Hindi Me Jija Sali Ki Chudai Ki Desi Kahani

Antarvasna Sex Story सावित्री के सास ससुर नहीं थे, वो और उसके पति अकेले ही रहते थे, गाँव के इतने बड़े मकान में सिर्फ वो दो ही रहते थे भगवान की कृपा हुई और सावित्री गर्भवती हुए। लेकिन चिंता इस बात की थी, की उसके प्रसव काल में उसका ध्यान कौन रखेगा पंडित तो पूजा पाठ करवाने निकल जाते है तो दिन भर घर नहीं आते, कैसे संभलेगा सावित्री का प्रसव काल! Hindi Me Jija Sali Ki Chudai Ki Desi Kahani.

अचानक सावित्री को याद आया की उसकी एकलौती बहन रानी तो है जो अब जवान हो गई है ,घर के सारे काम धाम के साथ-साथ उसे भी संभाल सकती है। फिर क्या सावित्री ने आवाज लगाई पंडित को,कहा कि फोन कर देती हूं माँ को आज रानी को विदा कर लाओ,रहेगी तो उसकी मदद हो जायेगी ,सब कुछ आराम से बीत जायेगा। पंडित ने हामी भर दी ,शाम को आते समय रानी को अपने ससुराल से लेते आये।

रानी जीजा और जीजी से मिल के बहोत खुश हुई,बोली जीजी अच्छा हुआ आप ने बुला लिया ,बहोत दिन भी हो गए थे आप को और जीजा को देखे अब मैं आ गई हूं आप चिंता ना करे आप के प्रसव तक घर की सारी जिम्मेदारी मेरी जीजा से ले के आप का ख्याल रखना अब मेरा काम,अब आप निश्चिन्त हो जाओ। सावित्री मुस्कुराई और रानी को गले लगा ली बोली,तू तो अब एक दम जवान हो गई रे! जल्द तेरे लिए भी लड़का देखना चालू करना होगा।

पंडित जी भी कैसे चूकते इस बात पे ठहरी तो साली ही,पंडित बोले – शादी से पहले यहाँ सारी चीज़ों की ट्रेनिग लेते जाना एक भी चीज़ छुटे ना कुछ तुम्हारी दीदी सीखा देंगी बचा खुचा मैं, ये कह के पंडित ने आख मार दी रानी को। रानी भी अब बच्ची नहीं रह गई थी,इशारे खूब पकड़ना आता था उसे अपने गली मोहहले में भी काफियों के दिल जला चुकी थी ,तो इतनी तो समझदार थी ही की जीजा के इशारे समझ ले और जानती भी थी जीजा साली का रिश्ता भी कुछ अलग ही होता है इसलिए इसारे के जवाब में उसने भी पंडित को इशारे में एक हलकी सी कातिल मुस्कान दे दी।

फिर क्या धीरे धीरे दिन बीतने लगे रानी खूब सेवा करती अपने जीजा और जीजी की,लेकिन जो ज्ञान उसे जीजा से सीखना था उसके लिए भी मन ही मन बेताब थी ,लेकिन खुद सामने से कोशिश भी नहीं कर सकती थी ,स्त्री जो ठहरी! मन में वासना के हिंडोले कई बार उठ ते जो स्वभाविक ही रानी जैसो के उम्र में उठ ते ही है। यहाँ पंडित भी इसी तलाश में था आज बीवी को गर्भवती हुए 5 महीने बीत गए थे और 5 महीनो से भूखा था ,जब की घर में ही रबड़ी मालाई सब है फिर भी खाने में संकोच कर रहा था।

रानी को आये 1 महीने बीत गए थे कई बार बातो ही बातो में छेड़ चूका था उसे लेकिन जिस युद्ध के सपने देख रहा था अभी उसकी शुरुवात नहीं कर पा रहा था। अचानक एक दिन आ ही गया आज सावित्री को तेज बुखार आ गया था पंडित डॉक्टर के पास ले गया डॉक्टर ने सावित्री को देखा और कुछ दवाइयां दी और कहा ,घबराने की कोई बात नहीं है सामान्य बुखार है ठीक हो जायेगा मैंने कुछ दवाइयां दे दी है, हो सकता हो दवाइयों के असर से थोड़ी नींद भी आये लेकिन डरने की कोई बात नही समय पे खाना खिला के दवा खिला के सूला देना, एक दो दिन में ठीक हो जायेगी।

घर पहोच के पंडित ने रानी को बताया, जल्द ही खाना बना के खिला के दवा दे के आज सावित्री को सुला दिया रोज से जल्दी आज काम हो गया घर का अब रानी भी फ्री थी और पंडित भी। दोनों बहार हॉल में बैठ के टीवी देखने लगे। पंडित जी ने रानी से कहा रानी आज पैर बहोत दर्द कर रहे है, जरा दबा देती तो! रानी ने मुस्कुराते हुए बोली कोई नहीं जीजू! और रानी पंडित जी के पैर दबाने लगी.

अब पंडित जी लाइन क्लियर करने लगे रानी से पूछने लगे की कोई बॉय फ्रेंड वगेरा बना की नहीं कॉलेज वगेरा में ? रानी मुस्कुरा के बोली ,नही जीजू कोई आप को तरह हैंडसम दिखे तो ना बनाऊ। पंडित भी समझ गए की अब लाइन क्लियर हो ही जायेगी। पंडित बोले रानी थोड़ा जांघो तक आजाओ थोड़ा ऊपर भी दबाओ, यहाँ भी बहोत दर्द है। रानी अब जांघो को दबाने लगी। इसी बीच कुछ और बाते होने लगी जीजा और साली के बीच, जो धीरे धीरे दोनों के काम वासनाओं की गर्मी बढ़ाने लगी।

तभी दबाते दबाते रानी के कोमल हाथ कुछ और ऊपर पहुचे और पंडित के औजार को छू लिए। पंडित एकदम रोमांचित हो गया, वो भी जरा और नीचे खिसक आया जिससे रानी का हाथ जांघो पे और ऊपर तक घूम सके और उसके औजार को भी छू सके। अब कमरे में सिर्फ गर्मी बढ़ी थी बाते बंद थी, अब बाते निगाहें कर रही थी फिर एक बार रानी के हाथ ने औजारों को छू लिया, इस बार पंडित ने बाजी मार दी।

जैसे रानी के हाथ औजारों पे फिर से पड़े, पंडित ने रानी के हाथों को पकड़ अपने सामान पे रगड़ना चालू कर दिया अब रानी भी समझ गई, आज वो ज्ञान जीजू से मिल ही जायेगा जिसकी बात उन्होंने जस दिन इशारों में की थी। रानी अब पंडित के औजार को मसलने लगी, पंडित भी गर्म हो गए और अपने औजार को पैंट से मुक्त कर रानी के सामने रख दिया और बोले, लो अब आराम से इसे संभालो!

रानी का पूरा मुह लाल हो गया जीजा के औजार को देख के ,इतना बड़ा औजार तो उसने सिर्फ ब्लू फिल्मों मे देखा था ,आज हकीकत में भी मिलेगा ये सोच के अंदर से अजीब सा हो रहा था उसे। तभी पंडित बोले जानती हो इसे क्या कहते है, रानी मुस्कुराते हुए बोली हाँ, पंडित बोले क्या? रानी फिर दबे आवाज में बोली “लंड”! पंडित और काम आतुर हो गए, अब तुरन्त पंडित ने रानी को अपनी बाहों में खींच लिया और कहा आज इस लंड को अपनी चूत के दर्शन करवा दो।

रानी बोली, जीजू आज से ये चुत आप की है जब चाहे जितना चाहे देखे या जो भी करे। बस फिर क्या पंडित रानी की सलवार को झट से खोल फट से उसकी पैंटी निकाल फेक, उसकी चूत पे आ गया और अपनी जिभो से चाटने लगा। अब रानी के कामुक्ता का पारा बढ़ने लगा वो अपनी चूत अपने पंडित जीजा के मुह पे रगड़ने लगी और मजे लेने लगी। “Hindi Me Jija Sali Ki”

कुछ देर तक चूत चाटने के बाद पंडित ने अपना लंड रानी के मुह में दे दिया अब रानी उसे लॉलीपॉप को तरह चूसने लगी पंडित मुस्कुराते हुए बोले तुम तो ट्रेंड लगती हो रानी बोली ट्रेंड नहीं, सब पोर्न मूवी का कमाल है, जिसने आज की नौजवान पीढ़ी को सब सिखा दिया है,अभी भी मेरी चूत कुवारी है जीजा! पंडित खुश हो गए,अब क्या। लंड निकाला और रानी को घोड़ी बनाया और लंड पे थूक लगा के उसकी चुत को हाथो से सहलाते हुए धीरे से लंड धकेल दिया.

चूत में शील टूटी दर्द हुआ रानी को, खून भी आने लगा लेकिन इन सबके बावजूद जो अनान्द मिल रहा था जीजा के लंड से वो सभी तकलीफ के सामने कुछ नहीं। अब पंडित ने धक्के तेज कर दिए और जोर जोर से चोदने लगा। घोड़ी बने रानी की चूचिया पकड़ के अब धक्के देने लगा पंडित! रानी बोली,जीजू, मेरी चूचियो पे बड़े लेट पहुचे। पंडित ने कहा ,क्या करता बहोत दिनों से चूत मिली नहीं थी, तो क्या करता।

वैसे तुम्हरी चूचिया तुम्हारी बहन से बहोत बड़ी और मस्त है। सच पूछो तो तुम ही सावित्री से बहोत कड़क हो ,मस्त हो। रानी ये सुन के और खुसी से लाल होने लगी अब वो भी अपने जीजा को अपनी चूतड़ हिला हिला के देने लगी। पंडित और रोमांचित होने लगा। लेकिन पहली ही बार ने घोड़ी बनी रानी अब तक गई बोली जीजा अब निकालो, और कोई दूसरे स्टायल में करो।

पंडित ने रानी की चूत से लंड निकला और उसे सीधे पीठ के बल लिटाया और बोला तुम्हारी बहन को सिर्फ यही एक स्टायल पसंद है जिसमे आराम से हो सोके मेरा लंड लेती है, रानी बोली जीजू ये मेरा पहली बार है धीरे धीरे आप के पसंद की हर स्टायल में ले लेना। पंडित मुस्कुराया और फिर से लंड रानी की चुत में डाल के धक्के मारने लगा, रानी दर्द और मजे दोनों में कहराने लगी और चूतड़ उठा उठा के अपने पंडित जीजा को अपनी चूत देने लगी। “Hindi Me Jija Sali Ki”

अब पंडित उठा और रानी को अपनी बाहों में अपने ऊपर बैठा लिया, अब रानी पंडित के जांघों पे बैठ गई और दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया। पंडित ने एक हाथ स रानी की चूतड़ जरा ऊपर कर अपने लंड को उसकी चुत के पास एडजस्ट किया और बाहों में जकड़ के दोनों एक दूसरे में समां गये। लंड धीरे धीरे अंदर बहार करता, रानी एयर पंडित दोनों बड़े आराम से चुदाई के इस खेल का आनंद ले रहे थे.

रानी अपने चरम पर पहोच गई और अपने जीजा के गालों को बेहताशा चूमने लगी। कुछ देर में पंडित का पानी गिरने लगा। उसने रानी को अपने ऊपर से हटाया एयर पानी बहार गिराया। अब दोनों एक दूसरे का बाहों में लिपट के थक के सोने लगे, एक दूसरे को देखते मंद मुस्कान देते। फिर कई बार पंडित और उसकी साली का खेल चलते रहा जीवंन के इस परम सुख का आनंद दोनों जीजा और साली लेते रहे।

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