मेरा नाम कामिनी है और मैं 28 साल की सीतापुर में रहने वाली सेक्सी भाभी हूँ। मेरे ससुर जी का उन दिनों पैर टूट गया था। उनके पैर पर सफ़ेद रंग का प्लास्टर चढ़ा हुआ था। उनकी टांग टूटे हुए बस 3 महीने ही हुए थे की मेरा पति अपने काम से बाहर चला गया। Hindi Ashlil Kahani
मेरा पति रात ट्रक चला कर सामान यहाँ से वहा ले जाने का काम करता था। जब मेरा पति काम के लिए जाता था तो करीब एक हफ्ते तक बाहर रहता था। पति के जाने के बाद अब मुझे ही पूरा घर और सास के साथ साथ ससुर का ख्याल रखना था।
अब नई नई शादी होती है तो पति पत्नी दिन रात बस चुदाई ही करते है। उस दौरान मैंने भी अपने पति से खूब सेक्स किया। इसलिए पति के जाने के बाद मेरी चुत बार बार गीली हो जाती। हमारा घर छोटा था और मेरे सास ससुर मेरे बगल वाले कमरे में ही सोते थे।
मैं उस रात 2 बजे तक अपनी चुत रगड़ती रही और धीरे धीरे कामुक आनंद लेती रही। मैं अपने फ़ोन में चुदाई और लंड चूसने वाली अश्लील फिल्म देख रही थी की तभी मुझे बाहर किसी के पैर की आवाज सुनाई देने लगी।
मैंने जल्दी से अपनी कच्छी पहनी और धीरे धीरे बाहर जाकर देखने लगी। बाहर देखा तो कोई नहीं था। अगले दिन मैं फिर हस्तमैथुन करने लगी और इस बार मैं रजाई में घुस कर अपनी चुत में ऊँगली कर रही थी ताकि अगर कोई कमरे में आए तो मुझे अपनी कच्छी और सलवार पहले का वक्त मिल जाए।
अचानक मेरे कमरे का दरवाजा खुला और ससुर जी अपना लंड हिलाते हुए एक पैर पर कूदते हुए मेरी रजाई में घुस गए। मैं जल्दी जल्दी अपनी सलवार ऊपर करने लगी और ससुर जी को बोली “पापा जी आप यहाँ क्या कर रहे हो !!”
ससुर जी मेरी रजाई में घुसे और मुझे अपने दोनों हाथो से जकड़ कर गले लगा लिया। गले लगा कर उन्होंने मेरे कान में बोला “बेटा शरीर में इतनी गर्मी है तो मुझे बता देती !!”
ये बोल कर उन्होंने जल्दी से मेरा नाडा खोला और मेरी सलवार में हाथ डाल कर कच्छी उतारने लगे। उस वक्त सब कुछ इतनी जल्दी हुआ की मुझे कुछ समझ नहीं आया की क्या करू और क्या न। ससुर जी ने कच्छी नीचे की और मेरी लपलपी गीली चुत को अपने हाथ से रगड़ने लगे।
मैंने अपने पति के लिए चुत की सारी झांटे काटी थी जिसका ससुर जी मजा लेने लगे। उन्होंने जैसे ही मेरी चुत रगड़ना चालू किया मैं बस उनके वश में हो गई। बस उसके बाद न तो मेरा दिमाग चला न हाथ। मैं बेजान होकर वही पड़ी रही और ससुर जी मेरे गर्म शरीर को रजाई में चोदने की तयारी करने लगे।
उन्होंने अपनी धोती से ऊपर से निकाला हुआ था जिसे वो मेरी जांघ पर रगड़ने लगे। वो धीरे धीरे अपनी कमर हिला मेरे शरीर पर अपने चिपचिपे लिंग को रगड़ रहे थे। मैं कामुक हो गई तो अपनी ब्रा में हाथ डाल कर अपने स्तनों को दबाने लगी।
रजाई में जरा भी रौशनी नहीं थी। ससुर जी की गन्दी और गर्म सासे मेरे कंधे पर महसूस हो रही थी। ससुर जी धीरे से आगे बढे और उन्होंने मेरी ब्रा को खींच कर मेरे दोनों स्तनों को बाहर निकाल दिया। स्तन बाहर निकाल कर उन्होंने रजाई में ही उन्हें चूसना शुरू कर दिया और मेरे हाथ अपना लिंग थमा दिया।
मैं अपने बड़े नाखुनो वाले हाथ से उनके पुरे लिंग को दबाने और नीचने लगी। ससुर गन्दी आवाज निकालने लगे और जोर से मेरे दोनों निप्पल्स को चूसते रहे। ससुर जी की टांग टूटी थी इसलिए उन्होंने मुझे खींच कर अपने ऊपर बैठा दिया। मैं ऊपर बैठी और धीरे से उनके नरम लिंग को धीरे से चुत में घुसा दिया।
ससुर जी सेक्सी आवाज निकाल कर बोले “तुझे पता है हमारे जमाने में चुदाई करते वक्त गालिया दिया करते थे।”
उसके बाद मैंने कहा “आप बहुत बड़े बहन के लंड हो !”
उसके बाद ससुर जी हसने लगे और मैं धीरे धीरे अपनी गांड हिला कर अपनी चुत से अंदर लंड रगड़ने लगी। चुदाई के दौरान ससुर जी ने मुझे आगे झुकने को कहा तो मैंने उनसे पूछा क्यों?
तो ससुर जी ने कहा “तेरा दूध कैसे पिऊंगा रांड !!”
ससुर जी ने अपने दोनों हाथो से मेरे स्तन पकड़े और उन्हें अपने मुँह के पास खींच कर मेरे निप्पल दबा कर चूसने लगे। मेरे निप्पल टाइट और खड़े हो रखे थे जिन्हे चूस चूस कर ससुर जी मुझे और मजा दे रहे थे। कुछ देर बाद ससुर जी ने मुझे खड़े होने को कहा। मैं खड़ी हुई और ससुर की मेरे पीछे अपनी एक टांग पर खड़े होकर मेरी चुत में लंड घुसाने लगे।
मैंने कहा – ससुर जी आप कैसे करोगे एक टांग पर?
ससुर – चुप रह और बस कुतिया बन जा।
उन्होंने मुझे कुतिया बनाया और खुद एक टांग हवा में उठा कर मेरी गांड पर जोर से धक्के लगाने लगे। इस तरह ससुर ने कुत्ते की तरह टांग उठा कर चोद दिया और मैं उनकी कुतिया बन गई। उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर उसे नीचे किया और मेरी पीछे से गांड निकाल कर उसे चोदते रहे। काश मैं उन्हें पीछे से ऐसी चुदाई करते हुए देख पाती। “Hindi Ashlil Kahani”
ससुर जी लटकते गोटे मेरी चुत पर जोर से चाटे मारते रहे और धीरे धीरे मेरी सासे तेज होती रही। बगल के कमरे में ही मेरी सास सो रही थी और यहाँ मेरा रंडी का ससुर मेरी चुदाई कर रहा था। मेरी को कभी रुकता और मेरे बड़े बड़े चूतड़ खोल कर मेरी चुत गांड छेद चाटता तो कभी चूसता।
ससुर जी बेशर्मी से मेरी चुत से पानी छोड़ना शुरू कर दिया। तभी ससुर जी ने ने मुझे धका दिया और मेरी दोनों टंगे खोल कर मेरी चुत से निकलने वाली पानी की थार को अपने मुँह में ले लिया। उन्होंने पहले तो मेरा रस मुँह में भरा और मेरे सामने ही उसे पी भी लिया।
रस पीने के बाद उन्होंने मेरी गीली चुत को अच्छे से चूस कर साफ कर दिया। चुत चाटते चाटते वो अपना लिंग हिलाते रहे और बाद में खड़े होकर मेरी जांघ पर अपना माल झाड़ दिया। तो इस तरह ससुर ने कुत्ते की तरह टांग उठा कर चोद दिया !! और मेरी चुदाई की आग शांत की।