XXX Bhabhi Chudai Story
दोस्तों मेरे पास चुदाई के किस्से बताने के लिए बहुत हैं क्योंकि मेरा 5 घंटे का स्टैमिना मुझे चूत दिलाता ही रहता है. आपका दोस्त राहुल 46 दिल्ली से हाज़िर हूँ. बहुत से पाठको की मुख्य प्रॉब्लम स्टैमिना (सेक्स टाइम) को लेकर होती है. औरत के फारिग होने से पहले ही उनका पानी निकल जाता है जिससे औरत प्यासी रह जाती है और मर्द को बेहद शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है. XXX Bhabhi Chudai Story
स्टैमिना प्रॉब्लम वाली मेल मिलने पर मैंने सबकी सहायता की है. जिससे उनकी सेक्स लाइफ और भी रंगीन हुई है. वो मेरा धन्यवाद करते नहीं थकते. जितने भी मेल आये उन सबका धन्यवाद. राहुल आयु 46 वर्ष दिल्ली से एक बार फिर अपना एक और असली किस्सा लेकर हाज़िर हुआ है. उम्मीद है यह भी आपको पसंद आएगा.
दोस्तों जैसा कि मेरी कहानी पढ़ने वाली जानते हैं कि मेरा चुदाई का स्टैमिना 5… 6 घंटे का है और इसी कारण बहुत से कपल्स और फीमेल्स मुझे बुलाते रहते हैं. मयूर विहार दिल्ली में मेरी एक ख़ास दोस्त रहती है बबीता ( बदला हुआ ). बबीता की उम्र 29 साल है, शादीशुदा है. मुझसे और अपने पति से चुद चुद कर उसका साइज 38 34 36 का हो चला है.
उसकी गांड का साइज बढ़ाने का श्रेय उसके पति को जाता है जो रोज़ तेल लगाकर उसकी गांड लेने का रसिया है. मै उसे तब से पेल रहा हूँ जब वो अविवाहित थी. हम दोनों ने असंख्य बार सेक्स किया है. बबीता का जानपहचान का दायरा बहुत बड़ा है और उसमें बहुत लेडीज हैं. ये लोग अपनी अपनी फ्रेंड्स के साथ किटी पार्टीया और बाहर घूमने के प्रोग्राम करते रहते हैं.
उसको मैंने कई बार बोला – “यार तेरी इतनी पटाका पटाका फ्रेंड्स हैं. किसी की दिला दो ना.”
बबिता – “क्यों?”
मै – “यार थोड़ा नया खून चखने का मन है.”
वो – “यार लड़कियां आपस में यह बात डिस्कस नहीं करती.”
मै – “क्यों? हम लड़के या आदमी तो सबसे पहले यही डिसकस करते हैं.”
वो – “लड़कियां कमीनी होती हैं. अपनी मर्जी से चाहे कहीं मुँह मारती रहें लेकिन आपस में यह बात नहीं करती कि लण्ड दिला दो.”
मै – “वो बात मै मानता हूँ लेकिन तुम फिर भी नज़र रखना कि किसको लण्ड चाहिए.”
मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : आंटी को जवान लड़के से चुदवाते हुए पकड़ा
उसकी किटी में उसकी एक नई फ्रेंड बनी जिसका नाम किरण (बदला हुआ नाम) था. एक बार मै बबीता को किटी में छोड़ने गया तो किरण भी अपनी कार से उतर रही थी. तब बबीता ने हमारा छोटा सा परिचय करवाया.
बबीता – “ये मेरे दोस्त राहुल हैं. और यह मेरी फ्रेंड किरण है.”
किरण ने नमस्ते की. वो किसी आर्मी अफसर की बीवी थी. भगवान कसम क्या दिखती थी किरण. उम्र 34 की होंगी. साइज भी 38 36 38 का था. रंग एकदम दूध जैसा गोरा चिट्टा.
मैंने कहा – “जैसा नाम है वैसा रंग रूप है. आप तो वाकई किरण की तरह चमक रही हो.”
हम तीनो हंस पड़े और मै उन दोनों को वहीँ छोड़कर अपनी गाडी में बैठकर वापिस आ गया. अगले दिन मैंने ही बबीता को फ़ोन किया – “हाँ तुम्हारी किटी कैसी रही.”
बबीता- “बहुत बढ़िया.”
फिर थोड़ा रुक कर बोली – “क्यों उस लड़की के बारे में नहीं पूछोगे जो किरण की तरह चमक रही थी.”
मै – “चलो तुमने याद दिलाया तो किरण का भी बता ही दो.”
वो – “नहीं रहने दो अगर तुम्हे नहीं जानना तो.”
हम दोनों जानते थे कि हम दोनों ही आपस में शरारत कर रहे थे. हम दोनों हंस पड़े.
वो – “उसका पति यहाँ नहीं रहता. उसका श्रीनगर में तबादला हुआ था. किरण सुरक्षा की दृश्टि से श्रीनगर नहीं जा रही.”
मै – “हाँ ठीक बात है.”
मैंने मन ही मन सोचा कि अच्छा है किरण वहां नहीं गयी. अगर यहां रहेगी तो उसकी चुदाई की कुछ उम्मीद तो बनी रहेगी. बबीता को इस बात का पता था कि मै चूत का रसिया हूं और मैं मन ही मन में जरूर किरण की चुदाई के बारे में सोच रहा हूँगा.
तो उसने मुझसे पूछ ही लिया- “क्यों मिस्टर,तुम्हारे इरादे क्या है किरण को लेकर?”
मैंने कहा – “तुम्हें पता है कि मेरे क्या इरादे हो सकते हैं.”
वह बोली- “मैंने उसको तुम्हारे और मेरे संबंध के बारे में बता दिया है”.
मैंने कहा – “अरे! ऐसा क्या?”
बबीता – “किरण को बहुत हैरानी हुई और खुशी भी हुई कि हम इंजॉय कर रहे हैं, किरण आर्मी ऑफिसर की पत्नी है और काफी खुले विचारों की है.”
मैंने उसको तुम्हारा नंबर भी दे दिया है. इस तरह मैंने तुम्हारा आगे का रास्ता साफ कर दिया है. किरण को मैंने बता दिया है कि हम लोग कई साल से बहुत अच्छे दोस्त हैं और खूब मज़े करते हैं. “अब आगे किरण की मर्ज़ी कि वह कहाँ तक पहुँचती है.”
मैंने बबीता को थैंक्स कहा और फ़ोन कट गया. उसके बाद जब भी बबीता की किरण से बात होती बबीता मेरा जिक्र जरूर करती थी कि सॉलिड आदमी है, सबसे बड़ी बात वो इधर की बात उधर नहीं करता, हर बात को सीक्रेट रखता है आदि आदि. तो दोस्तों ऐसा करके उसने मुझे किरण के लिए एकदम फिट कर दिया. एक दिन किरण ने बबीता को बोल ही दिया.
किरण – “यार तुम अपने दोस्त की बहुत तारीफ करती हो, मुझे देखना है कि उसमें कितना दम ख्म है.”
बबीता – “तो उसे आजमा लो, वो तो तुमसे मिलने के लिए रेडी बैठा है.”
किरण- “मै उसे डायरेक्ट नहीं जानती. तू ही उसे मेरे घर भेज दे. ताकि तेरी गारंटी रहे.”
इन दोनों सहेलियों के बीच की बातें मुझे बबीता ने ही बताई थी. तो बबीता ने मुझे फ़ोन करके यह खुशखबरी दी.
बबीता – “राहुल, एक खुशखबरी है.”
यह सुनकर मेरा दिल उछलने लगा.
मै- “हाँ बोलो जी.”
वो – “तुम्हे कोई बुला रहा है.”
मै – “बुला रहा है या रही है.?”
वो हंस पड़ी – “चलो ठीक है, तुम्हे कोई बुला रही है.”
मै – “और वो ‘कोई” किरण है. राइट?
वो – “हाँ. फटाफट किरण के पास पहुंच जाओ. मैंने तुम्हारी बहुत तारीफ की है. मेरी नाक का सवाल है.”
मै – “वो तुम मुझ पर छोड़ दो. मुझे सिर्फ उसका एड्रेस दो और उसे बोल दो कि मै 3 बजे तक पहुँच जाऊंगा.”
तो भैया जी मैं ठीक 3:00 बजे उस एड्रेस पर पहुंच गया जोकि मयूर विहार (बदली हुई जगह) था. किरण ने ही गेट खोला. किरण वैसे तो खूबसूरत थी ही लेकिन आज मैं उसके नये रूप को देखकर दंग रह गया. लो कट का ऑरेंज रंग का गाउन पहन रखा था जो कि बहुत झीना था और उसमें से उसका गोरा रंग रूप चमक मार रहा था. ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.
चुदाई की गरम देसी कहानी : प्यासी शादीशुदा औरत मेरी गर्लफ्रेंड बन गई
उसने अंदर झीनी ब्रा और पैंटी पहन रखी थी जो कि उसका यौवन छुपाने में असमर्थ थी. और वैसे भी यहाँ यौवन को छुपा भी कौन रहा था?? अब तक मुझे बाहर वह एक दो बार औपचारिक कपड़ों में मिली थी लेकिन अब चुदाई में औपचारिकता का कोई सवाल नहीं था और वह बिंदास कपड़ों में आ गई थी.
एक बार तो मैं पहचान ही नहीं पाया कि मैं उसी किरण को ही देख रहा हूं. सुराहीदार गर्दन, सुन्दर नाक, भरा भरा मुँह, रस भरे होंठ, 36 साइज की चूचियाँ, सपाट पेट, विशाल 38 साइज के कठोर नितम्ब, केले के तने जैसी चिकनी जाँघे और उन के बीच छुपा स्वर्ग का द्वार जो कि दिखाई नहीं दे रहा था.
किरण हंस कर बोली – “अरे ऐसे क्या देख रहे हो?”
मै – “तुम्हे.”
वो – “तुम्हे सरप्राइज देने के लिए मैंने यह सब किया है.”
मै – “बहुत सुन्दर लग रही हो.”
वो – “थैंक्स.”
मेरी अभी तक लुप लुप हो रही थी.
मैंने कहा – “घर में कोई नहीं है ना?”
वो – “नहीं, सभी हैं.”
वो मज़ाक़ के मूड में थी, मैंने सच समझा. मेरी हवा निकल गयी और मै चौंक पड़ा. “क्या? सभी हैं?”
किरण – “तुम पागल हो क्या?घर में कोई होगा क्या? घर में कोई होगा तो तुम्हें बुलाऊंगी क्या?”
मै खिसयानी हंसी हंस पड़ा. और करता भी क्या? मैंने अपना हाथ उसकी कमर में डाला और हम दोनों सोफा पर जाकर बैठ गए. वहां हमारी हल्की-फुल्की औपचारिक बातें हुई. बोली- “आज अचानक से प्रोग्राम बन गया क्योंकि घर पर कोई नहीं था तो मुझे लगा क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाए.”
मै – “हां. सही कह रही हो.”
हम दोनों की फ्रेंड बबीता ने हम दोनों को एक दूसरे की बातें बता रखी थी. इसलिए दोनों को पहली बार मिलकर भी ऐसा नहीं लग रहा था कि हम बिल्कुल अनजान हैं और पहले मिले हुए नहीं है. ऐसा लग रहा था कि जैसे हम पहले कई बार मिले हुए हैं इस बात को किरण ने भी नोट किया और मैंने भी. “XXX Bhabhi Chudai Story”
मै – “किरण, मैं आपको तुम बोल सकता हूं? आप बहुत भारी भरकम शब्द लगता है.लगता है पता नहीं कितने बड़े महापुरुष से बात हो रही है.”
किरण – “हाँ, क्यों नहीं. विल्कुल.”
मै – “किरण, वैसे एक बात है तुमने अपने आप को मेंटेन बहुत किया हुआ है.”
वो – “करना पड़ता है. आर्मी वालों के आदमी भी फिट होते हैं और उनकी औरतें भी फिट रहती हैं.”
इतना कहते कहते मैं किरण के पास आ गया और उसके मांथे को चूम लिया. मैंने उसे सोफा पर ही अपनी गोद में लिटा लिया और उसके माथे,गाल को चूमना शुरू कर दिया. मेरा एक हाथ उसके बालों को सहला रहा था. मैं अभी तक उसके होठों को नहीं छुआ था यह मैंने जानबूझकर किया था ताकि उसकी प्यास भड़क जाए और होंठ चुस्वाने में मजा आए.
मेरा प्यार करने का तरीका यह है कि औरत को पहले खूब गर्म करो और उसके बाद गर्म लोहे पर चोट करो तो चोट ज्यादा असर करेगी. अब धीरे-धीरे मैंने उसके होठों पर आक्रमण कर दिया और उसके होठों को निचोड़ना शुरू कर दिया.मां कसम उसके रसीले होंठ आम से भी ज्यादा रसीले थे और उनमें से समझ लो रस टपक रहा था. ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.
काफी देर तक मेरे होंठ उसके होठों से उलझे रहे और मेरे हाथ लगातार उसकी सेक्सी पीठ को सहलाते रहे. इस बीच में मैंने उसकी नाइटी ऊपर से उतार दी. नाइटी उतरते ही उसके बूब्स दिखने शुरू हो गए. उसने बहुत ही पतली और एक लगभग पारदर्शी ब्रा पहनी हुई थी जिसमें से उसके उन्नत और गर्व से तने बूब्स करीबन करीबन पूरे ही दिख रहे थे.
उसके स्तन कम से कम 38 साइज जरूर होंगे.एकदम सॉलिड और बिल्कुल टाइट. उसको देखकर लगता ही नहीं था कि इसका कोई बच्चा होगा जिसने इसका दूध भी पिया होगा. मैंने पीछे से उसकी हुक हटा दिया और उसकी पारदर्शी ब्रा नीचे जमीन पर पटक कर फेंक दी, ब्रा हटते ही उसके बूब्स ऐसे उछले जैसे कोई पक्षी पिंजरे से आजाद हुआ हो. बहुत ही कठोर बूब्स थे.
उसके मम्मे देखकर तो मजा ही आ गया. मैंने सोचा बेटा राहुल आज तो तेरी लॉटरी लग गई. इतना मस्त माल!! नीतू सिंह की तरह का बड़ी बड़ी चूचियाँ थी साली की. मैंने उसके दोनों बूब्स अपने हाथ में लिए और उनका साइज़ मापना शुरू कर दिया. हाथ में समा ही नहीं रहे थे.. फिर मैंने अपना मुंह से उनको पिल्ले की तरह लप लप बारी-बारी चूसना शुरू कर दिया. किरण को बहुत मज़ा आने लगा.
मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : पापा की अय्याशी देख माँ मुझसे चुदवाने लगी
लेकिन कहा – “इतना मत चूसो और ज्यादा बड़े हो जाएगेँ. पहले ही इतने बड़े हैँ संभाले नहीं संभालते.”
मैं- “बड़े बूब्स सेक्सी लगते हैँ.”
फिर वह बोली – “चलने में बहुत दिक्कत आती है क्योंकि चलते हुए बहुत बोझ महसूस होता है.और मत चूसो.”
उसकी बात जायज थी. मुझे बड़े बूब्स का यह नुकसान कई और लेडीज ने भी बताया था. मुझे मन मार कर उसके बूब्स पर से मुंह हटाना पड़ा. मैंने उसको गोदी में उठाया. उसके मोटे नपे तुले नितम्बो के नीचे मेरा हाथ था. सेक्स के नशे में वो मुझे फूलों से भी हल्की लग रही थी. किरण को मेरी यह अदा बहुत पसंद आयी. मै बेड तक ले आया और उसे वहां बड़े संभाल कर लेता दिया. वो भी सेक्स के हवस में चूर हो चुकी थी. “XXX Bhabhi Chudai Story”
मै कंपते शब्दों में बोला – “इतनी सेक्सी हो कि तुम्हें देखकर मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूं. दिल करता है तुम्हे खूब प्यार करूँ.”
उसकी आँखे बन्द थी. कुछ नहीं बोल रही थी. सिर्फ इस पल का आनंद ले रही थी. मैंने मुँह को चूमना शुरू किया और होंठो से नीचे, गर्दन, और बूब्स, पेट को चूमता चूमता उसके निचले हिस्से तक चला गया. मैंने उसकी मखनी जांघों के बीच अपना मुंह रखा और उसकी चूत पर हमला बोल दिया.
लेकिन इस बात का ध्यान रखा कि उसको एकदम ना छेडू और उसकी साइड में ही मज़े करता रहूं. पहले मैंने उसकी जांघों को चूसना शुरू किया. फिर उसके ऊपर तक आकर चूत के होठों को पकड़ा और चूत के मुलायम होठों को हलके हलके टच करना शुरू कर दिया.
मैंने इस बात का ध्यान रखा कि जीभ चूत के अंदर ना जाए. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. बिलकुल चिकनी थी. और कामवासना से गीली हो चुकी थी. उसमें से बहुत जानलेवा सुगंध महक रही थी.चूत बहुत ही छोटी थी. बिल्कुल मासूम सी दिख रही थी. देखने में बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने धीरे-धीरे चूत के दोनों होंठ एक एक करके चूसने शुरू कर दिए और अपनी जीभ को आगे से नुकीला बनाकर चुपके से घुसा दिया. अचानक हुए इस हमले से वह बेखबर थी. चूत के दाने पर मेरी पैनी झीभ के लगते ही एकदम से कूद पड़ी और अपने मांसल और गुदाज नितँबों को ऊपर की तरफ उछाल दिया.
मैंने अपनी जीभ को थोड़ी देर वहीँ रखा. फिर जीभ को थोड़ा सा और अंदर किया और इस तरीके से पूरी जीभ उसकी चूत में छोटे सांप की तरह फिट हो गयी. चूत का कामरस का नमकीन पानी का जीभ पर लगा. उसका उसका छेद बहुत टाइट था. मेरी जुबान बड़ी मुश्किल से ही जा पा रही थी. “XXX Bhabhi Chudai Story”
मैं बड़ा हैरान था कि एक बच्चा निकालने के बाद भी इसकी चूत इतनी तंग कैसे हो सकती है? लेकिन मुझे तो फायदा ही था. टाइट चूत हो तो लँड पेलने में ज्यादा मजा आता है. मैंने उसकी चूत को चूस चूस कर उसका बुरा हाल कर दिया. वो अचानक से शांत हो गयी और ज़ोर ज़ोर से मेरे सर के बालों में अपनी ऊँगलीयां जकड़ ली. मैं समझ गया कि किरण मैडम तो गयी.
मैंने उसका सारा पानी पी लिया. औरतों का जब पानी निकलता है तो आदमियों की तरह ढेर सारा नहीं निकलता. हल्का सा नमकीन और सफ़ेद क्रीम जैसा कुछ निकलता है. मैंने पूरी शिद्द्त से चूत का पानी चाट लिया. दोस्तों मेरा अपना अनुभव है कि चूत का नमकीन पानी चाटने से सेक्स पावर बढ़ती है. इसलिए स्वर्ग का पानी जरूर चाटना चाहिए. लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए औरत को कोई बीमारी ना हो. नहीं तो आपके मुँह में छाले पड़ सकते हैँ.
मैंने उससे पहले ही पूछ लिया – “कोई बीमारी तो नहीं है?”
उसने कहा – “नहीं मुझे कोई बीमारी नहीं है.”
इसलिए चूत का पानी पीना या कहिये चाटना ही उचित समझा. उसका पानी पीके मजा आ गया. कसैला, नमकीन, खट्टा सा पानी बड़ा अच्छा लगा. वह मुझे बिल्कुल चिपक गई थी. 5 मिनिट तक ऐसे ही चिपकी रही. बोली- “राहुल, जल्दी से लँड पर कंडोम लगा लो और मुझे चोदना शुरू कर दो.”
मै तो इसी इंतज़ार में था. कोहिनूर का एक्स्ट्रा टाइम कंडोम उठाया और अपने खतरनाक लण्ड पर चढ़ाने लगा. कंडोम लगकर मेरा लँड बिल्कुल कोबरा की तरह हिलने लगा. लोहे जैसे सख्त लण्ड को धीरे से स्वर्ग द्वार के मुंह पर रखा और हल्का से प्रेशर दिया. चूत का मुंह हल्का सा खुला और मेरा लँड धीरे से फक्क से उसमें घुस गया. उसने ज़ोर से एक आह भरी और उसके सुन्दर चेहरे पर दर्द और आनंद मिश्रित लहर दिखाई दी. “XXX Bhabhi Chudai Story”
उसने मेरे कान में फुसफुसा कर कहा – “yes यस.. शाबाश शाबास. हाँ ऐसे ही.”
वह चिल्लाई – “हां, हाँ. और करो…..। और करो…..”
तो फिर मैंने चूत में अपने लण्ड का और दबाव देना शुरू कर दिया. लँड धीरे-धीरे अंदर घुसता चला गया. चूत में चिकनाई होने के बावजूद बहुत तंग रास्ता था.
मैंने उससे पूछा – “तुम्हारी चूत इतनी टाइट कैसे हैं तुम्हारे तो बच्चा भी है?”
उसने कहा – “बच्चा चूत से नहीं निकला. ऑपरेशन से हुआ था. मेरे पति बहुत ज्यादा नहीं करते हैं. क्योंकि मुझे अपने फिगर का बहुत ध्यान है. मैं ज्यादा करने देती नहीं हूं.”
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : दीदी की खूबसूरती उनकी दुश्मन बनी
ऐसे करते-करते मेरे लँड ने मांसल, नाजुक और टाइट छेद में अंदर तक घुस कर खबर लेनी शुरू कर दी और वह हर धक्के पर तड़पती जा रही थी. चुदाई में हम दोनों को इतना मज़ा आ रहा था कि लगता था यह दौर हमेशा चलता ही रहे. मैंने अपने हाथ उसकी चौड़ी और जानलेवा गांड के नीचे लगा रखे थे.
और इसलिए उसकी गांड हल्की सी ऊपर उठई थी जिससे लण्ड को चूत के अंदर बच्चेदानी तक जाने में भी कोई दिक्क़त नहीं आ रही थी. मैंने चुदाई की पोजीशन थोड़ी और बदली और उसके दोनों पर पैर कैंची की तरह क्रॉस करके उसके बूब्स पर रख दिए.
इस पोजीशन में गज़ब हो गया. चूत का मुंह बिल्कुल उभर कर ऊपर आ गया और एक तरह से छत की तरफ देख रहा था. मैंने अपने कंधे उसके सर के साथ उसके कंधो से मिला दिए जिससे उसका हिलना दुलना भी बिलकुल असम्भव हो गया. नीचे से मेरे लण्ड ने उसकी चूत जकड़ रही थे. ऊपर से मेरी कोहनियो ने उसको लॉक लगा रखा था.
स्तिथि पूरी तरह से मेरे कण्ट्रोल में थी. मैंने ऐसे लंबे-लंबे शॉट लगाने शुरू कर दिए. बीच बीच में मैं बहुत हलके शॉट भी लगाता था. कभी बहुत लम्बे. किरण को आईडिया नहीं लग पर रहा था कि शॉट लम्बा आएगा या छोटा. इसलिए छोटे शॉट के बाद लगने वाले हर लम्बे शॉट पर वो तड़प कर रह जाती थी. छोटे और लम्बे शोटो का यह मिश्रण काफी सेक्सी बन गया था. मैं काफी देर तक उसको अपने नीचे लिटाकर रगड़ता रहा. “XXX Bhabhi Chudai Story”
फिर वह बोली – “चलो मुझे घोड़ी बना कर चोदो.”
घोड़ी बन गई. अपने कंधे और बूब्स उसने बैड पर टिका दिए और पीछे से अपनी चौड़ी और दद्देदार गांड ऊपर उठा दी. इस पोज़ में आते बड़े-बड़े गांड के गोले मेरे सामने आ गई और गांड का छेद तो इतना टाइट था कि दिख नहीं रहा था. उसकी चूत की लकीर बड़ी पतली सी दिख रही थी. और अभी ताज़ा ताज़ा चुदी थी.
मैं पीछे से खड़ा हुआ और बेड पर खड़े होकर उसकी गांड की तरफ से उसकी टाइट चिकनी चूत में अपना फंफनाता 9 इंच लम्बा कोबरा घुसा दिया. इस पोजीशन में लण्ड चूत के बिलकुल लास्ट पॉइंट तक अंदर तक जाता है क्योंकि रास्ते में क्यों रुकावट नहीं होती.
इस पोजीशन में औरत को बहुत ज्यादा दर्द हो सकता है उसकी 3 घंटे तक चुद रही चूत पहले ही टाइट थी और अब पोजीशन कुछ ऐसी बन गई थी कि लण्ड सीधे दीवार तक जाकर टकरा रहा था तो उसको बहुत दर्द होना शुरू हो गया. वो चिल्लायी – “धीरे करो धीरे करों.”
लेकिन मैंने ज्यादा परवाह नहीं कि क्योंकि मैंने इतनी कंटाप औरत रोज थोड़ी मिलती है. सोचा आज साली को जितना चोदना चाहे उतना चोदो पता नहीं ये साली फिर कब मिलेगी या ना भी मिले. इस इरादे से उसको ताबड़तोड़ दोबारा चोदना शुरू कर दिया और एक फैक्ट यह भी है कि औरत को जंगली तरीके से चुदने में ज्यादा मजा आता है. असली मर्दानगी औरत की चीखे निकलवाने में है. “XXX Bhabhi Chudai Story”
तो मैंने उसको खूब चोदना शुरू कर दिया. उसकी एक टांग को हल्का सा उठा दिया सोच कर देखिए एक सेक्सी औरत कुतिया की तरह बनी हुई हो,उसकी एक टांग हल्की सी उठी हो!! उफ्फ. इस तरह चूत में लण्ड और अंदर तक जाना शुरू हो गया उसको और ज्यादा दर्द और मुझे ज्यादा मज़ा आना शुरू हो गया. लगातार 3 घंटे चुदकर फिर हमने थोड़ा सा आराम करने की सोची.
मैंने कहा – “किरण, थोड़ा आराम करते हैं तुम थक गयी होंगी.”
किरण – “हां, थोड़ा आराम करते हैं. मैं भी घोड़ी बनी बनी बहुत थक गई हूं और पहले तुमने मेरे पैर मेरी छाती पर लगा रखे थे, अब दर्द हो रहा है.”
फिर हम लेट गए. आपस में फेविकोल की तरह चिपक कर हल्की-फुल्की बातें करते रहे. इस बीच वो लण्ड सहलाती रही. लण्ड का पानी नहीं निकला था. इसलिए वो अभी तक पूरे जोश में था.
मैंने कहा – “इसको फ़ारिग करते हैँ. ढाई तीन घंटे होने वाले हैं और मुझे भी आगे जाना है,अंतिम अंजाम दिया जाए.”
उसने कहा – “मेरा तो 2 बार हो चुका है.”
मैंने कहा – “अब मुझे डिस्चार्ज करना है. तुम्हें पटक पटक कर चोदुँगा.”
फाइनल राउंड के लिए मैंने उसको मिशनरी पोज़ में लेकर उसकी चूत में लण्ड डालकर लम्बे लम्बे झटके लगाने शुरू कर दिए. मेरा मुँह उसके मुँह पर होंठो को खा रहा था. उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सीने में धंसे जा रहे थे. अचानक से मेरे लण्ड में 4 घंटे की चुदाई का लावा ब्लास्ट हो गया और उसमें विस्फोट हो गया. ये कहानी आप Hindi Sex Kahani पर पढ़ रहे है.
ढेर सारा वीर्य निकला और कंडोम लगी चूत में घुस गया. एक बारगी लगा कि कंडोम फट ना गया हो. मेरा झड़ गया है तो किरण छिपकली की तरह मुझसे चिपक गयी और एक दम शांत पड़ गयी. 4 घंटे से चल रहा तूफ़ान एकदम से शांत हो गया. हम दोनों इस लम्बी रेस के बाद अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगे. “XXX Bhabhi Chudai Story”
मैंने उसको धीरे धीरे सहलाना शुरू किया. धीरे धीरे उसके बूब्स सहलाये, फिर उसके मुँह, होंठो को सहलाते हुए पूरे शरीर पर हाथ फेरना चालू किग्रा. अब साँसों का तूफ़ान बिलकुल शांत हो चुका था. इस क्रम में मैंने धीरे से उसकी चूत से अपना लण्ड निकाल लिया. लण्ड निकलते ही वो मुझसे दोबारा चिपक गयी. मैंने सबसे पहले कंडोम चैक किया जो कि बिलकुल सही था.
किरण – “आज तुमंने बहुत मज़ा दिया. खासतौर से झड़ने के 10 मिनिट बाद में तुमने जिस तरह से मुझे प्यार किया है वो बहुत अच्छा लगा. नहीं तो आदमी लोग अपना झाड़ते ही अलग थलग हो जाते है.”
मैंने कहा- “हाँ यह मेरे एक आदत में शामिल है.”
मैं धीरे से उठकर चला और बाथरूम जाकर नहाकर कपड़े पहने. वो अभी तक बैड में नंगी पड़ी थी.
मैंने उसको किस किया- “मैं चलता हूं. लेकिन जाने का मन नहीं हो रहा है. मुझे बहुत मजा आया.”
किरण – “मैं आगे कभी बुलाऊंगी तो आओगे ना?”
मैं – “तुम्हारे जैसी सेक्सी लड़की बुलाये और मैं ना आऊँ?? हरगिज़ नहीं.”
किरण – “मौका मिलते ही तुमने बुलाऊंगी.”
कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : पहले धक्के में सुपाड़ा दुसरे में पूरा लंड अन्दर गया
तो दोस्तों यह था मेरा और किरण की चुदाई का सच्चा किस्सा. आपको यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल डालकर जरूर बताना और आपको भी लंबा चलना है 3 घंटे 4 घंटे के लिए तो हमेशा मुझसे सलाह ले सकते हैं. क्योंकि दुनिया की हर औरत को लंबी चुदाई में ही मजा आता है. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. औरतों के मेल या टेलीग्राम मैसेज का ख़ास तौर से इंतेज़ार रहेगा. निसंकोच सम्पर्क कीजियेगा.