Ek Aurat Ne Chut DikhayaTrain Ke Safar Me

Hindi Sex Story हैलो फ्रेंड्स , मैं दीपक राजवंशी ,एक १८ साल का लौंडा जिसको कुछ दिन पहले तक मुठ मारकर सोना होता था ,अब तक चार चार चुत का मार्गदर्शन कर चुका है ,अपनी बहन प्रियंका तक को चोदने से बाज नहीं आया तो मम्मी निशा को बेहोशी की दवा खिलाकर चोदने का असफल प्रयास किया लेकिन मेरी रांड मॉम ने ही मुझे आगे का रास्ता दिखाया और फिर उनकी चुत चुदाई मैंने की तो पापा की बहन सुनयना तो हद ही कर दी ,उनके घर दो तीन दिन रुकने गया था ताकि फूफाजी की गैमौजूदगी में उन्हें कोई दिक्कत ना हो तो पता चला कि वो तो किसी मेनका कि तरह ही मुझे रिझाने लगी. Ek Aurat Ne Chut DikhayaTrain Ke Safar Me.

फिर मेरे पड़ोस की आंटी शीला ,जोकि मॉम से मिलने आया करती हैं को मैं कई महीनो से घूरता आया था को चोद डाला तो इस चुदाई की दुनिया से दूर मैं अपने छोटे चाचा के घर ग्वालियर जाने को तैयार हुआ ,वजह मेरी छोटी बहन की पेट का एक ऑपरेशन और साथ ही रिश्ते निभाने की बात तो शाम ८:०० बजे घर से कानपुर सेन्ट्रल के लिए निकल पड़ा ,एक छोटा सा बैग लिए घर से बाहर निकला फिर थोड़ी दूरी पैदल चलने पर एक ऑटो रिक्शा लिया ,मूड बियर पीने का था तो रात का खाना बनाकर मम्मी मुझे दे दी थी और मैं विजय नगर चौराहे से पहले बोला “भैया ,चौराहे पर जो शराब की दुकान है वहां थोड़ा रोकना “तो कुछ देर बाद विजय नगर चौराहा पहुंचा फिर ऑटो से उतरकर दो केन बियर खरीदा ,वहीं एक सिगरेट सुलगाई और फिर मस्ती में बियर पीने लगा तो ट्रेन रात ०९:५५ की थी ,आराम से एक केन बियर पीकर ऑटो पर बैठा और दूसरे केन को बैग में रख लिया।

कानपुर सेंट्रल तकरीबन ०९:१० बजे पहुंचा तो जंक्शन की ओर बढ़कर पहले सूचना पट्ट को देखा तो ट्रेन सही समय पर आने की जानकारी थी । मैं कुछ देर वहीं एक बेंच पर बैठा फिर प्लेटफार्म से बाहर आकर एक पान की दुकान से सिगरेट खरीदा और पीने लगा ,जब ट्रेन आने में १५-२० मिनट था तो प्लेटफॉर्म कि ओर बढ़ा ,सूचना पट्ट से पता चला कि ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर ९ पर आएगी तो मैं आराम से उस प्लेटफॉर्म की ओर जाने लगा और तभी मेरी नजर एक औरत पर गई जोकि अपने पति के साथ एक ट्रॉली बैग लिए जा रही थी ,पल भर के लिए उस औरत पर नजर गई तो देखने में सुंदर और सेक्सी थी तो साथ में भारतीय परिधान पहनकर मस्त लग रही थी ,कनक्खिया कर उसके बूब्स को साड़ी पर से ही देखा तो मानो कैमूर पहाड़ी की दो चोटियां हो पर उससे कहीं अधिक सेक्सी उस औरत की चूतड़ थी जोकि उसकी चाल के साथ एक दूसरे से टकरा रही थी ,बिल्कुल गोल गुंबद की तरह उसकी गान्ड पीले रंग के साड़ी के अंदर एक दूसरे पार्ट से टकरा कर मुझे उत्तेजित कर रही थी. “Ek Aurat Ne Chut”

लेकिन ये औरत एक तो अपने पति के संग उस पर से कहां और किस ट्रेन
से जाएगी मालूम नहीं ।खैर फिलहाल तो उस औरत के पीछे पीछे चल रहा था और वो भी उस
प्लेटफॉर्म के लिए ही सीढ़ी से उतरने लगी तो सीढ़ी पर तो उसके चूतड़ के दोनों
हिस्से और तेजी से टकरा कर मेरे मन को मदहोश कर रहे थे ,अब मैं प्लेटफॉर्म पर था तो अपने कोच नंबर को
स्क्रीन पर खोजने लगा तो वो दोनों फिलहाल मुझे दिख नहीं रहे थे और मैं कोच संख्या
बी ४ के जगह पर खड़ा हो गया ,अब ४-५ मिनट
में ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आने वाली थी तो मेरी नजर प्लेटफॉर्म के दूसरे छोर पर
पड़ी तो देखा कि वो औरत अपने पति के साथ मेरी ओर आ रही है ,वो दोनो भी मेरे करीब आकर खड़े हो गए तो मैं
तिरछी नजर से उस औरत को घूरने लगा फिर ट्रेन आई तो मैं ट्रेन के रुकते ही कोच में
सवार हो गया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था जब मैंने उन दोनों को मेरे पीछे आते
देखा ।

पल भर बाद मैं अपने बर्थ पर बैठा तो वो औरत सीट नंबर देखते हुए मेरे कूप में आ गई और ये महज संयोग ही था कि वो औरत मेरे कूप में ही यात्रा करती लेकिन अपने पति के साथ ,तभी वो मर्द ट्रॉली बैग को सीट के अंदर घुसाया और बोला “ठीक है राखी , मैं चलता हूं ,फोन चालू रखना हो सकता है कि मम्मी पापा तुमको कॉल करें (औरत मुस्कराई)ठीक है भाई साहब ,ग्वालियर पहुंचकर बात करती हूं “तो मुझे काफी सुकून मिला ,वो मर्द चला गया तो मैं अब अपने बर्थ पर चादर बिछाने लगा ,गर्मी के मौसम में वातानुकूलित डब्बे में ही यात्रा शुकून से किया जा सकता है ,उस औरत को एक नजर घुरकर फिर बर्थ पर बैठा और संयोग से एक ही यात्री उपर के बर्थ को ठीक कर रहे थे ,तकरीबन ४५ साल के अंकल ने अपना बर्थ ठीक किया और सीधे उपर चढ़ गए तो अब राखी चाची के साथ मोहित आमने सामने के बर्थ पर बैठा हुआ था.

फिर ट्रेन चल पड़ी और वो औरत अपने पर्स को बीच के टेबल पर रखकर
उठी तो उसके मस्त चूतड़ को देख मजा लेने लगा ,राखी
३२-३३ साल की मस्त शादी शुदा औरत थी तो उसके लंबे बाल और गोरे गाल को देखता हुआ
फिलहाल उनके कमर के पास के नंगे भाग को घुर रहा था ,वो
झुककर अपने बर्थ पर चादर बिछा रही थी तो उसके गोल गुंबदाकार गान्ड को साड़ी में
देख मेरा लन्ड टाईट होने लगा , साली इसी तरह
खड़ी रहकर अपना सिर्फ साड़ी साया कमर तक उठा दे तो समझो पर्दा उठते ही पूरी फिल्म
दिख जाएगी और मैं कल्पना लोक में खो चुका था ,तभी
टी टी ई महोदय आए तो मेरी नजर अब बैठी हुई औरत के स्तन पर था । मैं टी टी ई को
टिकट दिखाया तो वो औरत अब बर्थ पर लेट गई और मैं उठकर पहले बल्ब बंद किया फिर
लेटकर चादर को कमर तक ढक लिया ,अब मैं करवट
लेकर राखी की चूतड़ को घूरने लगा तो वो करवट लिए लेटी हुई थी तो उसका चेहरा दूसरे
दिशा में था ,अब मैं सोच ही रहा था कि पैंट को
खोलकर लंड को बाहर करूं फिर औरत की चूतड़ को निहारते हुए लंड को हिलाऊं लेकिन तब
तक वो करवट बदल कर मेरी ओर देखने लगी तो उपर के बर्थ से खर्राटे की आवाज आ रही थी ,मेरे से ज्योंहि उस औरत की नजर मिली वो थोड़ा
झेंप सा गई.

फिर मेरी ओर देखते हुए पूछी “कहां तक जाओगे (मै)जी ग्वालियर तक (वो अपने बदन पर चादर नहीं ढकी थी तो उसके बड़े बड़े चूची ब्लाऊज के उपरी हिस्से से दिख रहे थे) वहां कहां रहते हो (मै बोला)छोटे चाचा के यहां जा रहा हूं वो सिविल लाइन में रहते हैं (वो मेरे नजर को भांपकर पहले अपने पल्लू को चूची के उपर ठीक की)अच्छा तुम करते क्या हो (मैं)जी मै बी ए का छात्र हूं (वो हंसने लगी)लेकिन तुम्हारी हरकत किसी २४-२५ साल के लड़के वाली है”तो मैं और बेशरम की तरह उस औरत के चूची के उभार को निहारने लगा और वो अब मुझसे नजर मिलाने लगी तो उस औरत की बात सुनकर ही समझ गया कि ये चालू किस्म की माल है और शायद चुत का दर्शन करा सकती है तो मैं उसको देखता हुआ अपने लंड को चादर के अन्दर ही इस तरह से सहलाया की वो मेरा इशारा समझ सके और तभी वो औरत अपने बर्थ पर से उठकर चली गई , मैं समझ गया कि वाशरूम की ओर गई है फ्रेश होने के लिए और जल्द ही वापस आयेगी ,लेकिन ३-४ मिनट तक नहीं आई तो मैं अब वाशरूम की ओर जाने के लिए उठा लेकिन तब तक वो औरत आकर अपने बर्थ पर आ गई. “Ek Aurat Ne Chut”

अब उपर के बर्थ पर जो सवारी था उसका खर्राटा भी बंद हो चुका था ।वो औरत मुझे देखते हुए अपने हाथ से मुझे इशारा की और मैं उसके बर्थ पर चला गया ,अब उस औरत के बगल में बैठा तो वो मुझे देखते हुए पूछी “क्या नाम है तुम्हारा (मेरा हाथ उसके जांघ पर चला गया) मोहित और आपका (मेरा हाथ उसके जांघ को सहलाने लगा) राखी “और ये कहते हुए वो मेरे हाथ को पकड़ कर जांघ पर से हटाने लगी तो मैं उसके चेहरे के सामने अपना चेहरा करते हुए जांघ पर से हाथ तो हटा दिया लेकिन उसके चेहरा को दो चार जोरदार चुम्बन दे दिया , वो थोड़ा झेंप सी गई और चेहरा खिड़की कि और करके बोली “तुम अपने बर्थ पर जाओ ,बहुत शैतान हो “तो मैं बिना कुछ बोले बर्थ पर से उठने लगा ,लेकिन राखी मेरे कलाई को थामकर मुझे अपनी ओर खींच ली तो मैं उसके गोद में गिरा ,अब राखी के चेहरे पर कोई शर्म नाम की चीज नहीं थी तो मैं उनके गोद में बैठे उनके बाहों को सहलाने लगा ।

हमलोग के कूप में लगा पर्दा हामदोनों को सेफ कर रहा था तो मैं राखी के गोद से उतरकर बगल में बैठा और उसको अपनी बांहों के घेरे में लेकर किस्स करने लगा तो अब दोनों के काम क्रीड़ा की शुरुवात हुईं ,राखी मेरे छाती से अपने स्तन को रगड़ते हुए मेरे गर्दन को चूमने लगी तो उसके नग्न पीठ पर मेरा हाथ घूम रहा था ,बैकलेस ब्लाऊज के कारण उस औरत के पीठ पर सिर्फ ब्लाऊज की एक डोरी ही थी तो अब मैं राखी के गर्दन में हाथ डालकर उसके ओंठ को चूमने लगा तो वो अब मुझसे लिपट कर मजे लेने लगी ।मेरे बदन में करेंट प्रवाहित हो रहा था तो दोनों एक दूसरे की बाहों में समाकर चुम्मा चाटी कर रहे थे ,मोहित की ग्वालियर यात्रा पूरे रात की थी तो उसके सामने की बर्थ की यात्री एक सुंदर और सेक्सी महिला थी जिसके ओंठ को किस्स करने के बाद मुझे तब मजा आया जब राखी अपने लंबे से जीभ को मुंह से निकालकर मेरे ओंठ को चाटने लगी । “Ek Aurat Ne Chut”

राखी की जीभ को बिन देर किए अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा
तो मेरा हाथ उनके पीठ को सहला रहा था फिर उसने अपने साड़ी के पिन को खोलकर पल्लू
को सीने पर से नीचे कर दिया तो मैं जीभ चूसता हुआ उसके बूब्स को ब्लाऊज पर से ही
पकड़कर दबाने लगा ,उसकी तेज सांसे और बंद आंखें मुझे
कामुक कर रही थी तो मै राखी की जीभ चूसता हुआ उसको पूरी तरह से कामुक करने में लगा
हुआ था ताकि उसकी चुत का स्वाद मिल सके ,औरत
हो या लड़की यदि किसी अनजान लड़कों के साथ सेक्स करती भी है तो भी चुत इतनी आसानी
से नहीं देती है पर मुझे राखी की चुत को चाटना था भले वो चोदने को नहीं देती।पल भर
बाद राखी मेरे चेहरा को पीछे करके अपने जीभ को मेरे मुंह से मुक्त की तो उसका सर
मेरे कंधे पर था और मैं उसके पीठ को सहलाता हुआ पूछा “मेरा तो खड़ा हो गया है
,क्या अंदर लोगी (वो)जो तुम चाहो
“तो मैं उसको सीधे बिठाया फिर उसके दोनों पैर को बर्थ पर रखकर उसके साड़ी
सहित पेटीकोट को कमर की ओर करने लगा ,वो
थोड़ा बहुत शरमा रही थी तो मैं अब उसके बगल में बैठे अपने जींस और कच्छा को खोलकर
लंड निकाल रहा था ।

पल भर में ही लंड को जींस से बाहर करके राखी के हाथ पकड़ा और अपने लंड पर लगा दिया ,वो लंड को छूते ही अपना हाथ हटाने लगी फिर मैं उसके पेटीकोट सहित साड़ी को कमर तक कर दिया ,लेकिन राखी की चुत का इलाका पीले रंग के फूल पैंटी से ढकी हुई थी तो मैं उसके पैंटी पर से ही मुरब्बे स्वरूप बुर को सहलाने लगा ,वो अब बेझिझक होकर मेरे लंड को पकड़ ली और सहलाने लगी तो मैं राखी की चुत के गुदाज हिस्से को सहलाने लगा ,राखी उपर की ओर देखी फिर वो खुद ही अपने पैंटी को उतारने लगी तो मेरा लंड टाईट हो चुका था ।राखी अपने पैंटी को निकालकर बुर को हथेली से ढक ली तो मैं अब उसके मुंह के सामने खड़ा हो गया ,मेरी जींस और कच्छा पैर पर चला गया तो मेरी नजर उपर के बर्थ वाले यात्री पर था ,जोकि आराम की गहरी नींद में थे और राखी मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर चमड़ा हटा दी फिर मैं उसके चेहरे को निहारने लगा ,वो मुंह खोलकर लंड को पूरी तरह से निगल गई तो मैं चुपचाप खड़ा था और ये यात्रा यादगार होने वाली थी। “Ek Aurat Ne Chut”

मोहित बर्थ के नीचे जमीन पर खड़ा था तो सामने बैठी औरत मेरे लंड को चूस रही थी ,फिर वो मेरे कमर में हाथ डाले अपना चेहरा तेजी से आगे पीछे करने लगी तो मुझे अपने लंड के टाईट होने का एहसास उसके मुंह में मिल रहा था और मेरी मुहन से धीमी आवाज “उह आह ओह तुम बहुत सेक्सी हो”निकल रही थी तभी वो औरत मेरे थूक से लतपत लंड को मुंह से निकालकर जीभ फेरने लगी और मैं इस औरत के चुत चुदाई को लेकर तड़प रहा था। राखी ३२-३३ साल की शादीशुदा औरत थी तो उसका खूबसूरत चेहरा , ५’६, इंच का कद ,बड़ी बड़ी चूचियां तो सपाट पेट मुझे रिझा रही थी और मै अब राखी को बर्थ पर लिटा दिया ,अपने बर्थ से कम्बल लेकर उसे तकिया के रूप में किया फिर उसके गद्देदार चूतड़ के नीचे लगा दिया ,उसकी साड़ी और पेटीकोट कमर पर थी तो पैंटी बर्थ पर , मैं अब एक ही पोजिशन में दो दो काम करने को आतुर था ,इस मस्ताई औरत की चुत की चटाई और फिर चुदाई तो राखी काफी सेफ थी जब चाहती अपने साड़ी को पैर की ओर करके बुर रतन को छुपा सकती थी लेकिन मुझे थोड़ा साहस दिखाना पड़ा ।

मोहित अपना जींस और कच्छा को पैर से निकालकर अब बर्थ पर बैठ गया तो राखी अपने दोनों पैर को घुटने के बल करके मोड़ी हुई थी ,दोनों जांघें दो दिशा में तो चुत का दीदार हुआ ,बिलकुल सेब की तरह लाल और फांकें गुदाज बिल्कुल ब्रेड पकोड़ा की तरह फूली हुई तो दरार स्पष्ट और मैं अब अपना हाथ उसकी चिकनी चुत पर फेरता हुआ उसके गोलाई को सहलाने लगा तो राखी काफी साहसी औरत थी ,वो अपने सीने पर से साड़ी हटाकर चूची के उपरी हिस्से का दीदार कराई , मैं तो उसकी चूतड़ को देख मुठ मारने के फिराक में था लेकिन मेरी तकदीर राखी की चुत का रसपान करने का था ।अब मोहित उसके चूतड़ जोकि कम्बल के कारण थोड़े उपर थे ,अपना सर उसकी जांघों के बीच लगाया और बुर को चूमने लगा ,उसपर हल्के रोएं थे तो चुत के उपरी हिस्से पर ओंठ से चूमता हुआ उसके जांघ को सहलाने लगा , ऐसी माल को आराम से भोगने का है और मैं बेहिचक उसके बुर के मुहाने को फैलाकर जीभ से चाटने लगा तो वो अब सिसकने लगी “उह ओह मोहित चाटो ,ग्वालियर तक चोदते रहना. ” “Ek Aurat Ne Chut”

ऐसे कथन उस औरत की चरित्र को दर्शा रहे थे तो मेरा पूरा जीभ
उसकी चुत की गहराई तक जा रहा था और आपको तो पता होगा की महिला की चुत को चाटने में
जो आनंद है वो रसमलाई खाने में भी नहीं तो लपलप जीभ से उसकी चुत को चाट रहा था तो
वो मेरे बाल पकड़कर मेरे सर को अपनी चुत की ओर धंसाने लगी और मेरा लंड अब चोदने को
तड़पने लगा तो उसकी चुत के दोनों फांक को ओंठो के बीच लेकर चुभ ला रहा था और राखी
अपने चूतड़ को थोड़ा ऊपर की ओर कर रही थी ,तभी
वो सेक्सी आवाज निकालने लगी “,उई
मां ,ओह उह मेरा रस आह निकलेगा “तो
मैं उसके बुर के मुहाने को ओंठो के बीच दबाकर रखा था ,पल भर बाद मुंह में रज की धार छुट पड़ी तो राखी
की चुत से निकले रस को गटागट पीकर मस्त हो गया और अब मैं चेहरा को उसकी जांघों के
बीच से हटाकर उसके चेहरा को देखा तो उसका चेहरा गुलाब की पंखुड़ियां की तरह खिल
उठी थी। ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकी तो राखी ने इशारा किया ताकि कोई यात्री इधर आकर
हम दोनों के सेक्स कार्यक्रम को देख ना ले ,तो
मैं झट से अपना जींस और कच्छा पहन लिया ,अब
मैं उठकर बोगी के गेट की ओर गया ,लेकिन दरवाजा
बंद था फिर मैं दूसरे गेट की ओर गया तो वहां भी दरवाजा बंद मिला ,वाशरूम घुसकर मूतने लगा और फिर अपने कूप पहुंचा ।

राखी अपने साड़ी को ठीक कर चुकी थी तो मैं उसके बगल में बैठकर धीरे से पूछा “क्या बात है ,तुम कपड़े ठीक कर ली (वो मेरे कंधे में हाथ डालकर गाल चूम ली) चल ना ग्वालियर ,तुझे ऐसी चुत यात्रा कराऊंगी की तू मेरा गुलाम हो जाएगा (तभी ट्रेन चल पड़ी)क्यों नहीं ,लेकिन अभी भी तो कुछ काम बाकी है”तो वो मुस्कुराते हुए उठ खड़ी हुई ,फिर अपने पर्स से एक दवाई का पैकेट निकाली ,वाशरूम की ओर चल पड़ी तो मैं बैठा हुआ राखी का इंतजार कर रहा था । कुछ देर बाद आकर अपने बर्थ पर लेट गई तो मैं उसके पैर के पास बैठा हुआ था ,अब उसके दोनों पैर घुटने मुड़ने की वजह से फैले हुए थे तो मैं अब अपने जींस को खोलकर कच्छा उतारने लगा ,राखी मेरी ओर देख रही थी फिर मैं उसके साया सहित साड़ी को कमर तक किया और उसकी चुत के सामने लंड पकड़े बैठ गया ,वो अब अपने चूतड़ को थोड़ा सा ऊपर की तो मैं अपना सुपाड़ा बुर के अंदर घुसते ही जोर से धक्का दिया और मेरा २/३ लंड उसकी चुत में था. “Ek Aurat Ne Chut”

लेकिन उसकी चुत का रास्ता चिपचिपे पदार्थ से युक्त लग रहा था
लेकिन फिलहाल तो चुदाई ही ध्यान में था और मैं अब जोर का धक्का देकर चुदाई करने
लगा और वो धीमे आवाज में चिहुकी “उह ओह मजा आ गया “और मेरा लन्ड गपागप
चुत के अन्दर जा रहा था ,इतनी गति तो ट्रेन की भी नहीं थी और
राखी का चेहरा काफी सेक्सी लग रहा था तो मैं उसके चूची को ब्लाऊज पर से ही दबाने
लगा फिर उसकी बदन पर सवार होकर तेज चुदाई करने लगा तो उसकी चूची तो ब्लाऊज में कैद
थी ,पूर्ण नग्न अवस्था में चुदाई का आनंद
ही अलग होता है और मै उसके गाल को चूमने लगा तो राखी मुझे जकड़े हुए अपने चूतड़ को
उछालने लगी और दोनों चुदाई का मजा लेने लगे ।

राखी के जिस्म पर सवार होकर कमर उपर नीचे किए चुदाई किए जा रहा था तो वो औरत भी कम नहीं थी ,अपने गद्देदार गान्ड को उछालकर मुझे अपने सेक्स का अनुभव बता रही थी तो मैं उसके चुत की चिपचिपाहट से ज्यादा मजा ले रहा था ,फिर वो चूतड़ को स्थिर किए चुदवाने लगी तो मैं अब चुत की गर्मी से परेशान था ,बोल रही थी “बहुत गर्मी हो रही है जानू अब वीर्य गिरा दो “तो मैं पिछले ५-६ मिनट से उसकी चुदाई कर रहा था और फिर लंड से वीर्य स्खलित होने लगी तो दोनों स्थिर थे ,ओंठ चूमा “बुर में कौन सा क्रीम लगाई थी (वो मेरे गाल चूमने लगी)वो गर्भनिरोधक दवाई थी पगले “फिर मै उसके जिस्म पर से उतर गया और दोनों बारी बारी से वाशरूम जाकर फ्रेश हुए और फिर अपने अपने बर्थ पर सो गए ।

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