भोले नौकर से प्यासी नौकरानी ने चुदवाया

मेरा नाम दिव्या है, मेरे हसबैंड निलेश टेलीकॉम कंपनी में सॉफ्टवेर इंजिनियर थे. हम दोनों मियां बीबी और बच्चे मजे से पुणे में रह रहें थे. यहाँ उनको काम करते ५ साल हो गए थे. फिर उनके ट्रांसफर का आर्डर आ गया. मेरे पति को हैदराबाद भेज दिया गया. इस ट्रांसफर से मैं बहुत नाखुश थी. Servant Mistress Porn

क्यूंकि यहाँ पुणे में रहते हुए मुझे ५ साल हो गए थे. बच्चों के नाम भी अच्छे स्कूलों में लिखवा दिए थे. उनकी पढाई भी अच्छी चल रही थी. और यहाँ सोसाइटी में मेरे कई अच्छी सहेलियां भी बन गयी थी. मेरी पूरी जिंदगी सेट हो गयी थी. मैं पुणे में बहुत खुश थी. फिर ना जाने कहाँ से ये मुआं ट्रांसफर का जिन्न आ गया.

मेरे पति ने अपने बोस से ना नुकुर की तो वो गुसा गए और कहने लगे की आपको २ लाख महीना की सैलरी मिलती है. आपको तो कंपनी के मुताबिक चलना होगा. मेरे पति बेमन से हैदराबाद चले गए. घर के काम के लिए उन्होंने धीरज नामक एक जवान नौकर रख दिया.

पति के जाने के बाद मुझे बहुत बुरा लगा. बस दोस्तों, पूछिए मत इस बारे में. कई हफ्ते मैं रोती रही. क्यूंकि एक तो मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते थे. उपर से मुझे हर रात खुब मजे देते थे. वो मुझे हर रात तरह तरह से चोदते थे. वो किसी कामदेव से कम ना थे. मैं बहुत रोई. पर पतिदेव को पैसा तो कमाना ही था.

सिर्फ प्यार से तो इस दुनिया में कुछ नही होता है, पैसे भी चाहिए अच्छी जिंदगी के लिए. किसी तरह मैंने अपने दिल को बहलाना शुरू किया. मैं अपने मोहल्ले की सहलियों के पास हर दिन किटी पार्टी में जाने लगा. वहां मेरा वक्त आराम से कट जाता था. मेरा नौकर धीरज बहुत मददगार निकला. मैं जो भी उसे काम देती ‘जी बीबीजी!! जी बीबीजी !!’ कहता और सारा काम कर देता.

धीरज यादव कास्ट का था. यही नॉएडा के एक गांव का रहने वाला था. पर था बहुत मस्त बंदा. उम्र कोई १८ २० की होगी. सुबह जल्दी ६ बजे वो घर आ जाता. बच्चो के लिए नास्ता बनाता. उनको स्कूल छोड़ने जाता. फिर लौटकर मेरे घर का सारा काम करता. सुबह से शाम तक वो शायद ही आराम करता हो. धीरे धीरे मेरी धीरज से खूब पटरी खाने लगी. अपने खाली वक्त में मैं उससे खूब बात करती.

अरे धीरज! तू अच्छा ख़ासा जवान है. शादी क्यूँ नही कर लेता??’ एक दिन ऐसे ही मैंने हसी हसीं में उससे पूछ लिया.

अरे बीबीजी ! हमारे सिर पर ५ लाख का कर्जा है. हमारे बापू की दवा में सारा पैसा लग गया. उधर लेकर उनकी दवा कराई. फिर भी बापू नही बचे’ धीरज कहने लगा तो उसकी आँखें भीग गयी.

‘मैं समझ सकती हूँ’ मैंने कहा और उसके जवान कंधे पर मैंने सहानुभूति में हाथ रख दिया.

‘धीरज, तो क्या तेरी कोई यार भी नही है ???’ मैंने उसका मिजाज हल्का करते हुए पूछा. वो हसने लगा.

नही बीबीजी! हमका लडकियन से बहुत शरम आवत है’ वो जरा गांव की भाषा में बोला. मैं हसने लगी.

मेरे पति के जाने के बाद मैं ये कह सकती हूँ की मेरा नौकर मेरा बड़ा हमदर्द, मेरा हमराज बन गया था. मेरे बच्चों को वो तरह तरह से हँसाता था. मेरे बच्चे उसके हाथ से ही खाना खाते थे. उसके साथ ही खेलते थे. मेरी हसबंड निलेश मुझे हर रात हैदराबाद से फोन करते थे.

मैं उनको बताती थी की किस तरह उनके जाने के बाद नौकर धीरज ने बच्चों को बड़ी अच्छी तरह से सम्भाल रखा है. निलेश भी बहुत खुश थे. दोस्तों, अपनी माँ की कसम खाके कहती हूँ की सारी चीजे बड़ी तेजी से बदल गयी. जहाँ मैं हर रात अपने पति से खूब प्यार करती थी, तरह तरह से प्रेम लीलाएं करती थी, अब सब कुछ उल्टा हो गया.

अब जब मैं बेडरूम में जाती तो अपने भोले भाले बेहद सज्जन नौकर धीरज को लेकर तरह तरह की मीठी कल्पनाएँ करने लगी. मैं अब नंगी हो जाती और डिल्डो लेकर अपनी चूत में डाल लेती और धीरज को ही याद करती और तरह तरह से उसको सोचते हुए मैं डिल्डो से खुद को चोदती.

दोस्तों, मुझे बहुत मजा आता. अब तो मैं हर रात यही करती. नौकर धीरज को लेकर तरह तरह की कल्पना करती की वो मुझको ऐसे पेल रहा है, ऐसे चोद रहा है, मैं मुझे ठोक रहा है. जब जब मैं धीरज के बारे में सोचती और अपनी चूत में ऊँगली देती, मुझे परम सुख प्राप्त होता. समज लीजिए की मुझे जन्नत मिल जाती.

धीरे धीरे मेरी ज्वलंत अन्तर्वासना अंगारे की तरह भडकने लगी. जी तो यही करता की कास धीरज मुझे एक बार चोदे. उसका १८ साल के जवान लंड का स्वाद कैसा होगा, ये सोच सोच के मैं मरी जाने लगी. कई बार अपनी चूत में ऊँगली करते करते मेरा बदन जलने लगता और मैं बाथरूम में ठन्डे पानी से नहाने चली जाती. तब जाकर मेरी चुदास शांत होती.

मेरे हसबैंड हैदराबाद से पैसे भेजते रहते. इसलिए मुझे किसी तरह की कोई दिक्कत नही थी. बस यही दिक्कत थी की कास कोई लंड मेरी चूत की सर्विसिंग कर देता. जैसे जैसे दिन बीतने लगे मैं नौकर धीरज को लेकर जुनूनी हो गयी. अब मैं जल्द से जल्द उससे शारीरिक सम्बन्ध बनाना चाहती थी.

उसके जवान शरीर को मैं भोगना चाहती थी. साफ़ सरल शब्दों में कहूँ तो मैं उससे पूरी रात चुदवाना चाहती थी. उसके जवां लंड से मैं अपनी कामवासना बुझाना चाहती थी. मैं ठान लिया की अब मुझे उसका लंड बस किसी भी सूरत में चाहिए. अगली रात को मेरे सारे परिवार से खाना खाया. धीरज बच्चों को उनके कमरे में ले गया और उनको लोरी देकर सुला दिया. अब वो अपने घर जाने लगा तो मैंने उसको आवाज लगायी. “Servant Mistress Porn”

जी बीबीजी !! हुकुम! वो बोला.

धीरज, मेरे पैर में बड़ा दर्द हो रहा है. प्लीस जरा दबा दो’ मैंने कहा.

जी बीबीजी ! वो बोला. मेरे बेडरूम में आ गया. मैंने एक मस्त नाइटी पहन ली. धीरज मेरे पैर दबाने लगा. मुझे बड़ा मजा आने लगा. पर मुझे उससे पैर नही दबवाने थे. मुझे तो उसका जवां लंड खाना था.

धीरज जरा उपर !! मैंने कहा.

वो अब मेरी जाँघों पर दबाने लगा. मैंने जान बूझकर अपनी नाइटी उपर कर ली. धीरज मेरे तरासे हुए बदन को देखकर मंत्रमुग्ध तो था. पर उससे ऐसी वैसी कोई हरकत नही की. मैं चाहती थी वो मुझे पकड़ ले और बस चोद ले. पर वो निरा भोंदा बाबा था. मैं अचानक से उसको पकड़ लिया.

धीरज, आज मेरी प्यास बुझा दो! मैं कबसे तुम्हारे प्यार की प्यासी हूँ ! मैने कहा.

वो बिलकुल हडबडा गया. वो डर गया. उनके सिर पर पसीना छूट गया.

नही नही बीबीजी ! ये आप क्या कह रही है! आप तो मेरी मालकिन है. मैं आपके साथ ये सब कैसे कर सकता हूँ ! वो बोला.

धीरज !! तुम मुझे मना नही कर सकते. मुझे आज रात तुम चाहिए किसी भी सूरत में’ मैं किसी चुदासी छिनाल की तरह गुस्से में चिल्लाई. मैं बहुत गुस्सा हो गयी थी.

नही नही बीबीजी !! हम ये नही कर सकते! धीरज बोला और वहाँ से बाहर चला गया.

मैं उसको बुलाने पीछे पीछे गयी, पर वो सायद कुछ जादा ही घबरा गया था. वो अपने घर चला गया था. मैं उसके जाने पर बहुत बहुत गुस्सा हुई. मैं उसकी मालकिन थी. वो मेरी बात मारे कैसे चला गया. मैं उससे बदला लेना चाहती थी. अगले दिन जब वो आया तो मैंने उसका हिसाब कर दिया. वो नही जानता है मैं ऐसा करुँगी. “Servant Mistress Porn”

नही बीबीजी ! मुझे काम से मत निकालो! मुझे पैसो की बहुत जरुरत है! वो हाथजोड़ के मिन्नतें करना लगा. मैं जान गयी की ऊंट अब पहाड के नीचे आ गया है.

मैं तुमको काम पर दुबारा रख लुंगी, पर जो काम तुम कल रात अधूरा छोड़ कर गए थे, वो तुमको पूरा करना होगा. मैं जब जब तुमको कमरे में बुलाऊंगी, तुमको आना होगा! मैंने साफ साफ धीरज से कह दिया. वो फिरसे सोच में पड़ गया. पर उसको पैसो की बड़ी जरुरत थी. मैंने ताड़ लिया था. जब रात हो गयी तो मैंने धीरे से धीरज को इशारा किया और कहा की बच्चो को उनके कमरे में जाकर सुलादे और फिर मेरे कमरे में आये.

रात १० बजे धीरज मेरे कमरे में आ गया. मैं लाल पारदर्शी नाईटी पहन रखी थी. धीरज मेरे बेड पर आ गया. मैंने अपने हाथों से उसकी शर्ट की एक एक बटन खोल दी. वो उपर से नंगा हो गया. वो सिर्फ १८ साल का था. बिलकुल मस्त जवान बांका छोरा था वो.

मेरे मम्मे चूसो !! मैंने आदेश दिया

जी बीबीजी!! वो बोला और मेरे मम्मे पीने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा. पति को हैदराबाद गए ३ महीने से भी जादा समय हो गया था. पुरे ३ महीने से मैंने कोई लंड नही खाया था. पुरे ३ महीने से किसी मर्द ने मुझको नहीं चोदा था. पर आज मैं अपनी सारी हवस पूरी कर लुंगी. मैं सोच लिया था. “Servant Mistress Porn”

धीरज मेरे मम्मे पीने लगा. वो मेरे उपर ही लेट सा गया था. मैं अपना हाथ उसके पेट के नीचे से ले जाते हुए अपनी चूत तक ले गयी. अपनी चूत सहलाने लगी और उसमे ऊँगली करने लगी. धीरज एक अच्छे मर्द की तरह मेरे मम्मे पी रहा था. ‘धीरज! घबराओ मत, मुझे अपनी बीवी समझ के मेरे दूध पियो और मुझे आज इतना कसके चोदो की मेरी चीख निकल जाए’ मैंने कहा.

धीरज पहले तो बड़ा चुप चुप था, संकोच व शर्म कर रहा था. अब वो सहज हो गया. मस्ती से मेरे दूध पीने लगा. मुझे जन्नत का मजा मिलने लगा. मैंने अपनी नाईटी उतार दी और अपने नौकर के सामने बिलकुल नंगी हो गयी. मेरी मोहल्ले की हर औरत अपने पति के ना होने पर अपने नौकर से चुदवाती थी. तो मैंने कौन सा गलत किया.

धीरज एक आज्ञाकारी चेले की तरह मेरे दोनों दूध अपने दांत से मसल रहा था और पी रहा था. मैं अपनी चूत सहला रही थी और उसने ऊँगली कर रही थी. धीरे धीरे मेरी चूत चुदने को बिलकुल तैयार हो गयी थी. मेरा नौकर धीरज अब मुझे अपनी बीबी समझ के मेरे मस्त गोल मटोल दूध पी रहा था.

बीबीजी ! अब आपको पेलूँ क्या ?? उसने भोलेपन से पूछा.

बीबीजी नही बुध्दू ! आज रात के लिए मैं सिर्फ तुम्हरी बीबी हूँ! मैंने उसे आँख मारी.

धीरज मेरी चूत पर आ गया और मेरी चूत पीने लगा. आह, ओह्ह , म्म्म मेरे मुह से यही सब निकलने लगा. क्यूंकि पुरे ३ महीने से किसी ने मेरी चूत नही पी थी. औरतों को चूत पिलाने में भी खास मजा मिलता है. धीरज मेरे दोनों मोटी मोटी जांघो के बीच छिप गया था. वो मस्ती से मेरी बुर पी रहा था. मैं सुख के सातवे आसमान पर थी. वो एक हाथ से मेरी चूत में बड़ी जल्दी जल्दी ऊँगली भी कर रहा था. “Servant Mistress Porn”

वो किसी मशीन की तरह मेरी चूत में ऊँगली कर रहा था. सच में दोस्तों, मुझे बहुत मजा मिल रहा था. मेरे पति भी मेरी चूत में ऐसे ही ऊँगली करते थे. अब धीरज ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. मेरे पति वीरेंद्र ने मुझको बहुत चोदा था, इसलिए मेरी चूत बहुत फटी हुई थी. धीरज का लंड बड़ी आराम से मेरी बुर में चला गया. वो मुझको लेने लगा.

शाबाश धीरज !! शाबास! मैं अगले महीने से तुम्हारी पगार १००० बढा दूंगी! मैंने कहा.

मेरा वफादार नौकर मुझको चोदने लगा. मेरे मम्मो को वो अपने जवान हाथों से मसल रहा था. मुझे बहुत सुख मिल रहा था.

और तेज धीरज !! मुझे और तेज चोदो !! मेरी चीखे निकाल दो ! मैंने कहा.

रे रंडी!! तू भी क्या याद करेगी !! वो बोला और जोर जोर से मुझे पेलने लगा. उसके जबरदस्त धक्को से पूरा बेड चरमराने लगा. कुछ देर बाद उसने शताब्दी ट्रेन जैसी रफ्तार पकड़ ली. मुझको घचाघच पेलने लगा. अब मेरी चीखें निकलने लगी.

मैंने अपनी आँखें बंद कर ली. वो मुझे बहुत अच्छे से चोद रहा था.

ले रंडी !! आज तेरा पति नही है तो नौकर का लंड खा ले जी भरके !! धीरज बड़ी उत्तेजना में आ गया. मुझे बड़ी खुसी हुई. मैं इसी तरह गाली खा खाके चुदवाना चाहती थी.

चोद मुझे कसके! तुझे तेरे मरे बाप की कसम !! मैंने कहा.

धीरज थोडा गुस्से में आ गया. वो मुझे रंडियों के जैसे चोदने लगा. चुदास की उत्तेजना में उसने मुझे ५ ६ तमाचे भी जड़ दिए. मुझे मार मार कर चोदने लगा. फिर उसकी तेज बहुत तेज हो गयी. कुछ सेकंड में उसने मुझे कई सौ बार चोद दिया. अब वो माल छोड़ने वाला था. उसने जल्दी से अपना लंड मेरी चूत से निकाला और सीधा मेरे मुह की तरह ले आया. मैंने अपना मूल खोल दिया. धीरज जल्दी जल्दी हाथ से अपना लंड फेटने लगा. मैं अपना मुह खोले रही उसका माल पीने के लिए. कुछ देर बाद फुच फुच्च की पिचकरी उसके लंड से निकली और सीधा मेरे मुह में चली गयी. मैंने उसका सारा माल पी लिया. उसके बाद दोस्तों मैंने उससे कह कह कर अपनी गांड भी मरवाई.

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