मेरा नाम ललिता हैं , मैं 34 साल की विवाहित महिला हूँ और मैं रायपुर की रहने वाली हूँ , मेरी कद 5’7″ हैं और मेरी फिगर की साइज 38 34 40 हैं, दिखने में मैं गोरी नारी और कामुक हूँ। तो हुआ ये था की मैं दुर्गा पूजा के बाद अपने गाँव गई थी, अपने बेटे अनूप के साथ, वो अभी 10 साल का है और मेरे पति पंकज साथ नहीं आये थे, क्यों की उन्हें मुंबई जाना था। Desi Sexy Dream
और मेरा गाँव बहुत दूर हैं , तो हुआ ये था की मैं जिस दिन गाँव आई लोकल बस से तब ख़राब रस्ते के कारन मेरी पीठ में अकड़न सी हो गई थी , पर मैं सोची थी की ये अकड़न कुछ समय के लिए ही है । पर घर पहुंचने के बाद मैं उस अकड़न से मुक्त नहीं हो रही थी, तो मेरे घर में मेरे चाचा जी और मेरी छोटी चाची ही रहते हैं और उनका एक बेटा भी है, पर वो दिल्ली में है। तो मैं मेरी चाची को अपनी समस्या बताई, तो मेरी चाची मुझे बोली की.
चाची : गाँव में एक मालिश वाली है मैं उसे बुला दूंगी।
मैं : ठीक है चाची बुला दीजिएगा।
तो मेरी चाची गई थी उस मालिश वाली के घर, पर पता चला की वो कुछ जड़ीबूटी लेने गई है, आने में रात हो जाएगी, तो ऐसे में मैं उस मालिश वाली के घर पर ही मालिश करवाने की सोची। क्यों की मेरी अकड़न की वजह से मैं ठीक से झुक नहीं पा रही थी और ना ही बैठ पा रही थी, पर जैसे ही मेरी चाची को पता चला की मैं उस मालिश वाली के घर जाना चाहती हूँ तो वो मुझे बोली की,
चाची : पागल हो गई हो क्या? तुम उन लोगो के घर जाओगी।
मैं : क्यों क्या हुआ उसमें, कोई पाप तो नहीं कर रही ना मैं।
चाची : हम राजपूत है हम किसी नीचे जाती के लोगों के घर का पनि तक नहीं पिटे और तुम्हें उनके घर जाना है ।
अब मैं परेशां हो गई थी अपनी अकड़न से तो मैं रात में खाना खाई और अनूप को कमरे में सुलाने ले कर गई, अनूप बहुत जल्द सो गया, पर मुझे नींद कहाँ आती, इसीलिए मैं जाएगी हुई थी। तो मेरे चाचा मेरे कमरे पे आये और मुझसे पूछे की.
चाचा जी : ललिता बेटा तुम्हारी अकड़न ठीक हुई या नहीं?
मैं : नहीं चाचा जी, नहीं हुई है ठीक।
चाचा जी : तो तुम चली जाओ उस मालिश वाली के घर, यही एक रास्ता है ।
मैं : पर चाचा जी, चाची को पता चला तो गुस्सा करेगी ।
तो चाचा जी मुझे बोले की , वो अब नहीं उठेगी क्यों की वो नींद की गोली खा कर सोइ हुई है, और चाचा जी ने मुझे कुछ पैसे दिए और मुझे उस मालिश वाली के घर के बारे बताए। मेरे गाँव में लोग अक्सर 7–8 बजे तक सो जाते हैं, पर वो मालिश वाली देर रात तक जागती है और उसी के घर में रौशनी दीखती है, तो मैं नाईटी पहनी हुई ही निकल गई टॉर्च लाइट लेकर, उस समय रात के 8:30 बजे थे ।
तो मैं उस मालिश वाली के घर के पीछे से आ रही थी , उसी समय मुझे उस मालिश वाली के घर की खुली खिड़की से ठुकाई होते हुए दिखी , मैं ऐसा नज़ारा कभी नहीं देखि थी। मैं चुपके से उस खिड़की के पास आई और देखि, मैं देखि की , एक मर्द एक औरत के ऊपर चढ़ा हुआ है और उस औरत को ज़ालिम तरीके से चोद रहा है, गालियों के साथ, मैं तो बोखला ही गई थी ।
क्यों की उस आदमी का लंड, लंड कहूँ या अनाकोंडा बड़ा, मोटा था और टट्टों का क्या कहना एक दम मस्त चिकने थे और काला भी, तो मैं एक पल के लिए उन दोनों की चुदाई देखि रही और मेरी चूचियों की निप्पल शकत हो गई थी। मैं सोची की, ये मालिश वाली है? “Desi Sexy Dream”
मुझे तो ये मालिश वाली कम और रंडी बाज़ ज्यादा लगती है, तो मैं शायद चुदाई के आखरी पल में पहुंची थी और वो आदमी उस औरत की गांड में अपना मुठ झाड़ कर लेटा हुआ था। तो मैं सोची की अभी जाना ठीक रहेगा या नहीं, तो मैं सामने के दरवाज़े की तरफ गई तो एक बूढी औरत को देखि जो की कुछ जड़ीबूटी बना रही थी, तो मैं उनसे बोली की.
मैं : सुनिए दादी माँ, वो मैं मालिश करवाने के लिए आई हूँ।
बुढ़िया : ओह! अच्छा तुम किस घर की, छोरी हो?
तो मैं उन्हें बताई तो वो मेरे चाचा को अच्छे से जानती थी और तब मैं समझी की मालिश वाली तो ये बुढ़िया हैं, लेकिन मैं जिसे रंडी समझ रही थी वो रंडी ही थी और वो आदमी उस बुढ़िया का बेटा चन्दन था। तो उस बुढ़िया का एक अलग से मालिश वाला कमरा था और उस कमरे में लाइट नहीं था, बस एक लैंप था, तो बुढ़िया मुझे बोली की.
बुढ़िया : अपने सारे कपड़े उतर दो और लेट जाओ।
मैं : सारे कपड़े?
बुढ़िया : हाँ, तभी तो ठीक से मालिश करुँगी मैं ।
तो मैं अपनी नाईटी उतरी और फिर पेंटी और पूरी नंगी हो कर लेट गई, उसके बाद पता नहीं बुढ़िया ने कैसे इतनी जबरजस्त मालिश की, की मुझे नींद आने लगी थी और 20–25 मिनट के बाद मेरी मालिश हो गई थी। और मैं उस बुढ़िया को पैसे दी और घर के पीछे रस्ते से जाने लगी, तभी उस बुढ़िया का बेटा सामने से आ रहा था और वो सिर्फ एक पतला टॉवल में था, मेरी लाइट ठीक वहीं थी। वो कमीना मुझे देख मेरा रास्ता रोका और मुझे बोला की.
चन्दन : इतने रात गए किस्से मरवाने आई थी?
मैं : मालिश करवाने आई थी, अब हटो मेरे सामने से, कमीना कहीं का।
तो मैं धक्का दे कर जा ही रही थी की, ये चन्दन इतना कमीना था की, मुझे एक दम से दबोच लिया और मेरी चूचियों को पूरा मसल दिया ऊपर से मुझे चोदने जैसा धक्का दिया और भाग गया। मैं उसे उस समय कुछ नहीं बोली और पहले घर आई और नहाते समय मुझे कुछ अजीब–अजीब ख्याल आने लगे.
जैसे की उस रंडी औरत के जगह मैं होती और क्या होता अगर वो कमीना चन्दन जबरजस्ती चोदने लग जाता। नहाने के बाद मैं सोने गई और उस रात मुझे क्या मान किया मैं वापस से उस मालिश वाली के घर के तरफ जाने लगी और तभी रस्ते में मुझे चन्दन मिला और मुझसे पूछा. “Desi Sexy Dream”
चन्दन : कहाँ चली।
मैं : तुझे उससे क्या मतलब, चल हाट मेरे रस्ते से, कमीना कहीं का।
चन्दन गुस्से से मुझे फिर से दबोच लिया और इस बार चन्दन नीचे से मेरी नाईटी ऊपर उठा कर मेरी चूत में ऊँगली घुसा दिया और मैं सिसकने लगी.
मैं : ईईईसस…आह!…छोड़ मुझे कामीने।
चन्दन : क्या हुआ चोदी… तेरी तो आज मैं लेकर रहूंगा।
और चन्दन एक दम से मेरी नाईटी फाड़ डाला और चन्दन अपना टॉवल निकल फेंका और मुझे जबरजस्ती घुटनों पे ले आया और अपने गंदे महकते लंड को मेरी मुँह में रगड़ते हुए कहने लगा.
चन्दन : चूस मेरे चुदक्कड लंड को, चूस चोदी।
मैं : छी…छी…नहीं–नहीं, बदबू आ रही है।
पर चन्दन सुनता कहाँ और वो मेरी मुँह आखिर कर अपना लंड दाल दिया और मुझे बोला की.
चन्दन : अब चूस मेरे लंड को, अच्छी रंडी की तरह।
और मैं करती भी क्या, चन्दन के लंड को चूसने के सिवाए, मैं चन्दन के लंड को चूसने लगी.
मैं : उउममहह…उउउममम…उउममहह.
चन्दन : आह!… ईईईसस… आह!…क्या मस्त लंड चुस्ती है रे तू, उउफफफ…मज़ा आ रहा है, आह!…ईईईसस…चूस साली।
मैं चन्दन के लंड को इतना चूसी की, उसका लंड मेरी थूक से लटपट हो गया था और मुँह में दर्द भी हो रही थी, तब चन्दन ने मेरी मुँह से अपना लंड निकला और मुझे बोला.
चन्दन : आह!…ईईईसस…अब चाट मेरे टटों को।
मैं : क्या? छी…नहीं…इसे मैं नहीं चाटूँगी।
लेकिन तभी चन्दन मेरी बाल पकड़ कर मेरे चेहरे को अपने टटों पे रगड़ने लगा और मुझे कहने लगा.
चन्दन : चाट जल्दी, जल्दी चाट।
मैं : ठीक हैं…ठीक है…मैं चाटती हूँ, चाटती हूँ।
और मैं चाटने लगी, चूसने लगी चन्दन के टटों को और चन्दन मज़ा लेता रहा, और फिर चन्दन मुझे खड़ा किया और मेरी चूचियों को दबाते हुए, मसलते हुए कहा,
चन्दन : बहुत मोटी चूचियां हैं तेरी, बहुत दूध भरा है इसमें।
मैं : अअअहहह…ईईईसस…आह! कमीने अब छोड़ दे मुझे।
पर कमीना मेरी चूचियों को दबा कर चूसने, चाटने लगा और बहुत गंदा चाट रहा था चन्दन मेरी चूचियों को, पुरे थूक से लटपट हो गई थी मेरी चूचियां, फिर चन्दन मुझे घुमाया और कहा.
चन्दन : अब झुक जा चोदी ज़रा, तेरी चूत में लंड पेलना है मुझे।
मैं : नहीं…चन्दन…नहीं।
चन्दन : चुप कर लौड़ी, चल झुक।
और मैं मज़बूरी में झुक गई और फिर चन्दन मेरे पीछे बैठा और मेरी गांड में अपना मुँह लगाया तब मेरी मुँह से निकल आया.
मैं : उउफफफ…ईईईसस…ये क्या कर रहे हो चन्दन।
चन्दन : लललममम…उउउममम…उउमम…तेरी गांड चाट रहा हूँ , बहुत मस्त गांड जो है तेरी उउफफफ…और तेरी गांड की गंध…आहा।
चन्दन मेरी गांड चाट–चाट कर अपने थूक से मेरी गांड और चूत दोनों गिला कर दिया था और फिर चन्दन खड़ा हुआ और अपना लंड मेरी चूत में रगड़ते हुए आहिस्ता से एक झटके में घुसा दिया और मैं. “Desi Sexy Dream”
मैं : अअअहहह…चन्दन आराम से…ईईईसस…आराम से।
चन्दन : आज तेरी चूत का दिवाला निकल दूंगा लौड़ी।
और चन्दन मेरी कमर पकड़ के चूत में झटकों की बौछार करना शुरू कर दिया, मैं चींखती गई और चन्दन झटके पे झटके लगता गया, और मुझे कहने लगा.
चन्दन : मज़ा आ रहा है ना लौड़ी।
मैं : अअअहहह…दर्द हो रहा है,…अअअईई…आहिस्ता से चोदो ना।
लेकिन चन्दन सुनता कहाँ, मेरी चूत से पनि निकल रही थी और साथ ही मेरे पैर काँप रहे थे, चन्दन मेरी चूत मरते–मरते मेरी बाल को पकड़ा और फिर ज़ोरदार झटके देते हुए मुझे बोला.
चन्दन : रंडी है तू आज से , बोल है ना?
मैं : हाँ…हाँ.
और चन्दन मेरी चूत से लंड निकला और मेरी गांड में अपना गरम मुठ झाड़ दिया और फिर मैं दर्द के मारे वहीं बैठ गई और चन्दन मुझे अपने लंड को दुबारा चुसवाया। और मैं चूसी भी, और चन्दन चला गया, उसके जाने के बाद मुझे बहुत सुकून मिली और ये सब चन्दन के वजह से हुआ था। लेकिन तभी अलार्म बजी और मैं जाग गई, मैं असल में सपना देख रही थी और मुझे ये सब हकीकत जैसी लग रही थी, और मेरी चूत भी गीली हो गई थी।