साध्वी की हवस का ओवरडोज़ चढ़ा

साध्वी का रतिसुख मे एक छोटे से गांव मे रहता हू। एक दिन वहा एक टोली आई, बाबाओ की टोली, इसमे एक बडी खुबसूरत औरत थी, केसरी रन्ग की सारी मे उसका गोरा गुलाबी बदन महक ऊठता था। वो रात को सत्संग करती ओर भजन गाती, उसकी कोयल जैसी आवाज से सब पागल हो उठते। वो कमाल की सेक्सी थी। Tight Chut Mote Boobs

मे उसे देखने के लिये ही उसके प्रवचन मे जाया करता था। मे बहोत अच्छी तरह से जानता हू ये साले सब साधू सिर्फ ओर सिर्फ नाम के ही होते है, ढोंगी होते है ये। ये लोगो को बेवकुफ बनाते है। इनके अन्दर भी हवस कुट कुट के भरी होती है, आम जनता से भी ज्यादा हवस होती है इनमे, अगर इनको मौका मिल जाये तो ये गेंगबेंग भी कर ले, ये जवाँ औरत वैराग्य का दिखावा कर रही है।

मे किसी भी तरह से इसे पटाने से बारे मे सोचने लगा। उसका नाम गायत्री था। पांच फुट की हॉट गरम माल है। उसकी गांड तो बॉम्ब है बॉम्ब, उसके लटकते दो चूचे, हाय दिल करता है दबा दबा के सारा दुध पी लू गांव के सब लोग भोले है, लेकिन मुजे इस लडकी को चोदने के बारे मे ही विचार आया करता था।

एकदिन प्रवचन पुरा हुआ तो प्रसाद बांट रहे थे, मे सबसे आखिर मे गया प्रसाद लेने, वो प्रसाद दे रही थी, मेने प्रसाद लेते हल्के से उसके हाथ को छू लिया। वो मुस्कुराई आसपास कोई नही था। फिर मेने कह दिया, आप बहोत ही सुन्दर लगती हो, आपकी आवाज कोयल से भी ज्यादा सूरीली है।

उसने कुछ भाव नही दिया, अब समज आया ये बहोत ही हठीली औरत है, एक तो साध्वी का भेस बनाके घूम रही है इसिलिए कोई इससे प्रपोज करने की हिम्म्त नही करता था, उपर से एटीटयुड दिखा रही है, नाहक भजन का रुपया लेके पता नही क्या करती होगी।

इसे पटाने के लिये कुछ चाल चलनी पड़ेगी, मे तो बोलने लगा, आप साधू क्यू बनी, अगर मेरे पासमे आपके जैसी सुनदर वाइफ होती ना तो एक पल के लिये भी अपने सिने से दूर नही करता। साली ने फिर भी भाव नही दिया, चलने लगी.

मेने उसका हाथ पकड लिया, वो क्रोधित हो गई हरामजादे, हाथ छोड़ वर्ना शाप दे दूंगी तूजको, उसकी आंखो से क्रोध की ज्वाला निकल रही थी। मेने उसका मुह दबा दिया ओर उसके बोबे पकड लिये, एसी बातो से दूसरो को बेवकुफ बनाओ मेरी जान, मुजे नही, मे सब जानता हू, तुम सब लौडीया नाटक करती हो।

ये शाप वाप मुजे डरा नही सकता, समजी, फिर हौले से उसके चूचे को मेने दबाया ओर छोड दीया। और फिर मे वहा से चला गया, मुडके देखा नही। औरत को ज्यादा भाव नही देना चाहिये वरना वो माथे पड जाती है। उस रात गायत्री को पता नही क्या हो गया।

वो अपने तम्बू मे बेठी सोचने लगी, हाय तौबा कितने जोर से दबाया मुज को, कितना अच्छा लड़का था, जिन्दगी मे पहली बार किसी मरद ने मेरे स्तन को छुआ है। आग लग गई है, किसी भी औरतके बोबे को प्यार से सहलाओ तो पागल हो जाती है। ये मे जानता हू।

ओर मेरी यही चाल काम कर गई। गायत्री कोई जैसी तैसी साधू नही थी। वो बहोत पोप्युलर थी। अगले रात को मेरे पास आई। ओर बोलने लगी, तेरे जैसा मर्द मेने नही देखा, आजतक किसी की हिम्मत नही हुई मुजे हाथ लगाने की, लेकिन तुमने ये क्या कर दिया, तूमने मुज मे आग लगा दी है अब तुजे ही ठिकाने लानी पड़ेगी।

अब आया उंट पहाड के नीचे, मेने उसे बाहो मे ले लिया ओर किस करने लगा आह उह उसके रस भरे गीले होठ क्या मदहोश है, गायत्री के बदन की खुश्बू, क्या मादक महक थी उसकी जवानी की, क्युकी वो अभी तक कुंवारी थी।

मेने उसे लंड दिखाया, उसने जिन्दगी मे कभी लंड नही देखा था। वो घुर घुर के लंड को देखने लगी, ये क्या है? मेने कहा जान ये लिंग है, तुम्हारे दो पैर के बीच जो जगह है उसके अन्दर डाल के मजा लिया जाता है। वो कुतूहल से लंड देख रही थी। क्या मे इसे पकडू, मेने कहा जान तुम्हारा ही है।

वो पकडके लंड को देखने लगी, उसे कुछ नही आता था, लगता है इसको मुजे ही सब सिखाना पडेगा। मेने कहा जान इसे मुहमे लो और अपने सर को आगे पीछे कर के केले की तरह चूसो। मेरे लंड का सुपाडा मुह मे लेके चक चक आवाज के साथ मुहमे लेने लगी।

हाय बहॉत अच्छा लगता है, मेने एसा कभी नही किया, मेने कहा जान आओ आज मे तुम्हे असली जन्नत ओर असली मोक्ष का मजा चखाता हू। मेने उसे लेटा दिया ओर उसकी सारी फाड दी, रस भरी चीकनी चूत बहार आ गई।

उसकी चूत बहोत ही छोटी थी क्युकी इसने कभी सेक्स नही किया था। मे गायत्री की चुत चाटने लगा, वो चिललाने लगी आह हम्म हाय राम फिर तो मे बस अपना पुरा मुह उसकी चुत पे गोल गोल फेर के चाटने ही लगा। गायत्री बहोत उतेजीत हो गई।

मुजे उसे ओर भी ज्यादा उतेजीत करनी होगी वर्ना चुत मारने मे मजा नही आयेगा। इसिलिये मे गायत्री के पुरे बदन को किस करने लगा। उसके गांड के छेद को भी कुरेदने लगा। आह कर उठी वो, गांड बहोत ही नाजुक अंग होता है, गायत्री की गांड एकदम मस्त थी।

गांड को किस करने से वो ऊछल पडी ओर कांपने लगी फिर मेने अपना लंड उसकी चुत पे रगडना शुरु कर दिया, कई मिनित तक एसा चलता रहा, फिर मेने कहा, जान अब जरा घबराना मत, थोडा दर्द होगा फिर मजा आयेगा क्या कर रहे हो तुम ? वो डर गई थी।

मेने कहा कुछ नही बस मजे लेन्गे। फिर हौले से सुपाडा गायत्री की चुत मे डालने लगा। उसकी चूत बहोत ही ज्यादा टाईट थी। लंड जा नही रहा था, मेने सोचा जटका मारना ही पड़ेगा, मेने जोर से जटका मारा ओर लंड अन्दर चला गया, गायत्री की चीख निकल गई.

उसकी आंखो से धोधमार आंसू निकल आये, उसकी चुत से खुन बहने लगा, मेने उसे जकड़ लिया ओर किस करने लगा, फिक्र मत करो जान अभी दर्द बन्द हो जायेगा। मे उसे दिलासा दे रहा था। फिर लंड बहार निकाल दिया थोडी देर एसे ही पडे रहे.

फिर वापस मेने लंड डाला ओर धीरे धीरे से धक्के मारने शुरु कर दिये। अब गायत्री कुंवारी नही रही। अब मे उसे चोदने लगा। वो आह उई आह करने लगी। उसके सेक्सी दोनो बोबे को पकड पकड के चोदने लगा। आधे घंटे तक मेने गायत्री को मस्त चोदा। “Tight Chut Mote Boobs”

फिर सारा माल उसके मुह मे छोड दिया। हाय रे, तेरा प्रसाद बहोत मीठा है। वो बोली फिर हम सो गये। फिर गांव वालो को हमारा लफडा पता चल गया, संकुचित मानसिकता का समाज छि छि करने लगा ओर कोहराम मचा दिया।

जो काम वो खुद छुप के करते है वो ही काम अगर दो प्यार करने वाले करे तो इतना हंगामा, इतना कोहराम क्यू? गायत्री मुज से शादी करने की जिद करने लगी। मे तेरे प्यार मे पागल हो गई हू। मेरे घर के सामने आकर रोज बेठ जाती।

घरवाले भी थू थू कर रहे थे, साध्वि को खराब कर दिया तूने लेकिन मे जानता हू, मेने कुछ गलत नही किया, मेने सिर्फ एक औरत से प्यार किया है। वो कहती है मर जाउंगी मे तेरे बिना। फिर मेने उससे शादी कर ली।

भाड मे गया समाज, मेने सबका सामना कर के गायत्री को अपनी बीवी बना लिया। हम गाव से भागकर कही दूर रहने चले गए। अब हम रोज सेक्स करते है। अब वो बहोत ही कामुक हो गई है। हर औरत के अन्दर महान रंडी होती ही है, सिर्फ उसे छेडछाड कर के बहार लाना होता है, उसके बाद वो खुद लपक लपक के लंड लेती है।

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