खेत में हगने की सेक्सी सजा मिली माँ को

ये कहानी तब की है जब घरों में गांव में शौचालय नहीं बनें थे। मम्मी मेरी एक देशी औरत हैं, जिनके नाजुक मांसल चूतड, झांटों वाली बुर और भरी मुलायम छातियां और एकदम गहरी नाभि है। मम्मी रोज लैट्रिन करनें खेत में सुबह जाती थीं और वहीं पास में ही एक डाकू चमार रहता था और रोज मम्मी को अंधेरे में देखता था। Village Aurat Jabardast Chudai

चूंकि उस ओर खेत बड़े थे और कोई जाता नहीं था इसलिए मम्मी उधर ही जाती और मम्मी को ये बात पता नहीं थी कि ये उसी डाकू का खेत है। डाकू पहले तो बड़ा नाराज होता, मगर एक दिन उसने मम्मी को हगते देखा और कोमल से चूतड़ों को देखा, तो उसने निश्चय किया कि एक दिन मम्मी को अपने लंड पर बिठा कर मानेगा।

तब से मम्मी को घूरने लगा और उनको गांव में अक्सर देखा करता। मम्मी को एक रात बड़े जोर की लैटिन लगी और घर में सब सो रहे थे तो मम्मी ने किसी को बताना उचित नहीं समझा और पानी लेकर निकल गई और तभी वो डाकू चमार मूतने के लिये उठा था।

उसने मम्मी को आते देखा और मम्मी लैम्प बुझा कर हगनें लगीं और जैसे शौंच चुकीं वैसे ही वो डाकू चमार सामने आ गया। मम्मी जल्दी से पेटीकोट उठाकर चलने को हुईं कि उसने मम्मी को गालियां देना शुरू कर दिया कि मादरचोद रांड रोज सारे खेत में हग देती है‌ मम्मी कहीं जबान संभाल के और दोनों लड़ पड़े।

उसने मम्मी के ब्लाउज पकड़ कर अपनी ओर खींचा मम्मी का ब्लाउज चरचराकर फट गया और मम्मी के दूध हवा में तैर गये और उसकी नंगी छाती पर मम्मी अपनी नंगी चूंचियां लेकर गिर पड़ी। उसने आव देखा न ताव मम्मी की चूचियां दबाने लगा।

मम्मी उससे छूटने का प्रयास करनें लगीं, तो उसने मम्मी का पेटीकोट ऊपर उठाकर वहीं घनी फसलों के बीच अपनी लूंगी उतार कर उनकी टांगें दबा लीं और मम्मी को चोदने लगा। मम्मी सिसकने लगी और छूटने की मिन्नतें करने लगी। मगर उसकी वासना एकदम शबाब पर थी।

पन्द्रह मिनट तक मम्मी को चोदने के बाद उनकी बुर में शांत होकर उनके सीने पर लेट गया और कुछ देर बाद बोला कि चल अंदर वरना पूरे गांव को बता दूंगा कि तुम मुझसे चुदवाती हो। मम्मी कुछ बोल नहीं पायीं और उन्हें उठाकर ले गया अपने बिस्तर पर और अब उसने मम्मी को चिमनी के उजाले में देखा और मम्मी ने उसको।

मोटा वीर्य चुआता लंड जो कुछ देर पहले मम्मी की चूत भरकर निकल आया था, काला बालों से भरा बलिष्ठ शरीर। और मम्मी एकदम गोरी चिकनी गदराई घरेलू माल। उसने मम्मी को चिमनी की रोशनी में अपनी गोद में बिठा लिया और उनकी एक चूची मसलता, दूसरी चूसता और ऐसा उसने तब तक किया जब तक चूंचियां एकदम लाल न हो गईं।

पता नहीं क्या हुआ कि मम्मी की छातियों में दूध उभर आया और उसने एक बर्तन लिया और मम्मी की चूचियां दबा दबा कर खूब उनका दूध निकाला। मम्मी की बुर और छातियों की तो उसने अब तक खूब दूर्गत कर दी थी अब बारी थी मम्मी की गांड़ की, तो उसने मम्मी को खड़ा किया और खड़े उनकी गांड़ में लंड पेल दिया।

मम्मी ने कभी गांड़ नहीं मरवाई थी इसलिए जोर से चिल्लाई तो उसने कहा चुप रह मादरचोद रंडी, मम्मी के निप्पल उमेठते हुए मम्मी की गांड़ मारने लगा। मम्मी आआाआआऐआआआहहहहआआआआाआ, नईईईईईईईई, मआआआआआआरडआआआललआआआआ। उनकी गांड़ से खून निकल उठा लेकिन उसने चोदना जारी रखा और मम्मी एकदम रोने लगीं।

मैं भी मम्मी को बिना बताए लैट्रिन करनें आया था, तो मम्मी के साथ ये सब देख मैं जोर से वहीं मम्मी चिल्ला उठा और ये देखकर उस डाकू चमार ने मम्मी को छोड़ मुझे बाहर से पकड़ कर अंदर ले गया। मम्मी से मैं लिपट गया और मम्मी नंगी ही मुझे प्यार करने लगीं।

अक्सर रातों को जब मुझे नींद नहीं आती तो मम्मी अपनी चूंचियों का निप्पल मेरे मुंह में डाल देती हैं। मैं मम्मी के साथ ही नहाता हूं, इसलिए मम्मी को अक्सर नंगी मैंने देखा है। इतनें में उस डाकू चमार ने मम्मी को कहा चल उठ खड़ी हो.

मम्मी मनाकरनें लगीं तो मम्मी के बगलों में हाथ डालकर चूंचियां को पकड़ कर मम्मी को खड़ी किया और मेरे सामने उनकी एक टांग को आलमारी पर टिकाकर उनके पीछे से जाकर उनकी बुर में लंड ठूंस दिया और दोनों हाथों से चूंचियां पकड़ कर मम्मी को चोदनें लगा.

और बोला देख अपनी रंडी मम्मी को, बुरचोदी, छिनाल मम्मी को साली मादरचोद बहुत गर्म करती है, आह तेरी चूची, मन करता है , दबाता ही रहूं, तेरी बुर मन करता है चोदता ही रहूं, तुझे अब जब मन कहेगा चोद डालूंगा, मादरचोद कुतिया।

मेरे सामने ही मम्मी की इतनी बुरी तरह चुदाई की, मम्मी झड़ गई, तो उठाकर बेड पर ले गया और लिटा कर मम्मी की चूत मारने लगा। मम्मी ने मुझे अपने पास बुलाकर रजाई में अंदर कर लिया, पीछे से वो मम्मी की गांड़ मार रहा था, आगे मम्मी मुझे अपना दूध पिला रही थी।

डाकू चमार ये दृश्य देख पगला गया और मेरे मुंह से मम्मी की चूची खींचकर खुद पीने लगा, मैंने उससे जबरदस्ती की तो उसने मम्मी को एकचाटा मारा मम्मी कुछ नहीं कुछ नहीं बोली तो पूरी वासना में अपना लौड़ा बाहर निकाल कर आया और मम्मी की दोनों चूचियों में दबाकर उनकी चूची चोदने लगा।

और कुछ देर में अपना वीर्यपात उनके मुंह पर कर दिया और पूरी चूचियां मम्मी की उसके वीर्य से भीग गई। उसका लौड़ा था कि शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था। तुंरत उसने मुझे बिस्तर से हटकर मिशनरी पोजीशन में मम्मी को दबोचा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर उनके होंठों को चूसने लगा, उनके बगलों को चाटने लगा। “Village Aurat Jabardast Chudai”

मम्मी की चूत से कई बार पानी बहा, मगर उसका लौड़ा शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा, रजाई के अंदर से केवल मम्मी के गूंंगगगगगग आहआआआआआाआआ, नीईईईईईईईईईईई, धीरे चोद हरामखोर, मेरी चूत है, मशीन नहीं की आवाज आ रही थी।

रजाई हटाई जब उसने मम्मी पूरी पसीने से लथपथ और फिर मम्मी की एक टांग को उठाकर चाटते हुए घचघचघचघच करनें लगा, मम्मी पलंग के किनारों को पकड़ कर तड़प रही थीं। उसने फिर मम्मी को घोड़ी बनाया और अब तक जितना बुरा चोदा था, उससे भी बुरे तरीके से मम्मी को दीवाल के सहारे यानि मम्मी कुतिया बनीं थी.

उनके हाथ दीवाल पर थे, पीछे से जोर जोर से लंड उनके अंदर बाहर हो रहा था, मम्मी चिल्लाने लगीं, वासना में और वो भी पागल होकर वासना मम्मी को गालियां देते हुए साली मादरचोद, कुतिया, रंडी, बहुत हगती है मेरे खेत में आज मेरा लौड़ा तेरे चूतड़ों को हगाएगा। साली छिनाल बुरचोदी ले।

उसने मम्मी को बिस्तर पर लिटाया और मिशनरी पोजीशन में छातियां दबाते, मम्मी के होठों को चूसते हुए बहुत जोर से आहआाआह चिल्लाकर मम्मी को कसकर दबोच कर उनकी चूत में शांत हो गया और जब वो जब सो गया मम्मी मुझे लेकर चलीं आईं।

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