन्हे भाभी बोलता था। कुछ देर देर मे भाभी जोर से बोल मुझसे भी कुछ पुछ लेती।
भाभी: और अंशु बाबू कैसा रहा आज का दिन।
मै: ठीक ही था बस एक मरीज देखने गया था थोड़ा सीरियस था अब ठीक है, थोड़ी देर मे एक चक्कर गांव की तरफ मार लूंगा।
भाभी: अरे आप तो पूरे जहां की बात करने लगे, मै पूछी की घर पर आज दिन कैसा रहा।
मै: यहां भी ठीक ही था अब तो कपड़े गन्दे करने वाले ही कपड़े धो रहे हैं।
स्वाति मुझे घूर कर देख रही थी। हल्की मुस्कान दिखी उसके चेहरे पर फिर मै नजर हटा लिया। कुछ देर मे मै गांव का एक चक्कर मार आया। रात को स्वाति खाना देने आई। अब दिन मे एक दो बार दोनो मे से कोई ना कोई कुछ बोल लेते थे या पूछ लेते।
अब हम दोनो ही थोड़ा तो एक दूसरे का खयाल कर लेते थे। कुछ हफ्ते बाद एक शाम मै हॉस्पिटल से निकला दो चार गांव घूमा थोड़ा अंधेरा जैसा होने लगा था शायद बारिश होने वाली थी,तभी एक गांव के लड़के ने बताया की आपके घर की तरफ बॉम फटा है और गोलियां चली है घर पर फोन कर पूछ लीजिए सब ठीक है ना। “Husband Wife Romance”
मै फोन निकाला लेकीन करता किसे मेरे पास तो स्वाति का नम्बर भी नही था। मुझे अब स्वाति की चिंता होने लगी मै जल्दी से बाईक स्टार्ट किया और भगाया घर की तरफ बारिश होने लगी थी जंगल के कच्चे और पथरीली रास्ते पर मेरी बाईक एक नुकीले पत्थर से टकराई और टायर फट गया।
मै जल्दी से उठा बाईक छोड़ घर की ओर दौड़ने लगा। शायद 1केएम दौड़ा तो घर पहुंचा घर खुला था स्वाति कहीं नजर नही आ रही थी। मै स्वाति स्वाति आवाज दे रहा था और देता हुआ ही बाहर आया। बाहर आ जोर से आवाज देने लगा तभी मेरी नजर पड़ोसन के घर से भाग कर आती स्वाति पर गई.
मै भी उसके तरफ भागा और उसे सीने से लगा लिया वो भी मेरे सीने से लग गई। दोनो बारिश मे ही गले लग खड़े थे मेरी दिल की धड़कन स्वाति को घर मे ना देख काफ़ी बढ़ गई थी जो अब कम हो गई थी। कुछ पल बाद भाभी छाता ले हमारे करीब आई तो हमारा ध्यान टूटा और हम अलग हुए।
भाभी: सारा रोमांस यहीं कर लोगे या अंदर के लिए कुछ बचाओगे।
उनकी आवाज सुनते ही मै अलग हुआ और हल्का शर्मा कर अंदर आ गए दोनो। दोनो भीग गए थे तो आकर चेंज किए। बारीश अभी हो ही रही थी लाइट कभी आ रही थी कभी जा रही थी। अब उसने खाना बनाया और दोनो ने खा लिया। “Husband Wife Romance”
इतने मे मेरे सहायक का फोन आया कि आपकी गाड़ी जंगल मे दिखी है, मै उसे बोला अभि मै जा कर ले आता हूं। मै जाने लगा तो स्वाति बोली मत जाओ सुबह जाना अभी रात काफी हो गई है और बारिश भी हो रही है। मै भी मान गया और अब दोनो बेड पर सोने आ गए। कुछ देर दोनो लेटे रहे उसके बाद उसने कुछ बोला आज पहली बार बेड पर हम कुछ बात कर रहे थे।
स्वाति: बाईक जंगल मे कैसे रह गई।
मै: टायर फट गया तो रह गया।
स्वाति: तो वहां से दौड़ कर आए थे।
मै: कैसे कह सकती हो।
स्वाति: दिल की धड़कन बढ़ी हुई थी।
मै: हां दौड़ कर ही आया था।
स्वाति: और मेरा नाम क्यों चिल्ला रहे थे।
मै: घर पर नही देखा तो…
स्वाति: क्यों, पहले भी तो घर पर नही होती थी।
मै: आज इधर कही बम फटा है तो मुझे थोड़ा चिन्ता हो रही थी।
स्वाति: किसकी?
मै कुछ नही बोला?
स्वाति: बम की और गोली चलने की आवाज आई थी इसलिए भाभी मुझे अपने घर बुला ली थी उस टाईम दोनो बाहर ही थीं।
मै: जब जानती थी तो एक कॉल नही कर सकती थी।
स्वाति: नम्बर नही है मेरे पास?
इतना बोल कर दोनो चुप हो गए लाइट बन्द थी दोनो बेड पर लेटे थे अपनी अपनी साईड लेकिन आज उतनी दूरी नही थी जितनी पहले हुआ करती थी। थोड़ी देर शान्ति छाई रही इतने मे बिजली जोर की कड़की और स्वाति डर कर मेरे सीने से लग गई मै भी बाए हाथ से उसे बाहों मे भर लिया एक पल को लगा सब थम गया। “Husband Wife Romance”
कुछ पल बाद थोड़ा ढील दिया तो उसने सिर उठा मेरी आंखो मे देखा अंधेरा था कमरे मे फिर भी कुछ कुछ दिखाई दे रहा था उसने अपने होंठ मेरे होंठों की तरफ बढ़ा दिए मै भी बढ़ा दिया। होंठ से होंठ मिलते ही मेरे पूरे शरीर मे करंट सा दौड़ गया ऐसा लगा मेरा पूरा शरीर शिथिल पड़ गया हो।
मेरी तंद्रा तब भंग हुई जब उसने मेरे होंठों को चूसते हुए खींचा मेरी आह मेरे मूंह मे ही रह गई। अब मै भी धीरे धीरे होंठ चूसना शुरू किया। पहले आराम से फिर जोर से दोनो होंठ चूसने लगे। हमारी सांसें चढ़ने लगी थी तब थोड़ा धीरे होते लेकिन स्मूच बन्द ना होता।
धीरे धीरे मै पुरा उस पर छा गया था। कुछ देर मे हम एक दूसरे को बाहों मे जकड़ और स्मूच करते हुए बिस्तर पर लोटने लगे कभी वो मेरे ऊपर चढ़ी होती कभी मै उसके। उसकी चूचियां मेरे सीने मे चुभ कर लहूलुहान कर रही थीं। हम एक दूसरे पर लोट पोट हो रहे थे।
वो ना सिर्फ स्मूच कर रही थी बल्कि अब अपना जीभ मेरे मूंह मे दे रही थी और मेरा जीभ चूस रही थी मै भी जीभ चूस रहा था। अब उसकी सांसें उखड़ने लगी थी अब वो मेरे गाल गले पर होंठ फिराने लगी मै भी उसके गाल गले गर्दन कान सब जगह चूसने लगा.
मेरा लन्ड पजामे से उसकी साड़ी के ऊपर से उसकी चूत पर रगड़ खा रहा था वो मेरी कमर को कभी कभी अपनी पैरों में लपेट लेती। अब फिर वो मेरे होंठ चूसते हुए मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी मै सहयोग करना चाहा तो उसने मेरे गले मे एक हाथ डाल खुद से लगा स्मूच करती रही और एक हाथ से बटन खोलने लगी। “Husband Wife Romance”
मेरा शर्ट निकल गया था और वो मेरे नंगे सीने से अपनी चूचियां घिस रही थी। तो मै भी स्मूच करते हुए ही उसका ब्लाउज सामने से खोल दिया और हाथ पीछे ले जा ब्रा भी खोल दिया। उसके कड़क मम्मे मेरे सीने से लगे तो करंट जैसा लगा।
अब वो मेरे शॉर्ट्स को नीचे सरकाने की कोशिश करने लगी। उसकी साड़ी तो खिसक कर कमर तक आ ही गई थी मै हाथ नीचे ले गया तो मेरा हाथ उसकी पैन्टी से टकराया मै हटाने लगा तो वो मेरा हाथ पकड़ ली। अब मै एक हाथ से उसकी कमर और चुटाड को सहलाया और धीरे धीरे उसकी मदद से पैन्टी उतार दी मैंने भी उसकी मदद से अपना शोर्ट उतार दिया था।
अब मेरा लन्ड सीधा उसकी बुर पर घिस रहा था मै हाथ उसकी बुर पर रखा जो बालों से भरी थी और एक दम गीली थी वो मेरा हाथ पकड़ ऊपर कर ली। अब वो नीचे से चूतड उठा रही थी जिससे मेरे लन्ड पर दवाब बढ़ रहा था वो उह आह करने लगी थी।
अब मुझे लगा की वो बहुत गर्म हो गई है तो धीरे से लन्ड धक्का मारा अंधेरे मे ही लन्ड फिसल गया। हम अब भी स्मूच कर रहे थे और मै उसके ऊपर लेटा था। ऐसे ही दो तीन बार धक्का देने पर टोपा घुस गया वो टांग पूरा खोल मेरी कमर पर लपेटी थी.
उसकी आह निकल गई अबकि बार उसने टांग कमर पर से ढीली करी तो मै थोड़ा ऊपर हो नीचे की ओर जोर का धक्का दिया जिससे लन्ड उसकी बुर मे उतर गया और वो दहाड़ परी। एक दम विदाई के समय जैसे रोते हैं वैसे। मै डर गया कि क्या हो गया।
मै हटने लगा तो उसने हटने भी नही दिया और जोर से हाथ गर्दन और पैर से कमर पर लपेट ली। मै उसके चेहरे पर चूसने लगा आंसू पीने लगा कान गर्दन चूसने लगा। मै सोचा क्या हुआ जो इतना रोने लगी चिकनाई इतनी अच्छी थी कि कितना आराम से चला गया। “Husband Wife Romance”
अब ध्यान आया कि बाल बुर पर लम्बा था कहीं वो तो नही उखड़ गया। मै हाथ नीचे ले जा जैसे तैसे थोड़ी जगह बना लन्ड निकाला और बुर की चिकनाई की मदद से बाल दोनों किनारे चिपकाने की कोशिश की। कुछ देर मे वो रोते हुए ही गांड़ उठा बुर लन्ड पर दबाने लगी तो मै दोबारा लन्ड धीरे धीरे पेल दिया इस बार वो एक लम्बी सीत्कार भरी।
हमारे होंठ ज्यादा देर अलग नही रहते थे और चूसने लगते थे। कुछ देर लन्ड डाल कर पड़े रहने पर उसका रोना बन्द हुआ और वो नीचे से चूतड उठाने लगी। अब मै भी धीरे धीरे धक्के देने लगा हर धक्के पर वो सिसक रही थी हल्के से आह आह कर रही थी मेरे गर्दन को चूस रही थी।
मै भी उसके गर्दन कान को चूस रहा था। बाहर बारिश अभी भी हो रही थी। और अंदर चूत और लन्ड के बीच घमासान मचा था। उसकी सिसकी हर झटके पर बढ़ ही रही थी उसके मम्मे मेरे सीने से मसल मसल कर पसीने से लथपथ हो गए थे।
अब वो तेज तेज चूतड उठा रही थी और मेरे कमर को टांगों से कस रही थी। मै भी झटके थोड़े तेज मारने लगा कुछ ही देर मे वो झड़ गई और शान्त हो गई लेकिन मै हटना चाहा तो हटने नही दी और हल्के हल्के स्मूच करते ही रहे। कुछ देर बाद वो फिर गर्म हो गई तो कमर उठाने लगी मै फिर चुदाई करने लगा वो आह उह कर रही थी।
वो सीत्कार भरती रही और स्मूच करती रही। वो मुझे इतना दबा रही थी जैसे मुझे खुद मे समा लेना चाहती हो। कुछ देर की घमासान चुदाई मे मै झड़ने वाला था तो हटने की कोशिश करने लगा लेकिन उसका दवाब बहुत ज्यादा था तो उसके अंदर ही झड़ गया और साथ ही वो भी झड़ कर शान्त हो गई। “Husband Wife Romance”
वो अभी भी मेरी बाहों मे थी। हवस खत्म हुई तो मुझे लगा ये क्या हो गया इतने दिन तो कुछ नही हुआ आज क्या हो गया था मुझे। मै एक करवट लेटा था मेरा लन्ड नीकल गया था वो मेरे सीने से सटी हुई थी। हम दोनो कुछ नही बोल रहे थे बस आंखें बंद किए थे।
मेरी तो हिम्मत नही हो रही थी बात बढ़ाने की या उसे देखने की। शायद उसका भी यहीं हाल था। सच बताऊं तो शादी होने के बाद मैने कुछ सोचा नही था बस जिन्दगी के भरोसे चल रहा था। हां, लेकिन अंतर्मन मे ये बात थी कि मुझसे तंग आकर खुद मुझे छोड़ देगी।
लेकिन ये तो छोड़ी नही इस वीराने मे भी साथ आ गई। क्या होगा इसके मन मे, शायद घर वालो के दवाब मे आई हो, क्या इसने हमारे बारे मे अपने घरवालों को बता दिया होगा, नही नही, अगर बता दी होती तो अभी तक बवाल मच गया होता।
तो ये चाहती क्या है, कहीं इसे मुझसे प्यार तो नही हो रहा है, नही नही ऐसा नही हो सकता। उसकी छोड़ों मै क्या चाहता हूं। इतने दिन से तो मै कुछ नही सोचा आज क्यूं सोच रहा हूं। कहीं मुझे तो इससे प्यार नही हो रहा। नही नही प्यार नही हो सकता मुझे। मै प्यार व्यार करने के लिए पैदा ही नही हुआ हुं।
फिर लेकिन इसका ख्याल क्यूं रखने लगा हूं। अरे वो तो बाहर मे अकेले आ गई है तो ख्याल रखना होगा ना। अगर कुछ हो गया तो… शाम को बाम ब्लॉस्ट का सुनकर कितनी चिन्ता हो रही थी मुझे। यहीं सब सोचते सोचते मेरा सर दर्द कर गया फिर मैने सोचा कि जिन्दगी मुझे दुसरा मौका दे रही है तो मै भी जिन्दगी को दुसरा मौका देता हूं। “Husband Wife Romance”
कल सुबह उठ इससे आगे की जिन्दगी पर बात करूंगा। मै उसकी ओर देखा तो वो सो चुकी थी बारिश की वजह से ठंड लगने लगी थी तो उसे एक चादर से ढक दिया और साईड हो सो गया। अब अगली सुबह उठा तो वो सो सो ही रही थी।
मै अपने सहायक के साथ गया और बाईक धक्का दे एक मैकेनिक के पास पहुंचा दिया एक कस्बे मे वहां पता चला कि 2 दिन कर्फ्यू लग गया है। तो हॉस्पिटल बन्द। तो आते टाईम एक दो गांव घूमता आया और बोला कि किसी को कोई जरूरत हो तो फोन कर दे।
अब घर पहुंचा तो वो उठी नही थी शायद। मै खाना बनाने लगा। वो अब भी नही उठी तो ऐसे ही कमरे मे जा खुद से बात करते हुए उसे उठाने के लिए आवाज दिया। वो अब उठ गई तो मै किचेन मे चला गया। थोड़ी देर मे वापस आया तो वो अपने कपड़े सही कर चुकी थी और बेड से उठ लड़खड़ाते हुए गिरने लगी तो मै जल्दी से उसे पकड़ लिया।
उसका शरीर गरम था उसे बुखार चढ़ गया था और चलने मे भी दिक्कत हो रही थी तो मै उसे बाथरूम तक छोड़ा। बेडशीट देखा तो उसपर खून लगा था जो मै बदल दिया और उसे धोने डाल दिया। कुछ देर मे वो नहा कर बाहर निकली तो बेड पर बैठाया और खाना दिया। “Husband Wife Romance”
उसके बाद दर्द और बुखार की दवाई दी और मै भी खाना खा बर्तन धोने लगा। वो सो रही थी तो मै भी सोचा नहा लूं। बाथरूम मे गया तो उसके कपड़े पड़े थे और बेडशीट भी मै सबको धो नहा लिया। मै सोते हुए उसका माथा चेक किया तो अब बुखार कम था।
जब शाम तक वो नही उठी तो फिर चेक किया तो फिर बुखार था अब उसे उठा खाना खिलाया। थर्मामीटर उसकी काँख मे लगा बुखार नापा और दवाई दिया। हम कुछ भी बात नही कर रहे थे ना ही एक दूसरे की आंखों मे देख रहे थे। रात शायद 2 बजे उठा तो बुखार से तप रही थी।
अब उसके सिर पर गिला कपड़ा रखा पैर के तलवों को 5 से 6 बार गिले कपड़े से पोंछा तो थोड़ा कम हुआ। अब सुबह तक कम बुखार था दिन मे खाना खिला दवाई दिया तो दोपहर तक ठीक हो गई। अब हफ्ते भर ऐसे ही निकल गया जैसे पहले हुआ करता था।
एक सन्डे की सुबह जब उठा तो वो नहा धो कर खाना बना रही थी। खाना खा मै हॉल मे सोफे पर बैठा था वो मेरे तरफ आने लगी और मेरे पास आकर सोफे के नीचे बैठ गई एक दम कदमो मे और सिर नीचे कर बोली।
स्वाति : क्या हम पिछली बातें भूलकर नई जिन्दगी की शुरुआत नही कर सकते हैं।
मै हिल गया जो बातें मै बोलना चाह रहा था हफ्ते भर से वो उसने बोल दिया। अब मेरा क्या फर्ज बनता है। मै कांपते हाथों से उसके चेहरे को उठाया उसकी आंखो मे मुझे आने वाले कल की ढेर सारी खुशियां दिखाई दी। वो अपनी आंखों मे हमारे भविष्य की ढेर सारे सपने संजोए थी। “Husband Wife Romance”
मै:(उसकी ओर झुका और उसके माथे पर चूमा) मै तो कब का भूला चुका हूं।
इतना सुनते ही उसकी आंखों से आंसू बहने लगे खुशी के मारे। मै उसे उठा अपने गोद मे बैठा लिया। वो मेरे माथे गाल होंठ सब जगह चूम रही थी उसकी आंसू रूक नही रहे थे। मै उसके आंसू पीने लगा अब वो शर्मा रही थी मै उसकी आंखों मे देखना चाहता था लेकिन वो अपना सिर मेरे सीने मे छुपा रही थी। इतने मे मेरा फोन बजा मुझे मरीज देखने जाना था। मै मरीज देख दो घण्टे मे वापस आ गया। कमरे मे आया तो वो कपड़े बदल रही थी तो मै वापस जाने लगा।
स्वाति: रुकिए आईए तो ये हुक नही लग रहा।
वो शायद ब्लाउज पहन रही थी जिसका हुक फंसा था। मै पास गया वो साड़ी पहने थी और उसकी साड़ी का पल्लू जमीन पर पड़ा था। ब्लाउज उसकी पीछे डोरी वाली थी हूक वाली तो थी नही।
स्वाति: ये डोरी बांध दीजिए तो।
मै हाथ उसके मखमल से चिकने पीठ पर ले जाते हुऐ तीनों डोरियां बांध दिया और उसके कन्धे पर होंठ रख चूम लिया और अब गर्दन पर होंठ लगा दिया और सॅक करने लगा वो सीत्कार उठी और अचानक से घूम गई जिससे अनब्लेंस्ड होनी लगी लेकिन मैंने उसे कमर से थाम लिया।
मै उसे खड़ा करना चाहता था लेकिन वो मेरी बाहों मे झूल गई जिससे मै उसे ले बेड पर जा गिरा। अब मै उसके ऊपर चढ़ा था तो हटने लगा लेकिन उसने मेरे गले मे बाहें डाल दी और मेरे होंठ से होंठ मिला दी। मै उसके होंठ चूस रहा था धीरे धीरे उसने अपनी जीभ मेरे मूंह मे डाल दी जिसे मै चूसने लगा वो मेरा जीभ चूस रही थी।
अब मै उसके गाल गर्दन कान सब जगह चूसने लगा हमारे पैर नीचे ही लटक रहे थे वो मुझे अब पलट दी और मेरे ऊपर चढ़ गई। और स्मूच करते हुए मेरा शर्ट खोलने लगी। मै अब बेड किनारे बैठा था वो मेरे गोद मे टांगे फैला बैठी थी और मेरे गाल माथे सीने पर चूम रही थी और मेरा शर्ट उतार दी। “Husband Wife Romance”
मै उसे कमर से पकड़ उसे गिरने से बचा रहा था क्यूंकि कभी कभी मदहोशी मे वो मेरा सिर अपने सीने से लगाती और पीछे की ओर झूल जाती । मै उसके गले गर्दन सीने पर क्लीवेज सब जगह चूस चूम रहा था। स्वाति थोड़ा शान्त हुई मदहोशी से।
स्वाति:(शर्माते हुए, अपने मम्मे पर मेरा एक हाथ रखते हुए) इनमे क्या काटे लगे हुऐ हैं, इन्हे भी प्यार करिए।
मुझे हंसी आ गई। अब मै ब्लाउज की सारी डोरियां खोल दिया और ब्लाउज उतार दिया उसने ब्रा नही पहनी थी उसके दोनो शानदार कड़क बेदाग चूचियां मेरे सामने थी। मै सीधा उन पर टूट पड़ा उन्हें चूमा चूसा निप्पल को चूसा उसकी कांख को चूमा।
वो अपने मम्मों मे मेरा सर दबा रही थी वो मदहोश हो थी। कुछ देर मे वो मुझे खड़ा करी और मेरा बेल्ट खोलने लगी और जींस उतार दी मै सिर्फ अंडरवियर मे था जिसमे मेरा लन्ड तना हुआ था। वो उसे देख शर्मा गई। मै अब घुटने पर खड़ा हो गया और उसके नाभि पेट चूसने लगा और पेडू चूसते हुए उसकी साड़ी उतार दिया और साया भी।
अब दोनो सिर्फ पैन्टी और अंडरवियर मे थे। वो शर्माते हुए सीने से लग गई मै उसे गोद मे उठा बेड पर ले आया अब उसके पूरे शरीर को चूसा चूमा चूंचियां तो लाल हो गई पीठ और चूतड भी चूसा अब पैन्टी उतार दिया। उसने शायद कल या आज ही बाल हटाए थे एक दम चिकनी बुर थी वो हाथों से अपनी बुर छुपा रही थी।
मै उसकी जांघ चूमने लगा और चुसने लगा धीरे धीरे उसने टांग खोल दी मै उसके पेडू पर चुसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी। अब उसकी चिकनी बुर पर जीभ फिरा दिया वो सीत्कार उठी और मेरा सिर हटाने लगी। मै बुर पर पप्पियों की बौछार कर दिया और दाने को पूरा मूंह मे भर लिया वो अपना सिर बेड पर इधर उधर करने लगी। “Husband Wife Romance”
मै वेक्यूम की तरह उसकी बुर चूसने लगा अचानक वो कमान की तरह मुड़ गई और बुर से पानी फेंकने लगी मै सारा पानी पीने की कोशिश करने लगा। वो झड़ कर शान्त हो गई थी मै उसके बगल मे लेट गया वो शर्माते हुए मेरे सीने से लग गई।
मै उसके बॉडी को सहलाने लगा कुछ देर दोबारा उसके पूरे जिस्म को चूमा, जब वो गरम हो गई तो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे सीने को चूसने लगी मेरे पुरे शरीर को उसने चूमा। अब उसने मेरा अंडरवियर उतार दी। मै उसे लिटा उसके ऊपर चढ़ गया और लन्ड बुर पर घिसने लगा वो आह आह करने लगी थोड़ी देर में लन्ड बुर में घुसा दिया इस बार उसे हल्का दर्द हुआ।
कुछ देर मे पूरा लन्ड घुसा चुदाई करने लगा वो सिसकारियां भरने लगी। कुछ 20 मिनट बाद मै उसके अन्दर झड़ गया और वो भी साथ मे ही झड़ गई। कुछ देर वैसे ही लेटे हुए एक दूसरे को प्यार करते रहे कुछ बातें करी। उसने मुझसे वादा करवाया की मै आगे से बाल ना हटवाऊ। ऐसे ही प्यार करते हुए सो गए।
अब शाम को उठा तो वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी और बार बार मुझे देख शर्मा रही थी। अब रात मे एक बार और धमाकेदार चुदाई चली। अब ऐसे ही एक सप्ताह कटा। उस सन्डे को मै ऐसे ही गांवों का चक्कर लगा कर लौटा, खाना खाया और आराम करने लगा। थोड़ी देर में स्वाति कमरे मे आई। दोस्तों कहानी अभी बाकि है, आगे की कहानी मैं इसके अगले भाग में बताऊंगा. तब तक के लिए पढ़ते रहिये क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम.