Indian Insect Hindi Sex Story डियर फ्रेंड्स, आज मैं आपको एक अपनी कहानी सुनने जा रहा हू, जो की मेरी बड़ी बहन के बारे मे है, कैसे मैने उनकी चुदाई की यही मैं बताने रहा हू, मेरी बड़ी बहन का नाम रूचि है और वो मुझसे 3 साल बड़ी है. जब मे कॉलेज के दूसरी साल मे था तब रूचि दीदी की शादी हुई थी. और अपनी शादी के बाद रूचि दीदी जीजू के साथ मुंबई शिफ्ट हो गयी क्यू की जीजू का कारोबार वही पर था. Mera Pappu Didi Ko Salami Dene Laga Insect Sex
रूचि दीदी की शादी के 2 साल ख़तम होने के साथ साथ मेरी इंजिनियरिंग भी ख़तम हो गयी थी और मैं कोई अच्छी कंपनी मे जॉब करने के लिए ट्राइ करने लगा. सो मैने सभी जगह पे मेरा रेज़्यूमे भेज दिया था और कई जगह पे इंटरव्यू भी देने गया था, मुझे एक कंपनी से कॉल आया था मुंबई से इंटरव्यू के लिए. मैं मुंबई गया और फाइनली मुझे एक अच्छी जॉब लग गयी. और मैं मंडे से जाय्न भी कर लिया था.
मैं बहूत ही खुश था. मैं ये बात अपनी दीदी को बताया वो बहूत ही खुश हुई. रूचि दीदी: कुनाल, तुझे अगर यही पर ही जॉब लगी है तो तू हमारे साथ ही रहने आजा. वैसे यहा मैं और तेरे जीजू ही तो रहते है. और यहा से तेरा ऑफीस भी नज़दीक है तो तुझे कोई प्राब्लम भी नही होगा. मे: नही रूचि दीदी मैं यहा पर आपको और जीजू को कोई परेशानी देना नही चाहता हू. मैं कही और देख लूंगा. वैसे भी मैंने इंटरनेट पे देखा है बात भी किया है कोई फ्लैट्स रहने के लिए ले लूंगा आप चिंता नहीं करो.
रूचि दीदी: अरे पगले लेकिन हमारा भी तो 2 रूम का फ्लैट है. और रहने बाले हम दो लोग ही है. तो मैं और तेरे जीजू 1 रूम ऑक्युपाइ करते है और दूसरा रूम ऑलमोस्ट खाली ही है तो वो रूम तू उसे कर लेना. मुझे और तेरे जीजू मे से किसी को कोई परेशानी नही होगी. फिर मैं रूचि दीदी की बात मान गया और वापिस कुछ दिन के लिए होम टाउन के लिए निकल गया मेरा समान लाने के लिए. वाहा पहुंचे ही मम्मी और पापा ने मुझे बधाई दी और खूब सारे आशीर्वाद भी मिले न्यू जॉब के लिए.
उसके बाद मैं सनडे अपने घर पे लंच ले कर अपना पॅक किया हुआ समान लेके मुंबई की ट्रैन पकड़ ली. मैं शाम को मुंबई पहुच गया और मुमबई पहुंचेही मैं टैक्सी मे अपना समान डाल के सीधा रूचि दीदी के घर पहुच गया. जीजू भी घर पर ही थे सनडे के कारण तो दोनो ने मुझे वेलकम किया आंड देन इधर उधेर की बात करने लगा, हम दोनो कुच्छ बातों को ही डिसकस कर रहे थे.
उसके बाद कुच्छ गेस्ट आ गये उनके यहा मैने रूचि दीदी को पूछाकी ये कौन है तो वो बताई ये तुम्हारे जीजू के मामा जी और उनकी फॅमिली है, फिर वो लोग उनसे बात करने लगे, मैं वाहा जाके सिर्फ़ नमस्ते कहा और फिर वापस आके टी वी पर मूवी देखने लगा, टीवी देखते देखते एक घंटा कब निकल गया कुच्छ पता ही नही चला. एक घंटे के बाद रूचि दीदी ने सडन्ली मेरे रूम का दरवाज़ा खोला और अंदर आ गयी.
मैने रूचि दीदी से पुछा मे: क्या हुआ रूचि दीदी?
रूचि दीदी: कुनाल प्लीज रूम के बाहर जा थोड़ी देर के लिए. मुझे कपड़े बदलने है.
मे: लेकिन रूचि दीदी आपने जो कपड़े पहेने है वो ठीक ही तो है. क्या खराबी है उनमे?
रूचि दीदी : प्लीज बाहर जा.. मुझे कोई कपड़े चेंज नही करने यार… मेरी ब्रा का हुक टूट गया है पीछे से तो मुझे सिर्फ़ मेरी ब्रा निकलनी है ब्लाउस के अंदर से. रूचि दीदी की ऐसी बात सुनके मैं तो हेरान रह गया और चालू एसी मे पसीना आ गया. फिर अपने आप को ठीक करते हुए बोला
मे: रूचि दीदी लेकिन आपके रूम मे जाओ ना… अदरवाइज़ बातरूम मे चली जाओ आप. मुझे क्यू बाहर निकल रही हो आप?
रूचि दीदी: तेरे जीजू भी आ गये है और वो नहाने गये है बातरूम मे और मेरे बेडरूम मे हू ममाजी सो रहे है तेरे जीजू के और ड्रॉयिंग रूम मे मामी जी और बच्चे खेल रहे है. अब तू प्लीज़ आर्ग्युमेंट्स करना बंद कर और प्ल्स बाहर जा थोड़ी देर के लिए.
फिर मैं कुछ आगे आर्ग्युमेंट्स किए बिना चुपचाप रूम के बाहर निकल गया और बाहर आके जीजू के ममाजी के बच्चो के साथ खेलने लगा. लेकिन दिमाग़ मे से रूचि दीदी ने जो बात बोली वो ही बात मेरे कानो मे गूँज रही थी. और मेरा दिमाग़ रूचि दीदी की ब्रा और उनके बूब्स को इमॅजिन करने लगा था. मैं बहुत परेशान हो गया था क्यू की रूचि दीदी के बारे मे मुझे ऐसा ख़याल या इमॅजिनेशन पहले कभी भी नही हुआ था.
हा लेकिन एक बात है की रूचि दीदी ने आज तक मुजसे ऐसे बात भी नही की थी. ये सब सोच रहा था उतने मे रूचि दीदी मेरा रूम ओपन कर के बाहर आ गई और फिर से किचन की और चली गयी. जब रूचि दीदी किचन मे जा रही थी तब पहली बार मैने रूचि दीदी को लस्टफुल नज़रो से देखा. रियल मे उसने अपनी ब्रा रिमूव कर दी थी क्यू की ब्लाउस की अंदर स्ट्रॅप्स के निशान जो दिख रहे थे वो गायब थे. “Mera Pappu Didi Ko”
रूचि दीदी को देख ते ही मेरा पप्पू सलामी देने लगा. मे वापिस अपने रूम मे चला गया और डोर क्लोज़ कर दिया. लेकिन डोर क्लोज़ करते ही मैं दंग रह गया नज़ारा देख कर के. मेरी रूचि दीदी की उतरी हुई क्रीम कलर की 34ब साइज़ की ब्रा मेरे बेड पे पड़ी थी. मैं तो देख के ही पागल हो गया और रूचि दीदी की ब्रा को हाथ मे लिया और सोचने लगा की अगर रूचि दीदी की ब्रा इतनी सेक्सी और सुंदर है तो रूचि दीदी के बूब्स कितने मस्त होंगे.
और फिर मे रूचि दीदी की ब्रा को अपने हाथ मे मसल के सूंघ ने लगा. वाह क्या फ्लॉरल खुश्बू आ रही थी रूचि दीदी के पर्फ्यूम और बॉडी की. मैं एकदम मस्त होके अपनी आखे बाँध कर के रूचि दीदी को इमॅजिन करते हुए उनके ख़यालो मे खो गया और एक हाथ से अपना लंड मसल रहा था. तभी मेरे गाल पर एक ज़ोर का चटा पड़ा. जी हा! वो मेरी रूचि दीदी ने ही लगाया. हवस के ख़यालो मे इतना गहरा चला गया था की कब रूचि दीदी रूम के अंदर आई मुझे कुछ पता ही नही चला था.
और मैने डोर सिर्फ़ क्लोज़ ही किया था लॉक करना भी मैं भूल गया था. लेकिन जबरदस्त चटा पड़ते ही मैं अपने होश मे आ गया और अपना सिर झुका के खड़ा हो गया. रूचि दीदी कुछ नही बोली और मेरे हाथो मे से ब्रा लेकर वो चली गयी और बोला की खाना लग गया है. मैं बहुत घबराता हुआ खाना खाने गया. सब के साथ मैने खाना खाया और वापिस अपने रूम मे आके बैठ गया और सोचने लगा की अगर रूचि दीदी ने जीजू को बोल दिया तो मेरी गांड लाल हो जाएगी. “Mera Pappu Didi Ko”
और ये सब सोचते सोचते मैं कब सो गया मुझे कुछ पता ही नही चला. दूसरे दिन मैं जब सुबह मे उठा तब गेस्ट्स भी जा चुके थे और जीजू नास्ता कर रहे थे. मैं सीधा जीजू और रूचि दीदी को अवॉयड करने के लिए नहाने चला गया और आधे घंटे तक बातरूम मे ही पड़ा रहा. अचानक मेरी रूचि दीदी ने नॉक किया और बोली के बातरूम मे ही पड़ा रहेगा या बाहर भी आएगा. फिर मे फटाफट बाहर आया और तैयार हो कर के डाइनिंग टेबल पर गया नास्टा कर ने के लिए.
जीजू तब तक निकल चुके थे अपनी ऑफीस के लिए. रूचि दीदी आई किचन मे से और मुझे ब्रेकफास्ट सर्व किया और वो भी अपनी प्लेट ले कर बैठ गयी ब्रेकफास्ट के लिए. फाइनली रूचि दीदी थोड़ी प्यार भरी नजरो से देखा.
रूचि दीदी: कुनाल आई ऍम सॉरी.
मे: रूचि दीदी सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए मेरी ऐसी हरकत के लिए. आई ऍम सॉरी रूचि दीदी. अब ऐसा दोबारा नही करूँगा.
रूचि दीदी: हां ये ठीक है पर मुझे देख हो रहा है क्यों की मैंने तुम्हे थपड मारा.
मे: इट्स ओक.
रूचि दीदी. थॅंक यू.
रूचि दीदी: क्या मैं तुम्हे एक बात पूछ सकती हु अगर तुम्हे प्रॉब्लम ना हो तो?
मे: हां रूचि दीदी, प्लीज पूछो क्या बात है?
रूचि दीदी: तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है?
मे: पहले थी कॉलेज मैं , अब नही है…
रूचि दीदी: तो क्या उसकी ब्रा के साथ भी तू ऐसा करता था? मे तो दंग रह गया ये रूचि दीदी का दूसरा सवाल सुन के और सोचने लगा की क्या आन्सर दू रूचि दीदी को.
मे: नो रूचि दीदी.
रूचि दीदी: क्यू? वो मेरे जैसी सेक्सी ब्रा नही पहनती थी? या फिर उसके बूब्स मेरे जैसे सेक्सी नही थे? मैं तो फिर हैरान और शॉक्ड हो गया जैसे अनटार्कटिका मे कोई फ्रीज़ हो जाता है वैसे.
फिर तोड़ा होश मे आके रूचि दीदी को आन्स दिया मे: रूचि दीदी ये सब आप क्या बोल रही है मेरी कुच्छ समझ नही आता.
रूचि दीदी: ठीक है पगले तो फिर मैं समझाती हु तेरे को….
इतना बोलते ही रूचि दीदी अपने डाइनिंग चेयर से उठ गई और सीधा मेरे पास आ गयी और मैं कुछ रिएक्ट करू उसके पहले ही रूचि दीदी ने अपने हॉट लिप्स मेरे लिप्स के साथ चिपका दिया और मेरे थाइस पे बैठ गयी और मे भी उनकी सेक्सी अदा के कारण अपने आप को रेज़िस्ट नही कर पाया और मैं भी रूचि दीदी के रसीले होतो को चूसने लगा. किस करते करते रूचि दीदी ने मेरा लेफ्ट हाथ उठाया और उनके बूब पर रख दिया.
मैं तो एकदम एग्ज़ाइट्मेंट मैं आ गया रूचि दीदी की ऐसी हरकत के कारण और धीरे धीरे रूचि दीदी के गोल गोल बूब को अपने हाथ मे लेके सहलाने लगा. कुछ देर बाद रूचि दीदी मुझे किस की और कहा रूचि दीदी: तू अपनी बहन को टेबल पर ही बजाएगा या फिर बेड रूम मैं ? मे: बेड रूम मैं अच्छा है रूचि दीदी.. वाहा ज़्यादा मज़ा आएगा.. और फिर मैं और रूचि दीदी सीधे बेड रूम मे चले गये.
बेड रूम मे घुसते ही रूचि दीदी मैं रूचि दीदी के उपर लेट गया और रूचि दीदी मेरे नीचे. और वापिस किस करने लगा रूचि दीदी के लाल लाल और जूसी लिप को करने लगा. किस करते करते मैं रूचि दीदी के बूब्स दबा रहा था और ब्लाउस के उपर से उनकी निपल ढूँढने की ट्राइ कर रहा था. उतने मे रूचि दीदी ने बोला: “ ब्लाउस निकल दो मेरे भाई.. बिना ब्लाउस और ब्रा नहीं निकाले जाते, आज तक तेरे जीजा के हाथ मे भी नही आई मेरी निपल्स उतनी प्राइवसी है तो तेरे हाथ मे कहा से आएगी”.
ऐसा सुनते ही मैं और एग्ज़ाइट हो गया और मेरा लण्ड और भी ज़्यादा सलामी ठोकने लगा. अब तो मुझे किश करने लगी और मेरे शरीर को सहलाने लगी. फिर रूचि दीदी की नेक पे किस्सिंग करने लगा और ज़ोर ज़ोर से रूचि दीदी को चूमने लगा मैं. फिर धीरे धीरे रूचि दीदी को चूमता हुआ मैं थोड़ा नीचे आया और रूचि दीदी के ब्लाउस के फर्स्ट बटन तक पहुहा. जहा से रूचि दीदी के बूब्स की गॉर्जियस गली शुरू होती थी. “Mera Pappu Didi Ko”
फिर रूचि दीदी के ब्लाउस का वन बाइ वन बटन खोलता गया और उन्हे चूमता गया. ब्लोसे निकलते ही रूचि दीदी मेरे सामने पर्पल ब्रा मे थी. मैने रूचि दीदी की ब्रा भी रिमूव कर दी और रूचि दीदी के गोल मटोल बूब्स देख के इतना पागल हो गया की एक्भूखे बच्चे की तरह रूचि दीदी के बूब्स पे टूट पड़ा और चूसने लगा.साथ साथ मे रूचि दीदी की निपल्स को भी हल्के हकले अपनी टंग से सहला रहा था और अपने दोनो दांतो के बीच मे दबा कर बीते भी कर रहा था.
रूचि दीदी पागल सी होती जा रही थी एग्ज़ाइट्मेंट मे आंड शी वाज़ मोनिंग वेरी वेरी हार्ड. उसके बाद मैने रूचि दीदी की साडी भी रिमूव कर दी और उनका पेटिकोट भी. अब रूचि दीदी मेरे सामने सेम पर्पल पेंटी मे थी जो आधे से भी ज़्यादा गीली हो चुकी थी.वो भी मैने रिमूव कर दी. अब मेरे सामने रूचि दीदी की एकदम बटर जैसी सॉफ्ट लिप्स वाली पिंक चूत थी जो क्लीन शेव्ड थी.
रूचि दीदी के दो टॅंगो के बीच का नज़ारा देख के मैं और पागल हो गया और मैने अपने भी कपड़े रिमूव कर दिए फटाफट. रूचि दीदी मेरा पेनिस देख से ख़ुसी से झूम उठी और बोली के: वाह रे मेरे भाई , तेरा तो तेरे जीजू से बड़ा भी है और तगड़ा भी है. मज़ा आएगा आज के खेल मे तो. ( फ्रॅंक्ली स्पीकिंग फ्रेंड्स, मेरा लंड सिर्फ़ 8 इंचस का है). फिर रूचि दीदी ने मेरा लॅंड हाथ मे लिया आगे का सूपड़ा मूह मे डाल के चूसने लगी जैसे मेरे लंड को लीप किस दे रही हो.
मुझे यकीन नही हो रहा था की मेरी अपनी ही सेक्सी बहन मेरा लंड चूस रही है. थोड़ी देर चूसने के बाद रूचि दीदी ने कहा ही ले अब तू मेरी चूस. मैने रूचि दीदी को कहा की मैने कभी चूसी नही है. तो रूचि दीदी ने कहा की एक बार चुसले. फिर हर रोज़ चुसेगा तू मेरी चूत. फिर मैने रूचि दीदी की टाँगे फैलाई सूर्ड़ हीरे से रूचि दीदी के चूत लिप्स को खोला और रूचि दीदी की चूत चाटने लगा और उनकी क्लिट चूसने लगा.
रूचि दीदी बड़ी ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी… आआ अया हह हह …… ससस्स सस्स्सस्स ईईईईई ईईईईईई ईईईईई ईईईईई, उूुउउ उउउओ ऊवू हह …… रूचि दीदी की चूत का पूरा मैदान पानी पानी हो गया था. थोड़ी देर चूसने के बाद मैं खड़ा हुआ और रूचि दीदी को बोला की बस रूचि दीदी अब नही रहा जाता. अब मैं डालूँगा अंदर. ये सुनके ही रूचि दीदी हस पड़ी और बोली ठीक है डार्लिंग चोद ले अपनी बहन को आजा मेरे राजा. “Mera Pappu Didi Ko”
फिर मैं रूचि दीदी के उपर आ गया और रूचि दीदी ने मेरे लंड को उनकी चूत की और गाइड किया. मैं अंदर डाल ने लगा धीरे धीरे और रूचि दीदी की खुशी के मारे मोनिंग चालू हो गयी…. यहह …… उफ़फ्फ़ ऑश ओववव ववववव …आआव ववव ववव ववव ……. उउउइ ईईईईईईईई ईईईईईईईई…….. एयाया आआ आआहह हह हह हह … स्शह हीईीईई ईईइ….. और मैं उनको धक्के पे धक्के दे रहा था मेरा लॅंड उनके चूत मे जेया रहा था.
उसके बाद रूचि दीदी ने मुझे अपना कम अंदर डालने के लिए मना किया, और बोली तुम अपना कम बाहर ही निकालना. रूचि दीदी गजब की चुदक्कड़ थी वो तो बस चुदवाये जा रही थी, ऐसा लग रहा था वो मुझे खा जाएगी, वो मुझे अपनी छाती में चिपका लेती कभी पैर से राउंड कर लेती और कभी निचे कभी ऊपर, खूब चोदा मैंने पहली बार अपनी बहन को. दोस्तों अब मुझे किसी चीज की कमी नहीं है, एक अच्छी जॉब, और घर में चुदाई का पूरा इंतज़ाम, आजकल तो जीजाजी टूर पे ही रह रहे है, आज कल तो पता ही नहीं चल रहा है की रूचि दीदी मेरी बहन की बीवी, थैंक्स एंड टेक केयर.