Hot Dehati Sex Story
मैं एक सामान्य सा लड़का हूं, जिसमें चुदाई की बहुत आग हैं। मैं दिल्ली में रहता हूं और यहां की लड़कियाँ बहुत ही सुंदर बहुत ग़जब होती है। मैं और मेरे दोस्त अक्सर बातें किया करते थे कि किसने सबसे अच्छी लड़की पटाई। मैं कभी कोई सुंदर लड़की नहीं पटा पाया क्योंकि मैं एक सीधा साधा लड़का था। Hot Dehati Sex Story
और जब मेरे दोस्त अपनी मौज मस्ती के बारे में बातें किया करते थे तो मुझे बहुत जलन मझती थी अंदर से। इसके बाद से मैंने सोच लिया कि मैं भी एक सुंदर लड़की पटा लूंगा और उसके साथ खूब मौज मस्ती करुंगा। परंतु किसी सुंदर लड़की को पटाना तो दूर किसी सामान्य से दिखने वाली लड़की ने मुझे भाव भी नहीं दिया।
फिर लड़की पटाने की उम्मीद छोड़ दी और इंटरनेट पर अश्लील वीडियो देखने लग गया। इंटरनेट की अश्लील वीडियो बहुत ही मजेदार और लाभकारी होती हैं। इन वीडियो को देखकर मन मचलने लगता है और फिर मुठ मारने को दिल करता है। और मैंने भी कुछ ऐसा किया मैं अश्लील सेक्सी वीडियो देखते देखते अपना लंड मसलता था।
मेरी कामुकता की वजह से मैंने बहुत गन्दी फिल्मे देखी। यह क्रिया कर्म करते करते गर्मी की छुट्टियाँ आ गई। और मैं हर गर्मी की छुट्टी में अपने दादाजी के घर जाया करता था। मेरे दादाजी यूपी में रहते थे और मैं भी मूल रूप से यूपी का रहने वाला हूं। मेरे गांव में मेरे कई सारे दोस्त थे जो मेरे दिल्ली वाले दोस्तों से और भी आगे थे।
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वह दोस्त हमेशा वह कहानियां सुनाया करते थे। कि कैसे उन्होंने पैसे देकर एक लड़की को बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकतों करें। यह सब सुनकर मेरा दिमाग और खराब होता था और मैं घर पर जाकर और ज्यादा अश्लील वीडियो देखकर मुट्ठी मारता था।
मैं कम से कम दो या तीन बार एक ही दिन में मुट्ठी मार देता था जिससे मेरा लण्ड ढीला पड़ने लगा। फिर एक दिन यह समस्या मैंने अपने एक करीबी दोस्त को बताई जिसने मुझे सलाह दी कि। उसकी जान पहचान में एक बहुत ही सुंदर और प्यारी सी लड़की है। जिसके साथ में सेटिंग करवा सकता है मेरी।
पहले तो यह सुनकर मैं थोड़ा हिचकिचाया, बाद में हां बोल दिया। क्योंकि मेरे अंदर की ठरक नें मुझसे ना नहीं बुलवाया मेरी कामुकता चरम सीमा पर थी। लेकिन अब बात यह सही कि मैं कहां पर और कैसे उस लड़की के साथ कामुकता भरे हरकतें करूँ।
क्योंकि मेरे दादाजी के गांव में बहुत ही इज़्ज़त थी। और उन्हें हर कोई जानता था गांव में जिसकी वजह से लोग मुझे भी जानते थे। अगर कोई मुझे यह कामुकता करते हुए पकड़ लेता तो मेरी गांड तोड़ देता। तो एक रात मैंने अपने दोस्त को बोला कि वह लड़की को बुलाए मेरे घर के बाहर, मैं वही लेटा मिलूंगा।
और जब मैं अपना बिस्तर लेकर घर से बाहर सोने के लिए गया तो मेरे दादाजी ने पूछा। बेटा बाहर क्यों सोने जा रहे हो घर में आराम से सुकून से सो। और उस दिन मेरे पास कोई जवाब नहीं था और मुझे खड़े लण्ड पर धोखा मिल गया। परंतु मैंने हार ना मानी, और 1 दिन मेरी किस्मत चमकी जब गांव की लाइट चली गई।
उस दिन मेरे पास अच्छा खासा बहाना था बाहर सोने का और अपनी ठरक को मिटाने का। मैंने फिर अपने दोस्त को बोला कि भाई इस बार पक्का है, तू बस लड़की बुला बाकि तेरा भाई देख लेगा। और मेरे दोस्त ने उस लड़की से बातचीत बनाई और मामला तय किया। मैं हवस के मारे बिस्तर पर ही बैठा बैठा उछल रहा था।
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और यह सोचकर मन ही मन हंस रहा था कि आज मैं पहली बार किसी लड़की के साथ मजे करूंगा। फैसला हुआ था कि लड़की रात के 11:00 बजे आएगी। परंतु 1:00 बज गए सुबह के लेकिन लड़की अभी तक नहीं आई। मैंने फिर सोचने लगा की इस बार भी मेरी छुटिआ कट गई लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था और मेरे सितारे बुलंद थे उस वक्त।
सुबह के करीब 2:00 बजे एक लड़की मेरे चारपाई के पास आए जब मैं चंदर में मुंह ढक कर सो रहा। मैंने पूछा कितना टाइम क्यों लगा दिया मैं बस मुठ मारने ही वाला था। लड़की ने जवाब दिया कि मेरे घरवाले जल्दी सो नहीं रहे थे इसलिए चुपके से भाग कर आई हूँ।
जब मैंने उस लड़की को ध्यान से देखा तब मुझे अंदाजा हुआ कि वह कितनी सुंदर है। उसका प्यारा चेहरा और सुंदर आंखें और रसीले होंठ देख कर मेरा लण्ड अपने आप हिलने लगा। मेरे लण्ड से बस पानी टपकने लगा और मैं बस उसके साथ कामवासना करना चाहता था। ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.
मैंने जल्दी से उस लड़की को अपनी चारपाई पर बुला लिया। और उसे बस टुकुर-टुकुर देखने लगा। वह बोली मुझे ऐसे मत देखो शर्म आती है। मैंने बोला क्या करें तुम हो ही इतनी सुंदर कि बस क्या बताउं। मुझे समझ नहीं आ रहा था की कहा से शुरू करि।
उसके होठ लंड चूसने के लिए ही बने थे और उसकी छाती देख मेरा उसके साथ बच्चा पैदा करने का मन करने लगा। इतनी भरी छाती वाली बीवी अगर मेरी हो जाए तो मैं हर दिन घंटो तक उसकी छाती चूसकर उसका दूध पीना चाहुगा। अब शुरू हुआ जहां से असली सिलसिला और मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा।
मैं उसके पास गया और धीरे से उसके गाल पर चुम्मा दिया। वह अचानक से गर्म हो गई और अपने मुंह से गरम गरम हवा छोड़ने लगी। मैं समझ गया कि यह भी अब अपनी कामुकता की इच्छाओं को जला रही है और धीरे-धीरे माहौल बना रही है। फिर मैंने धीरे से उसके नरम नरम लाल रसीले होठों पर एक छोटा सा चुम्मा दिया।
पहले तो वह घबरा गई और बोली है क्या कर रहे हो। मैंने पूछा क्यों तुम्हारा यह पहली बार है क्या। वह बोली हां, यह मेरा पहली बार है, मैंने कभी ऐसा नहीं किया। बस फिर क्या था यह सुनते ही मेरे मन में दो दो नहीं चार चार लड्डू फूटे। मैं बस मन ही मन इतना ज्यादा हंस रहा था कि मेरी खुशी मेरे लण्ड से टपक रही थी।
फिर मैंने एकदम से उसको कसकर गले लगाया और बहुत जोर से चूमने लगा उसके होठों पर। उसके गीले गीले होठों पर मेरे गले मिले हो आपस में लिपट गए और हम एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे। मुझे याद नहीं है लेकिन मैं कम से कम 1 घंटे तक उसके होठों को चूमता ही रहा और एक दूसरे की जबान को मिलाते रहे।
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इतना आनंद मुझे कभी नहीं आया और मैं बस सातवें आसमान पर उड़ रहा था। अब धीरे धीरे चूमा चाटी से उसकी भी अंदर की गर्मी बढ़ने लगी और इस तरह मेरी चुदाई की कहानी शुरू हुई। मैंने उसे लेटने को बोला और धीरे से उसकी कपड़े उतार दिए। उसके गोल गोल और नरम नरम चुचे देख कर मेरा लण्ड जोर जोर से धड़कने लगा।
उसके सुंदर चुंचे इतने नरम थे, कि मानो जैसे डबल रोटी फूली हुई पाव। मैं उसके स्तन को जोर जोर से मसलने लगा और वह धीरे-धीरे शरारती आवाजें निकालने लगी। और बोलने लगी, थोड़ा धीरे से दबाव, दर्द हो रहा है। यह सुनने के बाद मैंने उसके दोनों स्तन को अपने दोनों हाथों में भरा और उसको दोबारा उसके होठों पर चूमने लगा।
फिर मैंने आहिस्ता से उसकी टांगों के बीच में अपना हाथ फेरा। मैंने यह महसूस किया कि उसके टांगों के बीच में गीला हो गया है। फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। वह और जोर-जोर से आवाजें निकालने लगी जिनको सुनकर मेरा मन और मचल रहा था।
फिर मैंने अपनी पैंट उतारी और उसके मुंह के पास ले गया। और उससे मैंने मुखमैथून के लिए भोला। लेकिन उसने मना कर दिया और बोली यह सब मुझसे नहीं होगा। मैंने ज़बरदस्ती नहीं करी और उसकी बात मान ली क्योंकि वह बहुत ही प्यारी थी। फिर मैंने कंडोम का पैकेट निकाला और उसके हाथ में दे दिया। और बोला कि मेरे लण्ड पर इस कंडोम को चढ़ा दो।
उसने ऐसा ही किया। उसके नरम हाथों से मेरे लण्ड पर मालिश करि मेरा बस झड़ने ही वाला था कि मैंने उसे रोक दिया। पहले मैंने उसके दोनों चुँचे के बीच में अपना लण्ड रखा। और फिर मैं उसके स्तन के बीच में अपने लण्ड को मसलने लगा। इतना आनंद में था कि मुझे चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी। “Hot Dehati Sex Story”
फिर मैंने धीरे से उसकी दोनों टांगों को उठाया और अपने लण्ड को धीरे-धीरे उसकी चूत में डालने लगा। जैसे-जैसे मैं अपने लण्ड को उसकी चूत में डाल रहा था, मैं वैसे वैसे आवाजें कर रही थी। फिर मैंने एकदम से अपने पूरे लण्ड को उसकी चूत में घुसा दिया और वह बस चीखने ही वाली थी। कि मैंने उसे चुम्मा दे कर उसका मुंह बंद कर दिया।
फिर धीरे-धीरे मैंने अंदर बाहर करना चालू किया और उसी वक्त उसे चुम्मा दे देता रहा। मैं उसकी चुत चोदते हुए उसके सेक्सी होठो को चुस रहा था और वो मेरे मुँह में अपनी जुबान डाल रही थी। वो चाहती थी की मैं उसकी जुबान को चुसू और उसके सेक्सी मुँह में अपने मुँह का थूक गेरू।
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उसकी चूत इतनी कसी थी, कि मुझे बहुत मजा आ रहा था। वह गिला गिला सा एहसास, जिसकी वजह से मैं और जोर जोर से अंदर बाहर कर रहा था। और मेरी चारपाई वैसे वैसे आवाजे करने लगी थी। परंतु मुझे इसकी परवाह नहीं थी क्योंकि उस सुंदर लड़की को चोदने में बहुत मजा आ रहा था।
फिर मुझे अश्लील वीडियो की तस्वीरें याद आने लगी। और मैंने वैसे वैसे करने की कोशिश भी करी। मैंने उसको अपने ऊपर बैठाया और खुद लेट गया। फिर उससे बोला कि मेरे लण्ड पर अपने आप कूदे। वह लड़की धीरे-धीरे मेरे लण्ड पर खुद ही खोजने लगी और मैं बस उसके सुंदर चेहरे और गोल गोल स्तन को देख रहा था।
जिससे मेरी कामुकता और ज्यादा बढ़ रही थी और मेरा लण्ड खड़ा का खड़ा था। फिर एकदम से मैंने उसकी गांड को जोर से पकड़ा और दबा कर चोदने लगा। वह बोल रही थी कि धीरे मारो, धीरे मारो, लेकिन मैं और तेज होता रहा। अंत में मेरा झर गया और इतना झड़ा कि कंडोम आगे से गुब्बारे की तरह फ़ूल गया। “Hot Dehati Sex Story”
और हम दोनों एक दूसरे के गले लग कर सांसे भरने लगे। वह बहुत ज्यादा थक गई थी और जोर-जोर से सांसे ले रही थी। लेकिन मैं नहीं थका क्योंकि मैं अभी भी संतुष्ट नहीं हुआ था। मेरी ठरक अभी भी शांत नहीं हुई थी। मैंने जल्दी से दूसरा कंडोम लगाया और उसे कुत्तिया पोजीशन में आने को बोला। ये कहानी आप Hindi Sex kahani पर पढ़ रहे है.
वह बोली मैं बहुत थक गई हूं लेकिन मैंने बोला अभी सारी थका चली जाएगी और बहुत आनंद आएगा। उसकी गोल मटोल गांड देख कर मेरा लण्ड फिर से केले की तरह खड़ा हो गया। सच में उसकी गांड बहुत ही मोटी थी और मैं उसे जोर जोर से ठोकने लगा, अपने लण्ड से।
मैं जितनी बार उसकी ठुकाई कर रहा था उतनी बार उसकी गांड गुब्बारे की तरह हिल रही थी। उसके नरम चूतड़ देख कभी मेरा मन उन्हें चाटने का करता तो कभी चोदने का। बीच बीच में चोदते हुए मैं रुकता और उसके दोनों गन्दे छेदो को चाटने लगता।
धीरे धीरे उसको पूरा मजा आने लगा और उसका आनंद थकान पर भारी हो गया। मैंने अपनी रफ्तार और ज्यादा बढ़ा दे और चारपाई चोय चोय करने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चुँचे को पकड़ लिया। फिर मैं उसे और ज्यादा जोर से चोदने लगा।
उसके बड़े बड़े मुलायम लटकते थन काफी नरम थे जिन्हे मैं बेदर्दी से अलग अलग तरह से दबाए जा रहा था। उसकी दोनों चूचियाँ भी खड़ी हो गई। मेरा लण्ड से वीर्य फिर उतनी ही मात्रा में निकला और हम दोनों को चरम सुख की प्राप्ति हुई। अब मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो गया था। “Hot Dehati Sex Story”
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परंतु फिर भी मैं यह क्रिया करम करने के बाद को दोबारा चूमता रहा। क्योंकि उसका चेहरा बहुत ही प्यारा था और उसके होंठ बहुत ही नरम और रसीले थे। वह बोली अब छोड़ो मुझे सुबह होने वाली है घरवाले जागने वाले होंगे। मैंने बोला मुझे थोड़ी देर और तुम्हें जी भर के चूमने दो।
वह बोली अरे बाबा मैं कहीं और थोड़ी ना जा रही हूं तुम मुझे फिर से बुला सकते हो। मैंने बोला क्यों? उसने उत्तर दिया, तुम मुझे बहुत अच्छे लगे और तुमने मुझे बहुत मजा कराया। यह सुनकर मानो मेरी आंखें भर आई हो और मैं अंदर ही अंदर फिर से सातवें आसमान पर उड़ रहा था।
फिर मैंने उसे ₹500 की जगह हजार रुपए दिए। और उसने जवाब दिया कि अगली बार से मुझे पैसे नहीं चाहिए। क्योंकि मैं तुम्हें पसंद करने लगी हूं और तुम मुझे बहुत अच्छे लगने लगे हो। यह सुनकर मेरा रूम लोग खुशी से मचलने और नाचने लगा। अगली सुबह मानो मेरे चेहरे से लाली झलक रही हो। और फिर मेरे पास भी अब एक कहानी थी जो मैं अपने दोस्तों को सुना कर जला सकता था। और मेरी कहानी सुनकर मेरे सारे हरामि दोस्तों की गांड जरूर जलेगी।