हाय मेरा नाम रश्मीता है। में 35 साल की एक महिला हूँ। मेरी हाइट 5’1 है। मेरे बूब्स का साइज 36 दुदू है। यह कहानी 3-4 महीने पहले कि है। मेरे ऑफिस में तुषार नाम का एक लड़का काम करता था। वाह 25 साल का था। वो देखने में काफी अच्छा दिखता था। Office Sex Affair Kahani
वो हमारी कंपनी में सेल्स मैनेजर के तौर पे काम करता था। हम दोनों बॉस और एम्प्लोयी से ज्यादा दोस्त कि तरह काम करते थे। अब एक दिन तुषार मेरे पास आता है और अपने घुटनो में बैठ कर मुझे परपोज करता है। फिर मैंने उससे सोचने के लिए समय माँगा क्योंकि में एक शादीशुदा औरत थी मेरे 2 बच्चे थे एक पति।
उस दिन मैंने रात को बहुत सोचा फिर दूसरे दिन मैंने उसे जाके बोल हि दिया कि में राजी हूँ। में अपने आप को रोक हि नहीं पायी उसकी याद हि मुझे गीला कर देती थी। वो खुश हो गया। अब कुछ दिन ऐह्से गुजर जाते हे और इस बीच हमने बहुत सेक्स किया पर हमको सेक्स करने का बहुत कम मौका मिलता था हम उसके घर पे हि किया करते थे।
एक दिन वो मुझसे कहता हे चलो हम चेन्नई चलते हैं साथ में बस तुम और में और कोई नहीं एक दिन के लिए। मुझे उसके इरादे समझ आ रहे थे। में बोला क्यों इधर कम चोदते हो क्या जो उधर भी लेजाकर चोदोगे। उसने कहा अरे नहीं हम तो बस घूमने जा रहे है।
मैंने कहा चलो तुम्हें मेरी कसम बताओ क्यों लेजा रहे हो उधर। फिर उसने कहा अरे तुम समझ नहीं रही हो मुझे तुमसे पूरी संतुष्टि लेनी है। यहाँ पे हम एक घंटे भी सही से नहीं कर पाते है। मेने कहा नहीं मुझे माफ़ करो में तुम्हें उस एक घंटे में नहीं संभाल पाती और तुम एक दिन कि बात कर रहे हो।
उसने कहा अच्छा तो मेरे सेक्स करते टाइम और करो और करो कौन बोलता है अब चलो मान भी जाओ वैसे भी हम कोनसा पूरे दिन करने वाले है। में शर्मा गई और मैंने हाँ बोल दिया। मैंने अपने घर पे दूसरे दिन बताया कि में ऑफिस ट्रिप पर जा रही हूँ दो दिन के लिए और तुषार से बोला कि वो दो टिकट बुक कर ले।
उस रात मैंने उससे पूच्छा तुम मेरे साथ पूरा दिन क्या करोगे उसने कहा पूरे दिन तुम्हें अंदर से जानूगा एकदम अंदर से। मैंने कहा हट शैतान हर वक़्त ऐसे बातें। फिर में फोन रखकर सो गई। दूसरे दिन रात को 7 बजे हमारी ट्रेन थी।
मैंने एक लाल कलर कि साड़ी पहनी हुए थी। बिना ब्रा और पेंटी के मैंने अपना साया तक नहीं पहना हुआ था। ताकि तुषार का टावर मुझे देखकर 24सो घंटे खड़ा रहे। फिर हमने ट्रेन पकड़ा ट्रेन में भी वो कभी मेरे बूब्स को छू लेता और बोलता आज तो में सारा दूध पी जाऊंगा और कभी चूत को तो कभी मेरी गांड को।
में बोलती रहती अरे छोड़ो सब देख रहें है। उसमें एक आदमी मुझे कबसे देख रह था और मुझे देखते देखते उसका खड़ा भी हो जा रहा था। में उसको और कड़क् करने के लिए कभी अपने साड़ी का पल्लू नीचे गिरा देती कभी उसके सामने जाके झुक जाती।
चार घंटे बाद हम चेन्नई पहुंचे वहाँ पहुँच कर हमने होटल पहुंचा। हम रूम में पहुंचे फिर तुषार ने अंदर से कुण्डी लगा ली। फिर वो आया और मुझे खींचकर मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। मैंने कहा रुको अभी सम्भालो थोड़ा पहले फ्रेश होजाये।
उसने कहा में तुम्हें अभी फ्रेश कर देता हूँ। फिर वो मेरा गला चुमने लगा। मैंने बोला तुषार छोड़ो मुझे अभी नहीं। पर वो मना भी नहीं में बस बोल रही थी पर उसपे थोड़ा भी जोर नहीं लगा रही थी। फिर उसने मेरे ब्लाउज का बटन खोला, मेरा ब्लाउज उतरा।
और वो मेरी साड़ी उतारने लगा मैंने भी उसकी इसमें मदद कि। फिर उसने मुझे खड़ा किया खुद खड़ा हुआ और किस करने लगा। जब हम किस कर रहे थे तब मेरा हाथ उसके लंड पर और उसका हाथ मेरे चुत पर था। मैंने भी तब तक उसके कपड़े उतारे अब हम दोनों नंगे थे दोनों के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं।
फिर 5-10 मिनट बाद में नीचे झुकी और उसके लंड को चूसने लगी। मुझे मज़ा आता है लंड चूसने में और खास कर जब वो पूरा टाइट हो जैसे कि तब उसका था। फिर मैंने चूसना बंद किया और उसका लंड चाटने लगी। फिर वो मेरे बूब्स के साथ खेलने लगा। मुझे तोड़ा दर्द हो रहा था, तो में थोड़ा आवाज़ निकालने लगी।
फिर वो मेरा चाटने लगा में उसका सर पकड़ के अपने चूत में दबाने लगी ।ऐसा लग रहा था उसको अंदर घुसाना चाहती हूँ। फिर उसको मैंने लेटा दिए और उसके मुंह के ऊपर बैठ गई फिर 1-2 मिनट तक बैठी रही वो तो चाटता ही रहा।
फिर उसने बोला डार्लिंग जानती हो तुम्हारे सरीर में सबसे खास क्या है में पूछा क्या उसने कहा तुम्हारी जाडै गांड यह अब तक कि सब से सेक्सी और मोटी गांड है जितनी मैंने देखा है।मैंने कहा तो आजाओ येह तुम्हारी हि है इसके साथ जो करना है करो।
फिर वो मुझे झुका देता है और करने लगता है। उसका हाथ में बूब्स पर हि था जिसको वो दबा रहा था। मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था। मेरे मन से आवाज़ निकालने लगी आ… ऊ… तुषार… थोड़ा आराम से।
पर जब वो थोड़ा धीमा पड़ा तब में बोलने लगी तेज करो मजा नहीं आ रहा है और तेज और तेज यस हाँ में तुम्हारी हूँ आज मेरा फाड़ दो बस इतना काफी था। मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि क्या हि बताओ तुम लॉगो को। फिर उसका गिर गया तो वो मेरे साथ फिर से किस करने लगा.
पर थोड़ी देर बाद फिर से उसने मेरी दोनो टांग उठाकर अपने कंधो पर रखा और छोड़ने लगा उसका हाथ मेरे बूब्स पर में जब चलने लगी तो वो और जोर से करने लगा। उसका दूसरी बार निकल गया। अब वो मेरे भोसडे में तेल लगा कर दाल देता है।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था में चिल्लाती रही और बोलती रही नहीं तुषार प्लीज़ वहाँ नहीं वो छोटा छेद है। फिर उसका जब निकल् गया तब वो उठ के गया फ्रेश होने पर मैंने जब चलने कि कोशिश कि तो मेरे पैर काँप रहे थे क्यों उसने उस छेद में डाला था। में रोने लगी थी। जब उसने में गलत छेद में डाल दिया था तब अब में थोड़ी देर वहाँ लेती रही, अब आगे नेक्स्ट पार्ट में।