Hindi Sex Story हैलो दोस्तों , ये वाक्या तकरीबन दो साल पहले की है जब मै गौरव मात्र १६ साल का था तो मेरी दीदी जवानी के दहलीज पर कदम रख चुकी थी ,१८ साल की कुंवारी लड़की तो पापा कानपुर के आर्म्स डिपो में बतौर अधिकारी कार्यरत थे । मेरी मम्मी पुर्वा उस समय ३५-३६ साल की सुंदर और सेक्सी औरत थी तो उनका स्लीम फिगर और साथ में लंबा कद ( ५’६ इंच) उनको और हॉट बनाता था तो उनके रसीले होठों को देख मन तड़प उठता था ,लेकिन ये भी हकीकत है कि उस समय तक पुर्वा को मै अपनी मम्मी ,एक चरित्र वान औरत के रूप में देखता था ,उनकी गोल गुंबदाकार चूतड़ के साथ साथ उनके उभार लिए बूब्स देख लंड तो टाईट होना स्वाभाविक था लेकिन शायद गौरव आज तक उस नजरिया से पुर्वा को देखा ही नहीं था । Nangi Hui Mummy Virya Chat Rahi Thi Uncle Ka.
जुलाई का महीना था तो घने बादल आसमान में छाए थे और मै घर से बाहर गया हुआ था तो दीदी अपनी एक सहेली के यहां ,पापा ऑफिस के काम से दिल्ली गए हुए थे तो घर में सिर्फ मम्मी ही थी और मै तकरीबन ११:०० बजे घर वापस आया तो मेन गेट बंद था ,फिर मै दो बार दरवाजा को धीरे धीरे खटखटाया लेकिन दरवाजा नहीं खुला तो मै घर के पिछले हिस्से की ओर चला गया ,हम्लोगो के घर का मेन बिल्डिंग हाथे के बीचोबीच है तो आगे थोड़ी बहुत जगह बागवानी और गाड़ी पार्किंग के लिए है तो पीछे की ओर हरा भरा बागान और साथ में एक कुआं भी है तो सीधे पीछे की ओर जाने के लिए दीवार की ओर एक गेट है जिसपर ताला लगा होता है तो मेरे सायकिल की चाभी के गुच्छे में उस ताले की भी चाभी है तो मै गेट का ताला खोलकर घर के पीछे की ओर बागान में गया ।
घर के अंदर सिर्फ मम्मी ही है और वो भी दिन के ११:०० बजे गेट नहीं खोल रही है तो आखिर अंदर चल क्या रहा है ,ऐसी सोच मेरे दिमाग में आई और मै बागान कि ओर चला गया फिर मै मम्मी के रूम की खिड़की की ओर बढ़ा ताकि उन्हें आवाज देकर दरवाजा खोलने को बोलें ,पीछे से घर के अंदर दाखिल होने का दरवाजा भी बंद था तो मै मम्मी के रूम के पीछे वाले खिड़की पर पहुंचा और ज्योंहि आधी खुली खिड़की से मै अंदर झांका मेरा दिमाग सनन रह गया.
अपनी मम्मी पुर्वा को आज तक नंगा नहीं देखा था और ज्योंहि मेरी नजर उनके नग्न बदन पर गई मै भूल गया कि ये मेरी जननी है ,मै खिड़की के अंदर झांक रहा था तो अंदर का बेड पूरब दिशा में था और मै उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा की ओर देख रहा था तो बेड पर की नग्न औरत के साथ पापा के दोस्त विवेक अंकल भी पूरी तरह से नंगे थे और दोनों को नग्न अवस्था में देख कोई भी सोच सकता था कि इन दोनों के बीच क्या चल रहा है कोई रक्षा सूत्र बांधने की तैयारी तो नहीं हां कामसूत्र की दास्तां ये जरूर दोहराएंगे ।
मै पहली बार मम्मी के नग्न जिस्म को देख रहा था तो उनकी सेक्सी चूचियां सीने पर बिल्कुल भेेपर लाईट की तरह दिख रही थी तो किशमिश की तरह उनके निपल को देख तो मेरा लन्ड ही तमताने लगा,मम्मी की मोटी चिकनी जांघो के साथ उसके बुर का हिस्सा भी दिख रहा था तो मेरी नजर विवेक अंकल के मोटे लंबे लंड पर थी ,ये दोनों एक दूसरे को बैठे बैठे चूमने में लगे हुए थे तो मम्मी का हाथ अंकल के लंड को धीरे धीरे हिला रहा था ,अब मेरी मम्मी विवेक को धक्का देकर बेड पर लुढ़का दी तो विवेक “क्या पुर्वा बिना लंड चूसे मन नहीं मानता है.
(मम्मी उसके लंड का चमड़ा छिलकर सुपाड़ा को अपने ओंठ पर रगड़ने लगी)क्यों बिना बुर चाटे मुझे चोद लोगे (अंकल)तुम खुद मेरा लंड पकड़कर अपने चुत में पेलोगी साली “और मेरी मम्मी अंकल के दोनों पैर को फैलाए उनके जांघों के बीच बैठकर लंड के सुपाड़े को मुंह में भर ली तो वो मेरी मम्मी के बाल पर हाथ फेरता हुआ अपने चूतड़ को उपर की ओर उठा रहा था तो पुर्वा मुंह खोले उसके १/२ से अधिक लंड को अंदर ले ली और चूसने लगी तो विवेक उसके मुखमैथुन के क्रिया से सिसकने लगा” उह आह ओह डार्लिंग जरा मुंह का झटका तो दो “और मै मम्मी के नग्न बदन जोकि घुटने के बल थी को पूरी तरह नग्न देख रहा था.
उनके गोल गुंबदाकार चूतड़ से लेकर सीने से लटकती चूचियां तो गान्ड के छेद सर्फ बुर फिलहाल उनकी जांघों के बीच और मेरी नजरों से छुपा हुआ था तो पुर्वा पल भर बाद अपने मुंह का तेज झटका उसके लंड पर देने लगी और विवेक थोड़ा उठकर अपना हाथ बढ़ाया ,फिर उसकी चूची को जोर जोर से मसलने लगा ।मेरी मम्मी पुर्वा गैरमर्द के संग रंगरेली मानती है ऐसा कभी दिमाग में आया भी नहीं था तो उनके नग्न जिस्म को देख मै कल्पना लोक में चला गया ,काश मै इस औरत को चोद पाता तो मै तभी अपने पैंट का चैन खोलकर लंड को बाहर निकाला.
और जिस जगह पर मै खड़ा था वहां मेरे पर किसी की नजर नहीं पड़ सकती थी तो मै देख रहा था कि मम्मी अब लंड को आइस्क्रीम की तरह जीभ से चाट रही है ,तभी मै सोचा कि क्यों ना इन दोनों का वीडियो बनाया जाय लेकिन डरा हुआ था सो मोबाईल को सिर्फ साइलेंट मोड में करके दोनों के हरकत को देखने लगा ।मै अब मम्मी का सेक्सी रूप देख रहा था ,वो विवेक के लंड को छोड़कर उसके मुंह के ऊपर ही बैठ गई तो उसकी चूतड़ चेहरे के उपर और अंकल का चेहरा मम्मी की जांघों के बीच फंसा हुआ था ,तो विवेक मम्मी के चूची को दबाते हुए उसके गान्ड सहलाने लगे ,तो मम्मी”अरे चुत चाट ना ,क्यों मुझे कष्ट दे रहा है , साला इस पोजिशन में बैठने में मेरी गान्ड फट रही है.” “Nangi Hui Mummy Virya”
तो मै खिड़की की ओर से मम्मी के चुत का दर्शन कर रहा था तो मेरा लंड भी टाईट था ,अब विवेक उसके कमर में हाथ लपेटे अपना मुंह चुत से लगाए और चूमने लगा “साला सही में मादरचोद की पैदाइश है मस्त चाटता है कुत्ते “तभी मम्मी अपने निचले हिस्से को संतुलित किए विवेक के मुंह पर बैठे हुए चुत की फांक को अलग कर दी , वाकई साली की चुत हीरे की तरह चमक रही थी तो बुर पर बार के नामोपुर्वान तक नहीं थे और मै विवेक की लंबी जीभ को मम्मी के चुत में घुसते देख पा रहा था साथ ही मुठ मारने में लीन था ,पुर्वा की चुत की चुदाई उसके जीभ से हो रही थी तो वो मम्मी के चूची को भी जोर जोर से दबा रहा था और पुर्वा “उह उई मां बहुत खुजली हो रही है रे ,पता नहीं बुर से रस निकलेगी या फिर मूतने भी लगूंगी “तो अंकल मम्मी को अपने चेहरा पर से हटाया और फिर उसे लिटाकर शायद बुर के फांक को ही चूसने लगा ,फिलहाल उनकी चुत चुसाई देख नहीं पा रहा था तो मै धीरे धीरे ही हस्तमैथुन कर रहा था तो पुर्वा चींखं उठी “ले पी लें मेरे बुर कि पानी साले तेरी बीवी की भी इतनी स्वादिष्ट नहीं होगी (वो मुंह जांघों के बीच से बाहर किया).
हां साली बात तो सही बोल रही है “और दोनों एक ही साथ वाशरूम घुस गए ,पता नहीं कहां अंदर ही चुदाई का मज़ा वो लोग ना लेने लगे ,मै तभी खिड़की के पास से हटकर मूतने लगा और फिर खिड़की के पास लंड पकड़े खड़ा हुआ। दोनों प्रेमी बेड पर थे तो मम्मी लेटकर चुदवाने के लिए तड़प रही थी लेकिन विवेक उनको लंड पर बिठाकर चोदने को आतुर थे ,आखिरी में विवेक बेड पर पैर सीधा किए लेट गए तो मम्मी उनके लंड के उपर चूतड़ किए ,जांघ फैलाए बैठी फिर वो लंड पकड़कर मम्मी की चुत में घुसाने लगा तो मम्मी अपने भारी भरकम चूतड़ को संतुलित किए उसके लंड पर थी और अंकल धीरे धीरे आधा लंड उसकी चुत में घुसा दिया तो मम्मी का चेहरा तमतमा कर लाल हो चुका था और तभी अंकल मम्मी की कमर थामे नीचे से एक जोर का झटका पुर्वा की चुत में दे मारे तो मम्मी “उई मां फाड़ दिया रे “और तभी विवेक नीचे से मम्मी की चुत चुदाई कर रहे थे. “Nangi Hui Mummy Virya”
सही मै मम्मी जैसी रांड के लिए सही मर्द हैं जोकि पापा के दोस्त तो हैं लेकिन उम्र में उनसे छोटे साथ ही स्मार्ट भी लेकिन दोनों का शारीरिक संबंध है ,ये देख मै अचंभित था ।अब मम्मी की जोश का ठिकाना नहीं था और वो खुद अपने चूतड़ को उछालने लगी तो मै लंड हिला हिलाकर पूरी तरह से गरम हो उठा ,मम्मी की लालिमा लिए चुत में उनकी ७-८ इंच लंबी लंड तेजी से घुस रही थी तो मम्मी खुद अपने चूतड़ को उछालकर चूद्वा रही थी तो अंकल “उह आह अब रुको जानू मेरे लंड में तो दर्द होने लगी है (मम्मी खिलखिलाकर हंसने लगी और उसके लंड को निकाल बेड पर बैठ गई).
देखे साले ,अधिक घमंड ठीक नहीं है ,चल अब लेटी हूं तू मुझे चोद”और तभी मम्मी टांग फैलाए बुर बिचकाए लेट गई तो अंकल उसके चुत पर थूककर हाथ से मिलाने लगे फिर वो अपना लंड पकड़े बुर में घुसाने लगे तो मै पोर्न मूवी देखता हुआ मस्त था और तभी विवेक एक जोर का झटका चुत में देकर चुदाई शुरू कर दिया ,पल भर बाद पुर्वा के सेक्सी बदन पर सवार होकर तेज रफ्तार से चोदने लगा तो मम्मी उसके चेहरे को किस्स कर रही थी ,इधर मेरा लन्ड वीर्य स्खलित कर दिया तो उधर मेरी मम्मी रस के लिए तड़प रही थी “अरे बुर में आग लगी हुई है ,जल्दी वीर्यपात कराओ “तो विवेक का लंड भी रस बुर में फेंक दिया और फिर वो मम्मी के बदन से उतरा तो पुर्वा उसके लंड को चूसकर विर्यपान कर ली ,मै वहां से हटा और लंड रुमाल से साफ करके पैंट ठीक किया ………आगे क्या हुआ ,इंतजार कीजिए ।