सेक्सी तलाकशुदा स्मिता साथ चुदाई के मजे

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साल 2023 में मेरे जीवन में एक तलाकशुदा महिला आई और मेरे जीवन ने एक नया मोड़ लिया। आज मैं आपको अपने साथ घटी वही सत्य घटना शेयर कर रहा हूँ। उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी। पहले थोड़ा अपने बारे में बता दूँ। मेरा नाम है राघव, मूलरूप से दिल्ली एनसीआर का रहने वाला हूँ। उम्र करीब 38 साल है। और मैं दो बच्चो का बाप हूँ, मेरा वैवाहिक जीवन बड़े ही मज़े से गुज़र रहा था। अच्छा घर, अच्छा परिवार, अच्छी नौकरी, मतलब सब एकदम बढ़िया चल रहा था। Free Kamukata Porn Story

फिर आया साल 2023, जिस कंपनी में मैं नौकरी कर रहा था साल के पहले महीने में ही, वो कंपनी दिवालिया घोषित हो गई। और हम 800-900 एम्प्लाइज सभी बेरोज़गार हो गए। बेरोज़गार होते ही मैंने हिसाब लगाया – बच्चों की फीस, घर का किराया, घर का खर्च, गाड़ी की किश्त आदि सब मिला के कम से कम पचास से साठ हज़ार रुपए हर महीने मुझे चाहिए।

कंपनी से मिला बकाया, बैंक बैलेंस सब मिला के पांच से छे महीने आराम से निकल जाएंगे। पांच-छे महीने में कोई तो अच्छी नौकरी मिल ही जाएगी। लेकिन जब आपकी किसमत में लौड़े लिखे हों, तो कंही से भी आपके लौड़े लग ही जाते हैं। छे महीने गुज़र गए, धीरे धीरे पैसे ख़त्म हो चले थे, गाडी बैंक वाले उठा ले गए और नौकरी मिल नहीं रही थी। हालात खराब थे, अब काम बस दोस्तों से उधार लेके चल रहा था। “Hindi Sex Kahani”

एक शाम मैं इंटरव्यू देकर कैब से घर आ रहा था, फ़्रस्ट्रेशन में सोचा कि थोड़ी दारु पी के फिर घर जाऊँगा। मैं घर के पास वाले ठेके पर उतर गया। पीने के बाद वहाँ से पैदल घर जाने में दस पंद्रह मिनट ही लगने थे। अब शुरू होता है मेरे जीवन का पहला मोड़। ठेके पर जाके मैंने 100 पाइपर का पव्वा माँगा ही था, कि पीछे से एक महिला ने भी 100 पाइपर का पव्वा माँगा।

ठेके वाले ने बताया की स्टॉक नहीं आया है, 100 पाइपर का एक ही पव्वा है। मैंने पीछे पलट के देखा तो एक गेहुएं रंग की करीब 35-40 साल की आम सी दिखने वाली एक महिला खड़ी थी। मैंने ठेके वाले से कहा कि ये पव्वा आप मैडम को दे दो। महिला पव्वा लेकर चली गई। मैंने भी अपने लिए वैट 69 का पव्वा, पानी, कोल्ड ड्रिंक सब लिया और पीने की जगह तलाशने लगा।

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ठेके के पास ही अँधेरे में कई गाड़ियां खड़ी थी और लोग दारु पी रहे थे, मैं भी वंही दो खाली खड़ी गाड़ियों के बीच में अपना अड्डा जमा के पीने लगा। मुझसे एक दो गाडी की दूरी पर एक गाडी में बैठी मुझे ठेके पर मिली महिला दिखी। वो भी शायद गाडी में बैठ के दारु पी रही थी। एनसीआर में महिला का दारु पीना को नयी बात नहीं है लेकिन ये जाने ने के लिए कि वो अकेली है गाडी में या कोई और भी है मैं भी पीता हुआ बार बार उसी गाडी की तरफ देख रहा था।

इस दौरान, उस महिला ने भी दो बार मुझे देखा। तीसरी बार जब हमारी नज़र मिली तो महिला ने अपना पेग उठा कर दूर से ही चियर्स किया, मैंने भी अपना पेग दिखा के चियर्स किया। अपनी अपनी जगह पर खड़े हुए, अब हम कई बार एक दूसरे को देखते, मुस्कुराते और अपना अपना पेग पीते। ऐसा नहीं था कि वो महिला बहुत ही खूबसूरत थी.

वो महिला एक आम सी दिखने वाली महिला थी लेकिन पता नहीं क्यों मुझे उस महिला को बार बार देखना अच्छा लग रहा था और शायद उसको भी मेरी तरफ देखना अच्छा लग रहा था। मेरा पव्वा ख़तम हो चूका था, मैंने सोचा एक पव्वा और ले आता हूँ, थोड़ी देर और इस महिला को देख लेंगे। ये सोच के मैं ठेके की तरफ चल दिया,जैसे ही मैं उस महिला की गाडी के नज़दीक आया तो वो महिला भी गेट खोल कर बाहर आ गयी।

उसने मुझसे हाए कहा बदले में मैंने पूछ लिया : मेरी ख़तम हो गई है, और लेने जा रहा हूँ, आपको चाहिए?

उसने कहा हाँ।

ठेके पर गया तो याद आया की 100 पाइपर तो है ही नहीं। मैं अपना वैट 69 का पव्वा लेकर वापिस आ गया। महिला बहार ही खड़ी थी, मैंने उसको याद दिलाया आपका ब्रांड तो नहीं है अगर आप चाहे तो मेरे ब्रांड में से पी सकती हैं। ये कहानी आप “Hindi Sex Kahani” पर पढ़ रहे है.

उसने कहा: अब तो कोई भी चलेगी यार… बस पीला दो।

मैंने उसको पव्वा देते हुए कहा: आप पीजिए मैं अपने लिए दूसरा पव्वा ले आता हूँ।

उसने कहा: थोड़ी थोड़ी इसी में से पी लेते हैं, ज़रूरत लगी तो फिर ले आएंगे।

मैंने समर्थन में सर में हिलाया। तो वो फिर बोली: तुम्हारी गाडी में बैठेंगे या मेरी में बैठ लें।

मैंने कहा: मेरे पास गाड़ी नहीं है।

वो बोली: यार इसी में बैठ लो, क्या मेरा क्या तुम्हारा।

हम दोनों उसकी गाडी में बैठ गए, मैंने दोनों के लिए एक एक पेग बनाया। चियर्स हुआ और हमने पीना शुरू किया। दूसरे पेग के बाद उसने मेरा नाम पूछा और क्या काम करता हूँ पूछा। मैंने अपने बारे में बता कर उस से पूछा कि उसका क्या नाम है।

उसने कहा: मेरा नाम स्मिता है, सरकारी बैंक में मैनेजर हूँ।

मैंने पूछा: और आपकी फैमिली?

वो थोड़ी से गंभीर होकर बोली: फैमिली नहीं है।

मैं थोड़ा हैरान था ये सुनके लेकिन सोचा किसी की पर्सनल लाइफ में क्यों ऊँगली करना। थोड़ी देर हम शांत हो कर ऐसे ही दारु पीते रहे।

फिर वो बोली: एक बोतल और ला सकते हो?

मैंने कहा: ज़्यादा हो जाएगी।

वो बोली: मुझे और पीनी है।

मैंने कहा: मेरे पास पैसे नहीं है।

उसने मुझे अपना एटीएम कार्ड और पिन दिया और कहा एक बोतल ले आओ।

मैं ठेके से बोतल लेके आया तो वो बोली: थोड़ी देर मेरे साथ बैठ सकते हो?

मैंने हाँ में सर हिलाया। वो पेग बना के पी रही थी, मेरी और पीने की स्थिति नहीं थी। फिर उसने अपने बारे में बताया, दस साल पहले उसकी शादी हुई थी, लेकिन फिर एक ही साल में तलाक पर बात आ गयी। तब से वो अकेली रहती है। मुझे अपने सवाल पर बुरा महसूस होने लगा।

तभी मेरी बीवी का फ़ोन आया – मैंने उसको बताया मुझे टाइम लगेगा घर आने में।

मैंने स्मिता की तरफ देखा वो कुछ ज़्यादा नशे में लग रही थी।

मैंने पूछा: आप कहाँ रहते हो, मैं आपको छोड़ देता हूँ, मुझे भी घर जाना है।

उसने कहा: थोड़ी देर और बैठ जाओ यार। घर पे तो अकेले हो जाउंगी।

मैंने कहा: आपने ज़्यादा पी ली है, मैं आपको घर छोड़ देता हूँ।

वो बोली: थोड़ी देर साथ बैठोगे घर पे तो छोड़ दो घर वरना चिंता मत करो मैं चली जाउंगी।

मैंने एक बार सोचा बोल रही है तो चली ही जायेगी। गाडी तो रोज़ ही चलाती है। गाडी से निकलने वाला था कि सोचा घर छोड़ ही आता हूँ।

मैंने कहा: चलो घर छोड़ देता हूँ.

उसने मेरी तरफ देखा मैंने ज़वाब दिया : हाँ बैठूंगा तुम्हारे साथ, चलो अब घर चलते हैं।

पास ही की एक सोसाइटी में उसका 4 bhk अपार्टमेंट था… अंदर जाके मैं सोफे पे बैठ गया और स्मिता मेरे साइड में बैठ के दो पेग बना रही थी। हमने एक एक पेग और लिया। फिर स्मिता ने अपने पती के बारे में, शादी के बारे में बताना शुरू किया। पता नहीं कब हम दोनों एक दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर एक दूसरे में सहारा ढूंढने लगे। “Hindi Sex Kahani”

अब वो थोड़ी सहज लग रही थी, तो मैंने पूछा: खाना आर्डर कर दूँ? उसने हाँ में सर हिलाया.

मैंने पूछा: क्या मंगाऊं?

वो बोली: तुम्हारी पसंद का कुछ भी।

मैंने खाना आर्डर कर दिया और उससे कहा कि मैं जाऊं। स्मिता और मैं सोफे पे हाथ पकडे बैठे थे कि उसने अपना सर मेरे कंधे पे रख दिया। एकाएक उसका मुँह, मेरे मुँह के काफी नज़दीक आ गया। मैंने उसकी तरफ देखा वो शायद मेरे देखने का इंतेज़ार कर रही थी। फिर पता नहीं क्या हुआ, बिना कोई शब्द बिना कोई इशारा किये हम दोनों के होंठ एक दूसरे में समा गए।

कहानी आगे बढ़ाने से पहले आपको बताना ज़रूरी है कि मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है, शरीर की बनावट औसत हैं, देखने में मैं एक आम आदमी जैसा हूँ। स्मिता की हाइट 5 फुट 2 इंच है, देखने में एक औसत महिला है। स्मिता के स्तन 36, कमर 30 और गांड 38 इंच के हैं। फिगर कमाल ही है उसका। मेरा लंड खड़ा होने के बाद 8.5 इंच लम्बा और मोटाई करीब 3 इंच है।

बेहतरीन मुखमैथुन या बेहतरीन फोरप्ले के बाद सम्भोग के दौरान मुझे कभी कभी सम्पूर्ण उत्तेजना होती है, सम्पूर्ण उत्तेजना में मेरा लंड 9 इंच लम्बा हो जाता है और थोड़ा और मोटा हो जाता है। होंठ से होंठ मिलने के बाद, जाने कब मेरे हाथ स्मिता की चूचियों पर चले गए और स्मिता का हाथ मेरे लंड पर आ गया। वो मेरा लंड ऐसे दबा और खींच रही थी मुझे लग रहा था जैसे मैंने पैंट ही नहीं पहनी हो। उत्तेजना में मैं भी उसकी चूचियों को दबाए जा रहा था।

हमारे होंठ और जीभ एक दूसरे में ऐसे लार मिला रहे थे जैसे कोई संगीत बज रहा हो। करीब दस मिनट चले इस चुम्बन के बाद हम दोनों थोड़ा सा अलग हटे। एक दूसरे की तरफ देखा। और फिर गले लग कर चुम्बन शुरू कर दिया। इस बार स्मिता ने मुझे सोफे पर लिटा दिया और किस्स करते करते मेरे ऊपर आ गयी। हम दोनों इस आलिँगन के नशे में चूर थे कि मेरा फ़ोन बजा। स्मिता भी रुक कर बैठ गयी। मैंने फ़ोन कट किया, और सोफे से उठ कर खड़ा हो गया।

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मैंने स्मिता से कहा: मैं शादी शुदा हूँ, दो बच्चे भी है, ये सही नहीं है, मुझे जाना चाहिए।

वो बोली: अगर रुक सकते हो तो आज रात रुक जाओ। तुम चाहोगे तो हम कुछ नहीं करेंगे, मुझे तुम्हारे साथ बैठने से एक सुकून सा मिला। तुम रुकोगे तो मैं बस तुम्हारे पास बैठ के ही सुकून पा लुंगी। मैं तुमसे वादा करती हूँ कि हमारी इस दोस्ती से तुम्हारे वैवाहिक जीवन में कभी किसी तरह की अड़चन नहीं आने दूँगी। देख लो अगर रुक सको तो। मैं फ़ोर्स नहीं करुँगी।

जब वो ये सब सोफे से बैठे हुए कह रही थी, तो मुझे अपने कॉलेज के दिनों के प्यार की याद आ गयी। जब वो मुझे छोड़ कर जा रही थी तो मैं भी कुछ इसी तरह असाहय सा ऐसी ही बातें उससे कह रहा था लेकिन वो नहीं रुकी और चली गयी। मैंने अपना फ़ोन निकाला, अपनी बीवी को बताया कि मैं घर से दूर हूँ, अगर एक दो घंटे में फ्री हो गया तो घर आ जाऊँगा वरना अपने दोस्त के घर पे रुकूंगा और सुबह ही आऊंगा।

फोन काटने के बाद मैंने स्मिता को उठाया अपनी बाहों में लेके उसके माथे पे किस्स किया। वो मेरी आँखों में ऐसे देख रही थी जैसे थैंक्स कह रही हो। उसकी इस सादगी से कुछ पुराने पल जग उठे, कुछ पुराने अरमान कोतुहल करने लगे। वो ज़ख्म जो अब से 15 साल पहले दिल टूटने से मुझे मिले थे, ऐसा लग रहा था मानों उन पर मरहम सा लग गया हो। वो टीस वो पीड़ा मानो ख़त्म सी हो गयी हो। “Free Kamukata Porn Story”

इस एहसास को मैं कितना भी शब्दों में लिखने की कोशिश करूँ, पर शायद लिख ही नहीं पाऊंगा कभी। मेरे अंदर ये जो कुछ चल रहा था, इस पुरे वक़्त स्मिता मुझ से लिपट कर मेरी आँखों में ही देख रही थी, उसकी आँखें नम हो चलीं थी और मुझे उस पर प्यार आ रहा था। पीछे दिवार पर लटकी घडी में मैंने टाइम देखा तो रात के दस बज चुके थे। नशा भी थोड़ा कम हो गया था। सीन थोड़ा ज़्यादा इमोशनल हो गया था।

मैंने हल्का होने के लिए स्मिता के होंठ के पास होंठ ले जाकर धीरे से कहा : खाना नहीं खिलाओगी मैडम?

उसके चेहरे पे एक मुस्कान आई, उसने मेरे गाल पे किस्स कर के अलग हटते हुए कहा: बताओ क्या खाओगे? अपने हाथों से खिलाऊंगी।

मैंने याद दिलाया कि खाना हमने आर्डर किया हुआ है। वो फिर हंस दी और अपने कमरे में चली गयी। मैंने फ़ोन निकाला खाने वाले को कॉल करने के लिए। कॉल से पहले ही दरवाज़े की घंटी बज गयी। मैंने दरवाज़ा खोला तो खाना आ चूका था। ये कहानी आप “Hindi Sex Kahani” पर पढ़ रहे है.

मैंने खाना लिया, दरवाज़ा ठीक से बंद किया और सोफे पर बैठ के टीवी चला लिया। स्मिता अपने रूम से आयी तो चेंज कर के आयी, वो एक स्लीवलेस मैक्सी पहने हुए थी जिसका गला थोड़ा बड़ा था। उसकी चूचियां गले से बाहर निकलने के लिए तैयार थी।

मैं उसकी तरफ देख रहा था तभी उसने कहा : ये सही रहेगी मैक्सी? या कुछ और पहन कर आऊं तुम्हारी पसंद का?

मेरे मूँह से निकल गया: कुछ भी पहन लो थोड़ी देर में उतारनी ही तो है।

वो अच्छा कह कर मेरे पास आके सोफे पर बैठ गयी। खाना मैंने सिर्फ स्मिता के लिए मंगाया था। मुझे नहीं लगा था कि हम साथ में खाना खाएंगे। स्मिता ने खाना खोल कर एक ही प्लेट में लगाया।

मैंने उस से पूछा: मेरी प्लेट?

उसने कहा: तुम्हारी ही है।

मैंने कहा : तुम नहीं खाओगी?

वो बोली: एक में से ही खा लेंगे।

मैंने कहा: यार मुझे भूख लगी है, खाना और मंगवा लेते हैं।

उसने कहा: तुम ये खाओ मैं कुछ और बना दूंगी, अब डिस्टर्बेंस नहीं चाहिए।

मैंने खाना शुरू किया, स्मिता भी खा रही थी और बार बार मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी। थोड़ी देर में स्मिता ने चावल का कंटेनर उठाया प्लेट में और डालने के लिए।

मैंने कहा: मेरा हो गया, तुम अपने हिसाब से ही डालना। स्मिता मेरी तरफ देखे जा रही थी।

मैंने इशारे से पूछा “क्या?”

वो बोली : मेरा पेट ऐसे नहीं भरेगा, मुझे तुम्हारे मुंह में से खाना है।

कहते हुए उसने चम्मच मेरी तरफ बढ़ाई। अब स्मिता ने एक पैर मेरे पैरों के बीच में कर के, मेरे बाल सर के पीछे से पकड के सर थोड़ा पीछे किया। उसके होंठ मेरे होंठ के पास आए, और उसने जीभ से मेरे होंठो को चाटा। और फिर मेरे मुंह में जीभ घुसा कर उसने चावल खाए। जब तक चावल का एक एक दाना मेरे मुंह से उसने नहीं खाया तब तक वो मेरे होंठ और जीभ चूसती ही रही। इसी तरह से करीब तीन चार बार उसने चावल खाये। “Free Kamukata Porn Story”

और फिर बोली: खाना तो हो गया, स्वीट डिश नहीं खिलाओगे?

मैं सिर्फ मुस्कुराया। वो फिर पास आयी मेरे गालों से चूमते हुए मेरी गर्दन पर चूमने लगी। चूम क्या रही थी चाट रही थी। उसके चाटने से मेरी उत्तेजना असीम आनंद की और अग्रसर हो रही थी। वो सरकती हुई मेरी कमीज खोलती हुई चाटते हुए नीचे की तरफ जा रही थी।

वो ऊपर मेरे पेट, छाती सब जगह चूम रही थी, चाट रही थी, काट रही थी और नीचे से एक हाथ से मेरे लंड को प्यार से सेहला रही थी। एक अरसे के बाद मुझे इस तरह के सेक्स का आनंद प्राप्त हो रहा था। शादी के बाद कुछ समय तो मैंने और मेरी बीवी ने दबा के हर तरह से सेक्स किया था। “Hindi Sex Kahani”

लेकिन जैसे बच्चे हुए तो सेक्स कम हो गया और मेरी बीवी की रूचि भी कम हो गयी। मेरी बीवी को शुरू से ही लंड चाटने में मज़ा कम ही आता था। बड़े बेमन से चूसती थी। चूस चूस कर स्पर्म तो कभी निकाला ही नहीं। बच्चे होने के बाद एक तो जल्दी जल्दी करो तो बस 5 से 10 मिनट का फोरप्ले और फिर धक्कम पेल। गांड तो मेरी बीवी ने कभी मरवाई ही नहीं।

बहुत दिनो के बाद आज इस फोरप्ले से मैं सम्पूर्ण उत्तेजना महसूस कर रहा था। मुझे लग रहा था मैं ऐसे ही नहीं झड़ जाऊं। मैं एन्जॉय कर रहा था और स्मिता अब मेरी पैंट के ऊपर से मेरे लंड को काट रही थी और चूस रही थी। उसने मेरी पैंट खोलनी चाही तो मैंने कहा सब यहीं पर करेंगे या बैडरूम में चलेंगे? “Free Kamukata Porn Story”

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उसने कहा: अभी यही करने दो। जब चूत मारने का नंबर आएगा तब देखेंगे सोफे पे ही करना है या बेड पे। अभी बस एन्जॉय करो और मुझे भी करने दो।

स्मिता ने अब मेरी पैंट खोल दी, और एक हाथ मेरे अंडरवियर में घुसा के पकड़ के लंड सहलाने लगी। अंडरवियर के ऊपर से उसका मूँह अपना कमाल दिखा रहा था। वो चाट रही थी और काट रही थी। मैंने मज़े लेते हुए एक हाथ से स्मिता की मैक्सी ऊपर खींचनी चाही.

पर उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोली : चुप रहो कुछ मत करो बस एन्जॉय करो।

अब स्मिता ने मेरी पैंट खिंच के निकाल दी और मेरे पैरों के बीच में बैठ कर मेरी जाँघों पर चूमना और चूसना शुरू कर दिया। उसका एक हाथ निचे से मेरे अंडरवियर के अंदर घुस कर मेरे लंड को सहला रहा था और वो अपनी जीभ और होटों से मेरी जाँघे चाट रही थी।

धीरे धीरे वो ऊपर आने लगी और इस बार उसने मेरे लंड को बहार निकाल लिया। पहले उसने मेरे लंड पर बहुत सारी किस्स करी, फिर टट्टों के पास से पीछे की तरफ से चाटना और काटना शुरू किया। मुझे हर पल ऐसे लग रहा था कि मेरा अब झडा अब झड़ा। मेरी हालत देख कर उसे मज़ा आ रहा था, वो चूसे जा रही थी।

बीच में मेरी तरफ देखती मुस्कुराती और फिर चूसने लगती। अब उसने मेरे लंड का टोपे पर अपनी जीभ फिराई। और फिर इस तरह चूसा कि आनंद आ गया। स्मिता ने मेरा लंड अब मूँह में ले लिया था। लेकिन पूरा लंड उसके मूँह में जाना मुमकिन नहीं था। जितना हो सकता था उतना वो अंदर ले रही थी। करीब 6-7 इंच उसके मूँह में चला जाता था।

अब वो चूस रही थी और हाथ से आगे पीछे कर रही रही थी। करीब 15 मिनट की चुसाई से मेरे लंड की नसें खड़ी होने लगी। मैंने उसकी तरफ देखा। उसने मुझे सोफे पर खड़े होने को कहा। मैं सोफे पर ऊपर था और स्मिता नीचे खड़ी होकर मेरा लंड चूस रही थी। “Free Kamukata Porn Story”

अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने धीरे धीरे उसके मूँह में लंड आगे पीछे करना शुरू कर दिया। स्मिता ने दो उंगलिया मेरे लंड की जड़ में ऐसे रखी जैसे कोई रबड़ जा छल्ला हो, अब मैं तेज़ी से मुख चोदन करने लगा। उसके बाल पकड़ कर मैं उसका मूँह चोद रहा था। और वो एक हाथ से लंड पर छल्ला बनाकर और दूसरे हाथ से मेरी जाँघ सहला कर मुझे उत्तेजित कर रही थी।

फिर वो पल आया की सब बाँध टूट गए। मेरा लंड पिचकारी मारते हुए स्पर्म स्मिता के मूँह में भर रहा था। उसने और टाइट पकड़ के खुद भी मुंह आगे पीछे करना शुरू कर दिया। जब तक मेरी आखरी बूँद नहीं झड़ गयी तब तक वो हिलाती रही चूसती रही। अब हम दोनों, सोफे पे लेट गए। ये कहानी आप “Hindi Sex Kahani” पर पढ़ रहे है.

स्मिता मुझसे चिपक कर लेटी हुई थी, झडा मैं था और उसके चेहरे की चमक देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उसकी चूत झड़ी हो। करीब पंद्रह मिनट हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे, मैं उठा पानी पिया और फिर से स्मिता से चिपक कर लेट गया। हम दोनों की धड़कने और साँसे अब नार्मल हो चुकी थी। “Free Kamukata Porn Story”

स्मिता ने मेरे गाल पे किस्स किया और कहा: अब बैडरूम में चलते हैं।

मैं बाथरूम गया अपना लंड पानी से साफ़ कर के आया। स्मिता को गोद में उठाया और बैडरूम में ले गया। उसे बेड पे लिटा के मैं भी उसके साइड में लेट गया।

मैंने उसके गाल पे किस्स करते हुए कहा : थैंक यू, ये मेरी लाइफ का पहला ब्लोजॉब है। इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया।

फिर मैंने स्मिता को अपने और बीवी की सेक्स लाइफ के बारे में बताया। उसने मेरे गाल पे एक किस्स किया और मेरे छाती पर सर रख के लेट गयी। मेरा एक हाथ स्मिता की गर्दन के नीचे था। मैंने उस हाथ को एडजस्ट कर के उसकी मैक्सी में घुसा दिया और उसकी बाईं चूची पकड़ कर सहलाने लगा।

स्मिता भी सही जगह बना कर ऐसे चिपक गयी कि उसकी पीठ मेरी छाती से बिलकुल चिपक गयी थी। उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी। उसने अपनी दोनों टाँगे मोड़ कर पीछे मेरी टांगो के बीच में घुसा रखी थी। मेरा बांया हाथ उसकी गर्दन से होते हुए उसकी दायी चूची को दबा रहा था और मेरा दांया हाथ मैक्सी के नीचे से घुस के उसकी बायीं को चूची दबा रहा था।

स्मिता अब उत्तेजना में सिसकारियां भरने लगी थी। मैं उसके गाल पर गाल रख के कभी उसके होंठ चूस रहा था तो कभी उसके गाल चूस रहा था और साथ ही दोनों चूचियां निचोड़ रहा था। नीचे से स्मिता अपनी गांड को मेरे लौड़े से रगड़ रही थी। इतनी गर्माहट से लौड़े ने फिर से उठना शुरू कर दिया। “Free Kamukata Porn Story”

जब लौड़ा पूरी तरह से खड़ा हो गया तो स्मिता ने अपने एक हाथ से लौड़े को अपने चूतड़ों के बीच ऐसे फसा कर एडजस्ट किया की जब वो रगड़ती तो पहले मेरा लंड उसकी गांड से टकराता और फिर उसकी पानी छोड़ रही चूत को छू कर वापिस आता। अब मेरा लंड पूर्ण आकर में आ चूका था और मुझे भी आगे बढ़ना था। मैंने स्मिता को सीधा किया और उसकी चूचियां चूसना शुरू ही किया था।

स्मिता ने कहा: ऊपर आ जाओ। चूसना चुसाना बाद में करेंगे। अभी तो बस घुसा दो और रगड़ दो ढंग से।

मैं मुस्कुराया और उसके ऊपर आया। स्मिता ने अपने पैर फैला कर खुद ही जगह बना ली। मेरे लंड को पकड़ के वो अपनी चूत की लाइन पर धीरे धीरे घिस रही थी, उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी और मेरा लंड घुसने को तड़पा रहा था। चूत की लाइन पर घिसते घिसते उसने लंड को चूत के छेद से टच करना शुरू किया।

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वो लंड को थोड़ा सा छेद से टच करवाती और फिर चूत की लाइन पे रगड़ती। बार बार ऐसा करने से उसकी चूत इतना पानी छोड़ रही थी कि मुझे अपने पैरों पे गीला लगने लगा था। लेकिन हम दोनों ही को मज़ा बहुत आ रहा था। फिर एक पल आया, जब स्मिता ने मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर लगाया और लंड ने रुकने से मना कर दिया। “Free Kamukata Porn Story”

मेरा लंड सरसराता हुआ, स्मिता की चूत में आधा घुस चूका था। उसकी चूत में जाने के बाद मेरे लंड ने जो गर्माहट महसूस की वो काफी सालों के बाद मिली, मैं इस अनुभूति को कुछ पल और महसूस करना चाहता था, तो मैं ऐसी ही पोजीशन में थोड़ी देर के लिए रुक गया। अब हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे, उसने आँखों से पूछा क्या हुआ।

मैंने कहा: एन्जॉय कर रहा हूँ।

हम दोनों हंस पड़े। अब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए। स्मिता मज़े ले रही थी, लेकिन अभी मेरा पूरा लंड अंदर नहीं गया था। स्मिता की सिसकारियां तेज़ हो रही थी और वो मेरी तरफ देख रही थी कि तेज़ तेज़ करो।

मैंने धक्के मारते हुए उसके कान में पूछा: तुम्हे थोड़ा दर्द हो सकता है, पूरा अंदर दाल दूँ?

उसने कहा: चाहो तो फाड़ दो, पर जल्दी करो तेज़ तेज़ करो।

मैंने धक्का दिया स्मिता के मुंह से चीख निकली और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। मैंने धीरे धीरे आगे पीछे किया और फिर आया मैं अपनी स्पीड में। अब मैं अपना आधे से ज़्यादा लंड बाहर निकालता और फिर अंदर डालता। ऐसे ही करीब तीन से चार मिनट तक मैं ज़ोर ज़ोर से रगड़े वाले धक्के मारता.

और फिर स्मिता के ऊपर पूरा लेट कर गाड़ी के पिस्टन की तरह एक चौथाई लंड बाहर खींच के तेज़ तेज़ स्मूथ धक्के लगाता। ऐसा करते हुए मुझे पांच से सात मिनट ही हुए होंगे की स्मिता अकड़ने लगी और निचे से ऊपर उठ के मुझ से लिपट कर चूत टाइट करने लगी। और फिर तेज़ धार के साथ स्मिता ने पानी छोड़ दिया। “Free Kamukata Porn Story”

स्मिता झड़ चुकी थी और मेरे धक्के चल रहे थे। मेरा अभी हुआ नहीं था, मैंने धक्को की स्पीड कम की, और उसको स्मूच करने लगा। उसके होंठ सूखने लगे थे वो मेरा साथ ऐसे दे रही थी जैसे मेरी जीभ से पानी पे रही हो। वो थोड़ी नार्मल हुई तो मैंने कहा पोजीशन चेंज करें?

वो घोड़ी बन गयी और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा के धीरे धीरे धक्के देना शुरू किया। और फिर अपने रगड़े वाले स्टाइल में उसकी चूत मारने लगा। इस बार भी करीब 10-12 मिनट में स्मिता फिर से अकड़ने लगी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी। अब चूत इतनी ढीली और गीली हो गयी थी की फच फच की आवाज़ आ रही थी और धक्के चल रहे थे।

मैंने सोचा की अब इस पोजीशन के तो झड़ना मुश्किल है, मैंने कहा पोजीशन चेंज करते हैं, अब मैं निचे लेट गया और स्मिता को ऊपर आने के लिए कहा। स्मिता ने अपनी चूत को अपनी मैक्सी से साफ़ किया तो चूत में फिर से थोड़ी कसावट आयी। अब स्मिता ऊपर से धक्के मार रही थी और मैं नीचे से।

धक्कों के इस दौर में कभी हम किस्स करते तो कभी वो अपनी चूचियां चुसवाती। स्मिता ऊपर से कूदते कूदते टाइट होने लगी और अब समय आ गया था की इस बार जब हम दोनों का जोश अनंत पे होगा तब मुझे भी अपना स्पर्म निकालना है। स्मिता फिर से गर्म हो चुकी थी, उसकी चूत अब कस के मेरे लौड़े पे दबाव बना रही थी, और स्मिता अब आह आह करके धक्के लगा रही थी। “Free Kamukata Porn Story”

अब मैंने मौका देख कर स्मिता की कमर पकड़ी और उसको नीचे ले आया। मैंने उसके दोनों पैर हवा में उठा के अपनी जाँघों के ऊपर से निकाल के पोजीशन बनायीं। अब मेरा लंड स्मिता की चूत में था, मैंने दोनों हाथों से उसके हाथ दबा लिए। और शुरू हुई फाइनल चुदाई।

इस बार मैं पूरा लंड निकाल के फिर बार बार अंदर बहार करने लगा। रगड़े पुरे ज़ोर से लग रहे थे, स्मिता भी नीचे गांड उठा उठा के पुरे जोश में साथ चुद रही थी। मैंने उसकी आँखों में देखा, और एक मौन स्वीकृति के साथ तेज़ झटके अपनी चरम पर पहुंचे और हम दोनों एक साथ अनंत से महानन्त तक पहुंचे। ये कहानी आप क्रेजी “Hindi Sex Kahani” पर पढ़ रहे है.

करीब तीस से पैंतीस मिनट चली चुदाई के बाद मैं स्मिता की छाती पे लेट गया। उसने भी मुझे कस के पकड़ लिया। हम दोनों ही शांत पड़े थे। चिपके हुए अपनी साँसे नियंत्रित कर रहे थे। नार्मल हुए तो मैं साइड में लेट गया। स्मिता मुझसे लिपट कर लेट गयी। एक दूसरे को सहलाते हुए पता नहीं कब हम दोनों सो गए। रात में पेशाब से मेरी आँख खुली तो देखा कि स्मिता जगी हुई थी। मेरा सर उसके हाथ पर रखा था और वो बस मुझे देख रही थी। “Free Kamukata Porn Story”

मैंने पूछा: सोई नहीं?

उसने कहा: अभी जगी तो सोचा तुम्हे जी भर के देख लूँ।

मैंने कहा : बाथरूम हो कर आता हूँ फिर उजाला कर के ताड़ लेना।

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वो बस मुस्कुरायी। मेरे बाथरूम से आने के बाद ताड़ने का सिसिला सहलाने पर गया और फिर एक और दमदार चुदाई का सेशन हुआ। उसके बाद मैं तो सो गया। स्मिता सोई या नहीं सोई मुझे नहीं पता चला। सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा स्मिता बेड पर नहीं थी। टाइम देखने के लिए पास रखी मेज़ से मैंने फ़ोन उठाया तो उसके नीचे एक पेपर और एक लिफाफा रखा था। मैंने पेपर खोला तो उसमे स्मिता का एक मैसेज लिखा हुआ था:

राघव,

तुमसे मिलकर मुझे बेहद ख़ुशी मिली।

मुझे नहीं पता तुम मुझसे फिर मिलना चाहोगे या नहीं।

मैं तुमसे मिलना ज़रूर चाहूंगी लेकिन तुम्हारी सहमति से।

इस पेपर के नीचे एक लिफाफा है, उसमे तुम्हारे लिए कुछ पैसे रखे हैं।

शायद तुम इन पैसों को अन्यथा समझ के ना लो लेकिन मैं अपनी दोस्ती की वजह से दे रही हूँ।

दोस्त का उधार समझ के ले लो, जब तुम्हारी नौकरी लग जाए तब लौटा देना।

फ्लैट की चाभी लिफाफे के पास रखी है, अपने साथ ही ले जाना।

अगर तुम्हारा मन करे मिलने का तो फ्लैट पर ही आ जाना।

वरना ये चाभी कंही फेंक देना।

स्मिता।

मैसेज पढ़ने के बाद मैंने लिफाफा खोला तो उसमे बीस हज़ार रुपए रखे थे। मैं इस उलझन में था कि पैसे लू या नहीं। फिर घर की ज़रूरतें याद आयी, मैंने पैसे लिए, अपार्टमेंट लॉक किया, चाभी लेकर अपने घर चला गया। अभी के लिए इस कहानी को यही पे एक अल्पविराम देना चाहूंगा। नयी सीरीज में बताऊंगा कि आगे मेरे जीवन में क्या नए मोड़ आये और क्या क्या हुआ। कहानी अच्छी लगी हो तो ईमेल के द्वारा ज़रूर बताइएगा।

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