मैं अपनी कहानी के साथ हाजिर हूं, इस बार मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुना रहा हूं कि मैंने अपने दोस्त लकी की मां की चुदाई कैसे की. लकी मेरा बेस्ट फ्रेंड था उम्र में मुझसे दो-तीन साल छोटा था लकी और मेरी मुलाकात हॉस्टल में हुई थी. लकी मेरा रूममेट में था, लेकिन मैं उसका सीनियर था कि मेरा जूनियर था इसलिए मुझसे डरता था और कम ही बात करता था. लकी देखने में स्मार्ट गोरा बिल्लू आंखों वाला लगा था लकी को देख कर कोई भी लड़का उस पर मोहित हो जाए. Mastaram Ki Hindi Kahani
लकी से मेरी कम ही बात होती थी जितना काम उतनी ही बात होती थी उसके तरह मेरा कोई विशेष आकर्षण नहीं था लेकिन लकी मेरे और कुछ आकर्षित था. ऐसा उसकी हरकतें देखकर लगता था एक बार कॉलेज से रूम पर में जब वापस आया तो लकी अंडरवियर में रूम में था जैसे ही मैं रूम में अंदर आया गेट बंद किया. लकी मेरे सामने अपनी गांड कर चड्डी उतार कर बोला आपका तोहफ हाजिर है मैं उसकी यह हरकत देखकर दंग रह गए.
लकी की गांड एकदम गोरी थी उस पर एक भी बार नहीं था. लकी गांड देखकर एक बार तो मेरा मन हुआ कि इसकी गांड मार दी जाए लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया मैंने उससे गुस्सा होते हुए कहा यह क्या हरकत है. लकी ने अपनी वायी आंख दबा कर मुस्कुराकर दिया. लकी रात मे मेरे पास चिपक कर लेट जाता था मेरा लण्ड हिलाता रहता था कभी कभी चूस लेता था. मुझे भी मजा आता था इसलिए चुपचाप लेटा रहता था!
कॉलेज के फाइनल एग्जाम खत्म होने के बाद लकी और में घूमने के लिए शिमला गए शिमला में उस समय मौसम बहुत ठण्डा था. हमारे जाने के दो दिन बाद ही शिमला में बर्फ पड़ने लगी चारों तरफ बर्फ ही बर्फ थी हम लोग होटल में ही पड़े रहते थे. क्योंकि पर सदी ज्यादा होने के कारण बाहर कहीं घूमने नहीं जा सकते थे. लकी एक दिन लगी होटल के बाहर आस-पास पड़ी बर्फ में घूमने निकल गया बर्फ में दो-तीन घंटे तक रहने के कारण लकी को बहुत ठंड लग गयी थी उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी.
मैंने लकी को डांटते हुए कहा कि तेरे को मना किया था फिर भी तू इतनी खराब मौसम में बर्फ में खेलने निकल गया. लकी को तेज ठंड लग रही थी मैंने होटल वाले से कहकर लकी को कुछ दवाइयां दिलवाई और उसको रूम में कंबल उड़ा के लिटा दिया. लेकिन लकी ठंड कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी लकी की हालत बिगड़ती जा रही थी. रात भी काफी हो चुकी थी मैंने लकी को मुंह से सांस देने की कोशिश की उस पर धीरे-धीरे बेहोशी छाती जा रही थी.
लकी की हालत देखकर मुझे भी घबराहट होने लगी लेकिन इतनी रात में और शिमला ऐसी जगह पर जहां चारों तरफ बर्फ पड़ी हो क्या किया जा सकता था. जब मुझे कुछ समझ में ना आया तो मैंने लकी के सारे कपड़े उतार डाले उसको बिल्कुल नंगा कर दिया और खुद भी बिल्कुल नंगा हो गया. और मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और लकी को उल्टा लेटा दिया उसकी गांड में ढेर सारा तेल डाल दिया.
थोड़ी देर में लकी की गांड मे उंगली करना शुरु कर दिया थोड़ी देर से मैंने अपना लंड लंकी गांड में डाल दिया और झटका देना शुरू कर दिए. मैंने 20 मिनट तक लकी की गांड मारी मेरी उसकी गांड चुदाई करने से लकी की ठंड कम हो गई और लकी होश में आ गया. होश में आने के बाद लकी मुझसे चिपक कर लेट गए लेकिन अब भी वह पूरी करें ठीक नहीं था. उस रात में दो बार और गांड मारी उसके बाद लकी ठीक हो गया.
सुबह जब लकी की नींद खुली तो मुझे अपने पास नंगा देखकर कहने लगा आपने मेरी मार दी क्या? मैंने उससे कहा भाई मुझे माफ कर देना मजबूरी में तेरी जान बचाने के लिए मुझे तेरी गांड मारने पड़ी लकी मेरी मजबूरी समझ गया उसने कुछ नहीं कहा. उस दिन के बाद जितने दिन भी हम लोग शिमला में रहे हम दोनों ने इसी तरह मजा किए दिन में हम शिमला घूमते थे. रात में लंकी की गांड चुदाई का मजा लेता था. हालांकि मुझे यह सब चीजें पसंद नहीं थी अनचाहे में भी लकी से मेरे संबंध बन गए थे.
एक हफ्ता शिमला घूमने के बाद हम लोग वापस लकी के गांव आ गए. लकी की जिद्दी के कारण मुझे उसके गांव उसके घर पर कोई दिन रुकना पड़ा. लकी की मां को देखकर मैं दंग रह गया लकी की मां एकदम गोरी चिट्टी दुबली पतली स्मार्ट महिला थी. उनको देखकर मैं बेकाबू होने लगा लगी की मां को देखकर मुझे उसकी चुदाई करने की इच्छा होने लगी. मैं भी लकी की मां की चुदाई करने के लिए लकी के घर पर ही ठहर गया लेकिन मुझे मौका नहीं मिल रहा था.
लकी के घर में लकी उसका छोटा भाई मां और बाप थे लंकी के पिता किसान थे बे अक्सर खेत पर बने मकान पर ही सो जाया करते थे. लकी और उसका भाई और मैं अलग रूम में और लकी की मां बगल वाले रूम में सो जाया करते थी. लकी की मां को देखकर ऐसा लग रहा था कि लकी के पापा उनकी प्यास नहीं बुझा पा रहे है. एक दिन जब मैं नहा के बाथरूम से निकला तो मैंने एक पतली सफेद साफी लपेट रखी थी गीला होने के कारण साफी मेरे जिस्म से चिपक गई थी.
जिससे टॉवल से मेरा लंड साफ साफ दिख रहा था जब मैं बाथरूम से बाहर निकला तो मेरा सामने लकी की मां से हो गया. लकी की मां मुझे नंगा देखकर एकटक मुझे देखने लगी उनकी नजर मेरे लंड पर पर थी. अचानक लंकी की मां को मुझे घूरते देख मैं डर गया और तेजी से लकी के रूम की तरफ भागा. इसी भागदौड़ में मेरी टबिल खुल गई और मैं बिल्कुल नंगा हो गया जब मैंने देखा कि मेरी टावल खुल गई तब मैं पीछे वापस टावल उठाने के लिए झूका.
लकी की मां मुझे एकटक देखे जा रही थी मैंने अपना लंड दोनों हाथों से छुपा लिया. लकी की मां ने टवल उठा कर मुझे दिया मैंने टॉवल फिर से लपेट लकी के कमरे में घुस के मेरे पीछे पीछे कमरे आंटी को कमरे में आता देख मैं डर गया मैं सिर झुकाए खड़ा हो गया. अभी मैं मैं टॉवल में ही था आंटी मेरे कमरे में आई और कहने लगी बेटा टवल अच्छे से पहना करो कहीं भी टॉवल खुल जाए यह ठीक नहीं.
मैंने कहा कि आंटी गलती हो गई, आंटी कहने लगी तेरा लंड साफ-साफ दिख रहा था इस तरह अपना हथियार सब को दिखाना ठीक नहीं नजर लग जाएगी. तेरा हथियार वैसे भी बहुत बड़ा और मस्त है आंटी की यह बात सुनकर मैं दंग रह गया. मैं जैसा सोच रहा था वैसा कुछ नहीं हुआ इसलिए मैंने राहत की सांस ली बात आई गई हो गई. लेकिन इस घटना से मेरे मन में हलचल मच गई मैं अनुमान लगाने लगा कि आखिर आंटी क्या चाहती.
काफी सोचने के बाद मुझे समझ में आया कि आंटी अपनी प्यास से बुझना चाहती है मुझ से. मै भी मौका देखने लगा कि तुम मुझे आंटी की चुदाई करने को कब मिलेगी, रात को जब सब सो गए तब मैं चुपके से उठा मुझे आंटी की गोरी गोरी चूत सोने नहीं दे रही थी मैं सिर्फ कल्पना ही कर रहा था. क्योंकि मैंने आंटी को अभी तक बिल्कुल नंगा नहीं देखा था मैंने कमरे पर इधर उधर नजर दौड़ाई कमरे में सब बेखबर सो रहे थे.
दबे पांव में अपने कमरे से बाहर निकला और आंटी के रूम के पास जाकर देखा तो लकी के पापा आंटी की चुदाई कर रही थी. कमरे में नाइट बल्ब जल रहा था मैंने खिड़की से देखा लकी के पापा और मम्मी बिल्कुल नंगी है. लकी की मम्मी को उन्होंने घोड़ी बना रखा है उनकी चूत मार रहे थे. दो-तीन मिनट बाद लकी के पापा लकी की मम्मी की चूत में ही झड़ गए और हापने लगे. मैंने लकी के पापा को गौर से देखा उनका लंड बहुत दुबला पतला था.
लकी के पापा खंड 4 इंच के लगभग लंबा और 3 इंची मोटा था इतना छोटा लैंड किसी की प्यास कैसे बुझा सकता है मैं यही सोचने लगा. उस रात भी मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई आंटी की चुदाई में नहीं कर सका दूसरे दिन में सो कर उठा. तो घर पर सिर्फ लकी की मम्मी थी लकी लकी का भाई और उसके पापा खेत पर जा चुके थे. लकी की मम्मी नहा रही थी मैं बाथरूम के पास गया मैंने बाथरूम का गेट खोला मुझे यह पता नहीं था कि आंटी नहा रही है. “Mastaram Ki Hindi Kahani”
मुझे तो तेज सूसू आ रही थी इसलिए मैं सूसू करने के लिए बाथरूम में घुसा. लकी की मम्मी एकदम नंगी नहा रही थी अचानक मुझे बाथरूम में देख कर भी घबरा गई. और उन्होंने दूसरी साइट घूम गई मैंने कहा आंटी सॉरी आंटी बोली कोई बात नहीं. मैंने कहा आंटी मुझे जोर से पेसाब ही थी इसलिए यह सब हो गया आंटी बोली कोई बात नहीं जा तू पर पेसाब कर ले. मैं आंटी के सामने ही अपने लंड करके सुसु करने लगा आंटी को नंगा देखकर मेरा लैंड एकदम खड़ा हो गया था.
मैंने सुसु करने में काफी देर लग रही थी आंटी ऐसे ही खड़ी रही उन्होंने ना तो कपड़े पहनने की कोशिश की नाही टॉवल लपेटने की कोशिश की. जब मैं सूसू करके वापस जाने लगा तब आंटी ने मेरा लंड पकड़ लिया और कहने लगी तेरा लंड बहुत मस्त है रे. मैंने कहा आंटी है आप क्या कर रही है आंटी बोली कुछ नहीं तेरा लंड छू कर देख रही है. उसके बाद आंटी ने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
आंटी की इस हरकत से मैं बेकाबू हो गया मैंने भी अपने कपड़े उतार डाले और नंगा हो गया. बाथरूम में हम दोनों सिर्फ बिल्कुल नंगी थे हम दोनों के जिस्म पर एक धागा भी नहीं था. मैंने आंटी से कहा आंटी बेडरूम में चलते हैं मैंने आंटी को गोद में उठाया और उनको नंगा ही रूम लेकर चला गया. आंटी को पलंग पर लिटा दिया और कमरे को गेट बंद कर लिया ताकि कोई अचानक कमरे में ना आ जाए.
उसके बाद में आंटी के ऊपर सवार हो गया मैंने अपना लंड के मुंह में दे दिया और उनकी चूत चाटने लगा. हम दोनों 69 की स्थिति में लेट गये 10 मिनट तक मैंने आंटी की चूत चाटी और आंटी ने मेरा लंड आंटी की चूत पानी छोड़ने लगी. तब मैंने आंटी की दोनों जने फैलाकर अपना लंड आंटी की चूत में एक झटके में ही डाल दिया. क्योंकि मेरा लंड भी चिकना हो गया था और आंटी की चूत भी पानी नहीं छोड़ रही थी. “Mastaram Ki Hindi Kahani”
इसलिए एक झटके में ही मेरा लंड आंटी की चूत में पूरा सामा गया उसके बाद मैंने आंटी की 20 मिनट तक जमकर चुदाई की और उनके पास ही लेट गया. उस दिन पूरे दिन हमने दो तीन बार चुदाई का मजा लिया और आंटी की चूत फाड़ डाली. आंटी मुझसे चिपक गई और कहने लगी पहली बार मुझे किसी ने इतना आनंद दिया है चु दई का तेरा लंड तो बड़ा मोटा और मस्त है. लकी के पापा का लंड तो दुबला पतला है वह तो मेरी चूत में आधा ही नहीं पहुंचता है.
आंटी की चूत मार कर मुझे भी असीम आनंद की प्राप्ति हुई. मैं दो-तीन दिन लकी के घर और रहा रात में जब सब लोग सो जाते थे तब मैं धीरे से आंटी के कमरे में पहुंच जाता था और आंटी की चुदाई करता था. लकी के पापा अकसर खेत पर ही सोते थे इसलिए हम दोनों को मौका मिल जाता था. एक दिन दोपहर को जब मैं खेत पर गया तो उसी समय लकी और लकी की मम्मी भी खेत पर पहुंच गई.
हम लोग इधर-उधर घूमते रहे लकी की मम्मी अपना काम करती रहीं. लकी की मम्मी काली साड़ी में आज बहुत सेक्सी लग रही थी उनको देखकर मेरी वासना बेकाबू हो गई. और मैंने छुपकर लकी की मम्मी को पकड़ लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. होठों का रस पीने लगा आंटी बोली अभी यह सब छोड़ो लकी आ जाएगा. मैंने कहा आंटी लकी तो घर की ओर निकल गया है अब कोई नहीं आएगा.
मैंने आंटी को गोद में उठाया और खेत एक पेड़ के पीछे ले गया आंटी की साड़ी उठाकर उनकी चूत में उंगली करने लगा. मजा आ रहा था वो कहने लगी मेरी चूत भी चाटो मैंने आंटी की दोनो जांघे फैलाकर उनकी चूत चाटने लगा. थोड़ी देर बाद आंटी की चूत पानी छोड़ने लगी तो वह कहने लगी जो कुछ करना है जल्दी करो कोई आ जाएगा. मैंने आंटी को आगे की ओर झुका कर घोड़ी बना दिया और अपना लोबर और चड्डी उतार कर नंगा हो गया.
मैंने अपने लंड पर थूक लगाया क्योंकि वहां तेल तो था नहीं और आंटी की चूत में डाल दिया. अभी मैं चुदाई कर ही रहा था कि लकी दूर से छुपकर यह सब देख रहा था मैं चुदाई करने में इतना मस्त था कि मैंने लकी को नहीं देखा. लेकिन लकी ने मुझे उसकी मां की चुदाई करते हुए देख लिया था 20 मिनट की चुदाई के बाद में लकी की मां की चूत में ही झड़ गया. लकी की मां ने मेरा लंड मुंह में लेकर साफ कर दिया! “Mastaram Ki Hindi Kahani”
रात में जब सोने के लिए मैं लकी की कमरे में गया तो लकी कहने लगा खेत पर तू मेरी मम्मी के साथ क्या कर रहे थे? लकी की बात सुनकर में आश्चर्य में पड़ गया मुझे सब समझ में आ गया कि लकी ने मुझे आंटी की चुदाई करते हुए देख ले. मैंने कहा कुछ नहीं लकी बोला मुझसे झूठ मत बोलो मैंने सब को देख लिया है तू मेरी मां की चुदाई कर रहा था. मैंने कहा जब तूने सब देख ही लिया है तो मुझसे यह क्यों पूछ रहा है.
लकी कहने लगा तूने यह ठीक नहीं किया पहले मेरी इज्जत लूटी और अब मेरी मां की. मैंने कहा मैंने किसी की इज्जत नहीं लूटी तेरी मां ने मुझसे खुद अपनी चुदाई करवाई है तेरे बाप का लैंड दुबला पतला है जो तेरी मां की चूत की प्यास नहीं बुझ आता है. अगर मैंने प्यासे की प्यास बुझा दी तो इसमें क्या गलती की अगर मैं तेरी मां की प्यास नहीं बुझाता तो कोई और उसकी चूत मारता.
यह गलत है मैंने कहा कोई गलत नहीं है किसी की प्यास बुझा ना कभी गलत नहीं हो सकता. और मैंने उससे कहा तू ज्यादा क्यों चपड़ मत कर अगर तूने किसी से कुछ कहा तो मैं तेरा गांड मारते हुए वीडियो सबको दिखा दूंगा और सबको बता दूंगा कि तू गांडू लौंडा तू मेरे से रोज गांड मारता है हॉस्टल में मुझ से. “Mastaram Ki Hindi Kahani”
लंकी डर गया और कहने लगा तू यह बात किसी और से ना कहना मैं भी किसी से नहीं कहूंगा नहीं तो मेरी और मेरी मां की बहुत बदनामी हो जाएगी. मैंने उससे कहा मुझे तेरी मां की चुदाई करने से नहीं रोकेगा तो मैं किसी से नहीं कहूंगा. मेरी बात मान गया और मैं लकी की मां की चुदाई करता था जब तक मैं वापस हॉस्टल नहीं आ गया.