यह तीन साल पहली बात है, मेरी शादी को १० साल हो गए थे। मैं और मेरी पत्नी ने घूमने का प्रोग्राम बनाया। नैनीताल का एक हफ़्ते का ट्रिप अचानक बिना तय्यारी के, जून का महीना था बहुत भीड़, इतनी की रूम मिलना मुश्किल हो गया, सब जगह भीड़ का बुरा हाल, हर जगह रश गाड़ियों की लम्बी क़तारें, कोशिश करने पर भी होटल में कमरा नहीं मिला. Hill Station Tour Sex
अब तो लौटना ही था मगर अब जाम में फँस गए, अब एक ही चारा था किसी परिचित के घर पर जगह मिल जाए, अपने मित्रों को फ़ोन मिलाना शुरू किया, इस उम्मीद में कि कोई परिचित मिल जाए। यह कोशिश बेकार नहीं गयी और मेरे दोस्त के परिचित का एक लड़का जो नैनीताल में रह था उसका वहाँ होना और उसका रूम होना पता चला.
मेरे दोस्त ने उससे बात कर मेरे बारे में बता भी दिया और उसका फ़ोन भी आ गया नाम था नमिश, नमिश हम जिस जगह फँसे थे वहीं आ गया, हमने एक पार्किंग में गाड़ी खड़ी और नमिश के साथ उसके रूम पर पहुँचे, एक रूम उसीके अंदर किचेन और उसी में एक कोने में बाथरूम, बाहर छोटा सा टॉलेट, रूम छोटा सा था पर साफ़सुथरा था.
जगह न मिलने से अच्छा इतनी जगह मिल गयी. सोने के लिए कोई बेड नहीं था, नीचे ही गद्दे डाले हुए थे, ४ कुर्सियाँ थी, नमिश २०.२१ साल का खूबसूरत स्मार्ट लड़का था, हमें देख कर ख़ुश हो गया था और तुरंत चाय बनाकर हमें पिलाई. मेरी पत्नी से भी घुल मिल गया जो बला की खूबसूरत है. शाम को घूमने निकले.
झील के पास ही थे एकदम तेज बारिश आ गयी जब तक भाग कर छिपते तब तक हम तीनों भीग गए. सर्दी का माहौल हो गया. एक रेस्टोरेंट पर खाना खा कर हम तीनो रूम पर पहुँचे. अचानक सर्दी बढ़ गई थी. भीगने से और भी महसूस हो रही थी. एक बिस्तर था. हमें तीनों को उसी पर सोना था. एक रज़ाई और एक पतला सा चादर.
नमिश और पत्नी के बीच मैं लेटा हुआ था.बात करते करते मुझे नींद आ गयी. रात को क़रीब १ बजे मेरी आँख खुली.तो बहुत सर्दी हो रही थी. नमिश चादर में लेटा हुआ था मगर उसे ज़रूर सर्दी लग रही होगी यही सोच कर मैंने हम पति पत्नी ने ओढ़ी हुई रज़ाई उसे भी मैंने उढा दी. बाहर बारिश हो रही और बिजली चमक रही थी.
रज़ाई अच्छी तरह ओढ़ने के लिए पत्नी को अपनी तरफ़ खींचा तो वो मुझसे चिपक गई. मुझे excitement शुरू हो गया. और पत्नी के होंठों पर प्यार कर लेट गया मगर पत्नी खुद गर्म हो गई. और मुझसे और चिपटने लगी. मैंने अमिश के बारे में सोचा, फिर अचानक मुझे लगा कि इस खेल में अमिश को भी शामिल कर लें जो मेरी पत्नी पर लट्टू हो रहा था.
पहले तो डर लगा और ग़लत बात लगी मगर सोचकर वासना का ज्वार बहुत बढ़ गया और मैं बेक़ाबू होने लगा. लेटें लेटे सोच रहा था इधर पत्नी भी गरम थी. गर्म औरत सेक्स में पागल हो जाती है और अपना विवेक खो देती है. बस स्थिति सम्भालने की बात थी. इधर अमिश ने खाँसते हुए दो तीन बार करवट बदली और आभास दिला दिया कि वो जागा हुआ है.
और हम पति पत्नी की हरकतों को फ़ील कर रहा है और गरमी को भी. पत्नी ने फिर से मुझे खींचा तो मैंने उसके कान में अमिश के पास जाने को कहा तो उसने मुझे चिकोटी काटी. मैंने फिर उसे खींच कर अमिश के पास जाने को कहा उसने फिर चिकोटी काटी. मैंने पत्नी की चूत पर उँगली फेरी तो व्वो और गरम हो गयी.
मैंने फिर उससे अमिश के पास जाने को कहा तो तेज बोली अगर चली गई तो फिर कुछ नहीं कहना. तेज आवाज़ पर अमिश ने पूछा क्या हुआ. मेरी पत्नी बोली अपने भैया से पूछो क्या कह रहे हैं. अमिश बोला क्या बात है, मैंने कहा तेरी भाभी प्यार माँग रही है. मैंने कहा अमिश से प्यार ले लो. अमिश कुछ नहीं बोला अब उत्तेजना में मुझसे कुछ बोला नहीं जा रहा था.
मैंने सीधे लेट कर पत्नी का सर अपने कंधे पर रखा और अपनी तरफ़ खींच लिया. फिर अमिश का सर अपने दूसरे कंधे पर रख उसे भी खींच लिया. दोनों को इतना खींचा कि दोनों के मुँह मेरे ऊपर आकर आपस में मिल गए. दोनो के होंठ मिल गए तो अमिश ने पत्नी के होंठ चूसने शुरू कर दिए. दोनो एक दूसरे के होंठ पी रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं दोनों के बीच से उठा और लाइट जला दी. दोनो आपस में चिपट गए थे. मेरी पत्नी मुझसे बोली आप बुरा तो नहीं मनोगे. मैंने मना किया तो उसने मुझे क़सम खिलाई. मैंने कहा नहीं मुझे अच्छा लग रहा है. फिर मैंने पत्नी को नंगा होने को कहा मगर पत्नी मना करने लगी. बोली इतना काफ़ी है.
मैंने अमिश को पत्नी पर चढ़ाने की कोशिश की मगर पत्नी के इनकार से उसका हौसला नहीं पड़ रहा था. मैंने पत्नी को बहुत समझाया. वो अमिश को होठों पर प्यार कर रही था मगर चूत देने को तय्यार नहीं थी. मैंने पत्नी के विरोध पर भी उसे पूरा नंगा कर दिया. फिर अमिश को भी नीचे से नंगा कर दिया. उसका फनफ़नाता जवान लंड सामने था.
पत्नी भी नंगी थी मगर चूत देने को माना कर रही थी.इधर नंगा होने के बाद भी नमिश से चुदने को तय्यार नहीं थी. मैंने बहुत समझाया तो अमिश का लंड पकड़ने को तय्यार हो गयी. और पकड़ कर सहलाने लगी. मैंने उसे मुँह में लेने को कहा तो नहीं मानी. मेरी ज़िद पर लंड पर किस करने को तय्यार हो गयी. मेरी ज़िद पर लंड पर तीन चार बार मुश्किल से किस किए.
फिर मैंने एक बार अमिश का लंड पत्नी की चूत पर लगाने को कहा. तो मानने को तय्यार नहीं हुई. मेरा बहुत मन था इस चुदाई को देखने को. फिर भी मैं उसे मनाता और क़सम देता रहा. बहुत अधिक ज़िद पर अमिश के लंड को अपनी चूत पर लगवाने को राज़ी हो गई. मगर जैसे ही लंड चूत पर लगा पत्नी ने लंड अपनी चूत से हटा दिया.
मैंने फिर नहत क़सम दिलायी मगर पत्नी तय्यार नहीं हुई. हार कर फिर हम तीनो लेट गए. एकतरफ पत्नी दूसरी ओर नमिश. मैंने दोनों को कपड़े नहीं पहनने दिए और मुझे यक़ीन था कि पत्नी अभी उत्तेजित है थोड़ी देर में मान जाएगी. आधे घंटे तक हम इस तह लेटें रहे. फिर मैं उठ कर पत्नी के पार कर आ गया और पत्नी फिर से नमिश के पास हो गई.
पत्नी का मुँह मैंने अपनी ओर किया और उसके होंठों पर किस किया. फिर नमिश को भी अपनी ओर खींचा और अपनी तरफ मुँह कराया. दोनों के मुँह अब मेरी ओर थे. नमिश पत्नी के पीछे था. मैंने पत्नी के एक पैर को उठाया तो चूत के लिए गैप बन गया. मैंने नमिश को पत्नी के बिलकुल पीछे खींच लिया. उसका लम्बा लंड फनफ़ना रहा था.
मैंने पकड़ कर पत्नी की चूत पर लगाया. लंड चूत पर टिक गया. मैंने पत्नी से प्यार से फिर कहा कि लंड डलवा लो. पत्नी बोली आप अपने हाथ से डालो. मैंने कहा ठीक है. मैंने नमिश के लंड को पकड़ा और पत्नी की एक हाथ से चूत पर रखकर दूसरे से नमिश को खींचा नमिश का लंड पूरा एक बार में पत्नी की चूत में घुसता चला गया. “Hill Station Tour Sex”
और दिखना भी बंद हो गया, बहुत ही सुंदर दृश्य था.मेरी पत्नी की चूत में एक प्यारा सख़्त नया लंड. पत्नी अबकी बार बहुत अच्छे मूड में थी. कोई घबराहट या हिचक नहीं थी बल्कि मुझे और नमिश को सिर्फ़ वासना नहीं प्यार से भी देख रही थी. उसे मालूम था कि मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा है. खुद मज़े ले रहा हूँ तो पत्नी को भी नए लंड लेने का मौक़ा भी दे रहा हूँ.
नमिश अब मेरी पत्नी के ऊपर सामने आ गया और बाहों में भर दोनो आपस में खूब प्यार करते रहे. अमिश का लंड मेरी वाइफ़ की चूत में अंदर बाहर हो रहा था. तीनो को खूब मज़ा आ रहा था. आख़िर में नमिश ने अपना वीर्य निकलने की बात कही तो मैंने पत्नी की चूत में ही वीर्य डालने को कहा. उसने वीर्य से पूरी चूत भर दी.
अब हम नैनीताल में थोड़ा बहुत ही घूमें होंगे. पर दिन रात हम चुदाईं में लगे रहते थे. दिन रात मिलाकर १०.१२ बार नमिश मेरी वाइफ़ को चोदता. हम तीनों में बहुत प्यार हो गया और पत्नी को भी मेरे बारे में इत्मिनान हो गया कि मुझे यह अच्छा लगता है.
पत्नी को मैंने बता भी दिया कि लगभग हर पुरुष अपनी पत्नी के किसी पर पुरुष से सेक्स की कल्पनाएँ करता है. हम लकी हैं कि हमें मौक़ा मिला. हम फिर १५ दिन नैनीताल रुके. अभी भी नमीश मेरे घर आ जाता है और मेरी पत्नी को चोद कर चला जाता है और अब यह मज़ा लेना नोर्मल हो गया है.