बेवफ़ा पत्नी को गांड चुदवाते पकड़ा पति ने

एक दिन ऑफिस में मैंने अपनी पत्नी सोनल को फोन किया और अभी भी उसका नंबर बीजी आ रहा था, मुझे लगा के यह साली अभी भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही लगी होंगी, इस हरामी से शादी कर के मेरे भाग्य ही फुट गए थे. सोनल दिखने में और बिस्तर दोनों में मेरे साथ खुश रहती थी और मैं उसे अपने 8 इंच लम्बे लंड से हर दुसरे तीसरे दिन चोद लेता था. पर पता नहीं क्यूँ फिर भी वह खोई खोई रहती थी. Hidden Cam Wife Sex

मुझे मेरी बहन रिंकी ने बताया की उसका गली के नुक्कड़ पर आये मेडिकल स्टोर वाले जीतेन्द्र और दुसरे एक दो और लौंडो के साथ चक्कर था. मुझे समझ नहीं आ रहा थी की मैं क्या करूँ, क्यूंकि मेरे सामने वह हमेंशा सती सावित्री होने का ढोंग करती थी. उसके खिलाफ मेरे पास कोई सबूत नहीं था और ऊपर से उसका बाप सबूत के बगेर कुछ माने ऐसे कम ही चांस थे.

मैंने मनोमन सबूत जुटाने की योजना बनाई और फिर मुझे पता चला की सोनल को क्या चाहिए था… मुझे फिर पता चला की उसको तो लंड चूत से ज्यादा गांड के अन्दर लेना अच्छा लगता था, और मैं उसे केवल चूत के अंदर ही लंड देता था. मेरा दोस्त अनूप एक प्राइवेट डिटेक्टिव था और मैंने उस से बात की.

उसने मुझे एक ख़ुफ़िया कैमरा दिया और मुझे अपने बेडरूम के अन्दर लगाने को कहाँ. मैंने कैमरा अलमारी के उपर इस एंगल से लगाया की बेड और कुर्सी का पूरा हिस्सा उसमे आ जाए. मैं रोज जब सोनल सब्जी लेने जाती तो कैमरा चला के देख लेता, एक हफ्ता हो गया था अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा था.

मैं रोज पुराने रेकोर्डिंग डिलीट करता और सोनल की मटकती गांड अब मुझे दुशमन सी लगने लगी थी, उसके साथ मैं केवल सेक्स नाम के लिए करता था. मेरा सम्पूर्ण ध्यान तो उसकी  चोरी को कैमरा के माध्यम से पकड़ने पर केन्द्रित था. एक दिन जब सोनल बाजार गई थी मैंने कैमरा देखा और आंखे खुली रह गई.

जब मैंने कैमरे में जीतेन्द्र को देखा, जीतेन्द्र एक हट्टाकट्टा लौंडा था और उसकी हाईट भी बढ़िया थी. मैंने तुरंत कैमरा बंद किया और मैं उसे लेके सीधा अपने फार्म पर चला गया, जहाँ बैठ कर मैंने बाकी की रेकोर्डिंग देखी.. इसमें मेरी बीवी सोनल जीतेन्द्र से गांड मरवा रही थी.

पूरी रेकोर्डिंग देख के मेरे गुस्से का ठिकाना ही ना था… रेकोर्डिंग के द्रश्य कुछ इस प्रकार के थे. जीतेन्द्र करीब दोपहर 1 बजे आया था घर पे, जब मैं ऑफिस गया था और घर पे सोनल के अलावा कोई और नहीं था. गर्मी के चलते 1 बजे बहुत कम चहलपहल होती है. वैसे भी हम लोग कम घुलते मिलते थे इसलियें जीतेन्द्र को कोई पूछने वाला भी नहीं था.

पता नहीं सोनल ने ड्राइंग रूम में जीतेन्द्र को बिठाया की नहीं क्यूंकि मेरे पास के द्रश्य केवल बेडरूम के ही थे, लेकिन उन्हें देख मुझे मेरी बीवी की गांड के अंदर रही लंड की तलब का अंदाजा अच्छी तरह चल गया था. जीतेन्द्र को उसने तुरंत पलंग के उपर ढकेला और वह उसके सामने जैसे की नग्न डान्स कर रही हों वैसे अपने कपड़े एक एक कर के उतारने लगे.

जीतेन्द्र सोनल को कुछ कह रहा था लेकिन कैमरा में सुनने का इन्तेजाम ना था इसलिए मैं समझ नहीं पाया. सोनल ने अपने सारे कपड़े उतारे और वह एक जम्प लगा के पलंग़ के उपर चढ़ गई. जीतेन्द्र की पेंट सोनल ने तुरंत उतार दी. जीतेन्द्र का लंड होगा कुछ मेरे जितना ही लेकिन उसका लंड एकदम काला था जैसे बेन्चोद धोता भी ना हो उसे.

सोनल उसका काला लंड पकड़ के हिलाने लगी और जीतेन्द्र सोनल की गांड के उपर अपना हाथ फेरने लगा. सोनल अब जीतेन्द्र के लंड को धीमे धीमे सहला रही थी और फिर तो उसने सीधे इस लंड को अपने मुहं में भर लिया और उसे गले तक ले ले के चूसने लगी.

जीतेन्द्र अपना हाथ सोनल की गांड पर धीरे धीरे फेरने लगा. सोनल की चुसाई और भी तीव्र होने लगी और वह उसे और भी जोर से चूसने लगी. सोनल की गांड के उपर ठपठप मार रहा था और सोनल बिच बिच में मुहं उठा के हंस रही थी. जीतेन्द्र भी सोनल का मुहं लंड के ऊपर दबा दबा के उसको अपना लंड चुसाए जा रहा था.

सोनल अब खड़ी हुई और उसने गांड को जीतेन्द्र के आगे किया. जीतेन्द्र ने गांड में अपना मुहं घुसाया और उसके उपर ढेर सारा थूंक लगाया. अच्छा अब पता चला की सोनल मेरे से खुश क्यों नहीं थी, वह गांड मरवाने की मशीन थी औ उसे अपनी गांड में डंडा चाहिए होता था और मैं उसे 20 मिनिट तक चूत में लंड दिए रहता था…!

जीतेन्द्र ने सोनल को वही उल्टा लिटा दिया और सोनल घुटनों के बल अपने कूल्हों को उपर किये हुए थी. जीतेन्द्र ने अपना डंडा लिया हाथ में और सोनल के कूल्हों के बिच होते हुए उसकी गुदा में धकेल दिया…! जीतेन्द्र सोनल को पेट से पकड कर अब उसकी गांड को जोर जोर से ठोकने लगा.

सोनल के कूल्हों पर जीतेन्द्र के ठपाके लगने लगे, आवाज तो नहीं आ रही थी लेकिन चुदाई के समय जरुर मस्त आवाजे आ रही होगी. सोनल पहले बिना हिले डुले गांड मरवा रही थी और थोड़ी देर बाद उसने अपनी गांड को हिलाना चालू कर दिया. मेरा लंड सोनल का गुदामैथुन देख खड़ा हो रहा था…

मुझे लगा की मैंने इस रसीली गांड को कभी ठुकाई की लिए सही नहीं समझा…! जीतेन्द्र अब और जोर जोर से सोनल की गांड को धकेलने लगा और सोनल भी अब और जोरों से हिलने लगी थी. जीतेन्द्र ने हाथ आगे कर के मेरी बीवी के सेक्सी चुंचे दबाये. सोनल की गांड से इसका लंड पूरा अन्दर बहार होने लगा था. तभी जीतेन्द्र के लंड से वीर्य निकला औ सोनल के कूल्हों से निचे टपकने लगा… थोड़ी देर में दोनों कपडे पहनने लगे और सोनल ने अलमारी से जीतेन्द्र को कुछ पैसे भी दिए… मुझे कैमरा में पता नहीं चला लेकिन उसने कम से कम उसे 500 जितने रूपये दिए थे….!

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