पहली नजर में ही प्यार हो गया

मैं अपने चाचा के साथ बचपन से ही रहता हूं क्योंकि उनकी कोई भी संतान नहीं है इसलिए उन्होंने ही मेरी परवरिश की। मेरे चाचा चाची ने मुझे हमेशा प्यार दिया और वह लोग लखनऊ में रहते हैं अब उनका काम मैं ही संभालता हूं, मैंने कभी भी उन्हें बचपन से शिकायत का मौका नहीं दिया और उन्होंने भी मुझे हमेशा बहुत प्यार दिया। Cute Girl Salwar Khola

मैं जब अपने घर गया तो मेरी मम्मी मुझसे मिलकर बहुत खुश हुई मेरी मम्मी ने मुझे गले लगाया और कहने लगी तुम कितने दिनों बाद घर आ रहे हो। मेरे मम्मी पापा गोरखपुर में रहते हैं मैं बहुत खुश नसीब हूं कि मुझे मेरे चाचा चाची के रूप में माता पिता मिली और मेरे मम्मी पापा तो मुझे बहुत प्यार करते हैं, मेरे बड़े भैया भी इंजीनियर हैं.

और मैं जब घर गया तो कुछ दिनों तक मैं घर पर ही रुकने वाला था। मेरी मम्मी कहने लगी कि तुम्हारी भाभी की बहन की शादी में हमें उनके घर पर जाना है, मैंने कहा ठीक है मम्मी। कुछ दिनों बाद हम लोग मेरे भाभी के घर चले गए, मेरे भाभी के पिताजी बहुत अच्छे व्यक्ति हैं.

वह जब भी मुझ से मिलते है तो हमेशा मुझे कहते हैं कि तुमने अपने लिए कोई लड़की देखी या नहीं, मैं उन्हें हमेशा कहता हूं कि नहीं मैंने अभी कोई लड़की नहीं देखी, वह कहने लगे तुम्हारी उम्र में तो हमारी तीन चार गर्लफ्रेंड थी।

उनके साथ में समय कब कट जाता है पता ही नहीं चलता,  हम लोग भाभी के घर शादी में गए थे तो उस शादी के दौरान मेरी मुलाकात दीप्ती से हुई, दीप्ती को देखते ही मुझे पहली नजर में उससे प्यार हो गया लेकिन मैं उससे दिल की बात नहीं कर पाया.

पूरी शादी में मैं सिर्फ उसे ही देखता रहा और मैंने उसकी कुछ तस्वीरें भी ले रखी है लेकिन ना तो मुझे उसके बारे में ज्यादा कुछ पता था और ना ही मैंने यह बात किसी को बताई थी परंतु मैं दीप्ती से बात करना चाहता था और उसे अपने दिल की बात कहना चाहता था।

मैंने काफी समय बाद यह बात अपनी भाभी को बताई,  जब मेरी भाभी को यह बात पता चली तो वह कहने लगी तुमने मुझे उस वक्त क्यों नहीं बताया मैं तुम्हारी बात दीप्ती से करवा देती, मैंने भाभी से कहा मुझे उस वक्त किसी को बताना ठीक नहीं लगा लेकिन मुझे अब आप दीप्ती से मिलवा दीजिए.

भाभी कहने लगी कि मैं अभी दीप्ती को फोन करती हूं, वह भाभी की बहन की सहेली है। भाभी ने उसी वक्त फोन किया और दीप्ती ने फोन उठा लिया, भाभी ने काफी देर तक दीप्ती से बात की और जब उन्होंने मेरी बात दीप्ती से करवाई तो मैंने भी उससे बड़े अच्छे से बात की है और काफी देर तक मेरी भी उससे बात होती रही.

अब वह मुझे पहचान तो चुकी थी लेकिन उसे यह नहीं पता था कि मैं कैसे दिखता हूं और मैं उससे मिलना भी चाहता था, यह सब मेरी भाभी की वजह से ही संभव हो पाया भाभी ने मेरा बहुत साथ दिया और वह मुझे एक दिन दीप्ती से मिलाने के लिए ले गई.

जब हम दोनों मिले तो मैं सिर्फ दीप्ती की तरफ देखे जा रहा था उसके चेहरे से मेरी नजर हट ही नहीं रही थी वह उस दिन बहुत अच्छी लग रही थी और उसे देख कर मैं बहुत खुश हो गया। उसे यह बात तो पता चल चुकी थी कि मेरे दिल में उसके लिए कुछ चल रहा है.

मैंने जब उससे अपने दिल की बात कही तो मुझे उम्मीद नहीं थी कि वह भी मुझे हां कह देगी, हम दोनों की रजामंदी हो चुकी थी और मैंने दीप्ती के परिवार वालों से मिलने की भी सोची, मैं उसके परिवार वालों से भी मिला, दीप्ती ने अपने परिवार वालों को सब कुछ बता दिया था.

उन्हें भी मुझसे कोई आपत्ति नहीं थी और मैं भी दीप्ती के साथ रिलेशन में रह कर बहुत खुश था हम दोनों देर तक फोन पर बातें करते रहते, ना जाने कब मेरी आंख लग जाती मुझे पता ही नहीं चलता कई बार तो दीप्ती भी सो जाया करती थी।

मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे यह सब कुछ बहुत जल्दी में हो रहा है, मैंने और दीप्ती ने शादी करने का निर्णय ले लिया था लेकिन मैंने दीप्ती से कुछ वक्त मांगा था, उसने कहा कोई बात नहीं हम दोनों एक दूसरे को समझ भी लेंगे।

मेरी बात दीप्ती से ज्यादा फोन पर ही होती थी क्योंकि मैं लखनऊ में रहता था और वह गोरखपुर में रहती थी, मैं अपने घर कम ही जाया करता था मुझे जब भी दीप्ती से मिलना होता तो मैं उससे मिलने के लिए गोरखपुर चला जाता लेकिन मैं ज्यादा दिन तक गोरखपुर में नहीं रुकता था।

दीप्ती एक दिन मुझे कहने लगी मुझे तुमसे मिलने का बहुत मन है मैंने उसे कहा लेकिन मैं इस बीच गोरखपुर नहीं आ सकता क्योंकि मुझे कुछ जरूरी काम है। वह कहने लगी परंतु मुझे तो तुमसे मिलना ही था मैंने उसे कहा क्यों नहीं तुम मुझसे मिलने के लिए लखनऊ आ जाती।

वह कहने लगी ठीक है मैं तुम्हें यह सोचकर कल बताती हूं अगले दिन सुबह सुबह उसने मुझे फोन किया और कहने लगी ठीक है मैं लखनऊ आ जाती हूं लेकिन मेरे रुकने की व्यवस्था तुम्हें ही करनी होगी। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम लखनऊ आ जाओ मैं तुम्हारी रुकने की सारी व्यवस्था करवा दूंगा.

अगले दिन जब वह लखनऊ आई तो मैंने उसे अपने घर पर ही रुकवा दिया मेरे चाचा चाची को भी कोई आपत्ति नहीं थी मैंने उन्हें दीप्ती के बारे में सब कुछ बता दिया था। दीप्ती जब मेरे साथ थी तो मुझे उसे देखकर एक अलग ही फीलिंग आने लगी मेरा काम पर जाने का भी मन नहीं हो रहा था.

मैंने बहाना बनाकर घर पर रुकने का फैसला किया मैं उस दिन घर पर ही रुक गया दीप्ती भी बहुत खुश थी। उस दिन जब हम दोनों कमरे में बैठे हुए थे तो एक दूसरे को देखकर हमारे अंदर अलग ही भावना पैदा होने लगी दीप्ती को मैंने किस भी किया, दीप्ती से मैंने अपने लंड को भी सकिंग करवाया लेकिन मैं उसे चोद नहीं पाया था।

मैंने दीप्ती से कहा रात को आज हम लोग सेक्स करेंगे दीप्ती कहने लगी ठीक है जैसी ही रात हुई तो मेरे चाचा चाची सो चुके थे मैं दीप्ती के कमरे में चला गया मैं दबे पांव उसके रूम में गया और मैंने उसकी सलवार के नाड़े को खोलते हुए उसकी सलवार को नीचे उतारना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी पैंटी को भी उतारना शुरू किया तो मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा मैंने उसकी पैंटी को नीचे उतार दिया। जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया तो उसकी चूत गरम हो गई थी मैंने धक्का देते हुए उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया।

जब मेरा लंड उसकी टाइट चूत के अंदर घुसा तो उसकी चूत से खून निकलने लगा वह घबरा गई मैंने उसे कहा तुम घबराओ मत मैं उसे लगातार तेजी से चोदे जा रहा था। उसकी चूत से लगातार खून बाहर की तरफ बह रहा था मैंने दीप्ती से कहा तुम्हारे साथ सेक्स करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। “Cute Girl Salwar Khola”

वह कहने लगी अजय मुझे भी तुम्हारे साथ सेक्स करके बहुत अच्छा लग रहा है मैंने काफी देर तक तो उसे अपने नीचे लेटा कर चोदा मुझे उसे छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं था। मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो उसकी चूत से खून बाहर निकल रहा था लेकिन उसका मजा ही अलग था।

मैंने उसकी चूत के अंदर लंड डालते हुए उसे धक्का देना शुरू कर दिया मै उसे लगातार तेजी से चोद रहा था। उसके चूत का मैंने उस दिन भोसड़ा बना कर रख दिया था वह कहने लगी तुमने तो आज मेरी चूत में दर्द कर दिया मुझे बहुत तकलीफ हो रही है।

मैंने दीप्ती से कहा लेकिन मुझे तो बहुत मजा आ रहा है हम दोनों ने एक साथ बड़े अच्छे तरीके से संभोग किया। जब दीप्ती गोरखपुर वापस लौट रही थी तो मैंने उसे कहा मुझे तुम्हें छोड़ने का मन नहीं है लेकिन मेरी मजबूरी भी है मैंने उसे गोरखपुर कि बस में बैठा दिया।

जब वह गोरखपुर पहुंच गई तो मुझे फोन करते हुए कहने लगी मुझे बहुत डर लग रहा है कहीं मैं प्रेग्नेंट ना हो जाऊं। मैंने उसे कहा तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है मैं तुम्हारे साथ हमेशा खड़ा हूं और हमेशा ही तुमसे मैं इतना ही प्यार करता रहूंगा।

मैंने उसे कहा दीप्ती आई लव यू मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। वह कहने लगी तुम कभी मुझे मत छोड़ना मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊंगी मैंने दीप्ती से कहा मैं भी तुम्हारे बिना एक पल नहीं रह सकता दीप्ती बहुत ही खुश थी उसकी खुशी की वजह सिर्फ मैं ही हूं।

दीप्ती और मेरी फोन पर बातें होती रहती थी दीप्ती हमेशा कहती कि तुम गोरखपुर कब आओगे, मैंने दीप्ती से कहा कि मैं जल्दी ही गोरखपुर आऊंगा। वह मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करने लगी थी और मैं भी उसके बिना बिल्कुल रह नहीं पाता था. “Cute Girl Salwar Khola”

लेकिन मेरी भी मजबूरी थी इसलिए मैं दीप्ती के साथ सिर्फ फोन पर ही बात किया करता था, एक दिन दीप्ती मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारी बहुत याद आती है, मैंने दीप्ती से कहा मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आती है लेकिन तुम तो जानती हो की मेरा बार-बार गोरखपुर आना संभव नहीं हो पाता।

दीप्ती और मैं अपने साथ बिताए हुए पल याद करने लगे और दीप्ती कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ बिताए हुए पल याद आ रहे हैं, वह मुझे हम दोनों की तस्वीरें भी भेजने लगी उसके बात करने के तरीके से मैंने भांप लिया था कि वह मुझे बहुत मिस कर रही है और इसलिए मैंने गोरखपुर जाने की सोची.

मैंने सोचा कि क्यों ना मैं गोरखपुर जाकर दीप्ती को सरप्राइज दूँ और इसी के चलते मैं एक दिन चुपचाप गोरखपुर पहुंच गया, मैंने यह बात दीप्ती को नहीं बताई दीप्ती और मैं आपस में रात भर बात करते रहे, मुझे घर आने में भी लेट हो गई थी।

मैं अगली सुबह दीप्ती से मिलने वाला था दीप्ती मुझसे कहने लगी कि काश तुम यहां होते तो कितना अच्छा होता, मैंने दीप्ती से कहा कि ऐसा हो पाना मुश्किल है लेकिन यदि ऐसा हो जाए तो, दीप्ती कहने लगी यदि ऐसा हो जाए तो मैं बहुत खुश हो जाऊंगी।

अगले ही दिन जब मैंने दीप्ती को सरप्राइज दिया तो वह बहुत खुश हो गई और कहने लगी कि मुझे तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि तुम मुझसे मिलने गोरखपुर आ जाओगे। मैंने दीप्ती से कहा क्या मैं तुमसे प्यार नहीं करता, दीप्ती मेरे गले लग गई और कहने लगी हां बाबा तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो।

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