Hindi Sex Story दोस्तों , मैं शोभा सिंह फिर से एक हकीकत भरी दास्तां बयां करने जा रही हूं ,उम्मीद करती हूं कि आप सबों को मेरे लिखे सारे कहानी अच्छे लगे होंगे (पढ़ें “चाचा का मूसल लंड मुझसे चुस्वाया“और इसके भाग साथ ही “चाचा और भतीजी का सहवास शुरू हो गया” और इसके भाग ) ,बनारस से लखनऊ की यात्रा मेरे लिए यादगार बन गई तो वहां मेरे छोटे चाचा ने मेरी चुत की झिल्लियों को तोड़ा साथ ही मैं व्हिस्की का स्वाद भी चख ली. Kamsin Jawani Ki Aag Boyfriend Se Bujhwaya.
तो तीन दिन में चाचा ने मेरे साथ ११ बार सहवास किया तो मेरी चुत
समझो अपनी फलक की लचक ढीली कर दी साथ ही मुझे अपनी चुत की गहराई का एहसास भी हुआ
।शोभा सिंह , २३ वर्ष की निखरती जवानी है तो मैं
बेहद खूबसूरत हूं ,ऐसा मैं नहीं कह सकती लेकिन सुंदरता
के साथ ५’४ फीट की लंबाई साथ ही गोल गोल सेप
में टाईट बूब्स ,जांघें चिकनी और उसके बीच चुत ,वो तो किसी भी लड़की की सेक्सी ही होती है तो उसकी
दोनों फांकें आपस में चिपकी हुई ,ब्रेड पकोड़ा
की तरह फूली हुई तो मैं उसे काफी साफ सफाई से रखती हूं.
फिर मेरे चूतड़ V शेप में लेकिन उसकी दोनों गद्देदार फांक टाईट ,चाचा से चुदवाकर कुछ खास अंगों में ढिलाई नहीं आई सिवाय चुत की फांकों के बीच थोड़ी दूरी बन गई तो लखनऊ से वाराणसी आकर मेरा मन अब पहले की तरह शांत और निर्मल नहीं रहा बल्कि चाचा के साथ संभोग सुख की बातें आंखें बंद कर याद करती ,अब मुझे यहां स्थाई तौर पर किसी ऐसे दोस्त की जरूरत थी जोकि मेरे जिस्म की भूख शांत कर सके ।
शोभा स्नातक की डिग्री लेकर स्नातकोत्तर में पढ़ाई कर रही थी तो
कई लड़के मेरे दोस्त थे जिसमें दो ऐसे थे जोकि मेरे से शायद प्यार या कहिए तो मेरे
जिस्म की जरूरत महसूस कर रहे थे लेकिन मेरे स्वभाव के कारण मुझे सीधी मुंह कभी कुछ
नहीं कह पाए थे ,एक सुबह मैं मन बनाकर कॉलेज पहुंची की
अगर देव या गौरव मुझे कहीं घूमने फिरने को लेकर जिद्द करता है तो उसके साथ क्लास
बंक करके घूमने चली जाऊंगी क्योंकि मुझे मालूम है कि चाहकर भी मैं उनके साथ सीधे
शारीरिक संबंध नहीं बना सकती.
बात तो धीरे धीरे ही आगे बढ़ती है और फिर उस दिन लंच ब्रेक में
देव क्लासरूम से निकलते ही पूछा “शोभा ,लंच
के बाद तो क्लासेस बोर करने वाली है (मैं)वो तो है ,केंटीन
में ही बैठकर बात करते हैं “दोनों केंटीन गए फिर वहीं चाय का आर्डर कर बातें
करने लगे ,मैं टाईट लेगिंग्स के साथ बिन बाहों
वाली कुर्ती पहन रखी थी तो सामान्य तौर पर मैं लिपस्टिक या कोई मेकअप नहीं करती ,कुछ देर बाद चाय की चुस्की लेते हुए दोनों एक
दूसरे की आंखों में ही ताकने लगे तो मैं थोड़ा शरमाने लगी ,एक तरह से देव को इशारा कर रही थी ।
कुछ देर बाद दोनों केंटीन से निकले तो मैं उसके साथ पार्किंग जोन में गई और फिर देव बाईक स्टार्ट किया और मैं उसके पीछे थोड़ी दूरी बनाए बैठी ,दोनों पैर एक ही दिशा में किए उसके कंधे पर हाथ रख बैठी रही ,देव सांवला रंग का स्मार्ट सा लड़का है तो उसकी लम्बाई ५’१० फीट के आसपास होगी ,वो ब्लेक डेनिम और टी शर्ट में स्मार्ट दिख रहा था तो मैं चुपचाप उसके साथ बाईक पर बैठी रही ,मंजिल उसने तय कर रखी थी तो कुछ पूछना और बोलना बेकार था ,वो बाईक को यूनिवर्सिटी गेट से बाहर होते ही केंट स्टेशन की ओर ले लिया तो मैं समझ नहीं पा रही थी कि आखिर देव मुझे कहां ले जा रहा है ।
केंट स्टेशन के चौराहे पर रेड लाईट सिंगल पर जब बाईक रुकी तब मैं पूछी “देव हमलोग घूमने कहां जा रहे हैं (वो मुस्कराया)अभी तीन से चार घंटे का समय घूमने को है तो सारनाथ चल रहे हैं “मैं समझ गई कि कहीं ये पहली मुलाकात में ही मेरे साथ कुछ ना कर बैठे ,इसके लिए मैं तो तैयार ही थी लेकिन आसानी से अपने सेक्सी बदन पर हाथ लगाने नहीं देती आखिर उसे अपने चरित्र का स्तर दिखाना था ,नहीं तो सोचता कि मैं चालू किस्म की लड़की हूं और वाराणसी के भीड़ भाड़ वाले रास्ते गुजर जाने के बाद मैं बोली “जरा सड़क किनारे बाईक रोकना “तो वो बाईक रोका फिर मैं बाईक से उतरकर दुबारा बैठी.
अपने दोनों पैर दो दिशा में किए और उससे चिपक अपनी रजामंदी
जताने लगी “एक तरफ पैर रखकर बैठने में काफी दिक्कत हो रही थी तो (वो बाईक
स्टार्ट किए सड़क पर तेज रफ्तार में चलाने लगा)जरूर ,आखिर कुछ तो तुम बोली “तो मैं धीरे धीरे
उसके पीठ से अपनी बूब्स रगड़ने लगी और एक हाथ उसके कमर में डाल मस्त हो रही थी तो
समझो कि देव को मन की मुराद पूरी करने का मौका मिल चुका था ,लगभग १:४० बजे हम दोनों सारनाथ घुसे तो वो शायद
मझे किसी सुनसान जगह पर ले जाकर प्यार का इजहार करता.
बाईक को मुयुजियम के बाहर पार्क किया तो मन दुखी हो गया ,ये साला पुराने जमाने के सामग्री दिखाने मुझे
लाया है या ये मेरे सामान का उपभोग करेगा , मन
को नियंत्रित रखते हुए उसके साथ अंदर घुसी तो कुछ दूर चलने के बाद वो मेरा हाथ
पकड़ मेरे साथ चलने लगा लेकिन मैंने झट से उसके हाथ हटा सिर्फ साथ में चलने लगी । देव
के साथ म्यूजियम घुस इधर उधर कई तरह कि ऐतिहासिक वस्तुओं को देख रही थी तो उसकी
नजर कभी मेरे बूब्स तो कभी मेरे चूतड़ को निहारता ,लेकिन
ऐसी जगह में क्या कुछ संभव था !
मैं कुछ देर बाद बोली “देव प्लीज़ यहां से चलो मुझे अच्छा
नहीं लग रहा है “तो वो मेरे साथ म्यूजियम से बाहर निकल पूछा “तो बुद्ध
मन्दिर चलें “फिर मैंने हामी भर दी और हम दोनों बाईक पर सवार होकर मन्दिर की
ओर चले गए ,अब मंदिर में ये बुद्धू भगवान की पूजा
करेगा या फिर किसी सुनसान जगह पर मुझसे प्यार भरी बातें ,ये मैं नहीं बता सकती ,मन्दिर परिसर के बाहर बाईक लगाकर फिर से देव मेरा
हाथ पकड़ा तो मैं इस बार उसको देखते हुए आगे बढ़ने लगी.
मन्दिर में घुसकर भगवान को पल भर के लिए हाथ जोड़ खड़ी रही फिर देव के साथ मन्दिर परिसर के पीछे के बागान की ओर चली गई ,मैं राहत कि सांस ले रही थी तो देव अब मेरे हाथ थामे रह रहकर बाहें से बाहें सटाने लगा और फिर दोनों एक विशाल पेड़ की छांव में बैठ गए ।देव और शोभा आमने सामने घांस पर बैठकर एक दूसरे को निहार रहे थे तो पेड़ की आड़ में दोनों बाहरी ओर से अदृश्य थे और फिर उम्मीद के विपरीत देव मेरे करीब खिसकते हुए मुझे अपनी बांहों में भर लिया. “Kamsin Jawani Ki Aag”
मैं जानबूझकर उसके कार्य का विरोध की और उसको पीछे कर गुस्से
में बोली “क्या देव ,इसलिए तू मुझे घुमाने लाया है ताकि
अकेली लड़की के साथ ……………”कहकर चुप हो गई तो वो सर झुकाए बोला
“सॉरी शोभा ,दरअसल मैं तुमको बहुत पसंद करता हूं
(मैं हंसने लगी)बेवकूफ ,ये बात मेरे डैड को अगर मालूम हो जाए
तो वो तुम्हारी जान ले लेंगे “पल भर चुप रहने के बाद वो मेरा हाथ पकड़ लिया
और उसे सहलाने लगा फिर से मेरे करीब खिसका तो मुझे लगा कि ये मौका नहीं छोड़ना
चाहिए.
अब देव मुझे दुबारा बाहों में लेकर चूमने लगा तो मैं अपनी दोनों टांगों को फैलाकर उसकी गोद में ही बैठ उससे लिपट गई और वो मेरे गर्दन चूमता हुआ पीठ सहलाने लगा तो मैं उसके गर्दन किस्स करते हुए पीठ पर हाथ फेरने लगी ,तुरन्त ही देव मेरे गर्दन में हाथ डाले मेरे चेहरा को अपने सामने कर ओंठ चूमने लगा ,पल भर तक तो शरीर में करेंट प्रवाहित होने लगी लेकिन ये बुद्धू नहीं है ,उसने मेरे रसीले ओंठ को ही मुंह में लिए चूसने लगा । “Kamsin Jawani Ki Aag”
शोभा की गद्देदार गान्ड उसके गोद में थी तो देव मेरे ओंठ चूसकर
थोड़ा स्थिर हुआ फिर वो मुझसे नजर मिलाते हुए अपना मुंह खोला तो समझो मेरी काम
इच्छा जाग गई ,मेरी जीभ मुंह से निकलकर उसके मुंह
में चली गई तो देव मेरी जीभ चूसता हुआ मुझे कसकर पकड़ रखा था और मैं अपने दोनों
पैर उसकी कमर में लपेट उससे जीभ चुस्वात्ते रही ,मेरे
बूब्स उसके छाती से दबने लगे तो तन की आग चरम पर थी ।
पल भर बाद मैं उसके मुंह से जीभ निकालकर उसके कंधे पर अपना सर
रख सांसें नियंत्रित करने लगी तो देव के छाती से मेरी बाईं चूची रगड़ खा रही थी ,यहां तक कि पक भर के ओरल सेक्स से ही मेरे चुत के
अन्दर मानों चींटियां टहलने लगी ,देव मेरे पीठ
सहलाने लगा तो लज्जा के मारे मैं उसके गोद से उतरकर घांस पर बैठी फिर अपने पर्स से
बोतल निकाल पानी पीने लगी तो देव मुस्कुराता हुआ बोला “अब तुम अपनी आंखें
बन्द करो (मैं)अच्छा लेकिन क्यों (वो)तुम्हें कुछ गिफ्ट करना है “मैं दोनों
आंखें बंद की लेकिन हल्की सी खोल देखने को उत्सुक थी.
की आखिर देव गिफ्ट में क्या देने वाला है ,वो मेरी चोरी पकड़ अपने पॉकेट से रुमाल निकाल अब
मेरी आंखों पर बांधने लगा “अरे ये कौन सा गिफ्ट है (देव मेरी आंखों पर कसकर
रुमाल बांध दिया)बेबी ,तुम थोड़ा तो देख ही रही थी “फिर
वो मेरा हाथ पकड़ा रहा तो मैं थोड़े से असमंजस में थी फिर वो मेरा हाथ अपने गिफ्ट
पर रखकर बोला “आराम से सहलाओ और बताओ कि ये क्या है “मेरा हाथ एक मांस
के लोथड़े की गोलाई को मुट्ठी में पकड़ दबाने लगा.
फिर मैं अपने दूसरे हाथ से उसके गिफ्ट के उपरी भाग को सहलाई ,पकड़ते ही समझ चुकी थी कि मेरे हाथ में देव का
लंड है और उसे धीरे धीरे नीचे उपर करते हुए बोली “देव जरा देखने तो दो ,मेरे हाथ में क्या है समझ नहीं आ रही (देव का हाथ
मेरे कुर्ती के अंदर घुसकर कमर से पेट तक सहलाने लगा)तुम इतनी भोली हो या फिर कुछ
ज्यादा ही समझदार “देव का हाथ मेरे कुर्ती में बूब्स को पकड़कर दबाने लगा तो
मैं उसके टाईट लंड को हिलाते हुए मस्त थी.
फिर देव मेरे आंखों पर से रुमाल खोला तो मैं आंखें खोल लंड देखते ही उसे छोड़ी और मुंह फेर ली “ए छिह ये तुम्हारा गिफ्ट था ,बदमाश “तो देव मेरी कुर्ती में हाथ डाले बूब्स को ब्रा पर से ही पकड़ मसलने लगा तो मैं अब शर्म छोड़ उसके लंड पकड़ ली फिर उसके हाथ को अपने कुर्ती के अंदर से निकाल मुखमैथुन की सोचने लगी । देव को थोड़ा पीछे की ओर दोनों हाथ जमीन पर किए बैठने को बोली और वो दोनों पैर सीधा किए अपने दोनों हाथ पीछे की ओर किए बैठ गया. “Kamsin Jawani Ki Aag”
उसका
लंड जींस के ज़िप से बाहर था और मैं उसके जींस का बटन खोलकर उसे उसकी चूतड़ से
नीचे किया फिर उसके ७-८ इंच लम्बा और दो इंच मोटा लंड को पकड़ अपना चेहरा उसके उपर
झुकाई तो सुपाड़ा को ओंठ पर रगड़ते हुए मस्त होने लगी और देव सिर्फ मेरा प्यार देख
सकता था उसकी दोनों हाथ जमीन पर थी तो शोभा उसके सुपाड़ा को ओंठो के बीच लेकर
चूसने लगी फिर मुंह खोल उसके लंड को निगल गई लेकिन उसका पूरा लंड अंदर लेकर चूस
पाना नामुमकिन था.
तो अब मुंह बंद किए लंड चूसने लगी और देव अपने आपको सीधा किया
फिर उसकी हाथ मेरे ढीले ढाले कुर्ती को गले तक उठाकर चूची को पकड़ दबाने लगा ।शोभा
के मुंह में लंड था तो चुत में सुरसुरी बढ़ने लगी और मैं अब देव के लंड को पकड़
मुंह का झटका देना शुरू कर दी तो देव “उह ओह आह शोभा और तेज बेबी “तो
मेरा फ्रंट फेस ब्रा की हूक खुल गई फिर वो दोनों हाथ मेरी चूचियों पर लगाकर जोर
जोर से दबाने लगा तो मेरे मुंह में लंड कि अकड़ मानो बढ़ने लगी.
फिर उसके गीले लंड मुंह से बाहर कर जीभ से चाटने लगी तो देव
“उह आह सेक्सी जी कर रहा है यहीं पटककर तुझे चोद दूं “मैं उसके लंड
छोड़कर सीधा हुई तो वो अब मेरी चूची को चूसने के मूड में था ।देव के लंड को पकड़
हिलाने लगी लेकिन घुटनों के बल होकर उसके मुंह के सामने अपनी चूची कर दी फिर वो
मेरी चूची को पकड़ मूह में भर लिया ,वैसे
भी मेरे चूचियों की साईज उम्र के हिसाब से कम ही है तो पूरी चूची मुंह में डाल
चुसवा रही थी तो हस्त मैथुन करते हुए जी कर रहा था.
कि अपनी लेगिंग्स उतारकर चुद्वा लूं लेकिन इतनी आसानी से अपनी बदन सौंपने वाली लड़कियां रण्डी ही हो सकती है फिर मैं उसके सर पर हाथ फेरते हुए “उह ओह आह देव अब नहीं प्लीज़ निकाल दो “तो वो मेरी चूची चूस चूस कर लाल कर दिया ,उसके लंड की फुंफकार देख डर सा लगने लगा तो देव मेरी दूसरी चूची मुंह में लिए चूसने लगा साथ ही मैं उसके लंड हिलाती रही लेकिन देव की नजर अब मेरे चुत की ओर थी इसलिए वो मेरे इलास्टिक कमरबंद वाली लेगिंग्स को कमर से नीचे करने लगा. “Kamsin Jawani Ki Aag”
मैं “अरे हरामी चूस चूस साले आह भोंसड़ी के अपनी बहन की चूची चूसता रह आराम से उह तेरी मां की चूची नहीं है दांत मत लगा “तो कहिए मेरे कमर से लेगिंग्स जांघों तक आ चुका था साथ ही बिकनी को वो झट से खोलकर मेरी बुर में उंगली घुसा दिया फिर उसकी लंड हिलाकर उससे चुत कुरेडवाने लगी “उह ओह आह देव उंगली से चोद चोदकर बेहाल कर इसे आह अब तो रस निकलेगी “फिर मेरी चुत से रस की धार निकल पड़ी.
थोड़ा घांस पर भी गिर गया और देव उंगली डाल डाल कर रस बाहर कर खुद चाटने लगा तो मैं भी अपने चुत की रस का स्वाद चख ली और उधर तेजी से हस्त मैथुन कर ही रही थी तो देव प्ल भर बाद “उह ओह आह शोभा मेरा निकला “तो उसके लंड से वीर्य स्खलित होकर गिरने लगा ,मेरे हाथ उससे गंदे हो गए फिर मैं अपना हाथ पानी से धोकर बुर को रुमाल से साफ कर कपड़ा ठीक की ,आग तो बुझ गई लेकिन पूरी तरह से नहीं ………….to be continued.