भाभी ने देवर से गांड और चूत भी चुदवाया

मेरी उम्र 18 साल है, मैं उत्तर प्रदेश में रहता हूँ। मेरे घर में हम चार भाई, मम्मी और पापा हैं, बड़े भाई की शादी हो चुकी है, मेरी भाभी शहर की हैं, वो एक मस्त लड़की है। जब उनकी शादी हुई तो वो भी 18 साल की थीं, उनका फिगर 36 30 36 का होगा। वो बहुत खूबसूरत मस्त हैं, मैं उन्हें चोदना चाहता था… वो भी तभी जब उनकी शादी मेरे भाई से हुई थी। और मुझे जल्दी ही मौका मिल गया। मेरा भाई मेरे मामा के घर शादी में चला गया.

भाभी ने मुझसे कहा- तुम आज मेरे कमरे में सो जाना!

पहले तो मैंने मना कर दिया, फिर मम्मी बोली- तू सो जा उसके कमरे में!

फिर मैं बोला- ठीक है !

गर्मियों के दिन सब लोग बाहर आंगन में सोते थे, और भाभी कमरे में सोती थी। खाना खाकर सबने टीवी देखा, फिर सब सोने चल दिये। मैं भी भाभी के कमरे में चला गया और बेड पे सो गया। थोड़ी देर में भाभी बर्तन वगैरह धोकर आ गईं, उन्हें नींद आ गई, वो भी सो गयीं और मैं भी सो गया।

करीब रात ग्यारह बारह बजे मेरी नींद खुली। मैं चुदाई के बारे में सोचने लगा, मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैं बिल्कुल काबू से बाहर हो गया, मैं बगल में लेटी अपनी भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिये और दूध चूसने लगा। भाभी जग गईं थी, उन्होने मुझे हटाने की कोशिश की पर मैं कहाँ हटने वाला था। मैं भूल गया था कि वो मेरी भाभी थी, मैं उनकी चूचियाँ चूस और दबा रहा था।

फिर मैंने उनसे कहा- भाभी, मुझे तुम्हारी चूत मारने दो।

तो वो मना करने लगी। मैं उनकी टांगो की तरफ आ गया और मैंने उनकी पेटीकोट ऊपर करके उनकी पैन्टी उतार दी। मैं उनकी चूत चाटना चाहता था पर उन्होंने अपनी दोनों टांगें भींच रखी थीं। मैंने कोशिश करके थोड़ी टांगें खोली और अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी।

वो एकदम सिसकार उठी। उनकी चूत पे बड़े बड़े बाल थे। उनकी चूत का स्वाद कसैला था जो मुझे और मदमस्त कर रहा था। थोड़ी देर में उन्हें भी मजा आने लगा और वो मेरे सिर को चूत पे दबाने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैंने उनकी टांगें फैलाकर अपना लण्ड उनकी चूत पर रख दिया।

उनकी चूत एकदम टाईट थी, लण्ड चूत में घुसा नहीं! मैंने दोबारा धक्का मारा, लण्ड चूत में आधा चला गया। भाभी ने कसके मुझे पकड़ लिया क्योंकि मेरा लण्ड शायद भाई के लण्ड से बडा था इसलिए उन्हें दर्द हो रहा था। तभी मुझे लगा कि मेरे लण्ड में कुछ दर्द सा हुआ, मैंने लण्ड चूत से बाहर निकाला तो लण्ड पर खून लगा था।

फिर मैं थोडी़ देर रुक गया क्योंकि लण्ड पर चोट लगी थी। मैंने लण्ड एक बार फिर चूत पर रखा और सीधा पेल दिया। भाभी ने ‘आहहहह’ के साथ मुझे पकड़ लिया। मैं अब लगातार धक्के मार रहा था। भाभी ‘उमहहहह आआहह… उहह…’ की मादक आवाजें निकाल रही थी जिससे मुझे और जोश आ रहा था।

मैं चूत चोदे जा रहा था और अब धीरे धीरे अपनी भाभी को गालियाँ दे रहा था- ले रण्डी भाभी… चुद गयी मुझसे साली रंडी… मादरचोद ! अब उन्हें भी मजा आने लगा, उसकी चूत से अब फच्च फच्च की आवाज आ रही थी। करीब दस मिनट मैंने भाभी को जमके चोदा फिर मैं ‘ओह्हहहह रंडी भाभी… मैं झड़ने वाला हूँ…’ कह कर मैं चूत में झड़ गया। मैं थोडी़ देर उनके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा।

भाभी बोली- मुझे पेशाब लगी है।

तो मैंने कहा- मेरे मुंह में मूत दो !

तो उन्होंने ऐसा ही किया।

मैंने कहा- रंडी भाभी, मेरा लण्ड चूस…

उन्होंने मना कर दिया। फिर मैंने उन्हें मना लिया, उन्होंने मेरा लण्ड मुंह में ले लिया। मैं रंडी भाभी का मुँह चोदने लगा। मैंने लण्ड उनके गले में उतारा तो उनकी सांस रूक गई। मैंने उसके मुंह में अपना वीर्य छोड़ दिया तो उन्हें उल्टी होने लगी, पर रुक गई। मैंने फिर भाभी की गाण्ड चाटी और उनकी गाण्ड भी मारी, उनकी गाण्ड से खून निकाल दिया!

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