देवर के लंड से घर में सबको चुदवाना था

सबसे पहले मैं आपको अपने और अपनी फैमिली के बारे में बता दूं, मैं सुप्रिया एक 22 साल की खूबसूरत जवान लडकी हूँ। और मेरे परिवार में मेरे सास ससुर मेरे पति संजय जो एक प्राइवेट कंपनी में बहुत अच्छे पद पर नौकरी करते हैं, और उनकी टूरिंग जोब है। Ghar Ki Samuhik Chudai

मेरे पति की चार बडी बहनें है, सबसे बडी हेमा जो विधवा है और एक जवान बेटी रितु की माँ है। और एक स्कूल टीचर है और हमारे घर के बगल में रहती है। दूसरी अनीता और तीसरी प्रिया और सबसे छोटी बहन माधुरी है। जो एक तीन महीने के बच्चे की माँ है, और इस स्टोरी की सबसे बडी पात्र है।

मेरा देवर सुधीर जो इस चूदाई कहानी का नायक है, और अभी उसकी सरकारी नौकरी सेहत महकमे में लैब टेक्नीशियन की लग चूकी है पर अभी वो अपनी पोस्टिंग का इंतजार कर रहा है। मेरा मायका परिवार भी जालंधर में ही रहता है, जिसमें मेरे मम्मी पापा और मेरे छोटी बहन मीरा और भाई पियूष हैं।

अब मैं अपनी स्टोरी पर आती हूँ, अप्रैल को मेरी शादी संजय से हुई और रात को जब मैं सुहाग सेज पर बैठी अपने पति का इंतजार कर रही थी। तो मेरे दिल में बहुत से ख्याल आ जा रहे थे, और मैं रोमांच से भरपूर थी और तभी संजय आ गए। मैं अपने पति के पांव छूने लग गयी, पर मेरे पति ने मुझे कंधों से पकड कर बिस्तर पर बैठाया।

वो मेरी पीठ अपनी और करके मेरे चूतडों पर हाथ फेरने लग गये, और कूछ देर बाद संजय ने मेरा लहंगा और कच्छी उतार कर मूझे उल्टा लिटा कर मेरे चूतड पर थप्पड़ मारने लग गये। फिर उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में घूसेड दिया, और मैं दर्द से तडपने लग गयी। कुछ देर बाद संजय के लंड से वीर्य मेरी गांड में छूट गया, और संजय ने मुझसे पूछा।

संजय – सुप्रिया मजा आया?

वो मेरा जवाब सूने बिना मुझे कपड़े पहनने को बोल कर सो गए, और मैं अपनी सूहाग सेज पर बिना चूदे तडपती और रोती हुई अपनी किस्मत को कोसती रही। मेरे पति जोर से खर्राटे लेते हुए गहरी नींद में सो गए, और मैंने तो ढंग से लंड का दीदार भी नहीं किया था।

क्यूँकि जब मैंने अपने पति की तरफ देखा, तो वो कपड़े पहन कर सो चूके थे। अगले दिन सुबह मेरी सबसे छोटी ननद माधुरी दीदी हमारे कमरे में चाय लेकर आई, और मुझे देख कर हंसते हुए वो बोली।

माधुरी – भाभी लगता है भईया ने रात भर सोने नहीं दिया।

फिर वो बिस्तर की तरफ देख कर मेरी और घूरने लग गयी, और मैं कूछ कहती इससे पहले ही दीदी चली गई। उसके बाद मैं नहाई और अनमने मन से तैयार हूई, जब मेरे पति चले गए उसके बाद माधुरी दीदी मेरे पास आई। पहले तो दीदी इधर-उधर की बातें करती रही, फिर मुझसे पूछा – भाभी एक बात पूछूँ सच बताओगी?

मैं – दीदी आप ऐसे क्यों कह रही हो, आप जो भी पूछना चाहती हो बेझिझक होकर बोलो।

फिर दीदी थोडा सोच कर बोली – भाभी सूबह जब मैं आपके पास आई थी, तब आप बहुत दुखी लग रही थी और लग रहा था जैसे आप रात भर रोई नही हो ऐसा क्यों?

मैंने कहा – दीदी ऐसी कोई बात नहीं है आपको ऐसे ही वहम हो गया।

दीदी ने कहा – भाभी ये वहम नहीं है, मैं भी एक औरत हूँ और मुझे पता है कि सुहागरात को नई नवेली दुल्हन के साथ क्या होता है। और सुबह जब मैं आई थी तब आपका बिस्तर भी एकदम साफ था और सुहागरात के बाद बिस्तर का साफ होना कोई अच्छा संकेत नहीं है। अगर कोई ऐसी बात है, तो मुझे बताओ जितना हो सकेगा मैं आपकी मदद करूंगी।

उसके बाद मैंने दीदी को अपनी सुहागरात की पूरी स्टोरी बता दी, और मैंने अपनी फटी हुई गांड दीदी को दिखाई। दीदी अपने भाई की करतूत पर अपने माथे पर हाथ मार कर बोली – हे भगवान ये क्या हो गया।

फिर कुछ देर बाद वो बोली – भाभी जो हूआ बहुत गलत हूआ, पर मैं आपके साथ हूँ और मैं आपके लिए सिर्फ इतना तो कर ही सकती हूँ। कि अगर तुम्हे एतराज न हो तो मैं तुम्हारे लिए एक दमदार मर्द का इंतजाम कर सकती हूँ।

जो तेरी सैक्स की हर इच्छा अच्छे से पूरी करेगा, और किसी को कूछ भी पता नहीं चलेगा और घर की बात घर में ही रह जाएगी। आगे जिंदगी आपकी है और फैसला आपका है, पर कोई भी निर्णय लेने से पहले एक बार अपने और इस परिवार के बारे में भी सोच लेना। मेरी बात पर भी गौर करना ठीक है भाभी।

ये कह कर दीदी मेरी और हसरत भरी निगाहों से देखने लग गयी, मैं भी दीदी को ऐसे देख रही थी जैसे दीदी को सब कुछ पता है। और अब वो मुझसे हमदर्दी जता कर अपने भाई की कमी छूपा रही है।

मैंने कहा – दीदी आप ये ऐसा क्यूँ कह रही हो? क्या आपको इस सब का पहले से ही पता है?

दीदी बोली – भाभी मैंने तो एक बडी बहन होने के नाते आपसे बात की है, अगर तुम्हें मेरी बात का बुरा लग गया तो मैं आपसे माफी चाहती हूँ।

ये कह कर वो जाने लग गयी, तो मैंने दीदी को रोक कर कहा – दीदी आप बुरा मान गई हो।

फिर मैंने हंस कर कहा – दीदी बताओ तो वो कौन है, जो मेरी सैक्स की इच्छा भी पूरी करेगा और किसी को कूछ भी पता नहीं चलेगा।

दीदी बोली – भाभी अब शर्म कैसी अब खूल कर बोल तू बोल तू अपनी चूत का उदघाटन कैसे लंड से करवाना चाहती है, या फिर पहले से लंड का मजा ले चुकी है? और अगर चूद चूकी है, तब भी तू उस लंड को भूल जाएगी ये मेरा तुमसे वादा है।

मैंने कहा – दीदी मैंने तो अपने आप को आपके भाई के लिए सम्भाल कर रखा हुआ था, पर अब जैसे तुम कहोगी वैसा ही होगा।

अब दीदी मेरे बूब्स मसल कर बोली – भाभी बस अब बहुत जल्द तेरी चूत में एक दमदार लंड होगा, और तेरी जवानी के सभी अरमान पूरे होंगे।

मैंने फिर पूछा – दीदी बताओ न कि वो कौन है?

दीदी बोली – भाभी तू ये समझ कि वो मेरे बच्चे का पापा है, और अब बहुत जल्द तेरे भी होने वाले बच्चों का भी पापा होगा।

मैंने कहा – दीदी तो क्या जीजू?

दीदी मेरी बात सुनकर बोली – भाभी तू बस आम खाने से मतलब रख पेड गिनने से नहीं, और बहुत जल्द तेरी चूत फट कर भोसडा बनने वाली है।

मैंने पूछा – दीदी मुझसे अब और इंतजार नहीं होता।

दीदी बोली – बस अब ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते लगेंगे और काम इससे पहले भी बन सकता है। अब मैं तेरी चूदाई के लिए रास्ता तैयार कर रही हूँ, और अब तेरी चूत से लंड ज्यादा दूर नहीं है।

ये बोल कर दीदी हसते हुए मेरे पास से उठ कर चली गई। एक हफ्ते बाद घर में मम्मी पापा की तीर्थ यात्रा की बात चलने लग गयी, और माधुरी दीदी ने मुझे बताया कि मैं मम्मी पापा को तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए कहूँ।

मैंने भी मम्मी पापा को तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए बोला, और मम्मी पापा का तीर्थ यात्रा का कार्यक्रम तय हो गया। उसी दिन मेरी सास ने माधुरी दीदी को कहा – कि वो और ससुर जी 15 तारीख को यात्रा पर जा रहे हैं और माधुरी घर और मेरी देखभाल के लिए यहां जालंधर में आ जाए।

माधुरी दीदी ने कहा – मम्मी आप बेफिक्र होकर यात्रा पर जाओ, मैं 15 को शाम तक आ जाउंगी।

फिर माधुरी दीदी ने मुझे फोन करके कहा – भाभी अब जैसा मैं कहूँ वैसे करती चलो।

अब मैं दीदी के निर्देशानुसार चलती रही, और फिर 14 की शाम को जब मैं मम्मी पापा के जाने की तैयारी कर रही थी। तभी दीदी का फोन आया और वो मुझे बोली।

दीदी ने मुझसे कहा – भाभी अब तुम अपनी भी तैयारी कर, और कल मम्मी पापा के जाने के बाद जब भईया भी चले जायेगें। तो तुमने सबसे पहला काम अपने जिस्म को साफ करना है, क्यूँकि सुधीर को जिस्म पर बाल बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते है खास तौर पर चूत और कांख के बाल। उसके बाद अपनी चूत को साफ करके, जब मैं घर आऊं तब तूम नंगी होकर मेरा इंतजार करना।

मैंने कहा – दीदी तो क्या देवर जी।

दीदी मेरी बात काट कर बोली – भाभी मै जैसे कह रही हूँ वैसे करो।

फिर उसने फोन काट दिया और शाम को जब संजय घर आए, तो वो बोले – मैंने कल आफिस के काम से एक हफ्ते के लिए दिल्ली जाना है, और मैं चाहता हूँ कि तू भी मेरे साथ चलो।

मैंने कहा – ये कैसे हो सकता है, क्यूँकि कल मम्मी पापा तीर्थ यात्रा पर जा रहे हैं और माधुरी दीदी घर आ रही है। ऐसे में हमारा जाना क्या अच्छा लगेगा?

संजय मेरी बात मान गए और बोला – तो ठीक है मैं भी कल सूबह आठ बजे निकल जाऊंगा, और मैं सुधीर से कह दूंगा कि हमारे जाने के बाद तू अपनी भाभी का ख्याल रखना।

सुधीर एक शरारती हंसी हंस कर बोला – भईया मम्मी पापा आप भाभी की तरफ से बेफिक्र होकर जाओ, मैं भाभी का बहुत अच्छे से ध्यान रखूंगा।

अगले दिन सुबह जब मैं किचन में मम्मी पापा के लिए खाना बना रही थी, तब सुधीर मेरे पास आकर बोला – भाभी आपकी माधुरी दीदी से बात हो गई है ना? अब मैं मम्मी पापा को बस स्टैंड पर छोड़ कर माधुरी दीदी को लेने जा रहा हूँ, और भईया के जाने के बाद जैसा दीदी ने कहा है वैसा ही करना। मैं अभी माधुरी को लेकर आया ठीक है।

फिर मम्मी पापा के जाने के बाद जब संजय भी चले गए, तो मैं सबसे पहले नहाई और अपने जिस्म को अच्छे से साफ किया और नंगी ही आईने के सामने खडी होकर अपना मस्त और मादक जिस्म देख कर मदहोश हो गई।

मैं खुद ही अपने बूब्स मसलने लग गयी, और मेरी चूत चूदने के लिए बेकरार हो गई। तभी घर की घंटी बजी और मैंने सोचा कि माधुरी दीदी और देवर जी होंगे, और मैंने यही सोच नंगी ही दरवाजा खोल दिया।

दरवाजा खूलते ही मानो मेरे सिर पर घडो पानी पड गया, बाहर सुधीर और दीदी नहीं बल्कि मेरी सबसे बड़ी ननद हेमा खडी थी। और वो मुझे ऐसे नंगी देख कर सन्न रह गई और मैं भाग कर अंदर कमरे में आकर अपने कपड़े ढूंढने लग गयी। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

तभी हेमा दीदी भी अंदर आ गई और गुस्से में बोली – भाभी ये क्या है तुझे शर्म आनी चाहिए इस तरह नंगी घर में घूमते हुए। ये एक इज्जतदार घर है किसी रंडी का कोठा नहीं जो तू ऐसे नंगी घुम रही है।

मैंने कहा – दीदी ये तो मुझे ऐसा करने को माधुरी दीदी ने कहा है।

हेमा दीदी मेरी बात सुनकर दंग रह गई और बोली – भाभी ये तू क्या बक रही है, माधुरी भला तूझे ऐसा करने को क्यों कहेगी।।

उसके बाद मैंने हेमा दीदी को पूरी बात बता दी, और हेमा दीदी को मेरी बात का यकीन नहीं हुआ और मैंने हेमा दीदी को अपनी फटी गांड और सील बंद चूत दिखा कर मैंने उन्हें कहा – दीदी अब तो यकीन आ गया ना? माधुरी दीदी ने मुझसे वादा किया है कि आज वो मुझे लंड का मजा दिलाएगी।

दीदी ने पुछा – भाभी तो क्या माधुरी के साथ साहिल (माधुरी दीदी का पति) भी आ रहा है? पर माधुरी को लेने तो सुधीर गया है तो क्या सुधीर भाभी बताओ न कि वो कौन है? जो आज माधुरी के साथ मिलकर ये सब करने वाला है?

मैंने कहा – दीदी माधुरी दीदी कह रही थी, कि वो उसके बच्चे का पापा है और अब मेरे होने वाले बच्चों का भी पापा होगा, पर दीदी ने मुझे उसका नाम नहीं बताया।

दीदी ने कहा – भाभी तो ठीक है, मैं अब चलती हूँ घर में रितु अकेली है।

फिर दीदी जाने लग गयी और तभी बाहर घर की घंटी बज गयी और दीदी ने कहा – भाभी मुझे लगता है माधुरी और सुधीर आ गए है, और तू उन दोनों को मैं यहां हूँ ये नहीं बताएगी। और मैं अंदर कमरे में ही रहूँगी समझी।

मैं दरवाजा खोलने को गई, दरवाजा खुलते ही सुधीर मुझे नंगी देख कर बोला – उउउऊऊऊ दीदी भाभी का जिस्म तो एकदम मस्त है। मेरा दिल तो अभी इसे यहीं पटक कर चोदने को कर रहा है।

दीदी बोली – मेरे संईयां थोडा सब्र करो, बस अब कुछ ही देर में तेरा लंड भाभी की चूत में होगा।

फिर दीदी सुधीर से लिपट गयी। सुधीर ने माधुरी दीदी को वहीं सोफे पर पटक दिया, और वो दीदी के कपडे उतारने लग गया। दीदी सुधीर के कपडे उतारने लग गयी, और कुछ ही देर में सुधीर और दीदी दोनों मेरी तरह पुरे नंगे हो गए। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

दीदी की चूत पर बहुत घने बाल थे, जिसे देख कर मैंने कहा – दीदी आपने मुझे तो अपनी चूत की झांटे अच्छे से साफ करने को कहा था, और खुद आपकी चूत पर कितने बडे बडे बाल हैं?

दीदी बोली – भाभी मेरी चूत आज तक सिर्फ और सिर्फ मेरे साजन मेरे पति के सिवा किसी और और न मैंने खुद ने कभी भी साफ नहीं करी है। और अब भी मेरा बलमा पहले मेरी चूत की सफाई करेगा, और फिर मेरी और तेरी दोनों की अच्छे से चूदाई करेगा।

जब मैंने सुधीर का लंड देखा तो लंड पर कच्छी टंगी हुई थी, तो मैंने पुछा – दीदी ये देवर जी के लंड पर कच्छी किसकी टंगी हुई है।

दीदी सुधीर के लंड से कच्छी उठा कर बोली – भाभी ये मेरी कच्छी हर दम मेरे संईयां के लंड पर रहती है।

दीदी के कच्छी उठाते ही सुधीर का लंड उछलने लग गया, और सुधीर का उछलता लंड देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई। दीदी मुझे ऐसे लंड देखते देख बोली – भाभी क्या हूआ तू ऐसे क्या देख रही है?

मैंने कहा – दीदी ये ईतना बडा लंड ये लंड है या ये सुधीर की तीसरी टांग है? मुझे लगता है ये मेरी कलाई जितना मोटा तो होगा।

दीदी बोली – भाभी तेरी तो पता नहीं पर ये मेरी कलाई जितना मोटा लंड है।

उन्होंने सुधीर का लंड चूम लिया, सुधीर ने दीदी को अपनी गोद में उठा लिया और कहा – मेरी प्यारी बहना पहले मैं अपनी प्यारी और खूबसूरत सी बहन की चूत को साफ कर लूं।

फिर वो मेरे कमरे की तरफ जाने लग गये तो मैंने कहा – देवर जी उधर कहां?

सुधीर बोला – भाभी आज तेरी चूत का उदघाटन होना है, और तेरी चूत का उदघाटन तेरे ही बिस्तर पर होगा।

मैंने कहा – देवर जी चलो दूसरे कमरे में चलते हैं।

दीदी बोली – भाभी क्यों नहीं तेरी चूत का उदघाटन तेरे ही बिस्तर पर होगा।

फिर उसने सुधीर को कमरे में चलने को कहा – सुधीर दीदी को गोद में उठा कर मेरे कमरे में ले गया, और कमरे में जाते ही माधुरी चौंक कर बोली।

माधुरी -दीदी आप और सुधीर ने दीदी को अपनी गोद से उतार दिया, और उन्होंने मुझसे पूछा भाभी तूने बताया नहीं कि हेमा दीदी आई हूई है।

मैं कुछ बोलती उससे पहले ही माधुरी दीदी बोली – मेरे संईयां मुझे लगता है, तेरा लंड हेमा दीदी को भा गया है और मेरे राजा तेरा लंड बहुत किस्मत वाला है। ये जिसे चोदना चाहता वो चूत खूद चल कर तेरे लंड से चूदने आ जाती है।

हेमा दीदी दीदी से बोली – दीदी अब शर्म क्यों?

फिर जब दीदी हमारे सामने आई तो हेमा दीदी निचे से नंगी थी, और दीदी की सलवार और कच्छी निचे फर्श पर पडी हुई थी। माधुरी दीदी ने हेमा दीदी के बचे हुए कपड़े भी उतार दिए थे, हेमा दीदी भी हमारी तरह नंगी हो गई थी।

माधुरी दीदी हेमा दीदी की चूत देख कर बोली – मेरे बलमा तेरी बडी दीदी की चूत पर बहुत घने बाल हैं।

सुधीर ने मेरे चूतड पर थप्पड़ मार कर मेरे बूब्स खींच कर मुझे कहा – भाभी तूझे पता है कि मुझे चूत पर बाल अच्छे नहीं लगते है, और जब तुझे पता है कि हेमा दीदी भी यहां है तो तूने दीदी की चूत को साफ क्यों नहीं करी?

मैंने कहा – देवर जी अब किये देती हूँ।

फिर सुधीर ने माधुरी दीदी और मैंने हेमा दीदी की चूत को अच्छे से साफ किया, और माधुरी दीदी की चूत साफ करके सुधीर ने माधुरी की चूत पर एक लम्बा चूमा लिया और लेकर बिस्तर पर आ गया।

माधुरी को बिस्तर पर लिटा कर माधुरी के जिस्म से वो खेलने लग गया, और माधुरी भी अपने भाई का साथ देने लग गयी। दोनों भाई बहन 69 की अवस्था में एक दूसरे का लंड और चूत को चूसने और चाटने में लगे हुए थे। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

कूछ देर चूत और लंड चूस चाट कर सुधीर बिस्तर पर चित लेट गया, और माधुरी दीदी ने अपनी चूत सुधीर के लंड पर रख कर सुधीर के लंड पर बैठ गई। सुधीर उछल कर दीदी की चूत में धक्के लगाने लग गया, और माधुरी अपने भाई के लंड पर नाचते हुए बोली।

माधुरी – अअअआआआ उउउऊऊऊ ओओओहह सीसीससस।

सुधीर माधुरी के बूब्स मसलने लग गया, करीब पांच मिनट बाद माधुरी की चूत से पानी निकल गया। माधुरी सुधीर के लंड से उठ गई, और मुझसे बोली – भाभी अब तू मेरे भाई के लंड से मेरी चूत का रस चाट।

मैं सुधीर के लंड से माधुरी की चूत का पानी चाटने लग गयी, और सुधीर का लंड अच्छे से चाट कर मैंने साफ कर दिया। सुधीर के लंड से माधुरी दीदी का चूत रस मुझे बहुत मजेदार लगा। मैं सुधीर का लंड चाट कर बोली।

मैं – उउउऊऊऊ देवर जी आपके लंड का स्वाद तो बहुत लाजवाब है।

मैं फिर से सुधीर का लंड चूसने लग गयी, तभी माधुरी दीदी सुधीर के सामने घोडी बन गई और वो बोली – भईया अब तू मेरा संईयां बन कर अपनी बहन और बीवी को अपने मनपसंद ढंग से चोद।

सुधीर ने घोडी बनी माधुरी की चूत में पिछे से अपना लंड माधुरी की चूत में डाल कर जोर जोर से धक्के लगाने लग गया। माधुरी भी अपने भाई का लंड अपनी चूत में पिछे की तरफ धक्के लग गया कर लेने लग गयी।

माधुरी – अअअआआ मेरे बलमा उउउऊऊऊ चोद मुझे अअअआआ मेरे संईयां तेरा लंड तेरी बहन की चूत में बच्चेदानी पर चोट मार रहा है। और अब तू अपनी बहन को चोद कर अपने दूसरे बच्चे की माँ बना कर अपने बच्चे का मामा बन जा। सुधीर दीदी के चूतड पकड कर दीदी की चूत में जोर शोर से धक्के लगाने लग गया, और जब सुधीर झडने के करीब आया तो वो बोला ।

सुधीर – मेरी प्यारी बहना मेरी जान मैं आ रहा हूँ।

दीदी ने कहा – मेरे भाई मेरे बलमा मैंने आपका वीर्य पीना है।

सुधीर ने माधुरी की चूत से लंड निकाला और माधुरी के मुंह से लंड लगा दिया। सुधीर के लंड से वीर्य की पिचकारी माधुरी के मुंह में पडी, और माधुरी सुधीर का वीर्य चटकारे लेकर चाट गई। सुधीर माधुरी के जिस्म पर बिखरा अपना वीर्य चाट गया और बोला। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

सुधीर – दीदी बहुत दिन हूए तेरी चूदाई किए, आज तो मजा आ गया और तुझे चोदते हूए मुझे तेरी पहली चूदाई की याद आ गई। उस दिन भी तूझे चोद कर ऐसा ही मजा आया था, और आज एक बच्चा तेरी चूत से निकलने के बाद भी तेरी चूत वैसी ही टाइट है जैसे पहली बार थी और जब मैंने अपना लंड से तेरी चूत की सील तोडी थी।

दीदी सुधीर को चूम कर बोली – उउउऊऊऊ मेरे बलमा मुझे भी आज चूदते हुए एक बार तो लग गया की शायद आज मेरी चूत से खून निकलेगा।

फिर वो दोनों एक दूसरे से लिपट कर हंसने लग गये, पर सुधीर का लंड अभी भी जोश में था। तो मैंने कहा – सुधीर मेरे देवर जी क्या ऐसे ही अपनी बहन को प्यार करते रहोगे, या अपनी भाभी और बडी बहन की चूदाई भी करोगे?

सुधीर बोला – भाभी मेरे लंड पर सबसे पहला और आखरी हक सिर्फ और सिर्फ मेरी जान माधुरी का है। और जब तक मेरी प्यारी बहना मेरी जान नहीं बोलेगी, तो तब तक मैं तेरी और हेमा दीदी की चूदाई करना तो क्या मैं तुम्हारे जिस्म को छूउंगा भी नहीं।

मैं हसरत भरी निगाहों से माधुरी दीदी की तरफ देखने लग गयी और हेमा दीदी ने माधुरी दीदी से कहा – माधुरी ऐसा न कर प्लीज बोल सुधीर को बेचारी भाभी बहुत दिन से तरप रही है।

माधुरी बोली – दीदी क्या सिर्फ भाभी ही तडप रही है, या तूझे भी चूदने की जल्दी है?

दीदी सुधीर के लंड को ललचाई नजरों से देख कर बोली – माधुरी मैंने भी जब से सुधीर का लंड देखा तो मेरी सूखी चूत में तभी से बाढ आ गयी थी। अब शर्म कैसी अब तो मै भी तेरी तरह अपने भाई के लंड से चूदना चाहती हूँ। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

माधुरी दीदी मेरी और हेमा दीदी की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली – दीदी उसके लिए मेरी एक शर्त है?

हम दोनों माधुरी की तरफ आंखें फाड कर देखने लगीं और हेमा दीदी ने कहा – माधुरी हमें तेरी सभी शर्तें मंजूर हैं।

माधुरी ने कहा – दीदी पहले मेरी शर्त सून लो।

हेमा दीदी ने कहा – बोल तेरी क्या शर्त है?

माधुरी दीदी सुधीर का लंड पकड कर बोली – दीदी अगर तुम दोनों को मेरे बलमा के लंड से मजा लेना है, तो तुझे अपनी बेटी रितु की चूत का उदघाटन सुधीर के लंड से करवाना होगा।

हेमा दीदी माधुरी की बात सुनकर माधुरी को फटकारते हुए बोली – माधुरी तुझे पता है तु क्या बोल रही है, रितु मेरी बेटी और तुम दोनों की भानजी है।

मैंने कहा – दीदी आप भी तो देवर जी की बहन हो, और जब आप अपने भाई से चूदने को तडप रही हो तो? दीदी माफ करना रितु भी अब जवान हो गई है और अब उसका भी चूदने का समय है। रितु की चूत को भी अब एक दमदार लंड चाहिए और वो लंड उसके किसी यार का हो या उसके मामा का इसमें क्या फर्क है।

माधुरी के बार बार कहने से हेमा दीदी ने कहा – चलो ठीक है पर जब सुधीर रितु की चूत का उदघाटन करेगा तो, मैं तुम्हारे साथ नहीं रहूँगी।

माधुरी दीदी बोली – दीदी ये हुई न रंडी जैसी बात।

फिर वो सुधीर से बोली – उउउऊऊ मेरे संईयां अब आपके सामने एक सील बंद चूत और मेरी प्यारी बहना की चूत है, और अब तुम पहले भाभी की चूत और फिर अपनी बहन की चूत का भोसडा बना कर अपनी महीनों से अधूरी इच्छा रितु को चोदने की पूरी करना।

दीदी ने मुझे कहा – भाभी अब तू भी अपनी हफ्तों से प्यासी चूत की प्यास बूझा ले।

फिर मैंने लपक कर सुधीर का लंड चूम लिया, और सुधीर मेरे दोनों बूब्स मसलने लग गया। मैं मस्त होकर सुधीर का लंड और ट्टटे चूमने चाटने लग गयी, और सुधीर मेरे बूब्स मसलने और मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लग गया। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

मैं सुधीर का लंड अपने मुंह गाल गले और अपने चूचों पेट पर फेरते हुए, अपनी चूत से लगाने लग गयी। सुधीर के लंड की गर्मी से मेरी चूत सिहर गई, और मेरे मुंह से मादक सिसकियाँ निकलने लग गयी।

सुधीर मेरे होंठ चूसता हुआ बोला – उउउऊऊऊ भाभी क्या मस्त माल है तू।

फिर वो मेरे जिस्म को यहां वहां से चूमने चाटने लग गया, और मेरे होंठ गाल कान गले से होते हुए बूब्स पेट नाभी चूमता हूआ मेरी जांघों को चूत के अगल बगल से चूम कर अपने गर्म गर्म होंठो को मेरी चूत से उसने लग गया दिया। मेरी चूत पर उसने एक लम्बा चूमा लिया और अपनी जीभ से मेरी चूत में डाल कर मेरी चूत को वो चाटने लग गया। मैं मस्ती में अपनी चूत सुधीर के मुंह में देते हुए बोली।

मैं – अअअआआ मेरे राजा उउउऊऊऊ ओओओहह देवर जी बहुत मजा आआ रहहहा हहहहै।

मेरी चूत से काम रस छलक गया और सुधीर मेरा सारा कामरस चाट गया, वो अपने होंठ मेरे होंठों से लगा कर मेरे होंठो को चूसने लग गया। सुधीर के होठों से मेरे कामरस की मादक महक से मैं मदहोश हो गई, और मैं अपनी जीभ सुधीर के मुंह में देने लग गयी।

सुधीर मेरी जीभ अपने होठों में लेकर चूसने लग गया, कुछ देर होंठ चूस कर सुधीर ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और उसने मेरे चूतडों के निचे एक मोटा तकिया लगा दिया। अब मेरी चूत पूरी तरह से उभर गई, और सुधीर ने पहले मेरी चूत को चूमा और फिर अपने लंड का सूपाडा मेरी चूत के सूराख पर रख कर मेरो चूत पर रगडने लग गया।

मैं अपने चूतड उठा कर सुधीर का लंड अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लग गयी, पर सुधीर ने मेरी चूत से अपना लंड हटा लिया। अब ये मुझसे सहन नहीं हुआ, तो मैंने सुधीर को अपने उपर भींच कर बोली। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

मैं – मेरे राजा अब मत तडपा अब जल्दी से अपना मुसल लंड मेरी दहकती चूत में डाल कर, मेरी चूत की आग को शांत कर दे।

तभी सुधीर ने एक हल्का सा धक्का मेरी चूत में लगया, और सुधीर के लंड का सूपाडा मेरी चूत में फंस गया। मैं आआआहहह कर उठी, सुधीर ने मेरे दोनों बूब्स पकड कर फिर एक धक्का लगया। इस बार सुधीर का आधा लंड मेरी चूत में घूस गया, और मैं दर्द से चिल्लाने लग गयी। मेरी चूत से खून की पिचकारी सुधीर के पेट पर निकल कर पडी। माधुरी मेरी चूत से खून निकलता देख कर बोली।

माधुरी – भाभी अब तू कूवांरी लडकी से औरत बन गई है, और तेरी चूत की सील मेरे संईयां के लंड ने तोड दी है।

सुधीर मेरे बूब्स मसलते हूए अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत में घूसाने लग गया, और अपना सारा लंड उसने मेरी चूत में पेल दिया। कुछ देर बाद मुझे दर्द के साथ मजा आने लग गया, और मैं मस्ती में अपनी गांड उठा कर सुधीर का लंड अपनी चूत में लेते हुए बोली।

मैं – अअअआआआ उउउऊऊऊ ओओओहह सीसीससस मेरे राजा आआआहहह फक मी हार्ड ऊऊऊऊइइइ चोद मुझे अअअआआ।

ये बोल कर मैं चूदने लग गयी और सुधीर ने अपने धक्कों की स्पीड बढा दी, और मेरे दोनों बूब्स को वो बेरहमी से मसलने लग गया। मैं भी पूरे जोश में सुधीर का साथ देने लग गयी, और अअअआआ उउउऊऊऊ ओओओहह करके सुधीर का जोश बढाते हूए उससे चूदने लग गयी।

कुछ देर बाद ही मेरी चूत से काम रस छलक गया, और मैं सुधीर को लंड निकालने को बोलने लग गयी। पर सुधीर मेरी चूत में धक्के लगता हुआ बोला – साली रंडी बस अभी तो बहुत उछल रही थी चूदने को, और अब मैदान छोड़ कर भागने लग गयी। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

मैंने मीन्नते करते हुए कहा – देवर जी प्लीज मुझे छोड़ दो, अब मुझसे तेरे धक्के सहन नहीं हो रहे। मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है प्लीज मुझे छोड़ दो।

माधुरी ने मेरी हालत देख कर सुधीर को लंड निकालने को कहा, और सुधीर ने झट से अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया। सुधीर के लंड से मेरी चूत का खून टपक रहा था, और बिस्तर भी खून से लथपथ था।

मेरी चूत से भी खून निकल रहा था और तभी सुधीर ने माधुरी दीदी को कहा – दीदी ये साली तो भाग गई अब मेरे लंड का क्या होगा?

माधुरी दीदी ने कहा – मेरे संईयां अभी हेमा दीदी की चूत भी तेरे लंड का स्वागत करने को बेसब्री से इंतजार कर रही है। अब अपने लंड से अपनी दीदी की 12 साल से प्यासी चूत की प्यास बूझा दे।

सुधीर ने हेमा दीदी को चित लिटाया और अपना लंड दीदी की चूत में पेलने लग गया, और दीदी भी सुधीर का लंड अपनी चूत में लेते हुए दर्द से कराहने लग गयी। सुधीर दीदी के बूब्स मसल कर बोला – दीदी तेरी चूत से तो दो बच्चे निकल चूके हैं, और तू अब भी दर्द होने का नाटक कर रही है? “Ghar Ki Samuhik Chudai”

फिर उसने एक जोरदार धक्के में अपना सारा लंड हेमा दीदी की चूत में पेल कर जोर जोर से धक्के लगाने लग गया। हेमा दीदी दर्द और मजे से मस्ती में बोली – ससससीईईईई उउउउईईईई ममममां मर गई आह्ह। ये कहते हुए वो चूदने लग गयी और सुधीर हेमा दीदी की जोरदार चूदाई करने लग गया।

हेमा दीदी भी सुधीर के लंड की चोट नहीं सह सकी, और वो भी सुधीर को लंड निकालने को कहने लग गयी। सुधीर ने अपना लंड हेमा दीदी की चूत से भी बिना झडे ही निकाल लिया, सुधीर का लंड चूत से निकलते ही हेमा दीदी बोली – माधुरी तू कैसे सुधीर का लंड अपनी चूत में झाड लेती है, इसने तो मेरी चूत का एक बार में ही बिना झडे बैंड बजा दिया है।

माधुरी दीदी बोली – दीदी इसीलिए तो सुधीर मेरा और मैं सुधीर की दिवानी हूँ।

फिर वो सुधीर का लंड चूसने लग गयी, और सुधीर ने माधुरी दीदी को चोद कर अपने वीर्य से माधुरी दीदी की चूत को भर दिया और वो बोला – भाभी दीदी देखो मैंने अपनी बहन और बीवी को चोद कर अपना वीर्य दीदी की चूत में भर दिया है, अब तुम दोनों दीदी की चूत से मेरा वीर्य चाटो।

मैंने और हेमा दीदी ने माधुरी दीदी की चूत से सुधीर का वीर्य चटकारे लेकर चाट गई, और उसके बाद सुधीर ने मेरी एक बार और चूदाई की और अपना वीर्य मेरी चूत में छोडा। सुधीर का वीर्य अपनी चूत में लेकर मुझे बहुत मजा आया। “Ghar Ki Samuhik Chudai”

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