Mummy Ke Jism Ki Aag Bujhaya Maine

Hindi Sex Story प्रिय पाठकों , राहुल की तकदीर ने महीने भर में करवट बदल दी ,हस्तमैथुन करते करते कहिए तो ऊबन हो चुकी थी ,लेकिन अपनी दीदी की जांघों की मालिश और फिर दोनों के बीच सेक्स ने जीवन में रंग भर दिए तो फिर मेरा ध्यान अपनी मम्मी निशा पर चला गया ,उसे दूध के गोलाश में नींद की गोली देकर ही बेहोश किया था ताकि उसको चोद सकूं और फिर बुआ के घर २-३ दिन का ट्रीप ,सच में बुर धन से मै अमीर हो चुका था लेकिन लड़कों को हर दिन भी चुत चुदाई के लिए मिले तो भी उसकी भूख मिट ही जाएगी ,जरूरी नहीं ठीक उसी तरह लड़कियों और औरतों की चुत की खुजली कभी कम नहीं होती। Mummy Ke Jism Ki Aag Bujhaya Maine.

हमलोग के घर के पास शर्मा जी का घर था जोकि स्कूल में टीचर थे
और उनकी पत्नी शीला मेरे मम्मी की सहेली थी ,बीच
बीच में घर आया करती थी तो उनकी बेटी हेतल मेरे उम्र की थी और कभी कभार मुझसे बुक
और नोट्स लेने आती थी ,शीला आंटी देखने में सांवली और शरीर
थोड़ा मानसएल हो चुका था तो उनके दोनो स्तन बड़े बड़े और सेक्सी थे लेकिन उनके बदन
का सबसे सेक्सी अंग उनकी चूतड़ लगती थी जोकि मै नंगा तो नहीं देखा था लेकिन साड़ी
और पेटीकोट के भीतर उनकी चाल से दोनों भाग जब आपस में टकराते थे तो लंड महाराज
दहाड़ उठता था ।शीला आंटी के तन की कल्पना करके राहुल आंखें बंद किए और लंड पकड़े
मुठ भी मारता था तो जब भी वो मेरे घर आया करती थी तो मै उनको एक दूरी से घूरता था ,उनके ब्लाऊज और साड़ी के पल्लू से जब चूची के
उपरी हिस्से नग्न दिखते थे तब मेरे मन में उसके लिए तड़प जाग उठती थी ।

एक सुबह जब मै घर में बैठे मम्मी के साथ चाय पी रहा था तो वो बोली “चाय पीकर जरा शीला आंटी के घर चले जाना (मै खुश तो हुआ लेकिन अपनी बेबसी दिखाने लगा)लेकिन सुबह सुबह आंटी के यहां क्या काम है (मम्मी)कल शाम जब तुम घूमने निकले थे तो वो यहां आई थी ,तुमको ढूंढ रही थी बोली कि हेतल की पी सी में प्रॉब्लम है तो जरा देख आओ ।”मेरा आज कालेज में लैक्चर सस्पेंड था तो मै चाय पीकर तैयार हुआ तो प्रियंका दीदी नाश्ता कर रही थी ,मुझे सैंडल पहनते देख बोली “अरे हीरो ,किधर सुबह सुबह चल दिए (मै)शीला आंटी के घर जा रहा हूं (प्रियंका)पहले मुझे कालेज छोड़ दो फिर जहां जाना हो जाना ।”

तो मै प्रियंका के लिए वहीं इंतजार करने लगा ,दीदी आज काला रंग की लेगिंग्स और टॉप्स पहन रखीं
थी तो मॉडर्न लिबास पहनकर अपने अंग की आकार और सेक्सी दिखने में वो एक्सपर्ट थी ,कुछ देर बाद प्रियंका मेरे पीछे बाईक पर बैठी तो
वो अपने दोनों पैर दो दिशा में किए बैठी हुई थी लेकिन मुझसे थोड़ी दूरी बनाए हुए
लेकिन मुहल्ले से बाईक जैसे बाहर निकली ,वो
मुझसे चिपककर बैठ गई ,शायद अपने मुलायम स्तन मेरे पीठ से
रगड़कर मुझे सम्मोहित करने में लगी हुई थी जबकि बीते शाम ही प्रियंका कि चुदाई
मेरे लंड ने कि थी तो वो देर रात दुबारा चुदाई से पीछे हट चुकी थी ,उसकी हाथ जब मेरे कमर पर लिपटी तो मै पूछा
“क्या बात है ,एक तो तुम्हारा ड्रेस किसी पर भी कहर
बरपाने के लिए काफी है ,उस पर भी तुम मुझे उकसा रही हो (प्रियंका
बोली)नहीं तो तुम इतनी तेज रफ्तार से बाईक चला रहे हो की मुझे चिपककर बैठना पड़ा
है (मै सर पीछे किए मुस्कुराया)ओह तो बात ये है ,मुझे
लगा कि कोई तेरा आशिक तेरा इंतजार कॉलेज गेट पर कर रहा होगा ,सो ऐसा सेक्सी ड्रेस पहन रखी हो (प्रियंका)जब घर
के खाना से ही पेट भर जाय और खाना स्वादिष्ट हो तो फिर बाहर के खाना की क्या
ज़रूरत ।”

मै दीदी की बात सुनकर थोड़ा झेंप गया ,उनको कालेज गेट पर छोड़कर वापस अपने घर आने लगा ,फिर शर्माजी के घर पहुंचकर बाईक को लगाया और बिना
झिझक के उनके घर के अंदर घुस गया ,घर
का दरवाजा खुला था तो मै डायनिंग हॉल घुसा तो घर में पूरी तरह से सन्नाटा था ,मै “आंटी आंटी किधर हैं आप “का आवाज
लगाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो मै हाॅल से उनके कमरे की ओर बढ़ा ,दरवाजे पर टंगे पर्दे को थोड़ा हटाकर जैसे ही
कमरे के अंदर झांका होश उड़ गया ,शीला आंटी
ड्रेसिंग मिरर के सामने खड़ी थी तो उनके बदन पर मात्र एक पेटीकोट थी जोकि वो अपने
छाती के ऊपर से बांध रखी थी तो उनके चूतड़ की गोलाई को ध्यान से देख मेरा मन बेचैन
होने लगा ,वो शायद स्नान करके रूम में आई थी तो
उसके नग्न टांग और दर्पण में उनके स्तन की प्रतिबिंब देखकर लंड उफान मारने लगा ,मै पर्दे के पीछे से मस्त गदराई औरत को देख रहा
था ।

शीला के गोल गुंबदाकार चूतड़ का आकार पेटीकोट पर से स्पष्ट था तो मै इस असमंजस में था कि आंटी को पीछे से जाकर दबोच लूं या फिर डायनिंग हॉल में बैठ उनका इंतज़ार करूं ,लेकिन मेरी हरकत से मै मुश्किल में पड़ सकता था ,शायद मेरी मम्मी से शिकायत करती तो भी क्या दिक्कत ,वो तो खुद मेरे सामने टांग चीहारे चुदाई करवा चुकी है ।मेरा ध्यान शीला आंटी के बदन पर था तो मुझे लग रहा था कि वो स्नान करके वाशरूम से बाहर निकली है लेकिन ज्योंहि उनका हाथ उनके छाती की ओर गई मेरा मन तड़प उठा ,शायद वो पेटीकोट खोलने वाली थी और इतने में मेरे सामने शीला आंटी की पेटीकोट जमीन पर थी तो उनके गोरे रंग की बदन मुझे आकर्षित करने लगी और उसके नग्न पीठ से लेकर बड़े बड़े चूतड़ के भाग और उसके दरार ,मानो मेरे तन और मन में करेंट प्रवाहित होने लगी ,उसके गान्ड के छेद देख मेरा मन उसे चाटने को होने लगा और दर्पण में उसकी चूचियों के प्रतिबिंब दिख रही थी । “Mummy Ke Jism Ki”

राहुल का लंड जींस और कच्छा के अंदर टाईट होने लगा तो मै पर्दे
के पीछे से शीला की मस्त जवानी को निहारता रहा और अचानक वो पलट कर मुझे देखी
“दूर से कब तक देखोगे ,इधर तो आओ
“और मै बिना झिझक के शीला कि और बढ़ा और पीछे से दबोचकर गले को चूमने लगा तो
मेरा हाथ उसके नग्न कमर से पेट तक घूम रहे थे और वो बोली “तुम तो छुपे रुस्तम
निकले (मै उसकी चूची को पकड़ दबाने लगा) सॉरी आंटी ,आपको
दो बार आवाज दिया फिर (वो मुस्कुराई)अच्छा तो हाॅल में मेरा इंतजार करते ,मै तो तुम्हारी आवाज़ को सुनकर अनसुनी कर दी (मै
उसके गर्दन से गाल चूमने लगा)आप तो अब भी जवान हो ।”और वो पीछे मुड़कर मुझसे
लिपट गई तो बिन मांगे मुराद मेरी पूरी हो चुकी थी ,मै
उसके बाल को कसकर पकड़ लिया फिर गुलाबी ओंठ को चूमने लगा तो वो बोली “अभी तुम
घर जाओ (मै उसको चूमता रहा )नहीं अब तो बिना आपके बदन को प्यार किए मै हिलने वाला
नहीं हूं (वो)तुम एक घंटे बाद आना ,दरसअल
बाई के आने का वक्त हो चला है।”

तो मै बेबस था ,उनको
नंगा निहारते हुए घर से निकल गया ,थोड़ा
गुस्सा भी आया लेकिन उनके नग्न बदन की झलक पाकर घंटे भर बाद ही काम क्रीड़ा की सोच
रहा था ।अपने घर पहुंचा और रूम में घुसकर कपड़ा बदलने लगा ,फिर तौलिया कमर से लपेटे वाशरूम जा ही रहा था कि
मम्मी रूम में आ गई ,मुझे देख बोली “आज तो कालेज मेरी
वजह से ही नहीं गए हो (मै सोच में पड़ गया)हां हां ,लेकिन
अभी तो दीदी को ही कॉलेज छोड़ कर आ रहा हूं (मम्मी मुस्कुराने लगी) तो शीला आंटी
के घर जाना बाकी है (मै)स्नान करता हूं फिर नाश्ता जरा तैयार कर दो ।”तो
मम्मी मेरी ओर बढ़ी फिर मुझे अपनी बांहों के घेरे में लेकर चूमने लगी ,उसके नाईटी से स्तन की उपरी हिस्से का नज़ारा दिख
रही था.

लेकिन अभी उसकी चूची का एहसास मुझे मिल रहा था तो मेरा हाथ निशा के गोल चूतड़ पर चला गया ,उसको नाईटी पर से सहलाते हुए ऐसा लग रहा था मानो बुर पूरी तरह से स्वतंत्र है और तभी निशा मेरे गर्दन के पीछे हाथ लगाकर ओंठ चूम ली “कोई आंटी नहीं ,समझे आज सिर्फ मेरे साथ “तो मै मम्मी को पीछे धकेलने लगा लेकिन वो मुझे कसकर जकड़ रखी थी और अपने चुम्बन से मुझे काम वासना की दुनिया में ले जा रही थी जबकि मै शीला कि चुदाई को आतुर था ,तभी शीला मेरे कमर पर हाथ लगाकर तौलिया को नीचे खींच दी ,मेरा लन्ड बिन कच्छा के नग्न हो गया और निशा बिना देर किए बेड के किनारे बैठकर लंड को थाम ली । “Mummy Ke Jism Ki”

राहुल अब अपनी मम्मी के चेहरे की ओर घूम गया तो लंड उसके हाथ में था और वो लंड सहलाते हुए मुझे देखी “ये तो पूरी तरह से टाईट है ,क्या बात है सच सच बता (मै)कुछ नहीं मेरी सेक्सी मम्मी , लो अब चूसो ।”और उसका चेहरा मेरे लंड के सामने था ,खुद पकड़कर उसके मुंह में घुसाने लगा तो निशा अपना मुंह पूरी तरह से खोलकर लंड निगल गई और मै उसके बाल को कसकर पकड़े उसके मुंह में लंड तो गले मै सुपाड़ा अटकने का एहसास पा रहा था ।निशा अब मेरे कमर में हाथ लपेटकर अपने सर का झटका देने लगी तो राहुल को सुबह सुबह काम – सुख मिल रहा था , चाहत तो शीला आंटी ने जगाई थी लेकिन उसको मेरी मम्मी निशा पूरा करने में लगी हुई थी ,बीते शाम अपनी दीदी प्रियंका को चोदा था तो सुबह सुबह शीला ने अपना नग्न बदन मुझे दिखाकर कामुक कर दिया था ,निशा मुझे मुखमैथुन का आनंद दे रही थी तो मै “उह आह ओह उई मां ,लंड तो पूरा टाईट हो चुका है ,अब चाट बे कूती “तो प्रियंका मेरा लन्ड मुंह से निकालकर मझे देखने लगी ,उनका गोरा चेहरा लाल हो चुका था तो उनकी नशीली आंखें सेक्स कि भूख प्यास दर्शाने लगी ।

अब मै अपना एक पैर पलंग के किनारे पर रख दिया तो वो लंड पकड़े उस पर अपना लंबा जीभ फेरने लगी ,मानो आइस्क्रीम चाट रही हो और मै उसके बाल पर हाथ फेर रहा था तभी घर की डोर बेल बजने लगी तो मम्मी मुझे छोड़कर दरवाजे कि और भागी तो मै तौलिया लपेटकर वाशरूम घुसा और मुत्कर लंड को धोया ,अब तो घर की कामवाली आ चुकी थी और मेरी तड़प निशा की चुत चुदाई को होने लगी ,अगर शीला आंटी के घर जाता तो शायद एक नए अनुभव का आनंद लेता । मै बेड पर बैठकर यही सब सोच रहा था कि मॉम आ गई और मुझे देखते हुए बोली “तुम पीछे बागान की ओर जाओ और मै जा रही हूं स्नान करने ,क्या समझे (मै)समझ गया कि आपके वाशरूम में पीछे के दरवाजे से घुसना है “फिर निशा चूतड़ लचकाते हुए चली गई तो उसकी नाईटी के उपर से ही चूतड़ का अंदरूनी भाग दिख रहा था मानो पैंटी नहीं पहनी हो । “Mummy Ke Jism Ki”

मै तौलिया कि जगह बरमूडा पहन लिया ,फिर पीछे बागान की और चला गया तो मकसद फूल के पौधों को ना तो पानी देना था और ना ही उसके जड़ की मिट्टी को कोड़ना ,बल्कि ढीली मिट्टी पर अपना हल चलाना था ताकि मिट्टी की हरियाली बनी रही और मै पेरेंट्स के वाशरूम के पिछले दरवाजे की ओर गया और धीरे से दरवाजा को धकेला तो दरवाजा निशा खोल चुकी थी लेकिन फिलहाल अपने नाईटी में चुपचाप खड़ी थी ।मै दरवाजा बंद करके उसके करीब गया और नाईटी के सामने हिस्से में बंधे डोरी को खोल दिया ,चुद्दक्ककड़ निशा शरमाते हुए अपने जांघों को सटा चुकी थी ,मै उसके नाईटी को तन से निकाल कर नंगा कर दिया ,बिन ब्रा और पेंटी की नग्न औरत को चूमा और फिर मै भी नंगा होकरदोनों झरना के नीचे थे तो वो झरना का नल खोल दी ,मै उसके सामने घुटने के बल बैठकर चुत पूजा की तैयारी शुरू कर दिया ,उसके जांघों को फैलाया और चुत को सहलाता हुआ अपना नाक बुर के मुहाने पर लगाकर सूंघने लगा तो निशा मेरे सर पर हाथ रखे मजे लेने लगी और मै उसके एक पैर को उठाकर जांघ को अपने कंधे पर रख दिया ।

राहुल का चेहरा ऊपर की ओर था तो समझो मुंह चुत के समीप और मै
निशा के कमर को पकड़े उसके बदन को संतुलित कर रखा था फिर मै बुर पर चुम्बन जड़ने
लगा और मेरा सर तो उसके दोनों मोटे जांघों के बीच था , सो वो जांघों को सटाकर मेरे सर को भी दाब सकती थी
और फिर उसके गोल गुंबदाकार गान्ड को सहलाता हुआ चुत को फैलाया फिर जीभ चुत में
पेलकर चाटने लगा ।राहुल को ऐसी ही चुत चाटने का आनंद मिलता था जिसकी छेद फैली हुई
और गहराई इतनी हो की पूरी जीभ अंदर घुस जाए तो मै उसकी चुत में लपलप जीभ घुसाता
हुआ चुत चाटने लगा तो मम्मी की चुत से प्राकृतिक सुंगध आ रही थी लेकिन कुत्ते की
माफिक तेजी से जीभ पेलकर चुत चोदने का मजा ले रहा था और वो “उह ओह आह राहुल ,अब और नहीं चोदो जल्दी से मेरी बुर में आग लगी है
“तो उसके मोटे जांघ को कंधा पर रख थोड़ा दर्द भी होने लगा था ,मै अब उसके जांघ को कंधे से नीचे किया फिर बुर
छोड़कर खड़ा हो गया ।

निशा अब दीवार की ओर चेहरा किए अपने दोनों हाथ को दीवार पर रख दी ,वो अपने कमर को झुकाते हुए ठीक वैसी ही हो गई मानो कोई चोपाया जानवर ,उसके चूतड़ के सामने खड़ा होकर उसके दोनों जांघों को फैलाया और अपना लंड थामे हुए उसके चुत के छेद में घुसाने लगा ,सुपाड़ा सहित आधा लंड तेजी से बुर में घुसाया और फिर थोड़ा स्थिर होकर उसके सीने से झूलते बड़े स्तन को पकड़ा फिर मसलते हुए एक जोर का धक्का दिया ,लेकिन जो औरत २२ साल से चुदाई का मजा ले रही है उसे मेरे लंड से क्या दिक्कत तो मै तेज धक्का थोड़ा तिरछा होकर दिया तो बुर कि दीवार से मेरा लन्ड टकराया और वो “अरे हरामी ,क्या तुम बुर को दर्द देने में लगे हो (मै)नहीं रे सिर्फ मजे की कोशिश कर रहा हूं ।” “Mummy Ke Jism Ki”

तो मम्मी की आग सी सुलगती चुत में मेरा लन्ड दौड़ लगाने लगा और मै चूची मसलता हुआ मस्त था । पल भर बाद निशा अपने चूतड़ को हिला हिलाकर चुदाई का मजा लेने लगी तो मै लगातार ३-४, मिनट तक चोदकर हांफने लगा और निशा अपने गान्ड को स्थिर करके पीछे देखी “और जोर और फाड़ दो आह अब पानी निकलने वाली है “तो मेरे ८-१० जबरदस्त धक्के के बाद बुर पनिया गई और मै लंड को बुर से बाहर करके उसकी गान्ड के सामने बैठा और पीछे की ओर से ही बुर को जीभ से चाट रहा था ,मम्मी की बुर के रज का स्वाद पाकर अब उठा तो दोनों पूरी तरह से भिंग चुके थे ।

तभी निशा मेरे सामने खड़ी होकर लंड को पकड़ी ,फिर अपने बुर में सुपाड़ा घुसाने लगी तो पूरी तरह से लंड अंदर था और निशा अपने एक पैर को उठाकर सीधे दीवार पर रख दी ,मै उनके कमर में हाथ लगाकर नीचे से ही तेज धक्का मार रहा था तो निशा मुझसे चिपक कर चूम रही थी लेकिन २-३ मिनट तक ही निशा को खड़े खड़े सामने की ओर से चोद रहा था कि लंड से वीर्य फेंकने लगा तो वो पैर जमीन पर रख मुझसे लिपटी रही और मै उसके गाल चूम लिया ,लंड बुर में ही था ,फिर दोनों स्नान करके बदन पोछे और मै पीछे के दरवाजे से बागान कि और निकल पड़ा ,थकावट की वजह से बेड पर आकर लेट गया ।

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