मेरा नाम अंशु है। ये कहानी लॉकडाउन जब शुरू हुई थी तब कि है। दरअसल उस टाईम मै कॉलेज जाना शुरू ही किया था। मै 18 का हुआ था नया नया कॉलेज देखा था। मै काफी शर्मिला था। अब हुआ यूं कि मेरा घर शहर मे है और नानी घर गांव मे। ये कहानी नानी घर शुरू हुई तो वहीं ले चलता हूं आपको। Aunty Suck Dick XXX
वहां नाना, नानी दो मामा दो मामी और बड़े मामा के दो बच्चे रहते हैं। दोनो मामा बाहर रहते हैं। तो हुआ यूं कि नाना कि तबियत खराब थी तो मेरे पापा उनका ईलाज करवाने के लिए शहर ले आए और साथ मे नानी भी। अब बड़ी मामी के बच्चे जो दस ग्यारह साल के थे अपने नानी घर गए थे उनके मामा के बेटे का बर्थ डे था तो।
अब नानी घर पर सिर्फ दोनो मामी रह गई। जब जनता कर्फ्यू खत्म हो गया और बड़ा लॉकडोन लगने वाला था तो मुझे मेरी मम्मी नानी घर भेज दी। क्योंकि वहां सिर्फ दोनो मामी थीं। मेरा गांव मे आने का मन नही था लेकिन आना पड़ा। अब गांव आकर मेरा मन नही लग रहा था क्योंकि कोई था नही।
एक दिन मे ही मै बोर होने लगा लगता भाग जाऊं। दिन भर मोबाइल चलाता रहता। इसी मे मुझे सेक्स कहानी इंटरनेट पर मिल गई। अब मुझे दिन छोटा लगने लगा। मै सारा दिन सेक्स कहानी पढ़ने लगा इससे पहले मैने कभी कोई सेक्स कंटेंट नही देखा था। मुझे कुछ पता नही था। अब ब्लू फिल्म भी थोड़ा देख लेता लेकिन कहानी ज्यादा पढ़ता।
जब कहानी पढ़नी शुरू की तभी से एकान्त ढूंढने लगा क्योंकि घर मे मामी होती थी अगर गलती से कभी देख लेती तो संकट हो जाता। कमरे का दरवाजा बन्द करने मे मुझे शर्म आती थी कि पता नही क्या सोचेंगी। तब मै घर के बगल मे जो हमारा ही दालान था वहां चला जाता वहां एक खाट था छप्पड़ का बना था तो ठंडा भी रहता था और किसी के देखने का भी डर नही। सारा दिन कहानी पढ़ता सारी कहानी पढ़ डाली लगभग।
घर पर तो डर रहता कि कहीं पढ़ते पढ़ते नींद आ गई और मोबाइल ऑन रह गया और मामी ने देख लिया तो मरना तय है। इसलिए दालान बेस्ट था। कुछ पांच दिन बाद एक पड़ोस की लड़की आ गई दालान मे वो शादी शुदा थी और 24 साल की होगी अभी दिसम्बर मे ही शादी हुई थी और अपने मायके मे ही फंस गई थी लॉकडाउन मे।
बचपन मे जब नानी घर आता था तो उसके साथ खेलता था उसका नाम शीतल था। उसका भी मन नही लगता था तो वो इधर आ गई थी हम दोनो कुछ देर बात करते रहे। अब वो मोबाइल मे लूडो खेलने को कहने लगी हमने लूडो खेला कुछ देर मे उसके पति का फोन आ गया तो बात करते हुए चली गई।
अगले दिन दोपहर मे वो फिर आ गई हमने फिर लूडो खेला वो कुछ देर खेलते हुए ही अपने पति से बात करी और चली गई। अब लुडो खेलने मे मेरा बैटरी सारा डाउन हो जाता तो अगले दिन मै लूडो ही लेकर गया पासा वाला वो भी खुश हो गई कि हां ये वाला ही ठीक होता है।
हमने दो तीन बार लूडो खेला और चली गई। अगले दिन दोपहर मे जब आई तो एक बार हमने लूडो खेला फिर उसने मेरा मोबाइल मांगा उसे अपने पति को विडियो कॉल करना था और उसके पास सादा फोन था, मै उसे दे दिया। अब कुछ दिन ऐसा ही चला वो आती एक दो बार खेलती और अपने पति से वीडियो कॉल पर बात करती, जब उसे थोड़ी प्यार भरी बात करनी होती तो साईड चली जाती पेड़ों के तरफ जिधर आम अमरूद का बाग था।
एक बार जब वो घाघरा पहन कर आई थी और टांग फैला बैठी थी हम लूडो खेल रहे थे घाघरा घुटने तक सिमटा था। मैने जब पासा फेंका तो उसके घाघरे मे चला गया मै देने का इशारा किया तो वो मुस्काते हुए बोली निकाल लो। मै सीधा साधा लड़का हाथ डाला और ढूंढने लगा जिसमे मेरा हाथ उसकी चिकनी जांघों से लगा थोड़ा सा उसकी जांघों की जोड़ तक ऊंगली पहुंच गया अब पासा मिल गया तो निकाल लिया वो कटिली मुस्कान दी।
ऐसा मुस्कान वो हमेशा देती थी जब वो अपने पति से बात कर मोबाइल देने आती। अब एक दोपहर वो आई तो मै खाट पर सो रहा था क्योंकि पिछली रात मुझे एक लम्बी कहानी सीरीज मिल गई थी जिसे मै रात भर जाग कर पढ़ गया था। शीतल आई तो लूडो खेलने बोली तो मै बोला मुझे नींद आ रही है तो वो मेरा मोबाइल ले अपने पति से वीडियो कॉल करने लगी।
वो वहीं पर खाट से बगल मे ही बैठ बात कर रही थी कुछ देर इधर उधर कि बात करने के बाद उनकी बातें गरमा गरम होने लगी। जैसे कौन सी रंग की पैन्टी पहनी हो दिखाओ चूची थोड़ा सा दिखाओ। बुर दिखाओ। शीतल वहीं बैठ दिखा भी रही थी वो मुझे सोया हुआ समझ रही थी लेकिन मै जागा हुआ था मेरा दिमाग खराब हो गया था मेरे इतने पास मे लड़की अपने पति को अपनी बुर चूंची दिखा रही थी कभी आह की आवाज भी निकाल रही थी।
हालांकि मै देखा कुछ नही क्योंकि वो मेरे पीठ के साईड थी और मेरे हिलने से भी उसे पता चल जाता कि मै जगा हुआ हूं। अब कुछ देर बात कर वो फोन रख चली गई उसके जाने के बाद मै उठा मेरा लन्ड पत्थर हो गया था और प्रीकम बहा रहा था। मै कहानी तो पढ़ चूका था बहुत लेकिन मुझे मुठ मारना नही आया था अभी तक ना कभी लन्ड सहलाया था।
यूं कहिए मेरा स्पर्म उस टाईम तक कभी नही निकला था शायद रात मे कभी निकल गया हो और पता ना चला हो तो उसकी बात अलग है। अगले दोपहर जब शीतल आई तो हमने थोड़ी देर लूडो खेला वो मोबाइल ले वीडियो कॉल करने बाग मे चली गई मै खाट पर लेट गया। कुछ देर मे वो भागते हुई आई।
मै: क्या हुआ।
शीतल: आह, उधर पेड़ के नीचे बैठी थी देख ना घाघरे मे चींटी घुस गया काट रहा है।
वो मेरे सामने ही घाट पर बैठ गई और अपनी पैन्टी उतार दी और टांगे खोल दी मेरे सामने उसकी बुर थी हल्के बाल थे।
शीतल: आह देख ना चींटी निकाल ना।
मै नीचे बैठ गया सच मे लाल वाली चींटी थी कुछ।
शीतल: आह निकाल ना।
वो अपनी बुर पर से चींटी हटाने लगी मै भी हटाने लगा एक दो बाल मे से निकाला एक दो जांघ पर से एक तो उसकी बुर के होंठों के अंदर चिपक गया था उसे निकाला एक दम गुलाबी बुर थी। मै पहली बार बुर देख रहा था असली मे वो भी इतने करीब से और ना सिर्फ देख रहा था छू भी रहा था।
शीतल: आह बहुत लहर रहा है!
मै:(फूंक मारते हुए) अब नही है कुछ देर मे ठीक हो जाएगा।
मै उसके बुर को छूए ही जा रहा था बार बार वो देखने लगी तो मै ध्यान हटाने के लिए उसकी पैन्टी उठा लिया और उसमे देखने लगा उसमे भी दो चार निकाला।
मै: पैन्टी मे तो अब नही है शायद।
शीतल: आह तुम इसको छोड़ो इधर देखो ना लहर रहा है।
वो मेरे से पैन्टी ले मेरा हाथ अपनी खुली बुर पर रख दी मै भी अब जहां तहां लाल हो गया था उसे सहलाने लगा और बुर को जी भर कर देखने लगा।
शीतल: क्या देख रहे हो?
मै: कुछ नही बस तुम्हारी सूसू कितनी गोरी है।
मै हड़बड़ाहट मे बोल दिया।
शीतल: तुम्हारी काली है क्या?
मै: हां!
शीतल: दिखाओ:!
मै थोड़ा शर्माते हुए पैंट हटाया और लन्ड दिखा दिया जो एकदम खड़ा था।
जिस तरह के हालात हमारे बीच बन गए थे मै शर्मीला लड़का हो कर भी दिखा दिया और तुरन्त ढक भी लिया।
शीतल: ये तो सच मे काला है।
वो शायद अच्छे से देखी नही क्यूंकि मै जल्दी ही अंदर कर लिया था।
मै: तुम्हारी कैसे इतनी गोरी है।
अब वो अपनी टांग मोड़ घाघरा नीचे कर ली थी।
शीतल: (हंसते हुए) फेयर लवली नही लगाते क्या?
मै: नही, मेरे पास है भी नही?
शीतल: अच्छा कल मै दे दूंगी। लगा लेना।
मै: कुछ इन्फेक्शन तो नही होगा ना?
शीतल:(हंसते हुए) कल तुम आना मै बता दूंगी और हां वहां बाल हटा लेना तो लगाने मे आसानी होगी।
मै: ठीक है।
वो हंसते हुए चली गई। मै तो चुदाई का सामने से न्यौता समझ गया था बहुत खुश था मै रात मेरे लिए काटनी मुश्किल हो गई। अब अगली सुबह मै उठा। मै छोटे मामा के कमरे मे रेजर खोजने गया थोड़ी देर मे मुझे मिला, बाथरूम मे जा नीचे के सारे बाल साफ कर लिए। अब खाना खा दोपहर का इंतजार करने लगा।
मै जाने से पहले सोचा अगर वो फेयर लवली नही लाई तो मेरा तो प्लान कैंसल हो जाएगा तो मै छोटी मामी के ड्रेसिंग से फेयर लवली उठा लिया मामी उस टाईम बाथरुम मे थीं। मै दालान मे आ गया और इन्तजार करते हुए कहानी पढ़ने लगा। थोड़ी देर मे शीतल आ गई। हमने कुछ देर ही बात करी आज वो साड़ी पहन कर आई थी और माल लग रही थी सुन्दर तो वो थी। जब इधर उधर कि बात कर लगा कि अब मुद्दे पर आना चाहिए तो मै बोला।
मै: तुम क्रीम लाई हो मै भी ले आया हुं।
शीतल: हां लाई हूं मै।
मै: तो बताओ कैसे लगाते हैं?
शीतल तो पैंट पूरा उतार दो।
मै जल्दी से उतार दिया मेरा कड़क खड़ा लन्ड उसके सामने था उसकी आंखें खुली की खुली रह गई।
शीतल: ऐसा करो मै तुम्हें लगा देती हूं तुम मेरे मे लगा देना।
मै: ठीक है।
अब हम दोनो ही खाट पर टांगे फैला बैठ गए वो साड़ी उठा पैन्टी उतार दी थी उसने भी बुर को चिकना कर रखा था। मै उसके हाथ और मेरे हाथ मे क्रीम लिया। मै सीधा उसके बुर पर लगाने लगा।
शीतल: जांघों पर पहले लगाओ।
मै उसकी चिकनी जांघ पर लगाने लगा वो मेरे लन्ड पर लगाने लगी मेरा लन्ड सहला सहला लगा रही थी धीरे से मेरा स्कीन नीचे करने वाली थी जो मैने कभी करी नही थी तो मेरी आह निकल गई। मै अब उसकी बुर पर क्रीम लगाने लगा वो धीरे धीरे सावधानी से मेरे लन्ड का स्किन नीचे कर दी मेरे लन्ड मे उजला उजला कुछ लगा था जिसे वो अपनी पैन्टी से साफ करने लगी मेरा रोम रोम सिहर रहा था मेरी सिसकी निकल रही थी वो मुस्काते हुए अपने होंठ काटते हुए मेरे लन्ड से वो सफेद पदार्थ हटा दी।
अब वो स्कीन वापस ऊपर करी और क्रीम लगाने लगी दोनों हाथों से उसकी हाथों मे चूड़ियां आवाज कर रही थी जो बहुत महोरम लग रहा था। मै उसकी बुर को सब जगह छु चुका था अब बुर मे ऊंगली घुसाने की सोच ही रहा था। की तभी पीछे से आवाज आई क्या हो रहा है इधर? मै डर कर पीछे देखा छोटी मामी खड़ी थी गुस्से मे। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: क्या कर रहे हो तुम दोनो?
मै जल्दी से उठा और पैंट पहना शीतल भी उठ कर साड़ी सही करी।
छोटी मामी: तुमको तो चलो मै घर पर बताती हूं।
मै जल्दी से भागा घर की तरफ, अभी दरवाजे से बाहर भी नही गया था कि याद आया कि मेरा मोबाइल छूट गया है तो लेने आने लगा।
तभी मै मामी की गुस्से वाली आवाज सुन बाहर ही रुक गया और उनकी बात सुनने लगा।
छोटी मामी: क्या कर रही थी तू रण्डी साली?
मे मामी के मूंह से गाली सुन डर गया था छोटी मामी को इतना गुस्सा करते कभी देखा नही था।
शीतल: कुछ नही भाभी वो बस,,,,….
छोटी मामी: क्या बस साली, मेरे घर के लड़के को बिगाड़ेगी तो अच्छा नही होगा।
शीतल: अरे नही भाभी वो मै,,,,
छोटी मामी: चुप कर छीनाल कहीं की कुत्ति,।
शीतल: अरे भाभी आप तो बेकार ही ज्यादा गुस्सा कर रही हो।
छोटी मामी: रण्डी वाली मै तो सिर्फ गुस्सा कर रही हूं और अगर यही सब भाभी को बता दूंगी ना तो यहीं गली के चौराहे पर तूझे टंगड़ी कर देंगी, जानती है ना उनको।
शीतल: सॉरी भाभी प्लीज किसी को मत बताना।
मै छोटी मामी को इतने गुस्से मे देख डर गया था वो नई नवेली थीं एक साल शादी को हुआ होगा कभी गुस्सा नही करती थीं उन्हे गुस्से मे देख मै समझ गया कि भारी गलती हो गई है मै डर से वहां से भागा और घर पर रूम मे आ लेट गया। कुछ देर बाद छोटी मामी घर पर आई मै अपने कमरे से पर्दे के पीछे से छुपकर देख रहा था कि वो क्या करती हैं कहीं बड़ी मामी को बता तो नही देंगी।
वो हॉल मे आई और मेरा मोबाइल टेबल पर रखा और अपने कमरे मे चली गई बड़ी मामी अपने कमरे मे सो रही थीं। मेरी हिम्मत नही हो रही थी अपना मोबाइल टेबल से उठा कर लाने की मै अपने कमरे मे ही लेटा रहा कुछ देर मे हॉल मे खटपट की आवाज आने लगी मै चुपके से देखने लगा बड़ी मामी उठ गई थीं और कुछ काम करने लगी थी अब छोटी मामी कमरे से बाहर निकली मै डर कर बेड पर लेट गया की अब तो वो बता देंगी।
मै बहुत देर तक कमरे से बाहर नही गया शाम होने लगी थी। मुझे थोड़ा सा तो अंदाजा था कि छोटी मामी किसी को नही कहेंगी और ना मुझे डांटेंगी, क्यूंकि उन्हें पता था कि मै रोने लगूंगा और भाग भी जाऊंगा। जब शाम ज्यादा हो गई और मै कमरे से नही निकला तो छोटी मामी कमरे मे आई लाइट जलाई। मै लेटा रहा मेरी हार्ट रेट बढ़ गई थी। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी:(बेड पर बैठते हुए) चलो उठो बाहर निकलो, किसी को नही बताई हूं। लेकीन याद रहे आगे से ऐसा कुछ किए ना तो भाभी तो छोड़ो मै ही जान ले लूंगी तेरी।
मै चुप चाप लेटा रहा।
छोटी मामी: जो तुम कर रहे थे कोई और देख लेता तो पता है क्या होता अभी।
इतना बोल वो चली गई मै भी उठा और बाथरुम मे चला गया और सोचने लगा कि सही मे अगर कोई और देख लेता तो गजब हो जाता , कोई गेट तो था नही सिर्फ छपड़ की कुटिया है। मेरी इज्जत की तो छोड़ो दोनो मामी का क्या होता। हवस मेरे दिमाग मे चढ़ गया था।
ये सोच मै रोने लगा और सावर ऑन कर नहाया और बाहर आ गया। अब मै अपनी मामियों के बारे मे बता देता हूं। बड़ी मामी की उम्र 33 होगी 13 साल उनकी शादी को हो गए थे वो अच्छी थीं उतनी ही कड़क मिजाज की सब उनसे डरते थे यूं समझो घर की मालकिन थी और मोहल्ले वाले कांपते थे उनसे।
मै तो उनसे इतना शर्माता था कि कभी उनके चेहरे को गौर से नही देखा था और नाम भी नही जानता था मुझे उनके सामने जाने या ज्यादा देर रहने मे अच्छा नही लगता था लेकिन थी बहुत सुन्दर और नेचर भी अच्छा था। छोटी मामी की शादी एक साल पहले हुई थी वो 24 साल की होंगी. “Aunty Suck Dick XXX”
उनका नेचर बहुत सॉफ्ट था सबसे मजाक मस्ती करती रहतीं थीं बहुत बातूनी थीं मेरे से अच्छी बनती थी उनकी मेरे से मजाक मस्ती चलती रहती थी लेकिन सिर्फ उनके तरफ से मै बस शर्मा कर भाग जाता था। और इस बार तो मै कहानी पढ़ने मे ही बीजी रहता तो शाम को आता तो वो छेड़ती जरुर। अब रात को खाना खा रहे थे तीनो, रोज खाना छोटी मामी मेरे साथ खाती थीं लेकिन आज अलग खा रहीं थीं।
बड़ी मामी: का बात बा आज सब चुप ह ना कोई उछला कूदी।
दरअसल हर रोज खाने से लेकर सोने तक छोटी मामी मुझे छेड़ते रहती थीं।
बड़ी मामी: का बाबू आज दो बार नहाए तबियत तो ठीक बा!
मै: हूं!
छोटी मामी: गन्दा नाली मे हाथ डालने रहले होई ता नहा लिहेले।
कुछ देर बाद मै सोने आ गया लेकिन ध्यान मेरा बाहर ही था क्योंकि वो दोनो अभी सोई नही थीं। अब अगले दिन से छोटी मामी वापस मजाक मस्ती करने लगी थी लेकिन दो तीन दिन तक मै कुछ नही बोलता था डर के मारे और ना कमरे से बाहर निकलता था। अब मुझे पक्का विश्वास हो गया कि वो किसी को नही बताएंगी। अब मेरा कहानी पढ़ने का मन होने लगा था जो कि तीन दिन से मै नही पढ़ा था। अब दोपहर को दालान मे जाने लगा तो छोटी मामी टोक दी। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: कहां जात बाड़ा,!
मै कमरे मे चला गया।
अगले दिन उनके कमरे मे जाने के बाद धीरे धीरे जाकर दरवाजा खोलने लगा तभी वो आ गई।
छोटी मामी: कहां जात बाड़ा, शीतल के बुर चाटे! बड़ा जवानी फुटत बा ब्याह करा दी?
मै डर कर कमरे मे वापस आ गया। अब कमरे मे ही कभी कभी ध्यान से कहानी पढ़ने लगा और नींद आने से पहले मोबाइल बन्द कर देता। क्योंकि मामी बाहर जाने नही दे रहीं थीं। फिर भी किसी ना किसी दोपहर को दालान मे चला जाता था और छोटी मामी के जागने से पहले आ जाता।
अब छोटी मामी ज्यादा मजाक करने लगी थी थोड़ा फिजकल भी जैसे कभी नहा कर आता तो टॉवल खींचने कि कोशिश वाला मजाक या कभी रबर वाला पैंट पहना होता तो खींच देती जिससे मै जांघिया मे हो जाता या कभी गाल पर चूमा लेने वाला वो भी जबरदस्ती।
मै बचने की कोशिश करता और बस शरमा कर रह जाता ये सब वो बड़ी मामी के सामने ही कर देती थीं दरअसल ये सब वो पहले भी मेरे साथ करती थीं। मै बस बड़ी मामी से शिकायत करने लगता बड़ी मामी उन्हें मना करती लेकिन वो फिर करती। अब तो कभी कभी अकेले मे मेरे चूतड पर हाथ मार देती और कभी लन्ड की तरफ भी हाथ बढ़ा देती थीं।
बस इतना ही नही अब तो अपनी भी अकेले मे कहती कि क्या देखेगा मेरी और घुटने तक साड़ी उठा देती। एक शाम मै सोफे पर बैठ मोबाइल चला रहा था। बड़ी मामी किचेन मे थीं छोटी मामी मेरा मोबाइल ले ली मै मांगने लगा तो अपनी ब्लाउज मे डाल ली। “Aunty Suck Dick XXX”
मै: मोबाईल दो ना मामी.
छोटी मामी: का दिन भर मोबाइल मे देखेलू?
मै: दे दो ना, प्लीज?
छोटी मामी: ना ना देब?
मै उनके हाथ से लेने के लिए उठा तो थोड़ी देर इधर उधर करने के बाद वो ब्लाउज मे डाल ली।
छोटी मामी: ल ले ल अब!
मै: प्लीज।
छोटी मामी: ले ल सामने तो बा!
मै:(बड़ी मामी को बोलते हुए) मामी मेरा मोबाइल ले ली हैं और नही दे रहीं हैं।
बड़ी मामी:(किचेन से ही) दे दो बाबू को परेशान मत करो!
छोटी मामी : सामने तो बा भाभी ई लेते ही नईख बडन.
मै:(धीरे से) ठीक है मत दो रखे रहो वहीं जब चार्ज हो जाए तो दे देना।
मै एक ही सांस मे बोल दिया और हल्की मुस्कान के साथ रिमोट उठा टीवी चालू कर दिया। छोटी मामी मेरी तरफ देख रही थीं मुस्कुरा रही थीं।
छोटी मामी: जवान हो गइल ह व्याह करवावे पड़ी तोहार।
मै मूंह चिड़ा मुस्कुराता रहा। वो उठी और मेरा गाल खींचते हुए किचेन मे चली गई। अब खाना खाते टाईम। छोटी मामी अक्सर मेरे मूंह मे निवाला डालने लगती थी मै इधर उधर हो जाता था।
छोटी मामी: भाभी अगला साल इनका ब्याह करा देवे के, बहुत जवानी फुटत बा!
बड़ी मामी: धत अभी तो बच्चा है ये.
छोटी मामी: अरे भाभी अभी इनकर हाथ कोई लड़की लग जाई त ई बच्चा कर दिहें। तोहरा बुझाते नईखे।
बड़ी मामी: हट पागल कुछ भी बकती है।
मै उठ कर जाने लगा तो छोटी मामी मेरा हाथ पकड़ ली और गाल पर काटने की कोशिश करने लगी।
छोटी मामी: देख ना शर्मात बडन,।
बड़ी मामी: छोड़ द बाबू के परेशान मत करा।
छोटी मामी ने छोड़ा नही सोफे पर बैठा लिया और मेरा गाल सहलाने लगी तो मै अपना सर अपनी गोद मे छुपाने लगा।
छोटी मामी: अब कहां बच के जयबा।
बड़ी मामी: एतना काहे शरमाते हो बाबू,।
मै: अरे ये परेशान कर रही हैं!
बड़ी मामी: तो तू हूं परेशान कर द इकरा कभी।
ऐसे ही हंसी मजाक करते हुए कुछ दिन कटने लगे अब मै भी जब अकेले मे वो छेड़ती तो कमर पर चूंटी कांट लेता अब तो एक दिन जब वो मेरा मोबाइल चोली मे डाली तो मै हाथ डाल निकाल लिया। शाम को जब बैठे थे हम दोनो रोज की तरह अकेले और बड़ी मामी किचेन मे थीं तो वो मेरा मोबाइल ले चोली मे डाल ली मै एक बार भी नही बोला और सीधा हाथ डाल निकाल लिया। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: (मजाक मे मारते हुए) इतनी हिम्मत तेरी,।
दोनो हंस रहे थे।
मै: इतना बड़ा मोबाइल ऊपर ही तो था तो निकाल लिया अब कभी नही लोगी हो गया ना पोपट।
ये बोलते हुए मै अपना इयरबड गाना सुनने के लिए उठाया तो उन्होंने ले लिया और वापस चोली मे अंदर डाल ली।
छोटी मामी: लो अब निकाल लो?
मै: ठीक है रखे रहो चार्ज भी हो जाएगा।
छोटी मामी: बदमाश हो गया है तू अब।
कुछ देर मे वो किचेन मे चली गई। अब एक सुबह मै नहाया तो मेरा कच्छा थोड़ा गिला था तो मै टॉवल मे ही कुछ देर बैठा रहा, खाना निकाल दिया बड़ी मामी ने तो खा भी रहा था छोटी मामी कुछ और चाहिए पूछने आई। शायद मेरा लिंग टॉवल मे बैठे होने की वजह से थोड़ा दिख रहा था मेरा ध्यान खाने पर था क्योंकि मछली खा रहा था जमीन पर बैठ कर। इतने मे छोटी मामी ने हाथ बढ़ा लिंग पकड़ा गया स्कीन को पीछे कर दिया मेरा सुपाड़ा बाहर था और फूल कर कुप्पा होने लगा मेरी आह निकल गई।
बड़ी मामी:(किचेन से ही) क्या हुआ?
छोटी मामी:(हंसते हुए) कुछ नही भाभी कांटा गले मे अटक गया।
छोटी मामी किचेन मे चली गई ऊपर से बड़ी मामी बाहर देखने आ गई, मैने जल्दी से लन्ड को हाथ से दवाया टॉवल मे ही।
बड़ी मामी: कांटा फंस गया और तू हंस रही है पानी दे उसे। ध्यान से खाया करो बाबू।
मेरी हालत खराब थी सुपाड़े पर खुरदुरा टॉवल छुने से जलन हो रही थी और स्कीन भी आगे नही हो रहा था ऊपर से बड़ी मामी सामने आ गई थी।
बड़ी मामी: सुखा चावल खा, रूक मै लाती हूं।
वो दौड़ कर चावल यानि भात लाने गई मै इधर लन्ड को टॉवेल के ऊपर से ही दबा कर स्कीन आगे करने की कोशिश कर रहा था लेकिन हो ही नही रहा था। मामी चावल लाई जिसे मै खाने लगा। कांटा बांटा तो फंसा नही था। तो तुरंत बोला की अब ठीक है ताकि मामी जाएं तो मै बाथरुम मे जाऊं।
मामी गई तो मै खाना छोड़ बाथरुम भागा और लन्ड पर ठंडा पानी डाल उसे सही किया। आज तो छोटी मामी ने गन्दा वाला मजाक कर दिया था इसका बदला मै लेने की सोचने लगा और जान बूझकर दालान मे चला गया क्योंकि वो मना करती थीं इसलिए। अब उधर जा कहानी पढ़ने लगा खाट पर लेट कुछ देर मे सूसू लगा तो उधर ही दीवाल किनारे करने चला गया।
घर मे जब नॉनवेज बनता था तो चूल्हे पर बनता था लकड़ी या उपले से घर से पीछे वाले मे जो घर से ही लगा हुआ था और ऊपर से खुला हुआ था उधर ही बर्तन धुलेते थे और उसी के दाई ओर दालान था। जहां बर्तन धुलता था वो दालान के बगल मे ही था जो 5 ईंच दीवाल से पार्टीशन करा हुआ था। “Aunty Suck Dick XXX”
अब दीवाल के एक साईड मै सुसु कर के पीछे हुआ ही था कि घर के तरफ से छेद से मामी का हाथ इधर आया जो नीचे गिरे साबुन को उठाने की कोशिश कर रहा था। मै झट से मजाक मे अपना लन्ड हाथ की ओर बढ़ा दिया मुझे लगा कि छोटी मामी से थोड़ा मजाक कर लेता हूं।
अब जैसे ही उस हाथ ने मेरे लन्ड को छुआ उधर से बड़ी मामी चिल्लाई कौन है उधर। मै डर गया और छिप गया। ये क्या हो गया ये तो बड़ी मामी थीं डर से मेरी हालत खराब हो गई लेकिन दिमाग काम करना बन्द नही हुआ। मै जानता था कि मामी इधर आएंगी तुरन्त और अगर मै इधर से घर जाता हुं तो रास्ते मे ही पकड़ा जाऊंगा जल्दी से मै दीवाल पर चढ़ा और घर के तरफ कूद अपने कमरे मे लेट गया।
मेरी धड़कन बढ़ी हुई थी। अच्छा था कि कोई मुझे कमरे मे आते देखा नही बड़ी मामी गाली बकते बाहर गई दालान मे और छोटी मामी शायद नहा रही थीं। कुछ देर मे बड़ी मामी घर आई वी बाहर से दरवाजा खोल कर आई थी यानि जाते टाईम लगा कर गई थी। अच्छा हुआ मै अंदर आ गया। बड़ी मामी गुस्से से घर मे आई मै कमरे से पर्दे के पीछे से देख रहा था। छोटी मामी उनकी गाली देते सुन बाथरुम से बाहर आई।
छोटी मामी: क्या हुआ?
बड़ी मामी गाली बकते हुए गुस्सा करते हुए उन्हें बताई की किसी ने कुछ गन्दा पकड़ा दिया उन्हें अपने दालान के तरफ से। छोटी मामी ने उनका गुस्सा शान्त कराया और नहाने बाथरूम भेजा। छोटी मामी मेरे कमरे की तरफ आने लगी मै जल्दी से लेट गया और सोने कि एक्टिंग करने लगा मेरी धड़कन बढ़ी हुई थी वो मेरे बेड के नजदीक आ जायजा ली। मेरे शरीर को छू कर देखा डर से पसीना भी आ रहा था। अब वो चली गई।
अब रात को खाना खा मै जल्दी से कमरे मे आ गया और एक दो स्टोरी पढ़ने लगा चुपके से। बड़ी मामी का पारा अभी भी चढ़ा था छोटी मामी उनका सर दबा रही थीं मुझे उनके बात करने की आवाज आई तो मै पर्दे से छुपकर देखने लगा क्योंकि वो दोनो वापस उसी टॉपिक पर बात करने लगी थी। “Aunty Suck Dick XXX”
बड़ी मामी: किसकी इतनी हिम्मत हो गई madarchod की।
छोटी मामी: अगर पता चल गया तो क्या करेगी?
बड़ी मामी: जान मार दूंगी तू जानती नही है मुझे।
छोटी मामी: किसी पर शक है कौन हो सकता है?
बड़ी मामी: अरे देखी ही तो नही मै! तो शक किसके करूं?
छोटी मामी: अच्छा था कैसा!
बड़ी मामी: क्या, कैसा था?
छोटी मामी: वही जो आपने पकड़ा था, लिंग!
बड़ी मामी: तू ये क्या पूछ रही है?
छोटी मामी: अरे बताओ ना तभी तो पता चलेगा?
बड़ी मामी: पता कैसे चलेगा तूने क्या यहां सबका देख रखा है!
छोटी मामी:(हंसते हुए) धत, लेकिन बताओ तो कैसा था!
बड़ी मामी: मै देखी तो नही अच्छे से लेकिन था बहुत मोटा, भारी और काला भी था शायद।
छोटी मामी: और:?
बड़ी मामी: और क्या, और?.
छोटी मामी: जैसा आप बता रहीं हैं वैसा मै देखी हूं कहीं।
बड़ी मामी:(हंसते हुए) पागल कहां देखी है?
छोटी मामी: मुझे इसपर शक भी है?
बड़ी मामी: कौन है वो!
छोटी मामी: अंशु हो सकता है क्या?
मेरी उनकी बात सुन हालत खराब हो गई कि ये छोटी मामी क्या कर रही हैं लेकिन अंदर ही अंदर पता था कि बड़ी मामी उनकी बात पर यकिन नही करेंगी।
बड़ी मामी: क्या बक रही है, वो ऐसा नही कर सकता।
छोटी मामी: अच्छा चलो रूम मे खुद देख लेना।
बड़ी मामी पागल है क्या?
बड़ी मामी को वो कैसे भी मना कर मेरे रूम कि तरफ आने लगी तो मै सीधा लेट गया अपनी सांसों को कंट्रोल कर। वो दोनो अंधेरे कमरे मे फुसफुसाते हुई आई छोटी मामी मोबाइल का फ्लैस ऑन कर मेरा पैंट नीचे करी और मेरा मोटा लन्ड बड़ी मामी को दिखाते हुए फुसफुसाई।
छोटी मामी: देखिए यहीं था ना!
बड़ी मामी: कितनी गन्दी है तू पकड़ मत जग गया तो क्या सोचेगा।
बड़ी मामी बाहर चली गई तो छोटी मामी भी पैंट सही कर बाहर चली गई। मै वापस से पर्दे से दिखने लगा!
छोटी मामी: क्या हुआ देखी ना।
बड़ी मामी: पागल क्या करवा रही है मुझसे?
छोटी मामी: अरे बताओ ना यहीं था ना!
बड़ी मामी: ऐसे कैसे कह सकती हूं। देखी थोड़े थी।
छोटी मामी: अच्छा चलो छू कर देख कर बताओ पता चल जाएगा।
बड़ी मामी:(शरमा गई) गन्दी लड़की क्या छूने को बोल रही है।
छोटी मामी उनका हाथ पकड़ उठाने लगी लेकिन इस बार वो उनकी नही सुनी और अपने कमरे मे भाग गई पीछे पीछे छोटी मामी भी गई वो दोनो रात मे एक ही कमरे मे सोती थी। मै सोने जाने लगा लेकिन फिर सोचा थोड़ा और सुना जाए दोनो अभी भी बात तो नही कर रही। मै हॉल से होते हुए उनके कमरे के दरवाजे पर आ गया जो खुला ही रहता था और पर्दा लगा था। कमरे मे अंधेरा था शायद दोनो लेटी थी। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: मुझे तो अब 100% हो गया है कि यहीं होगा।
बड़ी मामी: वो कैसे हो सकता है वो तो कमरे मे सो रहा था।
छोटी मामी: हो सकता है दीवाल कूद कर आ गया हो जब आप बाहर जा रही थीं।
बड़ी मामी: ना इतना ऊंचा दीवाल उससे कूदा नही जाएगा। तु कुछ भी मत बोल और मुझे पता है वो ऐसा नही कर सकता। अब चुप चाप सो जा।
छोटी मामी: अरे सुनो तो, जब मै उसके कमरे मे गई आपके नहाने जाने के बाद तो उसकी धड़कन तेज चल रही थी। वो सोने कि एक्टिंग कर रहा था लेकिन जगा था। एक बार उसका छू कर देख लो तो कन्फर्म हो जाएगा आपको की ये वहीं था।
बड़ी मामी: बकबक बन्द कर अब मुझे जानना ही नही है कौन था।
उनकी बात खत्म हुई तो मै भी आ कर सो गया इतना तो मै जानता था कि बड़ी मामी मुझ पर शक नही कर सकती लेकिन ये छोटी मामी मेरे खिलाफ उन्हे भड़का क्यों रही थी मुझे समझ नही आ रहा था। गुस्सा तो छोटी मामी पर आ रहा था लेकिन अनजान बनने के सिवा कोई और रास्ता नहीं था। अब अगली रात को भी मै अपने कमरे मे सोने आ गया तो वो दोनो सोफे पर बैठ गई छोटी मामी उनका पीठ दबा रही थीं और वापस उसी टॉपिक पर बात करने लगी।
छोटी मामी: अब भाभी पक्का विश्वास हो गया है कि अंशु ही था।
बड़ी मामी: कैसे?
छोटी मामी: अभी जब कुछ देर पहले उसके हाथ पैर मे तेल लगा रही थी तो देखी कि हाथ, पैर और घुटना कहीं कही हल्का छिला हुआ था। पक्का दीवाल फांदते हुए ही छिलाया होगा।
अब मै समझा कि आज मुझे तेल लगाने के लिए ज़िद क्यों कर रही थीं। मेरी तो हालत पतली हो गई।
बड़ी मामी: हट तू झूठ बोल रही है। मुझे तेरी बात पर रद्दी भी यकिन नही है।
छोटी मामी:(हंसते हुए)ओए होए आपकी मुस्कान बता रही है कि आपको यकिन है लेकिन भांजे को कुछ कह नही सकती या उसका लिंग पसन्द आ गया।
बड़ी मामी:(शरमाते हुए) अच्छा ठीक है मान ली तेरी बात, और भानजे ने ही पकड़ाया ना क्या हो गया।
छोटी मामी: अब चलो तो एक बार पकड़ कर कंफर्म कर लो।
बड़ी मामी: पागल तू जा पकड़।
दोनो हंसने लगी। मै पर्दे के पीछे से सुन रहा था सब अब मुझे थोड़ी बेचैनी थी कि बड़ी मामी क्या सोच रही होगी कि मै कैसा लड़का हुं।
बड़ी मामी: अच्छा एक बात सुन ले उसे पता नही चलना चाहिए ये सब।
छोटी मामी: ठीक है।
अब मै थोड़ा नॉर्मल हो गया था जबकि बड़ी मामी कुछ भी जाता नही रही थीं और वैसे भी मै उनके सामने कम ही बैठता बस जब बोल देती कभी तो ही बैठता। छोटी मामी से मजाक मस्ती भी चल रही थी। अब कहानी पढ़े भी तीन दिन हो गए तो चुपके से दालान मे जाने लगा था एक दोपहर छोटी मामी ने देखा कि घर पर मै नही हूं वो दालान मे आ गई खैर मुझे नींद आ गई थी और मोबाईल बन्द था तो मुझे बुला अंदर ले गई। अब अगले दिन जब खाना खा मै कमरे मे जाने लगा तो। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: कहां जा रहे हो?.
मै: सोने जा रहा हूं।
छोटी मामी: मेरे कमरे मे जाओ बहुत देख रही हूं आजकल दालान मे जा रहे हो। शीतल को बुलाते हो क्या या फोन पर बात करते हो।
मै चुप चाप उनके कमरे मे जा लेट गया। कुछ देर बाद वो नहा कर आई कमरे का लाइट ऑन करी मुझे सोता देख कपड़े पहनने लगीं मै देख सकता था लेकिन आंखें बंद कर लेटा रहा। कुछ देर मे वो भी लाइट बन्द कर बेड पर लेट गई। इनके जिस्म से एक अलग ही खुशबू आ रही थी। उन्होंने अपना हाथ मेरे शरीर पर रख दिया मैने जल्दी से हटा दिया।
छोटी मामी: जाग रहा है!
मै: हूं!
छोटी मामी: नींद नही आ रही है?
मै: आई थी लेकिन अब खुल गई।
छोटी मामी: क्यों?
मै: ऐसे ही!
छोटी मामी: मुझे पता है क्यो?
मै: क्या पता है?
छोटी मामी: बस पता है कि तुम बिगड़ गए हो उस शीतल के साथ रहकर।
मै तो देखा भी नही था इन्हे कपड़ा बदलते और ये सोच रही हैं कि मै देख रहा था।
मै: मै जगा था लेकिन देखा नही आपको ठीक है।
मै थोड़ा नाराजगी जताते हुए उठा और अपने कमरे मे आ गया। वो थोड़ी देर मे कमरे मे आ गई और बेड पर लेट गई। मुझे बहुत दुख हुआ था उनके ऐसा सोचने से।
छोटी मामी: मै तो बोली नही कि तुम देखे हो?
मै: आपकी बातों का तो मतलब वहीं है।
छोटी मामी: अच्छा बाबा माफ कर दो नाराज मत हो।
अब हर रात सोने से पहले मुझे दोनो की बातें सुनने मे अच्छा लगता था छुपकर। छोटी मामी की बातों से लगता था कि मेरे मे दिलचस्पी रखने लगीं थीं। जैसे जब बड़ी मामी से अपने कमरे मे या हॉल मे बात करती तो मेरा ही बात करती या मेरे लन्ड का। एक रात मै उनकी बाते सुन रहा था। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: अंशु की शादी करवा देनी चाहिए।
बड़ी मामी: धत अभी बच्चा है!
छोटी मामी: अरे बच्चा नही है देखी नही थीं कितना बड़ा हो गया है उसका।
बड़ी मामी:(हंसते हुए) पागल है तू एक नम्बर की।
छोटी मामी: अरे सच बोल रही हूं उसकी जवानी भी उफान मार रही है कहीं इधर उधर ना भटक जाए।
बड़ी मामी: अच्छा, उसे ज्यादा तो तेरी जवानी उफान पर है हर रात तू उसके बारे मे गन्दा सोचती है।
छोटी मामी: अरे भाभी गलत रास्ते पर चला गया है देखी नही कैसे आपको अपना लिंग पकड़ा दिया।
बड़ी मामी: पहली बात तो मै मानती नही कि उसने किया है अगर किया भी है तो क्या हुआ अपनी मामी को ही पकड़ाया ना इसमें गलत रास्ते पर चलने जैसी कोई बात तो नही लगी मुझे।
छोटी मामी: क्या सोच कर पकड़वाया होगा भाभी
कहीं वो आपको पसन्द तो नही करता।
बड़ी मामी: धत तू बड़ी गन्दी है। फालतू इलजाम मत लगा, मुझे पता है वो ऐसा कुछ सोच भी नही सकता।
छोटी मामी: अरे मुझे तो बस इसकी चिंता है कि लड़कपन की आग मे वो कहीं गलत रास्ते पर ना चला जाए।
बड़ी मामी: इतनी चिन्ता है उसकी जवानी की तो खुद उसके नीचे बिछ क्यों नही जाती।
छोटी मामी: मै तो बिछ जाऊं भाभी लेकिन आप देखी नही थीं कितना बड़ा और मोटा था उसका मेरी तो जान निकाल देगा।
बड़ी मामी: छी कितनी गन्दी है तू।
छोटी मामी: आप झेल लोगी उसको ऐसा करो आप बिछ जाओ पहले।
बड़ी मामी: कुट्टी कितनी गन्दी बात कह रही है।
दोनो हंसते हुए ये बातें कर रही थीं।
बड़ी मामी: देख ये सब बोल लेती है बस इतने भर रहना कभी ये सब करने की सोचना मत।
छोटी मामी: अरे और नही तो क्या बोल तो मै इसलिए लेती हूं कि इस lockdown मे मन लगता रहे।
कुछ देर मे दोनो सो गई तो मै भी सो गया। अब मुझे लगने लगा कि छोटी मामी का मन है लेकिन वो बड़ी मामी से डरती हैं। अब मै भी सोचा कि अब मामी से बचना नही है उनके साथ टाईम बिताना है। वैसे वो अकेले मे फिज्कल छेड़ छाड़ तो करने की कोशिश करती ही थीं और मै बचने का लेकीन अब मै सोचा कि अब बचूंगा नही मै भी छेड़ छाड़ करूंगा। एक दोपहर छोटी मामी मै के कमरे मे लेटा था वो भी लेटी थी जब जब मामी के कमरे मे सोता तो हम दोनो सोते नही थे बस गप करना और छेड़ना।
छोटी मामी: अच्छा सच सच बतावा, ऊ दिन शीतलवा के साथ का करत रहला।
मै: छोड़अ न मामी ऊ दिन के बात।
छोटी मामी:(मेरे लिंग के तरफ हाथ बढ़ा रही थी) ई तो ओहके हाथ मे देले रहलअ।
मै:(उनका हाथ रोकते हुए)इधर उधर हाथ न लगावे के चाही मामी, कभी हम हाथ लगअनी हअ तोहरा के।
मामी: त लगवा मना के कई ले वा।
मै: न मामी रहे द बुरा मान जयबा.
मामी: हम कहअ तानी न लगवा।
मै अब हाथ धीरे से उनके चेहरे पर ले गया अब गाल से ऊंगली फिराते हुए गर्दन पर सहलाने लगा अब कान सहलाने लगा बहुत देर गले गाल गर्दन कान को सहलाता रहा और अन्त मे हाथ को उनके होंठों से छू कर हटा लिया। मै सेक्स कहानी पढ़ कर इतना तो जान गया था कि औरत या लड़की कहां छूने से अच्छा महसूस करती है। मामी मेरे छूने से उतेजित तो हुई थी क्योंकी उनकी आवाज़ बदल गई थी और सांस भारी हो गई थी। कमरे मे अंधेरा था लेकिन उनके होंठ गीले हो गए थे ये तो पता चल रहा था। जब मै हटा लिया तो मामी बोली।
मामी: हटा काहे लिहल अ।
मै: अब हो गइल मामी अब सूत जा!
छोटी मामी मेरी तरफ पीठ कर ली।
मै थोड़ी देर मे उनके पीठ पर जालीदार ब्लाउज से पीठ सहलाने लगा और कन्धे सहलाने लगा।
मामी: ऐसे ही करत रहअ अच्छा लगत बा।
मै सहलाता रहा। कुछ देर बाद बड़ी मामी शायद उठ गई तो छोटी मामी भी बाहर चली गई शाम भी हो रही थी। मेरा शरीर गरम हो गया था तो मै नहा लिया। छोटी मामी काफी उत्तेजित हो गई थी उनकी आंखें नशे मे लाल हो गई थी। जिसके बारे मे बड़ी मामी ने पूछ ही लिया की आंखें लाल कैसे है। अब रात को मै उनकी बात सुनने लगा। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: कितना टाईम हुआ भाभी आपको करवाए हुए।
बड़ी मामी: क्या?
छोटी मामी: वहीं।
बड़ी मामी: अरे वो, वो तो जीतने तेरे हुए हैं दोनो तो साथ ही गए हैं।
छोटी मामी: मतलब सात महीने! इतने इतने दिन कैसे बर्दास्त कर लेती हो आप!
बड़ी मामी:(हंसते हुए) जैसे तू बर्दास्त करती है।
छोटी मामी: मुझसे अब बर्दाश्त नही होता!
बड़ी मामी: तो क्या करेगी?
छोटी मामी: मै करवा लुंगी!
बड़ी मामी:(हंसते हुए) तो जा करवा ले बगल के कमरे मे।
छोटी मामी: उससे, अरे वो फाड़ देगा और कुछ हो गया तो कॉन्डम भी नही है,।
बड़ी मामी: तू मजाक मे ही बोल रही है या सच मे करवाने का मन है।
छोटी मामी: मजाक कर रही हूं भाभी आप भी ना।
बड़ी मामी: अच्छा करना भी तो कॉन्डम के बिना नही करना नही तो मेरा देवर कहेगा कि मै घर पर तो था नही तो हुआ कैसे।
इतना बोल वो हसने लगी।
छोटी मामी: तो आप करवा लो, आपका तो ऑपरेशन हो रखा है, आपको कोई टेंशन नही है।
बड़ी मामी: धत पागल कुछ भी बोलती है।
छोटी मामी: अरे करवा लो ना भाभी।
बड़ी मामी: किससे।
छोटी मामी: और कौन है?
बड़ी मामी:(हंसते हुए) अंशु से? धत पगली।
छोटी मामी: आपका मन नही करता क्या भाभी?
बड़ी मामी: करता है पर क्या करें,। और तु अलग रोज रोज ऐसी बातें कर आग भड़काती रहती है। और एक बात बता शाम से तेरी आंखें एक दम लाल है कुछ ऐसा वैसा देख ली है क्या।
छोटी मामी कुछ नही बोली। कुछ देर मे दोनो सो गई तो मै भी आ कर सो गया। अब अगली दोपहर को भी मै छोटी मामी के कमरे मे लेटा था वो नहा कर आई पेटीकोट मे ही और लाइट ऑन कर कपड़े पहनने लगीं मै आंख बन्द कर लिया। कुछ देर मे लाइट बन्द कर बेड पर लेट गई। मैने आंख खोला तो वो मुझे देखते हुए मुस्कुरा रही थीं।
मै: मुस्कात काहे बानी देख के।
छोटी मामी: सोचते रहनी कि कैसे आंख बंद कर लेहल हमारा देख के। और ऊ शितलवा के साथे बड़ा मजा करत रहला।
मै: धत मामी रोज एके बात करेलू।
मामी: त का बात करी तू ही बतावा।
मै: कुछ और बात करी।
मामी: अच्छा कल के जैसन बदनियां सहला देब अ बहुत दर्द वा।
मै: दर्द वा त दबा दी हल्का तेल लगा के।
छोटी मामी: न खाली सहला द।
मै लेटे हुए ही एक हाथ से उनके गले गाल गर्दन कान सहलाने लगा अब कमर पर हाथ रखा और हटा लिया।
छोटी मामी:(मदहोशी मे आंखें बंद किए हुए) हटा काहे लिहला रखले रहा अच्छा लगत बा।
मै कमर पर हाथ रखा और सहलाने लगा एक दम बलून जैसा नाज़ुक चूतड भी थोड़ा सहलाया। थोड़ी देर मे उन्हें नींद आ गई और मुझे भी। अब मै सोचा कि छोटी मामी का मन बहुत है लेकिन वो डरती हैं, मै सोचा कॉन्डम ले आता हूं कहीं उनके ही रूम मे रख दूंगा जब उनकी नजर पड़ेगी तो उनकी हिम्मत बढ़ जाएगी। “Aunty Suck Dick XXX”
मै बाजार जाने के लिए मामी से पूछा जो 12 केएम दूर था तो दोनो मामी मना कर दी की पुलिस मारेगा। शाम को छोटी मामी बड़ी मामी से बोल रही थीं कि कन्धा बहुत दर्द कर रहा है तो खाना खा कर जब सभी सोफे पर बैठे थे तो मै छोटी मामी के पीछे खड़ा हो उनके कन्धे को दबाने लगा।
बड़ी मामी: का बात बा आज मामी के बड़ा सेवा करते हऊ।
मै शरमा कर हटने लगा।
बड़ी मामी: अरे शरमा काहे गइल करत रहा।
छोटी मामी: आह बहुत अच्छा लगत बा करत रह अ।
मै कुछ देर कन्धा दबाया। अगली दोपहर को जब मै और छोटी मामी उनके कमरे मे लेटा था तो वापस मामी शीतल की बात छेड़ दी।
मै: ओहो मामी चलो आज बता ही दे तानी, पुछअ का पुछे के बा।
मामी: पहिले बतावा का करत रहेलू दुनो लोग।?
मै: कुछ ना करत रहनी, बस एक दिन हम ओकर नीचे वाला देख लेहले रहीं और बोलनी की बहुते गोर वा और हमार काला बा त ऊ कहले कि फेयर लवली लगावे से गोर हो जाई, ई ही से अगला दिन ऊ फेयर लवली नीचे लगावत रहे। बस।
अब तो मामी खुब हंसी मेरा मजाक उड़ाने जैसा शाम को भी बड़ी मामी के सामने फेयर लवली बोल बोल के चिढ़ा रही थीं बड़ी मामी कुछ समझ नही रही थीं मै अब उनसे नाराज हो गया और उस रात उनकी बात भी सुनने नही गया। अगली दिन भी मै थोड़ी नाराजगी जाहिर कर रहा था दोपहर मे खाना खा अपने कमरे मे जाने लगा। छोटी मामी मुझे अपने कमरे मे भेजने लगीं पर मै नही गया। कुछ देर मे छोटी मामी नहा कर कपड़े पहन मेरे ही कमरे मे आ गईं और जबरदस्ती अपने कमरे मे ले गई। अब दोनो बेड पर लेटे थे। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: अच्छा नाराज हो गइलअ, ठीक बा ल कान पकड़ के माफी मांगा तनी, माफ़ कर द।
वो दोनो मेरा ही कान पकड़ी थीं मै मुस्कुरा कर रह गया।
कुछ देर बात करी हमने।
छोटी मामी: अच्छा सच मे ओकर बहुत गोर बा!
मै:(हंसते हुए) हूं।
छोटी मामी: हमरो से ज्यादे!
मै:(शरमाते हुए) तोर केतना बा हमरा का पता हम देखनी हअ थोड़े।
मै बोलना नही चाहता था लेकिन बोल दिया या यूं कहिए मुंह से निकल गया।
छोटी मामी:(मुस्काते हुए) देखबू?
मै: देखैबू त काहे ना देखब!
मेरे मन मे गुदगुदी सी हो रही थी ऐसी बात करते हुए। इतने मे मामी हाथ टेबल की तरफ बढ़ा लाइट ऑन करी और अपनी साड़ी उठा दी मै लेटा था जो बैठ गया उनकी छोटी सी बुर मेरे सामने थी एक दम चिकनी गोर सटी हुई थी उन्होंने पैर सटा रखा था ऐसा लग रहा था आम के गुदे मे ब्लेड मारने से जितनी पतली लाईन बनती है उतनी ही पतली लाईन थी मै देख कर भौंचका रह गया।
छोटी मामी: बताबा कैसन बा?
उनकी आवाज सुन मेरा ध्यान उनकी बुर से हटा मै शरमा कर लाल हो गया था। मेरा हाथ अपने आप बढ़ गया और एक ऊंगली से उनकी बुर के सबसे निचले भाग मे थोड़ा सा जा बाहर आ गया इतना की मेरी ऊंगली को गिला महसूस हुआ और उस ऊंगली को मै चाट गया। “Aunty Suck Dick XXX”
मामी: (उनका चेहरा भी शरमा कर लाल हो गया था) धत गन्दा लड़का ये भी चूसने की चीज है।
इतना बोल वो साड़ी नीचे कर दी और लाइट बन्द कर दी मै भी हंसते हुए लेट गया।
छोटी मामी:(मेरा गाल खींचते हुए) बटावा ई काहे कई ला।
मै हंस रहा था।
मै: कईनी ना अपने आप हो गइल।
छोटी मामी: अच्छा बतावा कैसन लगल।?
मै: मीठा।
छोटी मामी:(गाल खींचते हुए) बदमाश ऊ ना ई बतावा कि शीतलवा से गोर बा कि ना?
मै: ओरा से बहूते सुन्दर वा।
छोटी मामी: सच?
मै: हां सच।
छोटी मामी: अच्छा ई बतावा ओकरो ऊंगली कर चाटला होत ?
मै:(हंसते हुए) ना मामी करही वाला रहीले कि राऊआ आ गैनी।
छोटी मामी: अच्छा माने हम ना गैले रहतीं त तू सब कुछ कर लेलु रहते।
मै:(हंसते हुए) तब ना ता का।
छोटी मामी: हम तोहके जान ले लेते रहनी। और ओहके भी।
मै: अच्छा मामी एक बात बतावा तू ओ दिन इतना गुस्सा काहे हो गइल रहीलू, पता बा हम डर गइल रहनी।
छोटी मामी: हमर माल के केहू और हड़पे के कोशिश करे त हम गुस्सा ना होई।
मै: माने हम तोहार माल हाई ना।
छोटी मामी: और ना त का!
मामी अब मेरे से सट गई थी और मेरा हाथ उनके बदन पर और उनका हाथ मेरे बदन पर था।
मै: अच्छा एगो बात बतावा तू तो कभी दालान मे ना जा लू त ऊ दिन कैसे पहुंच गईलू।
छोटी मामी:(हंसते हुए) बाबू एक त ऊ दिन तू हमर रेजर यूज करके बाथरुमे मे छोड़ देहला और ऊपर से हमर फेयर लवली भी गायब रहे ई हे से हम हम दालान मे पहुंच गैणी की हमर फेयर लवली से तू का करत होवा। “Aunty Suck Dick XXX”
मै: ओहो ई बात वा।
छोटी मामी: हां, अगर तू ऊ दिन ना हमार फेयर लवली ले गइल रहत त हम ना गइल रहती दालान मे तोहनी के डिस्टर्ब करे।
मै: अगर तू ऊ दिन ना अइले रहतू त आज हमरा अपन प्यारी मामी से एतना प्यार मिलते ना ना रहत।
मै हंस कर बोला, मामी भी हंस कर मुझे और बाहों मे भरने लगी। कुछ देर दोनो हंसते हुए चुप हो गए मुझे लगा अब मामी को नींद आ रही है लेकिन मामी ने अचानक कुछ ऐसा पुछ दिया की जिसकी मुझे आशा नही थी और मै समझ नही पाया और।
छोटी मामी: अंशु, एक बात पूछी?
मै: हां मामी।
छोटी मामी: चूत मारवा?
मेरी आंखें बन्द थीं मै शरमा कर खोल नही पाया लेकिन मै सिर हिला हां बोल दिया मै बाई करवट लेटा था और मामी मेरे सामने थी।
छोटी मामी:(हंसते हुए) अच्छा केकर मारवा?
मै आंख बन्द किए हुए ही हाथ उठा इंडेक्स फिंगर उनके सीने पर रख दिया उनके दोनों मम्मो के बीच मे ऊपर। मेरी आंखें बन्द थीं लेकिन मामी की खिलखिलाहट से पता चल रहा था कि वो बहुत खुश हो गई है।
छोटी मामी: आह बदमाश, अपन मामी के चूत मारल चाह अ ताड़ा।
मै हां मे सिर हिलाया।
छोटी मामी : कैसे मरवा पहिले केहू के मरला हे?
मै: तू सिखा दिहा।
छोटी मामी: ठीक बा सिखा देव,।
दोनो हंसते हुए एक दूसरे के बाहों मे समाने लगे वो मेरे गाल पर चुनने चूसने लगी।
मै: का बच्चा जैसन गाल पर चूमअ ताडू, ।
छोटी मामी: त कैसे चूमल जाला।
मै उनके होंठ पर होंठ लगा दिया और चूसने लगा कभी चूमता कभी चूसता कभी जीभ चूसने लगता मामी दम मदहोश होने लगी थी और मै भी तो दोनो रूक कर सांसों पर थोड़ा काबू किए। “Aunty Suck Dick XXX”
छोटी मामी: कहां से सिखल हो ऐसन चूमा लेब ला।
मै: सीखनी हैं कहीं से मामी. तू ऐ सन पहली बार करत हाऊ का।
छोटी मामी: हां और न त का तू तो दम सांसें उखाड़ डिहले।
मै: काहे मामा होंठ ना चूसेले का।
छोटी मामी: ना हमनी त खाली ऐसे करिली।
वो सिर्फ होंठ पर चूम कर बताई।
मै: अच्छा लागल?
छोटी मामी: तू तो दम प्राण शरीर से सोख जैतल ह, अगर थोड़ा देर और करत हल।
मै फिर से उनके होंठ को अपने होंठों से चूसने लगा जीभ चूसने लगा कुछ देर मे उन्हें भी समझ आ गया कि कब कैसे होंठ जीभ चलाना है। दोनो एक दूसरे को कस कर बाहों मे जकड़े थे उनकी चूचियां मेरे सीने पर मसले जा रहे थे जिससे मेरे दिल पर छुड़ी चलने जैसा फिल हो रहा था।
कहानी पढ़ मै बहुत कुछ सीख गया था और सब कुछ ट्राय करना चाहता था लेकिन खुद पर काबू रखना जरूरी था क्योंकि कहानी से ही मै सीखा था कि बड़ा फल पाने के लिए छोटा फल से मोह हटाना पड़ता है। अब मै मामी के कान गले गर्दन को चूसने लगा वो आह आह करने लगी अब सीने को चूसने लगा थोड़े मम्मे दिख रहे थे उन्हें चूसा वो मेरा सर अपने मम्मों मे दबाए जा रही थीं।
इतने मे बाहर खटपट की आवाज आई शायद बड़ी मामी उठ गई थीं छोटी मामी उठी अपनी सांसों पर काबू किया और कपड़े सही कर बाहर गई कुछ देर बाद मै भी उठ कर चुपके से देखा कि हॉल मे बड़ी मामी नही है तो निकल कर बाहर आ गया। मेरी नजर जब भी छोटी मामी से मिलती तो हम दोनो शरमा जाते।
रात मे मै आज जल्दी सो गया। अगली दोपहर छोटी मामी थोड़ी जल्दी जल्दी काम निपटा रहीं थीं दोपहर मे हमे ज्यादा टाईम नही मिल पाता था क्योंकि 1 बजे तक तो बड़ी मामी हॉल टीवी ही देखती रहतीं थीं उसके बाद ही वो 4 बजे तक सोती। जैसे ही बड़ी मामी आज अपने कमरे मे गई छोटी मामी और मै उनके कमरे मे आ गए। “Aunty Suck Dick XXX”
मै उनके गोद मे सर रख कर लेट गया वो झुक झुक कर मेरे माथे गाल कान को चूमती। कुछ देर मे हम लेट गए और धीरे धीरे होंठ से होंठ मिला चूमने चूसने लगे फिर जोर से चूसने लगते और जब सांसें तेज हो जाती तो रूक जाते और कुछ बातें करने लगते।
छोटी मामी: अच्छा एक बात बतावा, ऊ दिन दालान के तरफ से भाभी के हाथ मे लिंग तू ही सटावले रहल न।
मै चुप हो गया।
छोटी मामी: बतावा ना हमके, हम केहू के ना कहव।
मै: हां मामी!
छोटी मामी:(हंसते हुए) हमके मालूम रही, अब बतावा काहे करले रहुलू ऐ सन।
मै चुप रहा।
छोटी मामी: कहीं तू भाभी के भी चूत ता ना मारेले चाहेलू?.
वो हंसते हुए बोली।
मै:(शरमाते हुए) क्या मामी आप भी ना।
छोटी मामी: त बतावा?
मै: हमरा लागल कि तू हऊ, त हम मजाक करे खातिर सटा देहनी।
छोटी मामी: हमके मालूम रहे कि तू हमरे बुझ के कईल होत।
मामी मेरे होंठ चूम ली।
छोटी मामी: अच्छा भाभी कैसन लागेली तोहरा।
मै: का मतलब कैसन लगेली अच्छा लागेलि और।
छोटी मामी: अरे बुद्धू, गदराल माल तो ऊ बाड़ी त अच्छा त लगवे करी, हमर मतलब अगर मौका मिलत तो उनका के चोदवअ।
मै: ई कैसन बात करअ तनी मामी आप।
छोटी मामी: सुनअ पहिले पूरा बात, अगर हम तोरा से करवा लेव ना त तोर ई औजार इतना बड़ बा कि हमर फट जाई और केतनो छुपाई ना त उनका पता चल ही जाई।
मै: ना मामी उनका पता चल जाई त बहुत खराब हो जाई।
छोटी मामी: त हमनी काहे ना पहिले ही उनका अपना खेला मे शामिल कर लेही।
मै: ना त, उनका काहे खातिर बताईवा?
छोटी मामी: अरे हम कह अ तानी उनका के करला के बाद पता चली त ऊ बहुत गुस्सा होई जेहि से काहे ना पहिले ही उनका बता देवल जाऊ।
मै: ना उनका के कौने कीमत पर पता ना चले के चाही।
छोटी मामी: त ठीक बा तू हमरा लेवे ला भुल जा।
मै: ठीक बा ना लेव तोहके।
मामी मेरे पर चढ़ गई और चूमने चाटने लगी।
छोटी मामी: हमरा के ना लेवू त केकरा लेवु शीतलवा के। अब कौनो कीमत पर तोहके हम छोड़व ना आज तोहार इज्जत लूट लेव।
मै: लुट ल जेतना लूटे के वा, लेकिन बड़की मामी के कुछ पता ना चले के चाही।
छोटी मामी: अरे बाबू तू समझत काहे नइखे बाड़ा, हमनी कुछ भी अभी कैनी ना त बाहर निकलते उनका पता चल जाई, खाली तोरा छुए से अखवा लाल हो जाला त रतवा मे ऊ रोज इंक्वायरी करेली की इतना अनखवा लाल काहे वा कल तो कह देली की गन्दा पिक्चर त ना देखले बाडू। “Aunty Suck Dick XXX”
मै:(हंसते हुए) त तू का कहलू।
छोटी मामी: हम त तोहर मामा पर इल्जाम लगा देनी की ओहि फोन पर गन्दा गन्दा बात करत रहनी त।
मै: बड़ा चालाक बडू तू।
छोटी मामी: त थोड़ा सा चलाकी तू भी सीख ला और जे कहा तानी ऊ सुन अ।
मै: ना मामी ई ना करवा वा!
छोटी मामी: अरे हमनी के ज्यादा कुछ करे के ना ह, बस थोड़ा उनका हिंट दे देवे के ह कि हमनी के बीच कुछ चलत बा। अगर उनका एतराज होई त ना करव, अगर मान जाई त ठीक।
मै: मतलब हम समझनी ना हिंट मतलब!
छोटी मामी: अरे बुद्धू माने देख अ आज रात तोरा हम उनके सामने चूमब।
मै: ऊ त रोज करेलु।
छोटी मामी: यहां पर।
वो मेरे होंठ चूमते हुए बोली?
मै: ना मामी ऐ सन मत करीह अ।
छोटी मामी: हम त करब।
वो मेरा होंठ चूस रही थी जोर जोर से मै भी उनके गले गर्दन गाल को चूसने लगा। हम एक दूसरे पर लोट पोट हो रहे थे बेड पर कभी वो मेरे ऊपर तो कभी मै इनके ऊपर।
छोटी मामी: अच्छा केहू के दूध पिल अ हे।
मै: ना मामी!
छोटी मामी; पिअवा।
मै: पिलईवु त काहे ना पी अव।
मामी ब्लाउज के ऊपर से अपनी एक चूंची निकालने लगीं मै सारा ही बटन खोल दिया और ब्रा निकाल दिया मेरे सामने अब दो सुन्दर सुडौल संतरे जैसे मम्मे थे मै उन पर टूट पड़ा और उन्हें चूसने लगा। वो सिसकारी भरने लगी मेरे बालों मे हाथ फेरने लगी आह आह करने लगी। मै दोनो चूचियों को खूब प्यार किया सब जगह चूसा निप्पल पीता खूब चूसा। जिससे दोनो लाल हो गए थे।
कुछ देर मे मामी हांफने लगी तो रूक गया अब बड़ी मामी के उठने का टाईम हो गया था तो छोटी मामी अपने कपड़े सही कर बाहर आ गई मै भी बाहर आ गया। अब रात को खाना खा सभी सोफे पे बैठे थे और बातें कर रहे थे टीवी भी ऑन था। बड़ी मामी छोटी मामी से बोली कि उनका सर दबा दे।
छोटी मामी: अंशु मामी का सर दबा दो।
मुझे आंख मारते हुए बोली और खुद बड़ी मामी के बगल मे बैठ गई। मै उठ सोफे के पीछे गया और बड़ी मामी के सर को दोनो हाथों से जैसे नाई पीटते हैं ऊंगली से वैसे पीटने लगा। कभी कभी छोटी मामी के गले और कान पर चुपके से उन्हें छेड़ने के लिए हाथ फेर देता वो मुस्का कर मेरी तरफ देखती। “Aunty Suck Dick XXX”
बड़ी मामी: आह तेरे हाथों मे तो जादू है बड़ा आराम लग रहा है।
मै थोड़ा हिम्मत कर बड़ी मामी का सर पीछे किया और उनके माथे पर चूम लिया।
बड़ी मामी: हूं, क्या बात है अपनी बड़ी मामी पर आज बड़ा प्यार आ रहा है कुछ बात है क्या।
वो शरमाते हुए बोली मै फिर चूम लिया और वापस उनका सर दबाने लगा।
बड़ी मामी: कुछ चाही का बाबू की कुछ बात कहे के वा।
मै: घर चला जाऊं।
बड़ी मामी: क्यों।
मै: मन नही लग रहा है।
मै ऐसे ही बोल दिया कुछ। छोटी मामी मेरी ओर देखने लगी।
बड़ी मामी: क्यों मन नही लग रहा है।?
मै: बस ऐसे ही मन नही लग रहा है।
बड़ी मामी:(मेरा हाथ पकड़ अपने पास बैठा ली) काहे मन नईक्खे लागत बाबू कौने दिक्कत बा।
मै कुछ नही बोला, दोनो मामी मेरा चेहरा देख रहीं थीं।
छोटी मामी: अभी हम तोहरा के मन लगाई ला, ।
दोस्तों अभी कहानी बाकि है, आगे मेरी मामियों ने कैसे मेरा मन लगाया और मेरे लंड का ख्याल रखा जानने के लिए कहानी के अगले भाग का इन्तेजार करिए, तब तक पढ़ते रहिये क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम. “Aunty Suck Dick XXX”