मेरा नाम अरविन्द है, में भोपाल का रहने वाला हूँ. मेरा रंग गोरा, हाईट 5 फुट 10 इंच, लंड साईज़ 7 इंच, मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है और मेरी हॉबी लड़कियों की चूत चाटना है. में कुछ समय पहले ही मेरे नये घर में शिफ्ट हुआ था तो में यहाँ पर किसी को नहीं जानता था. Camp Me Chudai Kahani
इस समय में कॉलेज में आ चुका था और मेरी किस्मत यहाँ खराब निकली. मेरी क्लास में 2-3 लड़कियाँ ही मस्त होगी और बाकी सारी ख़राब थी और उन 2-3 में से भी 2 ने मुझे भाई बोल दिया था, क्योंकि उनकी किसी और से चल रही थी और 3 रंडी थी.
मेरा उन माँ की लोड़ी से बात करने का मन भी नहीं करता था इसलिए मेरी कॉलेज लाईफ बहुत बेकार है. मुझे बस कुछ दिनों के लिए जन्नत का एहसास हुआ था, अब में आपके साथ वही शेयर करने जा रहा हूँ. हमारी यूनिवर्सिटी ने एक कैंप की व्यवस्था की थी. हम लोग भी वहाँ गए थे.
वो कैंप 5 दिन का था और 5 दिनों तक हम कैंप के बाहर भी नहीं जा सकते थे. फिर जब हम लोग कैंप पहुँचे तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी और वहाँ एक से एक माल आया हुआ था. अब मेरे तो मुँह में पानी आ गया था और फिर हम लोग अपने-अपने टेंट पहुँचे और वहाँ थोड़ा आराम किया.
और रात में मैस में जाकर खाना खाया और टेंट में वापस आकर दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाने लगा और फिर हम सो गये. अगले दिन हम लोगों की सुबह क्लास थी और अब हमें क्लास में मेनेज्मेंट के बारे में पढ़ा रहे थे. में बहुत चुलबुला किस्म का इंसान हूँ और में कभी चुप नहीं बैठ पाता इसलिए वहाँ पर भी बीच-बीच में कमेंट मारता था, जिससे की क्लास डिस्टर्ब होती थी.
फिर उस दिन मैंने अपने कमेंट्स से सबको हंसाया. अब में अगले दिन की क्लास में कमेंट मार रहा था, तो मेरे पीछे बैठी दो लड़कियों में से एक ने मुझे टोका कि प्लीज डिस्टर्ब ना करो. फिर मैंने उसे सॉरी कहा और चुपचाप बैठ गया. फिर 1 मिनट के बाद उसकी साथ वाली लड़की की गांड में पता नहीं क्या कीड़ा उछला? और वो मुझसे बोली कि कुत्ते की तरह मत भोंक.
फिर मैंने कहा कि बहन की लोड़ी तेरे बाप की तरह में क्यों भोंकू? तभी मेरे सर ने मुझे चुप करवा दिया. अब मैंने उसी समय ठान ली थी कि में इस रंडी को चोदकर ही चैन लूँगा. दोस्तों मुझे क्या पता था? कि ये बाजी उल्टी है. मैंने क्लास ख़त्म होने के बाद उस लड़की की फ्रेंड को पकड़ा और उसका नाम पूछा, तो उसने कहा कि में नहीं बताउंगी.
तो मैंने कहा कि प्लीज और तभी वो लड़की भी वहाँ आ गयी और आकर खड़ी हो गयी. तभी उसकी फ्रेंड बोली आई दीक्षा और मुझे आँख मारी, तो में समझ गया कि उसका नाम दीक्षा है. फिर मैंने उससे कहा कि में आपसे बात करना चाहता हूँ, तो उसने मना कर दिया और चली गयी.
फिर अगले दिन मैंने उसे फिर से पकड़ लिया और कहा कि प्लीज में आपसे अकेले में कुछ बात करना चाहता हूँ, तो वो मान गयी और में उसे टेंट के पीछे ले गया, वहाँ कोई नहीं आता जाता था. फिर मैंने उससे कहा कि आई एम सॉरी, तो वो बोली कि आई एम सॉरी, में तो बस तुमसे बात करना चाहती थी इसलिए मैंने यह सब नाटक रचा था.
मैंने कहा अगर सॉरी बोलनी है तो आर्मी की स्टाइल में बोलो, तो वो बोली कि किसी ने देख लिया तो. फिर मैंने कहा कि हाँ चलो-चलो और में उसे सीधा टॉयलेट में ले गया और दरवाजे को अच्छी तरह से लॉक कर दिया. फिर मैंने उसे किस करना स्टार्ट किया, तो वो भी मुझे किस करती रही.
अब मैंने उसे अच्छी तरह अपनी बाहों में भर लिया था, जिसके के कारण उसके बूब्स मेरी छाती से चिपक गये थे. फिर में उसे किस करता रहा और थोड़ी देर के बाद मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी किस लेने लगा. अब उसके मुँह से हल्की-हल्की आवाज़ें आ रही थी.
मैंने उससे कहा कि अपनी जीन्स उतार दो, तो फिर उसने अपनी जीन्स उतार दी. फिर मैंने अपनी पेंट की चैन खोली और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और उससे कहा कि जो करना है जल्दी करो. फिर उसने कहा कि चूत में डाल दो, तो में उससे चिपक गया और उसे थोड़ा ऊपर उठाकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.
और अचानक से मैंने उसके कूल्हों के नीचे से अपना हाथ हटा लिया, तो मेरा पूरा का पूरा लंड एक ही बार में उसकी चूत को फाड़ता हुआ, उसकी चूत के अंदर चला गया. तो उसके मुँह से जोर से चीख निकली, तो मैंने तुरंत उसके मुँह से अपना मुँह सटा दिया.
ताकि उसकी आवाज़ टॉयलेट से बाहर ना जा सके, वैसे भी टॉयलेट में आवाज़ गूँजती है. अब मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ रखा था क्योंकि टॉयलेट में जगह नहीं थी इसलिए हम खड़े होकर ही सेक्स कर रहे थे. अब में उसकी लगातार स्मूच ले रहा था और नीचे से धक्के भी लगातार दे रहा था.
फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और में तुरंत गर्ल्स टॉयलेट से बाहर भाग गया, क्योंकि उसकी चूत फटने से ज़्यादा मेरी गांड फट रही थी, आखिर मेरे पूरे केरियर का सवाल था. अब शाम को हम लोग मैस में खाना खा रहे थे कि तभी दीक्षा मेरे पास से होती हुई निकल गयी और मुड़कर स्माइल देने लगी. “Camp Me Chudai Kahani”
तभी मेरा दोस्त बोला कि देख वो लड़की मुझे लाईन दे रही है. फिर मैंने अपने मन में सोचा कि अजीब चूतिया है लाईन में इतना खुश हो रहा है, मुझे तो इसने अपनी पूरी चूत ही दे दी है. फिर में उठा और उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया (लाईन में खाना डलवाते समय) और उसके कान में कहा कि कैसी है?
तो वो बोली कि बिंदास यार, लेकिन इतना मज़ा नहीं आया जितना आना चाहिए था. फिर मैंने कहा कि कभी कहीं और किसी और दिन करेंगे, अब में दुबारा रिस्क लेना नहीं चाहता था. फिर मैंने उसे अपना फोन नंबर दिया और कहा कि मुझे फोन कर लेना, तो उसने कहा कि ठीक है और हमारे ऐसे ही 5 दिन कब बीते पता ही नहीं चला. दोस्तों आप लोग जानते है कि आख़िर में दीक्षा मुझे चूतिया बना ही गयी, उस साली का आज तक दुबारा फोन नहीं आया और में हर पल यह सोचता था कि कब फोन करेगी?