मौलवी साहब की हवस पूरी हो गई
मेरा नाम बाबर हे मे एक मौलवी हु मेरा निकाह नहीं हुआ था मे जिस मस्जिद का मोलबी था उस मै सब लोग ओरत नवाज पड़ने आते थे एक दिन में रुकसान को देखा तो मै उस देख का ही रहे गाया था बो बहुत ज्यादा खूब सूरत नज़र आ रही थी मे मन ही … Read more