हेल्लो, मैं अभिषेक कपाड़िया। मैं जामनगर,गुजरात में छोटे–से गांव से हूं। मेरे घर में मेरे मम्मी–पापा और छोटी बहन रहते हैं। मैं मेरी और मेरे पड़ोसन के बीच की सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं। मेरा नया घर बनना चालू था,इसलिए हमने दूसरे मोहल्ले में किराए से घर लिया था। Hot Padosan Porn
वहां नए लोगों से हमारी जान पहचान हुई। वैसे भी वो गांव हमारे लिए नया था। क्यूंकि हमारा गांव उस गांव से ५–६ किलोमीटर दूर था। मेरा दसवीं का साल था,इसलिए हमने उस गांव में पुराना घर बेचकर नया घर लिया था। क्यूंकि ये नया गांव हाईवे पे था और जामनगर पहुंचने में आसान था। हम उस मोहल्ले में नए थे, फिर भी वहां के लोगों से बहुत मिलनसार हो गए।
उन लोगों में से थी,छाया आंटी। उनका स्वभाव बहुत ही अच्छा था। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था। पड़ोस के सारे बच्चे उन्होंने ही पाले थे। ऐसा पड़ोस की आंटीयां कहती थी। मैं उन्हें जब भी देखता,वे सब के साथ हंसकर ही बात करती थी।
उनका जानवरों के साथ पेश आना मुझे बहुत पसंद था। लेकिन उनका बेटा उनसे दूर था,पढ़ने के लिए। महाराष्ट्र में पढ़ता था, मामा के पास। संयोगता से उनके बेटे का नाम भी अभिषेक ही था। और अभि भैया की बारहवीं हो गई थी। मेरी मम्मी और छाया आंटी अच्छी दोस्त बन गई।
वे जब भी कुछ पकवान बनाती, मेरे लिए भेजती। वैसे मैं उनको भाबू (बड़ी मां) कहकर पुकारता था। उनके जो घरवाले अंकल थे,वे बिल्कुल डरावने थे। वे किसी के साथ बात नही करते थे। मैं उनसे नजर नहीं मिला पाता था। वैसे अंकल और आंटी में उमर का बहुत फासला था, १५ साल का।
लेकिन,फिर भी उनके बाहरी संबंध नहीं थे। छाया आंटी स्वभाव से अच्छी तो थी ही, खूबसूरत भी थी। उनकी उम्र ४१ साल थी, फिर भी ३० की लगती। मुझे उनकी नाक बहुत पसंद थी। वे छोटी कद वाली महिला थी, लेकिन छोटी महिलाएं मुझे बहुत आकर्षित लगती है।
उनका शरीर मीडियम साइज का था। उनके बूब्स गोलमटोल और बड़े थे। उनके बाल थोड़े से घुंगराले थे। वे कमीज और लैगिंज पहनती थी। और उनके माथे की हरी, कभी नीली बिंदिया बहुत आकर्षित लगती थी। मैं उनसे प्यार कर बैठा था,एक तरफा प्यार।
ऐसे ही दिन बीतते गए। गर्मियों में मेरा दसवीं का रिजल्ट आया। मेरा रिजल्ट ८१ टक्का आया। योगायोग, अभि भाई के भी मेरे इतनी ही मार्क्स थे,दसवीं में। मेरे मम्मी पापा बहुत खुश हुए। छाया आंटी ने तो मुझे जादू की झप्पी दी,मेरे मन में लड्डू फूटें। लेकिन आंटी का इसके पीछे कोई इरादा नहीं था।
वो मुझे छोटा समझती थी। पांच–छः दिन बाद अभिषेक भैया आए। हमारी दोस्ती हो गई। हमने प्लान बनाया, किसी रिसॉर्ट (स्विमिंग पूल) में जाने का,क्यूंकि गर्मी के दिन थे। हमारे साथ छाया आंटी और मेरी छोटी बहन भी आने वाली थी। इसलिए हमने 2 गाड़ियां ली,एक मेरी और एक उनकी।
एक गाड़ी पे अभि भैया और छाया आंटी और दूसरी पे मैं और छोटी। जैसे ही गाड़ी गांव से बाहर गई,छाया आंटी ने अभि भईया को कसकर पकड़ा और उनसे चिपक गई। मैंने सोचा जाने दो,आजकल ये आम बात है, मां बेटे के लिए।
हम वेलकम रिसॉर्ट में गए,वहां की फी प्रति व्यक्ति ४५० रुपए थी। हमने रुपए पे किए। आज वहां बहुत कम भीड़ थी। छोटी की सहेलियां भी वहां आई हुई थी,तो वो उनके साथ मस्ती करने चली गई। मैने वहां जाते ही अभि भईया को धड़ाक से धक्का दिया और वे पानी में जा गिरे।
जैसे ही वे गए,उन्होंने मुझे भी पूल में खींच लिया। आंटी को तो ठंडे पानी का डर सा लग रहा था। फिर अभि भैया पानी से निकले और आंटी को गोद में उठाया और पूल में धकेल दिया। फिर वे भी उतरे। हम तीनों ने एक दूसरे के ऊपर पानी उड़ाया।
मैं स्विमिंग सीखने का प्रयास कर रहा था और दोनों मां बेटे मस्ती कर रहे थे। वे दोनों कुछ देर बाद पास पास आए और एक दूसरे से लिपट गए। उनके चेहरे के हावभाव अलग ही प्रतीत आ रहे थे। ये सब मैं दूर से देख रहा था। उनके आसपास बहुत कम लोग थे और वे भी अपनी अपनी धुन में थे।
उन्होंने एकदम से किस किया और अभि भैया के हाथ आंटी के बूब्स पे थे। मुझे ये देखकर बहुत बुरा लगा। मुझे जलन होने लगी। अभि भैया ने आंटी को दोनों हाथों में उठाया, लेकिन मेरी जैसे ही उनसे नजर भीड़ गई, वे एक दूसरे से अलग हुए। मैं उनके पास आया।
आंटी इसे गलतफहमी बताने लगी और बहाने बनाने लगी कि किस करना मां बेटे का प्यार है। और बोली, “आ,बेटा! तुझे भी किस करती हूं।” लेकिन मैने उन्हें रोका। मैं बोला,“ हां,हां आंटी मैं समझ गया।” अब वे पूरी तरह से डरे हुए थे। लेकिन एक बात है, आंटी भीगे भीगे कपड़ों में बहोत सेक्सी दिख रही थी। हम चारों ने कपड़े चेंज किए और घर के लिए रवाना हुए।
ऐसे ही दस दिन बीत गए और अभि भैया चले गए। अब क्या था, मुझे कैसे भी करके आंटी को पटाना था। वैसे मेरी हाईट अभि भाई से बड़ी थी और मैं उनसे मजबूत और ताकतवर था। और उनसे कही ज्यादा शक्ल से हैंडसम था। लेकिन कहते है ना भगवान के घर देर है,अंधेर नहीं। क्या पता क्या जादू हुआ? आंटी को मैं पसंद आने लगा।
क्यूंकि मैं जब भी उनके यहां जाता,वे मुझे हवस भरी नजरों से देखती और स्माइल देती। अब उनके हर रोज मैसेज आने लगे। लेकिन उन्होंने मुझे कभी इजहार नही किया कि मैं उन्हें पसंद हूं। एक दिन उनका मोबाइल बिगड़ा,तो मैं मोबाइल ठीक करने के लिए उनके घर गया।
उस दिन बादल छाए हुए थे और बारिश आने की संभावना थी। दोपहर का टाइम था,घर पर कोई नहीं था उनके। और अभि भैया के चाचा–चाची महाराष्ट्र में शादी में गए हुए थे और अभि भैया के पापा गैरेज गए थे। इसलिए छाया आंटी अकेली थी। फिर क्या होना था? मैंने उन्हें मोबाइल ठीक कर दिया।
उन्होंने कहा कि हम टीवी को मोबाइल कनेक्ट करके फिल्म देखेंगे। मैने टीवी में यूट्यूब लगा दिया और साउथ की फिल्म लगा दी। हम टीवी देखने लगे। चाची अलग बेड पे सोई हुई थी और कुछ देर बाद बारिश आनी शुरू हो गई। बिजलियां कड़कड़ाने लगी।
जैसे ही पहली बिजली हुई,आंटी मेरे बेड पे आई और मेरे से चिपक गई। मैने भी उनको कसकर पकड़ा,लेकिन थोड़ी ही देर में हम एक दूसरे से अलग हुए। अब हम एक ही बिस्तर पे थे। इतने में टीवी पे रोमांटिक किस वाला सीन आया। हम दोनों भी जोर जोर से सांसें ले रहे थे।
थोड़ी ही देर में लाइट चली गई। फिर क्या हम दोनो भी हवस भरी निगाहों से एक दूसरे को देख रहे थे। मैंने उनको अपनी बाहों में भर लिया। जैसे ही उनको मैने बाहों में लिया,मेरे अंदर करेंट सा लगा। आंटी अब सिसकियां भर रही थी। बारिश जोरों से हो रही थी।
आंटी बोली,“ अभि, मैं तुझे बहुत पसंद करती हूं। मैं तुमसे प्यार करती हूं।” मैंने आंटी को और कसकर बाहों में पकड़ा। मैंने उनके ड्रेस में हाथ डाला और उनकी गोरी पीठ को सहलाने लगा। उनकी लेगिंज पर से उनके नितम्बों(गांड़) का आकार बहुत मोहित कर रहा था। मैने झट से उनके नितम्बों को सहलाना चालू किया।
मैने उनके नितम्बों को दबाना चालू किया। बाद में उन्होंने मेरे होठों पर होठ रख दिए। मैने भी उन्हें किस करना चालू किया। उनके होठों की नमी मेरे होठों में समा रही थी। उनके सांसों की महक मुझे पागल बना रही थी। उन्होंने मेरी जीभ को चूसना चालू किया मैने भी उनकी जीभ को चूसना शुरू किया।
मेरा पेनिस (लंड) टाइट हो गया। मैने ऊपर से ही उनके उरोजों (बूब्स) को दबाया। अब उनके मुंह से अचानक आवाज आई,“ लव यू अभि।” अब वे मुझपे टूट पड़ी और मेरी टी-शर्ट निकाल फेकी। वे मुझसे दूर हुई और बाहर का दरवाजा बंद करने चली गई। क्यूंकि कोई भी आने की संभावना थी।
वे दरवाजा बंद करके आई और मुझे लिटाकर मेरे ऊपर बैठ गई। मुझे और किस करने लगी और मेरे बालों से खेलने लगी। अब वो मेरे छाती को चूमने लगी और मेरे निपल्स को चूसने लगी। मेरे पूरे शरीर को चूमने लगी। मैं बहुत गरम हो चुका था,लेकिन अचानक बाहर से मेरी मम्मी ने मुझे पुकार लगाई।
अब हम डरे सहमे थे। अच्छा हुआ जो हम पूरे न्यूड (नंगे) नहीं थे। मैने पटाक से टी शर्ट पहनी और घर चला गया। आंटी बहुत नाराज हुई। दूसरे दिन मैं उनके घर गया। तब भी वे घर में अकेली थी। मैं जैसे ही अंदर गया, आंटी बेडरूम के बाथरूम में नहा रही थी।
उन्होंने बाथरूम का दरवाजा नहीं लगाया था। उन्होंने मुझे अंदर आवाज लगाई और पीठ घिसने को बुलाया। मैं जैसे ही अंदर गया,आंटी का रूप देखता ही रह गया। आंटी पूरी नंगी थी,उन्होंने सिर्फ पैंटी पहनी हुई थी। उनकी पैंटी जामुनी रंग की थी।
अंकल कभी भी आ सकते थे,इसलिए हमने कुछ नही किया। मैने सिर्फ उनको आंखों से निहारा। उनका वो दूध सा गोरा बदन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया,लेकिन मैने खुद को कंट्रोल किया और बाथरूम से आकर घर चला गया। डर था,इसलिए उनकी पीठ भी घिस नहीं दी।
ऐसे ही दिन बीतते गए और मेरा ११वीं का कॉलेज चालू हो गया। मेरी मोबाइल पे आंटी से चैटिंग होती थी। हमें सेक्स का मौका मिल ही नहीं रहा था। एक दिन आंटी ने मुझे बाजार से कुछ सामान लाने को भेजा।
आंटी ने मुझे एक गुड न्यूज़ दी कि हसमुख अंकल दो तीन दिन के लिए गैरेज के काम के सिलसिले में अहमदाबाद जा रहे हैं। और अंकल ने कहा था कि अभिषेक को रात को बुलाना। क्यूंकि अंकल को पता था आंटी रात में अकेली डरती है और अंकल मुझे बच्चा मानते थे। अब ३-४ दिन के बाद अभि भैया के चाचा चाची आने वाले थे।
मैं शाम का खाना खाने के उपरांत छाया आंटी के घर गया। मैंने मम्मी पापा को बता दिया कि छाया आंटी के यहां सोने जा रहा हूं। उन्होंने भी हामी भर दी। मैंने घर को थोड़ा ही खाना खाया था,क्यूंकि छाया आंटी ने मेरे लिए भी खाना बनाया था। छाया आंटी ने मेरे लिए काजू करी बनाई थी। हमने दोनों ने खाना खाया।
छाया आंटी ने बाहरी गेट लगा दिया और अंदर का भी डोअर लगा दिया। छाया आंटी मेरे पास आई और पटाक से मुझसे लिपट गई। हमने खड़े – खड़े एक दूसरे को किस की। मैंने उन्हें उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया। छाया आंटी बोली,“मुझे गर्मी लग रही है, हम पहले ठंडे पानी से नहा लेते है।” हम बाथरूम में चले गए। “Hot Padosan Porn”
मैंने आंटी की कमीज और लैगिंज निकाल दिए। हम दोनों भी नंगे हो गए। अब आंटी ब्रा और पैंटी पे ही थी और मैं सिर्फ अंडरवेयर पे था। मैंने आंटी के ऊपर पानी डाला और उन्होंने भी मुझे प्रतिक्रिया दी और मेरे ऊपर भी पानी डाला। हम दोनों नीचे बैठ गए।
मैने आंटी की ब्रा खोली और बूब्स को दबाने लगा। अब आंटी सिसकियां भर रही थी और मेरा लंड भी उबाल मार रहा था। आंटी ने एकदम से मेरी अंडरवेयर खींची और निकल दी। मैने भी उनकी पैंटी निकाली और उसे मदहोश होकर सूंघा। उनकी चूत बहुत सुंदर दिख रही थी।
उनके चूत पर हल्के हल्के बाल थे,जो मुझे बहुत आकर्षित कर रहे थे। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे। हमने एक दूसरे को साबुन लगायी। मैंने उनके योनि (चूत) और नितम्बों और मेरे लंड को साबुन साफ–सुथरा धोया। मैं भी मेरे लंड की सेविंग कर चुका था। इसलिए वो चिकना दिख रहा था।
हम नंगी अवस्था में बाथरूम से नहाकर बेडरूम में आए। हमने एक दूसरे के बदन को पोछा। लेकिन आंटी के गीले गीले बाल अपना जादू मुझ पर कर रहे थे। हम बिस्तर पर लेट गए। मैंने आंटी का चेहरा अपने हाथों में पकड़ा और उनको ताकता रहा। मैने उनको किस किया। “Hot Padosan Porn”
हमने एक दूसरे के जीभ को चूसना चालू किया। मैने उनके नाक को हल्का सा काटा। फिर मैने उनके कान को भी हल्का सा दांत से काटा। मैने उनको उल्टा किया और उनके पीठ को सहलाया। उनके पीठ को चूमा और पीठ को चाटने लगा। उनको फिर से सीधा किया और उनके बूब्स को दबाने लगा।
उनके निपल्स को चूसने लगा। वो अब गर्म हो चुकी थी। उनकी खाक बहुत चिकनी लग रही थी और उसकी गंध मुझे पागल कर रही थी। मैने उनकी खाक को भी चूमा। मैने उनके पेट को चूमते चूमते उनकी नाभि को जमकर चाटा। मैने उनके चूत को छुआ और उसमें उगलियां डालने लगा।
फिर उनके जांघों के बीच चूमा और उनकी चूत को भी चूमने लगा। मैने बर्फ ली और मुंह में रखकर उनकी चूत को चाटने लगा। उनकी वो मुलायम चूत और उसकी महक मुझे पागल कर रही थी। मैने उनके पंखुड़ी (चूत) पर मेरे होठ रख दिए। अब मैं अपनी जीभ से उनकी चूत को चाट रहा था,वो भी गर्म हो चली थी। “Hot Padosan Porn”
अब उन्होंने मुझे लिटाया और वो मुझे चूम रही थी। मेरे सीने को हाथों से सहला रही थी। उसने मेरे छाती को चूमा और मेरे निपल्स चूसने लगी। अब वो थोड़ी नीचे आई और मेरे टाइट लंड को हाथों से हिलाने लगे। मेरे लंड को चूमने लगी। अब वो मेरे लंड को जीभ से चाटने लगी।
अब उसने मेरा पूरा लंड मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। मुझे वो स्वर्ग का अहसास देने लगी। मैने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। और हम किस करने लगे। मैने उसकी टांगों को ऊपर उठाया और चौड़ा किया। मैने उसके दोनों भी टांगे अपने खंदे पर ली।
मैने अपना लंड उसके चूत पे रगड़ा। और एक जोरों का झटका देकर अपना लंड उनकी चूत में डाला। मेरा लंड उनके अंदर जाते ही वो कराहने लगी। मुझे जन्नत की अनुभूति हो रही थी। मैने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और उनकी चूत को चोदने लगा। मैने उनको ३० मिनट तक चोदा। “Hot Padosan Porn”
फिर हम दोनों पूरी तरह से झड़ चुके थे। और थक चुके थे। फिर दोनों ने थोड़ा पानी पिया और चिपक के सोकर बातें करने लगे। १५ मिनिट के बाद मेरा लंड फिर से टाइट हो गया। आंटी मेरे लंड को चूसने लगी। मैने आंटी को लिटाया और उनके कमर के नीचे तकिया लगाया।
अब मैंने मेरे लंड का टोपा उनकी चूत पे घिसा और जोर लगाकर एक ही झटके में घुसा दिया। उनकी चीख ही निकल पड़ी। अब मुझे पहले राउंड से ज्यादा मजा आ रहा था और उन्हें भी। मैंने चोदते चोदते उनके गांड़ पे हाथ फेरा। बहुत मजा आ रही थी।
फिर मैने एक उंगली उनके गांड़ के छेद पे लगाई। और उन्हें बोलने लगा कि मुझे आपकी गांड़ मारनी है। वो मुझे इसके लिए मना कर रही थी। लेकिन मैने उन्हें समझाया और वो मान गई। मैने थोड़ा बॉडी लोशन लाया और उनके गांड़ और छेद पे लगाया, ताकी लोशन की चिकनाई से उन्हें दर्द कम हो। “Hot Padosan Porn”
मैं उनके छेद में एक उंगली डालने लगा। मैने उनको तसल्ली दी कि दर्द नहीं होगा। मैने थोड़ा थोड़ा करके छेद में उंगली डाली। अब उनको वो दर्द होने लगा,लेकिन थोड़ी बार कम हो गया। मैने अब उन्हें लिटाया और उनके नीचे तकिया लगाया। मैने धीरे धीरे करकर उनकी गांड़ में लंड घुसाया। उन्हें थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा।
लेकिन फिर कुछ देर बाद उन्हें दर्द में मजा आने लगा। अब वे भी गांड़ उठाकर मेरा साथ दे रही थी। मैने थोड़ी देर बाद लंड गांड़ से निकालकर उनके चूत में डाल दिया। अब मैने उनको ४५ मिनट चोदा। अब हम दोनों पूरी तरह से थक गए थे। अब रात के तीन बजे थे। हम दोनों एक दूसरे को चिपक कर सो गए। मुझे फिर से पांच बजे जाग आया और हमने फिर से एक बार चुदाई की।