यह कहानी तब की है जब मैंने अपनी पहली Cousin Bahan ki chudai की थी। तो सभी लड़के और लड़कियां अपने लंड और चूत पकड़ कर तैयार हो जाएं और इस गरमा गरम कहानी का मजा लें। बात उन दिनों की है जब मेरे भाई की नई नई शादी हुई थी। तो कुछ दिनों के बाद भाभी अपने मायके चली गई और भैया वापस अपनी नौकरी पर चले गए। Main Apni Chut Failati Hun Tum Lund Dal Do.
उस समय मेरी मम्मी और मेरे पापा ही घर पर थे। तो मम्मी को काम करने में अक्सर बहुत तकलीफ होती थी, उनके घुटनों में काफी दर्द रहता था तो मम्मी और पापा ने सलाह करके हमारे बड़े ताऊ जी की लड़की नीरज(काल्पनिक नाम) 20 साल की थी को गांव से बुलवा लिया। ताऊ जी ने भी कह दिया कि जब तक जरूरत हो उसे अपने पास रखना।
तो चलिए अब मैं अपने बारे में भी कुछ बता ही देता हूं मेरा नाम योगेश है, मैं 23 साल का हट्टा कट्टा जवान हूं और MNC में नौकरी करता हूँ। बात उस समय की है जब मैं 11वीं कक्षा में पढ़ता था और मेरी उम्र लगभग लगभग 19 साल की थी। तो कहानी में कुछ इस तरह होता है कि नीरज गांव से हमारे घर आ जाती है। उसका स्वभाव बहुत ही मिलनसार था और वह सबसे अच्छे से बात करती थी और मेरी और उसकी काफी अच्छी दोस्ती भी थी।
तो हम दोनों अक्सर बातें करते थे साथ में गेम खेलते थे या टीवी देखते थे। तो उस समय मेरे मन में उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था। मैं उसे अपनी बहन की तरह ही देखता था। काफी दिन हो गए हमारे घर में काम करती हुए और आराम से रह रही थी उसे कोई परेशानी नहीं थी। मम्मी पापा भी उससे बहुत खुश थे और मेरा भी अच्छा खासा मन लग गया था उसके आने से।
एक दिन की बात है मैं सुबह-सुबह उठा और जाकर सोफे पर बैठ गया। तभी नीरज मेरे पास आई और मुझे चाय पकड़ा कर और खुद घर का काम करने में लग गई। मैंने भी चाय पीते पीते अखबार उठाया और उसके पन्ने पढ़ने लग गया। नीरज भी घर में झाड़ू लगा रही थी वैसे मेरी उसके ऊपर कभी भी गंदी नजर नहीं गई थी और मैं उसके बारे में कभी अपने मन में गलत ख्याल भी नहीं लाता था।
पर तभी झाड़ू लगाते लगाते हुए वह अचानक से मेरे पास आई वह पूरी तरह से झुकी हुई थी और झाड़ू लगा रही थी। तभी अचानक से मेरी नजर उसकी गांड पर गई और उसकी गांड को देखते ही मेरा लंड निक्कर के अंदर तंबू बन गया। वैसे तो काफी ब्लू फिल्म और सेक्स स्टोरी पढ़ता हूं और मुझे सेक्स के बारे में पूरा ज्ञान भी है। लेकिन मैंने कभी सेक्स नहीं किया था तो नीरज को देखते ही मेरे मन में ख्याल आया कि अभी पकड़ कर उसकी गांड को दबा दूं पर मैं ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता था।
तो मैं चुप चुप के उसकी गांड को ऐसे ही देखता रहा। अब मैं पहली बार उसको इतने ध्यान से देख रहा था। कभी मैं उसी गांड को देखता तो कभी उसकी अमरुद जैसे चुचियों को। मुझे आज सच में बहुत मजा आ रहा था। अब तो मैं अक्सर उसको ऐसे देखने लगा। मुझे जब भी मौका मिलता मैं उसकी गांड को देखने का मौका नहीं चूकता था और उसे किसी ना किसी बहाने से उसको छूने की कोशिश करता।
लेकिन उसका ध्यान इस तरफ नहीं गया और जब वह नहा कर बाहर निकलती तो मैं बाथरूम में जाकर उसकी पैंटी को सूंघता और मुठ मारता था। कई दिनों तक इसी प्रकार चलता रहा। अब मेरे मन में उसे चोदने का ख्याल आने लगा बस कोई जुगाड़ नहीं बन पा रहा था। एक दिन की बात है मम्मी पापा अपने कमरे में सोए हुए थे और मैं अपने कमरे में कूलर चला कर सो रहा था। नीरज गेस्ट रूम में सो रही थी। “Main Apni Chut Failati”
अचानक से मुझे काफी ठंड लगी और मैं कुछ कंबल बगैरा ढूंढने लगा। लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला। तो मैं कंबल ढूंढने के लिए गेस्ट रूम में गया तो मैंने वहां देखा नीरज कंबल ओढ़ कर सो रही थी। तो मैंने कोई दूसरा कंबल ढूंढने की कोशिश की पर मुझे नहीं मिला। इसलिए ठंड की वजह से मैं भी उसी कंबल के अंदर घुस गया और सोने की कोशिश करने लगा। अचानक से ही करवट लेते ही मेरा लंड उसकी गांड से छू गया और मेरे अंदर एक करंट सा दौड़ गया और मेरी नींद खुल गई।
मैंने धीरे धीरे करके अपना हाथ उसकी गांड पर रखने की कोशिश करने लगा। मुझे अंदर से बहुत डर लग रहा था कि अगर वह कहीं जाग गई और उसने शोर मचा दिया तो मेरी तो ऐसी तैसी हो जाएगी। लेकिन अब तो मेरे ऊपर चूत का भूत सवार था तो मैं कहां सुनने वाला था किसी की। मैंने अपने मन पर काबू रखा और धीरे धीरे हाथ आगे बढ़ाने लगा और जैसे ही मैंने उसकी गांड पर हाथ रखा मुझे गर्म महसूस हुआ और मैं धीरे-धीरे उसपे हाथ चलाने लगा।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब मैंने दूसरा हाथ बाहर निकाला और धीरे-धीरे आगे बढाने लगा। मैंने अपना हाथ उसकी चूचियों की तरफ बढ़ाया और उसकी कमीज के अंदर से हाथ धीरे-धीरे उसकी चूचियों तक ले गया। उसने अंदर ब्रा पहना हुआ था तो मैं ब्रा के ऊपर से ही धीरे-धीरे उसकी चुचियों को दबाने लगा। अचानक से मुझे उसकी सांसे तेज तेज चलती हुई महसूस हुई। तो मुझे लगा कि कहीं जाग तो नहीं गई।
पहले तो मैंने हाथ हटाने की सोचा। लेकिन जब उसने कुछ नहीं किया तो मैंने भी अपना हाथ नहीं हटाया और उसकी चूचियों को दबाता रहा। इससे मुझे पता चल गया कि वह जाग रही है और मजा ले रही है। तो मैंने हिम्मत करके उसकी चुचियों को जोर से दबाया और अपना लंड उसकी गांड पे सटाने लगा। फिर मैंने धीरे धीरे उसकी कमीज को ऊपर कर दिया और पीछे से उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया। “Main Apni Chut Failati”
उसे सीधा कर दिया और मैंने अपना हाथ उसकी एक चूची पर रख दिया। मैं उसे चूसने लगा वो धीरे धीरे हल्की-हल्की सिसकारियां ले रही थी और मैं एक हाथ से दूसरी चूची को दबा रहा था। एक को दांतों से काट और चूस रहा था। ऐसे ही धीरे धीरे चूमते चूमते मैं नीचे उसके पेट पर आ गया और उसके पेट को चूमने और चाटने लगा। उसे बहुत मजा आ रहा था और वह हल्की हल्की सिसकारियां लेती जा रही थी।
तभी मैं ऊपर हुआ और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिया और उन्हें चूसने लगा। पर वह अभी भी सोने का नाटक कर रही थी और मेरा साथ नहीं दे रही थी। तो मैंने उसके मुंह के अंदर अपनी जीभ डाल दी और उसके होठों को जोर जोर से चूसने और काटने लगा। उसके बाद मैं उसके ऊपर से हट गया और उसकी सलवार का नाडा ढूंढने लगा.
लेकिन मुझे नाडा नहीं मिला और तो मैंने सोचा कि क्यों ना ऐसे ही मजा ले लिया जाए और मैंने अपना निक्कर नीचे करके अपने लंड को बाहर निकाला। फिर ऐसे ही उसकी दोनों टांगों के बीच में अपने लंड को घुसाने की कोशिश करने लगा। लेकिन वह अपनी टांगों को नहीं खोल रही थी तो मैंने दोबारा उसका नाडा ढूंढने की कोशिश की तो मुझे इस बार उसका नाडा मिल गया और मैं उसे खोलने की कोशिश करने लगा।
तो उसने मेरा हाथ एकदम से हटा दिया और नाडे को अंदर कर लिया। तो मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैं कर भी क्या सकता था। इस बार मैंने थोड़ी ताकत लगाकर उसकी टांगों को ऊपर किया और दोनों के बीच में अपना लंड घुसा दिया और धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा। मैंने सोचा कि ऐसे ही करके अपने आप को संतुष्ट कर लेता हूं और मैं उसकी चुचियों को सहलाने लगा और पीछे से धक्के मार रहा था।
तभी अचानक थोड़ी देर बाद वह अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और मुझे एहसास हुआ कि वह गरम हो चुकी है और उसे मजा आने लगा है। तो मैंने इस बार दोबारा कोशिश की और उसके नारे को खोलने लगा। उसने इस बार भी विरोध किया लेकिन इस बार उसका विरोध थोड़ा कमजोर था और मैं उसके नारे को खोलने की कोशिश करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और मैं उसकी सलवार को नीचे करने लगा। उसकी सलवार गांड के नीचे दबी हुई थी इसलिए ऊपर नहीं हो रही। तो मैं खड़ा हुआ और मैंने उसकी सलवार पूरी नीचे की तरफ खींच कर उतार कर फेंक दी। नीचे उसने काले कलर की पेंटी पहनी हुई थी। फिर मैं ऊपर गया और उसकी कमीज को भी उतार दिया और उसकी ब्रा को भी हटा दिया। “Main Apni Chut Failati”
अब वह सिर्फ पेंटी में मेरे सामने लेटी हुई थी और अभी भी उसने आंखें बंद की हुई थीं। तो मैं धीरे-धीरे टांगों को चूमने लगा और उसकी जांघों को सहलाने लगा और उनको चूमने लगा। धीरे-धीरे मैं उसकी पेंटी तक आ गया और उसकी पैंटी को सूंघने लग उसमें से मुझे उसकी चूत की भीनी भीनी खुशबू आ रही थी। उस खुशबू को सूंघकर तो मैं पागल सा हो गया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा।
फिर मैंने उसकी पैंटी को उतार फेंका और देखा कि उसकी चूत पर तो ढेर सारे बाल थे। फिर भी मैंने अपना मुंह उसकी चूत पर लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। मैं अपनी जीभ से धीरे धीरे उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा। मैंने अपनी जीभ को नोंकदार बनाया और उसकी चूत के छेद के अंदर तक उसे चाटने लगा। तो उसके हाथ अचानक से मेरे सिर के ऊपर आ गए और वह मेरे सर को अपनी चूत के ऊपर दबाने लगी।
उसने तेज तेज सिसकारियां लेना शुरू कर दिया। मैं उसकी चूत को चाटता जा रहा था। वह लंबी-लंबी आहें भर रही थी और तब तक चाटता रहा जब तक कि उसने पानी नहीं छोड़ दिया। पर मुझे उसकी चूत का वह नमकीन पानी पसंद नहीं आया तो मैंने अपना मुंह हटा लिया और मैं खड़ा हो गया। मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और जाकर उसके बगल में लेट गया।
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने खड़े हुए लंड पर रख दिया पर उसने कुछ नहीं किया। तो मैंने उसके हाथ को पकड़ कर अपने लंड को उसकी मुट्ठी में पकडा दिया और उसके हाथ को धीरे-धीरे ऊपर नीचे करने लगा। फिर मैंने अपना हाथ हट दिया तो वह खुद ही उसे ऊपर नीचे करने लगी। इस बार मैंने उसके चेहरे को अपनी तरफ किया तो उसने अपनी आंखें खोल दी और फिर मैंने उसे किस करना शुरू किया।
इस बार वह मेरा साथ देने लगी और हमने 10 मिनट तक किस किया। इसके बाद जब वह उठी तो मैंने उससे अपने लंड को मुंह में लेने को कहा। तो वह बैठी और मेरे लंड के पास गई। तो मुझसे बोली की यह तो बहुत बड़ा है यह मेरे मुंह में कैसे जाएगा। तो मैंने कहा कि बस 6 इंच का ही तो है आराम से चला जाएगा। लेकिन वह बोली कि काफी मोटा है। पहले तो वह नहीं मानी लेकिन बाद में वो मान गई। “Main Apni Chut Failati”
जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो ऐसा लगा जैसे मैं जन्नत में हूँ। फिर मेरा रस निकलने वाला था तो मैंने उसके मुंह में डाल दिया वह सारा रस पी गई और उसके साथ उसने मेरे लंड को दोबारा से चूसना शुरू किया। थोड़ी देर बाद वह फिर से तन कर खड़ा हो गया। वो सीधे लेट गई और मुझसे कहती है कि जानू अब डाल दो और इंतजार नहीं होता।
लेकिन मेरे पास कोई कंडोम नहीं था तो मैंने सोचा ऐसे ही कर लेता हूं। मैं उसकी टांगों के बीच में आया और मैंने अपने लंड को उसकी चूत के निशाने पर रखा और धीरे से धक्का लगाया लेकिन लंड फसल के आगे चला गया। तो वह हंसने लगी और बोली लगता है तुम्हारा पहली बार है। तो मैंने बोला हाँ। तो वह बोली ऐसा करो मैं चूत को फैलाती हूं तुम निशान लगा के अंदर डाल दो।
तो उसने अपनी चूत को अपनी उंगलियों से पकड़कर फैलाया और मैंने उसकी चूत के छेद के निशाने पर अपना लंड लगा जोर का धक्का मारा तो मेरा लंड फक्क से अंदर चला गया और तभी मुझे लगा कि उसकी सील टूटी हुई है क्योंकि मुझे उसकी चूत काफी खुली खुली महसूस हुई। पर मैंने उस समय उसे कुछ नहीं बोला और मैं उसके ऊपर लेट गया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा।
उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होठों को चूसने लगी। फिर उसने अपनी टांगों से मुझे दबा लिया और अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और मैं पूरी ताकत से धक्के लगा रहा था। फिर मैं उसके ऊपर से हटा और सीधे लेट गया। फिर मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा तो वह ऊपर आई और मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर अपनी चूत के निशाने पर लगाया और गप्प से अंदर ले गई।
वो अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। साथ ही मैं अपने हाथों से उसके चूचों को पकड़ कर मसल रहा था। फिर वह मेरे होठों के पास आई और मुझे चूमने लगी। अब मैंने कमान संभाली और उसे अपनी बाहों में भर कर जोर से धक्के लगाने लगा। हमारे लंड और चूत के मिलन से पूरे कमरे में थप्प थप्प की आवाज हो रही थी।
तभी अचानक से वो अपनी चूत को सिकोड़ने लगी और मुझे कस के पकड़ लिया और मेरे होठों को काटने लगी। तभी उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया और वह बेजान सी मेरे ऊपर गिर पड़ी। लेकिन मैं रुका नहीं। मैं लगातार धक्के मारता रहा। फिर मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और घोड़ी बनने को कहा तो वह जल्दी से घोड़ी बन गई। मैंने दो तकिए लिए और उसकी कमर के नीचे लगाए। “Main Apni Chut Failati”
फिर उसके पीछे आ गया और फटाक से अपना लंड उसकी चूत की गहराई में उतार दिया। मैं बहुत तेजी से धक्के मारने लगा। वह बहुत तेज तेज सिसकारियां ले रही थी और आहें भर रही थी। मैं अपने दोनों हाथों से उसके चूचों को भी मसल रहा था। फिर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और जब मेरा लंड उसकी गांड से टकराता तो फच्च की आवाज गूंजती पूरे कमरे में।
लगभग 5 मिनट तक मैंने उसको ऐसे ही चोदा और अब मुझे लगने लगा कि मैं झड़ने वाला हूं। तो मैंने उससे पूछा कि मेरा निकलने वाला है कहां निकालूं तो वह बोली अंदर ही छोड़ दो। लेकिन मैंने कहा कि अगर बच्चा हो गया तो वह बोली जानू परेशान मत हो मैं गोली ले लूंगी। तो मैंने उसकी कमर को पकड़ा और अपनी स्पीड बढ़ा दी और सारा माल उसकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया।
फिर मैं उसके बगल में जाकर लेट गया। पर शायद उसका मन नहीं भरा था वह मेरे मुरझाए हुए लंड के साथ खेलने लगी और उसे पकड़ कर मुट्ठी मारने लगी। तो मैंने कहा कि अगर अभी और मन है तो बताओ। वह बोली अभी मन भरा ही कहां है। मैंने कहा तो आजा रंडी आज तेरी सारी प्यास बुझाता हूँ। तो उसने सीधे से आके मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
थोड़ी देर में ही लंड फिर तन के खडा़ हो गया। इस बार मैंने उस गांड मारने को बोला। तो वह बोली कि मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है। इसमें मुझे बहुत दर्द होगा। लेकिन मैंने कहा एक बार गांड मरवा कर तो देखो अगर जन्नत का मजा ना आ जाए तो कहना। तो फिर बोली ठीक है कर लो। लेकिन जो भी करना आराम से करना। तो मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और उससे अपनी गांड को ढी़ला छोड़ने को कहा।
फिर मैं धीरे-धीरे अपनी दो उंगलियां उसकी गांड के अंदर डालकर आगे पीछे करने लगा। फिर मैंने वैसलीन की डिब्बी उठाई और ढेर सारा वैसलीन उसकी गांड में डाल दिया और काफी अपने लंड के ऊपर भी लगा लिया। मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर सेट किया और धीरे-धीरे अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा। उसकी गांड बहुत टाइट थी और मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था। तो मैंने थोड़ी ताकत लगाई तो वह कसमसाने आने लगी और बोलने लगी रहने दो मुझसे नहीं होगा दर्द हो रहा है।
तो मैंने कहा बस जान थोड़ा दर्द सह लो फिर मजा ही मजा है। तो उसने अपना मुंह तकिए पर रखकर दबा लिया। मैंने थोड़ी ताकत लगाकर धक्का मारा तो मेरा लंड का टोपा अंदर घुस गया और वह बहुत तेजी चिल्लाने वाली थी। लेकिन मैंने उसके होठों को कसकर पकड़ लिया और उसे चिल्लाने का कोई मौका नहीं दिया। “Main Apni Chut Failati”
फिर धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी गांड में घुसा दिया। मेरा पूरा लंड फंस कर अंदर जा रहा था पर उसकी गांड अंदर से बहुत ही मुलायम थी जैसे कोई मक्खन की टिकिया हो। तो मैंने ताकत लगाकर धीरे-धीरे लंड को अंदर घुस दिया और पूरा अंदर अंदर जड़ तक डा़ल दिया और मैं वही उसके ऊपर लेटा रहा। तो वह रोने लगी और बोली प्लीज इसे बाहर निकालो नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
लेकिन मैंने उसे बोला कि बस जान थोड़ा सा दर्द और बस हो गया। मैंने उसे कसके पकड़ लिया और लंड को दोबारा बाहर निकाला और अचानक से उसके गांड में पूरा डाल दिया। उसकी पूरी आंखें बाहर निकल आईं। फिर मैंने धीरे धीरे लंड को हिलाना शुरू किया। थोड़ी देर उसे दर्द हुआ। लेकिन उसके बाद वह मजे में कराहने लगी और बोली कि जानू थोड़ा तेज करो ना।
तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और उसकी गांड मारने लगा। अब उसे भी बहुत मजा आ रहा था वह भी अपनी गांड को ऊपर उठा उठा कर मुझसे चुदवा रही थी। 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसकी गांड के अंदर ही अपना माल छोड़ दिया। फिर मैं उसके ऊपर से हट गया। उस रात हमने चार पांच बार चुदाई की और मैंने उसकी चूत और गांड दोनों का हलवा बना दिया। हम सुबह 4:00 बजे सोए।
जब वह सुबह उठी तो उससे चला भी नहीं जा रहा था। तो मैंने उससे कहा कि तुम बीमारी का बहाना करके सो जाओ नहीं तो सबको शक हो जाएगा और उसने ऐसा ही किया और गोली खा कर सो गई। उसने पूरे दिन आराम किया। उसके बाद हम को जब भी मौका मिलता था हम चुदाई करते थे। उसके बाद वह वह हमारे घर पर लगभग 3 महीने तक रही और मैंने उसे लगभग रोज ही चोदा।
अब वह जब भी आती है या फिर मैं उसके घर जाता हूं तो हम चुदाई जरूर करते हैं। भाइयों, आंटियों, भाभियों और लड़कियों आपको इस कहानी में बहुत मजा आया होगा। आप लोग मुठ्ठ मार रहे होंगे और अपनी चूत में उंगली भी कर रहे होंगे। “Main Apni Chut Failati”
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