मैं विवेक पेश करता हूँ आप सभी लंड और चूत के पुजारियों के सामने अपनी नई प्रस्तुति. में अपनी फेमिली के बारे बता देता हूँ.. में पंजाबी फेमिली से हूँ और हम गुडगाँव में रहते है और मेरा नाम विवेक, उम्र 26 साल.. एक तंदरुस्त गबरू जवान जिसका 8 इंच का लंड हमेशा चूत, गांड और मुँह को सलामी देने के लिए तैयार रहता है. Maa Beta Bahan Chudai
हमारी फेमिली मे कुल 5 सदस्य है.. में, मम्मी, पापा और दो बड़ी बहनें. मेरी बड़ी बहन प्रियंका की शादी 2 साल पहले हो गई है और वो अपने पति के साथ लंदन मे रहती है और छोटी बहन साधना उम्र 22 साल जो बी.कॉम कर रही है और एक कॉल सेंटर मे जॉब करती है.
पिताजी आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद दिल्ली के रोहिणी में अपना बिज़नेस चलाते हैं और वहीं रहते हैं और केवल छुट्टियों पर आते है. मम्मी का नाम शोभा है और वो मस्त फिगर रखती है और दिखने मे अपनी रियल उम्र से 5 साल कम दिखती है और गांड तक काले बाल, बड़ी गांड, घर मे मॉडर्न कपड़े और बाहर साड़ी पहनती है. रंग गोरा बूब्स बड़े बड़े..
जब वो चलती है तो गांड देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये. साधना को एक बार चोदने के बाद ये सिलसिला रोज़ का ही बन गया.. रोज़ाना मम्मी के सोने के बाद वो मेरे रूम मे आती और 2-3 बार चुदकर अपने कमरे मे सोने चली जाती. उसे चोदते चोदते मुझे लगभग 3 महीने हो चुके थे. अब वो मुझसे कुछ नहीं छुपाती..
उसने मुझे बताया कि कैसे दो साल पहले उसने अपने बॉयफ्रेंड से उसके घर जाकर अपनी सील तुड़वाई. चुदाई के वक़्त हम अब बहुत मजे करने लगे.. उसे मेरे लेपटॉप मे पॉर्न मूवी देखना बहुत अच्छा लगता है. एक दिन उसने अपने आप एक मूवी चलाई.. जिसमे एक अंग्रेज कपल के साथ एक नीग्रो सेक्स कर रहा था.. अंग्रेज मेल ने पहले उसका लंड चूसा और बाद मे अपनी बीवी की चूत मे खुद पकड़कर डाला.
साधना : भैया क्या मर्दों को भी लंड चूसना अच्छा लगता है?
में : हाँ क्यों नहीं.. मर्दों के मुँह भी तो तुम्हारे जैसे ही होते हैं बल्कि एक लड़का और बेहतर जानता है कि लंड पर कहाँ ज़्यादा फील होता है.
साधना : हाँ वो तो है और तुम्हें क्या अच्छा लगता है.
में : मेरा मन है कि मैं एक साथ दो औरतों को चोदूं और चोदते चोदते एक आदमी का लंड भी चूसूं. आजकल में एक कपल से नेट पर बात कर रहा हूँ.. देखो अगर अगले सप्ताह बात बनी तो.
साधना : अकेले अकेले ही जाओगे.. अपनी बहन को भूल जाओगे क्या?
में : अरे ऐसा कैसे हो सकता है मेरी जान.. तुम भी चलना और मज़े करना.
साधना : तुम्हे मेरे अलावा भी कोई घर मे पसंद है क्या?
में : ये विवेक की बात है.. फिर कभी.
साधना : बताओ ना प्लीज़.. तुम्हे मेरी कसम.
में : मैंने माँ को कई बार नहाते हुए देखा है.. उसकी बॉडी को देखते ही मेरा लंड पागल हो जाता है.
साधना : माँ को बता दूं क्या? कि उसका बेटा..
में : अच्छा जी 100 चूहे खा के बिल्ली चली हज को.
साधना : हहहहहहा मज़ाक कर रही थी.
साधना : अगर तुम्हारी इच्छा घर में ही पूरी करवा दूं तो.
में : क्या मतलब.. में समझा नहीं.
साधना : इसमे समझने की क्या बात है.. मेरे अलावा माँ ही घर मे दूसरी औरत है.
में : सच.. क्या यह संभव है.
साधना : पर तुम्हे भी बदले में मेरे लिये एक नये बड़े से लंड का इंतज़ाम करना पड़ेगा.
में : पर यह सब कैसे होगा.
साधना : अरे पागल में और माँ एक दूसरे के सभी विवेक जानते हैं.. जब पापा नहीं होते तो माँ अपने बॉस से अपनी चूत की आग बुझाती है और पिछले 4 सालों से में यह सब जानती थी और हमेशा उनकी चुदाई देखकर मज़े लेती थी. एक दिन जब में पहली बार अपने बॉयफ्रेंड से चुदकर आई थी तो माँ को मेरी चाल देखकर शक हो गया था.
जब कई बार पूछा तो मैंने सब सच बता दिया और पहले तो गुस्से मे डाँटने लगी.. मगर जब मैंने मोदनवाल जी उनके बॉस वाली बात बताई तो वो सीधी लाईन पर आ गई.. तब से लेकर आज तक हम एक दूसरे के विवेक जानते है और वो मुझे सेक्सी कपड़े ला कर देती है.
एक दिन तो अभी हफ़्ते भर पहले मोदनवाल जी ने चुदाई का एक राउंड पूरा करने के बाद अपना लंड मुझे चुसवाया.. वाउ क्या मस्त लंड है उनका.. तुमसे लम्बाई मे थोड़ा छोटा पर मोटाई में तो तुमसे भी बड़ा है और वो तो उस दिन मोदनवाल जी की बीवी का फ़ोन आ गया.. वरना मेरी चुदाई का भी इंतज़ाम हो जाता. “Maa Beta Bahan Chudai”
में : तो यह बात है.
साधना : बोलो फिर कब बनना है मादरचोद.
में : नेक काम मे देरी कैसी.
साधना : ओके, फिर तुम अपने लंड को तैयार रखो.. मैं अभी आती हूँ.
में : यह तो माँ के लिए हमेशा तैयार है.
यह कहकर साधना बिस्तर से उठकर माँ के रूम की और चली गई. उसने केवल ऊपर टॉप पहना हुआ था.. नीचे कुछ भी नहीं और 30 मिनिट के बाद साधना मेरी माँ को लेकर मेरे रूम मे आई.
साधना : तुम्हारी खातिर इतनी देर समझाना पड़ा.. लेकिन माँ पहले तो आ ही नहीं रही थी.. जैसे तुम्हारे लंड मे काँटे लगे हो. फिर जब मैंने अपनी चुदी हुई चूत दिखाई तो इनका कुछ मूड बदला.
और में माँ की तरफ देख रहा था.. वो अभी भी कुछ शरमा रही थी और दूसरी तरफ देख रही थी. उसने काले कलर की सिल्की नाइटी पहनी थी और जिसके नीचे काले ही कलर की पेंटी और ब्रा थी. मैंने माँ का हाथ पकड़ा तो उन्होंने हाथ छुड़ाने का नाटक किया.
साधना : माँ अभी तो आप हाथ छुड़ा रही हो.. जब लंड देखोगी तो अपने बेटे की दीवानी हो जाओगी.
में : माँ अब तो आपकी और साधना की खुशियों की ज़िम्मेदारी मेरी और मेरा लंड आपकी खूब सेवा करेगा.
माँ : देखते है बेटा.. अगर यह सब करना ही है तो चलो हमारे बेडरूम मे चलते हैं.
में : वो तो ठीक है पर मेरी एक इच्छा और है.. आज की रात के लिये में चाहता हूँ कि चुदाई से पहले आप शादी की ड्रेस पहनकर आओ. तब तक साधना हमारे बेडरूम को सजाये और सुहागरात को शुरू करने से पहले मुझे सदा मादरचोद बहनचोद बने रहने का वरदान मिले.
साधना : साले तू तो बहुत ही बड़ा कमीना निकला.
माँ : शादी का जोड़ा तो में पहनूंगी लेकिन तुम्हे मेरे साथ अग्नि के साथ फेरे भी लेने होंगे और मेरी माँग मे सिंदूर भी भरना होगा.
में : तुमने तो मेरे मन की बात छीन ली.. पहले सिंदूर से तुम्हारी माँग भरूँगा और फिर अपने वीर्य से तुम्हारी माँग भरूँगा.
साधना माँ के साथ चली गई और माँ की चाल मे एक उतावलापन साफ दिख रहा था. फिर में नहाने चला गया. नहाकर वापस आया तो बस मैं टावल में था तो देखा साधना खड़ी है और उसने अभी भी बस एक ढीले से टॉप के अलावा कुछ नहीं पहना था.
साधना : भैया तुम्हारे लिए पापा की अलमारी से उनकी शादी की शेरवानी लाई हूँ और में खुद तुम्हे तैयार करूँगी.
तो मेरा लंड उसकी ऐसी बाते सुनकर खड़ा होने लगा और वो पास आई तो मेरा टावल उतार दिया और मेरे पप्पू को हाथ मे ले लिया. अब तो पप्पू महाविवेक पूरे ठुमके लगाने लगे.. उसने बैठकर लंड पर एक जोरदार किस किया और बोली जा मेरे शेर और अपनी पैदा करने वाली चूत मे तूफान मचा दे. “Maa Beta Bahan Chudai”
फिर उसने मुझे सबसे पहले अंडरवियर पहनाई और बोली कि रोज़ तो उसे उतारती हूँ और आज पहनाना पड़ रहा है. फिर उसने मुझे सारे कपड़े पहनाये और बीच बीच में वो मुझे बॉडी पर किस भी कर रही थी. अंत मे सेहरा पहनाया और हाथ पकड़कर माँ के रूम की तरफ ले चली..
माँ तो लाल जोड़े मे पहले से ही तैयार बैठी थी. साधना ने एक मोमबत्ती जलाई और कहाँ अब तुम दोनों मुझे साक्षी मानकर इस अग्नि के 7 फेरे लो.. फेरों के बाद उसने मुझे कई वचन भी दिलाये कि जब भी माँ को मेरे लंड की ज़रूरत होगी तो मैं मना नहीं करूँगा.
मेरे लंड पर पहला हक़ हमेशा माँ का होगा. फिर मैंने माँ की माँग मे सिंदूर भरा और उन्होनें मेरे पैर छुये तो मैंने आशीर्वाद दिया और कहा कि मेरी जान तुम्हारी चूत और गांड हमेशा लंड से भरी रहे. साधना यह सुनकर हँसने लगी और वो यह प्रोग्राम की वीडियो रिकार्डिंग कर रही थी.
माँ : बेटा अब जल्दी कर.. इन कपड़ों मे गर्मी लगने लगी है.
में : थोड़ा इंतज़ार का मज़ा लो मेरी ज़ान.. आज से यह तुम्हारा बेटा ही तुम्हारा पति है.
माँ : हे पातिदेव.. में दूध का ग्लास लिए आपका बेड पर इन्तजार कर रही हूँ.
यह कहकर माँ चली गई और अपने बेड पर साधना ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी बेड पर बिठाया तो वो दूध ले आई. फिर माँ यानी कि मेरी नई नवेली दुल्हन ने मुझे दूध पिलाया और वो पीने के बाद मैंने धीरे से घूँघट उठाया तो माँ ने शरमा कर अपना मुँह दूसरी और कर लिया. साधना यह सब वीडियो बना रही थी.
एक कोने में बैठकर मैंने अपने होंठ मेरी माँ शोभा (मेरी नई पत्नी) के लिप्स पर रख दिये और हमारी टांग आपस मे लड़ने लगी. शोभा ने मेरा चेहरा अपनी बाहों मे भर लिया और अब धीरे धीरे हमने एक दूजे के सारे कपड़े उतार दिये. अब हम दोनो नंगे थे और माँ का दूधिया बदन ज़न्नत लग रहा था.. उनके गोल गोल बड़े बूब्स मुझे दूध पीने को निमंत्रण दे रहे थे तो में दोनों बूब्स पर टूट पड़ा. “Maa Beta Bahan Chudai”
साधना : वाह मेरे शेर.. चोद दे अपनी माँ को.. दिखा दे अपने लंड का ज़लवा.. मेरा ध्यान अब केवल माँ पर था.. वो भी अब पूरी गर्म हो चुकी थी. मैंने पीछे मुड़कर देखा तो पता चला कि साधना ने अपना टॉप भी उतार दिया है और वो पूरी नंगी होकर एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही है और दूसरे से कैमरा पकड़ा हुआ है.
साधना : ऐसे क्या देख रहा है पहली बार नंगी देखा है क्या मुझे? तुम दोनों मज़े करो और मैं कुछ भी ना करूँ.. यह कैसे हो सकता है.
माँ : मेरे लंड को हाथ मे लेकर सहलाते हुये बोली कि साधना यह मस्त लंड आज मुझे तेरे कारण ही मिला है.
साधना : ओये ओये.. मेरे भाई की नई दुल्हन.. आज से तो तुझे भाभी कहूँगी.
माँ : बेटा मुँह मीठा तो करा दे अपनी बहन का.
में : वो कैसे.. यहाँ तो कोई मीठा नहीं है.
माँ : अरे पागल और हँसने लगी और साधना भी मुस्कुरा रही थी.
तो साधना ने मेरे लंड को मुँह मे लिया और ज़ोरदार किस किया.. फिर एक किस माँ की चूत को भी दी. फिर वापस जाकर कैमरा लेकर वीडियो बनाने लगी.. माँ की चूत बिल्कुल चिकनी थी और आज ही शेव की हुई लग रही थी. माँ ने बताया कि आज उनका उनके बॉस मोदनवाल जी के साथ चुदाई का प्रोग्राम था लेकिन मोदनवाल जी को कहीं जाना था और वो नहीं आ सके. मैंने कहा तुम चिंता क्यों करती हो.. में तुम्हे मोदनवाल से भी मस्त चोदूंगा और यह कहकर मैंने अपने लिप्स माँ की चूत पर रख दिये.
माँ : चाट मेरे राजा.. खा जा अपनी समझकर और आज इस चूत की आग मिटा दे..
एक हाथ से माँ मेरे लंड को सहला रही थी. मैं अपने हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और उधर साधना अपनी चूत में दो उँगलियाँ डालकर मज़े ले रही थी. 10 मिनिट तक चूत चाटने के बाद मैंने लंड को माँ की चूत पर रखा और एक ही धक्के मे आधा अंदर कर दिया तो माँ के मुँह से आह्ह्ह निकला. साधना बोली कि देखो कैसे नाटक कर रही है.. जैसे आज ही सील टूट रही है. तो माँ बोली कि सुहागरात तो पूरे ढंग से मनानी चाहिये.
साधना : जी भाभी और हँसने लगी.
और उससे भी अब चूत की खुजली बर्दाश्त नहीं हो रही थी तो इधर मैंने अपना पूरा लंड माँ की चूत मे डाल दिया और धक्के लगाने शुरू किये.
माँ : चोद मेरे राजा.. स्पीड बड़ा और मचा दे इस चूत मे खलबली.. घुसा दे अपना पूरा लंड इसमें.
अब वो भी उछल उछल कर मेरा लंड अंदर ले रही थी. 15 मिनट की भयानक चुदाई के बाद में झड़ गया. अगले 5 मिनट तक मेरा लंड माँ की चूत मे ही पड़ा रहा और माँ चुदाई के दौरान 3 बार झड़ चुकी थी. साधना भी अब झड़ चुकी थी और मेरा लंड जैसे ही बाहर आया तो कुछ वीर्य चूत से बाहर आने लगा तो साधना ने उस पर कैमरा फोकस किया और मुझे कैमरा पकड़ने का इशारा किया.
फिर मैंने कैमरा संभाला तो साधना ने माँ की चूत चाटनी शुरू कर दी. अब मैं रिकॉर्डिंग कर रहा था और उसने सारा माल अपने मुँह में भर लिया और माँ के बराबर मे लेटकर माँ को किस करते हुये वीर्य पिलाने लगी. उस रात हमने सुबह 4 बजे तक चुदाई का अलग अलग स्टाईल में मजा लिया.