मेरी चूत चोदने के लिए बॉक्सिंग मैच

College Girl Chudai Kahani

हैलो दोस्तो! मैं निकिता, एक अनोखी और नॉटी लड़की हूँ। मेरा फिगर 34-26-34 है, और मेरी लंबाई 5’6″ है। मेरी बॉडी शेप बहुत ही आकर्षक है, जिसमें मेरे बेल-शेप बूब्स, पतली कमर और गोल-गोल कूल्हे मुझे एक परफेक्ट हूर का रूप देते हैं। मैं एक नॉटी और रोमांटिक लड़की थी, जो मोहब्बत के जज़्बातों के बीच उलझी हुई थी। College Girl Chudai Kahani

मेरा एक पुराना प्यार था, केशव। हम दोनों ने कॉलेज के दिनों में एक-दूसरे से मुलाकात की थी और तब से हम एक-दूसरे के साथ ज़िन्दगी बिताने के सपने देख रहे थे। केशव के साथ सिर्फ मेरा दिल ही नहीं जुड़ा था बल्कि हमारी सेक्स लाइफ भी काफी अच्छी थी।

कभी कभी वो कॉलेज में मुझे प्राइवेट पार्ट्स पर टच करता तो कभी कभी हम किस करते पकड़े जाते। वह अक्सर मेरे घर आता था, और हम दिन रात सेक्स करते थे। मेरी माँ को यह सब मालूम था, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा, क्योंकि उन्हें केशव का स्वभाव बहुत अच्छा लगता था।

केशव के साथ रिश्ते में सब कुछ धीरे-धीरे बदलने लगा। एक बार मेरे पुराने स्कूल टीचर ने मेरी चुदाई का प्लान बना कर मुझे फसाया और अपने घर बुला कर चोद दिया, यह भूलना  मेरे लिए बहुत कठिन था। इसके अलावा, कॉलेज की एक प्रतियोगिता में जीतने के लिए मुझे एक अंजान लड़के से चुदाई करवानी पड़ी।

मुझे एहसास था कि मैंने खुद को और केशव को धोखा दिया है, और यह भार मेरे सिने पर बढ़ता जा रहा था। आखिरकार मैने सब कुछ केशव को बता दिया, जब मैंने सारी बातें केशव से बताई, तो वह मानो अपने ही काबू में नहीं था। पहले तो उसने मुझे बहुत गालियां दी, मुझे रण्डी बोला और मुझे एक चांटा भी मार दिया, फिर खुद ही फूट फूट कर रोने लगा।

उस दिन उसने मुझसे ब्रेकअप कर लिया। वह मुझे छोड़कर चला गया, और यह मेरे लिए वह पल था, जब मेरी दुनिया का एक बड़ा हिस्सा बिखर गया था। केशव, जिसे मैंने कभी अपनी जिंदगी का हिस्सा माना था, अब मेरे साथ नहीं था।यह दर्द, यह अकेलापन, मेरे लिए सबसे कठिन था।

लेकिन अब मैं समझने लगी थी कि ज़िन्दगी में हम जो फैसले लेते हैं, वे हमारे ही होते हैं। कुछ अच्छे, कुछ बुरे, और कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें हम कभी बदल नहीं सकते। फिर भी, हमें आगे बढ़ना ही पड़ता है, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। हालांकि केशव मेरे दिल के एक कोने में हमेशा रहेगा, क्योंकि मैं जानती थी कि मैं उसे डिजर्व ही नहीं करती थी। 

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वक्त के साथ ज़िन्दगी में एक नया मोड़ आया, जब मैं समीर से मिली। समीर एक मुस्लिम लड़का था, और उसका स्वभाव थोड़ा गुस्सैल और ज़िद्दी था। मुस्लिम लड़कों में जो आमतौर पर गुस्से का एक अलग अंदाज होता है, समीर भी उससे बाहर नहीं था। वह एक “गुंडा टाइप” लड़का था, जो अपने तरीके से ही दुनिया को देखता और चलता था।

लेकिन जब वह मेरे पास होता, तो उस गुस्से और ताकत के पीछे एक निखरी हुई मासूमियत छिपी होती थी। जैसे ही वह मुझसे मिलता, उसकी पूरी शख्सियत बदल जाती थी। उसकी आँखों में एक अलग सी तासीर थी, जो मुझे हमेशा खींचती थी। समीर का प्यार धीरे-धीरे मुझे मेरे दर्द और अकेलेपन से बाहर खींचने लगा।

वह मुझे हंसा-हंसा कर मेरे दुखों को भूलने की कोशिश करता था, और मुझे यह एहसास दिलाता था कि मैं उसके लिए कितनी खास हूं। वह कभी भी मुझे अकेला नहीं छोड़ता था, हमेशा मेरी मदद करता और मुझे यह महसूस कराता कि वह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।

धीरे-धीरे, हम दोनों के बीच एक रिश्ता बन गया, जो पूरी तरह से भरोसे और समझ पर आधारित था। समीर का प्यार मुझे इस कदर महसूस होने लगा कि मैं धीरे-धीरे खुद को उसके करीब लाने लगी।  वह हमेशा मेरी खूबसूरती, मेरे लुक्स और खासकर मेरे शरीर को लेकर खुलकर बात करता था।

वह बार-बार मुझे कहता था कि उसे मेरा फिगर बहुत पसंद है, और मैं जानती थी कि उसका ध्यान मुझसे हटता नहीं था। कभी-कभी मैं जानबूझकर ऐसे कपड़े पहनकर जाती थी, जिनसे उसका हाथ मेरे बूब्स या गांड़ को छू सके, इस तरह उसे परेशान करने में मुझे मजा आने लगा।

समीर ओपन-माइंडेड था, और कभी-कभी वह मुझे हल्के मजाक में गंदी बातें करने की कोशिश करता। उसकी बातों में कभी फ्लर्ट होता, कभी गहराई, और कभी वह अपनी इच्छा जाहिर करने की कोशिश करता। कभी-कभी मैं उसे रोक देती, लेकिन कभी ऐसा भी होता जब मैं उस पल में खो जाती और मुझे यह महसूस नहीं होता था कि मुझे उस हद तक नहीं जाना चाहिए।

कभी तो ऐसा होता कि मैं बिल्कुल भूल जाती कि मुझे खुद को कैसे रोकना है। उसकी हल्की छुअन, कभी उसकी आँखों में वो खास नज़दीकी, और फिर अचानक, बिना किसी चेतावनी के, हमारे होंठ मिल जाते हालांकि तुरंत ही में खुद को संभाल भी लेती थी। हालांकि, इन सब में, मेरे दिल के एक कोने में केशव की यादें अभी भी जिंदा थीं।

समीर के साथ होते हुए भी, उस पुराने प्यार को पूरी तरह से भुला पाना मेरे लिए आसान नहीं था। एक दिन, ऐसा हुआ जो मैंने कभी सोचा नहीं था। समीर और मेरी बीच का हल्का मजाक और फ्लर्ट धीरे-धीरे एक नई दिशा में बढ़ने लगा। उस रात मुझे महसूस ही नहीं हुआ कि कब हमारी बातचीत ने गंदी मोड़ ले लिया। 

रात भर हमारी सेक्स चैट चलती रही, और किसी एक पल में मुझे समझ ही नहीं आया कि मैं कहाँ जा रही थी और मैने उसे अपने न्यूड फोटोज भी भेज दिए वो भी मुझसे अलग अलग पॉज में फोटो मांगने लगा जिसमें चूत और गांड़ साफ दिखे और मै भेजती रही। सुबह जब उठी, तो पूरी रात की चैट को पढ़कर मुझे लगा जैसे मैंने अपनी सारी सीमाएं पार कर दी हों।

एक अजीब सा डर और पछतावा मुझे घेरने लगा। मुझे लगा कि अब समीर की नज़र में मैं गिर चुकी हूं। लेकिन अगला दिन कुछ अलग ही था। समीर ने मुझे देखा, और अपनी आँखों में वह सच्चाई थी, जो  उसने मुझे शांत लहजे में कहा, “निकिता, मैं आई लव यू, तू बहुत प्यारी है।  और उसने मुझे प्रपोज कर दिया”.

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूँ। लेकिन फिर मैंने उसे देखा और कहा, “समीर, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं, लेकिन मैं पहले केशव और कुछ और रिश्तों में रह चुकी हूं। और मै वर्जिन नहीं हु मुझे लगता है कि मुझे अपना पास्ट तुम्हे बताना चाहिए, ताकि तुम जान सको कि मैं कहाँ से आई हूं।”

समीर ने मेरी बात ध्यान से सुनी, और उसके चेहरे पर कोई निराशा या गुस्सा नहीं था। उसने मुस्कुरा कर कहा, “निकिता, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने उसी पल उसका प्रस्ताव स्वीकार किया। और जैसे ही मैंने कहा, “हां, समीर,” उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे उठाकर अपने सीने से चिपका  लिया। हम दोनों की खुशी में कोई कमी नहीं थी।

समीर ने मुझे गहरे प्यार से चुम लिया, और इस अनमोल पल को हमने एक-दूसरे में खोकर जी लिया। कॉलेज में हमारी यह नई शुरुआत बहुत जल्दी फैल गई। सब लोग हमारी तारीफें कर रहे थे, हमें ढेर सारी बधाईयाँ दी जा रही थीं। जब केशव को यह पता चला कि मैं और समीर अब एक रिश्ते में हैं, तो उसका गुस्सा बेकाबू हो गया।

मैंने कभी उसे इतना गुस्से में नहीं देखा था। उसकी आँखों में जलन और नाराजगी थी, जैसे वह अब मेरी ज़िन्दगी में किसी और को बर्दाश्त नहीं कर सकता। वह तुरंत समीर की तरफ बढ़ा और गुस्से में बोला, “हिम्मत कैसे हुई मेरी निक्की पर हाथ डालने की? यह सिर्फ मेरी है!”

समीर का गुस्सा भी उतना ही तीव्र था। उसने पलटकर कहा, “यह अब सिर्फ मेरी है, और मैं इसे कुछ भी करने का हक रखता हूँ। मैं हाथ नहीं, किस भी करूंगा, और तुम होते कौन हो मुझे रोकने वाला?” यह सुनकर केशव का गुस्सा और बढ़ गया। वह समीर की ओर बढ़ा, और दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। जल्द ही, यह बहस हाथापाई में बदल गई।

समीर ने पहले केशव को धक्का दिया, और केशव ने भी उसे जवाब देते हुए उसे जोर से धक्का दिया। दोनों के बीच की यह लड़ाई अब और बढ़ चुकी थी, और केशव समीर को लगातार पीटता जा रहा था। समीर, जो खुद भी गुस्से से भरा हुआ था, यह सब और बर्दाश्त नहीं कर सका। ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.

उसने अचानक गुस्से में चिल्लाते हुए कहा, “निक्की सिर्फ उसकी होगी जो सच्चा मर्द होगा! एक बॉक्सिंग का मैच रखते हैं, और जो जीतेगा वही असली मर्द कहलाएगा। जीतने वाले के साथ निक्की सेक्स करेगी, और हारने वाला जीतने वाले के सामने नाक रगड़ेगा और उसे ‘जीजा’ बोलेगा!” बोल है मंजूर ?

मेरे दिल और दिमाग में जैसे जंग छिड़ गई। मैं पूरी तरह से उलझन में थी। उनकी लड़ाई मेरे सामने हो रही थी, और मैं चाहकर भी इसे रोकने में असमर्थ थी। एक तरफ केशव था—मेरा पहला प्यार। उसकी आँखों में गुस्से के साथ-साथ वह दर्द साफ दिख रहा था, जो शायद मैंने उसे दिया था।

दूसरी तरफ समीर था—मेरा वर्तमान। उसका गुस्सा, उसकी हठ, और मुझे लेकर उसकी दीवानगी मुझे यह एहसास कराती थी कि वह भी मुझे पूरी तरह से अपना बनाना चाहता था। अगर मैं समीर का साथ देती, तो केशव की नज़रों में मैं और गिर जाती। और अगर मैं केशव का साथ देती, तो समीर के साथ मेरा रिश्ता हमेशा के लिए टूट जाता। 

मैं चाहती थी कि यह लड़ाई रुक जाए, लेकिन मुझे पता था कि अगर मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो बात और बिगड़ सकती थी। मैंने खुद से कहा, “मैं किसी को भी नहीं बचा सकती। यह फैसला अब उनके हाथ में है। मुझे इस चुनौती को मानने देना होगा, क्योंकि यही सब खत्म करने का एकमात्र तरीका है।”

मैंने गहरी सांस ली, खुद को संभाला और कहा, “अगर यही तुम्हारा फैसला है, तो ठीक है। यह मैच हो। लेकिन इसके बाद यह लड़ाई हमेशा के लिए खत्म होनी चाहिए।” मेरी बात सुनकर दोनों की आँखों में अलग-अलग भाव थे—समीर के चेहरे पर एक अजीब सा आत्मविश्वास और जिद थी, जबकि केशव की आँखों में दर्द और गुस्से का तूफान। अब यह लड़ाई सिर्फ एक मैच नहीं थी। यह मेरे भविष्य और मेरे रिश्ते का फैसला करने वाला पल था।

फैसले का दिन-

मैच का दिन आ चुका था, और यह एक एकांत स्थान पर रखा गया था – एक पुराना जिम, जो कॉलेज के पास एक सुनसान गली में स्थित था। वहाँ सिर्फ हम तीनों – केशव, समीर और मैं – थे। रिया, जो मेरी सबसे करीबी दोस्त थी और कॉलेज की बेहतरीन एथलीट भी, ने रेफरी के रूप में अपनी जिम्मेदारी ली थी। फिर, रिया ने इशारा किया और मुकाबला शुरू हो गया।

राउंड 1:

पहला राउंड शुरू होते ही दोनों ने एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए। केशव ने अपनी पूरी ताकत लगाते हुए एक तेज़ मुक्का मारा, जो सीधे समीर के चेहरे पर लगा। समीर ने उसे झटकते हुए जवाब दिया, और केशव के लण्ङ के ऊपर वाले हिस्से पर एक जोरदार घूंसा मारा, जिससे केशव थोड़ा पीछे हटा। लेकिन वह जल्दी संभलते हुए, समीर की ओर फिर से बढ़ा और एक और तगड़ा मुक्का मार दिया, जो समीर के गाल पर लगा।

राउंड 2:

अब दोनों और भी ताकत से लड़ रहे थे। समीर ने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए केशव को एक सीधा पंच मारा, जो उसके चेहरे पर लगा और केशव थोड़ी देर के लिए असंतुलित हुआ। लेकिन केशव ने कोई समय नहीं गंवाया, उसने तुरंत पलटवार किया और समीर की गांड़ पर एक जोरदार लात मारी, जिससे समीर हिलते हुए गिरने से बचा। मेरी आँखें दोनों पर थीं। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं दोनों के बीच फंसी हुई हूँ, और हर मुक्का जैसे मेरे दिल पर एक और निशान छोड़ रहा था।

राउंड 3 (आखिरी राउंड):

यह राउंड निर्णायक साबित होने वाला था। दोनों की हालत खराब हो रही थी, वे थक चुके थे, लेकिन उनके चेहरे पर जीत की चाहत साफ झलक रही थी। केशव ने फिर से एक ताकतवर पंच मारा, जो समीर के चेहरे पर पूरी ताकत से लगा और वह गिरते-गिरते संभल गया। उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं, लेकिन वह फिर भी लड़ने के लिए खड़ा हुआ।

समीर ने अपनी पूरी ताकत इकट्ठा की और केशव के चेहरे पर एक जोरदार पंच मारा। केशव इस बार संतुलन खो बैठा और गिर पड़ा। रिया ने तुरंत कदम बढ़ाए और मुकाबला रोका। “यह काफी हो चुका,” रिया ने कहा, और उसने बिना देर किए, समीर का हाथ ऊपर उठाया, उसे विजेता घोषित किया।

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जब रिया ने समीर का हाथ ऊपर उठाया, मेरा दिल तड़प उठा। मेरी आँखें सिर्फ एक ही दिशा में थीं – केशव की तरफ। वो जमीन पर गिरा हुआ था, अपनी पूरी ताकत लगा चुका था, लेकिन फिर भी हार चुका था। उसकी आँखों में जो निराशा और दर्द था, वह मुझे अंदर तक चीर रहा था। वह हमेशा मेरे पास खड़ा था, जब मुझे उसकी जरूरत थी। वह मेरा पहला प्यार था, जो मेरी खुशी और दुख दोनों में हमेशा साथ था। फिर भी, जब हमें सबसे ज्यादा साथ होना चाहिए था, तब मैं उसके साथ नहीं थी।

समीर ने मुझे मुस्कराकर देखा और बोला, “निक्की, बेबी, अब तुम शुरू करो!”

समीर के साथ अपना प्यार साबित करने के लिए मैं समझ गई थी कि मुझे अपने कपड़े उतारने पड़ेंगे। मैंने बिना कुछ बोले ही अपनी टॉप को उतारना शुरू किया और जल्द ही वह मेरे हाथ में थी। मेरा टॉप अब पूरी तरह से उतर चुका था, और मेरी गहरी लाल रंग की ब्रा मेरे बदन पर आकर्षक लग रही थी। “College Girl Chudai Kahani”

मैंने अपना टॉप उतारकर जिम के फ्लोर पर रख दिया और फिर मैंने अपने शॉर्ट्स के बटन खोलने शुरू कर दिए। मैंने अपने शॉर्ट्स को नीचे खींचना शुरू किया और वे मेरी मखमली कमर से सरकते हुए नीचे ज़मीन पर गिर गए। मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में रह गयी।

मुझे अब खुद पर बहुत शर्म आ रही थी। मैं अपने सच्चे प्यार केशव के सामने समीर के लिए अधनंगी थी और यह सोचकर मुझे और भी ज्यादा शर्म आ रही थी। मेरी ब्रा में मेरे 34″ के गोल मटोल बूब्स आधे से ज्यादा उभरे हुए थे, जैसे कि वे बाहर निकलने के लिए उत्सुक थे।

और मेरी पैंटी मेरे शरीर की गर्मी को छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह मेरे यौवन की गर्मी को और भी ज्यादा आकर्षक बना रही थी। रिया भी मुझे देख रही थी और वह हैरान थी। उसकी आँखें बड़ी हो गई थीं और वह मुझे देखकर मुस्करा रही थी। वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है और वह समीर की नज़रों को देखकर और भी ज्यादा हैरान हो गई थी।

समीर बहुत खुश हुआ और बोला- निक्की बेबी, बचे हुए कपड़े भी उतार दे! अपने यौवन के दर्शन करवा दे।

मैंने नज़र झुकाई और अपना हाथ पीछे लेकर गई और ब्रा का हुक खोल दिया। मेरी ब्रा लूज़ हो गयी और नीचे को लटक गयी। मैंने अपने दोनों कंधों से ब्रा उतार कर केशव के पास रख दी। मेरे रस भरे बूब्स एकदम समीर के सामने थे। मेरे गुलाबी निप्पल अब तक खड़े हो चुके थे।

फिर मैंने अपने दोनों हाथ पैंटी के अंदर डाले और पैंटी को मेरी चिकनी जांघों के बीच में से खींचते हुए नीचे झुक कर मेरे पैरों तक ले आयी। मैंने पैंटी भी उतार दी। अब इस वक़्त मैं केशव के हारने की वजह से अपने नए बॉयफ़्रेंड समीर के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी। हालांकि यह सब आज नहीं तो कल करना ही था, लेकिन फिर भी मुझे अजीब सा महसूस हो रहा था। “College Girl Chudai Kahani”

मेरे बदन पर एक भी बाल नहीं था, शीशे की तरह मेरा बदन चमक रहा था। मैंने अपनी चूत पर एक सिल्वर छल्ला पहना हुआ था जो कि केशव ने मुझे हमारे ब्रेकअप से एक हफ्ते पहले पहनाया था। चुदने से पहले मैं वो बाली उतारती हूं। मेरी चूत एकदम चिपकी हुई थी। ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.

समीर ने मेरी चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा- बेबी, ये क्या पहना हुआ है तुमने?

मैंने कुछ नहीं बोला। मै बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी। मेरे बाल खुले हुए थे जो कि मेरी आधी कमर तक आ रहे थे। लाल रंग की लिपस्टिक से मेरे होंठ रस भरी स्ट्रॉबेरी की तरह रसीले हो रहे थे। मैंने पूरा मेकअप किया हुआ था और मेरी चूत में जो मैंने बाली पहनी हुई थी वो तो मेरे बदन को और चार चाँद लगा रही थी।

वो बाली मुझे और ज्यादा चुदक्कड़ साबित करने में लगी हुई थी। मुझे बहुत अजीब लग रहा था, केशव तो अभी शायद सदमे में था। मैं उसका चेहरा भी नहीं देख सकती थी, मुझे रोना आ रहा था। ऊपर से रिया यह सब देख रही थी, जिससे मुझे और भी अजीब लग रहा था।

मेरे पैर कांपने लगे थे, और केशव बेहोशी में जाने लगा था। मुझे समझ आ गया था कि अब मेरी चुदाई होने वाली है जमकर… वो भी समीर से। यह सोचकर मुझे और भी अजीब लग रहा था, और मैं नहीं जानती थी कि मैं क्या करूँ। समीर ने मेरे सारे कपड़े उठाकर केशव के ऊपर फेंक दिए। “College Girl Chudai Kahani”

फिर उसने मुझे अपने पास बैठने के लिए कहा। मैं नंगधड़ंग उसके पास बैठ गई। हालांकि मुझे केशव के लिए बुरा लग रहा था, लेकिन अब मुझे थोड़ा अच्छा लगने लगा और मेरी चूत में कुछ होने लगा। समीर ने मुझे अपनी ओर खींच लिया और हम दोनों पास आ गए। हम दोनों के बीच सिर्फ एक से दो इंच का फासला था। हम दोनों की सांसें एक दूसरे से टकरा रही थीं।

समीर ने मेरे बालों को फिर से मेरे कान के पीछे किया और बोला, “मेरी आँखों में देखो।” मैं उसकी आँखों में देखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरी आँखें झुक गईं।

समीर बोला, “निक्की, तू परेशान मत हो। मैं तुझे कुछ नहीं करने वाला। यह सब तेरे एक्स केशव को सबक सिखाने के लिए किया था। उसे अपने बारे में बहुत ज्यादा घमंड है। मैं बस उसे थोड़ा नीचा दिखाना चाहता था। लेकिन असल में, मैं तुझे कुछ और भी जानना चाहता था। मैं देखना चाहता था कि क्या मैं तेरे लिए सही हूँ। तू मुझे सच में प्यार करती है या नहीं। मैं तुझे खोना नहीं चाहता, इसलिए मैं यह सब जानना चाहता था।”

उनकी यह बात सुनकर मैं दंग रह गई। मैं सोच रही थी कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? एक जवान लड़की नंगी खड़ी है उसके सामने और वो कुछ नहीं करना चाहता! मुझे खुद समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हुआ?

समीर ने मुझसे बोला, “तुम आराम करो, मैं जाता हूं।”

वो मुड़कर जाने लगे। मैं अभी भी हैरान थी और समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है। वो रिंग से बाहर निकला ही था कि मुझे न जाने क्या हुआ … मैं भागी और जाकर उसकी पीठ से लिपट गई। अब मैं खुद चाह रही थी कि समीर मुझे चोदे।

समीर बोले, “निक्की, ये क्या कर रही हो? यह सही नहीं है। मैं तुम्हारे साथ ऐसा नहीं कर सकता। अभी हमारा रिश्ता नया है, हमें धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए।”

समीर और मै दोनों ही कन्फ्यूजन में थे तभी, मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी भीगी हुई चूत पर रख दिया जो कि भट्टी की तरह एकदम गर्म हो चुकी थी। ये अब लंड से सिकाई मांग रही थी। समीर का चेहरा बच्चे की तरह खिल गया मैं समझ गई कि अब ठुकाई के लिए मुझे तैयार होना है।

समीर ने मुस्कराते हुए मुझे अपनी बांहों में उठाया और उसी जगह पर ले जाकर पटक दिया जहां केशव बेहोश पड़ा था। समीर मेरे ऊपर चढ़ गया। मैंने समीर को अपनी बांहों में भर लिया और मैंने उसके चेहरे और जिस्म पर मेरे गुलाबी होंठों से चुम्बनों की झड़ी लगा दी। “College Girl Chudai Kahani”

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मैं उसे पागलों की तरह उसके माथे पर, उसके गालों पर चूमे जा रही थी और मेरा एक हाथ उसके बालों को सहला रहा था। समीर ने मेरे होंठों पर किस करते हुए मुझसे कहा- निक्की, तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम्हारा बदन किसी जलपरी की तरह भरा हुआ है तुम्हारे यह गोल मटोल तने हुए बूब्स तुम्हारी सुंदरता को और बढ़ाते हैं।

इस पर मैंने भी कहा- समीर, आज ये वक़्त तेरा है। तू मुझे महका दे। मुझे बहका दे। मेरे सपनों को हकीकत में बदल दे और मेरी जिस्म की प्यास मिटा दे, जिसके लिए मैं इतने दिनों से तड़प रही हूं। मेरा अधूरा प्यार पूरा कर दे तू! आज के लिए मैं सिर्फ और सिर्फ तेरी हूं।

मेरा बदन पहले से ही कसा हुआ था। मेरी गांड, मेरे चूचे, मेरी कमर पर बाल, मेरी बाजुएं सब कुछ… जिसकी वजह से मैं सुंदरता की धनी पहले से ही थी। समीर की बांहों में मेरी जवानी सिमटी हुई थी। उसने मुझे कसकर अपनी बांहों में दबोच रखा था। मेरे बदन के हर अंग से सुंदरता का अमृत टपक रहा था। जो परफ्यूम मैंने लगाया हुआ था उसकी वजह से हम दोनों की सांसें भी महक उठी थीं।

समीर ने अपने होंठ मेरे भरे हुए रसीले होंठों पर रखे और उनसे बूंद-बूंद करके अमृत चूसने की कोशिश करने लगा। मैं भी उसका भरपूर साथ दे रही थी। समीर के दोनों हाथ मेरे बूब्स के साथ खेलना शुरू हो गए थे। उसकी उंगलियों का स्पर्श मेरी निप्पलों को सख्त होने पर मजबूर कर रहा था। “College Girl Chudai Kahani”

वो अपने नाखूनों से मेरे निप्पलों पर नोंच रहा था जो कि मुझे और कामुकता पर ले जा रही थी। उसकी यह कला इतनी मादक थी कि मैं उसकी बांहों में बिन पानी मछली की तरह मचलने लगी जिसका वो फायदा उठा रहा था। दोनों महकते हुए बदनों के बीच अब गर्मी पैदा होना शुरू हो गई थी। हमारा बदन पसीने की बूंदों से भीगना शुरू हो गया था; हम दोनों की आँखों में सिर्फ वासना के डोरे पड़े हुए थे।

हम दोनों बस एक दूसरे की प्यास बुझाने में लीन थे। हमारी चूमा चाटी को चलते हुए 10 मिनट हो चुके थे। समीर मेरे बूब्स पर आ गया और अपने बड़े बड़े हाथों को मेरे बूब्स पर रख कर उन्हें पुरजोर तरीके से मसलने लगे। मैं आह भरने लगी थी और सिसकारियाँ निकालने लगी। रिया समझ गई कि उसे जाना चाहिए और वह चली गई।

मैंने अपने नाजुक से होंठों को अपने दांतों के बीच दबाया और उन्हें कटाने लगी। हम दोनों की कामुकता एक अलग ही तूफ़ान ला चुकी थी अब तक समीर मेरे बूब्स पर आकर मेरे निप्पल्स को चूसने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा। समीर मेरे निप्पलों को इस तरह चूसने लगा जैसे दूध ही निकाल देगा और मेरे बूब्स को मसलने लगा।

मैंने भी बेड पर उसे अपने जिस्म में समेट रखा था। इसके बाद समीर ने अपनी टी शर्ट उतार दी और उसे भी केशव के ऊपर फेंक दिया। वो अभी भी मेरी बांहों में था। मैंने उसे अपनी बांहों से अलग किया और उसने तुरंत अपना पजामा भी उतार फेंका। उसका लंड उसके अंडरवियर में उफान मार रहा था और मेरी चुदाई करने के लिए एकदम तैयार था। “College Girl Chudai Kahani”

मगर मैं अभी पूरी तरह चुदाई के लिए तैयार नहीं थी, बस चाहती थी कि हम एक दूसरे के शरीर से ऐसे ही खेलते रहे। मैंने उसे फिर से अपनी बांहों में भर लिया। वो अपने होंठ मेरी गर्दन के पीछे रख मेरे गले को चूमने लगा। वहां वो मुझे चूमे जा रहे था। वासना इतनी भड़क चुकी थी कि हम दोनों पसीने में भीगे हुए थे। ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.

मेरी गर्दन के पीछे से पसीने की बूंदें शुरू होती हुईं मेरे बूब्स के क्लीवेज से होती हुई मेरी नाभि में समा रही थी। समीर भी मेरे पसीने की बूंदों को गर्दन से चूसते हुए धीरे धीरे मेरे सीने पर आ गया। वो मेरे जिस्म से जो अमृत की बूंदें पसीने के रूप में टपक रही थीं उन्हें पीते हुए मेरे बूब्स तक आ गया।

उसने अपनी गर्दन मेरे बूब्स पर रखी और बूब्स के क्लीवेज में से जो अमृत की बूंदों की धार बहती जा रही थी उन्हें पीने की कोशिश की। मगर वो इस कोशिश में नाकाम रहा। मेरे बूब्स का क्लीवेज काफ़ी गहरा है इसलिए उसके होंठ वहां तक नहीं पहुंच पा रहे थे।

मैंने समीर की मदद करते हुए उसके दोनों हाथ मेरे बूब्स पर रखे और मेरे दोनों बूब्स को समीर ने खोल दिया। अब मेरा क्लीवेज बड़ा हो चुका था जिसमें उसके होंठ मेरे क्लीवेज में आराम से युद्ध कर सकते थे और अमृत की बूंदों का आनंद ले सकते थे। मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और अपनी दोनों टांगों को उसकी पीठ पर रख कर उसे अपनी ओर दबा रही थी।

मैंने अपने दोनों हाथ उसकी पीठ पर रखे और अपनी सारी उंगलियों के नाखूनों को उसकी पीठ में चुभो दिया और अपनी ओर उन्हें भींचने लगी। समीर मेरे क्लीवेज से धारा को चूसते हुए मेरी नाभि पर आ गया और मेरी नाभि को चूमने लगे। मैं इस वक़्त एक अलग जन्नत का अहसास कर रही थी जिसको मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती।

हमारा फोरप्ले चलते हुए लगभग एक घंटा हो चुका था। और बेचारा केशव बगल में बेहोश पड़ा था, या जाने सो रहा था। मेरी चूत अब तक अपना रस छोड़ने को तैयार हो गई थी मगर मैंने खुद को संभाला। समीर ने मुझे झट से पलट दिया और मेरी पीठ अब उसके सामने थी। “College Girl Chudai Kahani”

वो अपनी एक उंगली मेरी गर्दन से फेरते हुए मेरी कमर की गहराई तक आ गया। इस हरकत ने मुझे और जोश में ला दिया। समीर ने अपने होंठ मेरे पीठ पर रखे और जगह जगह मेरी पीठ को चूमने लगा। इतने दिन से मुझे ऐसा सुख नहीं मिला था।

कुछ देर बाद समीर ने बोला, चल निक्की तू भी अपने होठों का कमाल दिखा, मै तुरंत पलट गई।

मैंने उसके अंडरवियर पर हाथ रखा और उसे खींचती हुई उसकी  जांघों से नीचे ले आयी और उसे उतार कर नीचे फेंक दिया। मैं उसके आगे से कटे हुए लंड को देख कर अचंभित थी और मेरे समीर का लण्ङ केशव से काफी अलग था और उतना ही बड़ा था। मुस्कान के साथ मेरी नज़रें उसके बदन को निहार रही थीं। उसका लंड हवा में उफान मार रहा था।

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मैंने समीर के लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे अचंभित नज़रों से देखने लगी। फिर समीर ने बोला रुक, तू अभी बाद में चूसियो और मुझे लिटाकर  मेरी दोनों टाँगें खोल दीं और घुटनों के बल बैठकर समीर ने मेरी चूत की बाली को खोल दिया। उसने अपनी उंगलियों से मेरी चूत का दरबार खोला और अपनी जीभ मेरी चूत की दोनों पंखुड़ियों पर रख दी।

फिर उसने अपनी जीभ मेरी चूत में घुसाई और फिर मेरी चूत का दरबार वापसी बंद कर दिया। समीर की आधी जीभ मेरी चूत में थी। वो अंदर ही अंदर मेरी चूत में अपनी जीभ हिला रहा था जिसकी वजह से मुझे बहुत मजा आ रहा था। कुछ देर बाद समीर मेरी चूत पर किसी दीवाने की तरह टूट पड़ा और अपने होंठों से मेरी चूत को प्यार करने लगा। “College Girl Chudai Kahani”

मैं अब आहें भरने लगी थी- आह्ह समीर… आह्ह… आह्ह… समीर। वो मेरी चूत में अपनी जीभ से कलाबाजी दिखा रहा और मुझे मजा दे रहे थे। मैं भी अपने दोनों हाथ उनके लम्बे बालों में फंसाकर उसे मेरी चूत की तरफ खींचने लगी। मेरी चूत एकदम चिकनी हो गई थी।

उसे मेरी चूत चूसते हुए 20 मिनट हो गए थे। वो कभी मेरी चूत के दाने से खेलता तो कभी मेरी चूत अपने लबों से काटता। मैं बहुत कामुक हो चुकी थी। इस वजह से मेरी चूत तो पहले ही झड़ने को तैयार थी। मेरा बदन अकड़ने लगा और मैंने समीर से कहा- मैं झड़ने वाली हूं।

कुछ देर समीर ने मेरी चूत को और चूसा और मैं उसके होंठों पर ही झड़ने लगी। उसने जीभ डाल डाल कर मेरा सारा अमृत निकाल दिया और मेरे अमृत की एक एक बून्द को चूस गया। उसे मैंने अपनी बांहों में दबोच लिया और उसके माथे पर अपने होंठों से चूमने लगी समीर का लंड नीचे मेरे पेट पर टच हो रहा था मैंने उसे अपने हाथ में लिया और सहलाने लगी।

मैंने समीर की आँखों में देखा। हम दोनो एक दूसरे में डूबने के लिए तैयार थे। मैंने उसके होंठों पर होंठ रखे और दोबारा से चूसने लगी, साथ ही एक हाथ से उसके लंड को सहलाने लगी। मैंने समीर को अब बांहों से अलग किया और खुद अब घुटनों के बल बैठ गई, मैंने उसको नीचे लेटा दिया था। “College Girl Chudai Kahani”

मैंने आज सारी शर्मा और हया अपने कपड़ों के साथ उतार फेंकी थी। मैं अपनी गर्दन समीर के लंड के पास ले गई और मैंने अपने रसीले होंठ उसके लंड के टोपे पर रख दिए। लंड के टोपे को मैंने एक बार चूसा जिसमें से बड़ी मादक महक आ रही थी।

मैंने अपने होंठों के बीच उसके लंड के टोपे को दबा लिया फिर मैंने अपने दांतों से उनके टोपे पर धीरे से काटा। वो भी महक उठा। उसका लंड अब जोर जोर से हिल रहा था। मैंने फिर उसका लंड धीरे धीरे अपने रसीले होंठों से चूसते हुए पूरा अंदर ले लिया। मैं उसके लंड के सुपारे को जोरदार तरीके से चूसने लगी।

मैं उसके टट्टों को हाथों से सहलाने लगी। वो आहें भरने लगा। अब उसके हाथ मेरी गर्दन पर आ गए और वो लंड को मेरे मुंह में दबाने लगा था। मेरे मुंह की चुसाई उसके लंड से अब बर्दाश्त नहीं हो रही थी। लगभग 10-15 मिनट मुझे उसका लंड चूसते हुए हो गए थे।

इसी तरह मैंने उसके लंड को 10-15 मिनट और चूसा। समीर ने अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया और मुझे सीधी लेटा दिया। अब वो मेरी दोनों टांगों के पास आ गया और उसने मेरी दोनों टाँगें खोल कर अपने दोनों कंधों पर रख लीं। मुझे समझ आ गया था कि ये कदम मेरे चरम सुख की प्राप्ति की ओर बढ़ रहे हैं। अभी मेरी जमकर ठुकाई होने वाली है।

उसने अपना  लंड मेरी मखमली चूत पर रखा और धीरे से एक धक्का लगाया जिससे उनके लंड का टोपा मेरी चूत की कलियों को खोलता हुआ पहली बार मेरे जिस्म में प्रवेश हुआ। मैं थोड़ी सी शरमाई जैसे कि मानो कि कोई नयी नवेली दुल्हन अपने पति से सुहागरात पर पहली बार चुद रही हो। “College Girl Chudai Kahani”

उसने एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर तक उतर गया। चूत और लंड का मिलन हो गया जिसकी वजह से मैं चीखी- आह… समीर… धीरे कर। उसने अपना पूरा लंड अंदर तक डाल दिया था और धक्के लगाने शुरू कर दिए।

वो अब जमकर मेरी चूत मे अपने लंड से धक्के लगाने लगा और मैं भी चीखती हुई उसका साथ देने लगी- आह्ह… समीर… आह्ह… आआईई… आह्ह… उईई… आह्ह। लगभग 15-20 मिनट उसे मेरी चुदाई करते हुए हो गए थे, यहाँ मुझे चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी; उसने मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रखा हुआ था और अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों टांगों को पकड़ा हुआ था।

मैं उसके धक्के लगातार झेल रही थी। धक्कों की वजह से मेरे बूब्स हिल भी रहे थे। मेरे पैरों में जो पायल थी उसके घुंघरुओं में से छन-छन की आवाजें आ रही थीं और समीर मेरी टांगों को पकड़ कर मेरी दमदार ठुकाई करने में लीन था। मैं समीर को देख कर शर्मा रही थी और पानी पानी हुई जा रही थी।

वो मेरी दोनों टांगों को मेरे चेहरे की ओर मोड़ते हुए उन्हें मेरे चेहरे तक ले आया और धक्के लगाने लगा। अब मेरी चूत के साथ साथ मेरी दोनों टांगों में भी दर्द हो रहा था। हम दोनों का चेहरा एक दूसरे से सिर्फ 3-4 इंच की दूरी पर था। मैं शर्म के मारे  नज़रें चुरा रही थी। ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.

मेरे मुँह से अभी इस वक़्त सिसकारियों की आवाजें कम हो गई थीं। मैंने दोबारा उसकी आँखों में आँखें डालीं और उसने अपने दोनों होंठ मेरे होंठों पर रख कर धक्के को जोरदार मारा। मैं चीखना चाहती थी मगर होंठ पर होंठ थे इसलिए कुछ नहीं कर पायी। हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। “College Girl Chudai Kahani”

समीर ने मेरी दोनों टाँगें मोड़ी हुई थीं और खुद उन पर चढ़े हुए था और नीचे से अपने लंड से धक्के लगा रहे था। मुझे अब तक चुदते हुए काफी देर हो चुकी थी और मेरा बदन अकड़ने लगा था; मैं अपने चरम सुख को प्राप्त करने के लिए तैयार थी।

समीर के धक्के लगातार जारी थे और कुछ ही मिनटों के बाद मैंने अपना अमृत रस उसके लंड पर ही त्याग दिया और उसका लंड पूरा मेरे रस से भीग चुका था। समीर अभी भी मेरे ऊपर चढ़े हुए था और धक्कम पेल मुझे चोद रहा था। कुछ मिनट और चोदने के बाद समीर का बदन भी अकड़ने लगा, वो भी अपना रस निकालने के लिए तैयार हो चुका था।

वो पूछने लगा- अंदर ही निकाल दूं?

मैंने कहा- नहीं, मुझे इन्हीं बूंदों का तो इंतजार है। इन्हें मैं पीना चाहती हूं।

समीर ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और खुद घुटनों के बल बैठ गया और मुझे अपनी कुतिया बना कर अपने लंड के पास ले आया। जैसे एक कुतिया बैठी होती है… ठीक उसी तरह मैं समीर के लंड के पास ही बैठी थी। उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुँह में धक्के लगाने लगा।

कुछ ही मिनट धक्के लगाने के बाद समीर ने अपना रस मेरे होठों पर निकाल दिया। उसके लंड से निकल रही  बून्द एक एक करके मेरे गले से नीचे उतरती चली गई, मेरा गला अंदर से तर हो गया। पूरा झड़ने के बाद उसने मेरे मुंह से लंड को बाहर निकाल लिया।

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हम दोनों निढाल होकर लेट गए और एक दूसरे से चिपक गए। पर समीर भी एक मजबूत लड़का था इतनी जल्दी हार कहा मानने वाला था, उसके बाद न जाने कितने राउंड उसने दोबारा मेरी चुदाई की और शायद ही कोई ऐसी पोजीशन हो जिसमें उसने मुझे न चोदा हो। मै इतनी ज्यादा थक गई थी कि नंगी ही उससे चिपक कर सो गई। “College Girl Chudai Kahani”

सुबह मेरी आँख खुली, तो देखा हमारे कपड़े चारों तरफ बिखरे पड़े है जैसे किसी ने गुस्से में फेंके हो, अभी भी समीर मेरे पास थोड़ा ऊपर की ओर सोया हुआ था। उसका लण्ङ मेरे मुंह के पास आ रहा था, मैंने उसकी ओर देखा, और वह अभी भी गहरी नींद में था। तभी मैने देखा केशव सामने खड़ा सब कुछ देख रहा है, और आंखों से आंसू गिरा रहा है।

केशव ने पूछा, “कल रात क्या हुआ?”

मैंने उदास सा मुंह बना कर बोला, “तुम्हारी हार की वजह से मुझे समीर के सामने पूरी नंगी होना पड़ा और मुझे ना चाहते हुए भी समीर के साथ सेक्स करना पड़ा।”

मै पलटी और अपनी चूत उसके सामने करते हुए बोली : यह देखो… कल रात मेरे साथ क्या हुआ है। मेरे बूब्स, मेरी गर्दन, मेरे सीने, मेरे होंठ पर लाल लाल निशान हो गए थे जो कि समीर के काटने के निशान थे। केशव ने कुछ नहीं बोला, बेचारा बोलता भी कैसे? वह मेरे सामने खड़ा था, उसकी आँखों में एक अजीब सी मायूसी थी। “College Girl Chudai Kahani”

वह मेरे आगे हाथ जोड़कर बोला, “जनता हूँ तुम अब उसकी हो, पर क्या एक बार तुम्हारे चूत पर किस कर सकता हूँ?” उसकी आवाज़ में एक अजीब सी भीख थी, जो मेरे दिल को छू गई। मैं बोलने वाली थी कि नहीं, इसमें तो समीर ने रात भर अपना लण्ङ डाला है, पर मैंने कुछ नहीं कहा।

मैंने बस केशव को देखा और मुस्कराई। केशव ने मेरी चूत पर एक जोरदार किस की और फिर वहाँ से चला गया, मुझे समीर के साथ बिताए गए रात की यादों में खो जाने के लिए छोड़ दिया। थकान की वजह से मै भी समीर के लण्ङ पर मुंह रख कर दोबारा सो गई।

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