भाभी के दूधिया स्तनों का दूध चूसा

मैं 25 साल का था जब मेरी नई नौकरी लगी थी। उस वक्त मैं अकेला गाज़ियाबाद में रहता था। रहते रहते मेरे कोई दोस्त बन गए जो मेरी तरह गाज़ियाबाद में नौकरी कर रहे थे। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी। और शादी मैं करना नहीं चाहता था। Gulabi Tight Chut

जब भी मुझे सेक्स चढ़ता तो मैं अपने घर रंडी बुला लेता या कोठे पर जाकर जबरदस्त चुदाई करता। पर कोठो की जवान और सबसे सुंदर रंडी भी मुझे खुश नहीं रख सकी। लड़की सुंदर है तो क्या हुआ चुत तो उनकी भोसड़ा थी। मैं कोई ताजी और भाभी समान औरत के साथ अपनी वासना शांत करना चाहता था।

खुशकिस्मती से उन दिनों मेरे यहाँ नया शादी शुदा परिवार आया। उस परिवार में एक एक 2 साल की बेटी, सेक्सी भाभी और उसका बेवकूफ आदमी था। दूर से दिखने में भाभी माल थी और उन्होंने लाल ब्लाउज पहना था जो उनके स्तनों की गोलाई और निखार रहा था।

भाभी और उनके आदमी के रिश्तो में कुछ खास अच्छा नहीं था। उनका पति उन्हें पैसो की धोस दिखता था। इन सब की वजह से भाभी कभी यौन संतुष्ट नहीं रही। एक दिन जब अपने घर के छज्जे पर खड़ी थी तो मैं उनके शरीर की बनावट को प्यार भरी आँखों से देखने लगा।

मैं उनकी पतली नरम कमर में इतना खो गया की मेरा ध्यान और कही गया ही नहीं और भाभी ने मुझे देख लिया। भाभी मुझे देख मुस्कुराने लगी और मैं समझ गया की यहाँ बात बन सकती है। अगले दिन मैं अपने कपडे उतार कर छज्जे पर डंबल से कसरत करने लगा।

भाभी ने मुझे देखा और वही खड़ी मेरी शानदार बॉडी को वासना से देखने लगी। साड़ी वाली भाभी की बड़ी बड़ी आँखे मेरे लिंग पर जा रुकी और उन्होंने मुझे ऊँगली से इशारा करके अपने पास बुलाया। बस वही मेरा लंड जाग गया और मैं उनके घर चला गया।

दरवाजा खोलते ही भाभी ने कहा – कसरत करके थक गए हो ना ? चलो मेरे साथ आराम से चाय पीलो।

मेने कहा – अम्म्म पर ?

भाभी – कुछ मत सोचो चलो अंदर !

उन्होंने मुझे संदर खींचा और हम चाय पिने लगे। चाय का एक घुट मारते मारते हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे। भाभी ने जैसे ही चाय का कप निचे रखा मैं उनके पुर चढ़ गया और उन्हें चूमने लगा। भाभी की गहरी लाल लिपस्टिक का रंग मेरे होठो पर चढ़ गया और मुझे पगल सा करने लगा।

मैने कहा – भाभो !! कोई आ गया तो?

भाभी – कुछ नहीं होने वाला तुम बस मुझे चुदाई का माल समझो और मुझे रंडी की तरह पेलो।

भाभी की मुँह से इतनी गन्दी बात सुनकर मेरे अंदर का जानवर जाग गया। मेने तुरंत भाभी का ब्लाउज फाड़ा और उनके दोनों स्तनों से दूधिया रस चूस कर बाहर निकालने लगा। मेरी इस हरकत से भाभी हैरान हो गई और मुझे प्यार से देख कर आक्रामक चुदाई के लिए उकसाने लगी।

मेने भाभी का एक स्तन हाथ में लिए और उसे लगातर चूसने लगा और दूसरा भाभी के मुँह से सामने कर दिया। फिर भाभी भी अपना स्तन चूसने लगी और हम दोनों स्तनों से निकलने वाले दूध को पिने लगे। साड़ी वाली सेक्सी भाभी के दोनों स्तन और चूची लाल हो गई और चुत चुदने के लिए तैयार हो गई।

भाभी का शरीर भरा फुला और पूरा सुडौल था। बड़े गोल स्तन और गांड के साथ साथ उनकी पतली छोटी कमर मेरे लंड को और मोटा होने पर मजबूर कर रही थी। मेरे गोटे भाभी की वजह से माल से भर गए। और मैं उनकी कमर चाटता चूमता उनकी चुत के पास आ पहुंचा।

मेने भाभी की साड़ी उतारी और भाभी जल्दी जल्दी अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी। नाड़े में तेज गाठ लगा हुआ था जो खुल न सका तो मेने भाभी का हाथ पकड़ा और उन्हें जबरदस्ती झुका कर कड़ा कर दिया। भाभी की ब्रा उतरी और उनका पेटीकोट उठा कर मैं उन्हें चोदने लगा।

भाभी की चुत अच्छी खासी गुलाबी और टाइट थी। मैं साड़ी वाली भाभी की चुदाई करता रहा और उनके स्तन आगे पीछे हिलते रहे। भाभी की मोटी जांघे और रस भरी गांड का मजा मुझे पहली बार आया था।

भाभी(हफ्ते हुए) – अहह अहह अरे तुमने अपना नाम तो बताया ही नहीं !!

मेने अपना नाम बताया और भाभी को चुप रहने को कहा। भाभी की चुत को धपड धपड चोदने के बाद मेने भाभी को उठाया और उन्हें जी भर कर चूमने लगा। पर शयद भाभी को पसंद न आया और उन्होंने मेरे मुँह के अंदर थूक दिया।

मेने कहा – ये क्या था ??

भाभी – मुझे गंदा सेक्स पसंद है ये बच्चो वाली चुम्बा चाटी नहीं।

मेने भाभी को उठाया और उन्होंने अपनी जंघे मेरी कमर पर लपेट ली और मेने खड़े खड़े उनकी चुत चोदनी शुरू कर दी। मेने अपना मुँह खोला और भाभी ने मेरे मुँह में फिर से थूकना शुरू कर दिया। मैं उनका शुक पिने लगा और हम गंदी तरह से एक दूसरे की जीभ चूसने लगे।

मैं साड़ी वाली भाभी की चुदाई इसे कर रहा था जैसे मैं उनका पति हूँ। भाभी के स्तन मेरी छाती से चिपके थे और उनके घने काले बालो में मेरा मुँह छुपा था। बालो के पीछे हम बेइंतेहा प्यार कर रहे थे। मैं देसी भाभी की देसी चुदाई करने में लगा था और मेने अपनी सारी ताकत लगा कर भाभी की रसीली गांड लाल कर दी थी। फिर भाभी की चुत का माल खड़ी चुदाई में ही निकल गया। “Gulabi Tight Chut”

भाभी – अहह अह्ह्ह मेरा ….. हो गया बस मुझे निचे रखो अहह !!

मेने भाभी और प्यार से निचे रखा और वो निचे बैठ कर मेरा लिंग और गोटे धीरे से चूसने लगी।

मेने कहा – भाभी ये बच्चो वाली चुसम चुसाई मेरे बस की ना है।

भाभी – मतलब ?

मेने भाभी का पूरा सर पकड़ा और उनके मुँह ने लंड दे कर तेजी से कमर हिलाने लगा। भाभी के मुँह की चुदाई करते करते मैं सरम सुख प्राप्त करने वाला था। तभी भाभी का उलटी वाला दिल होने लगा और उनके मुँह में काफी सारा थूक हो गया।

तुक से उनका मुँह और लसलसा हो गया और मुझे और मजा आने लगा। मेरा पूरा लंड उनके गले की घंटी बजा रहा था। भाभी के छटपटाना और धका देने के बाद भी मैं नहीं रुका और उनके मुँह की जबरदस्त चुदाई करता रहा। अंत में जब मेरा माल निकला तो मैं शांत हुआ। क्यों की मेरा लंड उनके गले तक जा रहा था भाभी को मेरा माल पीना पड़ा और वो बाहर थूक न सकी।

भाभी – अहह तुमने तो जान ही लेली मेरी तो !

मैने कहा – भाभी जी मेरे कुछ दोस्त और भी है जो आपसे मिलना चाहते थे।

भाभी – बस मिलना है तो नहीं। जिसको सेक्स करना है सिर्फ वही।

उसके बाद मेरे दोस्तों ने बारी बारी से सेक्सी साड़ी वाली भाभी की चुदाई की पर अफसोस इस बात का था की दो हफ्तों में भाभी की चुत का भी भोसड़ा बन गया।

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