अपने मोटे लंड से भाभी को ललचाता देवर 2

नमस्कार दोस्तों मैं आपकी वर्षा भाभी आप सभी का फिर से स्वागत करती हूँ. आपने मेरी कहानी के पिछले भाग “अपने मोटे लंड से भाभी को ललचाता देवर 1“ में आपने पढ़ा की मैं अपने देवर के मोटे लंड को देख कर कामुक हो गई थी. और एक दिन मैं अपने देवर से चुदवा रही थी तभी दरवाजे की बेल बजी कौन आगया इस वक़्त… अब आगे- Bhabhi Hardcore Chudai

मैंने कहा- दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है. मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ.

वो बोला- फिर तुम चादर ओढ़ कर लेटी रहो.. मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है.

मैंने चादर ओढ़ ली. आशीष दरवाज़ा खोलने चला गया. थोड़ी ही देर में आशीष एक औरत के साथ मेरे पास आया. वो औरत बहुत ही खूबसूरत थी.

मैंने पूछा- कौन है ये?

वो बोला- ये मोना है.

मोना ने आशीष से पूछा- ये तो तुम्हारी भाभी हैं ना?

आशीष ने कहा- हाँ.

वो बोली- ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हैं.. तबियत तो ठीक है इनकी?

आशीष बोला- मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गईं. मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थीं. इसलिए इन्होंने चादर ओढ़ ली है.

इतना कह कर आशीष ने मेरे ऊपर से चादर हटा दी. मोना मेरी हालत देख कर हंसने लगी.

आशीष ने कहा- हंस क्यों रही हो. तुम्हारी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गई थी.

वो बोली- क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है?

आशीष ने कहा- अभी चोदा कहाँ है. अभी तो मैंने केवल अपना पूरा लंड ही इनकी चुत में घुसाया था कि तुम आ गईं.

मैं उस औरत की तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगी.

आशीष ने मुझसे कहा- भाभी, ये मोना है. हमारे पड़ोस में रहती है. इसे मेरा लंड बहुत पसंद है. ये मुझसे चुदवाने आई है.

मैंने कहा- कब से चोद रहे हो इसे?

आशीष बोला- लगभग 2 साल से.

मैंने पूछा- इसे तुम्हारा लंड अपनी चुत में लेने में तकलीफ़ नहीं होती. तुमने तो अभी मेरी चुत में केवल अपना लंड ही घुसाया भर है और मेरी हालत एकदम खराब हो गई है.

मोना बोली- पहली पहली बार तो आशीष ने मुझे मार ही डाला था. इसने बड़ी बेरहमी से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चुत में घुसेड़ दिया था. मैं बहुत चीखी और चिल्लाई थी लेकिन इसने मुझ पर कोई रहम नहीं किया था. मेरी चुत एकदम सूज गई थी और कई जगह से कट फट गई थी.

दो दिनों तक मैं ठीक से चल फिर भी नहीं पाई थी. लेकिन एक बार आशीष से चुदवाने के बाद मैं अपने आप को रोक नहीं पाई क्योंकि इसने मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था. मुझे अपने पति से चुदवाने में ऐसा मजा कभी नहीं मिला था.

“फिर?”

“फिर दो दिनों तक मैंने अपनी चुत की गर्म पानी से खूब सिकाई की तब कहीं जाकर मैं कुछ चलने फिरने के काबिल हुई. उसके बाद मैं फिर से इसके पास आ गई. इसने मुझे सारा दिन बहुत ही बुरी तरह से चोदा. शाम को जब मैं घर वापस गई तब तक ये मुझे 5 बार चोद चुका था. उसके बाद से तो मैं इसके लंड की दीवानी हो गई हूँ. आज तुमने भी इसका पूरा लंड अपनी चुत में ले लिया है. अब जब ये तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें पता चल जायेगा कि असली चुदाई क्या होती है और उसमें कितना मजा आता है.”

मैंने कहा- मैं भी तो आशीष से चुदवा कर जवानी का मजा लेना चाहती हूँ. अभी इसने मेरी चुत में अपना पूरा लंड घुसाया ही था कि तुम आ गईं. तुम थोड़ी देर आराम कर लो. पहले मुझे आशीष से चुदवा लेने दो उसके बाद तुम चुदवा लेना.

मोना बोली- नहीं दीदी, पहले तुम मुझे आशीष से चुदवा लेने दो. उसके बाद जब आशीष तुम्हारी चुदाई करेगा तो जल्दी नहीं झड़ेगा और तुम्हें पहली पहली बार की चुदाई में ही पूरा मजा आ जायेगा.

आशीष बोला- भाभी, मोना ठीक कह रही है. पहले मुझे इसकी चुदाई कर लेने दो. उसके बाद जब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा तब तुम्हें खूब मजा आएगा.

मैंने कहा- जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो.

आशीष ने मोना से कपड़े उतारने को कहा तो उसने अपने कपड़े उतार दिए और एकदम नंगी हो गई. मोना का बदन एकदम गोरा था और वो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत थी.

मैंने आशीष से कहा- तुम्हारी पसंद तो बहुत ही अच्छी है.

मोना आशीष के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. थोड़ी ही देर में आशीष का लंड खड़ा हो गया. मेरी चुत भी जोश के मारे फिर से गीली होने लगी. मैं भी जल्दी से जल्दी आशीष से चुदवाना चाहती थी. मैं जानती थी कि आशीष से चुदवाने में मुझे खूब मजा आएगा. अगर मोना नहीं आई होती तो अब तक आशीष मेरी चुदाई कर चुका होता.

मोना डॉगी स्टाइल में हो गई तो आशीष उसके पीछे आ गया. आशीष ने अपना लंड मोना की चुत में घुसाना शुरू कर दिया. मोना के मुँह सा जरा सी भी आवाज नहीं निकल रही थी. देखते ही देखते आशीष का पूरा का पूरा लंड उसकी चुत में समा गया. मैं आँखें फाड़े मोना को देखती रही.

पूरा लंड घुसा देने के बाद आशीष ने मोना की कमर को जोर से पकड़ लिया और बहुत ही जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. अब हर धक्के के साथ मोना के मुँह से “ओह्ह.. आह..” की आवाज निकलने लगी. दो मिनट में ही मोना पूरी तरह से मस्त हो गई और उसने “और तेज.. और तेज… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह फाड़ दो मेरी चुत को..” कहते हुए आशीष से चुदवाना शुरू कर दिया.

वो अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए आशीष का साथ देने लगी थी. आशीष भी पूरी ताकत के साथ बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. आशीष का 8″ लम्बा और खूब मोटा लंड मोना की चुत में सटासट अन्दर बाहर हो रहा था. उसकी चुत की फांकों ने आशीष के लंड को जकड़ रखा था.

आशीष ने मुझसे पूछा- भाभी, कैसा लग रहा है. अच्छी तरह से चोद रहा हूँ ना?

मैंने कहा- तुम्हारा तो जवाब नहीं है. तुम तो बहुत ही अच्छी तरह से मोना की चुदाई कर रहे हो. मेरी भी चुदाई इसी तरह करना.

आशीष ने कहा- भाभी, अभी तुमने पूरी तरह से मोना की चुदाई कहाँ देखी है. अब देखो कि मैं मोना के साथ क्या करता हूँ.

अब तक 10 मिनट गुजर चुके थे. मोना अब तक एक बार झड़ चुकी थी. आशीष ने अपना लंड मोना की चुत से बाहर निकाला और मोना की गांड में घुसाने लगा. मैं आँखें फाड़े आशीष के लंड को मोना की गांड में घुसता हुआ देखती रही. थोड़ी ही देर में आशीष का पूरा का पूरा मोना भाभी की गांड में लंड समा गया.

उसके बाद आशीष ने बहुत ही बुरी तरह से मोना की गांड मारनी शुरू कर दी. मोना भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी. मोना को चुदवाती हुई देख कर मेरी चुत गीली हुई जा रही थी. मैं भी अपनी चुत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगी. थोड़ी देर बाद आशीष ने अपना लंड मोना की गांड से बाहर निकाल कर उसकी चुत में डाल दिया और पूरी ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा. “Bhabhi Hardcore Chudai”

आशीष बहुत ही अच्छी तरह से मोना की चुदाई कर रहा था और उसकी गांड मार रहा था. लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद आशीष ने अपना लंड मोना भाभी की गांड से निकाल कर भाभी की चूत में घुसा दिया और कुछ देर में झड़ गया.

मोना भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. लंड का सारा जूस मोना की चुत में निकाल देने के बाद आशीष ने अपना लंड उसकी चुत से बाहर निकाला तो मोना ने तुरंत ही उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसके लंड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी.

उसके बाद मोना ने अपने कपड़े पहने और मुझसे बोली- दीदी, अब तुम सारा दिन आशीष से चुदाई का मजा लो. उसके बाद वो घर चली गई. मेरे दिमग में बार बार मोना की चुदाई का सीन घूम रहा था. आशीष ने मोना को बहुत ही अच्छी तरह से चोदा था.

फिर 15-20 मिनट के बाद आशीष बोला- भाभी तुम मेरा लंड सहआओ, अब मैं तुम्हारी चुदाई करूँगा.

मैं तो आशीष के लंड की दीवानी हो चुकी थी. मैंने तुरंत ही उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में उसका लंड टाईट हो गया.

वो बोला- भाभी अब थोड़ी देर तक तुम लंड को मुँह में लेकर चूसो.. इससे मेरा लंड और ज्यादा टाईट हो जायेगा.

मैंने देवर के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आकर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा. थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाईट हो गया. उसके बाद आशीष मेरे पैरों के बीच आ गया.

उसने मेरे पैरों को मोड़ कर मेरे कंधे पर सटा कर दबा दिए. मैं एकदम दोहरी हो गई और मेरी चुत ऊपर उठ गई. मैं इस स्टाइल में राज से कई बार चुदवा चुकी थी. इस स्टाइल में चुदवाने पर राज का 3″ लम्बा लंड भी मेरी चुत में ज्यादा गहराई तक घुस जाता था. “Bhabhi Hardcore Chudai”

देवर का लंड तो राज के लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था. मैं जानती थी कि मुझे आशीष से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मजा भी खूब आएगा. मेरे देवर ने अपने लंड का सुपारा मेरी चुत के मुँह पर रखते हुए कहा-

भाभी, आज मैं पहली पहली बार तुम्हारी चुदाई करने जा रहा हूँ. तुम चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं तुम्हारी एक भी नहीं सुनूंगा क्योंकि इसी तरह की चुदाई में औरतों को मजा आता है वो अपनी पहली पहली बार की चुदाई को सारी जिन्दगी याद करती है. मैं तुम्हारी चुत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए तुम्हें बहुत ही बुरी तरह से चोदूँगा.

मैंने कहा- आशीष प्लीज़, ऐसा मत करो. मुझे बहुत दर्द होगा. मैं मर जाऊंगी.

वो बोला- फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो. मैं तुम्हें नहीं चोदूँगा.

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चुत के मुँह पर से हटा लिया. मैं ठीक उसी तरह से तड़फ उठी जैसे कई दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गई हो.

मैंने कहा- अच्छा बाबा, तुम जैसे चाहो मुझे चोदो.. मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी.

वो बोला- फिर ठीक है.

उसने अपने लंड का सुपारा फिर से मेरी चुत के मुँह पर रख दिया और अपने सारे बदन का जोर देते हुए एक धक्का मारा. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. मैं दर्द के मारे तड़फने लगी. जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चुत में एक बार अन्दर ले चुकी थी. मुझे लग रहा था कि कोई गर्म लोहा मेरी चुत को चीर कर अन्दर घुस गया हो. मेरी चुत का मुँह उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल गया था. “Bhabhi Hardcore Chudai”

उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिल डुल नहीं पा रही थी. आशीष का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चुत में 4″ तक घुस चुका था. इसके पहले कि मैं आशीष को मना कर पाती, उसने फिर से एक बहुत ही जोर का धक्का लगा दिया. मेरा सारा बदन थर थर कांपने लगा.

मैं पसीने से नहा गई. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी. मैंने आशीष से रुक जाने को कहा लेकिन आशीष तो जैसे पागल हो चुका था. वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था. उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चुत में और ज्यादा गहराई तक समा गया.

उसने पूरे ताकत के साथ बहुत ही जोर का तीसरा धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी चूत में पूरा समा गया. पूरा लंड मेरी चुत में घुसा देने के बाद आशीष रुक गया और मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला- क्यों भाभी, मजा आया ना?

मैंने कहा- देवर जी, तुम बड़े बेरहम हो. तुमने तो मुझे मार ही डाला. धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?

वो बोला- भाभी 3 ही धक्के तो लगाए हैं मैंने. इस तरह से लंड घुसवाने में जो मजा आता है वो मजा धीरे धीरे घुसाने में कहाँ है.

इतना कहने के बाद आशीष ने धक्के लगाने शुरू कर दिए. मेरी चुत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि वो चाह कर भी तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था. मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चीख निकल रही थी. वो धक्के लगाता रहा.. धीरे धीरे मेरी चुत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरू कर दिया. “Bhabhi Hardcore Chudai”

अब मेरा दर्द कुछ कम होने लगा. मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और आशीष धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था. मेरी चुत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था, इस वजह से आशीष का लंड आसानी से मेरी चुत में अन्दर बाहर नहीं हो पा रहा था. वो मुझे धीरे धीरे चोदता रहा.

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो मेरी चुत गीली हो गई. मेरी चुत ने भी अब आशीष के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. आशीष ने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. मेरा दर्द भी अब बहुत हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मजा आने लगा था.

आशीष अपनी स्पीड बढ़ाता रहा. अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था. मैं भी मस्त हो चुकी थी. मैं इसी तरह की चुदाई के लिए इतने दिनों से तड़फ रही थी. फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. अब मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मेरी चुत का ढेर सारा जूस आशीष के लंड पर भी लग गया था.

मेरी चुत ने भी अब आशीष के लंड से हार मान ली थी और अपना मुँह खोल कर उसके लंड को पूरा रास्ता दे दिया. अब आशीष का लंड मेरी चुत में सटासट अन्दर बाहर होने लगा था. आशीष की स्पीड भी अब बहुत तेज हो चुकी थीं. सारा बेड जोर जोर से हिल रहा था. ऐसा लग रहा था कि जैसे रूम में तूफान आ गया हो. “Bhabhi Hardcore Chudai”

मैं भी जोश में आ कर अपने चूतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन आशीष ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चूतड़ नहीं उठा पा रही थी. आशीष जब अपना लंड मेरी चुत में अन्दर घुसाने लगता तो वो मेरे पैरों को मेरे कंधे पर जोर से दबा देता था.

ऐसा करने से मेरी चुत एकदम ऊपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चुत में पूरी गहराई तक घुस जाता था. उसके लंड का सुपारा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्बन लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था. मुझे इसमें खूब मजा आ रहा था. आशीष मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था. करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गई. मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियां रूम में गूँज रही थीं.

मैं अब आशीष से “और तेज… और तेज.. खूब जोर से.. आह और जोर से…. चोदो.. मुझे.. आशीष फाड़ दो.. अपनी भाभी की चुत को..आह्ह..” कहते हुए चुदवा रही थी.

आशीष भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था. आशीष ताकतवर तो था ही.. वो बहुत जोर जोर के धक्के लगा रहा था. मेरे बदन का सारे जोड़ हिलने लगे थे. रूम में “धप धप..” और “चप चप..” की आवाज गूँज रही थी. साथ ही साथ पूरा बेड जोर जोर से हिल रहा था.

लम्बी चुदाई के बाद जब आशीष मेरी चुत में झड़ गया तो मैं भी उसके साथ ही साथ चौथी बार झड़ गई. उसने मेरे पैर छोड़ दिए और अपना लंड मेरी चुत में ही पेले हुए मेरे ऊपर लेट गया. उसका लंड और मेरी चुत हम दोनों के जूस से एकदम भीग चुका था. “Bhabhi Hardcore Chudai”

ढेर सारा जूस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी. आशीष मेरे ऊपर ही लेटा रहा. हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे. मैं आशीष की पीठ और कमर को सहलाती रही. वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरी चूचियों को मसलता रहा.

मेरा चोदू देवर मुझसे कहने लगा- भाभी, तुमने भैया से भले ही बहुत बार चुदवाया है लेकिन तुम्हारी चुत मेरे लंड के लिए किसी कुंवारी चुत से कम नहीं थी. भैया तो तुम्हें औरत नहीं बना पाए थे लेकिन मैंने तुम्हें अब लड़की से आधी औरत बना दिया है.

मैंने कहा- आधी क्यों? अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है.

वो बोला- अभी मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत कहाँ बनाया है. थोड़ी देर बाद मैं तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दूँगा.मैंने कहा- वो कैसे?

वो बोला- तुमने देखा था ना कि मैंने मोना की गांड और चुत दोनों को बुरी तरह से चोदा था. अभी तो मैंने केवल तुम्हारी चुत की ही चुदाई की है. जब मैं तुम्हारी गांड भी मार लूँगा, तब तुम पूरी तरह से औरत बन जाओगी.

मैंने कहा- प्लीज़.. ऐसा मत करो. मेरी चुत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा है. अगर तुम आज ही मेरी गांड भी मार दोगे तो मैं तो बेड पर से उठने के काबिल भी नहीं रह जाऊंगी.

वो बोला- तो क्या हुआ.. मैं तुम्हें आज पूरी तरह से औरत बना कर ही दम लूँगा.

फिर 15 मिनट गुजर गए तो आशीष का लंड मेरी चुत में ही फिर से खड़ा होने लगा. जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसने फिर से मेरी चुदाई शुरू कर दी. इस बार मुझे बहुत हल्का सा दर्द ही हो रहा था क्योंकि उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर ही नहीं निकाला था.

इस बार मुझे मजा खूब आ रहा था. आशीष पूरे जोश और ताकत के साथ जोर जोर के धक्के लगाता हुआ मुझे चोद रहा था. मैं 2 मिनट में ही एकदम मस्त हो गई थी और चूतड़ उठा उठा कर देवर से चुदवाने लगी. करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गई तो आशीष ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल लिया. “Bhabhi Hardcore Chudai”

उसका लंड मेरी चुत के जूस से एकदम भीगा हुआ था. उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसके बाद उसने अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रख दिया और मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया. मैं डर गई क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी. उसके बाद उसने एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गई.

उसके लंड का सुपारा मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुस गया. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया. इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़फ उठी. मैं बहुत ही बुरी तरह से चीखने लगी. उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गांड में 4″ तक घुस गया.

मैं सिसकारियां लेने लगी. मैंने कहा- अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊंगी. बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज, मेरी गांड मत मारो, मेरी गांड फट जाएगी.

आशीष ने एक झटके से अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल कर मेरी चुत में घुसेड़ दिया. उसके बाद उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी. मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मजा आने लगा और मैं गांड के दर्द को भूल गई. फिर 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो उसका लंड फिर से गीला हो गया.

उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गांड में डाल दिया. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. लेकिन उस बेरहम देवर ने इसके बाद जोर का दूसरा धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गांड में और ज्यादा गहराई तक घुस गया. “Bhabhi Hardcore Chudai”

मैं जोर से चिल्लाई- आशीष, मैं मर जाऊंगी.

वो बोला- शांत हो जाओ.. क्या तुमने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत कि मौत चुदवाने से या गांड मरवाने से हुई है?

मैंने कहा- नहीं.

वो बोला- फिर घबराओ मत, तुम मरोगी नहीं केवल दर्द बहुत होगा. उसके बाद तो तुम खुद ही रोज रोज मुझसे गांड भी मरवाओगी और चुत की चुदाई भी करवाओगी.

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा. मेरा बदन पसीने से लथपथ हो गया. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. मैं दर्द के मारे जोर जोर से चीखने लगी. आशीष ने मेरे ऊपर जरा सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में समा गया.

मैं बुक्का फाड़ कर सिसकारियां लेने लगी थी और मेरी आँखों से बह रहे थे. उसने मुझे बिना कोई मौका दिए ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके वापस मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चीखी.. लेकिन उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम ही किया. उसने ऐसा 4-5 बार किया.

मैंने देखा कि उसका लंड सना हुआ था. मेरी गांड की हालत एकदम खराब हो चुकी थी. आशीष ने मेरी गांड में अपना मूसल पेल दिया था. कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चुत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गई और मुझे मजा आने लगा. “Bhabhi Hardcore Chudai”

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई. मेरे देवर ने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चिल्लाई.. लेकिन इस बार आशीष रुका नहीं. उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. लगभग 5 मिनट तक मैं चीखती रही. फिर धीरे धीरे शांत हो गई.

अब मुझे गांड मरवाने में भी मजा आने लगा था. अगले दस मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद आशीष ने अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा. मैं एकदम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियां भरने लगी थी. कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गई तो आशीष ने अपना लंड मेरी चुत से निकाल कर मेरी गांड में डाल दिया.

उसके बाद उसने तेजी के साथ मेरी गांड मारनी शुरू कर दी. देर तक मेरी गांड मारने के बाद जब वो झड़ने को हुआ तो उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाल कर वापस मेरी चुत में डाल दिया. उसके बाद उसने बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी. मुझे खूब मजा आ रहा था. लगभग 10 मिनट तक मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदने के बाद वो मेरी चुत में ही झड़ गया. थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला तो मैंने कहा- अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया.

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