मेरा नाम रोहिणी पाण्डेय है। मै चंदौली की रहने वाली हूँ। आज मै आप लोगो को अपने पड़ोस के लड़के के साथ चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ। मेरी उम्र 18 साल होगी। मै दिखने में बहुत स्मार्ट और सेक्सी हूँ। मेरे मोहल्ले के लड़के मुझे बहुत लाइन देते है लेकिन मै केवल एक ही लड़के को लाइन देती थी। Hot Village Girl
वो मेरे घर के बगल में ही रहता था। उसका नाम अरविन्द मौर्या था। उसकी उम्र भी लगभग 19 साल होगी। वो दिखने में बहुत स्मार्ट और उसका कद 5.11 फीट है। उसके पीछे बहुत सी लड़कियां पागल है, लेकिन वो किसी को भी भाव नही देता है।
मै भी किसी से काम नही हूँ, मेरे गोल और बड़ी बड़ी आंखे, गाजर की तरह लाल लाल गाल, और रसीली और पतले होठो को देख कर हर कोई मेरा दीवाना हो जाता था। मेरे मम्मो की बात करे तो क्या गजब के मम्मे है, रवा की तरह गोरे गोरे, बड़े और बहुत मुलायम बिल्कुल ब्रेड की तरह।
मुझे अपने मम्मो को सहलाने और दबाने में बहुत मजा आता है। जब मै रोज नहाने जाती थी तो मै अपने मम्मो को खूब दबाती थी। इसीलिए मेरे मम्मे जल्दी बड़े हो गये थे। अब मैंने अपने मम्मो को दबाना बंद कर दिया है।
मेरा फिगर तो कमाल का है, उस गाने की तरह, ऊपर के 32, नीचे का 36, बीच का 24, बुझाता की ना। मेरी चूत तो बहुत ही रसीली और कड़क थी। मेरी चूत को पहले किसी ने छुआ है। मै सोचती थी की मै केवल अपने पति से चुदवाउंगी, लेकिन अरविन्द के ऊपर दिल आने के बाद मैंने सोच लिया था पहले अरविन्द से फिर अपने पति से चुदवाउंगी।
बचपन में मै और अरविन्द साथ में ही खेलते थे, और भी बहुत काम साथ में करते थे। लेकिन तब मुझे ये सब मालूम नही था। अब मुझे उससे प्यार हो गया है तो साथ नही रह सकते थे क्योकि हम बड़े हो गये थे। मै हमेसा उसके घर जाया करती थी। लेकिन वो मेरे घर कभी नही आता था।
मै तो हमेसा उसके पास जाने का मौका ढूंढा करती थी। कुछ दिन पहले की बात है, मै अरविन्द के घर गई थी, सुबह का समय था वो बाथरूम से नहा कर निकाला था। उसका अंडरवेअर पानी से भीगा हुआ था और भीगे हुए अंडरवेअर में उसका लंड पूरा का पूरा जान पड़ रहा था।
मै तो उसके लंड को देख कर उसकी दीवानी हो गई थी। उसका लंड बहुत मोटा और बड़ा था, मुझको देख कर अरविन्द शर्मा गया। वो जल्दी से वहां से चला गया। मैंने उसके लंड को देखने के बाद सोच लिया था की मुझे किसी भी तरह से उससे चुदना है।
अरविन्द पढ़ने में बहुत तेज था इसलिए मैंने अपनी मम्मी से कहा – “मम्मी मुझे पढाई में कुछ चीजे नही आती है और अरविन्द को सब आता है। आप उसकी मम्मी से बात कर लो तो अरविन्द मुझे पढ़ा दिया करे’’। मम्मी ने कहा – ठीक है मै बात कर लूँगी। मम्मी की ये बात सुन कर मेरे मन में अभी से ही लड्डू फूटने लगा था।
मम्मी ने अरविन्द के मम्मी से बात की और अरविन्द को मुझे पढाने के लिये राजी करवा लिया। ये सब तो एक बहाना था अरविन्द से खुद को चुदवाने का। अरविन्द मुझे अगले दिन से पढाने वाला था उसने मुझे शाम को 7 से 8 पढ़ने को कहा।
मेरा घर दो मंजिल का था और मेरा कमरा दूसरे मंजिल पर था। मैंने मम्मी से कहा- “मम्मी नीचे सब लोग शोर करेंगे इसलिए मै ऊपर अपने कमरे में ही पढ़ लूँगी”। मम्मी ने कहा – “ठीक है अपने कमरे में ही आराम से पढ़ना”। मैंने पूरा प्लान बना लिया था बस अब किसी तरह से अरविन्द को पटाना था। शाम हुआ अरविन्द मुझे पढाने के लिये मेरे घर आया। “Hot Village Girl”
उसने मेरी मम्मी से पूछा – “आंटी रोहिणी कहा है।
मम्मी ने कहा – “वो अपने कमरे में है वहीँ जाके उसे पढ़ा दिया करो”।
उसने कहा ठीक है। मै उसका इंतज़ार अपने कमरे में कर रही थी, थोड़ी देर में वो मेरे कमरे में आया। मैंने उसके लिये एक कुर्सी लगाई और खुद मै अपने बेड पर बैठ गई।
उसनें मुझे पढाना शुरू किया – मै तो उसको ही देखे जा रही थी।
आज वो मुझे भौतिक विज्ञान पढ़ा रहा था, उसने मुझसे कुछ सूत्र पूछे जिसके मैंने जवाब दे दिए।
उसने मुझसे कहा – तो तुम घर पर पढाई करती हो।
मैंने कहा – हाँ खाली समय में पढाई ही करती हूँ।
उससे पढते हुए एक घंटा कैसे बीत गया कुछ पता ही नही चला। मैंने रात भर उसके भर उसके बारे में सोचा। अगले दिन मैंने जान कर एक खूब ढीला टॉप पहना और अंदर ब्रा भी नही पहना। जिससे जब मै झुकती तो मेरी आधी चूची बाहर निकाल आती थी।
शाम को जब अरविन्द मुझे पढ़ने आया तो मैंने अपने कमरे की जानकर के झाड़ू लगाने लगी। मै झुक कर अपने कमरे की झाड़ू लगा रही थी, जिससे मेरे टॉप से मेरी आधी चूची बाहर निकली हुई थी और अरविन्द की नजर मेरी चूची पर पड़ गयी। मेरी चूची को देख कर अरविन्द का भी लंड खड़ा हो गया और वो अपने हाथो से अपने लंड को दबा के छुपाना चाहता था।
झाड़ू लगाने के बाद मैंने अरविन्द से पढ़ना शुरू किया, उसने मुझसे कहा – तुम ऐसे कपडे क्यों पहनती हो अच्छे नही लगते है??
मैंने पूछा – क्यों इसमें क्या बुराई है??
मै जान गई की उसने मेरी चूची को देख लिया है।
उसने कहा – बुराई कुछ नही है लेकिन अच्छा नही लगता है।
इतने में मैंने जानकर अपना पेन गिरा दिया और उठाने के लिये झुकी तो मेरे बूब्स फिर से बाहर निकाल आये। जिसको देख कर अरविन्द के मन में चुदाई की ज्वाला भडक उठी।
उसने मुझसे कहा –“यार तुम आज से इस टॉप को मत पहनना”।
मैंने फिर से पूछा – क्यों ??
तो उसने कहा – मै तुम्हारे बूब्स को देख कर पागल हो जाता हूँ।
मैंने शर्माने की एक्टिंग की ताकि उसे पता ना चले। मैने कहा ठीक है। उस दिन तो अरविन्द भी मेरे बूब्स को देख कर पागल हो रहा था। इसी तरह से कुछ दिन बीता मै और अरविन्द और भी करीब आ गये थे।
एक दिन मैंने अरविन्द से पूछा – तुम किसी लड़की को लाइन क्यों नही देते हो??
तो उसने मुझसे कहा – “यार किसी लड़की को पहले पटाने के लिये पहले उसके आगे पीछे घूमो, फिर पटाने के बाद देर तक उनसे फोन पर बातें करो और साथ में रिचार्ज भी करवाओ। और उससे मिलता क्या है – कुछ किस और सेक्स। मुझे इन सब चीजो में कोई इंटरेस्ट नही”।
मैंने उससे पूछा – अगर तुम्हारे पीछे कोई भागे तो ??
तो उसने कहा – तब एक बार सोच सकता हूँ। ये सुनकर मै खुश हो गई मैंने सोचा चांस है।
अगले दिन मेरा जन्मदिन था, लेकिन मेरे घर में मनाया नही जाता था इसलिए आज भी अरविन्द मुझे पढाने आया।
मैंने उससे कहा – यार आज मेरा जन्मदिन है मुझे विश नही करोगे क्या??
उसने कहा – मुझे पता नही था।
उसने मुझे विश क्या और मुझसे पूछा – गिफ्ट में क्या चाहिए??
मैंने उससे कहा – जो मांगू वो दे सकते हो??
उसने कहा – ‘अगर मेरे बस में होगा तो जरुर दूँगा”।
मैंने बिना कुछ सोचे समझे उससे कहा मुझे तुम चाहिए। मै तुम से प्यार करती हूँ। क्या तुम भी मुझसे प्यार कर सकते हो??
तो उसने कहा – मै तुम्हे निरास ही करूँगा, अगर तुम्हारा जन्मदिन ना होता तो शायद मना कर देता लेकिन ये तुम्हारा गिफ्ट है तो पूरा करना ही पड़ेगा।
उसने मुझे अपने बाँहों में भर लिया और मुझसे कहने लगा – यार मैं भी तुम्हे लाइक करता था लेकिन मुझे लगता था, कि कहीं तुम मुझसे नाराज हो गई तो जो दोस्ती वो भी चली जायेगी।
मैंने उससे कहा – मैं तो तुम्हें बहुत पहले से चाहती हूँ, लेकिन मैं डरती थी क्योकि तुम किसी लड़की को लाइन नही देते हो, तो मुझे कैसे लाइन दोगे। इसलिए मैंने तुम्हे पहले प्रपोस नही किया।
मैंने उससे कहा – तुम मुझे किस कर सकते हो??
तो उसने कहा – “अब जब प्यार किया है, तो खाली किस से काम नही चलेगा”।
मैंने जानकर कहा – मतलब ??
तो अरविन्द ने कहा – क्या मैं तुम्हारे साथ सेक्स कर सकता हूँ??
तो पहले मैंने थोड़ा मना किया लेकिन अरविन्द ने मुझे मनाने के लिए बहुत कोसिस की। तो मैं मान गयी। उसे क्या पता था कि ये सब तो मेरा प्लान था। जब अरविन्द ने मुझसे मेरे चुदाई के लिए मुझे मना रहा था, तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैंने उससे कहा – अरविन्द क्या तुम मेरे बर्थडे पर मुझे अपना पहला लिप से लिप वाली किस दे सकते हो??
मेरे कहने के तुरंत बाद ही उसने मुझे बेड पर बिठा दिया और मेरे होठो को इमरान हाशमी की तरह से मेरे पतले और रसीले होठो को चूसने लगा। मैं भी उसके होठो को मस्ती के साथ चूसने लगी थी। अरविन्द ने मेरे निचले होठो को अपने धारदार दांतो से काट कर मुझे उत्तेजित कर रहा था।
उसमे इस हरकत से मैं सिहिल जाती और उसको और भी जोर से पकड़ कर उसके रसीले होठो को पीने लगती। मैं बहुत जोश में थी मैंने अपने जीभ को अरविन्द के मुह में डाल दिया और वो मेरे जीभ को चूस चूस कर मेरे जीभ को पीने लगा।
मैं भी उसके होठो और उसके जीभ को मस्ती के साथ पीने लगी। लगातार 20 मिनट तक मेरे होठो को चूसने के बाद अरविन्द मेरे बूब्स को अपने हाथों से मसलने लगा। मेरे बूब्स को अरविन्द बहुत बेरहमी से दबा रहा था। और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
कुछ देर मेरी चुचियों को मसलने के बाद उसने मेरे टॉप को निकल दिया और मेरे गोर गोर , सॉफ्ट और दूध से भरी हुई चुचियों को ब्रा के ऊपर ही दबाने लगा। थोड़ी देर बाद उसने मेरे ब्रा को भी निकल दिया। और मेरे मम्मो को बड़ी मस्ती से दबा कर पीने लगा। “Hot Village Girl”
मेरा तो जोश से बुरा हाल हो रहा था, मैं बहुत कामुक हो रही थी। अरविन्द ने मेरे निप्पल को अपने दांतों से काट काट कर मेरे निप्पल को पी रहा था। वो लगातार मेरे मम्मो को पी रहा था, और साथ में मेरे कमर पर अपना हाथ भी फेर रहा था।
मैं और भी कामुक हो रही थी। मैं अपने शरीर को ऐंठते हुए सिसक रही थी। बहुत देर तक मेरी चुचियों को पीने के बाद वो मेरी चुचियों से नीचे बढ़ने लगा और धीरे धीरे मेरी नाभि के पास पहूंच गया। उसने मेरी नाभि को अपने जीभ से बहुत देर तक चाटा.
फिर उसने मेरे सलवार की नारे को धीरे से अपने हाथों से खींच जिससे मेरे सलवार का नारा खुल गया और मेरे सलवार के नारे को खुलते ही उसने मेरे सलवार को नीचे करके मेरी सलवार को निकल दिया। और मेरी पिंक पैंटी को अपने जीभ से चाटने लगा।
मेरी पैंटी को चाटने के बाद उसने मेरे पैंटी को निकाल दिया और मेरे चिकने और मुलायम जांघ को सहलाते हुए मेरे चूत की गुलाबी दाने को अपने हाथों से रगड़ने लगा। मै बहुत ही जोश में आ गई थी जिससे मैंने अपने हाथों से ही अपने चूत को मसलने लगी।
बहुत देर तक मेरे चूत को रगड़ने के बाद उसने मेरे चूत को को चाटने लगा, और अपनी जीभ को मेरे फुद्दी में डालने लगा। जिससे मैं अपने बदन को सिकोड़ते हुए मैं आह आह आह… उह उह… उफ़ उफ़ उफ़ उफ़… अह आह… करके सिसकने लगी।
वो मेरी चूत को किसी आम की तरह से चूस रहा था। जिस तरह से आम को चूसने स सारा अंदर का माल निकल आता ही उसी तरह लग रहा था कि अभी मेरी चूत के अंदर का सारा माल बाहर निकल आयेगा। कुछ देर लगातार मेरी चूत को पीने से मेरी चूत ने अपने पानी को रोक नही पाई और मेरी चूत से नमकीन पानी निकलने लगा। “Hot Village Girl”
मेरी चूत के नमकीन पानी को अरविन्द ने अपने मुह से खीचते हुए सारा पानी पी गया। मेरे चूत के पानी को पीने के बाद उसने अपने पेंट को खोला और अपने बैगन की तरह मोटे और लंबे लण्ड को निकाला। मैंने उसके लण्ड को अपने हाथो में पकड़ लिया।
उसका लण्ड काफी मोटा था क्योंकि वो मेरे हाथों में नही आ रहा था। मैंने उसके लण्ड को चूसने के लिए अपने मुह में रख लिया। बहुत ही मज़ा आ रहा था उसके लंड को चूसने में। मैं उसके लंड को पूरा मुह के अंदर के लेती थी जिससे अरविन्द को बहुत मज़ा आता था।
बहुत देर उसके लंड को चूसने के बाद मैंने अरविन्द के लंड को अपने मुह से बाहर निकल दिया
फिर उसने मेरी चूत बजाने के लिए मुझे आधे बेड पर लिटा दिया और खुद खड़ा था। उसने मेरे पैरों को उठा दिया और अपने लंड को मेरी चूत और पटकने लगा। जिससे मैं बहुत जोश में आ गई , फिर उसने धीरे धीरे से अपने लण्ड को मेरी चूत के दाने में लगा के धकेलने लगा।
मैं तो कामोत्तेजन से पागल हो रही थी। कुछ देर बाद अरविन्द ने अपने लंड को पहली बार मेरी चूत में घुसा दिया। जैसे ही मेरी चूत में अरविन्द लण्ड घुसा मेरी चूत से खून की कुछ बुँदे भी निकलने लगी। मेरी चूत का सील अभी तक नही टुटा था।
लेकिन आज मैंने अपनी सील तुड़वाली। अरविन्द ने मेरी चूत को पोछा और फिर से मेरी फुद्दी को बजाने लगा। वो मेरे बुर को फाड़ने में लगा हुआ था। और मैं दर्द से आह… आह अह… उह उह ऊह… माँ माँ माँ… आराम से आराम से अहह अहह…. उफ़ उफ़ उफ़… करके चिल्ला रही थी और मेरी चूत से चट चट चट की आवाज़ आ रही थी। “Hot Village Girl”
अरविन्द मेरी चूत में लगातार अपने लण्ड को डाल रहा था, उसका लंड कभी अंदर तो कभी बाहर। मेरी चूत तो फटी जा रही थी। लेकिन चुदाई का मज़ा ही अलग होता है। मैं मस्ती से अपनी कमर को उठा के चुदवाने लगी, जिससे अरविन्द को भी मज़ा आने लगा।
लगातार 40 मिनट तक मेरी चूत बजाने के बाद , अरविन्द अब झड़ने वाला था, तो उसने अपने लण्ड को मेरी चूत से बाहर निकाल लिया, और उसने अपने हाथों में लण्ड को पकड़ कर मुठ मारने लगा। लगातार कुछ देर मुठ मारने के बाद उसके लण्ड के छेद से उसका माल निकलने लगा।
कुछ ही देर में उसका लण्ड ढीला हो गया। मेरी चुदाई करने के बाद भी उसका मन नही भरा था इसलिये वो मेरे बदन को बहुत देर तक पीता रहा और साथ साथ उसने मेरी चूत और मम्मो को भी बहुत देर तक पीता रहा, और बहुत देर तक मुझे किस भी किया। अब तो हम रोज एक नये नये पोज़ मे चुदाई करते है। अरविन्द मुझे सेक्सी वेडियो दिखा दिखा के मेरी चुदाई करता है। हम दोनों चुदाई का मज़ा लेते हुए खूब चुदाई करते है। “Hot Village Girl”