मेरा नाम अंशु है। ये कहानी तब शुरू हुई जब मै 21 साल का था और एमबीए कर रहा था। मै अपने घर आया हुआ था छुट्टी मे। मेरा घर एक गांव मे है। उस टाईम शादी का सीजन था तो पास के ही एक छोटे शहर मे मेरे पापा के बेस्ट फ्रैंड की बेटी की शादी थी जिसमे मै और पापा गए हुए थे। Suhagrat XXX Kahani
वो हमारे फैमिली फ्रैंड थे हमारा एक दुसरे के घर आना जाना लगा रहता था। उनकी सिर्फ दो बेटियां थीं बड़ी बेटी राशि की शादी थी जो बड़े धूम धाम से हो रही थी। पापा शादी के काम मे लगे थे मै भी थोड़ी बहुत काम कर रहा था।
अब रात के 10 बज गए बारात आ गई थी लेकिन दूल्हे की गाड़ी नही आई थी। कुछ देर मे अचानक खबर आई कि दुल्हा भाग गया है उसका पहले से किसी लड़की के साथ चक्कर था। अचानक अफरा तफरी मच गई जैसा कि छोटे शहरों मे अक्सर होता है बाराती लोग भागने लगे.
आस पास के लोग बाराती को पीटने लगे उनकी गाड़ी तोड़ने लगे मुझे कुछ समझ नही आ रहा था मुझे लगा कही मेरी गाड़ी भी ना तोड़ दें तो मै अपनी गाड़ी के पास चला गया। अब किसी ने कहा कि लड़की के पिता ने फांसी लगा ली है मै दौड़ कर गया देखने तो सभी एक कमरे के बाहर गेट को धक्का दे रहे थे मै गया और दरवाज़ा तोड़ दिया पापा ने अंकल को उतारा गमछे को खोलकर।
वो मरे नही थे फिर पानी पिलाया। मै फिर अपनी गाड़ी के पास आ गया क्यूंकि सभी रो रहे थे। कुछ देर बाद माईक से कोई बोल रहा था कि ये शादी होगी और जरूर होगी और इसी दिन होगी। शादी मै अपने बेटे अंशु से कराऊंगा। मैने सोचा वाह क्या आदमी है अपने बेटे की शादी करा रहा है। नाम भी मेरा वाला है। कुछ देर मे मुझे लगा कि कहीं ये मेरे पापा तो माईक पर नही बोल रहे हैं।
माईक पर: मेरा बेटा अंशु जहां कहीं भी हों कृपया मंडप मे आ जाए।
मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी। तभी मेरे मोबाईल पर रिंग बजी मेरे पापा का कॉल था मेरे हाथ कांप रहे थे मोबाइल उठाने मे मै पसीने से भीग गया था तभी कोई आया।
वो आदमी: अरे ये रहा अंशु, चलो तुम्हारे पापा तुमको मंडप मे बुला रहे हैं।
वो मेरा हाथ पकड़ मंडप मे ले गया मुझे कोई होश नही था क्या हो रहा है ऐसा लग रहा था ये सब सपने मे हो रहा है। मेरी शादी अब हो गई थी मुझे तनिक भी होश नही था क्या हो रहा था। पापा गाड़ी चला कर मुझे और राशि को घर ले आए। घर पर हमारे स्वागत के लिए बहुत लोग खड़े थे।
मै सीधा जाकर सो गया। शाम को उठा तो बहुत सारे रिश्तेदार आ गए थे घर मे काफी चहल पहल थी। पता चला कल रिसेप्शन है। गांव वालों को खिलाना था। बगल मे मेरा दलान है वहां गया तो देखा बहुत सारे हलवाई मिठाई वगैरह बनाने मे लगे हैं। सभी मुझे बधाई दे रहे थे शादी की।
मै काफी उदास था। रात को चुपचाप किसी रुम मे जाकर सो गया। अगले दिन रात को रिसेप्शन हुआ सभी खूब एन्जॉय कर रहे थे मेरे घर वाले बहुत खुश थे मै भी ऊपर से खुश दिखने का नाटक कर रहा था। रात को मै फिर कहीं दलान मे जाकर सो गया।
अब सारे रिश्तेदार अगले दिन चले गए। उसकी अगली रात को मुझे अपने ही कमरे मे सोना पड़ा। मै चुप चाप जाकर बेड के एक साईड लेट गया। राशि कुछ देर मे आई और दूसरी साईड लेट गई। मै काफी उदास था ऐसा नही था कि राशि सुंदर नही थी वो बहुत ही सुन्दर थी उम्र मे शायद मुझसे एक दो साल बड़ी होगी लेकिन सुन्दर और सुडौल थी।
बस ऐसे ही मन नही हो रहा था उसे पत्नी मानने का शायद कभी उसके बारे मे ऐसा कुछ सोचा नही था जिस वजह से। ऐसा भी नही था की कभी उससे मिला नही या बात नही की थी, फैमिली फ्रैंड थे तो बहुत पहले से मिलते रहते थे फैमिली फंक्शन मे कभी पढ़ाई को लेकर बात भी हो जाती थी लेकिन सिर्फ फ्रेंड की तरह। मै ये सब सोच ही रहा था कि अचानक उसने बोल दिया।
राशि: मुझसे शादी करके तुम फंस गए ना अंशु।
मै उसकी तरफ पीठ कर लेटा था। मेरी आंखों मे आंसू आ गए। मै कुछ नही बोल रहा था।
राशि: तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है शहर मे तो बोलो। मै पापा से बोल दूंगी कि ये शादी मै नही मानती तो तुमको मुझसे छुटकारा मिल जाएगा।
मै:(उसकी तरफ मुड़ा) अग्नि के सात फेरे के बाद तुम मुझसे छुटकारा चाहती हो।
उसकी भी आंखें भरी हुई थी।
राशि:(भरे हुए गले से) तो तुम्हारी गर्लफ्रेंड का क्या होगा।
मै: मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है।
राशि: झूठ मत बोलो।
मै: नही सच मे मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है।
राशि: तो तुम मुझसे बात क्यों नही करते?
मै कुछ नही बोला।
राशि: क्या मै तुम्हें पसन्द नही हुं?
मै: नही ऐसी कोई बात नही है बस अचानक ये सब हो गया तो थोड़ा अजीब लग रहा है। मैने कभी तुम्हारे बारे मे ये सब सोचा ही नही, अचानक तुम मेरी पत्नी बन गई तो दिल मान नही रहा है।
राशि : तुम्हारा दिल माने या ना माने मै तुम्हें अपने दिल से पति मान चुकी हूं अब जो कुछ है तुम्हारे हवाले है। तुम चाहो तो मुझे छोड़ सकते हो। उसकी आवाज एक दम भरी हुई थी।
मै: पागल हो क्या मै तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं।
मेरी भी आंखें भर आई थीं और आवाज भी वो मेरे चेहरे से आसूं पोछने लगी तो मै भी उसके आसूं पोछने लगा। कुछ देर मे हम करीब आ गए। उसने मेरे गाल पर किस कर दिया मुझे चूमने लगी मेरे होंठ पर होंठ रख दी और चूसने लगी मै भी साथ देने लगा।
कुछ देर हम होंठ जीभ चूसते रहे फिर हमारी सांसें फूलने लगी तो हम अलग हुए। हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे उसने मेरा हाथ पकड़ अपनी कमर पर रख दिया । मै कुछ नही कर रहा था। राशि: देखो सबकी अपनी अपनी कुछ ख्वाइश होती है कि उसको ऐसी बीबी मिले वैसी मिले। तुम्हारी कैसी ख्वाइश थी तुम बता दो मै वैसी बन जाऊंगी।
मै: ऐसी कोई बात नही है तुम जैसी हो वैसी ही रहो।
राशि: नही कुछ तो दिल मे होगा कुछ भी मांग लो।
मै: ठीक है, मुझे रोज 500 किस चाहिए।
राशि: (शरमाते हुए) नही 500 तो बहुत ज्यादा है,10 दूंगी।
मै: अच्छा 250।
राशि: नही 30!
मै:(हंसते हुए) अच्छा 200।
राशि: नही:50।
मै: अच्छा ना तुम्हारा ना मेरा 100 मे फाइनल करते हैं।
राशि: ठीक है। लेकिन गिनती दोनो की होगी चाहे तुम मुझे करो या मै तुम्हें।
मै: ठीक है। चलो दो।
वो शरमाते हुए किस करने लगी गाल पर होंठ पर मै भी उसे किस करने लगा। कुछ देर बाद हम अलग हुए।
राशि:40 हो गए होगे।
मै: हां।
राशि: अब और भी कुछ मांग लो।
मै:(हंसते हुए) और कुछ भी देने का इरादा है।
राशि:(शरमाते हुए) हां आज तो सब कुछ देने का इरादा है।
मै: ठीक है तो वादा करो कि तुम मुझे रोज!
राशि: एक मिनट ये मत बोलना की रोज दूंगी।
मै:(हंसते हुए) वैसे तो मै ये नही बोलने वाला था लेकिन अब बोलूंगा।
राशि: यार ये गलत है रोज कैसे दूंगी।
मै: अभी तो तुमने ही बोला।
राशि:(शरमाते हुए) ठीक है रोज तो नही लेकिन मै तुम्हें कभी भी मना नही करूंगी। वैसे तुम क्या मांगने वाले थे।
मै: मै ये मांगने वाला था कि तुम मुझे रोज अपना दूध पिलाओगी।
ये कहते हुए मै अपना मुंह उसके सीने पर क्लीवेज पर लगा देता हूं। राशि की आह निकल जाती है। मै उसके गर्दन गले कान सीने को चूसने लगा उसकी आह निकल जाती वो सिसकने लगी। उसके ब्लाउज से झांकते चूचों को खूब चूसा मैने। कुछ देर मे मै हट गया। मै उसकी आंखो मे देखा और आंखों को चूम लिया और माथे पर चूम लिया। “Suhagrat XXX Kahani”
राशि: आई लव यू अंशु।
मै: आई लव यू टू राशि।
हम एक दूसरे को पहले भी नाम से बुलाते थे तो अब भी नाम से ही बुला रहे थे। मै उसकी आंखों मे देख रहा था। कान और गले पर किस करने से वो मदहोश हो गई थी उसकी आंखें उसकी मदहोशी को चीख चीख कर बता रही थीं उसके होंठ कांप रहे थे।
राशि: आह, अंशु तूने गर्दन पर स्मूच किया तब से मुझे कुछ हो रहा है।
मै: क्या हो रहा है?
राशि: पता नही।
मै फिर उसके गर्दन कान गले को चूसता हूं उसकी आह निकल जाती है।
मै: तुम मदहोश हो गई हो।
राशि: तो अब क्या करें? मुझे बड़ा अजीब लग रहा है।
मै: क्या करें क्या मतलब, अब हम प्यार करेगें।
राशि:(शरमाते हुए) तूने कभी किया है, मैने कभी नही किया।
मै: मैने भी नही किया है।
राशि: दर्द होगा क्या?
मै: थोड़ा सा होगा, मै बहुत प्यार से करुंगा तुम डरो मत।
राशि: ठीक है।
अब हम स्मूच करने लगे मै उसके होंठ गाल कान गर्दन गले को चूसने लगा। वो भी मेरे को स्मूच कर रही थी कुछ देर मे हम अलग हुए। मै उसकी आंखों मे देखा वो शर्मा कर मेरे गले लग गई। मै उसके कंधे को चूसते हुए उसके पीठ पर हाथ फेर रहा था। और उसकी ब्लाउज की डोरी से खेल रहा था। “Suhagrat XXX Kahani”
मै: कपड़े खोलने पड़ेगें।
राशि: खोल दो।
मै डोरी खींच दिया। और कन्धे को चूमता रहा। अब मै धीरे धीरे ब्लाउज सरका कर खोल दिया और ब्रा का हुक भी खोल दिया।
मै: निकाल दो इसे।
राशि:( शरमाते हुए) तुम ही निकाल दो ना।
अब हम बेड पर बैठे थे और मै उसका ब्लाउज और ब्रा निकाल दिया वो शर्मा रही थी उसने साड़ी के पल्लू से अपने सीने को ढंक लिया।
मै: दिखाओ ना।
उसने शर्माते हुए पल्लू हटा दिया। उसके 34 के चूंचे एक दम तने हुए थे मै छू कर देखा तो वो सिहर गई। उसके चूंचे एक दम गोरे और मुलायम थे ऊपर से उसके निप्पल पिंक थे मेरे मुंह मे पानी आ गया। मै उसके चूंचे सहला रहा था और उसके निप्पल को मुंह मे भर लिया उसकी सिसकारी निकल गई।
मै उसके दोनो चूंचो को प्यार करने लगा उन्हें चूमता चूसता। कुछ देर मे वो मदहोश हो मेरे बालों मे हाथ फिराने लगी। मै अब अलग हो उसके होंठ चूसने लगा। मै अब उसकी साड़ी खोलने के लिए उसकी चिकनी कमर को सहलाने लगा और साड़ी को पेटीकोट से निकालने लगा।
राशि: इसे भी उतारना है क्या?
मै: हां।
राशि:(शरमाते हुए) तब तो मै पूरी नंगी हो जाऊंगी।
मै: हां तभी तो प्यार करने मे मजा आएगा।
राशि: नही, मुझे शर्म आ रही है।
मै: उतारो ना प्लीज।
राशि: ठीक है लेकिन तुम्हें भी उतारना होगा।
मै: ठीक है।
अब मै उसकी पेटीकोट और साड़ी उतार देता हूं और अपने भी कपड़े उतार डेटा हूं, अब हम दोनो सिर्फ चड्डी मे थे, वो मेरे चड्डी मे उभार को देख रही थी और शर्मा रही थी। वो बहुत ही सुंदर लग रही थी एक दम गोरा जिस्म भरा हुआ सा सुडौल जांघें पतली कमर एक दम परी लग रहि थी। “Suhagrat XXX Kahani”
वो अपने घुटने सीने से लगा बैठी थी और शर्मा रही थी। मै उसे लिटा देता हूं और खुद उसके बगल मे लेट उसकी कमर पर अपनी जांघ चढ़ा देता हूं और उसे अपनी आगोश मे ले लेता हूं वो भी मुझे भींच लेती है उसके मम्मे मेरे सीने पे चुभ मुझे असीम आनन्द दे रहे थे।
हम एक दूसरे को स्मूच करने लगे। मै उसके कान गले गाल सब जगह चूस रहा था अब मै उसे लिटा उसके सीने पर चुसने लगा उसके मम्मे चूसने लगा वो आह भरने लगी। उसके मम्मे लाल हो गए।
मै: दूध क्यों नही आ रहा है? मुझे दूध पीना है।
राशि: आह अभी दूध नही आता जब मम्मी बनूंगी तो दूध आएगा, इतना भी नही पता।
मै: पता है, मै तो मजाक कर रहा था।
मै उसके मम्मे चूस रहा था।
मै: आह कितने मजेदार दूदू हैं, वादा कर रोज पिलाएगी।
राशि: आह ठीक है वादा।
मै : जब मम्मी बनेगी तब भी पिलाना पड़ेगा।
राशि:(हंसते हुए) ठीक है पिलाऊंगी।
मै अब उसके पेट चूसने लगा उसकी नाभि गहरी थी उसे चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी। अब उसके पेडू चूसते हुए उसकी पैन्टी उतारने लगा।
राशि: आह उसे भी उतार दोगे क्या?
मै: हां, इसे बिना उतारे कैसे होगा।
राशि: (शरमाते हुए) तुम तो पूरा नंगा करने के चक्कर मे हो।
मै: मै भी तो उतारूंगा, अगर तुम्हें नही उतारना तो कोई बात नही।
राशि: तुम्हारे लिए तो मै कुछ भी कर दूंगी, ये तो बस।
इतना बोल वो मुझे स्मूच करने लगी और अपने ऊपर लिटा लिया मै उसके बगल मे लेट उसे स्मूच करने लगा और उसे सहलाने लगा वो मुझे सहला रही थी और मेरा हाथ अपनी चड्डी की कमर पर रखा और अपना हाथ मेरी चड्डी पर। हम स्मूच करते हुए एक दूसरे की चड्डी उतार दिए। “Suhagrat XXX Kahani”
मै उसकी चूतड मसल रहा था। अब मै खड़ा हुआ उसकी बूर एक दम गोरी थी शायद उसने शादी वाले दिन साफ किया होगा तो 3,4 दिन हो गए थे, मै भी रेगुलर साफ करते रहता हूं तो मेरे भी 10 दिन साफ किए हुए होगें। मेरी नजर उसकी बूर पर थी उसकी नजर मेरे लन्ड पर।
मै: आह कितनी प्यारी है।
वो शर्मा कर अपनी बूर हाथ से ढंक लेती है। मै उसके पैर पकड़ चूम लेता हूं। उसके पैर की उंगली चूम ली इसके तलवे चूम लिए और गुदगुदी करने लगी।
राशि: आह पैर क्यों चूम रहे हो छोड़ो उसे।
मै: पहले हाथ हटाओ।
राशि शर्माते हुए हाथ हटाती है फिर ढक लेती है मै उसके पैर चूमते हुए उसके घुटने से होते हुए उसकी जांघ तक आ जाता हूं और उसकी पैर मोड़ उसकी टांग फैलाने लगा। राशि शर्माते हुए पैर खोलती है पर बूर को दोनो हाथ से ढके हुए थी। मै उसके जांघ को चुसने लगा उसे हल्के से काट लेता कुछ देर उसकी जांघ चूसा फिर उसकी हाथ चूमने लगा.
वो क्या कर रहे हो बोलती और शर्माती फाइनली उसने खुद हाथ हटा दिया। पहले मैने गौर से बूर को देखा एक दम गोरी अंदर लाल हल्की पानी आया हुआ। मै बूर पर मूंह लगा दिया वो आह कर बैठी और मेरा सर हटाने लगी मै चूमना चूसना शुरु कर दिया कुछ देर मे वो आह आह करने लगी पूरी टांग खोल दी और मेरे बाल सहलाने लगी।
राशि: आह अंशु कुछ हो रहा है मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा है ।
मै समझ गया कि ये झड़ने वाली है अचानक मेरे मूंह पर उसका पानी आकर लगा मै चूसता ही रहा वो अकड़ कर झड़ने लगी उसकी बॉडी कमान की तरह मुड़ गई। मै उसका सारा रस चाट कर साफ कर दिया वो निढाल हो गई थी। मै उसके बगल मे लेट गया उसने अपना चेहरा मेरे सीने मे छिपा लिया। मैने उसे बाहों मे भर लिया। “Suhagrat XXX Kahani”
मै: कैसा लगा?
राशि शर्मा कर कुछ नही बोली और मुझे स्मूच करने लगी। मै फिर उसके जिस्म को पूरा चूसने लगा उसकी पीठ को चूमा उसकी कमर को चूमा उसकी गुडेदार चूतड को चूमा।
राशि: आह मुझे फिर कुछ हो रहा है। कुछ करो ना।
मै: क्या हो रहा है?
राशि: पता नही, बस कुछ करो अब।
मै उसके ऊपर लेट गया और उसे स्मूच करने लगा मेरा लन्ड उसकी बूर से टच किया।
राशि: आह कितना गर्म और सख्त है।
मै: छूना है।
राशि: (शरमाते हुए) नही अब बस कुछ करो।
मै अब बेड किनारे उसे लिटा खुद खड़ा हो गया और उसकी बूर पर लन्ड रगड़ने लगा वो आह आह करने लगी। मै अब हल्का सा सूपड़ा घुसाने लगा वो आह आह करने लगी और लन्ड भी फिसल रहा था। दो तीन बार ट्राई करने पर सुपाड़ा चला गया वो चीख पड़ी मै उसे स्मूच करने लगा।
मै: दर्द हो रहा है क्या?
राशि: हां, पर तुम्हारे लिए मै कोई भी दर्द सह लूंगी।
मै अब उसके ऊपर लेट सिर्फ सूपड़ा घुसाता और निकालता कुछ देर मे हल्का धक्का दे आधा लन्ड घुसा दिया वो आह कर उठी चीखने वाली थी वो तो उसके होंठ मेरे होंठ से बंद थे। कुछ देर उसके कान गर्दन गले को चूसा तो उसे थोड़ी राहत मिली। मै आधे लन्ड को ही हल्के हल्के आगे पीछे कर रहा था। “Suhagrat XXX Kahani”
उसे थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा था। कुछ देर मे मै एक और धक्का दिया और पूरा लन्ड घुसा दिया वो रोने लगी उसकी आंखों से आंसू आने लगे। मै उसके आसूं पीने लगा और चुप कराने लगा मेरे लन्ड पर भी कुछ गरम सा महसूस हो रहा था मै समझ गया कि इसका खून निकल आया है। मै उसे चुप कराया और स्मूच किया। कुछ देर मे उसे थोड़ा अच्छा महसूस हुआ।
मै: कैसा लग रहा है।
राशि: बहुत दर्द हो रहा है, खून निकल आया क्या?
मै: हां।
मै लन्ड निकाल रूमाल से उसकी जांघ बूर पर लगे खून को साफ किया फिर अपने लन्ड को भी साफ किया मेरा लन्ड भी छिल गया था।
मै: करना है क्या?
राशि:(शरमाते हुए) अब इतना हो गया है तो ।
इतना बोल वो मुझे अपने ऊपर खींच ली और टांगे खोल दी। मै उसे स्मूच करते हुए लन्ड को उसकी बूर पर रख हल्के से घुसा दिया और हल्के हल्के चोदते चोदते कुछ देर मे पूरा घुसा दिया वो भी आह आह करती हुई दर्द बर्दास्त करती हुई पूरा लौड़ा ले ली।
कुछ देर मे उसे मजा आने लगा वो सिसकारियां भरने लगी मै हल्के हल्के चोदता रहा कुछ देर मे उसकी बूर मेरे लन्ड को निचोड़ने लगी ऐसा लगा जैसे कोई अंदर खींच रहा हो। कुछ देर मे मेरे लन्ड से कुछ गर्म सा टकराया वो झड़ गई थी और उसकी बूर की गर्मी से मेरा लन्ड भी पिघल गया और मै आह आह करते हुए झड़ गया। वो मुझे बाहों से दबोच रखी थी मै भी उसके ऊपर पड़ा रहा। “Suhagrat XXX Kahani”
मै: कैसा लगा?
राशि: बहुत अच्छा। तुम्हे कैसा लगा?
मै: ऐसा लग रहा है जैसे जन्नत मे हूं। एक वादा और करोगी।
राशि: हां करूंगी बोलो।
मै: मुझे सारी जिन्दगी अपनी बाहों मे सुलाओगी?
राशि: हां तुम्हें सारी उम्र अपनी बाहों मे सुलाऊंगी।
मै: तुम भी मुझसे कुछ वादा करवाओ।
राशि: मैने सुना है, तुम्हें गुस्सा बहुत आता है, क्या तुम मेरे लिए गुस्सा करना छोड़ दोगे।
मै: ठीक है, आज से गुस्सा करना बन्द। और कुछ मांगो!
राशि: नही, अब मुझे तुम मिल गए मुझे कुछ नही चाहिए।
मै उसे स्मूच करने लगा वो भी मुझे स्मुच करने लगी हम अब आमने सामने करवट बदल लेटे थे और एक दूसरे मे गुत्थम गुत्था हुए थे।
राशि:100 पप्पी का वादा करवा कर आज ही हमने 1000 चूम्मी कर ली, अब 10 दिन का कोटा पूरा।
मै: इसलिए तो 500 बोला था।
राशि: लेकिन कर तो 1000 लिया।
मै: यार पूरे जिस्म के चूमने को गिन लिया तुमने, सिर्फ गाल और होंठ का होगा।
राशि: उनके भी 500 से ऊपर हो गए होगें।
मै: बहुत कन्फ्यूजन है। बेड पर का काउंट नही होगा।
राशि: ऐसा करते हैं जिस दिन हम करेगे उस दिन कोई लिमिट नही रहेगी।
मै: हां ये ठीक रहेगा!
मै उसे स्मूच करने लगा।
राशि: बाथरूम जाना है।
मै उसे छोड़ा वो खड़ा होने लगी तो उसे हल्का दर्द हुआ मै उसे सहारा दे खड़ा किया उसने कपड़े पहने और हॉल मे बाथरूम जा आई मै भी बाथरूम जा खुद को साफ किया और वापस आ गया।
राशि: चलने मे दर्द हो रहा है।
मै: कोई बात नही सुबह तक आराम हो जाएगा मै दवाई ला दूंगा।
मै पैंट पहन लिया और उसकी बाहों मे सो गया। बड़ी अच्छी नींद आई मुझे। सुबह तक उसका दर्द कम हो गया था मै उसे दवाई ला देता हूं। घर मे सभी खुश थे मै भी अब खुश था राशि के चेहरे पर कल रात के बाद एक अलग ही चमक थी।
दिन मे भी जब कभी हम अकेले मिलते तो एक दूसरे को चूम लेते। अब रात को हम कमरे मे आए। मै उसको बाहों मे भर लिया वो मुझे स्मूच करने लगी मै उसकी आंखों मे अपने लिए असीम प्यार देखा। “Suhagrat XXX Kahani”
मै: एक बात बताओ,तुम जो मुझे इतना प्यार करती हो, कहीं पहले से तुम मुझे प्यार करती तो नही थी या चाहती तो नही थी।
राशि:(शर्माते हुए) नही ऐसा कुछ नही है।
मै: तो अचानक इतना प्यार कैसे उमड़ पड़ा।
राशि: मै बहुत सीधी साधी जिन्दगी जीती हुं, जब तुमने मेरी मांग भरी तभी से मैने तुम्हें अपना पति मान लिया।
मै उसके गाल सहलाते हुए उस चूम लिया।
राशि: और तुमने कब मुझे अपनी पत्नी माना।
मै: कल रात को जब तुमने मेरे गाल छुए और मुझे किस किया।
राशि: सच।
उसकी आंखों मे चमक दौड़ रही थी।
मै: आज सुबह से देख रहा हूं तेरे चेहरे पर अलग ही चमक है।
राशि: हां तुमने कल रात इतने अच्छे से जो प्यार किया। मै बहुत भाग्यशाली हूं जो मुझे तुम जैसा पति मिला। मुझे सारी उम्र ऐसे ही प्यार करना।
मै: हां मै तुम्हें हमेशा ऐसे ही प्यार करुंगा। चाहे तुम बूढ़ी हो जाओ, तुम्हारे चेहरे पर झुडियां पर जाए मै सारी उम्र तुम्हे प्यार करुंगा।
राशि मुझे स्मूच करती है।
राशि: आज करना है क्या?
मै: नही तुम्हें दर्द हो जाएगा।
राशि:100 किस हो गए होगें।
मै: नही अभी 10 ,20 बाकि हैं और दूदू पिलाना भी बाकि है।
राशि: ठीक है पी लो।
मै उसके ब्लाउज के सामने से बटन खोल ब्रा खोल दिया और चूंची पीने लगा वो आह कर बैठी कुछ देर पी कर उसकी चूंची पर सर रख सो गया। अब कुछ दिन बाद मुझे कॉलेज जाना था तो अगले दिन मै अपने कपड़े पैक करने लगा। मै दोपहर मे अपना सामान पैक कर रहा था। राशि मुझसे कॉलेज के बारे मे पुछ रही थी कहां रहता हूं क्या खाता हूं।
राशि: जा रहे हो तो अब खाने पर ध्यान देना सुख कर काटा हुए जा रहे हो।
मै काफी कम एज से जिम जाने लगा था तो एब्स तो बन गए थे लेकिन थोड़ा पतला रह गया था मास नही बना था ऊपर से हॉस्टल का खाना।
मै: इतनी चिन्ता है तो साथ क्यों नही चलती।
तभी कमरे की तरफ मम्मी आने लगी। कमरे मे आकर बोली कि ससुराल चला जाऊं। मुझे बड़ा अजीब लगा। मम्मी आज ही जाने को बोल रही थी और उधर से ही मेरा ट्रैन भी था। मै अब राशि को लेकर उसके घर आ गया साथ मे मेरा सामान भी लाया था। “Suhagrat XXX Kahani”
मुझे यहां आकार बड़ा अजीब लग रहा था। जिनको मै अंकल आंटी बोलता था वो अब मेरे सास ससूर बन गए थे। और जिसको मै छिपकली बोल चिढ़ाता था वो मेरी साली। खैर उसका नाम अर्शी था। लेकिन मैने उसे कभी नाम से बुलाया ही नही।
उसके दादा दादी भी अजीब व्यवहार कर रहे थे। मेरी सास तो और अजीब उन्होने तो अपने सर पर पल्लू ही कर लिया था। मै सबको प्रणाम किया। राशि सबसे मिल बहुत खुश हुई। कुछ देर बात कर मै एक कमरे मे बैठ गया।
अर्शी पहले खूब बात करती थी मुझसे झगड़ा करती मै उसे छिपकली कह चिढ़ाता था लेकिन अब मुझे आए हुए 5 घण्टे हो गए थे और उसने मुझसे बात भी नही की थी और मिलने तक नही आई थी कमरे मे बस हॉल मे इधर से उधर जा रही थी कभी सीढ़ी से नीचे कभी ऊपर।
एक बार कमरे के बाहर से निकली तो मैने उसे ये छिपकली कहकर बुलाया, उसने घूर कर मुझे देखा और चली गई। कुछ देर बाद राशि खाना खाने के लिए बुलाने आई। मै नीचे गया गया सभी के साथ खाना खाया और चुप चाप चला आया।
मैने घर फोन कर पापा को सबके अजीब व्यवहार के बारे मे बताया कि अंकल जो पहले मुझे अंशु बेटा ये कर दो बेटा वो कर दो कहा करते थे अब अजीब तरह से मेहमान की तरह ट्रीट कर रहे हैं। आंटी जो हमेशा बेटा बेटा कहकर बुलाती थी अब कुछ बोलती ही नही। कुछ देर बाद राशि कमरे मे आई। “Suhagrat XXX Kahani”
मै: (कमरे का गेट बन्द किया) क्या हुआ बहुत नीचे सब अजीब व्यवहार कर रहे हैं।
राशि: हां, मैने भी जब अर्शी को कहा कि जा अंशु को खाने के लिए बुला ला तो मम्मी डांट दी की नाम ले कर मत पुकारा कर। और आप बोलने को बोली है।
मै: हां और अर्शी भी बात नही कर रही है।
राशि: शायद सभी आपको दामाद जैसा फिल कराना चाहते हैं। खैर वो सब छोड़ो अब सोते हैं।
अब हम बेड पर आ गए और एक दूसरे को बाहों मे भर लिया, और स्मूच करने लगे। मै उसका शूट सलवार उतार दिया और ब्रा पैन्टी भी उसने मेरे भी कपड़े उतार दिए और मेरे पूरे शरीर को चूमने चूसने लगी। मै भी उसके अंग अंग को चूस रहा था।
मै उसकी बूर चूस चूस कर उसे झाड़ा दिया और उसका सारा रस पी गया। कुछ देर मे फिर गर्म हो गई और मैं लन्ड उसकी बूर मे डाल दिया और आराम आराम से चोदने लगा। वो आह आह करने लगी और मुझे अपने सीने मे भींच लिया। मै उसके गले गर्दन कान सब चूसते हुए चोद रहा था। वो एक बार झड़ गई मै उतरने लगा। उसने मुझे दबोच लिया।
राशि: आह करते रहो, मजा आ रहा है।
मै चोदता ही रहा कुछ देर बाद दोनो साथ झड़ गए और निढाल हो एक दुसरे को सहलाने और चूमने लगे। कुछ देर मे हम वैसे ही सो गए। अगले दिन मै उठा तो अब सब नॉर्मल बात करने लगे थे शायद पापा ने बोला होगा लेकिन सासू मां अभी भी वैसी ही थी और अर्शी भी बात नही कर रही थी। दिन मे खाना खा दोपहर मे मै कमरे मे बैठा था राशि आई और गेट बंद कर बेड पर बैठ गई। मै उसे बाहों मे भर लिया। “Suhagrat XXX Kahani”
राशि: कितने पतले हो तुम काटे जैसे चुभते हो।
मै: तुम तो मखन जैसी मुलायम और गुलगुल हो ब्रेड जैसी।
राशि: तुम खाने पर ध्यान नही देते।
मै: तो चलो मेरे साथ तुम मेरा ध्यान रखना।
राशि: घर वाले क्या कहेंगे।
मै: क्या कहेंगे।
कुछ देर दोनो कुछ नही बोले।
मै: अगर नही चलोगी तो तेरे बिना नींद नही आएगी मुझे।
राशि: मुझे भी नही आएगी। पर क्या करें।
मै: नही चलोगी तो पप्पी का हिसाब क्या होगा मै कंपाउंड इंट्रेस्ट चलाऊंगा।
राशि: (हंसते हुए) अच्छा जी।
मै: और तुम्हारे दिए सारे वादों का क्या होगा, रोज दूध पिलाने वाले वादे का।
राशि: चलना तो मै भी चाहती हूं तुम्हारे साथ लेकिन घर वाले।
मै: मै अपने घर बोल दूंगा।
राशि: और मेरे घर पर।
मै: अर्शी को बोलकर देखते हैं।
राशि: तुम ही बोलना मै नही बोलूंगी।
मै: ठीक है बुलाओ तो उसे।
कुछ देर बाद राशि अर्शी के साथ आती है। दोनो बेड पर बैठ जाती हैं। अर्शी कुछ नही बोल रही थी।
मै: अर्शी परसों मेरा ट्रैन है मै कॉलेज चला जाऊंगा।
वो कुछ नही बोल रही थी। मै शायद पहली बार उसे नाम से बुला रहा था।
मै: मै सोच रहा था कि राशि को भी साथ लेकर चला जाऊं वो भी थोड़ा इसी बहाने घूम लेगी।
वो कुछ नही बोली।
मै: तुम मम्मी पापा से परमिशन दिलवा दोगी क्या?
वो कुछ नही बोली बस उठ कर चली गई। मै ट्रैन का टिकट बुक कर दिया सोचा नही बोलेंगे तो कैंसल कर दूंगा। अब अपने घर फोन कर पूछ लिया वो राजी हो गए बस पापा कहने लगे कहां रहेगा। मै बोल दिया कि 1 बीएचके फ्लैट ले लूंगा। रात को खाने के टेबल पर सासू मां ससुर पुछने लगे कैसे जाओगे कहां रहोगे मैने सब बता दिया सब राजी हो गए। आगे की कहानी मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा.