America Se Mujhe Chodne Aaya Facebook Friend

Hindi Sex Story हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रुपाली है. मेरी उम्र 27 वर्ष की हो चुकी है मैं एक प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करती हूं और मेरे पापा भी कंपनी में मैनेजर हैं। परिवार से मुझे हमेशा ही पूरा सपोर्ट मिला है लेकिन उस दिन जब मैं ऑफिस से घर आई तो मुझे भी महसूस होने लगा था कि अब मुझे शादी कर लेनी चाहिए। मेरी शादी की उम्र भी हो गई है इसलिए मैं शादी का पूरा मन बना चुकी थी और मैंने लड़के देखने भी शुरू कर दिए थे। मेरे पापा मेरे लिए ना जाने कितने ही लड़के देख चुके थे, मैं जिस लड़के को मिलती तो मुझे उससे मिलकर ना जाने क्यों अच्छा नहीं लगता मुझे ऐसा लगता कि जैसे मैं उस लड़के के साथ अपनी जिंदगी नहीं बिता पाऊंगी। America Se Mujhe Chodne Aaya Facebook Friend.

मैं बहुत ज्यादा परेशान थी और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मुझे करना क्या चाहिए मैंने इस बारे में अपनी सहेली से बात की तो वह मुझे कहने लगी कि रुपाली तुम बिल्कुल चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा और एक ना एक दिन तुम्हें अच्छा लड़का जरूर मिलेगा जैसा कि तुम चाहती हो। शायद मेरी सहेली की बात सही हुई, एक दिन मैं अपने फेसबुक पर अपनी एक तस्वीर अपलोड कर रही थी, मैंने जब अपनी फोटो अपलोड की तो उसमें किसी संजीव नाम के लड़के ने कमेंट किया और जब मैंने उस संजीव की प्रोफाइल देखी तो मैं सोचने लगी कि मुझे उसे रिप्लाई करना चाहिए या नही।

मैंने संजीव को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी और उसने मेरी फ्रेंड
रिक्वेस्ट एक्सेप्ट भी कर ली उसके बाद हम दोनों की बातें होने लगी। हम दोनों की
काफी बातें होने लगी थी मैं कुछ समझ नहीं पाई कि आखिर मेरे और संजीव के बीच चल
क्या रहा है लेकिन मुझे संजीव से बात करना अच्छा लगता और संजीव को भी मुझसे बात
करना अच्छा लगता। संजीव मुझसे मिलो दूर अमेरिका में ही जॉब करता था संजीव और मेरी
फेसबुक चैट के माध्यम से ही ज्यादातर बातें होती थी।

इतनी दूर होने के बावजूद भी मुझे संजीव में एक अपनापन सा लगता था
मुझे ऐसा लगता कि संजीव बहुत ही अच्छा लड़का है और संजीव एक अच्छे इंसान भी हैं।
समय बीतता जा रहा था और हम दोनों की बातें भी अब काफी होने लगी थी कुछ पता ही नहीं
चला कि कब हम दोनों को बातें करते हुए 6 महीने से ऊपर हो गए और हम दोनों एक
दूसरे से बहुत बातें करने लगे थे। मैं और संजीव एक दूसरे से मिलना चाहते थे मैं कई
बार संजीव से चैट के माध्यम से बातें किया करती थी। एक दिन मैंने संजीव को कहा कि
मैं तुमसे मिलना चाहती हूं संजीव ने कहा कि ठीक है हम लोग एक दूसरे से मिलते हैं, मैं यह बात सुनकर बहुत
खुश हो गई।

संजीव ने मुझे कहा कि मैं तुमसे मिलने के लिए मुंबई आ रहा हूं, जब संजीव ने मुझसे यह बात कही तो मैं बहुत ही खुश हो गई थी कि संजीव मुझसे मिलने के लिए मुंबई आ रहे हैं। संजीव को मिलने के लिए मैं उस दिन एयरपोर्ट पर गई और संजीव को मैंने वहां से रिसीव किया उसके बाद हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। संजीव ने मुझे बताया कि उसके कोई परिचित मुंबई में ही रहते हैं और संजीव उनके घर पर ही रुकने वाले थे, संजीव उनके घर पर ही कुछ दिनों तक रुके। मुझे तो संजीव से मिलकर बहुत ही अच्छा लग रहा था मुझे जैसा लड़का चाहिए था संजीव बिल्कुल वैसे ही थे संजीव और मैं एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे इसलिए हम दोनों अब एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे।

मैंने संजीव को कहा कि संजीव मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं तो संजीव
कहने लगे कि रुपाली मैं भी तुमसे शादी करना चाहता हूं लेकिन मैं कोर्ट मैरिज करना
चाहता हूं। मैंने संजीव को समझाया और कहा कि लेकिन मेरी फैमिली वाले इस बात के लिए
नहीं मानेंगे संजीव ने मुझे कहा कि रुपाली तुम एक बार अपने पापा से बात कर लो।
मैंने संजीव को कहा कि ठीक है मैं पापा से बात कर लेती हूं। मैंने पापा से बात की
लेकिन पापा तो चाहते थे कि मेरी शादी धूम धाम से हो और मुम्बई में ही वह मेरी शादी
करवाना चाहते थे। संजीव पापा से भी मिल चुके थे और किसी को भी संजीव से कोई एतराज
नहीं था क्योंकि मुझे यह बात अच्छे से पता थी कि मेरी खुशी में ही मेरे परिवार
वालों की खुशी है और वह लोग भी मेरी शादी संजीव से करवाने के लिए तैयार हो चुके
थे।

संजीव और मैंने कोर्ट मैरिज कर ली लेकिन पापा भी चाहते थे कि हम
दोनों दोबारा से शादी करें और पापा ने हम दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से करवाई।
हम दोनों की शादी हो गई और संजीव की फैमिली भी मुंबई आई हुई थी संजीव की फैमिली
दिल्ली में रहती है और वह लोग भी कुछ समय के लिए मुंबई आ गए थे। संजीव और मेरी
शादी हो चुकी थी और मैं बहुत खुश थी, संजीव मुझे कहने लगे कि तुम मेरे साथ
अमेरिका चलोगी तो मैंने संजीव को कहा कि क्यों नहीं। मैंने और संजीव ने अमेरिका
जाने का फैसला कर लिया था मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आया कि हम दोनों की शादी इतनी
जल्दी कैसे हो गई।

मैं संजीव को कुछ समय पहले ही तो मिली थी लेकिन अब संजीव और मेरी शादी हो चुकी थी और हम दोनों पति पत्नी बन चुके थे। संजीव और मैं अमेरिका जाने के लिए तैयार थे संजीव ने मेरे सारे डॉक्यूमेंट तैयार करवा लिए थे और मैं संजीव के साथ अमेरिका चली गई। संजीव और मैं अमेरिका जा चुके थे मैं बहुत खुश थी कि संजीव और मैं अमेरिका में ही साथ में रहेंगे। मैं संजीव के साथ अब अमेरिका चली गई। हम दोनों के बीच पहली बार शारीरिक संबंध बना।

हम दोनों एक दूसरे के साथ फोन पर लंबे समय से बात कर रहे थे लेकिन जब पहली बार संजीव ने मेरे हाथ को पकड़ा तो मुझे ऐसा महसूस होने लगा जैसे संजीव मेरे साथ आज सेक्स के पूरे मूड में हैं। हम दोनों के बीच उससे पहले कभी भी सेक्स संबध नहीं बना था अब हम दोनों की शादी हो चुकी थी इसलिए मुझे इस बात से कोई एतराज भी नहीं था। मै चाहती थी मै संजीव के साथ सेक्स का मजा लूं क्योंकि मैं भी दिल है दिल चाहती थी कि वह मुझे सतुष्ट करे। “America Se Mujhe Chodne”

हम दोनों साथ में बैठे हुए थे संजीव ने मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे
अपनी और खींचा तो मैं संजीव की गोद में बैठ गई और संजीव मुझे महसूस करने लगे। संजीव
ने मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया जब संजीव मेरे स्तनों को दबा रहे थे तो मुझे
मजा आने लगा और संजीव को भी बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। संजीव को इतना ज्यादा
मजा आ रहा था कि वह मेरे होठों को चूमने लगे उन्होंने मेरी जांघ को सहलाना शुरु
किया तो मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी। मैंने भी संजीव को कहा अब मुझसे रहा
नहीं जाएगा। संजीव ने मुझे कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा और यह कहते ही संजीव ने
मुझे अपनी बाहों में समा लिया और अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले गए।

जब संजीव और मैं बेडरूम में थे तो संजीव ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। संजीव ने मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक पूरा महसूस किया मैंने भी अपने बदन से कपड़े उतार दिए मैं सिर्फ पंटी ब्रा मे थी। जब संजीव ने मेरी ब्रा को खोलकर मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। संजीव को भी बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था वह मुझे पूरी तरीके से गर्म कर चुके थे संजीव ने मेरे सामने अपने लंड को किया तो मैंने संजीव को कहा तुम्हारा लंड तो बहुत ही मोटा है। संजीव ने मुझे कहा हां तुम बिल्कुल सही कह रहे हो। मैंने जब संजीव के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा।

संजीव को भी बड़ा मजा आ रहा था हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होते चले गए थे। संजीव बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने संजीव के लंड से पानी बाहर निकाल दिया था। मैंने संजीव के लंड को तब तक चूसा जब तक संजीव के लंड से पानी बाहर नहीं आ गया। संजीव ने मेरी योनि को चाटकर पूरी तरीके से गिला कर दिया। संजीव ने मेरी चूत पर अपने लंड को लगाकर जैसे ही अंदर की तरफ डाला तो मुझे दर्द का एहसास हो रहा था। संजीव का लंड मेरी योनि में प्रवेश हो चुका था मुझे बड़ा दर्द हुआ। “America Se Mujhe Chodne”

जब संजीव ने मुझे धक्के मारने शुरू किए तो मुझे मजा आने लगा मेरी
चूत से निकलता हुआ खून बहुत ज्यादा बढ़ चुका था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। संजीव
ने मेरे दोनों पैरो को खोल लिया वह मुझे कहने लगे तुम बड़े ही अच्छी हो। मैं बहुत
ही ज्यादा खुश था यह बात सुनकर मैंने संजीव का पूरा साथ दिया। जब मैंने संजीव को
कहा मुझे डॉगी स्टाइल में चोदा संजीव ने मेरी चूतडो को अपने सामने किया संजीव ने
मुझे धक्के देना शुरू कर दिए। मैने संजीव से कहा मुझे और तेजी से चोदा। संजीव मुझे
और तेजी से धक्के मार रहे थे मेरी चूत से बहुत ज्यादा खून निकल रहा था।

मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। संजीव भी अपने आपको रोक पा रहे थे संजीव की धक्के मारने की स्पीड बढ़ती जा रही थी। मेरी चूतडो का रंग लाल होने लगा था। संजीव ने मेरी चूतडो को लाल कर दिया था। मैं भी संजीव से अपनी चूतड़ों को मिलाए जा रही थी मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था। जब मैं संजीव से अपनी चूतडो को मिलाती तो संजीव मुझे कहती मुझे तुम्हे धक्के मारने में मजा आ रहा है। मेरी चूत से निकलता हुआ खून बढ चुका था संजीव को बहुत मजा आ रहा था।

मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी मैंने और संजीव ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक संभोग का मजा लिया। संजीव ने मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिरा कर हम दोनों के रिश्ते की शुरुआत की तो मैं बड़ी खुश थी। संजीव भी बहुत खुश हो गए थे उसके बाद हम दोनों ने फैसला कर लिया था हम दोनों एक दूसरे को कभी भी सेक्स की कमी नहीं होने देंगे। हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा सेक्स का मजा खुलकर लिया करते।

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