फिरौती में माँ को चूत देनी पड़ी

ये कहानी मेरी मम्मी और शहर के एक गुण्डे अंकल की है, मेरी मम्मी बहुत सुंदर हैं, जिनका शरीर 32-30-32 का है। गहरे गले का ब्लाउज़, साड़ी में बलखाती कमर और मटकते चूतड़ किसी भी मर्द का पानी निचोड़ लें। अंकल जो थे कई बार जेल आ जा चुके थे, कई अपहरण, छिनैती के सिलसिले में। एक दिन उनकी नजर मम्मी पर पड़ गई। New Apharan Sexy Kahani

पहले मैं इन बातों से अनभिज्ञ था, तो अंकल मेरे पास आये मुझे चाकलेट दिलवाने का बहाना कर मुझे कुछ सुंघा दिया और मेरी जब नींद खुली मैं उनके बिस्तर पर बिल्कुल नंगा था और अंकल भी एकदम नंगे थे। मैं डरकर रोंने लगा तभी अंकल जोर से डांटे मैं सहम कर चुप हो गया।

मेरे चूतड़ों पर कुछ चुभ रहा था मैंने पीछे मुड़कर देखा तो अंकल का 8 इंच लंबा लौड़ा था। अंकल मुझे ऊपर खींच कर फोंन पर बोलने लगे कि जाकर उसे ये फोटो दिखाना और कहना कि अगर अकेले नहीं आई तो अगली रात भर में इसकी गांड़ मारते हुए भरता तो बनाऊंगा ही और काटकर फेंक दूंगा।

उधर से कुछ आवाज आई तभी अंकल ने कहा, अरे समझ यार बहुत जेल की हवा खाई अब नहीं इसलिए ऐसा करने पर आराम से आ जायेगी बिस्तर पर नहीं। मैं ये सब छोड़ चुका था पर साली क्या रांड की जवानी है, एकदम पागल कर दी है।

मैं रात भर अंकल के सीने से लगकर सोता रहा, सुबह खिलाया पिलाया गया और फिर सुला दिया गया। रात में जब नींद खुली तो मम्मी वहां अंकल से बतिया रही थी कि मेरा बच्चा छोड़ दो, जो पैसा चाहिए ले लो, तुम जो चाहोगे मैं दूंगी। अंकल बोले चल आज रात मेरे साथ सोजा।

मम्मी बोली तुम्हारा दिमाग खराब है, मैं शादीशुदा हूं। अंकल बोले तो क्या हुआ चुदवा लेगी मुझसे भी तो क्या हो जायेगा। मम्मी बोली ऐसा मैं नहीं कर सकती। अंकल बोले मेरी जान तेरे जैसी कितनी नखरीली रंडियों का बलात्कार किया है मैंने साली पहले नाटक करतीं हैं फिर सुस्त बाहों में नंगी सोती हैं और अपनी मर्जी से आ नहीं तो बेटा भूल जा।

मुझे तेरी जवानी का रस पीना है, पैसे मुझे नहीं चाहिए। मम्मी के पास कोई ऑप्शन नहीं था। तब तक मैं रोने लगा और मम्मी के पास आकर लिपट गया। अंकल मम्मी के पास आये और मुझे ले जाने लगे। मम्मी बोली ठीक है मैं आपकी बात के लिए तैयार हूं, तो अंकल बोले ठीक कल सुबह अपनें साथ बच्चे को भी ले जाना। आज रात तू मेरी रंडी है।

मुझे उनका नौकर दूर ले गया और अंकल मम्मी के बगलों के अंदर से हाथ डालकर उनकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगे और बोले मेरी जान तूने गरम ही इतना कर दिया कि क्या करूं तुझे चोदने का और कोई तरीका नहीं बचा था। मम्मी आहह धीरे दबाओ आह।

अंकल बोले आज तू मेरी रंडी है और तुझे मैं अपनी मर्जी से चोदूंगा। इतनी बुरी तरह ब्लाउज के ऊपर से मम्मी के दूध अंकल दबा रहे थे कि मम्मी उन्हें दूर झटक दीं, अंकल नें उनकी साड़ी का एक छोर पकड़ लिया और मम्मी की घूमते घूमते साड़ी निकल गई। मम्मी बोली मैं पुलिस में कम्प्लेन करूंगी और दरवाजे की ओर जाने लगीं।

अंकल दरवाजे पर पकड़ लिए और पीछे से उनका ब्लाउज हाथ में आया था, जो चरचराकर फट गया, मम्मी केवल ब्रा में दरवाजे से टकरा गईं, अंकल तब तक पीछे से उनकी ब्रा भी निकाल दिए और पहले से ज्यादा और बेरहमी से उनकी चूचियों को दबाने लगे और बोले कहां जाओगी मेरी जान ये जो लौंड़ा खड़ा की हो शांत कौंन करेगा??

मम्मी छोड़ कुत्ते आह आह बचाओ मुझे आह नननहीं आह छोड़ मुझे छोड़ चिल्लाने लगीं। अंकल मम्मी को उठाकर उस खटिया पर ले गये और मम्मी के हाथों को बांध दिया, ऊपरी सिरों से। मम्मी के शरीर पर केवल पेटिकोट ही था और छातियां डर के मारे ऊपर नीचे तेज़ी से हो रही थी।

मम्मी के ऊपर आकर उनके रसीले होंठों को चूसने लगे, अंकल के दोनों हाथ मम्मी की चूचियों को दबाने में व्यस्त थे और मम्मी के बंधे हाथ कसमसा रहे थे, मम्मी अब चिल्ला भी नहीं पा रही थीं। उनके मुंह से मुमममुमहआहमुममममआह आ मुमममम आ मउउउमुम की आवाज आ रही थी।

अंकल ने मम्मी की चूचियों को छोड़ कर उनके गालों को पकड़ कर उनके होंठों का रस पीने लगे। कुछ देर बाद वापस मम्मी की चूचियों पर लौट और उनके निप्पलों को काटते मसलते दबाते जा रहे थे, मम्मी के चिल्लाने की आवाज से सारा कमरा गूंज रहा था।

आह मेरी छाती ऐसे न दबा आआआआआह मेरे निप्पल आह छोड़ हरामखोर। अंकल मम्मी का पेटीकोट भी निकाल दिए और अब उनके चूतड़ों को पकड़ कर उनकी चूत चाटने लगे और उनसे। अभी तक मम्मी चिल्ला रही थी अब सिसकने लगी आआआआई इसससस्स ननन इस्ससस कर।

मम्मी की इतनी गदराई जवानी देख अंकल से भी रहा न गया और उन्होंने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़नें लगे और मम्मी के हाथों को खोल दिया और उन्हें उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया।

अब वासना के मारे मम्मी को भी अंकल का वहशीपन सुकून दे रहा था, मम्मी अंकल से लिपट गईं और अंकल भी उन्हें सहलाने लगे, चूमनें, चाटने लगे। एक हाचूमनें, चाटने लगे। एक हाथ से उनकी चूची दबाते दूसरे से बुर सहलाते अंकल मम्मी से पूछे अब बोल चुदेगी कि नहीं, मम्मी अंकल के कंधे पर सर रखे पड़ी रहीं। “New Apharan Sexy Kahani”

अंकल उन्हें नीचे किये और उनके मुंह के अंदर लण्ड डालकर अपनीं जांघों से उनका सर दबा लिए और उनका मुंह चोदने लगे। मम्मी के मुंह से जब अंकल ने अपना लंड निकाला एकदम सख्त लाल भन्नाया हुआ था। मम्मी को अंकल ने उठाया और हमारी ओर खड़ी करके उनकी चूचियों और बुर को मसलने लगे, उनका नौकर भी ये देखकर एकदम नंगा हो गया और अपना लंड सहलानें लगा।

अंकल बोले ले देख रमुआ ये गदराई रंडियां ऐसी ही होती हैं, अब बता मर्द की जात इन्हें दबोचेगी, मसलेगी, इनका सुख नहीं भोगेगी तो और क्या करेगी। रमुआ बोला मालिक इसकी चूंचियां पिला दीजिए बहुत मस्त दूध हैं इसके। अंकल बोले चल आ जा और मम्मी को लेकर बिस्तर पर गये।

रमुआ मुझे भी वहां लाया और कुर्सी से बांध दिया। अंकल बोले मम्मी से आज तू मेरी रंडी और इसकी मम्मी है, अब चल इसे दूध पिला। मम्मी न नुकुर कर रहीं ही थीं कि रमुआ मम्मी की चूचियों पर टूट पड़ा अंकल मम्मी की टांगों और हाथों को पकड़ रखे थे, रमुआ जोर जोर मम्मी के निप्पलों को चूसने और दबाने लगा।

पीछे अंकल का लंड मम्मी की गांड़ में घुस रहा था, आगे से रमुआ उनकी चूचियों को दबा दबा कर पी रहा था, कुछ देर बाद उससे बर्दाश्त न हुआ और अपना लंड मम्मी की खुली चूत के अंदर दे मारा। अंकल सकपका गये और मम्मी चिल्ला उठीं आह आआआआआआआआह आह, उसका लंड बड़ा तो नहीं मगर मोटा बहुत था।

जोर जोर से मम्मी को गालियां देने लगा, आह ले मादरचोद तेरी चूत की ऐसी की तैसी बुरचोदी रंडी कुतिया ले, ले मेरा लंड। अंकल मम्मी को पकड़े थे और आगे से रमुआ उनकी चूत बजा रहा था, उनकी चूचियों को खूब दबा रहा था।

अचानक से उसका लंड पानी छोड़ दिया और मम्मी की चूचियों के बीच में सर घुसा कर शांत हो गया। अंकल नें उसे चोदने दिया ताकि किसी और को न बताये पर अब अंकल नें उसे बिस्तर से नीचे फेंक दिया और गाली देकर कहा मादरचोद चूची पीनें आया था, मेरी ही माल चोद डाली। “New Apharan Sexy Kahani”

मम्मी को अपनी ओर घुमाया और वासना से पागल थे ही अपना लंड उनकी बुर में घुसेड़ कर घचाघच चोदने लगे। मम्मी अचानक से लगातार दो मर्दों का लंड लेकर भौचक थीं‌। अंकल मम्मी जैसी माल को इतनी आसानी से चोदकर शांत होने वाले नहीं थे।

अंकल उठ गये और मम्मी बिस्तर पर पड़ी रहीं अंकल घचाघच चोदने लगे, मम्मी ऊह आह ईह करनें लगीं। पन्द्रह मिनट तक अंकल मम्मी को उसी पोजीशन में चोदते रहे फिर करवट लेट मम्मी की एक टांग उठा कर मेरी ओर मम्मी की चूचियों को कर मम्मी की एक टांग को उठाकर अंकल नीचे उनकी बुर में घुस गये और गये और दोनों हाथों से मम्मी की गेंदों को दबाते हुए पेलने लगे।

मम्मी बोलीं धीरे धीरे चोदिये बहुत दर्द होता है। मेरी चूचियों को धीरे धीरे दबाइए, चोदने तो दे रही हूं न। अंकल मम्मी कुछ कहे बगैर उन्हें चोदते ही जा रहे थे, खटिया घचर घचर कर रही थी और मम्मी की चूत फच फच। अंकल और ज़ोर ज़ोर से मम्मी को चोद रहे थे और उनकी बुर भी सहला रहे थे, मम्मी की चूचियां बड़ी तेजी से ऊपर नीचे हो रही थीं।

अंकल मम्मी के नीचे हुए मम्मी को ऊपर किया और मम्मी अंकल पर लेट गईं, लंड उनके नीचे सेट कर उसपर मम्मी की चूतड़ अंकल पटकनें लगे और उनके मम्मों को चूसने लगे, मेरा पेशाब जैसा पता नहीं क्या (उस टाइम पता नहीं था) छूटने लगा। मैं कुछ देर के लिए अचेत हो गया और जब थोड़ा होश हुआ तो मम्मी घोड़ी बनीं थीं और पीछे अंकल उनकी सवारी कर रहे थे।

इतना जोर से अंकल धक्का मार रहे थे कि मम्मी अपनी आवाज दबाने के लिए तकिया का एक सिरा चबानें लगीं। मम्मी के पायल छन छन सुर मिला रहे थे, उनकी चुदाई में। लोग रंडियां भी इतनी बुरी तरह नहीं चोदते जिस तरह अंकल मम्मी को चोद रहे थे। अंकल झड़ने ही वाले थे और मम्मी भी, इसलिए मम्मी को एकबारगी अपनी गोद में बिठा लिये और अंकल मम्मी दोनों एक दूसरे की बाहों में सिसकते हुए शांत हो गये। जारी रहेगी.

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