मेरा नाम नवीन है और मैंने अभी अभी सेक्सी कहानियाँ पढ़ना शुरू किया है और मुझे बहुत ही अच्छी अच्छी कहानियाँ पढ़ने को मिली जिसमे से कुछ कहानियाँ तो बहुत ही अच्छी थी और अच्छी सेक्सी कहानियों को पढ़कर मेरा भी मन हुआ कि में भी अपने साथ घटित हुई सच्ची घटना को लिखकर आप सभी को पढ़ने के लिए भेज दूँ. Hot Padosan Chudai
दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरे पड़ोसे में कुछ समय पहले रहने आई मेरी एक हॉट सेक्सी आंटी की है. दोस्तों यह कहानी आज से करीब तीन साल पहले की है. उस समय मेरी उम्र 21 थी और वैसे में एक ठीक ठाक दिखने वाला लड़का हूँ और और मेरा रंग साफ है और मेरे लंड का साइज़ वैसे तो मैंने कभी नापा नहीं है, लेकिन मेरे हिसाब से 6 या 7 इंच है.
और अब में अपनी आंटी के बारे में बताता हूँ. दोस्तों मेरी आंटी दिखने में बहुत सुंदर थी और उनके फिगर का साईज़ 38-32-40 है. तो आप लोग सोच ही सकते है कि वो दिखने में कैसी लगती होगी एकदम पटाका कि किसी का भी दिल उनकी गांड मारने को करेगा.
अब में अपनी कहानी पर आता हूँ दोस्तों यह बात जब की है जब में कॉलेज में पड़ता था और हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहने के लिए आया. उस परिवार में अंकल, आंटी और उनकी एक बेटी थी, उनकी बेटी 3 साल की थी और वो बहुत सुंदर थी.
वो आंटी ज़्यादा किसी से बात नहीं करती थी, लेकिन मेरा उनको देखते ही लंड खड़ा हो जाता था, लेकिन वो किसी से बात नहीं करती थी. वो हमेशा अपने घर में ही रहती थी और कभी कभी ही बाहर निकलती थी, ना तो वो किसी के घर जाती थी और ना ही किसी को अपने घर पर बुलाती थी.
तो इस वजह से हम उनसे इतनी बात नहीं करते थे, लेकिन एक दिन अचानक से अंकल की तबीयत खराब हो गई और उस वजह से उनसे चला भी नहीं जा रहा था. तब आंटी हमारे घर पर आई और वो मेरी मम्मी से बोली कि उनके पति की तबीयत खराब है और उनसे बिल्कुल चला नहीं जा रहा है अगर आपका लड़का उनको डॉक्टर के पास ले जाए तो बहुत अच्छा होगा.
फिर मेरी मम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई और मुझसे कहा कि में अंकल को डॉक्टर के पास ले जाऊँ और इतना सुनते ही मैंने तुरंत अपनी बाईक बाहर निकली और उन्हे डॉक्टर के पास ले गया और अंकल को डॉक्टर के पास से दवाई दिलवाकर घर ले आया.
दोस्तों उस दिन के बाद से आंटी अब हमारे घर आने जाने लगी थी और हम भी आंटी के घर पर आने जाने लगे थे और मेरी मम्मी से बातें करने लगे, लेकिन में उनको जब भी देखता था तो मेरा दिल करता कि बस साली को अभी इस समय पकड़ कर चोद दूँ, लेकिन में बहुत मजबूर था और एक बार में उनके घर पर पकोड़े देने के लिए चला गया.
मैंने दरवाजे पर हाथ जैसे ही हाथ लगाया तो वो खुल गया. शायद उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया था और में जैसे ही अंदर घुसा तो मैंने देखा कि उनकी बेटी तो उस समय टीवी देख रही थी और अंकल आंटी एक दूसरे से लिपटे हुए थे और अंकल उनकी सलवार में हाथ डालकर उनकी चूत को सहला रहे थे और आंटी उनके लंड को पकड़कर दबा रही थी.
और वो दोनों मुझे देखते ही तुरंत एकदम से अलग हो गये और फिर आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या चाहिए? मैंने बोला कि मम्मी ने पकोड़े बनाए थे तो में उनके कहने पर यह आपको देने के लिए आया था. फिर आंटी मेरे पास आई और उन्होंने मुझसे वो पकोड़े ले लिए, लेकिन वो मुझसे आखें नहीं मिला रही थी जैसे उनकी कोई चोरी पकड़ी गई हो.
फिर में वहाँ से वापस अपने घर पर आ गया और मैंने एक बार आंटी के नाम की मुठ मारी. दोस्तों उस दिन के बाद आंटी का व्यहवार मेरे लिए बिल्कुल बदला बदला नज़र आने लगा था और वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और हम दोनों में धीरे धीरे बहुत बातें भी होने लगी थी.
और उस दिन के बाद आंटी हमारे घर ज़्यादा आने लगी और हमेशा ही मुझे देखकर मुस्कुराती और में भी उन्हे देखकर मुस्कुराता और उनसे बहुत सारी बातें और हंसी मजाक किया करता था. एक दिन में नहा रहा था कि तभी आंटी मेरे घर पर आ गई और उन्होंने मेरी मम्मी से पूछा कि क्या वो हमारे बाथरूम को काम में ले सकती है?
दोस्तों उस समय मेरी मम्मी को बिल्कुल भी पता नहीं था कि में बाथरूम में हूँ और फिर उन्होंने आंटी को बोल दिया कि हाँ वो ऐसा कर ले और में हमेशा बाथरूम में पूरा नंगा होकर नहाता हूँ और उस समय हमारे बाथरूम की कुण्डी खराब थी तो आंटी ने जैसे ही दवाजा खोलकर और मुझे अंदर देखकर वापस बंद कर दिया.
उस समय में अपने लंड पर साबुन लगा रहा था और मेरे नहाने के बाद जब में बाहर निकला तो आंटी मुझे देखकर मुस्कुराने लगी और में भी मुस्कुराकर वहाँ से चला गया. अब में भी आंटी के घर पर ज्यादा से ज़्यादा समय बिताने लगा था और जब भी आंटी किचन में होती तो में भी किचन में चला जाता.
और फिर में आंटी से कोई भी बहाना बनाकर कुछ भी माँगता तो आंटी मुझसे कहती कि तुम अपने आप ही ले ले और में उस समय जानबूझ कर आंटी की गांड पर अपना लंड लगाता और थोड़ा घिसता. आंटी को मेरी नियत के बारे में पहले से ही सब कुछ पता था इसलिए वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी और में भी बहुत अच्छी तरह से जानता था कि आंटी मुझसे चुदवाना चाहती है वो अब पूरी तरह से मुझसे आकर्षित हो चुकी है.
उनको अब कैसे भी किसी भी बहाने से मेरा लंड चाहिए, लेकिन में खुद इसकी पहल नहीं कर सकता था क्योंकि में डरता था कि आंटी कहीं मेरी बात का बुरा ना मान जाए और किसी को मेरी हरकतों के बारे में ना बता दे और में उनकी गांड में लंड लगाने, उनके बूब्स को छूने, उनसे बातें करने से भी चला जाऊँ. “Hot Padosan Chudai”
लेकिन एक दिन आंटी हमारे घर पर आई और वो सीधा मेरे कमरे में आकर बेड पर बैठ गई. में भी वहीं पर आंटी के पीछे बेड पर बैठ गया और अपने पैर से आंटी की गांड को छूने, दबाने लगा. तभी आंटी ने पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखा और वो मुस्कुराने लगी उनकी मुस्कुराहट को देखकर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिल गया था.
इसलिए अब मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके अपना पैर उनकी गांड के नीचे डाल दिया और वो खुद ही मेरे पैर पर अपनी गांड को घिसने लगी कि तभी अचानक से मेरी मम्मी वहां पर आ गई और हम दोनों तुरंत अलग होकर बैठ गये. अब मुझे आंटी की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया था और मेरी हिम्मत भी अब बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी.
और इसलिए अब में आंटी को जब भी कोई अच्छा मौका मिलता तुरंत उनको पकड़ लेता और उनकी गांड, बूब्स को दबाने लगता और उनकी गांड से अपना लंड घिसता. कभी अपना लंड उनको हाथ में पकड़ा देता वो मेरे लंड को कुछ देर छूकर महसूस करती, उसे सहलाती और फिर कुछ देर बाद वो मुझसे कहती कि चलो अब दूर हटो वरना हमें कोई देख लेगा तो बहुत बड़ी मुसीबत आ जाएगी. “Hot Padosan Chudai”
लेकिन मुझे उन्हे चोदने का कोई अच्छा मौका नहीं मिल रहा था. फिर एक दिन में उनके घर पर चला गया तो मैंने देखा कि उस दिन अंकल घर पर नहीं थे और आंटी उस समय किचन में अपना काम कर रही थी तो मैंने अच्छा मौका देखकर तुरंत उन्हे पीछे से जाकर पकड़ लिया.
और में कपड़ो के ऊपर से ही अपना लंड उनकी गांड में घुसाने लगा और आगे से उनके दोनों बूब्स को पूरे ज़ोर से दबाने लगा. फिर कुछ देर बाद आंटी मुझसे बोली कि तुम्हारे अंकल बाथरूम में नहा रहे है और वो अभी आ जाएँगे, लेकिन मेरा मन उनको बिल्कुल भी छोड़ने का नहीं कर रहा था.
फिर मैंने उनको बोला कि आंटी में अब आपको चोदे बिना नहीं रह सकता, अब चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन में आपको चोदकर ही रहूँगा. फिर आंटी बोली कि आज नहीं मेरे राजा, दो दिन के बाद तुम्हारे अंकल को उनकी कंपनी की तरफ से बाहर जाना है और तब तुम्हारी मर्जी पड़े वो सब कर लेना.
फिर मैंने उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर आंटी को एक लंबा सा किस किया और बोला कि आंटी में आपको बहुत प्यार करता हूँ, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. दोस्तों में उस दिन ना चाहते हुए भी उन्हें छोड़कर अपने घर पर आ गया और फिर एक बार उनके नाम की मुठ मारकर ना जाने कब सो गया.
फिर दो दिन के बाद अंकल अपनी कम्पनी के टूर पर बाहर चले गये और उस दिन में सुबह ही आंटी के घर पर चला गया और मैंने देखा कि आंटी किचन में दूध गरम कर रही थी. मैंने चुपचाप अंदर जाकर आंटी को पीछे से पकड़ लिया और अब अपना लंड उनकी गांड पर घिसने लगा. “Hot Padosan Chudai”
तो आंटी मुझे अपने पीछे देखकर बहुत खुश हो गई और वो भी अपनी गांड को मेरे लंड पर घिसने, दबाने लगी. में आंटी के बूब्स को लगातार दबा रहा था और उनकी निप्पल को खींचकर निचोड़ रहा था और आंटी अपना एक हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड को दबाने लगी.
फिर मैंने अपनी जीन्स की ज़िप को खोलकर आंटी के हाथ में अपना लंड दे दिया. आंटी मेरे लंड को अपनी गांड पर रगड़ने लगी और फिर मैंने आंटी के सूट को पूरा ऊपर किया. उस समय उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी थी और सूट को ऊपर करते ही उनके एकदम गोरे बूब्स मेरे सामने लटकने लगे, जिनको देखकर में ललचाने लगा.
अब में उनके गुलाबी निप्पल को चूसने लगा, वो गरम होकर सिसकियाँ भरने लगी आह्ह्ह् आईईइहह उफ्फ्फ्फ़ नवीन प्लीज थोड़ा आराम से करो वाह बहुत मज़ा आ रहा है. फिर मैंने अपना हाथ उनकी सलवार में अंदर डालकर उनकी चूत को सहलाने लगा और मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत में डाल दिया.
फिर वो मुझसे लिपट गई और सिसकियाँ भरने लगी और मुझसे कहने लगी उफ्फ्फ्फ़ हाँ तुम आज मेरे बूब्स को खा जाओ आह्ह्ह्ह. दोस्तों में भी अब पूरे जोश के साथ उनके निप्पल पर काटने लगा और फिर मैंने सही मौका देखकर अपनी दो उँगलियों को उनकी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे लगातार अंदर बाहर करने लगा. “Hot Padosan Chudai”
उसके बाद मैंने आंटी की सलवार को उतार दिया और मैंने उनकी चूत को देखा. दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब में किसी औरत की चूत को अपनी आखों के बिल्कुल सामने अपने हाथों से छूकर महसूस कर रहा था और अब में उनकी चूत को बड़े गौर से देख रहा था.
फिर आंटी मुझसे बोली कि क्या कभी तूने किसी की चूत नहीं देखी क्या? दोस्तों उनके मुहं से चूत जैसा नंगा शब्द सुनकर में और भी ज्यादा गरम हो गया था और फिर में उनसे बोला कि हाँ मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत देखी जरुर है, लेकिन आखों के सामने पहली बार देख रहा हूँ, तो आंटी मुझसे बोली कि अब ऐसे घूर घूरकर देखता ही रहेगा या इसके आगे कुछ करेगा भी?
फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उनकी चूत के होंठो को खोलकर चाटने लगा तो आंटी ने एक लंबी सी आह भरी और वो जोश में आकर मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी और में उनके चूत के दाने को अपने दांतो से काटने लगा और उस पर अपनी जीभ को फेरने लगा.
जिसकी वजह से आंटी सिसकियाँ भर रही थी और करीब दस मिनट चूत को चूसने के साथ ही आंटी मेरे मुहं में झड़ गई और में उनका सारा पानी पी गया. फिर कुछ देर के बाद में उठा और मैंने आंटी को नीचे बैठाकर अपना लंड उनके मुहं में दे दिया और हिलाने लगा और अंदर बाहर करने लगा. “Hot Padosan Chudai”
अब आंटी भी मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी और में आहे भरने लगा ऊऊओ. अब में उनके मुहं में अपने लंड को लगातार धक्के लगाने लगा और जल्दी ही में अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया, इसलिए में आंटी से बोला कि आंटी अब मेरा काम होने वाला है.
और में आंटी के मुहं में तेज तेज धक्के लगाने लगा और कुछ धक्के लगाने के बाद मैंने अपने वीर्य की पिचकारी को आंटी के मुहं में ही छोड़ दिया और आंटी मेरे सारे वीर्य को पी गई और फिर वो मुझसे बोली कि वाह तेरा वीर्य तो बहुत ही स्वादिष्ट है.
फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे और तभी आंटी की बेटी उठ गई और दूसरे कमरे से उसके रोने की आवाज आने लगी और आंटी ऐसे ही उसके पास चली गई, में भी उनके पीछे गया तो आंटी ने अपनी बेटी को कुछ देर में वापस से सुला दिया और मैंने आंटी को दोबारा पकड़ लिया और किस करने लगा.
अब आंटी भी मेरा साथ देने लगी और में उनके बूब्स को दबाने लगा. फिर आंटी एक हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी और अब कुछ ही देर में मेरा लंड एक बार फिर से उनकी चूत को सलामी देने लगा और अब आंटी ने तुरंत नीचे बैठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी. “Hot Padosan Chudai”
मैंने आंटी से कहा कि आंटी हम दोनों अब 69 की पोज़िशन में आ जाते है. फिर में आंटी की चूत को चाटने, चूसने लगा और आंटी मेरा लंड चूस रही थी. फिर कुछ देर चूसने के बाद आंटी ने मुझसे कहा कि अब मुझसे बिल्कुल भी बर्दाशत नहीं हो रहा है अब तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत के अंदर डालकर चोद दो मुझे और मेरी चूत को ठंडा कर दो.
फिर में तुरंत उठकर आंटी के दोनों पैरों के बीच में आ गया और उनके दोनों पैरों को खोलकर अपना लंड उनकी चूत के दाने पर रगड़ने लगा, जिसकी वजह से आंटी अब अपनी गांड को उठाकर जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और मुझसे बोलने लगी कि अब क्यों मुझे इतना तरसा रहा है प्लीज अब तो अपना हथियार मेरे अंदर डाल दे.
फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए अपना लंड उनकी गीली चूत पर सेट किया और एक हल्का सा धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत को खोलकर अंदर चला गया और आंटी के मुहं से हल्की सी चीख निकल गई.
फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ आंटी आपको दर्द हो रहा है? तो वो मुझसे बोली कि हाँ मुझे दर्द तो बहुत है, लेकिन तू मेरे इस दर्द की बिल्कुल भी परवाह मत कर और अपना लंड पूरा अंदर डाल दे और अपने पूरे जोश से आज मुझे चोद और मेरी चूत को अपने लंड की ताकत दिखा और इसे बिल्कुल शांत कर दे. “Hot Padosan Chudai”
फिर मैंने उनके मुहं से यह बात सुनकर जोश में आकर एक तेज धक्का मार दिया, जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड उनकी चूत में फिसलता हुआ समा गया और आंटी उस दर्द से तिलमिलाने लगी और मुझसे बोलने लगी कि क्या तू आराम से नहीं कर सकता था? ओहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ् साले तुझे इतना जोश दिखाने के लिए किसने कहा था, थोड़ा मेरी चूत पर भी तरस खा, थोड़ा धीरे धीरे चोद, क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? आज के बाद से वैसे भी यह मेरा पूरा जिस्म तेरा ही है.
फिर मैंने उनसे बोला कि अभी आपने ही तो मुझसे कहा था कि तू मेरे दर्द की परवाह मत कर और अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल दे. अब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए और उनको किस करने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि उसे अब दर्द कम और अपनी चुदाई का मज़ा कुछ ज्यादा आ रहा था.
क्योंकि वो भी थोड़ी देर के बाद मेरे साथ अपनी गांड को उठाकर देने लगी थी और वो मुझसे बोल रही थी कि हाँ और अंदर जाने दे आह्ह्ह्हह वाह मज़ा आ गया ऊफफ्फ्फ्फ़ तू तो अपने अंकल से भी बहुत अच्छी चुदाई करता है स्सीईईईईइ हाँ और अंदर डाल दे.
अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड को और भी तेज कर दिया था और में लगातार ताबड़तोड़ धक्के लगाता रहा, लेकिन कुछ देर के धक्कों के बाद आंटी मुझसे कहने लगी कि मेरा अब होने वाला है तो मैंने अपने धक्के और भी तेज कर दिए और अब पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आ रही थी और इस के साथ आंटी मुझसे लिपट गई.
और वो मुझसे बोलने लगी कि हाँ पूरा अंदर डालो और उनका रस निकलने लगा, लेकिन वो मुझसे लिपटी रही और में उनको लगातार धक्के मारता रहा, क्योंकि अभी तक मेरा काम नहीं हुआ था. अब आंटी थोड़ी ठंडी पड़ गई और उनका जोश धीरे धीरे कम होने लगा था. “Hot Padosan Chudai”
फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनने को कहा तो वो तुरंत तैयार हो गई और वो मेरे सामने घोड़ी बन गई. फिर मैंने पीछे जाकर उनकी चूत पर अपना लंड रख दिया और एक ही जोरदार धक्के में मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनको तेज़ी से चोदने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद आंटी भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और वो अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और वो मुझसे कह रही थी कि हाँ और ज़ोर से धक्के दो. दोस्तों अब यह सब सुनकर में अपनी पूरी रफ्तार के साथ धक्के लगाने लगा और उनकी गांड के छेद में अपनी उंगली को डालकर उनको चोद रहा था और मैंने आंटी से कहा कि आज में तुम्हे बहुत जमकर अच्छी तरह से चोद दूंगा और इस प्यासी चूत को जरुर शांत कर दूंगा.
अब में भी झड़ने वाला था और मैंने आखरी धक्के के साथ ही अपना सारा माल उनकी चूत में डाल दिया और आंटी ने भी मेरे साथ साथ अपना पूरा माल छोड़ दिया और में आंटी के ऊपर ही लेट गया और हम दोनों कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे.
में उनके बूब्स से तो वो मेरे लंड से खेलती रही और उसके बाद मैंने आंटी को एक किस किया और हम दोनों बाथरूम में चले गये और हमने एक दूसरे को साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए. फिर मैंने आंटी को किस किया और वहाँ से निकल गया और में अपने घर पर आ गया.
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