Khandan Kee Sabhi Aurato Ko Pela Humne Bar Bari 3

Rishto Me Chudai Ki Desi Kahani मैंने आपको अपनी पिछली कहानी Khaandan Ki Sabhi Aurato Ko Pela Humne Bar Bari 2 में बताया था की हम 35 लोग थे, छोटे बच्चे अलग है। अब मैं उन सबका शार्ट इंट्रो देता हूँ। सबसे पहले मेरी सबसे बड़ी मौसी लता, उम्र 63 साल, बड़े चुचियों की मालकिन और पूरी रौबदार बड़े मौसा सूरी- 68 साल के, लेकिन पापा की तरह पूरे हट्टे कट्टे। उनकी बड़ी बेटी सोना दीदी 46 साल की, पूरी गदराई हुई, बड़े बड़े मुम्मे, हमेशा खुले गले के सूट पहनती है, जिसे उसके मुम्मे ऊपर से दिखते रहते है, उनका पति सुदीप 48 साल, वो भी पूरा हट्टा कट्टा है। Khandan Kee Sabhi Aurato Ko Pela Humne Bar Bari 3.

फिर बड़े मौसा की छोटी बेटी मोना दीदी 44 साल की, वो भी सोना दीदी की तरह मस्त गदराई हुई है, पर सोना दीदी से कम, उनका पति गौरव भी 44 साल का है, बॉडी बिल्डर है वो पूरा। बड़े मौसी का बड़ा बेटा व्योमेश भैया 40 साल, वो भी पूरा तंदरुस्त है, उसकी पत्नी हिमांशी भाभी 39 साल थोड़ी मोटी है, बूब्स बड़े बड़े है और टाइट भी। बड़ी मौसी का छोटा बेटा अनिल 39 साल का, पतला से, इसकी पत्नी सपना 36 साल की पतली पर बहुत ही सेक्सी।

फिर मेरी बड़ी मौसी जया विधवा 58 साल। उनका बेटा 37 साल सनी भैया, नार्मल दिखने वाला, उसकी पत्नी उमा भाभी 35 साल, वो भी नार्मल ही दिखती है। मेरी मम्मी मधुबाला 56 साल की सेक्सी औरत उनके पति मेरे पापा अशोक 57 साल के, गबरू जवान, लम्बे लन्ड के मालिक। मेरी दीदी दीपिका 35 साल, पूरे खानदान में सबसे गौरी और सबसे बड़ी मस्त गाँड़ की मालकिन। मेरे जीजाजी विकास 36 साल के, जिन्होंने दीदी की गाँड़ मार मार कर इतनी बड़ी और मस्त कर दी।

उसके बाद मैं राजवीर 20 साल साल 9 इंच लन्ड। अब मैं 25 साल का हूँ। छोटी मौसी हेमा 54 साल बड़े बूब्स गाँड़ की मालकिन। छोटे मौसा प्रेम 56 साल। छोटी मौसी की बड़ी बेटी अनमोल दीदी 33 साल की मस्त मौसी की तरह मोटे बूब्स वाली। अनमोल दीदी के पति टिंकू 35 साल। छोटी मौसी का बड़ा बेटा दीपक भैया 30 साल। दीपक भैया की पत्नी नाविका 28 साल, सेक्सी भरे जिस्म की मालकिन। छोटी मौसी की छोटी बेटी टीना 25 साल। छोटी मौसी का छोटा बेटा देव 19 साल।

बड़ी मामी मीनाक्षी विधवा 55 साल, मस्त बूब्स गाँड़, पर सांवली है। बड़ी मामी का बेटा पवन भैया, 36 साल। बड़ी मामी की बहू आकांशा 33 साल। बड़ी मामी की बेटी प्राची दीदी 30 साल। प्राची दीदी का पति सुमित 34 साल। छोटे मामा सुरजीत 56 साल। मम्मी और छोटे मामा जुड़वा है। सुरजीत मामा की पत्नी सुमित्रा 53 साल। छोटे मामा की लड़की ग़ज़ल दीदी 31 साल। ग़ज़ल दीदी के पति अंकित 33 साल। बाकी मेरे सभी कजिन के बच्चे भी है छोटे छोटे, जिनके इंट्रो की कोई जरूरत नही है। अब सभी 35 से मैंने आपको शार्ट इंट्रो करवा दिया।

टीना दीदी, देव और मेरे अलावा सब मैरिड है। सब अंताक्षरी खेल रहे थे और देव व मैं पीछे बैठे थे। देव पाजामे के ऊपर से ही मेरा लन्ड दबा रहा था। मैं भी मौसी की चुदाई को सोच कर देव से अपना लन्ड दबवा रहा था। देव और मैं ऐसे बैठे थे जैसे सो रहे हों। इतने में मुझे अनिल भैया और सोना दीदी पीछे आते हुए दिखे, तो मैंने देव का हाथ मेरे लन्ड से हटा दिया और हम सोने की एक्टिंग करने लगे।

वो दोनों पीछे आकर बैठ गए, आप सब को पता ही है की बस के पीछे की सीट बड़ी होती है। वो आये तो उन्होंने देखा कि हम दोनों सो रहे है, तो अनिल भैया लेट गए और अपना सर सोना दीदी की गोद में रख लिया। वो जिस तरह से सीट के पीछे थे कि अनिल भैया का सर कोई नही देख सकता था। तभी सबसे बड़ी मौसी लता ने पूछा लता मौसी- क्या हुआ अनिल बेटा, पीछे क्यो लेट गए।

अनिल भैया- मम्मी वो सर में दर्द था तो आया था, फिर दीदी ने कहा कि मैं दबा देती हूं तो पीछे आ गए। लता मौसी- ठीक है बेटा। फिर लता मौसी भी अंताक्षरी वाली साइड हो गयी। वैसे भी दोनो सगे भाई बहन है, शादीशुदा है तो किसी ने क्या शक करना। 5 मिनट बाद सोने की कोशिश करते हुए मुझे भी नींद आ गई, थोड़ी देर बाद देव ने आराम से मुझे उठाया, और मुँह पर ऊँगली रखते हुए चुप रहने का इशारा किया। फिर सोना दीदी की तरफ इशारा किया कि वो देख।

जैसे ही मैंने दीदी वाली साइड देखा तो मेरी तो आँखें फटी ही रह गयी। सोना दीदी ने लोअर टी शर्ट पहने हुए थे। अनिल भैया ने सोना दीदी की टी शर्ट ऊपर कर उसमे अपना मुँह घुसा रखा था, और सोना दीदी का हाथ अनिल भैया के लन्ड के पास पेंट के ऊपर ही था। फिर भैया थोड़ा सा घूमे और अपना मुँह दीदी के पाजामे के ऊपर चुत की तरफ लर गए। सोना दीदी अनिल भैया का सर दबाने लगी।

तभी सोना दीदी के पति सुदीप जीजाजी भी पीछे की तरफ आने लगे, जिन्हें आते देख दीदी ने देख लिया और अनिल भैया को बता दिया। अनिल भैया फटाफट सीधे लेट गए, और आँखे बंद कर ली। सुदीप जीजाजी- अनिल भैया को हिलाते हुए, क्या हुआ अनिल, सर सही हो गया क्या। अनिल भैया(ऐसे नाटक करते हुए जैसे नींद से जागे हो)- हाँ जीजाजी, पहले से आराम है। दीदी ने सर दबा दिया था और मसाज भी कर दिया था।

सुदीप जीजाजी- हाँ, तुम्हारी बहन के हाथों में तो जादू है, मसाज ऐसे करती हि की पूरा शरीर ही तरोताजा हो जाता है। फिर जीजाजी भी वहीं बैठ गए।  हम पटियाला के पास पहुंच हए थे, दोपहर 1 बज गए थे। इतने में मामाजी ने बस एक ढाबे पर रोकने को कहा, की सभी थोड़ा फ्रेश हो लो। और ड्राइवर ने भी चाय के लिए कहा था। तो पटियाला से थोड़ा आगे राजपुरा रोड पर ड्राइवर ने एक ढाबे पर बस रोक दी। फिर सभी नीचे उतर गए। पर सोना दीदी और अनिल भैया नही उतरे।

सभी लेडीज, लेडीज वाशरूम की साइड चली गयी। ढाबे पर कई ट्रक ड्राइवर बैठे थे। वो तो लेडीज को देखते ही रह गए, दीपिका दीदी की गाँड़ जीन्स में से क्या कयामत ढा रही थी। ई दीदी की गाँड़ देख कर तो वहां पर सभी मर्द अपना लन्ड मसलने लगे। मामाजी ने ढाबे वाले को सभी के लिए चाय बोल दी। देव और मैं थोड़ा साइड में चले गए, चुप कर सिगरेट पीने के लिए। जब हम सिगरेट पीकर आये तो वाशरूम गए।

इतने में सबके लिए चाय बन गयी, और सबने चाय ले ली। और सभी वहीं बैठ कर चाय पीने लगे, तभी मैंने देखा कि एक ट्रक ड्राइवर हेमा मौसी की तरफ कुछ इशारा कर रहा है। हेमा मौसी भी उसे इशारा कर रही थी। फिर वो ड्राइवर उठ कर कर एक ट्रक की तरफ चला गया और हेमा मौसी भी 2 मिनट बाद चाय पी कर, टहलते हुए उस तरफ चली गयी। तभी लता मौसी बोली कि सोना और अनिल नही आये चाय पीने। उन्हें बस में दे आयो। तो मुझे और देव को बोला कि उन्हें चाय दे आयो।

मैं और देव उनकी चाय लेकर जैसे ही बस में घुसे तो हमे बस में कोई नही दिखा, हम वापिस मुड़े ही थे कि इतने में लास्ट से सीट से कुछ हिलने की आवाज आई। हम दोनों चुप चाप उधर देखने गए, तो देखा कि अनिल भैया नीचे बैठे है और सोना दीदी उनका लन्ड चूस रही है। ये देख कर हम दोनों स्तब्ध रह गए। सोना दीदी लन्ड ऐसे चूस रही थी जैसे आइस क्रीम हो, भैया खुद तो पतले थे पर भैया का लन्ड बहुत मोटा था, जिसे दीदी पूरा मुह खोल कर चूस रही थी।

तभी अनिल भैया की नज़र हम पर पड़ी, तो वो हड़बड़ा गए, हम वहाँ चाय रखकर जल्दी से बाहर आ गए। हेमा मौसी जिस ट्रक की तरफ गयी थी हम भी उसी ट्रक की तरफ चले गए और अपनी चाय पीने लगे और चुपके से ट्रक में देखने लगे तो देखा ट्रक वाले ने हेमा मौसी को घोड़ी बना रखा है और पीछे से मौसी की चूत पेल रहा है। मौसी भी मज़े से चुदवा रही है, इतने में ट्रक वाले का पानी निकल गया और वो शांत हो गया और सीट पर बैठ गया।

यह देख मौसी को गुस्सा आया और उसे गालियाँ देने लगी- साले मादरचोद जब लन्ड में दम नही था तो क्यो इशारे कर रहा था रण्डी की औलाद, तेरी बीवी किसी और से ही चुदती होगी भड़वे, तू तो 10 धक्कों में ही गया, तेरे पीछे से तेरी बीवी अपने यारों से चुदती हागी बहन चोद। फिर गालिया देती हुई मौसी ट्रक से उतर गयी। हम भी बस की और आ गए।  जब हम बस की तरफ आये तो हमने देखा कि सुदीप जीजाजी बस में चढ़ रहे है। तो हम बस के पीछे खड़े हो गए।

जहाँ लास्ट वाली सीट पर सोना दीदी और अनिल भैया बैठे चाय पी रहे थे। सुदीप जीजाजी उनके पास गए और पूछा चाय पी ली, तो सोना दीदी डरी हुई कि बोली। सोना दीदी- नही सुदीप जीजाजी- इतनी डरी हुई क्यो हो? क्या हुआ अनिल भैया- जीजाजी, एक पंगा हो गया। सुदीप जीजाजी- क्या हुआ? सोना दीदी- मैं अनिल का लन्ड चूस रही थी, तभी राजवीर और देव आ गए और उन्होंने हमें देख लिया। “Khandan Kee Sabhi Aurato”

सुदीप जीजाजी( गुस्से में)- तुम लोगों को मैंने कहा था ना कि हरिद्वार पहुँच कर हम एक चारों एक ही रूम में चुदाई करेंगे। पर तुम भाई बहन में आग ही बहुत है, अनिल तुम 15 सालो से इस सोना रण्डी को चोद रहे हो। फिर भी तुम में सब्र नही है। अनिल भैया- जीजाजी, हमने कुछ नही करना था, वो तो मामाजी ने बस रुकवा दी इसलिए आग भड़क गई, जब से मेरी शादी हुई है, दीदी को चोदने का मौका ही नही मिलता, आपने भी तो अभी तक मेरी पत्नी सपना की नही पटाया।

उसे पटा लेते तो फिर चारों मिलकर चुदाई करते सुदीप जीजाजी- तुमको कहा था ना कि इस बार ऐसा प्लान बनाया है कि सपना खुद आकर कहेगी की मुझे चोदो। सोना दीदी- वो तो ठीक है, पर अब देव और राजवीर का क्या करें। सुदीप जीजाजी- वो तुम मुझ पर छोड़ दो, अब तुम दोनों भी बाहर आकर थोड़ा फ्रेश हो जाओ, फिर हमें निकलना भी है। फिर तीनो बाहर आने लगे, तो मैं और देव वहाँ से निकल गए और साइड में जाकर छुपकर सिगरेट पीने लगें।

सुदीप जीजाजी ने हमे उस साइड जाते देख लिया। अनिल भैया और सोना दीदी वशरूम की तरफ चले गए और सुदीप जीजाजी हमारी वाली साइड आ गए और हमे सिगरेट पीते देखने लगे। हम दोनों को पता ही नही चला कि वो कब आ गए और हमे देख रहे है। एकदम से सुदीप जीजाजी ने आवाज़ लगाई- राजवीर हमने आवाज़ वाली साइड देखा तो सुदीप जीजाजी को देख कर हमारी फट गई, क्योकि हमारे हाथ मे सिगरेट थी। और हम दोनों सबसे छोटे है, इसलिए हम सबसे डरते है।

सबसे ज्यादा डर हमें लता मौसी से लगता था, वो बहुत ही रोबदार औरत है, वो पुलिस में एक बड़ी अधिकारी थी, और अभी भी उनकी पुलिस में बहुत चलती है। लता मौसी की अब कई मंत्रियों के साथ भी अच्छी जान-पहचान थी। लता मौसी से हम क्या बस में जितने भी लोग थे, यहाँ तक कि उनके पति सूरी मौसा भी बहुत डरते थे उनसे। जीजाजी को देखते ही हमने सिगरेट फैंक दी। जीजाजी हमारी तरफ आते हुए, हमारी तो गाँड़ फटने लगी कि अब क्या होगा, अगर जीजाजी ने लता मौसी को बता दिया तो।

जीजाजी हमारे पास आये और हमे धमकाने लगे कि चलो सबको तुम्हारी शिकायत मम्मी (लता मौसी, जो जीजाजी की सास है) से लगाता हूँ। हम जीजाजी के सामने रोने लगे कि प्लीज जीजाजी, लता मौसी को कुछ मत बताओ। और भी किसी को मत बताना नही तो हमे बहुत मार पड़ेगी, पहले तो जीजाजी नही माने, फिर बोले चुप हो जायो। फिर जीजाजी ने अपना फ़ोन निकाल कर किसी को कॉल किया और उसे कहा कि इस तरफ जायो।

हम डरने लगे कि किसको बुलाया है जीजाजी ने। तभी सोना दीदी और अनिल भैया वहां आ गए, तो जीजाजी बोले इन दोनों को छुप कर देखने की बहुत आदत है ना, आज मैंने इनको पकड़ा है सिगरेट पीते हुए, ये रहा सबूत, तो सोना दीदी बोली कि चलो सबको बताते है। हम डर गए और रोने लगे, और कहा कि प्लीज् किसी को मत बतायो, आप जो कहोगे हम वो करेंगे। फिर वो बोले ठीक है, अभी तो कुछ नही करना, पर जो भी तुम लोगो ने आज बस में देखा अगर वो किसी को बताया तो फिर तुम देखना की हम तुम्हारा क्या हाल करते है। “Khandan Kee Sabhi Aurato”

हमने कहा ठीक है हम किसी को कुछ नही बताएंगे। इतने में मामाजी ने सबको आवाज़ दी कि आ जायो चले, हमने देखा तो सब वापिस बस में चढ़ रहे थे। हम भी बस में चढ़ गये। देव और मैं डरे हुए थे, और पीछे की सीट पर जाकर बैठ गए। अब अपनी आपनी बातों में लगे हुए थे, बस मैं और देव चुपचाप बैठे थे। फिर सुदीप जीजाजी, सोना दीदी और अनिल भैया हमारे पास आ कर बैठ गये। सुदीप जीजाजी- राजवीर, फिक्र मत करो।

हम किसी से कुछ नही कहेंगे और तुम भी किसी से कुछ मत कहना। राजवीर- जी जीजाजी, हम किसी को कुछ नही बोलेंगे। मेरे इतना बोलते ही सोना दीदी ने मुझे अपने गले लगा लिया। मेरा सर दीदी के मोटे मुममे पर दब रहा था, पर मुझे अभी भी डर लग रहा था इसलिये मैंने ऐसा कुछ नही सोचा। फिर सोना दीदी मेरे सर पर हाथ फेरने लगी और मुझे अपने सीने में और दबा लिया, जिस से मेरे सर से सोना दीदी के बूब्स पूरी तरह से दब रहे थे।

अब मेरे लन्ड में भी तनाव आना शुरू हो गया। अब मेरा डर भी निकल गया था। फिर सोना दीदी ने मेरे गाल पर किस किया, और हमारे साथ बैठ गयी। अनिल भैया ने मुझे और देव को 1000 रु. का एक एक नोट दोनो को दिया और कहा। ये रखो, मजे करो। और चाहिए हो तो और मांग लेना। अब हमारे मन से डर बिल्कुल निकल गया था। हमने उन तीनों को थैंक्स कहा। फिर देव और मैं गाना गाने लगे, जिसमे सभी हमारे साथ देने लगे। “Khandan Kee Sabhi Aurato”

फिर ऐसे ही गाने गाते गाते हम चंडीगढ़ पहुंच गए।  अब जब हम चंडीगढ़ पहुंचे तो दोपहर 3 बज रहे थे, हमने सीधा अनमोल दीदी के घर गए, क्योकि टीना दीदी भी वहीं आ गयी थी। उनके घर पहुंचे तो हमने उन लोगो को बाहर ही बुला लिया। तो अनमोल दीदी, टिंकू जीजाजी, उनकी बेटी और टीना दीदी बाहर ही आ गए और बस में बैठ गए। दोनों बहने अपनी माँ की तरह उनके भी चुचियाँ बहुत बड़ी और बहुत टाइट थी.

टीना दीदी की शादी को 10 साल हो गए थे, और टीना दीदी तो स्कूल टाइम से ही होस्टल में ही रहती थी, इसलिए उन से मिलना बहुत कम हुआ था, मैं जब मौसी के घर जाता था, तब भी वह होस्टल में होती थी। जब हम उनको लेने पहुंचे तो उसको देखते ही लन्ड पाजामे से बाहर आने लगा। टीना दीदी की उम्र 25 साल, कुंवारी, 36d-30-36 अपनी माँ की तरह गौरा रंग, लंबी हाइट।

उसने टाइट जीन्स और टाइट शार्ट पिंक स्लीवलेस टॉप पहना था, जिसमे उसकी चुचिया बहुत बड़ी लग रही थी, जब वो सबसे मिली और मुझसे भी मिली गले लग कर, मैं तो बस उसको देखता रह गया, जो उसने मेरे गाल पकड़ कर खींचा, तब होश आया। देव जब उस से मिला तो देव ने टीना दीदी को उठा लिया, जिस से टीना दीदी की चुच्चिया देव के मुह पर और देव के हाथ टीना दीदी की गाँड़ पर थे।

अनमोल दीदी 38d बूब्स, वो भी सबसे मिली, वो मुझे भी गले लग कर मिली, उनकी चुचिया मेरे सीने में दब गयी, क्या बड़ी बड़ी टाइट चुचियाँ थी। फिर टिंकू जीजाजी भी सबसे मीले। जब सबसे मिलने के बाद, सबने उन तीनो को बताया कि आज हम चंडीगढ़ ही रुकने वाले है और टिंकू जीजाजी से कहा कि आपने ही हम सबको घूमाना है, तो वो मान गए। फिर सबने होटल जाते जाते डिसाइड किया कि वाटर पार्क चलेंगे सभी। “Khandan Kee Sabhi Aurato”

फिर हम सब होटल गए। वहाँ कमरे ले लिए, जो 3-3 के जोड़े में अटैच थे और सब अपने अपने कमरो में फ्रेश होने चले गए। मैं मम्मी पापा दीदी जीजाजी अपने बेटे के साथ एक कमरे में थे। जब मैं फ्रेश होने वाशरूम में गया तो मुझे बाहर से मम्मी-पापा के लड़ने की आवाज आने लगी, तब दीदी जीजाजी मेरे भांजे के साथ कुछ सामान लेने गए थे नीचे। मम्मी- आपको शर्म नही आती, आप जहाँ देखो वहीं चुदाई करने लग जाते हो और जो मिले उसी से चुदाई करते हो।

पापा- मुझे तो नई नई चुत मारने में मजा आता है जान, अब तेरी चुत में वो बात नही रही। मम्मी- तो मेरी चुत की ऐसी हालत भी तो आपने ही कि है, दिन में तीन तीन बार चुत मारोगे तो यही हाल होगा चुत का। फिर गाँड़ मार मार के आपने मेरी गाँड़ की हालत भी ऐसी कर दी। अब तो आप रंडियां भी रोज चोदने लगे हो, बन्द करो ये हरकते। पापा- क्या करूं जान, लन्ड मानता ही नही। फिर पापा ने लन्ड निकाल लिया बाहर ओर बोले, जान एक बार चूस तो दे, मन कर रहा है।

मम्मी(गुस्से में)- बस सेक्स की पड़ी रहती है हमेशा, अब बुड्ढे हो गए हो, कुछ तो शर्म किया करो। पापा- बूढ़ी होगी तू, मैं तो आज भी जवान लड़कियों की संतुष्टि करवा सकता हूँ। तू हो गयी बूढ़ी तभी तो अब तेरी चुत नही मारता मैं, मेरे लन्ड में दम है, तेरी चुत में नही। मम्मी( भडकते हुए)- मैं कोई बूढ़ी नही हूँ, जवान लड़के अभी भी मेरे दीवाने है, अब आप सुधर जाओ, वरना मैं भी आपकी तरह जहां मौका मिला चुदवाने लग जाऊंगी। “Khandan Kee Sabhi Aurato”

पापा- जा जिस से मर्जी चुदवा, अपनी बहन हेमा से भी बड़ी रण्डी बन, मुझे कोई फर्क नही पड़ता। मम्मी- अब देखना आपके सामने ही रोज नए नए लन्ड लुंगी। पापा- जा ले ले, बन जा रांड। तभी गेट पर नॉक हुआ, पापा ने गेट खोला तो मामाजी आये थे पूछने की हो गए तैयार, पापा ने बोला 5 मिनट। फिर मैं भी वाशरूम से बाहर आ गया। 10 मिनट में हम सब तैयार हो कर नीचे बस के पास चले गए। 5 मिनट में सभी बस के में आ गए। क्योकि वाटरपार्क जाना था तो सबने नार्मल कपड़े पजामा या निक्कर टीशर्ट ही पहने थे, लेडीज मम्मी, मौसियां, मामियो ने सूट पहने हुए थे। [email protected]

Leave a Comment