Mummy Ne Petticoat Ke Andar Mera Hath Dal Liya

Hindi Sex Story मेरा नाम संदीप है और मैंने अपनी माँ को कैसे चोदा? इस स्टोरी में लिख रहा हूँ. मेरी माँ 40 साल की गोरी और सेक्सी लंबी औरत है. में इंटर में पढता था, जब मेरी उम्र 18 साल के आसपास थी, जब में सेक्स के बारे में ज्यादा नहीं जानता था, लेकिन हाँ मैंने 2-3 बार ब्लू फिल्म देखी थी. Mummy Ne Petticoat Ke Andar Mera Hath Dal Liya.

एक दिन मेरे पापा दिल्ली गये, तो अब घर में माँ और में अकेले रह
गये. उन दिनों टीवी पर देर रात को हॉट फिल्में दिखाई जा रही थी. दोस्तों यह ऐसी एक
रात की कहानी है, तब ठंड का महीना था. अब में और माँ दोनों बैठकर फिल्म देख रहे थे.
अब में माँ के आगे बैठा हुआ था और माँ मेरे पीछे बैठी थी, अब हम लोग रज़ाई के
अंदर थे.

फिर जब फिल्म में गर्म सीन आने लगा तो हम दोनों गर्म हो चुके थे. फिर अचानक से मेरा हाथ माँ की टांगो को छूने लगा और फिर में अपने एक हाथ को धीरे-धीरे माँ के पेटीकोट के अंदर सरकाने लगा. फिर अब मेरी माँ भी मुझे सहयोग कर रही थी और फिर धीरे-धीरे मेरा हाथ माँ की चूत के पास तक चला गया. अब माँ की चूत के बाहर बड़ी-बड़ी झांटे थी.

फिर जब मेरा हाथ माँ की झांटो वाली चूत के पास गया, तो माँ ने अपने
दोनों पैरों को फैला लिया. अब मेरे साथ ये पहली बार हो रहा था और अब मैंने मेरा 7 इंच का लंड माँ की
चूत में पूरा घुसा दिया था. माँ की चूत टाईट थी और फिर मैंने कस-कसकर अपनी माँ की
चूत को अपने लंड से पेलना शुरू किया. अब माँ की चूचीयों से अपने आप दूध निकलने लगा
था, तो में माँ की चूचीयों का दूध पीते हुए माँ की चूत को पेल रहा था.

अब माँ को बहुत मज़ा आ रहा था और वो मुझे जोश दिला रही थी कि पेलो संदीप, मेरे सैयां, चोदो मेरे बलम, फाड़ दो मेरी चूत
को संदीप, आहहहह बेटा. अब में अपने होंठो को माँ के होंठो से सटाकर उनके
होंठो को चूसते हुए माँ की चूत को पेल रहा था.

अब माँ भी नीचे से अपनी गांड को उछाल-उछालकर मेरे लंड से अपनी चूत
को चुदवा रही थी. अब मेरा लंड माँ की चूत को खूब अच्छी तरह से चोद रहा था. अब बंद
कमरे में हम दोनों के अलावा कोई नहीं था. अब माँ खूब मस्ती में चिल्लाकर अपनी चूत
को चुदवा रही थी. फिर लगभग 30 मिनट के बाद माँ की चूत झड़ गयी, लेकिन मेरा लंड अभी भी तैयार था.

फिर मैंने माँ से कहा कि माँ अब में क्या करूँ? तो अचानक से मुझे ब्लू फिल्म का सीन याद आया, तो मैंने माँ से कहा कि माँ में तुम्हारी गांड में अपना लंड पेल दूँ, माँ की गांड बड़ी और फूली हुई थी. फिर माँ बोली कि मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है बेटा.

फिर मैंने किसी तरह से उन्हें समझाकर राज़ी किया और माँ को उल्टा
करके डॉगी स्टाइल में लेटा दिया और फिर उनके पीछे आकर माँ के दोनों चूतड़ को फैलाकर
उनकी गांड के छेद को देखने लगा. माँ की गांड का छेद काफ़ी सिकुड़ा हुआ और कूल्हें
उभरे हुए थे.

माँ की गांड एकदम गोरे कलर की थी और अब में उनकी गांड के छेद को
देखकर ललचा गया था और माँ की गांड को अपनी जीभ से चाटने लगा था. अब माँ भी मेरा
सहयोग करने लगी थी और अब वो अपने हाथों से अपनी गांड को चीरकर अपनी गांड को फैलाकर
चटवा रही थी.

फिर मैंने माँ की गांड में खूब अंदर तक वैसलीन लगाई और अपने लंड पर
भी लगाई और फिर अपने लंड को पकड़कर माँ की गांड में पेलना शुरू किया. माँ थोड़ी
कसमसाई, लेकिन वो भी गांड मरवाने के लिए तैयार थी. फिर मैंने माँ की गांड
के छेद में अपने लंड को ज़ोर से दबाकर घुसाया तो मेरे लंड का सुपाड़ा वैसलीन की
चिकनाई से अंदर तक घुस गया. फिर माँ जोर से चिल्लाई कि संदीप मेरी गांड फट जाएगी, बाहर निकाल लेना.

फिर में बोला कि माँ कुछ नहीं होगा और इतना कहने के बाद मैंने ज़ोर
से धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड माँ की गांड को फाड़कर अंदर तक घुस गया और फिर में
धीरे-धीरे अपनी सगी माँ की गांड को मारने लगा. अब माँ की कसी गांड में मेरा लंड
फँसकर जा रहा था. अब धीरे-धीरे माँ को भी मज़ा आने लगा था और वो भी अपनी गांड को
मरवाने में मदद करने लगी थी.

अब में माँ की गांड को कस-कसकर मार रहा था, तो माँ चिल्ला-चिल्लाकर बोल रही थी कि संदीप और कस कर गांड मारो, फाड़ दो संदीप और पेलो सैयां, आश ओह, उफ आउच पेलो संदीप अपनी माँ की गांड को, चोदो मेरी चूत को संदीप, अपने मोटे लंड से अपनी माँ की गांड को मारो संदीप और कसकर मारो बेटा, आह उह. अब में अपनी माँ की गांड को अपने मोटे लंड से पेल रहा था और माँ की टाईट गांड को ढीला कर रहा था.

फिर में बोला कि माँ मेरी जान तुम्हारी गांड मारने में कितना मज़ा
आ रहा है? कितने बड़े चूतड़ है तुम्हारे? पापा से गांड भी मरवाती हो क्या? तो माँ बोली कि
नहीं संदीप, तुम्हारे पापा तो बस मेरी चूत चोदते है, में पहली बार गांड
मरवा रही हूँ और वो भी अपने बेटे से, मेरे बलम और मारो, कसकर फाड़ दो अपनी
माँ की गांड को मेरे संदीप. अब में भी उनकी बातों को सुनकर और कसकर उछल-उछलकर गांड
मार रहा था.

अब मेरा लंड झड़ने वाला था तो मैंने झट से माँ की गांड से अपना लंड
बाहर निकाला और माँ के मुँह में डाला और उनके मुँह में ही झड़ गया. फिर माँ मेरे
लंड का पूरा रस पी गई. अब में भी उत्तेजित होकर माँ की गांड को चाटने लगा था और
उनकी चूत के छेद को खोज रहा था, लेकिन बिस्तर पर बैठने की वजह से मेरे हाथ की उंगलियाँ माँ की चूत
के छेद को खोज नहीं पा रही थी.

फिर रात में 1 बजे फिल्म ख़त्म हो गई और में अपने कमरे में ना जाकर माँ के कमरे में ही नीचे ज़मीन पर बिस्तर लगाकर सो गया. अब रात में ना मुझे नींद आ रही थी और ना माँ को नींद आ रही थी. “Mummy Ne Petticoat Ke”

फिर लगभग 1 घंटा बीतने के बाद मैंने माँ की तरफ देखा तो माँ बोली कि ठंड लग रही हो तो आ मेरे बिस्तर पर आ जाओ, तो में तुरंत माँ के बगल में जाकर रज़ाई के अंदर लेट गया. अब माँ ने अपनी साड़ी, पेटीकोट को ऊपर करके नीचे से अपनी टांगो को नंगी कर रखा था.

अब मेरी टांगे माँ की नंगी टांगो को टच कर रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ नीचे किया तो मेरा हाथ सीधा माँ की चूत पर टच करने लगा. अब में माँ की चूत को सहलाने लगा था, तो मेरी माँ उत्तेजित हो गई और मेरे लंड को कसकर पकड़कर सहलाने लगी. “Mummy Ne Petticoat Ke”

अब में माँ की चूत में अपनी उंगली पेलकर अंदर बाहर कर रहा था, तो अब माँ की चूत
से पानी निकलने लगा था. अब में माँ को चूम रहा था तो मैंने माँ के कान में कहा कि
मेरे ऊपर वाले कमरे में आओ. फिर में अपने कमरे में आकर माँ का इंतजार करने लगा तो
माँ मेरे लंड की प्यास में 10 मिनट के बाद ऊपर आई, तो मैंने माँ के आते ही माँ को नंगा
कर दिया.

फिर माँ ने पूछा कि कभी किसी की चूत को चोदा है बेटा? तो मैंने कहा कि
नहीं, लेकिन टी.वी पर चोदना देखा है.

फिर में माँ के होंठो को चूसने लगा तो माँ मेरे लंड को सहलाने लगी.
फिर में माँ के ऊपर उल्टा होकर लेट गया और अब माँ की झाटों वाली चूत मेरे होंठो को
टच कर रही थी. अब मेरा लंड माँ के होंठो को टच कर रहा था. फिर में अपने हाथों से
माँ की झांटो वाली चूत को चीरकर अपने होंठो से माँ की चूत को चाटने लगा, माँ की चूत फूली
हुई, गोरी और मुलायम थी.

अब माँ मेरे लंड को चूसने लगी थी और अब में अपनी जीभ को माँ की चूत में अंदर डालकर माँ की चूत के रस को पीने लगा था. अब अचानक से मेरे लंड का पानी गिरने वाला था तो मैंने माँ के मुँह के अंदर ही अपने लंड को घुसेड़कर अपने लंड का सारा रस गिरा दिया, तो माँ ना चाहते हुए भी मेरे लंड का पूरा रस पी गई.

फिर इसके बाद में उठा और माँ के मुँह में अपना लंड डालकर चुसाने लगा, तो अब मेरा लंड माँ की चूत को फाड़ने के लिए तैयार था. फिर में माँ की टांगो को फैलाकर उनके ऊपर लेट गया तो अब मेरा लंड माँ की चूत को टच कर रहा था. आज में उसी चूत को पेलने जा रहा था, जहाँ से मेरा जन्म हुआ था. फिर माँ ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत में डाला और थोड़ी देर बाद झड़ गई और उसके थोड़ी देर के बाद मेरा भी झड़ गया और फिर में सो गया.

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