Hindi Sex Story दोस्तों मेरा नाम दीपक हैं और मैं बिहार का रहनेवाला हूँ. वैसे मैं अपनी इंजिनियरिंग की पढाई के लिए पिछले २ सालों से दिल्ली में ही हूँ. और आज की यह हिंदी सेक्स स्टोरी भी दिल्ली में हुए एक सच्चे और हॉट हादसे की ही हैं. आज मैं आप को बताऊंगा की कैसे मैं रात को अपनी दीदी को चोदा था वो भी छत के ऊपर. दोस्तों मेरे दीदी का नाम रीना है और दीदी का पति काफी सालों से लंदन में हैं और दीदी की हरियाली चूत को सुखा करने के लिए उसे पीछे छोड़ के गया था अब दीदी के रूप के बारे में बताऊ तो वो एक २५ साल के करीब की हॉट औरत हैं. Chut Ke Gulab Jamun Khane Ko Machal Gaya Lund.
उसके फिगर का नाप कुछ ३२-३०-३४ का होगा. उसकी गांड देखने से बनती हैं और आँखे भी शराब की प्याली के जैसी हैं दीदी के पति पैसे कमा रहा था लेकिन इस यौवन के प्याले को पीछे छोड़ के गया था मेरे जैसे सेक्स पारखू के लिए. पहले मैं दीदी को गलत नज़र से नही देखता था लेकिन दिली आया उस दिन से ही मेरा दिमाग इस दीदी की चूत के गुलाबजामुन को खाने के लिए मचल रहा था. लेकिन दीदी को कैसे चोदा जाए ये सोचने लगा और फिर मेरी किस्मत से एक दिन जब वो खाना पका रही थी तो मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुसा. जानबूझ के तौलिया मैंने नहीं लिया था और कपडे भी बहार सोफे पर ही रख के मैं अन्दर चला गया. कुछ देर तक लंड को साबुन लगा लगा के मैंने खड़ा किया और फिर दीदी को आवाज लगाईं. दीदी प्लीज़ मेरे कपडे देंगे मैं भूल गया हूँ. आई, रोटी उतार के.
एक मिनिट में जब वो आई तो मैंने उसके कदमो की आवाज महसूस की.
मैंने लंड पर दो हाथ और मारे और उसे टाईट किया. दीदी ने बाथरूम के दरवाजे पर कपडे
और तौलिया रखा, और तभी मैंने अपना प्लान अमल में रख
दिया. मैंने पाँव फिसलने की एक्टिंग की और दरवाजे पर अपनी आधी बोड़ी को धकेल दिया.
दरवाजा खुल गया और मैं लड़खड़ाने की एक्टिंग कर रहा था. कलवंत दीदी की नजर ना चाहते
हुए भी मेरे कसे हुए लंड पर आ गई. वो उसे सब कुछ भूल के देख रही थी. मैं खड़ा हुआ
और दीदी के हाथ से कपडे लिए और लंड को ढंक लिया. दीदी तब होश में आई और हंस पड़ी.
मैंने कहा क्या हुआ? दीदी कुछ नहीं बोली और वो किचन की
और चली गई.
मैं तौलिया लपेट के ही उसके पीछे चला गया. तौलिये में भी मेरा लंड अपना अकार बनाये हुए था. किचन में दीदी ने मुझे और मेरे कसे हुए लंड को तिरछी नजर से देखा और चुपचाप रोटी सकने लगी, मेरा लौड़ा बौखला गया था. मेरे सामने दीदी की गांड थी जो नाइटी में एकदम मादक लग रही थी. अन्दर उसने पेंटी नहीं पहनी थी इसलिए गांड की फांक में कपडा घुसा हुआ था. अब आप तो जानते ही है की यह सिन कितना मादक होता हैं. मैं दीदी के पास गया तो वो फट से मेरी और मुड गई. मैंने देखा की उसकी साँसे फूली हुई थी. मैं अपने चहरे को उसके करीब ले गया तो उसने आँखे बंध कर दी.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चहरे को पकड लिया और अपने
होंठो को उसके होंठो पर लगा दिया. दीदी ने मेरे सर को अपनी तरफ खिंचा और किस देने
लगी, हमारे होंठ एक दुसरे से जुड़ चुके थे
और दीदी की किस और साँसों की खुसबू से मेरा लोडा और भी टाईट हो गया. वो दीदी के
पेट पर चुभा भी रहा था मैंने हाथ आगे किया और दीदी के पेट पर रख दिया. फिर धीरे
धीरे कर के हाथ को बूब्स की तरफ बढ़ा दिया. वो साँसे बढ़ा चुकी थी और मेरे हाथ को
उसने पकड लिया. मैंने जबरन उसके बूब्स पकडे और दबा दिए. पता नहीं दीदी को काफी
दिनों से चोदा नहीं गया था और वो बेताब थी. लेकिन फिर पता नहीं उसे क्या हुआ की
उसने मुझे धक्का दे दिया और वहां से हट गई. वो छत की तरफ गई.
मैं भी सीडियां चढ़ के ऊपर गया. ऊपर मस्त धुप थी, दीदी सुखाये हुए कपडे लेने लगी तो मैंने पीछे से उसे पकड लिया. दीदी ने कहा, यह गलत हैं. मैंने कहा, मैं आप को प्यार करता हूँ दीदी इसमें क्या गलत हैं. दीदी बोली मैं तेरी सगी बहन हूँ ऊपर से मैं शादीसुदा हूँ. मैं बोला दीदी पहले आप एक औरत हो और अकेली भी हैं और मुझसे यह देखा नहीं जाता हैं. अब दीदी भी नरम हो गई और बोली कही कुछ अनर्थ हो गया तो.मैं कही मुह दिखाने लाएक नही रहूँगी मैं बोला दीदी अन्दर नहीं निकालूँगा आप के, फिर तो कुछ नहीं होगा न. दीदी कहने लगी नहीं नहीं, यह गलत हैं. मैं दीदी को पकड़ के बोला दीदी मेरी आँखों में आँखे डाल के कहिये की आप मुझसे प्यार नहीं करती हैं.
और आप मेरे साथ ख़ुशी के दो चार पल बांटना नहीं चाहती हैं, मैं फ़िल्मी स्टाइल में डायलोग बोल दिया. और साला यह डायलोग काम कर गया. दीदी ने मुझे गले से लगा लीया और मैंने उसकी गांड पर हाथ रख दिया. मैं धीरे से दीदी की नाइटी को उठाने लगा अभी नाईटी दीदी की जाँघ तक ही उठाया था तभी पता नही दीदी को क्या हुआ एका एक मेरे से अलग हुई और अपनी भारी भरकम गाँड को हीलाती हुई नीचे जाने लगी मैं दीदी की चिकनी जाँघ देख के होस खो दिया था मैं क्या करूँ सोचता ही रहा बकी अगले भग में लिखेंगे….