पड़ोसन को लूडो में हरा कर पेला 1

चूत चुदाई के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित 19 साल का नौजवान लोंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है जो किसी भी चूत की बखिया उदेडने की ताकत रखता है। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड मेरी दीदी और उनकी मौसी का पानी निकाल कर पी चूका है। Shy Bhabhi Pussy Show

मेरे लंड को वैशाली दीदी की चूत मिल रही थी। मै बहुत खुश था। उसके बाद मैने दीदी की मौसी को भी बजा दिया था। जिसके बारे में मेंने “दीदी के बाद मौसी भी चुदवाने लगी 2”कहानी में बताया था। दीदी की चूत में मेरे लंड के मजे हो रहे थे। तभी मेरी नजर हमारी पड़ोस में रहने वाली प्रिया भाभी पर पड़ी।

हमारे पड़ोस में अंकित भैया रहते है। भैया जॉब करते थे और भाभी हाउसवाइफ है। बच्चो के स्कूल जाने के बाद भाभी घर पर अकेली ही रहती थी। प्रिया भाभी लगभग 32 साल की हॉट एंड सेक्सी माल है। वो एकदम गोरे चिकने जिस्म की मालकिन है।

भाभी ऊपर से लेकर नीचे तक गजराई हुई है। भाभी के गुलाबी होंठ, टाइट बोबे, फूली हुई गांड, गौरी गौरी कलाइयां किसी भी लंड में आग लगा सकती है। भाभी के बोबे लगभग 30 साइज के है। उनके बोबे एकदम टाइट से है। वो अक्सर अपने बोबो को ढककर रखती है।

भाभी की चिकनी कमर लगभग 30 साइज की है। सबसे नीचे भाभी की हॉट मस्त गांड लगभग 32 साइज की है। भाभी की गांड़ की कसावट बहुत ही मस्त है। वैसे तो जब से भैया की शादी हुई तब से ही मैं भाभी को जानता था लेकिन आजकल मैं भाभी को बहुत ज्यादा ताड़ने लगा था।

मेरा लण्ड धीरे धीरे प्रिया भाभी की चूत मांगने लगा था। अब मैं भाभी को चोदने के बारे में सोचने लगा। भाभी अक्सर हमारे घर पर आती जाती थी तो भाभी से जान पहचान बढ़ाने में मुझे कोई परेशानी नहीं थी। भाभी मुझे अच्छी तरह से जानती थी।

वो मुझे बहुत ही सीधा साधा लड़का समझ रही थी। अब मैं भाभी को चोदने के लिये भाभी के साथ मेरी नजदीकियां बढ़ाने लगा। मैं उनके घर पर आने जाने लगा। अक्सर भाभी के काम से फ्री होने के बाद ही मै उनके घर पर जाया करता था।

धीरे धीरे भाभी के साथ मेरी अच्छी सेटिंग हो गई। अब हम फ्री होने पर खूब गप्पे मारा करते। फिर हम लूडो गेम खेलने लगे। जब हम लूडो गेम खेलते थे तो मेरी नज़र भाभी के बोबो पर भी पड़ जाती थी जिससे मुझे कभी कभी भाभी के बोबो की झलक देखने को मिल जाती थी। मैं धीरे धीरे भाभी के बहुत करीब आ चुका था।

भाभी अक्सर लूडो गेम में जीतती थी। या यो कहे कि मैं जानबूझकर लूडो गेम में हारता था ताकि भाभी को जीतने का ज्यादा कॉन्फिडेंस आ जाये। भाभी अब खुद को चैंपियन समझने लगी थी। भाभी मुझे हराकर बहुत खुश होती थी। अब मैं चाल चलने वाला था। तभी एकदिन मैंने भाभी से कहा– गेम को हम रोजाना ही खेलते है लेकिन आज गेम के कुछ नियम अलग बनाये जाये।

“कोनसे नियम?”

“अगर आप बुरा नहीं मानो तो बताऊँ?”

“हां बताओ, मैं बुरा नहीं मानूँगी।”

“भाभी, गेम में जो हारेगा उसे वो करना पड़ेगा जो जितने वाला करने के लिए कहेगा।”

“मतलब?”

“मतलब जो भी, जिसमे कपडे भी खोलने पड़ सकते है। अगर जितने वाला कहे तो।”

“ये तो थोड़ा रिस्की गेम हो गया।”

“अरे कुछ भी रिस्की नहीं है। ज़रूरी नहीं है कि हम कपडे खोलने के लिए ही बोले और भी कुछ करा सकते है। जैसे मर्ज़ी हो वैसे ही।”

“चल ठीक है फिर तो। जीतूंगी तो मैं ही।”

भाभी को अपने ऊपर फूल कांफिडेंस था। वो तुरंत तैयार हो गई। वो अभी भी मुझे बच्चा समझ रही थी। तभी गेम शुरु हो गया। पहला ही गेम भाभी ने जीत लिया। अब भाभी ने मुझसे उनके पैर दबाने के लिए कहा। अब मैं भाभी के पैर दबाने लग गया।

“ओह ये तो बहुत ही मज़ेदार गेम है। आह! बहुत मज़ा आ रहा है। अच्छे से दबा।”

फिर मैंने थोड़ी देर भाभी के पैर दबाये। अब फिर से गेम शुरू हो गया।इस बार मैं भाभी को मात देने की फ़िराक में था। तभी भाभी गेम हार गई। अब गेंद मेरे पाले में थी। तभी भाभी कहने लगी–बोल मुझे क्या करना है?

“अरे रहने दो भाभी। आप तो कुछ मत करो।”

“नहीं यार। तुझे कुछ तो मुझसे कराना ही पड़ेगा नहीं तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा।”

“अरे भाभी रहने दो।”

मैं बार बार मना कर रहा था लेकिन भाभी मान नहीं रही थी। वो हार की सजा भुगतने को तैयार थी। बस यही तो मैं चाहता था। तभी मैंने भाभी से कहा– आप बलाउज खोलो। इतना कहते ही भाभी की सिटी पिटी गुल गई। वो एकदम से चुप हो गई। उनके पास कोई जवाब नहीं बचा था।

तभी भाभी ने कहा– यार ये तो बहुत मुश्किल है। कोई और काम बता।

“मेरी तो बस यही इच्छा थी भाभी। अगर आप करो तो ठीक है। अगर नहीं करो तो कोई बात नहीं।”

ये कहकर मैंने भाभी पर इमोशनल पंच मारा। भाभी का चेहरा लटका हुआ था। भाभी चुप थी। उन्हे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे? क्या नही करे? तभी मैंने भाभी से फिर कहा “बोलो ना भाभी।”

“यार मै ये नही कर पाऊंगी।”

“कोई बात नही भाभी।”

“कुछ और करवा ले यार रोहित।”

“नही भाभी, मुझे तो यही करवाना है।”

अब भाभी सोच में पड़ गई। तभी भाभी ने कहा “यार रोहित मैं तेरी इच्छा पूरी तो कर दूंगी लेकिन तू किसी को बताना मत।”

“हां भाभी मै किसी को नही बताऊंगा।”

अब भाभी ने डरते हुए साड़ी के पल्लू को हटाया और फिर ब्लाउज़ के हुक खोलने लगीं। मेरी नज़रे भाभी के ऊपर ही टिकी थी।तभी भाभी ने बलाउज के हुक खोलकर बलाउज को खोल दिया। अब भाभी का चिकना जिस्म नंगा हो चूका था। अब ब्रा में से भाभी के बोबो की झलक दिख रही थी।

अब भाभी ने साड़ी से उनकी ब्रा को ढक लिया। भाभी के बोबो के नज़ारे को देखकर मेरा लण्ड बुरी तरह से तन गया। अब फिर से गेम शुरू हुआ। मेरी नज़रे बार बार भाभी के बोबो को निहार रही थी। भाभी बार बार उनके बोबो को ढकने की कोशिश कर रही थी।

गेम आगे बढ़ रहा था। इधर मेरा लंड तनकर खंबा बन चूका था। तभी भाभी फिर से गेम हार गई। अब तो भाभी की गांड फट गई। उनका चेहरा पूरा लटक चूका था।अब तो भाभी की आवाज भी नही निकल रही थी। अब मैने भाभी को किस करने के लिए कहा।

“यार ये काम नही करूंगी।”

“इसमें क्या दिक्कत है भाभी है? क्या आपने कभी किस नहीं किया क्या?”

“किया तो है लेकिन यार तुम्हे किस करने में मुझे बड़ी शर्म आ रही है।”

“कुछ नहीं बस आमने सामने खड़े होकर किस ही तो करना है।”

“नही यार मै नही कर पाऊंगी।”

“भाभी आप गेम हार चुकी हो। अब तो ये आपकों करना ही पड़ेगा।”

अब भाभी के पास और कोई चारा नहीं था। भाभी किस करने में बहुत ज्यादा डर रही थी। फिर मैने बड़ी मुश्किल से भाभी को किस करने के लिए मनाया। अब हम दोनों बेड से नीचे उतर आये और फिर मैंने भाभी की कमर में हाथ डाला और उनके रसीले होंठो पर मेरे प्यासे होंठ रख दिए।

अब मै भाभी के रसीले होंठो को चूसने लगा। भाभी को किस करने में बहुत ज्यादा डर लग रहा था। मैं भाभी के रसीले होंठो का रस पी रहा था। तभी मैंने भाभी की कमर से हाथ हटाकर उनकी गांड पर रख दिए और भाभी को मुझसे चिपका लिया।

अब मैं किस करता हुआ भाभी की गांड मसलने लगा। अब कमरे में पुच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च ऑउच्च की आवाज़े आने लगी। इधर मेरा लण्ड भाभी की चूत में घुसने के लिए तैयार हो रहा था। भाभी भी गर्म होने लगी थी लेकिन तभी भाभी सम्हल गई और उन्होंने धक्का देकर दूर हटा दिया।

“बससस्स बहुत है।”

साला मेरा लण्ड भाभी की चूत में जाता जाता रह गया। अब भाभी ब्लाऊज उठाकर पहनने लगी लेकिन तभी मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया।

“भाभी अभी तो गेम बाकी है।”

“नही रोहित जी। अब नही खेलना मुझे।”

“भाभी आप गेम हार चुकी हो और आपकों मेरी बात माननी पड़ेगी।”

अब भाभी चुप हो गई। अब मैंने को बेड पर बैठा दिया और गेम फिर से शुरू हो गया। अबकी बार मेरा लण्ड पाजामे में तंबू बनाये हुए था। भाभी की नज़र बार बार मेरे लण्ड के तंबू पर जा रही थी। मैं भी भाभी को प्यासी नजरों से देख रहा था। तभी मैंने भाभी के सामने मेरा लंड मसल दिया। भाभी अब मेरे इरादो को भांप चुकी थी। तभी भाभी फिर से हार गई।

“अरे यार आज मै बार बार हार रही हूँ।”

“आज तो मज़ा आ रहा है भाभी।”

“अब बता। क्या करना होगा मुझे?”

अब मैने सोचा यही मौका है भाभी की चूत लेने का। तभी मैंने हिम्मत करके भाभी से कहा “अब आप मेरे लण्ड की मालिश कीजिये।”

लंड की मालिश करने का नाम लेते ही भाभी सकपका गई। उनके चेहरे के एकदम से तोते उड़ गए।

“यार अब ये क्या बकवास है।”

“बकवास नहीं ये हारने की सजा है भाभी। चलिये फटाफट से शुरू हो जाइये।”

“यार ये बहुत मुश्किल काम है।”

“करोगी तो कोई मुश्किल नहीं है। यहाँ कोई देखने थोड़े आ रहा है।”

“नही यार मैं ये काम नही कर पाउंगी। कुछ और करवा ले।”

“तो फिर आपकी ब्रा खोलो।”

“नही यार ब्रा नही।”

“तो फिर आप जो मै कह रहा हूं। वो ही काम कर लो ना।”

अब भाभी चुप हो गई। तभी मैंने लोअर और अंडरवियर एकसाथ खोल दी। अब मेरा लंड तन तनाता हुआ बाहर आ चुका था। भाभी मेरे मोटे तगड़े लण्ड को देखकर शरमा रही थी। अब मैने भाभी का हाथ पकड़ कर उन्हे नीचे खीच लिया। अब मैं बेड पर बैठ गया।

अब भाभी नीचे बैठ गई और वो मेरे लण्ड पर तेल लगा लगाकर मालिश करने लगी। भाभी के हाथ लगते ही मेरा लण्ड फूलकर कुप्पा हो गया। भाभी शरमाते हुए मेरे लण्ड को मसल रही थी। वो शर्म के मारे पानी पानी हो रही थी। इधर मेरा लन्ड फूलकर कुप्पा हो रहा था। फिर धीरे धीरे भाभी की नज़रे मेरे लंड पर टिकने लगी।

“बहुत मोटा तगड़ा है यार तेरा तो।”

“हां भाभी। बहुत ताकतवर भी है। अंतिम बून्द तक मज़ा देता है।”

“अच्छा!”

“हां भाभी। आप मेरे लण्ड की ताकत के बारे में मेरी दीदी से पूछ सकती है।”

“ओह यार ! बहुत गज़ब है तू तो।”

“भाभी आप चाहो तो टेस्ट कर सकती हो! मैं आपसे कोई किराया नहीं लूंगा।”

“किराया मतलब?”

“मतलब आपकी चूत। वैसे तो मैं मेरा लण्ड टेस्ट करने का किराया लेता हूँ लेकिन अगर आप किराया नहीं भी देना चाहो तो भी चलेगा।”

तभी भाभी मेरी बात सुनकर चुप हो गई। वो मेरे लण्ड की मालिश करने में लगी हुई थी। मैं भाभी की मंशा को भाँप रहा था। वो मेरा लण्ड लेने के लिए लालायित हो रही थी। तभी मैंने लण्ड को पकड़ा और भाभी के मुँह में डालने लगा। भाभी लण्ड लेने मुँह में लेने के लिए मना करने लगी। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“अरे भाभी ले लो। मैं कोई किराया नहीं लूंगा।”

“नही यार मैं नही लूंगी।”

“अरे भाभी शरमाओ मत ले लो।”

अब भाभी आश्वश्त हो चुकी थी। तभी भाभी ने मुँह खोल दिया और मैंने झट से भाभी के मुँह में लण्ड डाल दिया। अब भाभी में खुद ने लण्ड पकड़ लिया और फिर भाभी मेरा लंड चूसने लगी। अब मैं भाभी के बाल संवार रहा था। भाभी धीरे धीरे मेरा लण्ड चुस रही थी।

“ओह्ह्ह् सिस्स्स ऊंह ओह्ह्ह्ह भाभी।”

भाभी को देखकर लग रहा था कि भाभी को लण्ड चूसने का बहुत अनुभव है। भाभी पुरे ध्यान से मेरा लण्ड चुस रही थी। कुछ ही देर में मेरा लण्ड भाभी के थूक से गीला हो चूका था।

“उह्ह्ह्ह भाभी बहुत मजा आ रहा है। आह्ह्ह्ह्ह बहुत मजा देती हो आप।”

भाभी अब अपनी स्पीड को बढ़ाती जा रही थी।भाभी को मेरा लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था।अब भाभी को मेरा लण्ड चूसते हुए बहुत देर हो चुकी थी। अब मैने सोचा यही मौका है भाभी को लपेटने का। अब मैं बेड से खड़ा हो गया और फिर भाभी के सिर को पकड़कर भाभी के मुँह को चोदनेलगा। अब भाभी के मुँह में सकासक मेरा लण्ड जा रहा था। भाभी के मुँह को चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“ओह प्रिया! आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

मै झमाझम भाभी के मूंह में लंड पेल रहा था। भाभी आराम से मेरा लंड ले रही थी। भाभी थोड़ी देर में ही मुँह ठुकाई से बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। तभी मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए भाभी को खड़ा किया और उन्हें बेड पर पटक दिया। भाभी वापस उठने की कोशिश करने लगी। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“नहीं रोहित।”

“नहीं भाभी। अब और कोई चालाकी नहीं।”

तभी मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और भाभी के रसीले होंठो पर धावा बोल दिया। अब मैं ताबड़तोड़ भाभी के होंठो को चुस रहा था। भाभी बहुत ज्यादा डर रही थी। मै तो भूखे शेर की तरह भाभी पर टूट पड़ा था। भाभी मुझे उनके ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने भाभी को अच्छी से कस रखा था।

अब कमरे में फिर से पुच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च ओह की आवाज़े गूँजने लगी थी। फिर थोड़ी देर में ही मेने भाभी के होंठो को रगड़ डाला। अब मैं भाभी के चिकने गले पर किस करने लगा। भाभी बेचेने होने लगी। उनके मुंह से सिस्कारिया फूटने लगी।

“सिसस्ससस्स आहहह ओह उन्हहःहः ओह सिसस्ससस्स।”

मैं पागल सा होकर भाभी के गले पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था। भाभी पागल सी होने लगी थी। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये! तब तक मेने भाभी के गले पर जमकर किस किये। अब मेने भाभी के साड़ी के पल्लु को खीच डाला और फिर ब्रा के ऊपर से ही भाभी के टाइट बोबो को कसने लगा। तभी भाभी कसमसाने लगी। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“आईईईई सिस्सस्स ऊंह आईईईई।”

आहः! बहुत ही मस्त टाइट बोबे थे भाभी के! मुझे तो भाभी के बोबे दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था। अब मैं भाभी की ब्रा खोलने लगा लेकिन भाभी मना करने लगी।

“रोहित, अब आगे कुछ मत कर।”

“करना तो पड़ेगा भाभी। अब मैं खुद को नहीं रोक सकता।”

“नहीं यार। तेरे भैया को पता चलेगा तो उन्हें बहुत बुरा लगेगा।”

“किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, भाभी। आप चिन्ता मत करो।”

तभी मेने भाभी के हाथों को दूर हटा दिया और एक ही झटके में भाभी की ब्रा खोल दी। ब्रा खुलते ही भाभी के दोनो अमरुद उछल कर बाहर आ चुके थे। अब मै भाभी के बोबो को ज़ोर ज़ोर से कसने लगा। आहाः! भाभी के नंगे बोबो को कसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“ओह अआहः सिससस्स आहहह आहाहा ओह उनह….धीरे धीरे।”

“बहुत मस्त बोबे है भाभी। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”

मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी के बोबो को निचोड़ रहा था। भाभी के बोबो को निचोडने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी दर्द से कराह रही थी।

“ओह्ह्ह्ह मम्मी। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

“ओह्ह्ह भाभी। आहा।”

मै भाभी के टाइट बूब्स को मुट्ठियों में भर भरकर बुरी तरह से निचोड़ रहा था।भाभी की दर्द के मारे गांड़ फट रही थी।फिर मेने भाभी के बोबो को खूब निचोड़ा। अब मेने भाभी के बोबो को मुँह में भर लिया और फिर मै भाभी के बोबो को चूसने लगा।

“उन्ह भाभी। आहः! बहुत ही शानदार है।”

मैं लबालब भाभी के बोबो को चुस रहा था। भाभी के बोबो में मुझे अलग ही टेस्ट नज़र आ रहा था। मै तो बोबे चूसने में पागल सा होने लगा था। भाभी चुपचाप मुझे बोबो का टेस्ट करवा रही थी। मै भाभी के बोबो का जमकर मज़ा ले रहा था।

“उन्ह ओह प्रिया! आह्ह मज़ा आ गया।”

मैं झटके मार मारकर भाभी के मस्त बूब्स का मजा ले रहा था।भाभी मेरे बालो को सहला रही थी।अब मैं चूस चुसकर भाभी के बूब्स को निचोड़ रहा था।

“ओह्ह्ह् रोहित। सिस्सस्स। उन्ह।”

फिर मैंने बहुत देर तक भाभी के बोबो को चुसा। अब मैं भाभी के पेट पर किस करता हुआ भाभी की टांगो में आ गया। अब मैं भाभी की चड्डी खोलने लगा तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।

“यार रोहित आगे मत बढ़ अब। तूने तो कहा था कि तू किराया नहीं लेगा। तू तो किराया लेने की कोशिश कर रहा है।”

“अरे भाभी! मैं किराया नहीं लूंगा। बसस्स थोड़ी देर आपकी सवारी करूँगा।“

“सवारी करना क्या! वो तो किराया लेना ही है। ये तो चीटिंग है।”

“अब भाभी इंजन गर्म है मेरी गाड़ी तो इसको थोड़ा पानी तो पिलाना पड़ेगा ना।”

“लेकिन मेरे पास पानी नही है।”

“आपका पानी तो मेरा इंजन निकाल देगा।”

अब भाभी के पास मेरी बात का कोई जवाब नहीं था। अब मैं हाथ को आगे भाभी के पेटिकोट में घुसाने लगा। भाभी मुझे रोकने लगी।

“रोहित यार मत खोल।”

“भाभी ये तो खोलनी ही पड़ेगी।”

तभी भाभी और मेरे बिच चड्डी को लेकर छीनाझपटी होने लगी। भाभी मुझे रोकने के लिए पूरा जोर लगा रही थी और मैं भी भाभी की चड्ढी खोलने की पूरी कोशिश कर रहा था। तभी मेरा हाथ भाभी की चड्डी तक पहुँच गया। अब मैं भाभी की चड्डी को पकड़कर खिंचने लगा। “Shy Bhabhi Pussy Show”

भाभी चड्डी को बचाने लगी। मैं भाभी की चड्डी को खींचकर उनके घुटनो तक ले आया था। भाभी अभी भी चड्डी को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही थी। तभी मेने भाभी की चड्डी को खोल फेंकी। अब भाभी में टांगो को चिपका लिया। अब मै भाभी की टांगे खोलने लगा।

“रोहित मत कर यार।”

“भाभी, आज मत ऱोको मुझे।”

तभी मेने भाभी की टांगो को खोल दिया। अब भाभी की नंगी चूत मेरे लण्ड के सामने थी। भाभी की चूत के आस पास काली घनी झाड़ियां उगी हुई थी। अब मैं भाभी की टांगो को पकडकर उनकी चूत में लण्ड सेट करने लगा।

“ओह मम्मी। फंस गई आज तो मैं।”

तभी मैंने भाभी की चूत में लण्ड सेट करके ज़ोर का झटका मारा। मेरा लण्ड एक ही झटके में भाभी की चूत के अस्थि पंजर को तोड़ता हुआ सीधा उनकी चूत के पेंदे में जा बैठा। चूत में लंड की दस्तक होते ही भाभी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

“आईईईईई मम्मी। आईईईईई मर्रर्रर्र गईईईई। आईईईर्रर्र बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई,, फट गैईईईई मेरी चूत,,, आईईई।”

तभी मेने भाभी की चूत में फिर से ज़ोरदार झटका मारा। अबकी बार मेरे लण्ड के झटके से भाभी बुरी तरह से हिल गई। अब मै भाभी की टांगे पकडकर उन्हें बुरी तरह से चोदने लगा। मेरा लण्ड भाभी की चूत में ज़ोरदार घमासान मचाने लगा। मेरे लण्ड के प्रहार से भाभी की चूत चू ,,,चू करने लगी.

“आईईईई आईईईईई आईईईईई बहुत दर्द हो रहा है। आईईईईई आईईईईई ओह मम्मी। मर्र्रर्रर्र गईईईई मैं तो। आईईईईई।”

“बहुत मजा आ रहा है भाभी। आह्ह्ह्ह।”

मैं झमाझम भाभी की चूत में लण्ड पेल रहा था। भाभी बहुत बुरी तरह से चुद रही थी।मैं भाभी की चूत में बहुत बुरी तरह से तोड़ फोड़ कर रहा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत के धज्जियां उड़ा रहा था। भाभी की छोटी सी चूत से मेरा लण्ड झेला नही जा रहा था। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“आईईईईई आईईईई ओह सिससस्स आईईईई ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह।”

“ओह्ह्ह्ह भाभी। आह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है।”

भाभी को बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैं उनकी चूत में जमकर लण्ड ठोक रहा था। भाभी बहुत बुरी तरह से बज रही थी। मै आज मेरे लण्ड की पूरी प्यास को बुझा लेना चाहता था।

“ओह मम्मी। सिसस्ससस्स आहाहाह आह्ह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आईईईईई धीरे,,,,,,धीरे।”

जब चूत मिलती है तो कौन धीरे धीरे लण्ड डालता है यार। मै तो भाभी की चूत को फाड् रहा था। मेरा लण्ड जमकर भाभी की चूत में घमासान मचा रहा था। तभी भाभी कांपने सी लगी और कुछ ही देर में भाभी की चूत से लावा फुट पड़ा। अब मेरा लण्ड भाभी के लावे में भीग चूका था।

“ओह्ह्ह्ह मम्मी। मर गई मैं तो। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आह्ह्ह्ह।”

मैं भाभी को जमकर चोदे जा रहा था। भाभी को बजाने में मेरे लण्ड को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। बड़ी मेहनत के बाद आज भाभी मेरे लण्ड के नीचे आई थी। मै इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता था। मै भाभी को बहुत बुरी तरह से बजा रहा था।

“ओह आहाहाह सिससस्स ओह उँह ओह सिससस्स आहाहाह ओह सिसस्सस्।”

फिर मैंने भाभी को बहुत देर तक ऐसे ही पटक पटक कर बजाया। अब मै भाभी की साड़ी को उनके पेटिकोट में से निकालने लगा तभी भाभी फिर से मुझे रोकने लगी।

“भाभी अब क्या रखा है? खोलने दो इसे।”

“नहीं यार रोहित।”

भाभी सबकुछ गँवा कर भी अभी भी इज़्ज़त बचाने का नाटक कर रही थी। तभी मैने भाभी के हाथो को दूर हटा दिया और फिर भाभी की साड़ी को उनके पेटिकोट से निकाल फेंका। अब मैने भाभी के पेटिकोट का नाडा खोल उनके पेटिकोट को भी खोल फेंका। अब भाभी मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने भाभी की टांगो को फोल्ड कर दिया और फिर मै खड़ा होकर भाभी को चोदने लगा। भाभी फिर से मेरे लंड के तूफान में उड़ने लगीं। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“आहा आईईईई ऊंह सिस्सस्स ओह्ह्ह आहा।”

“ओह्ह्ह्ह मेरी जान। आहा ओह्ह्ह्ह।”

अब मुझे भाभी को फोल्ड करके चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड एकदम सीधा भाभी की चूत में घुस रहा था।

“ओह आह्ह आहाहा आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह उँह ओह सिसस्ससस्स।”

“आह्ह भाभी, बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”

भाभी पसीने से तर बतर होकर चूत में लण्ड ले रही थी। मै भाभी को फोल्ड कर झमाझम बजा रहा था। भाभी को बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आज भाभी मेरे जाल में फंस चुकी थी। मै मिले हुए मौके का जमकर फायदा उठा रहा था।

“ओह आह्ह आहा आह्ह आहहह सिससस्स उँह ओह आह्ह आह्ह आह्ह।”

“ओह्ह्ह्ह भाभी बहुत मस्त माल हो आप। आहा ऊंह।”

“बजा ले रोहित इस माल को।”

“आह्हा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”

मेरा लण्ड भाभी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। मै भाभी की जमकर ले रहा था। तभी भाभी की चूत फिर से पानी से भर गई।अब मैं भाभी की भरी हुई झील में ज़ोरदार धक्के लगा रहा था। फिर मेने भाभी को बहुत देर तक फोल्ड कर बजाया।

अब मेने भाभी की चूत में से लण्ड निकाल लिया। अब भाभी को राहत की साँस मिली।अब मैं भाभी की चूत पर आ गया और उनकी टांगे खोलकर भाभी की चूत चाटने लगा तभी भाभी फिर से नखरे करने लगी।

“ओह्ह्ह्ह रोहित क्या कर रहा है यार?”

“चाटने दो ना भाभी।”

“नही यार रोहित।”

“अरे भाभी शरमाओ मत यार। चाटने दो।”

मुझे भाभी की रसभरी चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था। भाभी मेरे बालो को सहला रही थी। वो शांतिपूर्वक चूत को चटवा रही थी। मैं भाभी की चूत का जमकर मज़ा ले रहा था।

“उन्ह ओह,, आहहहह अहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आह्ह आह्ह ओह उन्ह आहहह।”

अब भाभी बहुत ज्यादा कसमसा रही थी। उनकी चूत में आग लग रही थी। भाभी आतुर होकर बेड की चादर को मुट्ठियों में कस रही थी।

“सिससस्स उँह ओह आह्ह ओह्ह्ह सिस्स्स।”

मै जमकर भाभी की चूत चाट रहा था। भाभी बुरी तरह से कसमसा रही थी। मुझे भाभी की चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी की चूत चाटी। अब मैंने भाभी की टांगो को मोड़ दिया और फिर भाभी की चूत में एकसाथ दो उंगलिया घुसा दी। अब मैं भाभी की चूत में उंगली करने लगा। अब भाभी फिर से कसमसाने लगी। “Shy Bhabhi Pussy Show”

“आईईईई सिससस्स उन्ह अआहः आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आहा। ओह रोहित ऐसा मत कर। आह्ह।”

“करने दे प्रिया। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह।”

मैं जल्दी जल्दी भाभी की चूत में ऊँगली करने लगा। अब भाभी दर्द से बुरी तरह से झल्लाने लगी। मुझे भाभी की चूत सहलाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“आहा आहहह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह धीरेरेरे,,,, धीरेरेरे ओह रोहित मरर्रर्र गईईईई। आह्ह।”

“ओह भाभी आज तो आपकी चूत को फाड़ डालूंगा।अआह।”

मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी की चूत की खुदाई कर रहा था।भाभी की अब हालात खराब हो रही थी।वो अब टांगो को इधर उधर फेंक रही थी। भाभी को बहुत तेज़ दर्द हो रहा था। वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी। तभी भाभी फिर से झड़ गई। मेरी उंगलिया भाभी के रस में भीग चुकी थी। तभी मैने भाभी की चूत पर मुँह जा रखा और फिर भाभी के नमकीन पानी को पीने लगा। अब भाभी राहत की सांस ले रही थी। अब वो आराम से मुझे उनका पानी पीला रही थी।

“ओह्ह्ह्ह रोहित सिसस्सस उन्ह्ह्ह आह।”

फिर मैंने भाभी की चूत को बुरी तरह से रगड़ डाला। चूत रगड़ाई से भाभी बुरी तरह से बौखला गई थी। कहानी जारी रहेगी……. आपकों मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताए – [email protected]

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