अन्धविश्वासी माँ को बाबा के कुटिया में पेला

हॅल्लो दोस्तो मेरा नाम अमित है और मै अभी २१ साल का हूं. ये मेरी पहेली कहानी है तो मुझसे अगर कोइ गलती हो जाए तो माफ कर दिजिए. अब मै कहानी पे आता हु. ये ‌‌‌‌कहानी 2 साल पहले कि है. ऊस वक्त मेरी ऊमर 19साल थी. Sexy Sundar Jism Kamukata

मेरी माँ का नाम निर्मला था. उनका फिगर कमाल कमाल है ,उनका रंग गोरा था ,उनकी साईझ 36,28,38 था जब वो चलती थी तो बहुत गांड मटकाके चलती थी. हम गाव मे रहते थे और मेरी माँ बहुत अंध विश्वसि थी. अचानक एक दिन पिताजी कि नोकरीं चाली गयी. और वो बहोत दुःखी थे.

क्योंकि हमारे पास गाओ मै जमीन भी बहुत कम् थी. तो पूरा परिवार का रोजी रोती पिताजी कि नोकरीं हि थी. अब वो दिनभर कुछ काम् नाही करते थे और बहूत् टेन्शन मे थे. तो मैने हि पास के गाओ मे एक दुकान पर् नोकरीं करणी सूरु करदि.

और माँ को सिलाई आत्ती थी तो वो घर मे औरतो के ब्लॉऊस सिल्ति थी. एक दिन मेरे पड़ोसी ने माँ को एक बाबा के बारे मे बताया. जैसा कि मैने आपको बोला था कि मेरी माँ बहुत अंध विश्वसि है. तो उन्होने तुरंत उसके पास जाने का फैसला किया और वो मुझे भी साथ ले गयि.

बाबा हमारे गाव के थोडी दुर ऐक कुटिआ मे रहता था. वो बहुत हट्टा कट्टा था. मै और माँ कुटी के अंदर. माँ ने उसे समस्या बाता दि. उसने कहा कि इस समस्या का हाल निकालाने के लिये एक महिना रात को माँ को आणा होगा. और स्वच्छ कर के एक कालि साडी मे आना होगा.

माँ ने हा कहा और अगले दिन मुझे लेकर और कालि साडी पेहन्कर् कुटी के पास आई. अंदर आने के बाद् बाबा ने कहा “बैठो बेटा माई और माँ बैठ गये ” माँ ने लाल साडी के अंदर ब्लॉऊस और पेटिकोते पहना था. बाबा गुस्सा हुए और बोलें कि ये सब निकाल कर आओ लेकिन माँ नै चुत के बाल साफ नाही किये थे.

तो बाबा बोलें कि स्वच्छ मतलब शरीर पे से सारे अन्छहे बाल हटा दो. आज पूजा नाही हो सक्ती पर मै तुम्हे कुछ विधी बाता देता हू तुम 8 बजे घर से आकार. यहा अपनी साडी निकालोगि और हवन कि राख मै तुम्हरे नंगे जिस्म पार लगाउगा फिर तुम नदी मे नहकर् 4 बजे नंगे हि घर जओगि वो भी एक महिना. और अपने बेटे के साथ आणा रोज.

माँ और मै बाबा के पास गये. माँ ने अपनी साडी खोली और मुझे भी बाबा ने नंगा होणे को कहा और बाबा खुद भी नंगा हो गया. माँ को देख कर मेरा लुंड खडा हो गया.बाबा ने अब माँ को हवन का भस्म लागणा सुरु किया माँ के चेहरे को फिए गार्डन को फिर बूब्स को फिर पेट को और जब उसने चुत मे लागाया तो माँ कि सिस्करि निकाल गयी.

फिर माँ के गांड के अंदर भी लागाया. उसके बाद बाबा ने बाता या कि ” तुम्हे नहाने के बाद धरती को साक्षी मान कर मुझसे और अपने बेटे से एक साथ शादि करणी होगी ” माँ बोलि ” पर !” बाबा ने माँ कि बात काटते हुए बोला ” ये दोष तुम्हारे पती के वजह से आया है इस् लिये तुम्हे उस्को छोड के मुझे और अपने बेटे को तन मन से अपना पती मानना होगा.”

मैं तो याही सुनकर खूष हो गया उसके बाद माँ नहाकर् आई और बाबा ने उन्सै पुच्छ कोण हो तुम माँ ने कहा ” मै आप दोनो कि पत्नी हूं” बाबा: ” कोण साक्षी है ?’ माँ : ” धरती ” बाबा ने कहा हम दोनो तुम्हे अपनी पत्नी स्विकार् करते है. आज हमारी सुहागरात है.

फिर माँ ने बाबा का 8 इंच मोटा लुंड छुस्ना सुरु किया.मैने माँ कि चुत चाट ना सूरु किया. उसके बाद माँ ने बाबा से कहा कि “पहले आप मेरा भोग ले ” बाबा ने कहा ” अवश्य” उसके बाद बाबा ने माँ को चोदना सुरु किया. माँ बाबा का लुंड सुरुवात मे सहन नाही कर पायी और बोली ” अराम से स्वामी जि मेरे पती का लुंड सैर्फ् 5 इंच बडा है उसासे बडा मैने कभी नाही लिया.

माँ कि सिस्करि निकाल राही थी : आह्हह्ह सामी जि चोद मुझे आह्ह्ह ” 15 मिनिटे बाद् सामी जि माँ कि चुत मे हि झड गये. अब मेरी बारी थी मेरा लड भी इंच लुम्बा और 3 इंच मोटा था मैने भी माँ कि 2 बार चूदाइ कि 30 दिन तक याही चला.

और फिर आखरी दिन स्वामी जि ने कहा “कि तुम अब्से सिर्फ तुम्हारे बेटे कि पत्नी हो ,और उसने मेरी और माँ कि शादी करदि फिर् उसने एक दवाइ दि और कहा कि इस से तुम्हा रा पती कभी तुम्हे नाही चोद पायेगा. और उसके बाद से माँ और मे आ त्जाक् पती पत्नी है.

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