हेलो दोस्तों मेरा नाम प्राश है और मैं आज आपको एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, ये कहानी सुनकर आप सबको बहुत मज़ा आनेवाला है, ये कहानी मेरी पड़ोसवाली आण्टी की है जो की मेरे दोस्त की मम्मी भी लगती है जो पेशे से एक टीचर है। मेरा नाम प्राश है, मैं २४ साल का हूँ मेरी हाइट ६ फीट है और मेरी बॉडी फिट है और मेरा लंड ७ इंच का है। Hot Mom Fuck Kahani
में, हर्ष और प्रेम तीनों दोस्त है, मोहल्ले में एक साथ रहते है मतलब हमारे घर बिलकुल आसपास है, प्रेम २५ साल का है और हर्ष २२ साल का है हम एकसाथ खेलते रहते है और एक दूसरे के घर पे आना जाना लगा रहता है। हर्ष की मम्मी के बारे में बता देता हूँ.
कलर थोड़ा गोरा, बेहद खूबसूरत उनको देख के लगता नहीं है कि वो हर्ष की माँ है, एकदम गदरायी हुई है, एकदम माल लगती है, फिगर ४०-३८-४२ है, हमेशा साड़ी पहनती है और थोड़ी शर्मीली स्वभाव की है, उनके चूचे ब्लाउज में बोहोत सही लगते है, एकदम फिट ब्लाउज पहनती है.
लेकिन सबसे ज़्यादा उनकी गाँड मुझे अच्छी लगती है, उनकी गाँड़ को गलती से अपने लंड से टच कर लिया था मैंने, तब से उनको चोदने के सपने देख रहा था,साड़ी में वो सबसे अच्छी लगती है, हर्ष की मम्मी प्राइवेट स्कूल में टीचर है और हर्ष के पापा बैंक में ऑफिसर है और उनका स्वभाव बहुत भोला है।
एकबार की बात है हम तीनों हर्ष के घर पे मैच देख रहे थे, तब क्रिकेट के वर्ल्ड कप का सीजन चालू था तो ५-६ घंटे हम उसके ही घर पे ही रुकने वाले थे, आज आंटी ग़ज़ब दिख रही थी, काले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और रेड लिपस्टिक.
मैं तो बस आंटी को ही देखें जा रहा था फिर आंटी कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स हमे परोस रही थी अब नीचे रखने के समय उनका पल्लू गिर गया और हमे स्वर्ग से ज़्यादा सुंदर उनके क्लीवेज के दर्शन हुए, आंटी के बड़े बड़े चूचे देख के मेरा लंड खड़ा हो गया अब वो छुपाने के लिए मैंने बाजू में पड़ा हुआ टावल अपने पैंट पे रख लिया ताकि किसी को पता ना चले.
मैंने प्रेम को देखा उसका तो वो नजारा देख के मुँह खुला रह गया था, वो बस आंटी को ही घूरे जा रहा था, फिर आंटी ने पल्लू उठा लिया और मैं और प्रेम एक दूसरे को देख के मुस्कुरा रहे थे हमने हर्ष को देखा लेकिन वो मैच देखने में बिजी था मैंने सोचा अछा हुआ हर्ष ने कुछ देखा नहीं.
लेकिन मुझे आंटी को फिरसे देखना था तो मैं किचन में गया और उनकी मदद करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आंटी मना कर रही थी, लेकिन मैंने ज़बरदस्ती आंटी को बोला की नहीं आंटी मैं करता हूँ ना और किचन साफ़ करने लगा.
अब आंटी वही बेसिन में बर्तन धो रही थी और मैं बहाना करते हुए उनके पीछे खड़ा हो गया उनकी गाँड़ बड़ी कमाल की लग रही थी मुझे आंटी की गाँड़ को हाथ लगाना था पर हिम्मत नहीं हो रही थी इतने में आंटी ही थोड़ी पीछे हो गयी और उनकी गाँड़ सीधा मेरे लंड से आके टकरायी.
मैं थोड़ी देर वैसा ही रहा अब मेरा लंड खड़ा हो गया और वो सीधे आंटी की गाँड़ में चुभा होगा फिर मैं झट से सरक गया, कुछ हुआ ही नहीं ऐसा बर्ताव करने लगा, आंटी ने भी सोचा होगा गलती से हो गया होगा, थोड़ी देर बाद आंटी की तारीफ़ करने लगा कि आप बहुत अच्छी है और स्कूल में भी और घर पर भी कितनी मेहनत करती है.
तो वो भी स्माइल करने लगी और कहने लगी कि बेटा तुम बहुत अच्छे हो और मेरा कितना ख़याल रखते हो वगेरा थोड़ी बातचीत चली और हम हँसने लगे कुछ बाते करके फिर प्रेम भी किचन में आया और आंटी की तारीफ़ करने लगा और मदद करने लगा मुझे पता था कि ये भी आंटी को पटाके चोदने की फ़िराक़ में है तो मैंने भी थोड़ा आंटी की ज़्यादा तारीफ़ करनी चालू करी.
में – आंटी, वैसे आप इस साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही है, आज अंकल जी आपको बस देखते ही रहने वाले है.
पुष्पा आंटी – तुम भी ना प्राश, ऐसा कुछ नहीं है मेरी झूठी तारीफ़ मत करो.
में – नहीं आंटी सच में आप बहुत अच्छी लग रही है, हमारे मोहल्ले में आपसे खूबसूरत कोई भी नहीं है.
पुष्पा आंटी – (शर्माते हुए) तुम भी ना.
अब प्रेम भी इसमें हामी भरने लगा.
प्रेम – हा आंटी मैंने भी आपसे खूबसूरत कोई औरत नहीं देखी.
पुष्पा आंटी – बस बस तुम दोनों मेरी तारीफ़ करना बंद करो और जाके मैच देखो.
हम दोनों हसतें हुए हॉल में जाके मैच देखने लगे फिर थोड़ी देर बाद हर्ष के पापा आए और हम वहाँ से निकले और घर के सामने आके बाते करने लगे.
प्रेम – भाई, यार पता नहीं क्यों आंटी को देख के मुझे उनको चोदने का मन करता है.
में – मैंने जबसे उनका क्लीवेज देखा है, मुझे तो और कुछ सूझ ही नहीं रहा, काश मैं आंटी को चोद पाता.
प्रेम – बस एक बार कभी चोदने का मौक़ा मिल जाये.
में – मैं भी वही सोच रहा हूँ भाई, चल कोई नहीं कभी ना कभी मौक़ा आएगा आंटी को मसलने का.
फिर हम अपने अपने घर चले गये। मैंने आंटी के क्लीवेज को याद करते करते उस रात २ बार हिलाया। सुबह आंटी उनके जॉब पे जाने के लिए निकली तो मैं जानबूज़ के उसी समय पे अपनी गाड़ी निकालने लगा फिर आंटी से थोड़ी बात करने लगा वैसे आंटी ने हरे कलर की साड़ी और लाल कलर का ब्लाउज पहना था एकदम क़यामत लग रही थी, आजु बाजू के ठरकी बूढ़े उनको घूर रहे थे.
में – आंटी आप स्कूल जा रही है तो चलिए ना आपको छोड़ता हूँ मुझे उसी तरफ़ काम है.
पुष्पा आंटी- अरे नहीं तुम्हें तकलीफ़ होगी बेटा.
में – चलिए ना आंटी तकलीफ़ कैसी, आप मेरे गाड़ी पे बैठेंगी तो मेरी गाड़ी को चार चाँद लग जाएँगे.
पुष्पा आंटी – प्राश तू भी ना मेरी तारीफ़ करने का एक मौक़ा नहीं छोड़ता, अछा चल लेकिन गाड़ी आराम से चलाना.
हम गाड़ी पे बैठे और चलने लगे, आंटी के बड़े से रसीले चूचे मेरी पीठ को लग रहे थे मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा था, रास्ते में खड्डे नहीं भी हो तो भी मैं ब्रेक मार रहा था जिससे आंटी के चूचे सीधा मेरे पीठ को आके लग रहे थे.
आंटी – आज रास्ते में कुछ ज़्यादा ही खड्डे है, है ना प्राश.
में – हिचकिचाते हुए) हा आंटी.
रास्ते में एक दुकान दिखी तो आंटी ने बोला रोक मुझे थोड़े कपड़े दिए थे सिलवाने के लिए वो वापस लेने है. मैंने भी कहा चलिए फिर साथ चलता हूँ मैं भी. आंटी ने वहाँ की लेडी से ब्लाउज लिया और चेजिंग रूम में जाके पहने लगी, मैं देख नहीं सकता था.
क्यूकी वहाँ वो लेडी बैठी थी थोड़ी देर में वो बाहर गई और मैं चेजिंग रूम की तरफ़ गया वहाँ दरवाज़ा ही नहीं था मैं चुपके से देखने लगा. सफ़ेद कलर की ब्रा पहनी थी और वो भी उतार दी मैंने उनके रसीले बॉल के दर्शन किए.
बिलकुल गोरे गोरे बॉल और पिंक निपल मानो मुझे लगा मैं सपना देख रहा हूँ कुछ कर पाता उतने में वो लेडी वहाँ आयी, फिर आंटी भी बाहर आयी और हम कपड़े लेके निकल गये वहाँ से, मैंने उनको स्कूल छोड़ा और घर आ गया अब मैंने ठान लिया था कि आंटी को जल्द से जल्द चोदना है, बस मौक़ा मिलना चाहिए.
एक दिन मैंने देखा हर्ष और उसके पापा बाहर जा रहे है और अंदाज़ा लगाया कि आंटी घर पे अकेली होगी, तो मैं जल्द से जल्द उसके घर पे गया, मैंने देखा कि ये चूतिये हर्ष और उसके पापा ने दरवाज़ा खुल्ला ही छोड़ दिया है, मैं बिना आवाज़ दिये अंदर चला गया.
और मैंने बाथरूम में आवाज़ सुनी की शायद आंटी नहा रही है तो मैं उनके बेडरूम में गया और वहाँ से एक पैंटी उठा ली और जेब में डाल ली और हॉल में आने ही वाला था कि आंटी बाथरूम में से बाहर निकली, आंटी ने सिर्फ़ टावल पहना था.
उन्होंने मुझे देखा तो पूरी तरह चौक गयी और उनका टावल गिर गया, अब इतना गरम महोल था कि आंटी पूरी नंगी थी मेरे सामने फिर ५-१० सेकंड तो आंटी वैसी ही रही, क़सम से क़यामत दिख रही थी, गोरे गोरे चूचे, पिंक निपल्स, चूत पर थोड़ेसे बाल अब टॉवल उठाने के लिए झुकी और पलट गई.
अब तो गाँड़ भी साफ़ दिख रही थी, एक तिल था उनकी गाँड़ में, मेरा लंड झट से खड़ा हो गया, आंटी ने टावल उठाया और बेडरूम की तरफ़ भाग गई १५-२० मिनट वो बाहर ही नहीं आयी शर्म के मारे,फिर पीली साड़ी पहन के आयी और फिर आते ही किचन में गई और चाय बनाने लगी, मैं भी उनके पीछे पीछे किचन में गया फिर बात करने लगा.
मैं – आंटी, आप ये साड़ी में बहुत खूबसूरत लग रही है.
पुष्पा आंटी – (शर्माते शर्माते), हा प्राश सुनो सब भूल जाओ और किसको बताना मत की जो भी तुमने देखा.
मैं – नहीं आंटी मैं कभी किसको नहीं बताऊँगा, पर आप बोहोत हॉट लग रही थी आज,मैंने आपसे खूबसूरत औरत पहले कभी भी नहीं देखी.
आंटी – ऐसा मत बोलो मैं तुम्हारे माँ की उम्र की हूँ.
मैं – ठीक है आंटी, जैसा आप कहे वायवी सब छोड़िये, आप थक गई होंगी ना, ये चाय रहने दीजिए मैं आपका सिर दबाता हूँ और कंधों की मालिश कर देता हूँ.
इससे पहले की वो कुछ बोलती मैंने उनके कंधों पे हाथ रखे और मालिश करमे लगा फिर मैं उनको हॉल में ले जाके बैठने को कहा, अब कंधों की मालिश करते करते मैंने ब्लाउज थोड़ा ढीला कर दिया उनको शायद पता नहीं चला, अब उनके चूचे मुझे साफ़ दिख रहे थे.
थकावट के कारण से आंटी को नींद आ गई और मैंने आंटी के चूचे को भी हाथ लगाया आंटी कुछ नहीं बोली मतलब सो गई थी फिर मैंने उनके दोनों चूचो को आज़ाद कर दिया और मालिश करने लगा, उनके चूचे बहुत ही सॉफ्ट थे मैंने अपने दोनों हाथ उनके निपल पे रख दिये और मैं रगड़ने लगा, आंटी भी सिसकारियाँ लेने लगी थी.
आंटी की आँख खुल गई और वो एकदम घबरा गई, उठने लगी फिर मैंने ज़बरदस्ती उनको बिठाया और चुचे दबाने लगा लेकिन आंटी नाराज़ हो गई और अंदर चली गई। मेरा दाव उल्टा पड गया. अगले दिन आंटी को फिर से स्कूल छोड़ने के लिए मैंने गाड़ी निकाली पर आंटी पहले ही अंकल के साथ चली गई.
फिर मै आंटी के घर आने के टाइम पर स्कूल के गेट के पास खड़ा रहा, आंटी बाहर आयी तो उनको सॉरी बोला, आंटी ने माफ़ी स्वीकार की और मेरे साथ घर आ गई। अगले २-३ दिन मैंने उनको स्कूल छोड़ा, आज शाम को हम हर्ष के घर पे जाने वाले थे क्यूकी मैच था.
शाम को मैं हर्ष और प्रेम मैच देखने के लिए हर्ष के घर गये, आंटी कोल्ड ड्रिंक लेके आयी लेकिन इस बार मैंने आंटी को भी मैच देखने के लिए बिठा लिया अब २ बड़े सोफ़े पे हर्ष और प्रेम बैठे थे और दूसरे पे मैं और पुष्पा आंटी, अब मैंने थोड़ी देर बाद ही आंटी की जाँघ को सहलाने लगा.
आंटी कुछ नहीं बोली तो मैंने अपना हाथ चूत के ऊपर रखा और सहलाने लगा आंटी ने मेरा हाथ वहाँ से हटाया और बेडरूम में चली गई, आज मैं कोई भी मौक़ा नहीं छोड़ने वाला था, आंटी के पीछे पीछे मैं भी बेडरूम में गया और आंटी की गाँड़ सहलाने लगा वो इसका विरोध कर रही थी.
पर अब मैंने आंटी के गर्दन पे किस करना चालू किया और पीछे से दोनों हाथ से आंटी के चुचे दबाने लगा थोड़ी देर बाद आंटी भी मूड में आने लगी अब वो विरोध नहीं कर रही थी, मैंने इसका फ़ायदा उठाया मैंने आंटी के लिप्स को किस करने लगा.
एकदम फ़्रेंच किस टाइप मैंने आंटी के ऊपर का लिप्स चूस रहा था, आंटी भी साथ दे रही थी अब मैंने आंटी की पैंटी में हाथ डाला और उनकी चुत सहलाने लगा आंटी की सिसकारियाँ निकल रही थी. तो मैंने बेडरूम का दरवाज़ा बंद कर दिया, अब आंटी की साड़ी निकाली.
आंटी बस पेंटी में ही थी, मैंने आंटी की पैंटी निकाली और अपनी जीभ से आंटी की चूत चाटने लगा आंटी को मज़ा आ रहा था वो ahhhhhh ahhhhhhh ऐसी आवाज़े निकाल रही थी, हर्ष ओ प्रेम मैच देख रहे थे तो उनको आवाज़ नहीं आया होगा.
मैंने ५ मिनट तक आंटी की चूत चाटी, आंटी अब पूरी गीली हो चुकी थी लेकिन अभी मैं आंटी को तड़पता देखना चाहता था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी की चूत में डालने की बजाय आंटी को चूसने के लिए बोला लेकिन आंटी मेरा ७ इंच लंड देख के पहले ही चौक गई. “Hot Mom Fuck Kahani”
लेकिन मैंने उनके मुँह में लण्ड दे ही दिया अब वो बड़े मज़े से मेरा लंड चूस रही थी और sluuurpppp sluuuuuurppp ऐसी आवाज़े निकाल रही थी पूरे १० मिनट उन्होंने मेरा लंड चूसा. अब मैंने उनको बेड पे लेटाके उनकी चूत में उँगली करनी चालू करी जैसे ही वो गीली हो गई, मैंने मेरा ७ इंच लंड डाल दिया.
पुष्पा आंटी – हाए मर गयी, इतना बड़ा लंड aahhhhhh ahhhhhhh प्राश आराम से कर ना प्लीज़ aahhhhhh aaaaahhhhh aaaiaiiiii.
में – तुझे चोदनें के लिये कबसे रह देख रहा था, आज हाथ लगी है तू, साली रण्डी तुझे तो मैं कुतिया की तरह चोदूँगा.
मैंने धक्के की स्पीड बढ़ा दी, अब आंटी और जोड़ जोड़ से चिल्लाने लगी aaaahhhhh aaahhhhh प्राश मर गई रे. मैंने धक्के चालू रखें, १० मिन में वो झड़ गयी. थोड़ी देर बाद उसको फिरसे चोदना चालू किया अब वो मज़ा ले लेके चुद रही थी लेकिन अभी भी चिल्ला रही थी.
पुष्पा आंटी – प्राश और ज़ोरसे चोद, aaaaaahhhhh Aahhhhhhh मेरे चूतिए पति ने मुझे आज तक ऐसा नहीं चोदा आहह्ह aaaaaeeeee चोद मुझे ज़ोर ज़ोरसे चोद, मेरे पति का लंड बीएस ३ इंच का है आज तक मैं प्यासी थी Aaahhhhhh Aahhhhh मेरी प्यास बुझा दे.
ये सुनके मैं आंटी को जोड़ ज़ोरसे चोदने लगा लेकिन अब आवाज़ बहुत ज़्यादा हो रही थी इसलिए मैंने आंटी के मुँह में उनकी पेंटी डाल दी.
में – आज से तुझे प्यासा रहने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, आज से तू मेरी रण्डी है।
धक्के बढ़ा दिये और अब मैं झड़ गया, पूरा रस मैंने उसकी चूत में डाल दिया और वो भी कुछ नहीं बोली। इधर हर्ष और प्रेम मैच देख रहे थे उनको कुछ पता नहीं चला, फिर मैं शावर लेके मैच देखने गया और उनको बोला की गर्मी लग रही थी इसलिए शावर लेने गया था, फिर मैच ख़त्म हो गई और हम अपने अपने घर आ गये. “Hot Mom Fuck Kahani”
अगले हफ़्ते मेरी पूरी फ़ैमिली बाहर बाहर घूमने जाने के लिए निकले।, मैं नहीं जा सकता था क्यूकी मुझे यह एग्जाम के लिये जाना था, तो मुझे हर्ष के घर ३ दिन के लिए रुकना था, में पहले ही खुश था क्यूकी मैं हर्ष की मम्मी के साथ रहने वाला था.
मैं हर्ष के कमरे में सो गया और हर्ष मेरे बाज़ू में ही सोया था और आंटी के बेडरूम में आंटी और अंकल दोनों सोये थे, रात को मुझे लगा आंटी को देख लेता हूँ, आंटी बेड पे सोयी थी एक नाईट गाउन पहना हुआ था काला कलर का, अंकल सोये थे तो मैं हल्के से आंटी के पास गया और आंटी का गाउन निकाल के आंटी की चूत चाटने लगा.
आंटी नींद में थी लेकिन मेरी चूत चटाई से उठ गयी, और मुझे इशारे में डटने लगी कि यह क्या कर रहे हो वगेरा लेकिन मैंने आंटी की चूत को चाटना चालू रखा अब आंटी भी मूड में आ गई मुझे बाहर चलने का इशारा किया, मैं और आंटी हॉल में आ गये.
मैंने आंटी को किस किया क़रीब ५ मिनट बाद आंटी के कपड़े उतार के उनकी चूत को सहलाने लगा और मेरा लंड डाल दिया, आंटी की चीख निकली aaaahhhhhhhhh, मैंने शांत रहने को बोला और आराम से उनकी चूत को धक्का मारने लगा, आंटी अब धीमी धीमी आवाज़ में सिसकारियाँ ले रही थी. “Hot Mom Fuck Kahani”
मैंने धीरे धीरे करके उनको २० मिनट तक चोदा,आंटी धीमी धीमी आवाज़ में aaaahhhhhh aaaaahhhhh कर रही थी आंटी झाड़ गई फिर सारा माल आंटी के मुँह में डाल दिया फिर मैं बाथरूम में गया तो आंटी भी मेरे पीछे पीछे बाथरूम में आ गई , हम दोनों ने एकसाथ शावर लिया और हम सो गये।
अगले दिन सुबह सुबह ही हर्ष के घर पे उसके पापा को बाहर जाना पड़ा और हर्ष भी कॉलेज जाने के लिए निकल गया अब घर में बस मैं और आंटी ही थे, मैंने आंटी को स्कूल से छुट्टी लेने को कहा वो माँ गई, आज मेरा प्लान था कि दिन भर चुदाई करेंगे, आंटी किचन में गई तो मैं किचन में जाके आंटी की गाँड़ को सहलाने लग गया.
आंटी – प्राश ये क्या कर रहे अभी रात को ही हमने चुदाई की है.
में – हा तो मेरा मन अभी नहीं भरा ना, ये देखो आपको देखते ही मेरा लंड कैसे खड़ा होके सलामी दे रहा है।
मैंने आज आंटी की गाँड़ मारने का सोचा था, मैंने आंटी का गाउन ऊपर किया और उनकी गाँड़ को चाटने लगा.
आंटी – aaaahhhhh aaaaoooo प्राश ये क्या कर रहे हो, मैंने ये कभी नहीं किया है ummmmmm.
वैसे आंटी सच कह रही थी उनकी गाँड़ बहुत ही टाइट थी, मैंने थोड़ा तेल लिया और आंटी की गाँड़ में डालके उँगली अंदर बाहर करने लगा ५ मिनट बाद मैंने अपना लंड निकालके आंटी की गाँड़ में डाल दिया अब मैं आंटी को डॉगी स्टाइल छोड़ रहा था, आंटी के लिये ये पहली बार था तो वो दर्द से चिल्ला रही थी. “Hot Mom Fuck Kahani”
आंटी- प्राश, Aaaaaaaaaa aaaahaahhhh , प्राश भोसड़िके, बहुत दर्द हो रहा है, मुझे छोड़ दे aaaaaaahhhhhh.
मैंने एक नहीं सुनी अपने धक्के चालू रखें आंटी की गाँड़ में ही झड दिया. ये सब बाहर से प्रेम देख रहा था, क्यूकी छूटिए हर्ष ने दरवाज़ा खुला ही रखा था और प्रेम ने घर में आके हमारी रासलीला देख ली थी, और फ़ोटोज़ भी निकाले और अंदर जाके आंटी को दिखाने लगा.
प्रेम – अब मुझे भी चोदने का मौक़ा दो वरना ये सब मैं हर्ष और उसके पापा को दिखाऊँगा.
आंटी – नहीं प्लीज़ ऐसा मत करो तुम जो करना चाहते हो वो करलो.
मैं एकदम चौक गया मुझे नहीं पता था आंटी इतनी जल्दी मान जाएगी. तो वो आंटी को लेके बेडरूम में चला गया और अंदर से ahhhhhhh ahhhhhhhh की आवाज़े आने लगी और फिर प्रेम आधे घंटे बाद बाहर आया. आंटी सुबह से ३ बार चुद चुकी थी.
फिर शाम को हर्ष घर पे आया फिर हम वीडियो गेम खेलके फिर खाना खा के सो गये, आज रात भी आंटी को चोदनें का मन था पर आंटी बहुत थकी हुई थी. मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया कि क्यों ना आंटी को प्रेम और मैं दोनों मिलके चोदे तो फिर मैंने प्रेम के साथ मिलके प्लान बनाया. “Hot Mom Fuck Kahani”
अगले दिन जैसे ही हर्ष कॉलेज गया मैं आंटी के पास चला गया, और आंटी को मूड में लाने की कोशिश करने लगा आंटी बेड पे लेटी थी मैं उनके पास जाकर उनके चूचे चूसने लगा फिर दबाने लगा दोनों हथों से आंटी के निपल को दबा रहा था अब आंटी की मूड में आ गई.
आंटी ख़ुद उठी और मेरी अंडरवियर निकालके मेरा लंड चूसने लगी slllluuuurrpppp slllllluuuurppp ऐसी आवाज़ निकालने लगी आज आंटी अलग ही मूड में थी, मैं बेड पे बैठा था और आंटी लण्ड चूस रही थी तो इसका फ़ायदा उठाके मैंने प्रेम को कॉल किया.
वो आराम से आवाज़ किए बिना अंदर आया और इधर आंटी मेरा लंड चूस रही थी तो वो पीछे से आया मैंने उसको आंटी को चोदनें का इशारा किया उसने अपना ६ इंच का लंड निकाला और पीछे से आंटी की चुत में लण्ड डाल दिया, आंटी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से ये क्या हुआ.
आंटी चौक गई और उठने ही वाली थी कि मैंने आंटी को पकड़ लिया और मुँह में लण्ड दे दिया, अब आंटी sluurrrrppp slurrrppp करके मेरा लंड भी चूस रही थी और पीछे से प्रेम आंटी को धक्के लगा रहा था, क़रीब १० मिनट बाद मैं बेड पे लेट गया और आंटी को मेरे लंड पे बिठाया और नीचे से धक्के मारने चालू किए. “Hot Mom Fuck Kahani”
उधर प्रेम अपना लंड लेके आंटी के पास गया और आंटी उसका लंड चूस रही थी। एक तरफ़ आंटी प्रेम का लंड भी चूस रही थी और मेरे लंड पे बैठ के धक्के भी खा रही थी ७-८ मिनट बाद मैंने प्रेम को आंटी की चुत मारने को बोला अब आंटी २ लंड एक साथ ले रही थी, मैं नीचे लेट के आंटी की गाँड़ मार रहा था और प्रेम आंटी की चुत मार रहा था.
आंटी – aaaaaahhhhhhh ahhhhhhhh प्राश और चोद अपनी रण्डी को और ज़ोर ज़ोरसे चोद, तूने मुझे सबसे अछा सरप्राइज दिया है, aaaaaaahhhhhh ahhhhhhhhh aaaaeeeee uuummmmmmmm मेरी ऐसी चुदाई कभी नहीं की aaaaahhhhh.
प्रेम और मैं आंटी को धक्के पे धक्के लगा रहे थे और आंटी ख़ुशी और दर्द से चिल्ला रही थी ऐसा क़रीब क़रीब १५ मिनट तक चला हम थोड़े थक गए और बेड पे बैठ गये. अब आंटी दोनों के लंड चूस रही थी पूरी बेडरूम में Sllllllluuurrppp sllluuurrrpp ऐसी आवाज़े गूंजने लगी थोड़ी देर बाद हमने राउंड २ करनए चालू कर दिया. अब मैं आंटी की चूत मार रहा था और प्रेम लेट के आंटी की गाँड़ मार रहा था और आंटी फिरसे दर्द से चिल्लाने लगी.
आंटी – प्राश aaaaahhhhhh aaaahahhhhhh और chut फाड़ दे मेरी आज aaaaaiiiieeeee मर गयी रे aaaaaaaahhhhhhhh ahhhhh aaaahhhhhh ahhhhh.
१५ मिन बाद प्रेम थक के सो गया लेकिन मैं अभी चूत मार रहा था. २० मिनट बाद मैं आंटी की चूत में झाड़ गया और आंटी से चिपक के सो गया. शाम होने से पहले मैं उठ गया और आंटी के साथ शावर लेने चला गया, वहाँ भी आंटी की मोटी गाँड़ देख के मेरा फिर मन हो गया अब आंटी को बाथरूम की दीवार की तरफ़ करके मैं उनकी गाँड़ मारने लगा.
अब आंटी चिल्ला नहीं रही थी बीएस हल्का सा आवाज़ nikal रही थी aaahhh aaahhh ahhhh. आधे घंटे बाद हम शावर से बाहर निकले और हॉल में टीवी देखते बैठे, प्रेम भी उठके घर जाने से पहले आंटी को किस करने लगा और घर चला गया, थोड़ी देर बाद हर्ष घरपे आ गया और फिर हम रात को खाना खा के सो गये. “Hot Mom Fuck Kahani”
मुझे आंटी के पास सोना था तो हर्ष सोते ही मैं आंटी के रूम जाके नंगा होके सो गया. सुबह ५ बजे मेरी नींद खुली तो आंटी मेरा लंड चूस रही थी. सुबह हमारा फिर से चुदाई का मॉर्निंग सेशन हो गया और मैं हर्ष के कमरे में जाके सो गया.
मेरे घर वाले आनेवाले थे तो मैं भी घर जाने के निकलने लगा, हर्ष हॉल में बैठा था और उसकी माँ उसके पीछे खड़ी थी, मैंने जाने से पहले आंटी की गाँड़ दबाए और मुस्कुराकर वहाँ से निकल आयाअब जब भी हमारा चुदाई का मन होता है तो. पुष्पा आंटी हमारे घर आ जाती है या मैं हर्ष के घर चला जाता हूँ, और कही जगह नहीं मिलती तो हम टेरेस पे जाके भी चुदाई करते है। हा तो दोस्तों ये थी मेरी और हर्ष की मम्मी यानी पुष्पा आंटी की कहानी, फीडबैक – [email protected] @ pashuisyourmomfucker