Mujhe Ghodi Bana Devar Khud Ghoda Ban Gaya

New Village Devar Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani मेरा नाम सीमा है मै हिमाचल की रहने वाली हूं मेरी उमर पैंतीस साल है मेरा रंग गोरा कद लम्बा गांड चौड़ी कमर पतली और मोटे मोटे मम्मे हैं। मेरे पति फौज में नौकरी करते हैं मेरे दो बच्चे हैं। घर में उन के इलावा मेरे सास ससुर भी रहते हैं। हम एक गांव में रहते हैं और जमीनदारी भी करते हैं। हम ने एक गाए और एक घोडी़ पाल रखी है जिन की देखभाल मेरे ससुर करते हैं हमारा घर एक पहाड़ी पर है और पास ही एक दरया बहता है जहां हम नहाने या कपड़े धोने जाते हैं। Mujhe Ghodi Bana Devar Khud Ghoda Ban Gaya.

पिछले साल गरमी के मोसम में एक दिन दोपहर को मैने बच्चों को खाना खिलाया और उन्हें दादा दादी के पास सुला दिया। मुझे बहुत गरमी लग रही थी और कुछ कपड़े भी धोने वाले थे। मैने बालटी में कपड़े डाले और अपनी सासु को बता कर दरया के किनारे पेडो़ की छांव में कपड़े धोने लगी तभी मैने दूर तक देखा भरी दोपहर मे कोई भी नजर नहीं आ रहा कयोंकि सभी लोग दोपहर को आराम कर रहे थे।

मै निश्चिंत हो कर कपड़े धोने लगी। मैंने सभी कपड़े सुखाने के लिए धूप मे पत्थरों पर डाल दिए और अपनी सलवार और कुर्ता खोल कर उन्हें भी धोने लगी। अब मै सिर्फ एक सफेद रंग की लम्बी सलीवलैस बनियान मे थी। मैने पैंटी और बरा भी नहीं पहने थे कयोंकि गांव में औरतें यह कम ही पहनी हैं। मुझे गरमी भी बहुत लग रही थी तो मैने गहरे पानी मे घुस कर अपने आप को थोड़ा ठंडा किया और बाहर आ कर अपने सलवार और कुर्ता धोने लगी।

तभी मैने देखा हमारी घोडी़ दौड़ती हुई आई और पानी पीने लगी। तभी मैने देखा उस के पीछे एक सफेद रंग का घोड़ा भी दौड़ता हुआ आ गया और घोडी़ की चूत को चाटने लगा घोडी़ ने दूम उठा कर पैशाव कर दिया और घोड़ा उसे सू़घने लगा। इतने मे घोडे़ ने अपना पूरा ल़ंड बाहर निकाल दिया और घोडी़ के ऊपर चड़ गया और धक्के लगाने लगा।

पर उसका लंड घोडी़ की चूत मे नहीं घुस सका और थोड़ी देर बाद वो नीचे उतर गया और उसके पीछे खड़ा हो गया। इतने मे मैने देखा हमारे गांव का लड़का वीरू जिस की उमर कोई बीस साल होगी वह भी यहां पर दौड़ता हुआ आ गया और हांफता हुआ कहने लगा कि भाभी इस घोड़े ने तो मुझे आज बहुत धका दिया है मै इसे पकड़ना चाहता हूं पर यह आपकी घोडी़ के पीछे भाग रहा है।

मुझे यह सुन कर शरम आ रही थी कयोंकि मेरी गोरी गीली टांगें बिल्कुल नंगी थीं और मेरी सफेद और गीली बनियान मे से मेरे मम्मे और उनके काले निपल साफ दिख रहे थे। इतने मे घोड़ा दोबारा घोडी़ के ऊपर चड़ गया और धक्के लगाने लगा और उस का लंड घोडी़ की पीठ पर ही घिसता रहा। वीरू भी यह देख रहा था और मैने देखा उस का लंड लुंगी मे खड़ा हो गया था।

यह सब देख कर मेरी चूत भी गरम होने लगी। तब वीरू बोला देखो भाभी इसका घोडी़ से मिलन हो ही नहीं रहा है और यह भूखा प्यासा सुवह से इस धूप और गरमी मे इसके पीछे भाग रहा है। इतने मे मैने शरमाते हुए कहा कि मै कया कर सकती हू? तो उसने कहा कि आप यह रस्सी लो और अपनी घोडी़ को पकड़ कर इस पेड़ के साथ छाया मे बांध दो फिर घोडे़ का पकड़ कर घोडी़ मे डालना पड़ेगा।

मैने शरमाते हुए कहा कि मै आदी नंगी तेरे सामने कैसे जाऊं मुझे शरम आ रही है. तो वीरू ने कहा भाभी मैने तो तुम्हारा सबकुछ देख लिया है और कहा मैने तो तुम्हारी चूत के बाल भी देख लिए हैं अब कया शरमाना। वीरू की यह बात सुन कर मुझे शरम आने लगी और मेरी चूत भी गीली होने लगी। मैंने वीरू की बात मान कर उससे रस्सी लेने के लिए उठी तो मेरी गीली बनियान काफी ऊपर तक उठी हुई थी.

मैने अपनी गीली बनियान को नीचे खींच कर अपनी चूत और मोटी गांड को ढक लिया और वीरू से रस्सी ली. और उसे कहा मैं घोडी़ को बांध देती हूं तब तक तुम भी ठंडे पानी मे नहा कर अपना दिमाग ठंडा कर लो। मेरी बात सुन कर वीरू ने अपनी लुंगी खोल दी और पतले से असमानी रंग के कपड़े के कछे मे गहरे पानी मे नहाने लगा। मैने अपनी घोडी़ को पकड़ कर रस्सी से पास के एक पेड़ से बांद दिया।

इतने मे वीरू भी पानी मे से निकल कर वहाँ आ गया। मै घोडी़ को बांध कर जाने तो मेरी नजर वीरू के गीले कछे पर पड़ी तो देखा उस का लंड ढीला ही काफी लम्बा नजर आ रहा था। मैने शरम से अपनी नजर झुका ली. पर मेरी चूत मे पानी आ गया और मुझे गरमी लगने लगी और मै दौड़ कर गहरे पानी मे चली गई और अपनी चूत पे हाथ फेरती हुई घोडी़ की तरफ देखने लगी.

तभी घोडी़ ने पैशाव कर दिया और घोड़ा उसे सू़घने लगा और उस का लंड बाहर निकलने लगा तो वीरू ने पकारा भाभी जल्दी आ जाओ। मै पानी से बाहर आ गयी और अपनी गीली बनियान को नीचे खींचती हुई उस के पास चली गई. पर मेरी गीली बनियान मेरी चूत से चिपक गयी थी और चूत के बाल साफ़ नजर आ रहे थे. फिर भी मै वीरू के पास जा कर बोली क्या हुआ तो उसने कहा कि अब यह घोड़ा घोडी़ के ऊपर चढ़ने वाला है.

और अब इसका वो तो मैने कहा क्या? तो वह मेरी ओर देख कर बोला इसका वो लंड पकड़ कर सिर्फ एक बार घोडी़ की चूत मे डालना पड़ेगा फिर अगली बार यह खुद डाल लेगा। मैने कहा कि मुझे क्या करना होगा. तो वीरू बोला कि जब घोड़ा चढ़ने लगे तुम्हें घोडी़ की दूम उठा कर एक तरफ करके थामनी होगी और मै घोडे़ का लंड पकड़ कर घोडी़ की चूत मे डाल दूंगा। मै शरमाते हुए उसकी बात मान गयी।

इतने मे घोड़ा घोडी़ के ऊपर चढ़ने लगा उस का लंड अकड़ गया था यह देख कर मेरी चूत गरम हो गई. पर मैने झट से घोडी़ की दूम पकड़ ली इतने मे घोडे़ का लंड मेरे हाथ को रगड़ता हुआ घोडी़ की पीठ पर पहुंच गया. इतने मे वीरू झट से मेरे पीछे आ गया और घोडे़ के लंड को पीछे खींचने लगा पर घोड़ा आगे को धक्के लगा रहा था. वीरू ने बड़ी मुश्किल से घोडे़ का लंड पकड़ कर पीछे खींचा और घोडी़ की चूत पर रखा तो घोडे़ का लंड चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा।

एक तो मै यह सब देख कर पहले से ही बहुत गरम हो चुकी थी और दूसरा वीरू का खड़ा लंड जो मेरी गीली गांड को चुभ रहा था. कयोंकि आपना मेरे पीछे खड़ा हो कर ही घोडे़ का लंड पकड़ कर घोडी़ की चूत मे डाल रहा था. और इसी कारण उसे मेरे साथ उसे मेरे पीछे मुझ से सट कर खड़ा होना पड़ा था तभी से उस का लंड मेरी गांड मे चुभ रहा था। “Mujhe Ghodi Bana Devar”

जब घोडे़ का लंड घोडी़ की चूत मे जाने लगा तो वीरू ने अपने हाथ से लंड छोड़ दिया और पीछे हटने लगा. तो मैने उस का हाथ पकड़ लिया और अपने एक मम्मे पर रख दिया और आपने एक हाथ से वीरू के लंड को जोर से पकड़ लिया. जो अभी तक कछे मे था पर मुझे बहुत ही मोटा लग रहा था। मैने उसे कछे की एक साईड मे से बाहर निकाला और अपनी गीली चूत पर रख दिया.

और अपनी टांगें चौड़ी कर के लंड अपनी चूत मे डालने तो वीरू ने भी मेरी मदद की. और अपना लंड मेरी चूत मे घुसाने लगा ही था. कि उस ने मुझे कहा कि अब घोडे़ के पीछे चलो और उसे पीछे से जोर से दबा खर रखो. ताकि उस का लंड घोडी़ की चूत मे ही सारा माल निकाल दे इस से तुम्हारी घोडी़ को गर्व भी ठहर जाएगा और वह शांत भी हो जाएगी। वीरू ने मेरे दोनों मम्मे पकड़े और घोडे़ के पीछे ले गया।

घोडे़ का पूरा ल़ंड घोडी़ की चूत मे था और हम दोनों ने घोडे़ को पीछे से दबाए रखा घोड़ा अब अपना लंड बाहर निकालना चाहता था पर हम ने उसे निकालने नहीं दिया। आखिर घोडी़ ही थोड़ी आगे को गयी तो घोडे़ का मुरझाया हुआ लंड बाहर निकल गया। फिर हम ने भी अपने हाथों से दवाना छोड़ दिया और पीछे हटने लगे. तब वीरू ने पीछे से अपने हाथ बढ़ा कर मेरे दोनों मम्मे फिर पकड़ लिये और मेरे साथ चिपक गया.

और अपना तना हुआ लंड कछे की एक साईड से निकाल कर मेरी चूत मे घुसाने लगा पर मैने मना कर दिया और कहा कि यहां हमे किसी ने देख लिया तो। तो वीरू ने कहा कि यहां पर छुपने की कोई जगह भी नहीं है तो हम कहां करें। तब मैने कहा चल दरया के गहरे पानी मे कर कर करते हैं तो मेरी बात सुन कर वीरू बहुत खुश हुआ. और मेरे पीछे गहरे दरिया में उतर गया.

यहां पानी हमारी छाती तक गहरा था वहाँ पर हम दोनों रुक गये और एक दूसरे को गले से लगा लिया और किस करने लगे। मेरा चूत मरवाने का बड़ा मन कर रहा था मैने वीरू का कछा खोल कर उसका लंड हाथ मे पकड़ लिया जो बहुत ही सख्त हो चुका था और काफी लम्बा और मोटा था। मैने अपनी गीली बनियान ऊपर उठा कर अपने मम्मे नंगे कर दिये और वीरू की गरदन को एक हाथ से पकड़ लिया. “Mujhe Ghodi Bana Devar”

और अपनी टांगें वीरू की कमर से लिपेट कर दूसरे हाथ से उस का लंड अपनी चूत पे रख कर अंदर घुसाने लगी। तभी वीरू ने अपने हाथों से मेरी चौड़ी गांड को पकड़ कर जोर से धक्काा लगाया तो उस का मोटा लंड आधा मेरी गीली चूत मे चला गया मुझे बहुत अछा लगने लगा. तो मैने कहा मेरी चूत मे बहुत खुजली हो रही है जल्दी से पूरा लंड मेरी चूत मे घुसा दे।

मेरी बात सुन कर वीरू ने दूसरे झटके मे आफना पूरा ल़ंड मेरी चूत मे डाल दिया. और मेरी गांड पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा मुझे बहुत मजा आने लगा और मेरी चूत झड़ गयी. और मै थक गयी पर वीरू धक्के पे धक्का लगा रहा था. सेउस वीरू से कहा तू अपना लंड बाहर निकाल और थोड़े पानी मे चल अब मुझे घोडी़ बना कर चोद ले तो वीरू ने कहा मै भी यही सोच रहा था.

उसने मेरी चूत मे से अपना तना हुआ लंड बाहर निकाल दिया और मेरी गांड पे अपना हाथ फेरने लगा. मैने वीरू का खड़ा लंड अपने हाथ मे पकड़ा स और कम पानी मे रेत पर बैठ कर वीरू का लंड चूसने लगी. और वीरू बोल पड़ा भाभी उधर देखो घोडे़ ने फिर से अपना लंड बाहर निकाल लिया है। जब मैने देखा तो मेरी चूत फिर से गरम होने लगी।

मैने वीरू से कहा तुम्हारे घोडे़ का लंड कितना सुंदर है तो उसने कहा कि क्या उस से चुदवाना चाहती हो. तो मैने कहा जब वह घोडी़ के ऊपर चढ़ने लगा था तो मै बहुत चुदासी हो गई थी मेरा दिल कर रहा था कि मै इसका लंड अपनी चूत मे लेलूं पर इतना बड़ा लंड मेरी चूत मे नहीं जा सकता। इतने मे घोड़ा घोडी़ के ऊपर चढ़ने लगा तो मै भी घोडी़ बन गयी और वीरू से कहा अब तूभी घोड़ा बन कर मेरी चूत फाड़ दे. “Mujhe Ghodi Bana Devar”

उधर घोडे़ ने अपना लंड घोडी़ की चूत मे डालना शुरू किया इधर वीरू ने भी मेरी चूत मे अपना लंड डाल दिया और दोनों धक्के लगाने लगे। मै बहुत ही गरम गयी और आह आह करने लगी और कहने लगी शाबाश वीरू और जोर से चोद मुझे बड़ा मजा आ रहा है. और जोर से धक्के लगा फाड़ दे मेरी चूत मेरी प्यास भुजा दे बहुत दिनो से चूत मे खुजली हो रही थी.

आज मिटा दे आपने मोटे लौड़े से हाए मेरी चूत हाए मेरी फुदी हाए फाड़ दे मेरी हिए। और मै दोबारा झड़ गयी। फिर वीरू ने भी आठ दस धक्के और लगाए और मेरी चूत मे ही झड़ गया। फिर दोनों नहाए और घोडी़ को खौल कर अपने घर को बापस आ गये हैं.

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