साध्वी की हवस का ओवरडोज़ चढ़ा
साध्वी का रतिसुख मे एक छोटे से गांव मे रहता हू। एक दिन वहा एक टोली आई, बाबाओ की टोली, इसमे एक बडी खुबसूरत औरत थी, केसरी रन्ग की सारी मे उसका गोरा गुलाबी बदन महक ऊठता था। वो रात को सत्संग करती ओर भजन गाती, उसकी कोयल जैसी आवाज से सब पागल हो उठते। … Read more