College Ki Bindas Ladki Ka Deewana Ho Gaya Main

Hindi Sex Story हेल्लो दोस्तों मेरा नाम सौरभ है. मैंने अभी ही कॉलेज में प्रवेश लिया. कॉलेज का मेरा पहला दिन ही था मेरा स्वभाव थोड़ा शर्मीला किस्म का है इसलिए मैं अपने कॉलेज के पहले दिन किसी से भी बात नहीं कर पाया। अगले दिन जब मैं कॉलेज गया तो उस दिन मेरे साथ वाली सीट में कीर्ति बैठी हुई थी कीर्ति बड़ी बिंदास किस्म की है वह कभी भी किसी बात को लेकर शरमाती नहीं है और बिल्कुल उसके उलट मेरा नेचर है लेकिन कीर्ति ने मुझे भी अपनी तरह ही बना दिया था और मैं भी कीर्ति की तरह बदलने लगा था। College Ki Bindas Ladki Ka Deewana Ho Gaya Main.

कीर्ति और मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी और ज्यादातर समय मैं कीर्ति
के साथ ही बिताया करता कीर्ति का मेरी जिंदगी में एक अहम भूमिका है उसकी वजह से
मैं पूरी तरीके से बदल चुका था। मेरा स्वभाव कब पहले की तरह तो बिल्कुल भी नहीं था
और मैं काफी ज्यादा बदल चुका था। कीर्ति को डांस का बड़ा ही शौक है और कीर्ति
चाहती थी कि हम लोग हमारे कॉलेज में होने वाले एनुअल फंक्शन में डांस कंपटीशन में
हिस्सा ले।

मैंने कीर्ति को कहा कि मुझसे डांस नहीं हो पाएगा मैंने आज तक जिंदगी में कभी डांस नहीं किया है पर कीर्ति बहुत ही जिद्दी है वह मुझे कहने लगी कि तुम्हें मेरे साथ डांस करना ही पड़ेगा और तुम्हें मालूम है कि मेरा डांस पार्टनर बनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। कीर्ति ने मुझे कहा कि तुम्हें मेरे साथ डांस करना होगा और फिर मुझे भी कीर्ति की बात माननी पड़ी क्योकि मेरे पास और दूसरा कोई रास्ता नहीं था।

मैं कीर्ति की बात मान चुका था और हम दोनों एक दूसरे के साथ डांस
प्रैक्टिस करने लगे, मेरे घर के पास ही डांस क्लास है हम लोग वहां पर डांस प्रैक्टिस के
लिए जाने लगे। मुझे बिल्कुल भी डांस नहीं आता था इसलिए कीर्ति ने मेरी डांस में
मदद की और मैं अब थोड़ा बहुत डांस करने लगा था। हालांकि मैं उतना अच्छा डांस नहीं
करता था लेकिन फिर भी कीर्ति के साथ मैं डांस करने लगा था और हम लोगों ने हमारे
कॉलेज के एनुअल फंक्शन में डांस कंपटीशन में हिस्सा ले लिया था।

मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम लोग हमारे कॉलेज में होने वाले एनुअल फंक्शन के डांस कंपटीशन में जीत जाएंगे। हम लोग डांस कंपटीशन जीत चुके थे कीर्ति बड़ी खुश थी, वह मुझे कहने लगी कि सौरभ यह सब तुम्हारी वजह से ही हुआ है। मैंने कीर्ति को कहा लेकिन कीर्ति इसमें मेरा तो कोई भी योगदान नहीं था तुमने ही मुझे डांस सिखाया यह सब तुम्हारी ही मेहनत का नतीजा है। मैंने कीर्ति को कहा कि कीर्ति चलो आज हम लोग कहीं चलते हैं उस दिन हम लोग कॉलेज खत्म हो जाने के बाद मूवी देखने के लिए चलते है। कीर्ति और मैं उस दिन मूवी देखने के लिए चले गए, हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो मैंने कीर्ति से कहा कि कीर्ति मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी कीर्ति मुझे कहने लगी हां कहो ना सौरभ तुम्हें क्या बात करनी थी।

मैंने कीर्ति से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने पापा मम्मी के
साथ अहमदाबाद जा रहा हूं, कीर्ति मुझे कहने लगी कि क्या अहमदाबाद में तुम अपनी दीदी के घर जा
रहे हो तो मैंने कीर्ति से कहा हां मैं अहमदाबाद अपनी दीदी के घर जा रहा हूं और हम
लोग कुछ दिनों तक वहीं रहेंगे। कीर्ति मुझे कहने लगी कि सौरभ क्या हम लोगों की इस
बीच फोन पर बात नहीं हो पाएगी मैंने कीर्ति से कहा क्यों नहीं हम लोग फोन पर तो
बातें करते रहेंगे। वह मुझे कहने लगी कि लेकिन अब तुम्हारे बिना ऐसा लगता है जैसे
कि मेरे जीवन में कुछ भी नहीं है। मुझे उस दिन कीर्ति की आंखों में देखकर ऐसा लगा
कि कहीं हम दोनों एक दूसरे से प्यार तो नहीं करने लगे हैं लेकिन मुझे उस वक्त इस
चीज का एहसास नहीं हुआ था परन्तु जब मैं अहमदाबाद गया तो तब मुझे चीज का एहसास हुआ
कि कीर्ति और मैं एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं।

अहमदाबाद में मैं करीब 15 दिनों तक रुका इन 15 दिनों में मुझे लग रहा था कि कीर्ति के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है और मैं चाहता था कि कीर्ति और मैं एक दूसरे से जल्द से जल्द मिले। मैं जब दिल्ली वापस लौटा तो मैं कीर्ति से मिला कीर्ति और मैं एक दूसरे से मिलकर काफी खुश थे यह 15 दिन मेरे लिए काटने बहुत मुश्किल हो गए थे। मैंने कीर्ति को कहा कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं तुमसे कितना दूर हूं कीर्ति मुझे कहने लगी कि सौरभ मुझे भी बिल्कुल ऐसा ही लगा था लेकिन अब मुझे लगने लगा है कि हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं। मैंने भी उस दिन कीर्ति को अपने दिल की बात कह डाली मैं भी चाहता था कि मैं कीर्ति से अपने दिल की बात कह दूं।

उस दिन मैंने कीर्ति को जब अपने दिल की बात कही तो कीर्ति भी बहुत
ज्यादा खुश हो चुकी थी और वह मुझे कहने लगी कि सौरभ मैं बहुत खुश हूँ कि हम दोनों
एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं। मैंने कीर्ति से कहा कि मुझे तो यह बात उसी वक्त
समझ आ गई थी जब मैं तुमसे दूर अहमदाबाद गया, जब मैं तुमसे अलग अहमदाबाद में था तो
इतने दिनों तक अहमदाबाद में रहने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं तुमसे प्यार करने
लगा हूं।

अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे हम दोनों का रिलेशन आगे बढ़ चला था और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं। कीर्ति और मेरे बीच बहुत ज्यादा प्यार पनपने लगा था। इसी वजह से कीर्ति और मैं एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे। कीर्ति मेरे बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाती है इसलिए तो जक दिन जब कीर्ति और मैं साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन कीर्ति बहुत ही अच्छी लग रही थी। मैंने कीर्ति के हाथ को पकड़ कर उसके हाथों को किस कर लिया तो कीर्ति मुझे कहने लगी सौरभ तुम यह क्या कर रहे हो कीर्ति के कहने का अंदाज ही कुछ अलग था। “College Ki Bindas Ladki”

मुझे कीर्ति के ऊपर उस दिन कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा था। कीर्ति मुझे कहने लगी आज तुम कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में नजर आ रहे हो। मैंने कीर्ति को कहा नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है लेकिन कीर्ति यह बात अच्छे से जानती थी कि हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा तड़पने लगे हैं इसीलिए तो मैंने कीर्ति से कहा कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं। कीर्ति पहले तो इस बात के लिए तैयार नहीं थी लेकिन फिर वह मेरी बात मान गई और उस दिन हम दोनो मेरे दोस्त के घर गए। मेरे दोस्त के घर पर उस दिन कोई भी नहीं था यह मेरा और कीर्ति का पहला ही मौका था जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे।

मैंने इससे पहले कभी किसी लड़की को अपने सामने नंगा नहीं देखा था
लेकिन उस दिन जब कीर्ति ने अपने कपड़ों को उतारा तो मैंने कीर्ति की तरफ देखा और
मैं कीर्ति को देखकर पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था। मैं बिल्कुल भी रह नहीं
पाया मैंने कीर्ति से कहा तुम बहुत ही अच्छी लग रही हो तो कीर्ति मुझे कहने लगी
तुम भी तो बहुत ही अच्छे हो। यह बात सुनकर जब मैने कीर्ति के सामने अपना लंड को
किया तो कीर्ति मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। मैंने कीर्ति
से कहा मेरा लंड तो बहुत मोटा है लेकिन तुम इसे अब अपने मुंह में ले लो मैं चाहता
हूं कि तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर तब तक चूसो जब तक मेरे लंड से पानी
बाहर ना आ जाए। कीर्ति अब मेरे लिए तड़पने लगी थी। कीर्ति ने जैसे ही अपनी जीभ को
मेरे लंड पर लगाया तो मुझे मजा आने लगा और कीर्ति बड़े अच्छे तरीके से मेरे लंड को
सकिंग कर रही थी।

उसने मेरे अंदर की गर्मी को तो बढा ही दिया था लेकिन अब मैं अपने
आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मुझे हो तो समझ आ चुका था कि अब कीर्ति मेरी
लंड को अपनी चूत में लेना चाहती है। मैंने जब कीर्ति के गोरे स्तनों को अपने मुंह
में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। कीर्ति के बूब्स बड़े ही
कमाल करते थे पहली बार मैंने उसके निप्पल को चूस कर उनका रसपान किया था। अब मुझे
बहुत ही अच्छा लग रहा था और कीर्ति को भी मजा ही आ रहा था।

कीर्ति और मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ चुकी थी जब मैंने कीर्ति से कहा मेरे अंदर की गर्मी तुमने पूरी तरीके से बढा दी है तो उसने भी अपने पैरों को खोला। मैंने कीर्ति की चूत की तरफ देखा तो कीर्ति के चूत पर एक भी बाल नहीं था उसकी कोमल चूत पर मैंने जब अपनी जीभ का स्पर्श किया तो कीर्ति को मजा आने लगा वह मेरे बालों को अपने हाथों से खींचने की कोशिश करने लगी। जब वह ऐसा कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था मेरे अंदर की गर्मी बढ चुकी थी। “College Ki Bindas Ladki”

मुझे यह भी पता चल चुका था कि अब मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा
शायद यही वजह थी कि मैंने कीर्ति की योनि के अंदर अपने लंड को डाला और उसे बड़ी
तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। मै जब कीर्ति को चोद रहा था तो मुझे मज़ा आ
रहा था। कीर्ति को इतना मजा आता कि कीर्ति और मैं एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा
तड़पने लगे थे। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ संभोग का मजा ले रहे थे और हम दोनों
को ही मजा आने लगा था।

मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी कीर्ति के अंदर की गर्मी भी अब काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे जैसे ही मैंने कीर्ति की योनि के अंदर अपने माल को गिराया तो मैंने देखा कीर्ति की चूत से खून निकल रहा है। मैंने कीर्ति की चूत से अपने लंड को निकाल दिया था लेकिन मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैंने कीर्ति के साथ संभोग किया था। उसके बाद भी हम दोनों ने दो बार और सेक्स का मजा लिया।

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