मेरे दरवाजे के सामने ही एक दरवाजा है, उसमे एक परिवार रहता है जो की उत्तर प्रदेश बाराबंकी का है, उस घर का आदमी जो की की उसका बड़ा सलून है वो अपने वाइफ और दो बहने के साथ रहता है, मेरी पड़ोसन की उम्र करीब 24 साल की और उसकी दोनों ननद एक 18 साल की और एक 19 साल की है. Jawani Ki Madhosi Sex
देखने में बड़ी ही सुन्दर है, मेरा नज़र तीनो पर था और मैं कामयाब भी रहा, मैंने तीनो को कैसे चुदाई की आज मैं आपको बता रहा हु. मेरा नाम अजय है अभी एक साल ही हुआ है शादी हुए वाइफ होम टाउन गयी हुयी है, क्यों की बच्चा होने बाला है, मैं अकेला ही रह रहा हु.
एक दिन मेरी पडोसन आयी और बोली भैया आज मेरा पानी खत्म हो गया है क्या मैं आपके यहाँ नहा लू, मैंने कहा ठीक है, वो नहाने के लिए बाथरूम में चली गयी. करीब आधे घंटे के बाद निकली तो मैं देखकर दंग रह गया वो सिर्फ तौलिया पहन के ही वापस आई थी.
तौलिया उसके बूब के ऊपर से लेकर घुटने के ऊपर तक ही बंधा हुआ था, गोल गोल जांघे और कैसा हुआ और टाइट बूब कमाल की लग रही थी, मैं सोफे पे बैठ की निहार ही रहा था की पुछि की क्या हुआ, मैंने कहा कुछ नहीं बस यौन ही आपको देख रहा हु आप बड़ी ही सेक्सी लग रही हो, भगवान ने बड़ी ही खूबसूरत बनाया है आपको.
वो हस्ते हुए बोली मज़ाक तो नहीं कर रहे हो, मैं कहा नहीं, कसम से आप बड़ी हॉट हो, इतना कहते ही वो बोली की मैं आपके बैडरूम के कपडे पहन लू, मैंने कहा हां हां क्यों नहीं, वो बैडरूम में चली गयी, तभी वो आवाज़ लगाई भैया, प्लीज एक बार आना.
मैं अंदर गया तो देखा उसके ब्रा का हुक उसके बालो में बुरी तरह से उलझ गया था, और वो ना तो निकाल पा रही थी ना तो पहन ही पा रही थी, मैंने जब अंदर गया तो उसका आधा बूब दिखाई दे रहा था और तौलिया एक हाथ से पकड़ी हुयी थी और एक हाथ से ब्रा से बाल निकलने की कोशश कर रही थी.
मैंने उसके बाल से ब्रा का हुक निकाला और पीछे से हुक को लगा दिया, पर मुझे पता नहीं क्या हो गया था, मैंने उसके आँखों में झाँकने लगा और ऐसा लग रहा था की उसकी आँखे मुझे खीच रही थी, मैं देखते देखते अपने आँख को नज़दकी किया अब मेरी साँसे और उसकी साँसे आपस में मिल रही थी उसका होठ काँप रहा था.
पिअर्स साबुन की खुसबू उसके बदन से आ रही थी, मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और अपना होठ उसके होठ पे रख दिया, तभी वो बोली भैया क्या रहे हो, कोई देख लेगा, मैंने कहा मेरे यहाँ तो कोई नहीं आने बाला है.
तो वो बोली हो सकता है मेरी ननद श्रृष्टि आ जाए, उसके भैया तो २ दिन के लिए कही बाहर गए है, उसने कहा एक बार जाके बाहर दरवाजे के पास देख लो, कोई है तो नहीं, मैं जल्दी भाग के गया आउट भर झांक के देखा, कोई नहीं था मैंने मैं दरवाजा अंदर से लगा दिया, और वापस जल्दी आया.
वो भी बाहे फैलाकर खड़ी थी, मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके गालो में, होठ में, कंधे पे किश करने लगा, वो भी मुझमे समा जाना चाहती थी, वो भी मुझे किश कर रही थी, और बोल रही थी, भैया मैं कब से तुम्हारे बाहो में समा जाना चाहती थी.
मैंने उसको गोद में उठकर बेड पे लिटा दिया, और तौलिया खोल दिया, वो सिर्फ रेड पारदर्शी पेंटी में थी, उसका ब्रा भी पारदर्शी था, काफी हॉट लग रही थी, उसके शरीरी का बनावट काफी सेक्सी था, मैंने उसके होठ से लेकर पैर के अंगूठे तक चूमना शुरू किया वो मदहोश हो रही थी.
फिर वो बोली भैया मेरा चूत चाटो, मैंने उसके दोनों पैर को अलग कर के मैंने उसके चूत को चाटने लगा और जीभ से चाट रहा था वो बार बार पानी छोड़ रही थी, उसका नमकीन पानी मैं पीये जा रहा था, वो अंगड़ाइयी लेती हुय अपने डाट से अपने होठ को काट रही थी.
और मेरे बाल को पकड़ के अपने चूत में सटा रही थी और कह रही थी चूस, चूस डाल, ले ले मज़ा, मेरा हस्बैंड मुझे खुश नहीं कर पाटा है आज मैं देखती हु तुझमे कितना डैम है, मैंने अपना कपड़ा उतार फेका और अपने लंड को जांघिये से आज़ाद किया, लंबा मोटा करीब 9 इंच का लंड.
वो तो देखकर हैरान हो गयी, बोली क्या इतना बड़ा और इतना मोटा लंड होता है? आज तक तो मैंने देखा नहीं, मेरा हस्बैंड का तो सिर्फ ३ इंच का है, डाल मेरे चूत में. उसका चूत बिलकुल पानी पानी हो चुका था, मैंने अपने लंड को निकाल कर उसके चूत के छेद पे रखा और कस के धक्का मारा पूरा लंड अंदर चला गया.
वो कस के आऊच की आवाज़्ज़्ज़ निकले और बोली मज़ा आ गया, मेरे पेट के अंदर तक लंड जा रहा है, मेरे चूत में तो सेट हो गया, मैंने दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ा और जोर जोर से लंड को चूत के अंदर पेलने लगा, वो भी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी.
मैंने भी उसको चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ा, करीब आधे घंटे तक चुदाई की फिर दोनों शांत हुए, वो मुस्कुरा रही थी और बहुत ही खुश थी, मैंने उक्से होठ को फिर से चूमा और चूच के ऊपर हाथ फेरने लगा, फिर वो बोली आपकी वाइफ कब आएगी, मैंने कहा अभी वो ४ महीने बाद आएगी.
वो खुश हो गयी और किश करने लगी, फिर वो कपडे पहन कर अपने फ्लैट में चली गयी. एक दिन श्रृष्टि की भाभी और उसकी बहन दोनों मार्किट गयी थी, मैं अकेले ही अपने कमरे में बैठा था तभी बेल्ल बजा मैं जाकर दरवाजा खोला तो देखा श्रृष्टि खड़ी थी, वो बोली क्या कर रहे हो?
मैं कहा कुछ भी नहीं गाने सुन रहा हु, कुछ काम है? मैंने पूछा बोली नहीं, भाभी घर पे नहीं है, मैं अकेली हु, मन नहीं लग रहा है, वो लोग ३ घंटे बाद आयेगे, शाहदरा मासी के यहाँ गए है. मैंने कहा आ जाओ, और वो अंदर आ गयी, मैं बेड पे बैठा और वो बेड के बगल में प्लास्टिक का चेयर था वो उसपे बैठ गयी.
वो अपना दुप्पटा चवा रही थी, मैंने कहा दुपटा चबा रही है क्या बात है, बोली कुछ नहीं खाई हु इसलिए और हसने लगी, मैंने कहा अच्छा कुछ खायेगी तो बोल बोली खिलाना है तो पिज़ा खिला दो. मैंने कहा फिर तो तुम्हे इंतज़ार करना पडेगा, बोली कोई बात नहीं ३ घंटे तक तो मैं आज़ाद हु.
मुझे कुछ शक हुआ ये लड़की कुछ बहकी बहकी बात कर रही है. मैंने डोमिनो को फ़ोन किया और चीज़ पिज़्ज़ा का आर्डर किया, फिर इधर उधर की बात कर रहे थे, पर उसका अंदाज़ कुछ सेक्सी लग रहा था, मेरे बगल में बैठ के वो अंगड़ाई ले रही थी. “Jawani Ki Madhosi Sex”
मैंने कहा क्या बात है श्रृष्टि शरीर में दर्द कर रहा है क्या? बोली नहीं पता नहीं जब से आयी हु, ऐसा ही लग रहा है, मैंने कहा जवान हो गयी है इसलिए ऐसा लग रहा है? बोली अच्छा हो सकता है, जब कोई रोमांटिक मूवी भी देखती हु तो ऐसा ही लगता है, तो मैंने कहा आज मुझे देखा के लग रहा है क्या बात है?
तो वो बोली आप बड़े ही सुन्दर हो, किसी को भी अंगड़ाई आ जायेगी. मैं समझ गया की गेंद मेरे पाले में है, मैंने कहा अच्छा और उसके गाल पे एक चुति काट ली वो कुछ भी नहीं बोली, फिर मैं कोई ना कोई बहन या तो बात करता और उसके गाल को टच कर लेता वो कुछ भी नहीं कह रही थी.
अब तो मुझे ही अंगड़ाई आने लगी मेरा लंड, खड़ा हो गया और थोड़ा सा लंड से लसलस सा पानी निकलने लगा, मेरी साँसे भी नार्मल नहीं थी, ना तो उसकी ही साँसे नार्मल थी. फिर कोई बात हुई और वो अपनी ऊँगली से मेरे पेट में छु दी.
मैंने रिप्लाई किया मैंने भी वही ऊँगली लगाई जहा वो मुझे लगाई थी, फिर एक बार वो एक बार मैं वो मेरे सीने पे ऊँगली लगाई तो मैंने उसके छोटे छोटे बूब पे ऊँगली लगाएगी वो सिहर गयी, और हँसाने लगी, मैंने कहा मज़ा आया वो बोली अभी नहीं.
मैंने समझ गया ग्रीन सिग्नल, श्रृष्टि भरपूर जवानी में थी वो 19 साल की लड़की थी, लम्बी पर पतली सुडोल शरीर और उसकी चूचियाँ बिलकुल कोसको की बॉल की तरह थी, छोटी टाइट, मैंने फिर ऊँगली लगाई वो भी ऊँगली लगाई, तभी दरवाजे पे किसी के आने की आवाज़ थी.
वो खड़ी हो गयी और बाहर जाके देखि क्यों की उसका भी फ्लैट मेरे फ्लैट के दरवाजे के सामने उसके फ्लैट का दरवाजा था. वो वापस आयी बोली कोई नहीं है. वो जैसे अंदर आयी मैंने उस समय बेड पे पैर लटका के बैठा था, वो उछाल के मेरे गोद में बैठ गयी और दोने एक हाथ को मेरे गर्दन पे घुमा के सहारा ले ली.
उसका चूच मेरे मुह के सामने था, उसकी कांख की स्मेल काफी सेक्सी और अपने तरफ खीचने सा लगा, मैंने उसके बूब को एक हाथ में लिया और दबाया वो सहम सी गयी, मैंने उसके गाल में एक छोटी सी किश दी वो सिहर रही थी, उसके होठ फड़फड़ा रहे था, उसका बदन भी काँप रहा था. “Jawani Ki Madhosi Sex”
शायद पहली बार किसी मर्द का स्पर्श हुया था, मैंने उसके समीज को ऊपर उठाया वो अंदर टेप पहनी थी ब्रा नहीं था, मैंने अन्दर से पकड़ा और दबाया वो आनंद से भाव बिभोर हो गयी. मैंने उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया, वो वो सकपका गयी.
शायद वो डर भी रही थी और शर्म भी आ रही थी मैंने हाथ उसके बूर में डालने की कोशिश की तो वो बोली ना ऐसा मत करो मैंने भी कुछ नहीं किया और वापस चूची दबाने लगा, वो सीई सीएई सीईई आआआह आआह कर रही थी.
मैं बाहर का मुआयना करने गया की कोई आस पास है तो नहीं, आसपास कोई नहीं था, फिर वापस कमरे में आया देखा श्रृष्टि का नाड़ा खुला ही हुआ है, और वो बेड पे लेटी थी, मैंने कहा श्रृष्टि दोगी? वो बोली हां, पर दर्द नहीं होना चाहिए मैंने कहा ठीक है, वो बोली धीरे धीरे करना मैंने कहा ठीक है.
मैंने उसके सलवार के निचे किया वो पेंटी भी नहीं पहनी थी, जांग उतना मोटा नहीं था, मैंने दोनों पैर को अलग अलग किया तो बीच में एक छोटा सा बूर था, मुस्किल से उसमे ऊँगली तक नहीं जा सकती थी, बूर पे कोई बाल भी नहीं था, मैंने अपने लंड में थोड़ा सा थूक लगाया और थोड़ा उसके बूर पे भी.
और मैंने एक झटका दिया वो चीख पड़ी, मैंने उसको थोड़ा सहलाया और फिर कोशिश की और श्रृष्टि के बूर में पूरा लंड चला गया, वो दर्द से रो पड़ी और बोल रही थी “जालिम” मैंने उसको किश किया और फिर से धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.
वो करीब पांच मिनट बाद मज़े लेने लगी, फिर मैं उसके पैर को ऊपर उठा दिया उसके गांड पे तकिया लगाया और कस कस के चोदने लगा, वो हाय हाय हाय औह मर गयी, हाई हाई, उफ़ उफ़ उफ़ कर रही थी. करीब दस मिनट तक इस पोजीशन में चोदने के बाद मैं निचे आ गया और उसको ऊपर अपने लंड पे बैठाया.
वो धीरे धीरे कर के मेरे पुरे लंड पे बैठ गयी और अपने अंदर समा ली, और हुस के बोली गायब हो गया आपका हथियार, मैंने कहा दिखाता हु कहा है मेरा हथियार थोड़ा उसको उछाला और एक झटका दिया, फिर वो झटके पे झटके ले ले के चुदवा रही थी. “Jawani Ki Madhosi Sex”
वो दो बार झड़ चुकी थी, फिर मेरी बारी आयी और मैंने अपना लंड उसके बूर से निकाल के उसके मुह पे पिचकारी की तरह दाल दिया वो जीभ लगा के टेस्ट ली और बोली नमकीन लग रहा था, बोली मज़ा आ गया पर आप मेरे से एक प्रोमिस करो ये बात किसी को नहीं बताना.
मैंने कहा श्रृष्टि मैं प्रोमिस करता हु, ये बात सिर्फ मेरे और तुम्हारे बीच ही रहेगा. मैंने श्रृष्टि और उसकी भाभी को करीब एक महीना तक चोदता रहा, जब भी मौक़ा मिलता, रोज रोज किसी ना किसी को चोद ही लेता, अब मेरे नज़ार में उसकी छोटी बहन 18 साल की ऋचा थी और मैं उसको भी चोदने में कामयाब हो गया.