भैया बाथरूम में लंड हिला रहे थे 1

हैलो दोस्त मैं गीतांजली आप सब का welcome करती हूँ अपनी इस भाई बहन की स्टोरी मे. तो बिना समय खराब किए स्टार्ट करते हैं. नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम गीतांजली हैं लेकिन घर पर सब मुझे प्यार से गुड़िया बुलाते हैं यह कहानी उस समय की है जब मैं 18 साल की हुई थी। Bahan Yoni Me Jalan

जवानी की दहलीज पर कदम रख रही थी। मेरा शरीर लगातार विकसित हो रहा था। मैं सबसे पहले आपको अपने जिस्म के बारे में बता देती हूं। शुरू से ही खूबसूरत थी। मेरा रंग गोरा है और मेरे बूब्स का साइज 34c है और मेरी गांड का साइज 36 है। मेरा बदन पूरा भरा हुआ है। दिखने में बहुत ही खूबसूरत हूं।

कोई भी एक बार मुझे देख ले तो मेरे नाम आपकी मुट्ठी जरूर मारे। अब मैं कहानी पर आती हूं यह कहानी उस समय की हैं जब मे 2nd year थी ! उस समय मेरा कोई bf नहीं था और मैं पढ़ने में अच्छी थी | पर मेरी दोस्तों के bf थे!

मैं और मेरे भाई एक ही रूम में सोते थे और वो रात में देर तक सोता था पर जब कभी मेरी नींद खुलती तो मैं देखती थी कि वो अपनी चादर के अंदर अपना लंड हिलाता रहता था उसे देख कर मेरे जिस्म में भी खलबली मच जाती थीं पर मैंने खुद पर कंट्रोल रख रखा था लेकिन एक दिन जब मैं नहाने गई तो मैंने अंदर ब्रा और panty नहीं पहनी थी l

मुझे लगा बाथरूम के अंदर कोई नहीं है क्योंकि अंदर से पानी की आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी इसलिए मैंने जाकर सीधा दरवाजे को धक्का दे दिया तो इसलिए मैंने जाकर सीधा दरवाजे को धक्का दे दिया तो मैं एकदम से चिल्लाई और बाहर की तरफ भागी.

क्योंकि मैंने देखा अंदर मेरा भाई अपना लंड हिला रहा था कि लेकिन जैसे ही मैं बाहर की तरफ भागी मेरा पैर फिसल गया और मैं भैया के ऊपर जाकर गिरी भैया ने एकदम से देखा और मुझे उठाने की कोशिश कि मुझे उठाने के चक्कर में वह लंड को अंदर पेंट में डालना भी भूल गए और मुझे उठाने लगे.

जैसे ही मैं गिरी मेरा बूब्स उनके हाथ में आ गए और मैंने अंदर कुछ नहीं कह रहा था तो वह बिल्कुल ऐसे पकड़ लिए ही जैसे कोई आम हो यह घटना बिल्कुल क्षण भर में हो गई और पता भी नहीं चला फिर भैया को एकदम से याद आया उन्होंने अपना लैंड पैंट के अंदर डाला और मुझे उठाने लगी.

उन्होंने जैसे ही मुझे उठाया नीचे से मैंने चड्डी नहीं पहन रखी थी जिस कारण उनका हाथ मेरी गांड पर स्पष्ट लग रहा था और फिर वह मुझे उठा कर कमरे में ले गए अब वह मुझे वहां लेट आकर बोले तुम्हें चोट तो नहीं आई और इतना बोल कर सीधे बाहर आ बाहर आ गए.

मैं यह सब देखती रही और मेरे जिस्म में अब एक अलग ही आग लग रही थी मुझे बार-बार भैया का वह लंड दिखाई दे रहा था मैं खुद पर पूरा कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी अब खुद पर काबू नहीं हो रहा था थोड़ी देर बाद मैंने अपने जिस्म पर हाथ फेरने लगी और अपनी चूत में उंगली करने लगे.

फिर मेरा थोड़ी देर में ही पानी निकल गया और मैं अपने कपड़े लेकर नहाने का इंतजार करने लगी थोड़ी देर बाद जैसे ही भाई भान निकला उनका लंड खड़ा हुआ था जो उनके पैंट के अंदर स्पष्ट दिखा था | मेरा भाई मेरे से नजर नहीं मिला पा रहा था और मैं भी उनसे तिरछी नजरों से देख रही थी.

फिर खाने के टाइम पर मम्मी पापा के साथ मैं और मेरा भाई भी बैठे लेकिन हम दोनों एक दूसरे से नजर नहीं मिला पा रहे थे फिर खाना खाने के बाद भैया बाहर चला गया और मैं अपने रूम में चली गई अब मुझे बार-बार वही आके नजर आ रहा था और पता नहीं भैया मेरे बारे में क्या सोच रहा था.

इस प्रकार आज का शाम हुई शाम को और दिन की तरह ही मैं जल्दी सो गई और जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा भैया आंखें बंद करके मेरा नाम लेकर मुट्ठ मार रहे थे मुझे यह देख कर थोड़ा सा गुस्सा आया लेकिन उनके लैंड का साइज देखकर फिर मुझे उन पर प्यार आने लगा.

अब मुझे अपने भैया से धीरे धीरे प्यार बढ़ रहा था मन कर रहा था मैं उनके पास जाकर उनको बहुत सारा प्यार करूं | इस तरह दिन गुजरते गए और मेरे जिस्म कि प्यास बढ़ने लगी धीरे-धीरे मैं भैया को अपना जिस्म दिखाने लगी और वह भी मेरी इन हरकतों को समझने लगे.

अब मैं मम्मी पापा रहते तब तक तो फुल कपड़े पहनती थी लेकिन जैसे ही वह जॉब के लिए जाते थे मैं अपने अलग अलग तरीके से भैया को जिस्म दिखाने की कोशिश करती अब मुझे लगने लग गया भैया भी धीरे-धीरे मेरी तरफ आकर्षित हो रहे है.

अब है बार-बार मुझे छूने की कोशिश करते और मुझे भी उनकी हरकत देख कर बहुत मजा आने लगा अब वह कभी मेरे पीछे से आकर मेरी गांड के लंड लगा देते कभी मेरी कभी मजाक करते करते मेरे बूब्स दबा देता मुझे उनकी हरकते बहुत अच्छी लगने लगी और मैं भी उनको मना नहीं करती थी.

फिर अब वह मेरे बदन को हमेशा छूने का प्रयास करते रहते थे और मैं भी अब मस्ती में उनके लंड पर हाथ लगा देती थी अब हमारी मस्ती बहुत ज्यादा बढ़ रही थी और हम एक दूसरे की जिस्म के प्यासे हो रहे थे अब भैया रात में अपने बिस्तर में मुठ मारते तो उन्हें पता रहता नहीं चल रही है पर वह जोर-जोर से अलग रहते हैं.

और मैं भी अपनी चूत में उंगली करती रहती थी वह भी यह जानती थी और बस देखते रहते थे इस प्रकार 1 सप्ताह बीत गया और हम लगातार एक दूसरे की जिस्म के प्यासे होने लगे l अब मेरा मन पढ़ाई में कम और सेक्स में ज्यादा लगने लगा मुझे ऑनलाइन पर भाई बहन की कहानी पढ़ना अच्छे लगने लगा. “Bahan Yoni Me Jalan”

और मैं क्लोज करनी पड़ती चूत में उंगली करने लगी मेरा प्यार है अपने भाई के लिए लगातार बढ़ रहा था और मेरी जिस्म की गर्मी लगातार उफान मार रही थी अब अब मैं और भैया दोनों काफी हद तक एक दूसरे से खुल चुके थे और बस एक दूसरे के साथ सेक्स करने का एक मौका निहार रही थी.

और जल्द ही हमें वह मौका मिलने वाला क्योंकि मेरे मम्मी पापा मेरे मामा के लड़के की शादी में जाने के लिए तैयार हो रही थी वह कम से कम 5 दिन के लिए मेरे मामा के घर जाने के लिए तैयार थे और हम दोनों यह मौका गवाना भी नहीं चाहते थे.

अब आपको अगली कहानी में बताऊंगी कैसे मैंने मम्मी पापा के शादी में जाने के बाद अपने भैया का लंड अपनी चूत में लिया और अपनी आग को बुझाया तब तक के लिए आप सब अपना ध्यान रखें और मेरा नाम लेकर मुठ मारते रहे उम्मीद है आपको यह कहानी पसंद आई होगी और आप अगली कहानी पढ़ना ना भूलें धन्यवाद !

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