दीदी और मौसेरी बहन दोनों को लंड चाहिए 6

हाय दोस्तो मैं रियाज, कैसे है आप सभी लोग. दोस्तों आपने मेरी कहानी के पिछले भाग दीदी और मौसेरी बहन दोनों को लंड चाहिए 5 अभी तक आप लोगो ने पढ़ा शाजिया दीदी अपनी ब्रा को मेरी ओर फेक दिया और फिर दोनो बहन मस्ती करने लगी अब आगे की कहानी लिख रहा हु अब नगमा ने अपने बूब्स को शाजिया दीदी के बूब्स पर रगड़ा तो उसके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी. Bahan Group Chudai

आआआहह अम्मी करती वव्वाअहह मज़ा आ रहा है. नगमा बहन ने उसके निप्पल्स को पकड़कर ज़ोर से निचोड़ दिया जवाब मे उसने नगमा के चेहरे को पकड़ा और उनके होंठो पर टूट पड़ी कुछ ही देर मे दोनो बहने एक दूसरे के होंठो का रस पीने मे, एक दूसरे की छातियाँ रगड़ कर उनका दूध पीने मे लगी थी.

और पूल से कुछ ही दूर बैठे मैं अपना मुँह खोले उनके इस रूप को देख रहा था आज से पहले ऐसा एग्ज़ोटिक सीन तो हमने क्षकशकश मूवीस मे भी नही देखा था. लेकिन मैं भी यही चाहता था पहले दोनो बहन मस्ती करते अपनी चरम सीमा तक पहुंच जाए उसके बाद मै दोनो बहन को अपने लंड पर बैठा के पानी में भिगो भीगो चोदूंगा पहले दोनो को अपने चरम सीमा तक पहुंच जाने का इंतजार कर रहा था.

मस्ती करते हुए नगमा बहन एक कदम और आगे निकल गयी और उन्होने अपने साथ-2 शाजिया दी की भी पेंटी निकाल कर बाहर उछाल दी अब उस छोटे से पूल मे वो दोनो बहनें जन्मजात नंगी थी, मैने नगमा की तरफ देखा, जो साजिया दीदी से बहुत ज़्यादा मस्ती कर रही थी मैं एक बार फिर से दोनो बहन को नंगा देख कर उत्तेजित हो रहा था.

मेरा हाथ अपने लंड पर था, जिसे मैं धीरे-2 मसल रहा था. मैने बियर का सीप भरते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे रगड़ने लगा नगमा बहन ने शाजिया दीदी को पूल के किनारे बिठा कर उसकी टाँगो को अपने कंधे पर रख लिया और फिर वो उसकी चूत को किसी कुतिया की तरह चाटने लगी.

शाजिया दीदी ने उसके सिर को पकड़ कर अपनी टांगे उसके सिर के चारो तरफ लपेट दी और खुद पीछे होकर लेट गयी बिल्कुल हमारे चेयर के बीचो बीच..नगमा ने उसकी चूत चूसनी शुरू कर दी. अपनी कुँवारी चूत मे पहली बार इतनी अंदर तक एक लड़की की जीभ को घुसता देख कर वो ज़ोर से चिल्लाने लगी.

आआहह दिदीईईई माआअर दलाआा उफफफफफफफफफफफ्फ़ मज़ाआअ एयाया गय्ाआआअ रे अहह और ज़ोर से चूसो मेरी मुनिया को अहह हाआंणन्न् यही पर मेरे दाने को हां उसे लो मुँह मे अहह येस्स्स्स्स”. वो जल से निकली मछली की तरह हमारे सामने पड़ी तड़प रही थी.

और तड़प्ते-2 उसने अपने हाथो से मेरे पैर को पकड़ लिया एक हाथ से मेरे पैर को और दूसरे से चेयर को एक पल के लिए तो मैं पसीने-2 हो गया अपनी नंगी बहन मेरी सामने ही अपनी चूत चुस्वा रही थी और उसने मेरा पैर भी पकड़ लिया था.

अब मेरा हाथ काँप से रहे थे बियर पी ही नही जा रही थी मेरी नज़रें बस अपनी बहन की मचल रही जवानी को देखने मे बिज़ी थी, शाजिया दीदी की चूत चूस रही नगमा के दिमाग़ मे जैसे एक प्लान आया उसने अपना चेहरा शाजिया दीदी की चूत से हटा लिया.

शाजिया दीदी फिर से तड़प उठी ”आअहह डीईईईईई ये क्या चूसो ना इतना मज़ा आ रहा था आओ ना प्लीज़” पर नगमा के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था उसने आँखो ही आँखो मे मुझे कुछ इशारा किया और मैं उनका प्लान समझ नहीं पाया.

नगमा– “नही शाजिया दीदी अब और नही मैं तो थक गयी तुम रियाज़ भाई जान से बोल के अपनी चूत चुसवाले दीदी अब ”शाजिया दीदी ने मेरी तरफ देखा तो मैने झट से मना कर दिया और बोला – “नही अभी नही मैं पहले अपनी बियर ख़त्म कर लूँ उसके बाद ”साजिया दीदी चिल्लाई – “तुम्हे अपनी बियर की पड़ी है और यहाँ मेरी पुसी सुलग रही है जल्दी आओ और चूसो इसे.”

मैं अपनी ही मस्ती मे बियर पीने मे लगा रहा नजमा भी पानी मे उतर कर टाइम पास करने लगी शाजिया दीदी को गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर उसे मेरे और नगमा के प्लान के बारे मे पता नही थाव शाजिया दीदी गुस्से मे भरकर खुद ही अपनी चूत को बुरी तरह से मसल्ने लगी.

एक हाथ उसका अपनी चूत पर था और दूसरे मे अभी तक मेरे पैर पर था जिसे उसने उत्तेजना मे भरकर बुरी तरह से दबा रखी थी उसके नाख़ून मेरे को चुभ रहे थे पर उसके मुँह से उफ्फ नही निकल रही थी, शाजिया दीदी अपनी ही धुन मे, आँखे बंद करके अपनी चूत मसल रही थी कि तभी, उसके कानो मे मेरी आवाज़ टकराई शाजिया दीदी अगर तुम चाहे तो क्या मैं कुछ मदद करूं.

मेरे मुँह से ऐसी बात की उम्मीद किसी को नही थी नगमा को तो बिल्कुल ही नही. पर मुझे थी शायद, और मै ऐसा करू इसलिए ही नगमा बहन ने ये प्लान बनाया था शाजिया दीदी की चूत को चूस्कर उसे अधर मे लटका कर छोड़ने का और अब उसकी अधूरी प्यास, उसका खुद का भाई बुझाने आ रहा था. “Bahan Group Chudai”

नगमा के मुँह से लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ मे निकला हां भाई आ जाओ और मेरी चूत को चूसो शाजिया दीदी की हां करने की देर थी और मैं उछलकर पानी मे कूद गया, मुझे अपने कपड़ो की भी परवाह नही थी कि वो गीले हो रहे है और ना ही मुझे बियर की जो उसने नीचे फेंक दी.

और वो भी ठीक काजल के चेहरे के करीब, वो बहती हुई बियर उसके नशीले बदन से टकराई और उसमे और नशा पैदा करने लगी. मेरा लंड तो पहले से ही बाहर निकला हुआ था, पानी मे भी खड़े हुए लंड को सॉफ देखा जा सकता था, मै ठीक उसी पोज़िशन मे आकर खड़ा हो गया जिसमे कुछ देर पहले नगमा दी खड़ी थी..

अपनी जवान बेहन के नंगे बदन को इतने करीब से देखने के बारे मे मैंने शायद सपने मे ही सोचा होगा आज तक, और आज वो सपना सच होकर उसके सामने..नंगी साजिया दीदी की शक्ल मे पड़ा था, उसकी आँखो मे लाल डोरे तैर रहे थे.

शाजिया दीदी की चिकने बदन को देख कर, उसके फूले हुए सीने को देख कर और उसकी रिस रही चूत की पंखुड़ियो को देख कर मेरा लंड बुरी तरह उपर नीचे हो रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे पानी मे कोई बवंडर बन रहा है.

और मैंने अपनी कमसिन दीदी की जांघे पकड़ कर अपने कंधे पर रख लिया और उस मांसल जाँघ पर मैने अपने होंठ लगा कर ज़ोर से साँस ली अहह उम्म्म्म भाय्य्याअ” उई अम्मी अपने भाई की गर्म साँसे उसे अपने बदन पर जलती हुई सी महसूस हो रही थी.

मैंने ने अपना मुँह खोला और शाजिया दीदी की जाँघ पर काट लिया, और काटता चला गया, जैसे उसकी मांसल टाँग का टंगड़ी कबाब बनाकर छोड़ेंगे और उसकी सफेद जाँघ पर लाल-2 निशान बनाता हुआ मैं धीरे-2 उपर आने लगा, उनकी चूत की तरफ. शाजिया दीदी अपनी जाँघ पर इतने हिंसक तरीके से हमला होता देख कर, अपनी नर्म चूत की चिंता सताने लगी थी शाजिया दीदी को.

शायद ये सोचकर कि जब यहाँ ऐसे काट रहा है तो चूत से तो उसने खून निकाल देना है, वो दीदी मेरे सिर को पकड़ कर दूर धकेलने लगी, पर अंदर ही अंदर, अपनी चूत से निकल रही तरंगो को महसूस करके, वो उतनी ताक़त नही लगा रही थी ,जिससे उसे दूर रखा जा सके.

इसलिए धीरे-2 मेरा चेहरा शाजिया दीदी कि चूत के करीब आने लगा, और जल्द ही वो ठीक दीदी की चूत पर आकर रुक गया, दीदी को ऐसा लगा जैसे वक़्त ही रुक गया है, मै अपनी प्यासी आँखो और जीभ से दीदी की नंगी चूत को देख रहा था और दीदी की गुलाबी सुंदरता मे खोकर मेरे मुँह से लार निकल कर दीदी की चूत पर जा गिरी… “Bahan Group Chudai”

साजिया दीदी को ऐसा लगा जैसे गर्म तवे पर पानी की बूँद आ गिरी है.अभी तक मुझे रोकने मे लगी दीदी मे ना जाने कैसी ठरक चढ़ि की उसने मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खींचा और ज़ोर से चिल्लाई अहह चुसूओ नाआआअ भाईईईईईईईई.” अ अम्मी हे भाई फार दे चिलाने लगी और जैसे ही मेरा मुँह अपनी बेहन की चूत पर आकर लगा.

दोनो के मुँह से एक कंपा देने वाली सिसकारी निकल गयी. ऐसा लगा जैसे देसी घी का तड़का लग गया है, ऐसी सनसनाहट सी निकल रही थी दोनो की सांसो से.ये उन भाई बेहन का वो मिलन था , जिसकी वजह नगमा बेहन थी.

अब मैं दीदी की चूत चुसाई में मगन हों गया और दीदी भी मेरा साथ देने लगी करीब 15 मिनट बाद साजिया दीदी मेरे मुंह में झरने लगी मैं भी दीदी की चूत मलाई नमकीन स्वाद और सेहत बनाओ घी पुरा खा गाया अब साजिया दीदी निढाल हो गई और बिना बॉल चाल के लम्बी लम्बी सांसे लेने लगीं सब आगे की कहानी भाग 7 में लिखूंगा.

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