कातिलाना जिस्म दीदी का मेरे सेक्स की प्यास भड़काने लगी

हेल्लो दोस्तो कैसे हो आप सब, मेरा नाम कपिल दिवाकर है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैं अपनी दीदी की चुदाई की करने सेक्स स्टोरी लिख रहा हूँ। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली का लड़का हूँ। मेरी उम्र 20 साल है और मेरा लंड 6 इंच का है। मेरे घर में मम्मी और मेरी बड़ी बहन रहती है। पापा विदेश में जॉब करते हैं वो साल भर में 1-2 महीने ही घर आते हैं। कातिलाना जिस्म दीदी का मेरे सेक्स की प्यास भड़काने लगी.

मेरी दीदी का नाम संगीता है.. उसकी उम्र 22 है और वो दिखने में बहुत ही मस्त है। वो एक दम कातिल फ़िगर वाली लड़की है.. पर ऐसी है कि उसे चोदने में बहुत मजा आए। उसकी फिगर 32-28-34 की है, उनकी गांड भी बहुत बड़ी और उठी हुई है। जब मैं स्कूल में पढ़ता था, मुझे सेक्स के बारे में तभी बहुत कुछ पता चल गया था। मैं दोस्तों के साथ ब्लू-फिल्म भी देखता था, जिससे मुझे चुत का नशा सा छा गया था।

मेरी मम्मी पड़ोस के अंकल के साथ रोज चुदवाती हैं, क्यूँकि उनकी सेक्स की भूख पुरी नहीं हो पाती, पापा तो साल भर में 1-2 महीने आते हैं. ओर फिर बाक़ी के 8 महीने मम्मी अंकल से हाई चुदवा लेती हैं। ये बात हम दोनों भाई बहन को पता हैं कई बार तो मैंने मम्मी को चुदते भी देख हैं और बहन ने भी देखा ही होगा. पर मम्मी हम लोगों को अच्छी ख़ासी पोकेट मनी देकर मुँह बंद करवा लेती हैं और हमें भी कोई प्रॉब्लम नहीं होती, अब हमारे लिए ये नोर्मल जैसा हो गया हैं।

एक बार की बात है मैं संगीता दीदी के बाजू में सोया हुआ था कि अचानक मेरी आँख खुली और मेरी नज़र उसकी ब्रा की स्ट्रेप पर पड़ी.. जो बाहर को निकली हुई दिख रही थी। मेरी दीदी की गांड और ब्रा की स्ट्रेप को देख कर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया और मेरा मन करने लगा कि मैं संगीता दीदी को चोद दूँ, पर मैं ऐसा कैसे कर सकता था इसलिए मैं उस रात मुठ मार कर सो गया।

मेरा हमेशा दीदी को चोदने कि मन करता पर मेरी हिम्मत नहीं होती थी, फिर मैंने सोचा ऐसे तो बाहर चुत मिलेगी नहीं पर मैं दीदी को जैसे तैसे पटा कर हमेशा के लिए अपने लिए चुत का इंतेज़ाम कर सकता हूँ। अगली सुबह हम दोनों की छुट्टी थी.. तो मैंने संगीता से कहा- जा पहले तू नहा ले। वो मान गई।

हमारे घर के बाथरूम के दरवाजे के पास थोड़ी खुली जगह हैं जिससे आराम से अंदर का नज़र दिख जाता हैं। इसलिए जैसे ही संगीता अन्दर गई, मैं झट से वहाँ से उसे देखने लगा। उसे देखकर मैं तो पागल हो गया, जबकि अभी संगीता ने अपनी टी-शर्ट ही उतारी हुई थी। वो सिर्फ़ ब्रा और लोअर में खड़ी थी और अपने पेट को खुजा रही थी।

थोड़ी देर बाद उसने अपनी लोअर को पेंटी सहित उतार दिया और फिर ब्रा भी उतार दी। नंगी दीदी को देख कर मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो गया, वो मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी थी। फिर उसने अपने बड़े बड़े से मम्मों के निप्पलों को उंगली से मसलते हुए हिलाया और फिर अपने चिकनी गुलाबी चुत को सहलाने लगी। मैं समझ गया कि मेरी दीदी की चुदाई की इच्छा तो है। सेक्स की भूख तो दीदी को भी हैं।

फिर उस दिन के बाद मैं रोज़ उसको झाड़ू पोछा लगाते देखता और उसके नाम की मुठ भी मारता. पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं संगीता दीदी की चुदाई कैसे करूँ! उसी दिन शाम को अचानक मैंने उसे बाथरूम में उसके मोबाइल के साथ जाते देखा, मुझे गड़बड़ लगी. और मैंने बाथरूम की झिरी के नीचे से देखा तो वो मोबाइल में देख कर संगीता दीदी अपनी चुत में प्लास्टिक का बड़ा लंड घुस कर मज़े ले रही थी, और धीरे-धीरे से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ’ की आवाजें निकाल रही थी।

मैं समझ गया कि संगीता दीदी ब्लू-फिल्म देख रही है। फिर देर शाम को संगीता जब खाना बना रही थी.. तब मैंने उसका फोन लिया और चुपके से सब देखने लगा और देखा कि उसने भी मेरी ही तरह एक हाइडिंग एप्लिकेशन डाउनलोड कर रखा है.. जिसमें हम जो चाहें वो हाइड कर सकते हैं। वो एप कैसे खोलते हैं वो मुझे पता था.. और मैंने वो खोलकर देखा तो उसके फोन में 10 ब्लू-फिल्म पड़ी हुई थीं।

तो मैंने उसका फ़ोन रख दिया ओर वहाँ से चला गया। जब हम दोनों खाना खा लिया और सोने गए.. तो मैंने संगीता से कहा- दीदी मैंने तुम्हारा सीक्रेट पता लगा लिया हैं। तो उसने बोला- ऐसा क्या जान गया है..! मैंने उससे कहा- अपना मोबाइल दो फिर बताता हूँ। तो वो डर गई और मना करने लगी। मैंने उससे मुस्कुरा कर कहा- चिंता मत करो दीदी वो सब मेरे पास भी है।

अपनी ब्लू फिल्म का फोल्डर खोला और मैंने उसे दिखाया, तो वो भी हैरान रह गई और बोली- तुम भी ये सब देखते हो? मैंने कहा- हाँ दीदी.. मैं भी देखता हूँ तुम्हारी तरह ही। फिर वो हंसी तो मैंने बोला- दीदी एक मस्त ब्लू-फिल्म दिखाऊँ आपको बहुत अच्छी हैं। वो मुस्कुरा कर बोली- हाँ दिखा ना मेरे पास तो 10 ही हैं जो बार बार देखती हूँ।

फिर मैंने उसे ब्रदर-सिस्टर के सेक्स वाली एक ब्लू-फिल्म दिखाई। उसने कहा- ये तो बहुत सेक्सी है यार। फिर मैंने कहा- दीदी हम भी ये सब करें? उसने बोला- नहीं पागल हैं मम्मी को पता चल गया तो अपनी ख़ैर नहीं। मैं कहा – अरे वो साली रंडी रोज़ अंकल से चुदवाती रहती हैं दिन और रात पड़ोसी का लंड चुस्ती हैं मैंने कई बार देखा हैं दीदी। “कातिलाना जिस्म दीदी का”

तो वो बोली – देखा तो मैंने भी हैं आज सुबह ही अंकल चोद कर गए हैं और अभी भी पास वाले रूम में चुदाई चल रही होगी। दीदी बोली- मम्मी तो बहुत बड़ी रंडी हैं भाई मैंने देखा था अंकल का इतना बड़ा लंड पुरा मुँह में ले लेती हैं, और गाँड़ भी मरवाती हैं। तो मैं बोला- फिर दीदी हम क्यूँ नहीं करे, हम दोनों को भी बाहर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी ओर जब माँ करेगा चुदाई भी कर सकते हैं।

तो वो बोली- हाँ ठीक हैं पर किसी को बोलना मत! फिर तो मैं उसको जोर से पकड़ कर चूमने लगा और उसने भी मुझे जोर से पकड़ लिया। मैंने अपनी और उसकी टी-शर्ट उतार दी वो मेरे सीने को चूमने लगी और मेरे निपल भी चूसने लगी और मैं भी मजा लेने लगा। फिर मैंने उसकी लोअर उतारी और पेंटी उतार कर उसकी चिकनी चुत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।

वो पूरी मस्ती में आवाजें निकाल रही थी- कपिल.. आआहह.. चाटो.. और चाटो यहह.. सुउम्म्म्म.. अयाया.. उम्म्म्म.. याअहह..’ फिर मैंने उसके बड़े बड़े बूब्स को दबाना चालू किया। थोड़ी देर बाद उसने खुद ही मेरा मुँह अपने एक चुची से लगा लिया और मैं उसकी एक-एक करके दोनों चुची चूसने लगा। फिर मैंने उसे गांड से पकड़ कर लिटा दिया और उसके होठों को चूसने लगा।

कुछ ही पलों में 69 की स्थिति बन गई और मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया। वो भी मेरे लंड को मज़े से चूसने लगी थी। फिर 20 मिनट बाद मैंने अपना लंड उसकी चुत पर रखा और थोड़ा अन्दर घुसाया, तो संगीता चीख पड़ी- कपिल उफ़.. उम्म्म्म अहह आह.. बहुत दर्द हो रहा है.. निकाल लो.. अह.. इसस्स.. मैं रुक गया और उसके मम्मे चूसता रहा।

वो फिर से मस्त होने लगी तो कुछ ही देर में मैंने अपना पूरा लंड अपनी बहन की चुत में घुसेड़ दिया। वो फिर चिल्ला उठी- मर गई.. आआह.. उम्म्म्म.. साले कमीने बहनचोद फाड़ दी.. उफ़..’ दीदी बोली – मुझे चुदते वक्त गाली देने में मज़ा आता हैं तू बुरा मत मानना । मैंने कहा – इसमें बुरा क्या मानना तू मेरी रंडी रखैल हैं आज से तू चाहे जितनी गालियाँ दे देना।

तो बोली- तो फिर अब तू जानवर की तरह चोद दे तेरी रंडी को बहनचोद, फाड़ दे तेरी रखैल की चुत। इतना कहते ही मुझमें और जोश भर आया। और मैं संगीता पर भूखे शेर की तरह तूत पड़ा। दीदी को देर तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने ही वाला था कि मैंने अपना लंड चुत से खींचा और दीदी के मुँह में डाल दिया। उसने भी लपक कर लंड मुँह में ले लिया।

मेरे लंड का पानी उसके मुँह में निकल गया.. वो भी मेरे लंड के पानी को मज़े से पी गई। तब से लेकर आज तक मैंने अपनी दीदी की बहुत बार चुदाई कर चुका हूँ और कई मैंने दीदी की गांड भी मारी है। गाँड़ मारने के लिए उसने खुद ने ही मुझे बोला हुआ हैं, जब दीदी का मन गाँड़ मरवाने का होता हैं तो वो खुद घोड़ी बन जाती हैं और गाँड़ सामने करके बोलती हैं भाई आज तो मेरी गाँड़ तेरे लंड को लेना चाहती हैं। “कातिलाना जिस्म दीदी का”

कभी कभी तो तो संगीता दीदी दिन में ही लंड पकड़ लेती हैं ओर बोलती हैं मुझे प्यास लगी हैं पानी पिला दे। मैंने और संगीता ने मिल कर आज तक बहित सारी चुदाई कर रखी हैं और बहुत सारी चुदाई की तो विडीओज़ भी बनाई हैं । हम अलग अलग तरह की ब्लू फ़िल्म देख कर उसी तरह की पज़िशन में सेक्स करके विडीओ बना लेते हैं।

मैं सभी पाठकों से कहना चाहूँगा जिसे भाई बहन की सेक्स कहानियाँ पसंद हैं और जो अपनी बहन को चोदना भी चाहते हैं। बहन को चोदने मैं कोई बुराई नहीं हैं लंड और चुत मैं सिर्फ़ चुदाई का रिश्ता होता हैं और कोई रिश्ता नहीं होता हैं , और अपनी खुद की बहन को चोदने में कोई रिस्क भी नहीं होता। आप जब चाहो आपको चुदाई मिल जाती हैं कोई भी भाई जो अपनी बहन को चोदना चाहता हैं और उसे समझ नहीं आ रहा हो तो मुझे मैल करके बता सकता हैं। आपको मेरी दीदी की चुदाई की इस सेक्स स्टोरी पर क्या कहना है.. मुझे मेल से लिखिएगा। नमस्कार।। [email protected]

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