Chacha Ka Musal Lund Mujhe Jabardasti Chuswaya

New Hindi Sex Stories दोस्तों , मॉडर्न सोसायटी में एक नई विचारधारा ने जन्म ले लिया है और दुख की बात ये है कि अधिकतर लोग इससे प्रभावित हैं ,घर ,परिवार ,समाज और हरेक व्यक्ति अपनी खुशियों और क्षणिक सुख के लिए किस हद तक गिर सकता है ये उसपर ही निर्भर है और औरतें /लड़कियां हमेशा से मर्दों कि जागीर ही रह गई ,हालांकि ये भी सच है कि नारी जाति के चरित्र का भी पतन हुआ है तो वो शादशुदा जीवन में भी गैर मर्दों के संग रंगरेलियां मना रही हैं । Chacha Ka Musal Lund Mujhe Jabardasti Chuswaya.

मैं शोभा सिंह ,उम्र
२३ साल तो चेहरा सांवला पर उम्र के हिसाब से चूचियां बड़ी बड़ी ,आखिर क्यों ? पता
नहीं पर आजतक कोई उसे छुआ तक नहीं है तो फिगर स्लिम और चूतड़ v शेप की तो जांघें चिकनी और काले घने जुल्फ पर
कॉलेज लाईफ में ना कोई बॉय फ्रेंड और ना ही आशिक ,घर
के सख्त अनुसाशन के कारण वहीं पुराने तौर तरीके तो कपड़े भी सलवार – सूट , लंबी स्कर्ट और कुर्ती तो कभी कॉलेज फंक्शन में
साड़ी ,साया और ब्लाऊज ।मेरी शादी को घर वाले
परेशान हैं तो मैं अपने तन की भूख को शांत करने के लिए खुद से ही उंगली करती हूं
और फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरे उदासी भरे जीवन में रंग भर आया.

मैं बी ए की डिग्री लेकर बैंकिंग की तैयारी कर रही हूं तो मेरे डैड पी डब्लू डी में अभियंता है और छोटे से शहर गाजीपुर में हम लोग रहते हैं तो डैड की नौकरी वाराणसी में है ,मेरे साथ छोटा भाई विकाश और मम्मी रहती हैं तो एक एग्जाम के सिलसिले में मुझे लखनऊ जाना पड़ा और वहां मेरे सबसे छोटे चाचा रहते हैं जोकि नगर निगम में अधिकारी हैं पर उनकी उम्र मुश्किल से ३१-३२ साल की होगी साथ ही वो अविवाहित हैं तो भाई या डैड को मेरे साथ लखनऊ जाने की फुर्सत नहीं थी ,भाई मेरा टिकट वाराणसी से लखनऊ के लिए एक ट्रेन में करा दिया फिर वो मेरे साथ बस से वाराणसी तक आकर ट्रेन पर चढ़ा दिए ,ये मेरे जीवन की पहली यात्रा थीं जब मैं अकेले पूरी रात एक ट्रेन के एक बर्थ पर होती ,ट्रेन रात के ०९:००, बजे वाराणसी जंक्शन से खुली तो मैं अपने बर्थ पर बैठे सामने के एक महिला यात्री से बातें करने लगी.

वो भी अकेली थी पर शादीशुदा और उम्र ३४-३५ साल के आसपास होगी ,थोड़ी देर बाद टी टी ई टिकट देखकर चला गया तो थर्ड एसी के कोच में काफी कम यात्री भी थे ,कारण की नवंबर का महीना था और फिर वो औरत मेरे पास ही आकर बैठ गई “कहां जा रही हो ? (मैं)जी लखनऊ और आप (वो हंसते हुए)मेरे पति यही पोस्टेड हैं और मैं सीतापुर में सास ससुर जी के साथ रहती हूं (मैं)ओह तब तो आपको काफी दिक्कत होती होगी (वो मुस्कुराने लगी)शादी के दस साल हो चुके हैं ,साथ तीन चार साल रहे फिर दोनों अलग अलग पर दिक्कत नहीं होती ,तू शादी नहीं की है (मैं झेंप गई)नहीं ,फिलहाल बैंकिंग की तैयारी कर रही हूं ,जॉब के बाद शादी करूंगी (वो मेरी बाहें सहलाकर बोली)यही उम्र तो मौज मस्ती की है , खैर बॉय फ्रेंड तो जरूर होगा (मैं सर हिलाकर ना बोली)मतलब कि पूरी तरह से तू सन्यासन है ,मजे कर मैं तो सीतापुर में ही एक लड़के के साथ खूब एंजॉय करती हूं. ” “Chacha Ka Musal Lund”

दोनों कुछ देर बातें किए फिर आराम से सो गए ,मुझे बस की यात्रा से थकावट हो रही थी तो गहरी
निंद्रा में सो गई फिर मेरी आंखें तब खुली जब मुझे तेज पिसाब लगी थी ,मोबाईल में देखी तो सुबह के ०४:३५ हो रहे थे फिर
मैं वाशरूम जाकर मूतने लगी ,फ्रेश होकर
वापस आईं और सो गई ,ट्रेन वक़्त पर लखनऊ जंक्शन पहुंची तो
ट्रेन रुकने से पहले ही मेरे चाचा अंकित ने मुझे कॉल किया तो मैं कॉल रिसीव की
“हां चाचा , ट्रेन प्लेटफॉर्म पर रुकने वाली है
(वो)ठीक है ,प्लेटफॉर्म एक तरफ से बाहर आकर कार
पार्किंग आना वहीं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं “फिर ट्रेन से उतरकर उस महिला
को बाई की और छोटे से बैग हाथ में लिए स्टेशन से बाहर निकलने लगी ,सुबह के ०७:१० बजे थे फिर मैं कार पार्किंग
पहुंची तो चाचा जी वहीं पर घूम फिर रहे थे.

और मेरी नजर उन पर पड़ी “अंकल अंकल (वो आवाज सुनकर मुड़े)ओह शोभा ,चलो कार इधर है “तो मैं चाचा के करीब गई तो वो मुझसे गले मिलने लगे ,मैं थोड़ी सकपका सी गई आखिर मुझे अपनी बांहों में लेकर पीठ थपथपाने लगे तो मेरी चूची पल भर के लिए उनके सीने से चिपक गई ,एक अनोखी अनुभूति मिली तो मैं उनके साथ कार तक गई फिर वो कार का गेट खोले तो दोनों अगले सीट पर बैठ गए ,गेट लॉक करके अंकल कार स्टार्ट किए फिर मेरी ओर देखते हुए गाल पर चिखोटी काट पूछे “और सब बढ़िया है (मैं)जी सब ठीक है पर इतने नजदीक रहते हुए भी आप कभी हम लोगों से मिलने आते ही नहीं (वो)फुर्सत मिले तब तो ,एग्जाम तुम्हारा कल है (मैं)जी कल दो दो घंटे की दो सीटिंग “फिर वो खाली सड़क पर तेज ड्राइव करने लगे तो मेरी नींद ट्रेन में पूरी हो चुकी थी.

अंकल अंकित की हरकत कुछ ऐसी थी मानो मैं कोई १०-१२ साल की बच्ची
हूं तो उनके छुअन ने मुझे एक अलग ही एहसास दिया था पर मैं फिलहाल कुंवारी ही हूं
और रहना भी चाहती हूं ताकि पति के साथ सुखी जीवन बिता सकूं । अंकल के घर पहुंचकर
बैग को लिए एक रूम घुसी तो अंकल बोले “फिलहाल फ्रेश होकर आराम करो ,कामवाली आधे घंटे में आ जाएगी (मैं)जी अंकल
“वो रूम से निकल गए तो मैं अपने बैग से टावेल निकाल कर साथ लिए वाशरूम घुसी ,फ्रेश होकर वापस बेड रूम आई तो चाय पीने का जी
करने लगा तो रूम से निकल किचन की ओर गई तो अब दूध दुंढने लगी ,आखिर में दूध रेफ्रिजरेटर में मिला तो पहले अंकल
के रूम का दरवाजा खटखटाया “खुला है शोभा “तो मैं अंदर घुसकर पूछी
“आप चाय पिएंगे (वो)बिल्कुल ,दूध
फ्रिज में है “फिर मैं रूम से निकलकर किचन गई और दो प्याला चाय बनाने में लगी
हुई थी कि डोर बेल बजने लगा.

उधर जाकर दरवाजा खोलकर देखी तो एक औरत खड़ी थी और वो
“नमस्ते मैडम” कहते हुए अंदर घुसी , मैं
समझ गई कि ये कामवाली बाईं है फिर चाय बनाकर मैं दोनों प्याला लिए डायनिंग हॉल की
ओर गई तो चाचा जी वहीं बैठकर न्यूज पेपर पढ़ रहे थे ,मैं झुककर टेबल पर चाय के प्याले को रखी तो वो
मुझे कंखिया कर देखे , खैर मेरे सूट गोल गले वाली है तो कुछ
भी उन्हें दिखा हो लग नहीं रहा था पर अंकल अंकित की मेरे साथ सुबह से जो बर्ताव
रही ,मुझे अचमभित करने लगी ।उनके बगल में
बैठकर चाय पीने लगी तो वो बोले “मैं ऑफिस निकलूंगा तो समझो शाम को ही आ
पाऊंगा (मैं)कोई बात नहीं ,कुछ बनाकर खाना खा लूंगी (वो हंसने
लगे)ये कामवाली बाईं तेरे लिए खाना बनायेगी और कुछ भी जरूरत हो तो उससे मंगवा लेना
“फिर मैं रूम घुसी और सोची की स्नान किया जाए तभी पढ़ने का मन करने लगा तो
रूम में बेड पर लेटे लेटे ही एक मैगजीन लेकर पढ़ने लगी.

तकरीबन एक घंटे के बाद कामवाली बाई आकर “दीदी ,सर आपको बुला रहे हैं”तो मैं उठकर अंकल के
पास गई , वो तैयार होकर नाश्ता के लिए बैठे हुए
थे ,एक ५०० रू का नोट निकालकर मुझे दिए
“इसको रखो ,शाम को बाई से चिकन मंगवा लेना
(मैं)ठीक है “अंकित अंकल देखने में स्मार्ट ,लंबाई
६’० फीट के आसपास तो गोरा चेहरा साथ ही
सुडौल बदन पर ये एक कोरी कल्पना ही थी कि इस उम्र के और ऐसी नौकरी वाला लड़का मेरा
पति हो ,वो ऑफिस के लिए निकल पड़े फिर मैं
आराम से पढ़ते हुए दिन का खाना भी खा ली और शाम को बाई दुबारा घर आई तो रात
निश्चिंत होकर सोई फिर रविवार को सुबह जल्दी तैयार होकर हल्का नाश्ता की तो अंकल
अपनी सरकारी गाड़ी और ड्राइवर को मेरे एग्जाम के लिए पहले से ही तैयार रखे थे ,दिन में दो पेपर एग्जाम देकर शाम को फिर उसी
सरकारी गाड़ी से अंकल के फ्लैट पर आई तो थकावट की वजह से सीधे रूम की ओर जाने लगी.

पर अंकित पूछ बैठे “कैसा रहा पेपर (मैं)जी बहुत अच्छा
(वो)ठीक है फ्रेश होकर आराम करो वहीं चाय भिजवा देता हूं “तो किचन में बाई
कुछ काम कर रही थी ,मैं हड़बड़ी में रूम का दरवाजा तक बंद
करना भूल गई वैसे भी फ्लैट में अंकल और बाई ही तो थी ,मुझे मालूम था कि चाचा जी इधर झांकने तो नहीं
आएंगे आखिर मैं उनकी भतीजी हूं और मैं पहले जैकेट खोली ,फिर स्वेटर और अब लंबा सा स्कर्ट को नीचे करने
लगी ,नाईटी को बेड पर रखी थी वैसे भी कहीं
जाना नहीं था तो मैं उस रूम के लॉन्ग मिरर के सामने खड़ी होकर अपने सारे कपड़े
निकाल दी पर फूल साईज पैंटी और ३२ कप साईज ब्रेसियर पहनी हुई अब नाईटी लिए अंदर के
वाशरूम में घुसने वाली थी की अचानक मुझे मिरर में अंकल का चेहरा दिखा और वो मेरी
अर्ध नग्न बदन को किसी भूखे भेड़िए की तरह देख रहे थे पर मैं जानबूझकर अनजान बनी
रही.

देखूं आखिर मेरे डैड के छोटे भाई मेरे साथ किस हद तक जा सकते हैं पर कुछ देर बाद वो दरवाजे के पर्दे के पास से हट गए ,मैं वाशरूम घुसकर फ्रेश हुई तो दिमाग में उनकी गंदी नजर की सोच रही थी । शोभा वापस बेडरूम आई तो एक ओर तन की ज्वाला भड़क उठी तो दूसरी ओर अपने रिश्ते के लोग की हरकत ,एक डर सी थी कि कहीं अंकित रात को अकेलापन का फायदा उठा मुझे गंदा ना कर दें ,पल भर बाद चाय लेकर बाई आई तो मैं चाय की चुस्की लेते हुए आज रात की सोच रही थी ,कल दोपहर मेरी वापसी यहां से थी फिर चाय पीकर मैं बेड पर लेट गई तो मुझे थकावट की वजह से नींद आ गई । “Chacha Ka Musal Lund”

मेरे बदन पर एक फूल साईज नाईटी थी पर पता नहीं कैसे मैं पैंटी
पहनना भूल गई थी ,ठंड के मौसम में मैं एक ब्लैंकेट ओढ़कर सोई हुई थी और अचानक से लगा कि
मुझे कोई अपने बाहों में लिए हुए है ,मैं
हड़बड़ाकर आंखें खोली तो देखी की मेरे सगे चाचा मेरे से लिपटकर चेहरा को चूमने में
लगे हुए हैं तो मैं तुरन्त ही उनको धक्का देने लगी ,लेकिन
उनकी मजबूत बाहें मुझे कसकर जकड़ी हुई थी तो मैं चीखने लगी “छोड़ो मुझे ,प्लीज़ चाचा रहम करो (वो ओंठ तक को चूमने लगे)रहम
मुझ पर कर शोभा ,प्लीज़ मजा कर ना (मैं असमंजस में थी)
हटो मेरे बदन पर से नहीं तो पापा को आपकी गंदी हरकत की शिकायत करूंगी (वो मेरे
जिस्म पर ही सवार थे)जो करना हो करना पर मजा लेने के बाद , डरती क्यों है कोई नहीं जानेगा और तेरी उम्र भी
तो मजे करने की है “अब मैं उनके सामने हताश हो चुकी थी तो मेरे सामने अब
सेक्स के अलावा कोई चारा नहीं था ,तो
मैं बोली “ठीक है पर बदन पर से उतरकर बात कीजिए “तो अंकित मेरे बदन पर
से उतरकर रूम से ही बाहर निकल गए और मैं तड़पती रह गई ,ओह इतना अच्छा मौका हाथ से क्यों जाने दी !

आखिर उनके साथ सेक्स करने में मुझे दिक्कत ही क्या थी ? एक नया एहसास मिलता तो मैं मूर्ख लड़की की तरह अंकित चाचा को वहां से हटा दी ,उठकर वाशरूम गई फिर फ्रेश होकर डायनिंग हॉल की ओर गई तो वक़्त रात के ०८:३० हो रहे थे और मेरे छोटे चाचा सोफ़ा पर बैठे ड्रिंक्स ले रहे थे तो मैं अपने आपको मानसिक रूप से तैयार कर चुकी थी कि रात को जीवन के एक नए एहसास का आनंद लेना है ,मेरे कई फ्रेंड्स शादीशुदा जीवन जी रही थी तो कुछेक अपने बॉय फ्रेंड के साथ ही लाईफ एंज्वॉय कर रही थी । चाचा की ओर बढ़ी फिर उनके करीब बैठकर उनके हाथ से गलास लेकर टेबल पर रखी “आप शराब भी पीते हैं चाचा (वो हंसने लगे)हां कभी कभार (मैं जानबूझकर उनके बाहें से अपने स्तन को सटाने लगी) आप मुझसे गुस्सा हैं “वो कुछ बोलते इसके पहले ही मैं उनके गोद में बैठ गई और उनके गले में बाहें डालकर चेहरा चूमने लगी. “Chacha Ka Musal Lund”

तो अंकित मेरे पीठ को सहलाने लगा और मेरी चूतड़ उनके मोटे
जांघों पर थी ,फिर क्या था ,अंकित मुझसे उम्र में ६-७ साल बड़े थे पर दोनों
शादीशुदा जीवन से दूर ।अंकल मेरे लंबी जुल्फें पकड़कर ओंठ को चूमने लगे तो उनके
मुंह से शराब की बदबू आ रही थी लेकिन अभी काम – अग्नि चरम पर थी और अंकित के ओंठ
जब मेरे ओंठ को चूमने लगे तो समझो पूरे शरीर में करेंट प्रवाहित होने लगा और वो
मेरे रसीले ओंठ चूसने लगे तो मेरी बाईं चूची उनके छाती से रगड़ खा रही थी ,मेरे दिन भर की थकावट थोड़ी देर की निद्रा से दूर
हो चुकी थी तो चाचा की बाहों में होकर उनके साथ काम किया का आनंद लेने लगी.

मेरी गुलाबी होंठ चूसकर मुझे इतना कामुक कर दिए की मैं तुरंत ही अपनी ओंठ उनके मुंह से निकालकर अपनी जीभ ही उनके मुंह में घुसा कर चुस्वाने लगी तो समझो पूरे बदन में आग लग गई और वो मेरे गर्दन में हाथ डाले जीभ चूस रहे थे उनका हाथ मेरे पीठ पर घूम रहा था और मेरी चुत रानी तो मानो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह खिलने लगी ,आगे मैं चाचा की रानी बनना चाहता थी ।अंकित मेरी जीभ चूसते हुए मेरे नाईटी को जांघों तक कर चुके थे तो वो धीरे धीरे उस वस्त्र को कमर तक करने में लगे हुए थे पर बिना मेरी चाहत के संभव नहीं था ,उनके चेहरा को धकेलकर जीभ को मुंह से निकाली फिर उनके कंधे पर सर रखकर अपने आपको नियंत्रित करने लगी तो वो मेरी पीठ सहलाने लगे “तेरी शादी नहीं हुई है. “Chacha Ka Musal Lund”

रात तो मानो काटने के लिए दौड़ती होगी (मैं)जी अंकल पर आप रात
कैसे बिताते हो (वो मेरे चेहरा को अपने चेहरे के सामने किए बोले) बस ऐसे ही ,लेकिन जल्द ही ऑफिस के एक स्टाफ से शादी कर लूंगा
(मैं उनके गोद से उतरकर बगल में बैठी)मतलब लव मैरेज ” वो गलास लेकर शराब पीने
लगे और झट से अपना हाथ लगाकर मेरी चूची को पकड़ दबाने लगे तो संन्यासन शोभा की
सेक्स इच्छा जाग उठी थी और मैं चाचा के पैजामा पर हाथ लगाकर उनके लंड के उभार को
ही पकड़ दबाने लगी तो अंकित गलास रखकर बोले “मेरे रूम में ड्रॉवर में एक
सिगरेट पैकेट होगी ,ले आना “तो मैं उठकर उनके रूम गई
और दोनों की सेक्स क्रिया में मेरी मोबाईल पर तीन मिस्स कॉल आ चुके थे ,उनके रूम से निकल जब अपने रूम गई तो मोबाईल पर
मम्मी का कॉल दिखा ,अब मैं डायनिंग हॉल आकर चाचा को
सिगरेट की पैकेट देकर मॉम को कॉल की “सॉरी मॉम ,दरअसल थकावट की वजह से सो गई थी.

तो मोबाईल साइलेंट मोड में था (मॉम)ठीक है ,खाना खाकर सो जाना ,कल दोपहर में ट्रेन है ना (मैं)जी (मॉम)जरा अंकित को फोन देना “तो अंकल शराब के नशे में धुत होकर सिगरेट पी रहे थे ,उन्हें मोबाईल देकर अपने रुम भागी फिर अपने नाईटी को खोलकर नंगी हो गई पर नग्न अवस्था में अंकित के सामने जाना मुझे नहीं था ,अपने फूल साईज पैंटी और ब्रा पहनकर पहले तो कमरे के अंदर से अंकल को देखी तो वो भी मेरे रूम की ओर ही देख रहे थे ।शोभा अर्धनग्न अवस्था में डायनिंग हॉल घुसी फिर अंकित की ओर बढ़ने लगी तो चेहरा झुकाए उनके करीब खड़ी थी और मुझे देख वो बोले “तेरी जवानी मुझे घायल कर रही है (मैं सर झुकाए)मैं आपके स्मार्टनेस की दीवानी हूं “तो अंकित मेरे कमर में हाथ डालकर मुझे अपनी ओर खींच लिए. “Chacha Ka Musal Lund”

उनके गोद में मैं गिरी तो वो मेरे पीठ सहलाते हुए मुझे गोद से
उतार दिए ,अब उनकी आंखें उनकी सेक्स की तड़प बता
रही थी फिर वो उठकर अपने पेजामा को खोल दिए तो उनका मूसल लंड मेरी आंखों के सामने
था ,पहली बार लंड दर्शन मिला था तो चेहरा
शर्म के मारे झुक गई और वो मेरे सामने खड़े हुए अपने एक पैर सोफ़ा पर रख लंड को
थामे “इधर देख ,आदत डाल ले आखिर शादी के बाद तो इसकी
जरूरत पड़ेगी “मैं झट से चेहरा उपर की तो उन्होंने अपने लंड का सुपाड़ा मेरे
गाल पर रगड़ने लगा ,मेरे लंबे जुल्फ को पकड़े वो सुपाड़ा
को मेरे ओंठ पर रगड़ने लगे ,लंड ७-८ इंच
लम्बा और काफी मोटा था तो बेशर्म लड़की की तरह उनके लंड को पकड़ कर मुंह खोली फिर
आधा से अधिक लंड मुंह में लिए चूसने लगी तो अंकित मेरे मुंह में बचा हुआ लंड भी
घुसाने लगा ,उसका सुपाड़ा गले से अटक रहा था और
मेरी दोनों आंखें बंद हो गई तो पहली बार किसी का लंड मुंह में लिए चूसने लगी ।

अंकित मेरे मुंह में लंड डाले आहें भरने लगा “अब मुंह का
झटका दे साली”तो मैं आंखें खोल उनके कमर पर हाथ लगाई फिर सर का तेज झटका देते
हुए मुखमैथुन करने लगी ,उनके लंड से मूत की गंध आ रही थी पर
काम कि आग में ये सब किसे दिखता और मैं पल भर मुखमैथुन करती रही ,मुंह से लंड बाहर की तो लंड महाराज पूरी तरह से
टाईट था और उसका चमड़ा तक पीछे की ओर खुल चुका था ,सोची
की अगर इस लंड से चुत की झिल्ली फड़वाती हूं तो चुत की भुजिया बन जाएगी लेकिन मैं
अपनी सील तुड़वाने के पक्ष में नहीं थी और अंकित अब मेरे पैर के पास बैठकर मेरी
चूतड़ को सोफ़ा के किनारे कर दिए तो उनका हाथ मेरी जांघों को सहला रहे थे और चुत
तो मानो इतनी खुजली से त्रस्त थी कि अभी चुदवाने में कोई हर्ज नहीं था ।

अंकल मेरे पैंटी को कमर से नीचे करके उतार फेंके फिर मेरी नग्न चुत देख बोले “लगता है शोभा की चुत बिल्कुल कुंवारी है (मैं शरमाते हुए अपने हथेली से चेहरा ढकने लगी )अंकित प्लीज़ चाटो मेरी रानी को (वो मुस्कुराने लगे)रानी कौन सी ये तो बताओ (मैं दबे स्वर में)मेरी चुत रानी “फिर वो मेरी जांघों के बीच चेहरा किए चुत को चूमने लगा ,स्वाभाविक था कि कामुकता बढ़ती ,एक तो लंड को चूस ली और नग्न लंड फिलहाल मेरे सामने टाईट होकर मुझे कामौतेजित कर रही है तो चुत पर उनके ओंठ का चुम्बन मेरे अंदर की सेक्स इच्छा को चरम पर करने लगा और मैं अंकित के सर पर हाथ फेरते हुए चुत पर चुम्बन का एहसास पा रही थी ,ख्वाब में भी नहीं सोची थी कि मेरे छोटे अंकल मेरे साथ सोए अवस्था में ही सेक्स करने लगेंगे. “Chacha Ka Musal Lund”

तो मैं “उह आह ओह उई मां ये ले चाट “खुद ही उंगली
लगाकर चुत को फैला दी ,चुत किसी फुले हुए चमड़े के लोथड़े की
तरह लग रहा था तो मेरी फैली बुर के अंदर अंकित जीभ पेलकर चाटने लगा तो मैं
उत्तेजना में अपने ब्रेसिएर को खोल दी और अंकित मेरी चुत जीभ से लपलप किसी कुत्ते
की तरह चाटने लगे तो उनका एक हाथ मेरे बूब्स को दबाने लगा और मैं “ओह उह उई
मां ,कितनी खुजली हो रही है ओह निकल पड़ेगा
मेरे चुत से पानी (अंकित जीभ निकाल बोला)तेरे चुत की खुजली मेरी लंड ख़तम कर देगी
(मैं)प्लीज़ अंकित ऐसा मत करना ,मैं कुंवारी ही
रहना चाहती हूं “तो चाचा मेरे चुत की दोनों फांकों को अपने ओंठ के बीच लेकर
चूसने लगे और मेरा तो हाल खराब हो रहा था ,पूरा
बदन मानो काम कि भूख और प्यास से तड़प रहा था फिर मेरी चुत से रज धार छूट पड़ी तो
अंकित उसे पीकर नंगे ही वाशरूम चला गया.

और मैं चाहते हुए भी तन पर कपड़ा नहीं डाली ,देखूं मेरे चाचा क्या मुझे चोदने को कोशिश करते हैं ।अंकल उधर से आए तो कमर से टावेल लपेटे हुए थे फिर वो मेरे सामने खड़े होकर बोले “इसको चूसकर झाड़ दो फिर (मैं हाथ लगाकर उनके तौलिया को खींच दी )अब आप बैठिए तो मैं कुछ करती हूं “वो नग्न होकर सोफ़ा पर बैठे तो मैं उनके पैर के सामने घुटने के बल हो गई फिर उनके लंड को पकड़ अपना चेहरा उसके उपर की तो मुंह खोलकर पूरा लंड निगलने की कोशिश की ,सुपाड़ा तो गले से नीचे उतर रहा था और ऐसे में मुखमैथुन करना मुश्किल था ,सो मैं थोड़ा सा लंड मुंह से निकालकर सर का झटका देते हुए उनके गोरे मोटे लंबे लंड को चूसने लगी. “Chacha Ka Musal Lund”

तो उनकी झांट में उंगली घूम रही थी और मैं आज सेक्स कि दुनिया में कदम रख चुकी थी पर सेक्स पार्टनर मेरे छोटे चाचा और वो मेरी चूची को जोर जोर से मसलने लगे “उह आह ओह तुमको तो आराम से कल चोदूंगा चाहे तू लाख मना कर (मैं उनके लंड मुंह से निकालकर)नहीं ,कल मेरी ट्रेन है (वो)परसों भी जा सकती हो ,क्या दिक्कत अपने चाचा के यहां ही तो हो “फिर मैं लंड को जोर जोर से हिलाने लगी तो वो इशारे से मझे पास बैठने को बोले ,अब उनकी नजर मेरी वक्षस्थल पर थी.

तो अंकित मेरे चूची के सामने मुंह खोल दिए और मैं उनके मुंह में
चूची घुसेड़ कर चुसवा रही थी पर हाथ उनके लंड को पकड़ हिला रहा था और मेरे चुत की
गुदगुदी फिर से शुरू हो गई “उह ओह अंकित अब नहीं उई”तो उसके बाल पकड़कर
चेहरा को पीछे धकेल दिया तो अंकित मेरी बाईं चूची को मुंह में लेकर चूसने लगे तो
मैं उनके लंड को पकड़ हस्तमैथुन कर रही थी ,पल
भर बाद वो चूची छोड़कर चींखें “ओह निकल गया “तो उनके लंड से वीर्य का
फव्वारा छूट पड़ा ,मेरे हाथ में भी लगा फिर मैं उठकर
अपने रुम से लगे वाशरूम भागी ……..मजा आ गया पर शर्मिंदगी महसूस होने लगी ।

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